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मुख्यमंत्री सुशासन फेलोशिप : छत्तीसगढ़ सरकार की सुशासन की दिशा में अभिनव पहल, मुख्यमंत्री सुशासन फेलोशिप के लिए 23 अप्रैल से कर सकते हैं आवेदन

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में सुशासन को बढ़ावा देने के लिए लगातार नवाचार और प्रभावी नीतियों पर जोर दे रही है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री गुड गवर्नेंस फेलो योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना का उद्देश्य राज्य के प्रतिभाशाली युवाओं को गवर्नेंस के क्षेत्र में उच्च गुणवत्ता की शिक्षा एवं व्यावहारिक अनुभव प्रदान कर एक दक्ष एवं उत्तरदायी प्रशासनिक पीढ़ी तैयार करना है। योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ सरकार भारतीय प्रबंधन संस्थान रायपुर के साथ मिलकर पब्लिक पॉलिसी एंड गवर्नेंस में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम संचालित करेगी। फेलो को शासन के विभिन्न विभागों में प्रायोगिक प्रशिक्षण का अवसर भी मिलेगा।

मुख्यमंत्री सुशासन फेलोशिप छत्तीसगढ़ सरकार की प्रमुख पहल है जिसकी घोषणा नवंबर 2024 में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा की गई थी। इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवा पेशेवरों को शासन और नीति कार्यान्वयन में योगदान देना, प्रशासनिक दक्षता और प्रभाव को बढ़ाने के लिए आकर्षित करना है। इसके माध्यम से शासन की कार्यप्रणाली में दक्षता एवं पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही युवाओं को शासन, एनजीओ, थिंक टैंक एवं निजी क्षेत्र के साथ समन्वय में कार्य कर गवर्नेंस सुधार की दिशा में योगदान देने का अवसर प्राप्त होगा। आवेदक छत्तीसगढ़ राज्य का मूल निवासी, अधिकतम आयु सीमा 35 वर्ष,न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता स्नातक उत्तीर्ण होना चाहिए। बैंक खाता और आधार मोबाइल नंबर से लिंक होना चाहिए। प्रवेश के लिए कैट परीक्षा के माध्यम से चयन किया जाएगा।

छत्तीसगढ़ सरकार इस पाठ्यक्रम की संपूर्ण फीस वहन करेगी, साथ ही प्रत्येक नामांकित छात्र को प्रतिमाह 50,000 रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। प्रशिक्षण आईआईएम रायपुर परिसर में आयोजित होगा।

मुख्यमंत्री सुशासन फेलोशिप के लिए फेलो छत्तीसगढ़ सरकार के शासन-प्रशासन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। चयनित अभ्यर्थी डेटा-आधारित नीतियों के डिजाइन और मूल्यांकन में सहयोग, प्रशासनिक कुशलता के लिए सरकारी विभागों में प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित, संसाधनों का बेहतर उपयोग और ई-गवर्नेंस को सुदृढ़ करने के साथ ही जमीनी स्तर पर योजनाओं के प्रभाव का विश्लेषण कर नागरिकों की जरूरतों के अनुरूप नीतियां बनाने में मदद करेंगे।

इस फेलोशिप के माध्यम से प्रशासनिक प्रक्रियाएं अधिक कुशल और पारदर्शी होंगी, जिससे सरकारी योजनाओं का प्रभाव बढ़ेगा। यह कार्यक्रम युवा पेशेवरों को नेतृत्व की भूमिका निभाने का अवसर देगा, जिससे सुशासन की संस्कृति मजबूत होगी और नागरिकों का सरकार पर भरोसा बढ़ेगा। छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री सुशासन फेलोशिप न केवल युवाओं को उच्च स्तरीय शिक्षा और प्रशिक्षण का अवसर प्रदान करती है, बल्कि राज्य के सुशासन के लक्ष्य को साकार करने में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी। यह पहल छत्तीसगढ़ को समृद्ध, समावेशी और प्रगतिशील राज्य बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है।

छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री सुशासन फेलोशिप के तहत लोक नीति और सुशासन में दो वर्षीय एमबीए कार्यक्रम के लिए चयनित फेलो छत्तीसगढ़ सरकार के कामकाज में लोक नीति और सुशासन में विशेषज्ञता के साथ प्रशासनिक नीतियों के डिजाइन, विश्लेषण और कार्यान्वयन में सहायता करेंगे। वे डेटा-आधारित नीति निर्माण को बढ़ावा देकर योजनाओं की प्रभावशीलता को भी बेहतर बनाएंगे।

फेलोशिप धारक विभिन्न सरकारी विभागों में कार्य करते हुए प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने, संसाधनों के उपयोग को अनुकूलित करने, जवाबदेही सुनिश्चित करने में मदद करेंगे। फेलो नागरिकों की जरूरतों को समझकर योजनाओं और सेवाओं को अधिक समावेशी और सुलभ बनाने में योगदान देंगे। वे जमीनी स्तर पर योजनाओं के प्रभाव का मूल्यांकन कर सरकार को फीडबैक प्रदान करेंगे, जिससे नीतियां अधिक लक्षित और प्रभावी बनेंगी।

छत्तीसगढ़ सरकार का यह फेलोशिप कार्यक्रम सुशासन के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। चयनित अभ्यर्थी न केवल प्रशासनिक प्रक्रियाओं को मजबूत करेंगे, बल्कि राज्य के नागरिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। यह पहल छत्तीसगढ़ को एक प्रगतिशील और समावेशी राज्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री सुशासन फेलोशिप के लिए भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) रायपुर द्वारा लोक नीति और सुशासन में दो वर्षीय एमबीए कार्यक्रम के लिए 23 अप्रैल से 11 मई तक आवेदन आमंत्रित हैं। इसके लिए अभ्यर्थी के पास किसी भी विषय में स्नातक डिग्री के साथ न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक (आरक्षित वर्ग के लिए 55 प्रतिशत अंक या समतुल्य सीजीपीए) होना अनिवार्य है। इसके अतिरिक्त, वर्ष 2022, 2023, या 2024 का वैध कैट स्कोर कार्ड भी आवश्यक है। आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को छत्तीसगढ़ की आरक्षण नीति के अनुसार लाभ मिलेगा। विस्तृत जानकारी और आवेदन के लिए आईआईएम रायपुर की वेबसाइट https://iimraipur.ac.in/mba-ppg/ का अवलोकन किया जा सकता है। प्रवेश संबंधी जानकारी के लिए दूरभाष क्रमांक 0771-2474612 पर भी सम्पर्क किया जा सकता है।

सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने की भीषण गर्मी को देखते हुए स्कूलों में तत्काल ग्रीष्मकालीन अवकाश की मांग, कहा- छोटे बच्चों की सेहत और सुरक्षा सर्वोपरि

 

रायपुर-  रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने प्रदेशभर में पड़ रही भीषण गर्मी और उससे उत्पन्न संकट को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को पत्र लिखकर प्रदेश के सभी शासकीय एवं अशासकीय स्कूलों में तत्काल ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित करने की अपील की है।

श्री अग्रवाल ने अपने पत्र में लिखा है कि अप्रैल माह में ही प्रदेश का तापमान 43 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया है। सुबह 9-10 बजे से ही लू और चिलचिलाती धूप का ऐसा कहर शुरू हो जाता है कि सड़कों पर चलना मुश्किल हो गया है। तपती सड़कों और गर्म हवाओं ने जहां बुजुर्गों को परेशान कर दिया है, वहीं छोटे-छोटे मासूम बच्चे अभी भी स्कूल जाने को विवश हैं। यह स्थिति अत्यंत चिंताजनक है और उनके स्वास्थ्य एवं जीवन के लिए गंभीर खतरा बन सकती है।

सांसद श्री अग्रवाल ने कहा कि "बच्चे देश का भविष्य हैं। ऐसे संकट के समय उन्हें राहत देना हमारा नैतिक और सामाजिक कर्तव्य है।" उन्होंने याद दिलाया कि पूर्व में भी जब-जब गर्मी का प्रकोप इस तरह से बढ़ा है, तब समय से पूर्व ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित किया गया है।

श्री अग्रवाल ने मुख्यमंत्री से करबद्ध निवेदन करते हुए कहा कि प्रदेश के सभी प्राथमिक, मिडिल, हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में तत्काल अवकाश की घोषणा की जाए, ताकि बच्चों को इस प्रचंड गर्मी से राहत मिल सके।

उनका कहना है कि, जब मैं मासूम बच्चों को तपती दोपहर में स्कूल जाते देखता हूं तो मन विचलित हो उठता है। कृपया बच्चों की नन्ही मुस्कान और उनकी सेहत के लिए यह जरूरी निर्णय शीघ्र लिया जाए।"

छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण का गरमाया मुद्दा : भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष रवि भगत का बड़ा बयान, कहा- पांचवीं अनुसूचित क्षेत्र में बने चर्च तोड़े जाएं

रायपुर- छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है. भाजपा के युवा मोर्चा (भाजयुमो) के प्रदेश अध्यक्ष रवि भगत ने आदिवासी क्षेत्रों में धर्मांतरण को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने इसे जनजातीय समाज की संस्कृति खत्म करने का बड़ा षड्यंत्र बताया है. उन्होंने आरोप लगाया कि पांचवी अनुसूचित क्षेत्रों में असंवैधानिक रूप से चर्च बनाए जा रहे हैं, जो संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन है. उन्हें तोड़ने की मांग की है.

रवि भगत ने कहा कि हमारे देश के जनजातीय क्षेत्रों में जिस प्रकार से धर्मांतरण का खेल चल रहा है, वह जनजाति समाज की संस्कृति को खत्म करने का एक बहुत बड़ा षड्यंत्र है. पांचवी अनुसूचित क्षेत्रों में आदिवासी समाज के व्यक्तियों के अलावा किसी अन्य संस्था को धार्मिक केंद्र बनाने का कोई अधिकार नहीं है.

उन्होंने आगे कहा कि पांचवीं अनुसूचित क्षेत्र में जो चर्च बने हैं, वे या तो गलत हैं या असंवैधानिक हैं. मुझे लगता है कि हमारी न्यायपालिका और संवैधानिक संस्थाओं को इस पर ध्यान देना चाहिए. जहां-जहां पांचवीं अनुसूचित क्षेत्र में चर्च बने हैं, उन्हें तोड़ा जाना चाहिए, हटाया जाना चाहिए. तभी जाकर जनजातीय समाज की संस्कृति बच सकेगी. साथ ही समाज को भी इसके लिए आगे आना चाहिए कि हमारे पांचवीं अनुसूचित क्षेत्र में इस प्रकार धड़ल्ले से चर्च का निर्माण और धर्मांतरण का खेल बंद होना चाहिए.

लव, सेक्स और फिर धोखा: महिला डॉक्टर की शिकायत पर PHE विभाग के SDO के खिलाफ पुलिस ने दर्ज किया केस, आरोपी फरार

बिलासपुर- शहर के सिविल लाइन थाना क्षेत्र में एक महिला डॉक्टर से दुष्कर्म का गंभीर मामला सामने आया है। आरोप पीएचई विभाग में पदस्थ एसडीओ नमित कोसरिया पर लगा है, जो वर्तमान में जांजगीर-चांपा में पदस्थ हैं। आरोपी पर प्रेमजाल में फंसाकर शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाने और फिर धोखा देने का आरोप है।

पीड़िता ने थाने में दी गई शिकायत में बताया कि उसकी पहचान नमित कोसरिया से वर्ष 2019 में हुई थी। इसके बाद दोनों के बीच संबंध बन गए। पीड़िता का आरोप है कि शादी का झांसा देकर आरोपी ने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। साल 2023 में पीड़िता गर्भवती हो गई, लेकिन जब उसने शादी का दबाव बनाया तो आरोपी ने समय मांगते हुए गर्भपात करा दिया।

इसके बाद आरोपी ने अपने परिवार की रजामंदी का हवाला देते हुए शादी की बात को टालता रहा। इसी दौरान पीड़िता को पता चला कि नमित किसी दूसरी युवती से शादी की तैयारी कर रहा है। खुद को ठगा महसूस करते हुए पीड़िता ने सिविल लाइन थाने में लिखित शिकायत दी, जिसके आधार पर पुलिस ने दुष्कर्म का केस दर्ज कर लिया है।

फिलहाल आरोपी एसडीओ नमित कोसरिया फरार बताया जा रहा है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और आरोपी की तलाश में जुट गई है। यह मामला एक बार फिर से सरकारी पदों पर बैठे अधिकारियों की जवाबदेही और नैतिकता पर सवाल खड़ा करता है। पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए पुलिस पर त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई का दबाव बढ़ गया है।

UPSC रिजल्ट 2024 : बिलासपुर की पूर्वा को मिला 65वां रैंक, मुंगेली के अर्पण, बस्तर की मानसी और अंबिकापुर के केशव ने भी मारी बाजी


रायपुर- UPSC ने सिविल सेवा परीक्षा 2024 का फाइनल रिजल्ट घोषित कर दिया है. बिलासपुर की रहने वाली पूर्वा अग्रवाल को 65वां रैंक मिला है. मुंगेली के अर्पण चोपड़ा ने 313वां रैंक हासिल किया है. वहीं बस्तर के जगदलपुर की मानसी जैन ने 444वीं रैंक और अंबिकापुर के केशव गर्ग ने 496वीं रैंक हासिल किया है. परीक्षार्थी अपना रिजल्ट आयोग की आधिकारिक वेबसाइट upsc.gov.in पर जाकर देख सकते हैं.

पूर्वा अग्रवाल

पूर्वा अग्रवाल को दो बार मिल चुकी सफलता

बिलासपुर की रहने वाली पूर्वा अग्रवाल ने इस बार 65वीं रैंक हासिल की है. इससे पहले UPSC CSE 2023 में वे IPS चयनित हुई थी, उन्हें छत्तीसगढ़ कैडर मिला था. तब उन्हें 2023 में 189वीं रैंक मिली थी. लगातार दो बार सफलता प्राप्त करना पूर्वा की मेहनत और समर्पण को दर्शाता है.

अर्पण चोपड़ा


कांग्रेस पार्षद का भाई है अर्पण चोपड़ामुंगेली के अर्पण चोपड़ा ने UPSC 2024 के फाइनल रिजल्ट में 313वां रैंक हासिल किया है. अर्पण चोपड़ा मुंगेली नगर पालिका के कांग्रेस पार्षद अभय चोपड़ा के भाई हैं. फिलहाल वो दिल्ली में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं.

मानसी जैन

दूसरी बार में मानसी जैन को मिली सफलता


जगदलपुर के निर्मल विद्यालय से पढ़ी मानसी जैन ने यूपीएससी क्रैक की है. उन्होंने 444वीं रैंक हासिल कर अपने जिले और पूरे छत्तीसगढ़ को गौरवान्वित किया है. 2014 में वे एमटेक आईआईटी धनबाद से की, जिसके बाद वे दिल्ली के जीतो संस्था में यूपीएससी की कोचिंग ली. मानसी पिछले साल भी यूपीएससी क्रैक कर चुकी थी, लेकिन यूपीएससी के इंटरव्यू में वे सफल नहीं हुई थी. दूसरे अटेम्ट में वे सफलता हासिल की है. उनके पिता मुकेश कुमार जैन, माता कीर्ति जैन समेत पूरे परिवार ने मानसी की सफलता पर खुशी जाहिर की है. बता दें कि मानसी बचपन से ही जगदलपुर के विजय वार्ड में रही है. उनके पिता मुकेश जैन शिक्षक हैं. वे प्रधान अध्यापक के पद पर जगदलपुर विकासखंड में पदस्थ हैं.


सीमित संसाधनों में भी पा सकते हैं सफलता : केशव गर्ग

सरगुजा संभाग के अंबिकापुर में पढ़ाई कर चुके नालंदा के छात्र केशव गर्ग ने 496वीं रैंक हासिल किया है. उन्होंने बताया कि सीमित संसाधनों में रहकर भी मजबूत रणनीति से UPSC जैसी कठिन परीक्षा को पास किया जा सकता है.

केशव गर्ग

UPSC 2024 Result: यूपीएससी सिविल सर्विस फाइनल रिजल्ट ऐसे करें चेक

  • यूपीएससी की आधिकारिक वेबसाइट upsc.gov.in पर जाएं.
  • नए अपडेट के लिए क्या नया है सेक्शन में देखें.
  • यूपीएससी सीएसई (आईएएस) रिजल्ट 2024 पीडीएफ यहां दिखाई देगा.
  • यूपीएससी सीएसई रिजल्ट 2024 पीडीएफ डाउनलोड करें और वांछित रोल नंबर की जांच करें.
  • यूपीएससी सीएसई रिजल्ट 2024 पीडीएफ को भविष्य के संदर्भ के लिए सेव करें.
तप रहा है छत्तीसगढ़, रायपुर सबसे गर्म, कई जिलों में लू की चेतावनी जारी

रायपुर- छत्तीसगढ़ इन दिनों भीषण गर्मी की चपेट में है. गर्मी के तेवर लगातार तीखे होते जा रहे हैं और तापमान सारे रिकॉर्ड तोड़ रहा है. प्रदेश की राजधानी रायपुर में तापमान 43.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो अब तक का सर्वाधिक तापमान है. वहीं जगदलपुर में न्यूनतम तापमान 23.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में तापमान में 1 से 2 डिग्री की और वृद्धि की संभावना जताई है.

जानिए की जिले में कितना दर्ज हुआ तापमान

छत्तीसगढ़ में 21 अप्रैल 2025 को शाम 5:30 बजे तक विभिन्न जिलों में अधिकतम तापमान दर्ज किया गया, जिसमें सबसे अधिक तापमान रायपुर में 43.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ. इसके बाद बिलासपुर में 43.4 डिग्री, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में 42.7 डिग्री, दुर्ग में 42.6 डिग्री, बेमेतरा में 42.3 डिग्री, और रायगढ़ में 42 डिग्री तापमान दर्ज किया गया.

वहीं, मुंगेली में तापमान 41.9 डिग्री, सूरजपुर और सरगुजा में 40.8 डिग्री, कोरिया में 39.7 डिग्री, कांकेर में 38.5 डिग्री, दंतेवाड़ा में 38 डिग्री और बस्तर में 37.8 डिग्री रहा. बस्तर में तापमान में 2 डिग्री की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जबकि रायगढ़ में 1.3 डिग्री की वृद्धि हुई. रायपुर में तापमान में 0.8 डिग्री, बिलासपुर में 0.4 डिग्री, और गौरेला-पेंड्रा में 0.2 डिग्री का इज़ाफा देखा गया.

लू का अलर्ट जारी

मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि अगले चार दिनों तक उत्तरी छत्तीसगढ़ के एक-दो स्थानों पर लू चल सकती है. साथ ही, 23 अप्रैल से 25 अप्रैल तक मध्य छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में भीषण गर्म हवाएं चलने की संभावना है.

इन जिलों में जारी की गई है हीटवेव की चेतावनी

अगले 24 घंटों के लिए प्रदेश के कोरिया, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, बिलासपुर, रायगढ़, सारंगढ़-बिलाईगढ़, सकती, जांजगीर-चाम्पा, रायपुर, बलौदाबाजार और बेमेतरा जिलों में एक-दो स्थानों पर लू की स्थिति उत्पन्न हो सकती है.

वहीं अगले 48 घंटों के लिए बिलासपुर, कोरबा, रायपुर, बलौदाबाजार, मुंगेली, दुर्ग, बालोद, बेमेतरा, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, राजनांदगांव, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी और कांकेर जिलों में भी लू चलने की संभावना जताई गई है.

हल्की बारिश से भी नहीं मिली राहत

हालांकि कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा हुई है, लेकिन वह गर्मी से राहत दिलाने में असफल रही. भानपुरी में 2 सेमी और तोकापाल में 1 सेमी बारिश दर्ज की गई.

बस्तर संभाग में 201 करोड़ का बिजली बिल बकाया: CSEB ने शुरू की कनेक्शन काटने की कार्रवाई

जगदलपुर- बस्तर संभाग में बिजली विभाग (CSEB) के सामने भारी बकाया राशि एक बड़ी चुनौती बनकर उभरी है। संभाग के शासकीय और निजी संस्थानों पर कुल 201 करोड़ रुपये का बिजली बिल बकाया है, जिसे अब तक जमा नहीं किया गया है। इसको लेकर बिजली विभाग ने अब सख्त रुख अपनाते हुए चरणबद्ध तरीके से डिफॉल्टर उपभोक्ताओं के कनेक्शन काटने की कार्रवाई शुरू कर दी है।

शासकीय विभागों पर सबसे ज्यादा 140 करोड़ रुपये है बकाया

सीएसईबी के अधिकारी सहदेव ठाकुर ने जानकारी देते हुए बताया कि बकायादारों को समय-समय पर नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन भुगतान की प्रक्रिया बेहद धीमी रही। आंकड़ों के मुताबिक, शासकीय विभागों पर सबसे ज्यादा 140 करोड़ रुपये, जबकि निजी संस्थानों पर 61 करोड़ रुपये का बिल बाकी है।

शासकीय विभागों की ओर से यह दलील दी जा रही है कि उन्हें बजट की स्वीकृति मार्च के बाद ही मिलती है, इसलिए समय पर भुगतान नहीं हो पा रहा। हालांकि, शासन स्तर से सभी विभागों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे तत्काल बिजली बिलों का भुगतान सुनिश्चित करें। कई विभागों को अंतिम चेतावनी भी दी जा चुकी है।

दूसरी ओर, निजी संस्थानों की बात करें तो इनमें प्राइवेट स्कूल, अस्पताल, फैक्ट्रियां और अन्य व्यावसायिक इकाइयां शामिल हैं, जिन पर भी बड़ी मात्रा में बिजली बिल बकाया है। विभाग का स्पष्ट कहना है कि अब किसी को भी ढील नहीं दी जाएगी, चाहे सरकारी संस्था हो या निजी, यदि समय पर भुगतान नहीं किया गया तो बिजली आपूर्ति काट दी जाएगी।

विभाग की इस सख्त कार्रवाई का असर आने वाले दिनों में बस्तर संभाग की सरकारी और निजी सेवाओं पर साफ नजर आ सकता है।


लंबी छुट्टी पर जा रही हैं आबकारी सचिव आर शंगीता, आईएएस मुकेश बंसल को मिली अतिरिक्त जिम्मेदारी…

रायपुर- आबकारी सचिव आर. शंगीता चार महीने की लंबी छुट्टी पर जा रही हैं. उनकी अनुपस्थिति में आबकारी सचिव का अतिरिक्त प्रभार आईएएस मुकेश बंसल को सौंपा गया है. वहीं श्याम धावड़े आबकारी आयुक्त का कार्यभार संभालेंगे. 

लंबी छुट्टी पर जाने से पहले आर. शंगीता ने आज दोपहर नया रायपुर स्थित जीएसटी भवन के सभागार में बुलाई, जिसमें सभी शराब कंपनियों के प्रतिनिधि और आबकारी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. बैठक में आबकारी से जुड़ी नीतियों, लंबित मुद्दों और आगे की रणनीतियों पर चर्चा की गई. माना जा रहा है कि संगीता ने अपनी छुट्टी से पहले विभाग को जरूरी दिशा-निर्देश देने के उद्देश्य से यह बैठक बुलाई थी.

पोते को बचाने तेंदुए से भिड़ गया दादी जी, जानिए फिर क्या हुआ

छुरा- छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में एक दादा अपने चार के पोते को बचाने के लिए तेंदुए से भीड़ गए और उसके जबड़े से बच्चे को छुड़ा लिया. घटना में मासूम बच्चे को गले में चोट आई है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र छुरा में बच्चे का इलाज जारी है. पूरी घटना छुरा विकासखंड के ग्राम कोठीगांव की है.

सोमवार के शाम करीब 7 बजे दर्शन नेताम का बेटा (चार साल) प्रदीप नेताम अपने घर के आंगन में खेल रहा था. इस बीच एक जंगली तेंदुआ ने अचानक बच्चे पर हमला कर दिया और जबड़े में दबाकर जंगल की ओर भाग रहा था. घटना के दौरान घर पर सिर्फ बच्चा और उसके दादा थे. बच्चे के माता-पिता काम से वापस नहीं लौटे थे.

दादा ने ऐसे बचाई पोते की जान

तेंदुआ जैसे ही भागने लगा तो बच्चा जोर-जोर से चिखने लगा, जिसे सुनकर बच्चे के दादा पिछा करना शुरू किया. उन्होंने देखा कि तेंदुआ जंगल की तरफ जा रहा है. अपने पोते को बचाने के लिए जान पर खेलकर दादा तेंदुआ से जा भिड़ा. काफी मशक्कत के बाद दादा ने तेंदुआ के जबड़े से बच्चे को छुड़ा लिया. 

घायल बच्चे को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र छुरा लाया गया है. दादा के साहस से एक मासूम बच्चे की जान बच गई और अब इसकी क्षेत्र में खूब चर्चा हो रही है.

नेशनल हेराल्ड PC : कांग्रेस नेत्री सुप्रिया श्रीनेत ने ED की कार्रवाई का ठीकरा मोदी पर फोड़ा, बताया सरकार की प्रतिशोध की राजनीति…

रायपुर- नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी के सोनिया गांधी, राहुल गांधी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किए जाने को कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने मोदी सरकार की प्रतिरोध की राजनीति करार दिया है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह केस इसलिए किया गया है, ताकि कांग्रेस पार्टी बुलंदी से लड़े न. यह सिर्फ छवि बिगाड़ने के लिए किया गया है. बिहार के चुनाव से पहले मुद्दा भटकाने के लिए कुछ चाहिए, इसलिए यह किया जा रहा है. 

कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत नेशनल हेराल्ड मामले में रायपुर में आज प्रेस वार्ता में कहा कि ब्रिटिश हुकूमत उतना ही नेशनल हेराल्ड चिढ़ती थी, जितना मोदीजी चिढ़ते हैं. पिछले ग्यारह सालों में ईडी विपक्ष के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. महात्मा गांधी, सरदार पटेल और तब के बड़े नेता से मिली प्रेरणा से नेशनल हेराल्ड की शुरुआत हुई।

उन्होंने बताया कि एसोसिएशनट जनरल लिमिटेड (AJL) का कर्ज बढ़ता गया, और एक वक्त के बाद नेशनल हेराल्ड छापना बंद हो गया. 100 बैंक ट्रांजेक्शन और चेक के माध्यम से तब कांग्रेस ने AJL को 90 करोड़ का लोन दिया. इस लोन से कर्मचारियों को पीएफ, सैलरी और अन्य चीजों का भुगतान किए गए है.

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस पार्टी कैसे पैसा दे सकती है, यह सवाल किया जाता है. इलेक्शन कमीशन की बेंच ने 2012 में इस संबंध में फैसला दिया था. ये रूल किया था कि कांग्रेस पैसा दे सकती है. डेब्ट को इक्विटी में कन्वर्ट करना बहुत सामान्य बात है जो मोदी जी हर दिन करते होंगे. इन इक्विटी यंग इंडिया के पास AJL का कुछ नहीं गया. कम्पनीज एक्ट के तहत यंग इण्डियन एक कंपनी है ,जो नॉट फॉर प्रॉफिट (सेक्शन -25) है, यानी इससे कोई पैसे नहीं बनाया जा सकता है.

सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी, ऑस्कर फर्नांडीज, मोतीलाल वोरा यंग इंडिया के शेयर होल्डर हुए. यंग इंडिया ने AJL पर कोई कब्जा नहीं किया, ये AJL के 761 शेयर होल्डर हैं. 5 हजार करोड़ की प्रॉपर्टी का झूठ बीजेपी बोलती है, लेकिन इसी सरकार के IT ने 369 करोड़ की प्रॉपर्टी बताई है. ईडी ने इस मामले में 2015 में मोदीजी की सरकार से कहा कि ये मनी लाउंड्रिंग का केस नहीं है. एक पैसे का लेन-देन नहीं है, फिर भी ED ने मामला दर्ज कराया था.

2013 से 2020 तक सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कवायद की, बाद में उन्होंने हाई कोर्ट से स्टे ले लिया था. 2021 में सरकार ने मामले में केस दायर किया. 10 अप्रैल 2024 को ट्रिब्यूनल ने कहा कि एक साल में चार्जशीट दायर नहीं किया गया तो केस रद्द कर दिया जाएगा. आनन-फानन में 9 अप्रैल 2025 को मोदी सरकार ने चार्जशीट दायर किया।


उप मुख्यमंत्री अरुण साव पर साधा निशाना

पत्रकार वार्ता के दौरान राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कांग्रेस पार्टी को बैंक कहने पर उप मुख्यमंत्री अरुण साव पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि आशा करती हूँ राज्य के डिप्टी सीएम पढ़े लिखे हो, आर्थिक मामलों के जानकार हों, क्योंकि इलेक्शन कमीशन को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं. बता दें अरुण साव ने बयान दिया था कि राजनीतिक पार्टियां कोई बैंक नहीं हैं, जो लोन दे.

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