उत्तर प्रदेश सरकार का आम जनता को बड़ा तोहफा, अब 1000 वर्गफीट तक के प्लॉट पर मकान के लिए नक्शा पास कराना जरूरी नहीं
![]()
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने भवन निर्माण से जुड़े नियमों में आम जनता को बड़ी राहत देते हुए ऐतिहासिक बदलाव किए हैं। अब 1000 वर्गफीट तक के प्लॉट पर मकान बनाने के लिए नक्शा पास कराना अनिवार्य नहीं होगा। यह फैसला न केवल निर्माण प्रक्रिया को सरल बनाएगा, बल्कि भ्रष्टाचार और अवैध उगाही पर भी प्रभावी अंकुश लगाएगा।
मुख्यमंत्री की स्वीकृति से लागू भवन निर्माण एवं विकास उपविधि 2025 के तहत कई जटिल प्रक्रियाओं को सरल कर दिया गया है।
प्रमुख सचिव (आवास विभाग) पी. गुरु प्रसाद के अनुसार, अब 5000 वर्गफीट तक के निर्माण कार्य के लिए किसी भी प्राधिकरण की पूर्व स्वीकृति की आवश्यकता नहीं, बल्कि प्रमाणित आर्किटेक्ट द्वारा जारी किया गया प्रमाण पत्र ही पर्याप्त होगा।
छोटे प्लॉट पर भी अपार्टमेंट निर्माण को मिली मंजूरी
अब तक जहां अपार्टमेंट बनाने के लिए 2000 वर्गमीटर का प्लॉट आवश्यक होता था, वहीं अब 1000 वर्गमीटर के भूखंड पर भी अपार्टमेंट निर्माण की अनुमति दी जाएगी।
अस्पताल और कमर्शियल बिल्डिंग के लिए भूमि की न्यूनतम सीमा घटाकर 3000 वर्गमीटर कर दी गई है।
प्रोफेशनल्स को मिली बड़ी राहत
नए नियमों के तहत अब घर के 25% हिस्से में नर्सरी, क्रैच, होम-स्टे या डॉक्टर, वकील, आर्किटेक्ट और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स जैसे प्रोफेशनल्स अपने कार्यालय बिना नक्शे में विशेष उल्लेख के चला सकेंगे।
NOC प्रक्रिया में पारदर्शिता और समयबद्धता
अब नक्शा पास कराने के लिए आवश्यक अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) विभिन्न विभागों को 7 से 15 दिन की निर्धारित समय सीमा के भीतर देना होगा। समयसीमा में उत्तर न मिलने की स्थिति में NOC स्वतः मान्य हो जाएगा।
कॉमर्शियल गतिविधियों के लिए नई छूट
24 मीटर या उससे अधिक चौड़ी सड़कों पर स्थित रिहायशी क्षेत्रों में अब दुकानें और कार्यालय खोलने की अनुमति दी गई है। वहीं, कम चौड़ाई वाली सड़कों पर डॉक्टर, वकील जैसे प्रोफेशनल्स अपने कार्यालय संचालित कर सकेंगे।
ऊंची इमारतों को मिली खुली छूट
अब 45 मीटर चौड़ी सड़कों पर जितनी चाहें उतनी ऊंची इमारतें बनाने की अनुमति होगी। इसके अलावा फ्लोर एरिया रेशियो (FAR) को तीन गुना तक बढ़ाया गया है, जिससे शहरी क्षेत्र में ऊंचे भवनों के निर्माण को बढ़ावा मिलेगा।
सरकार का उद्देश्य: विकास में गति और प्रक्रिया में पारदर्शिता
इन ऐतिहासिक बदलावों से न केवल आम नागरिकों को राहत मिलेगी, बल्कि राज्य में शहरी विकास की प्रक्रिया तेज और पारदर्शी भी बनेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में लिया गया यह निर्णय ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस’ को भी नई दिशा देगा।
Apr 20 2025, 15:35