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साय कैबिनेट की बैठक 17 को, कई अहम फैसलों पर लग सकती है मुहर

रायपुर- नए वित्तीय वर्ष की साय कैबिनेट की पहली बैठक 17 अप्रैल को होगी, जिसमें कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जा सकते हैं. यह बैठक दोपहर 12.30 बजे मंत्रालय में होगी. पिछले कैबिनेट बैठक में मंत्रिपरिषद ने छत्तीसगढ़ में भारत माला परियोजना के क्रियान्वयन में भ्रष्टाचार की प्राप्त शिकायत को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच ईओडब्ल्यू से कराने समेत कई निर्णय लिए थे.

अग्रवाल समाज का सम्मान समारोह : निकाय चुनाव में निर्वाचित अग्रबंधुओं का हुआ सम्मान, सांसद बृजमोहन बोले –

रायपुर-  अग्रवाल सभा रायपुर एवं अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन छत्तीसगढ़ के संयुक्त तत्वावधान में सम्मान समारोह आयोजित किया गया, जिसमें नगरीय निकाय चुनाव में पूरे छत्तीसगढ़ से निर्वाचित हुए अग्रबंधुओं का सम्मान किया गया. मैक काॅलेज सभागार समता काॅलोनी रायपुर में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सांसद बृजमोहन अग्रवाल थे. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सांसद बृजमोहन ने कहा, अग्रवाल समाज को बिजनेस के साथ सेवा का भी काम ज्यादा करना चाहिए. राजनीति और सार्वजनिक पदों में अग्रवाल समाज के अग्रबंधु संख्या बढ़ाने का प्रयास करें.

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में अमर अग्रवाल पूर्व मंत्री, राजेश अग्रवाल विधायक अंबिकापुर, संपत अग्रवाल विधायक बसना और राजीव अग्रवाल अध्यक्ष सीएसआईडीसी मौजूद रहे. अग्रवाल सभा के अध्यक्ष विजय अग्रवाल, अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष कृष्ण कुमार अग्रवाल, कार्यक्रम प्रभारी द्वय योगी अग्रवाल और बिसंबर अग्रवाल, प्रचार प्रसार प्रभारी प्रमोद जैन ने बताया कि छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय और जिला पंचायत में पूरे छत्तीसगढ़ से विभिन्न पदों पर बड़ी संख्या में अग्रबंधु निर्वाचित हुए हैं. सभी का समाज की ओर से सम्मान किया गया.

कार्यक्रम में इनका हुआ सम्मान

1. राजीव अग्रवाल, अध्यक्ष CSIDC रायपुर 2. नवीन अग्रवाल खरोरा अध्यक्ष जिला पंचायत रायपुर, 3. रमन अग्रवाल अध्यक्ष रामानुजगंज नगर पालिका 4. श्याम सुन्दर अग्रवाल अध्यक्ष नगर पालिका सक्ती, 5. कमल गर्ग अध्यक्ष खरसिंया नगर पालिका, 6. राकेश जालान अध्यक्ष पेंड्रा नगर पालिका. 7. डाक्टर खूशबू अग्रवाल अध्यक्ष बसना नगर पंचायत 8. अनीता चंदन अग्रवाल अध्यक्ष थान खमरिया नगर पंचायत, 9. कमलेश अग्रवाल अध्यक्ष सरिया नगर पंचायत 10. कपिल सिंघानिया अध्यक्ष लैलूंगा नगर पंचायत 11. नेहा सन्नी बंसल उपाध्यक्ष लखनपुर नगर पालिका, 12. शैलेश अग्रवाल उपाध्यक्ष नगर पालिका सूरजपुर 13. अंबर अग्रवाल पार्षद एवं जोन अध्यक्ष रायपुर नगर निगम 14. कृतिका जैन पार्षद रायपुर नगर निगम 15 निलेश अग्रवाल पार्षद दुर्ग नगर निगम 16. अरुण अग्रवाल पार्षद खरसिंया नगर पालिका 17. दीपक अग्रवाल पार्षद खरसिंया नगर पालिका 18. दीपक कुमार अग्रवाल पार्षद खरसिंया नगर पालिका 19. दीपा विकास अग्रवाल पार्षद शक्ति नगर पालिका 20. गायत्री सचिन अग्रवाल पार्षद लखनपुर नगर पालिका 21. सुनील अग्रवाल पार्षद राजपुर सरगुजा नगर पालिका, 22. मंजू बंसल पार्षद राजपुर सरगुजा नगर पालिका 23 मंजू प्रदीप गोयल पार्षद सूरजपुर नगर पालिका, 24. मुकेश गर्ग पार्षद सूरजपुर नगर पालिका, 25 प्रमोद तायल पार्षद सूरजपुर नगर पालिका आदि जनप्रतिनिधियों का सम्मान किया गया.

जिन स्थानों से जनप्रतिनिधि निर्वाचित हुए हैं उन स्थानों के अग्रवाल सभा के अध्यक्ष और पदाधिकारियों को भी आमंत्रित किया गया था। कार्यक्रम को सफल बनाने में अग्रवाल सभा एवं अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन के सभी पदाधिकारियों के साथ युवा महिला युवती विंग का अहम योगदान रहा.

उद्योगपति और समाजसेवी डॉ. मनीष मंडल बने स्पंज आयरन एसोसिएशन के अध्यक्ष, निशांत खेतान को मिली महासचिव की जिम्मेदारी

रायपुर- छत्तीसगढ़ के उद्योग जगत से एक बड़ी खबर सामने आई है। रायपुर के प्रतिष्ठित उद्योगपति और समाजसेवी डॉ. मनीष कुमार मंडल को छत्तीसगढ़ स्पंज आयरन मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (CGSIMA) का नया अध्यक्ष चुना गया है। वहीं, युवा उद्योगपति निशांत खेतान को एसोसिएशन का महासचिव नियुक्त किया गया है।

बता दें कि आरती स्पंज एंड पावर लिमिटेड के निदेशक डॉ. मनीष मंडल को सर्वसम्मति से यह अहम जिम्मेदारी सौंपी गई। उद्योग जगत में उनका अनुभव और योगदान किसी से छिपा नहीं है। इससे पहले भी वे मिनी स्टील प्लांट एसोसिएशन सहित कई औद्योगिक संगठनों में अपनी नेतृत्व क्षमता दिखा चुके हैं। स्टील उद्योग की दशा और दिशा को बेहतर करने में उनका योगदान सराहनीय रहा है।

नए अध्यक्ष और महासचिव की ताजपोशी के बाद उद्योग जगत में उत्साह की लहर है। कई वरिष्ठ उद्योगपतियों और व्यापारिक संगठनों ने दोनों को बधाइयाँ और शुभकामनाएं दी हैं। सभी को पूरी उम्मीद है कि निश्चित तौर पर इनके नेतृत्व में छत्तीसगढ़ के स्पंज और स्टील सेक्टर को नई ऊर्जा और दिशा मिलेगी। एसोसिएशन में यह बदलाव उस वक्त हुआ है जब उद्योग कई चुनौतियों से जूझ रहा है, कच्चे माल की कीमतें, पर्यावरण मानक, और तकनीकी आधुनिकीकरण जैसे मुद्दे प्रमुख हैं। ऐसे में डॉ. मंडल और निशांत खेतान की जोड़ी से बड़े फैसलों और ठोस पहल की उम्मीद की जा रही है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की बस्तर अंचल को बड़ी सौगात, जगदलपुर में जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता कार्यालय का शुभारंभ

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज बस्तर संभाग को बड़ी सौगात दी है। उन्होंने जगदलपुर में जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता कार्यालय का शुभारंभ किया। इस कार्यालय के प्रारंभ होने से बस्तर संभाग के सभी सातों जिलों के विभागीय कामकाज में काफी सुविधा होगी। जल संसाधन से संबंधित निर्माण कार्यों के सर्वेक्षण, डीपीआर निर्माण और तकनीकी स्वीकृति में तेजी आएगी। पहले इन कार्यों की स्वीकृति के लिए रायपुर जाना पड़ता था। अब ये काम संभागीय मुख्यालय बस्तर में ही हो सकेंगे।

जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप के विशेष पहल से शुरू हुए जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता नवीन कार्यालय में विभिन्न स्तरों पर अधिकारी और कर्मचारी की नियुक्ति के लिए भी बजट में स्वीकृति दी गई है। वर्तमान में यह कार्यालय जगदलपुर के अधीक्षण अभियंता कार्यालय इंद्रावती परियोजना मंडल भवन के ऊपरी तल में संचालित हो रहा है। मुख्य अभियंता जल संसाधन कार्यालय के शुभारंभ अवसर पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप, सांसद बस्तर महेश कश्यप, विधायक जगदलपुर किरण सिंह देव, विधायक चित्रकोट विनायक गोयल, नगर निगम महापौर संजय पांडेय एवं जिला पंचायत अध्यक्ष वेदमती कश्यप, वित्त आयोग के अध्यक्ष निवास राव मद्दी सहित अनेक जनप्रतिनिधि, जल संसाधन विभाग के प्रभारी मुख्य अभियंता एवं अधीक्षण अभियंता के. एस. भंडारी और जल संसाधन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे।

रायपुर में 3 साल की बच्ची से दुष्कर्म : कांग्रेस ने 7 सदस्यीय जांच समिति का किया गठन, पूर्व सांसद छाया वर्मा को बनाया संयोजक

रायपुर-  छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 3 साल की बच्ची से दुष्कर्म की घटना ने पूरे शहर को दहला दिया. छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने घटना को गंभीरता से लेते हुए 7 सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है. पूर्व राज्यसभा सांसद छाया वर्मा को जांच समिति का संयोजक बनाया गया है.

जांच समिति में शामिल सदस्य :-

1. छाया वर्मा – संयोजक-पूर्व राज्यसभा सांसद

2. अनिता शर्मा –  धरसींवा- पूर्व विधायक

3. दीप्ति दुबे – पूर्व महापौर प्रत्याशी, रायपुर

4.  संगीता बहन – सचिव, प्रदेश कांग्रेस

5. वंदना राजपूत – प्रवक्ता, प्रदेश कांग्रेस

6. प्रगति बाजपेयी – महामंत्री प्रदेश महिला कांग्रेस

7. ममता राय – अध्यक्ष, शहर महिला कांग्रेस

प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा जारी आदेश में जांच समिति को निर्देशित किया गया है कि वह अविलंब प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर पीड़ित परिजन, पुलिस प्रशासन सहित स्थानीय नगरवासियों से मुलाकात करें.  घटनास्थल की वस्तुस्थिति की जांच कर विस्तृत रिपोर्ट जल्द से जल्द पार्टी को सौंपे. 

बता दें कि राजधानी रायपुर में 3 साल की मासूम बच्ची के साथ पड़ोस में रहने वाले 15 वर्षीय नाबालिग ने दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया. यह घटना सोमवार दोपहर डेढ़ बजे मोवा थाना क्षेत्र की है. मंडी गेट स्थित चंद्रशेखर नगर में बच्ची दोपहर डेढ़ बजे अपने घर में खेल रही थी. इसी दौरान 15 वर्षीय किशोर बच्ची को चाकलेट खिलाने के बहाने अपने साथ ले गया और उसके साथ गलत हरकत की. दर्द से तड़प रही बच्ची को देख लड़का घबरा गया, फिर उसने चाकलेट देकर बच्ची को उसके घर के बाहर छोड़कर चला गया.

बच्ची के रोने पर उसकी मां ने रोने का कारण पूछा तो उसने इशारों से घटना की जानकरी दी और उसके साथ गलत काम करने वाले के बारे में बताया. इसके बाद परिजन घटना की जानकारी पुलिस की दी. मौके पर पहुंची पुलिस बच्ची को इलाज कराने जिला अस्पताल लेकर पहुंचे. फिलहाल बच्ची का इलाज जारी है. पुलिस नाबालिग को कस्टडी में लेकर पूछताछ कर रही है.

2027 दिन जेल में सजा काटने के बाद दुष्कर्म का आरोपी दोषमुक्त, पीड़िता ने स्वीकार किया आपसी सहमति से बने संबंध

बिलासपुर-  छत्तीसगढ़ के बिलासपुर हाईकोर्ट ने नाबालिग से रेप केस में बड़ा फैसला सुनाया है. करीब 6 साल से जेल में सजा काट रहे दुष्कर्म के आरोपी को हाईकोर्ट ने बाइज्जत बरी कर दिया है. अभियोजन पक्ष यह साबित करने में असफल रहा, कि घटना के वक्त पीड़िता की उम्र 18 वर्ष से कम थी. वहीं सुनवाई के दौरान पीड़िता ने स्वीकार किया कि दोनों के बीट आपसी सहमति से शारिरीक संबंध बने थे. दोनों पक्षों के दलीलों के सुनने के बाद कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए आरोपी को दोषमुक्त कर दिया है. साथ ही जेल से तत्काल रिहा करने के निर्देश दिए हैं.

दरअसल, तरुण सेन पर आरोप था कि 8 जुलाई 2018 को एक लड़की को बहला-फुसलाकर अपने साथ भगा ले गया और कई दिन तक उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए. लड़की के पिता ने 12 जुलाई को शिकायत दर्ज कराई, पुलिस ने 18 जुलाई को लड़की को दुर्ग से बरामद किया. विशेष न्यायाधीश रायपुर की अदालत ने 27 सितंबर 2019 को आरोपी को आइपीसी की धारा 376(2)(एन) और पाक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत 10-10 साल की सजा और जुर्माने की सजा सुनाई. दोनों सजाएं साथ चलने के आदेश दिए गए थे. 

पिछले करीब 6 साल से जेल में बंद आरोपी ने हाईकोर्ट में अपील की थी. मामले सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने पाया कि स्कूल के दाखिल-खारिज रजिस्टर में पीड़िता की जन्मतिथि 10 अप्रैल 2001 दर्ज है, लेकिन उसने गवाही दी थी कि 10 अप्रैल 2000 को उसका जन्म हुआ था. अभियोजन पक्ष कोई ठोस दस्तावेज, जैसे जन्म प्रमाणपत्र या ऑसिफिकेशन टेस्ट पेश करने में नाकाम रहा, जिससे पीड़िता की सही उम्र साबित हो सके. पीड़िता ने कोर्ट में यह स्वीकार किया कि वह आरोपी के साथ अपनी मर्जी से गई थी और उनके बीच प्रेम संबंध थे. मेडिकल रिपोर्ट में किसी भी प्रकार की चोट या जबरदस्ती के निशान नहीं मिले.  

सिर्फ स्कूल के दस्तावेज ही पर्याप्त नहीं : हाईकोर्ट

मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि पीड़िता की उम्र को प्रमाणित करने के लिए अकेले स्कूल के दस्तावेज ही पर्याप्त नहीं है. जब तक उस दस्तावेज को तैयार करने वाले व्यक्ति की गवाही न हो. मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस अरविंद वर्मा ने कहा कि जब पीड़िता की उम्र नाबालिग सिद्ध नहीं होती और वह सहमति से आरोपी के साथ गई थी, तो इस मामले में दुष्कर्म या पॉक्सो की धाराएं नहीं बनती. यह एक स्पष्ट रूप से प्रेम प्रसंग और सहमति से भागने का मामला है. कोर्ट ने आरोपी की सजा को रद्द करते हुए उसे सभी आरोपों से बरी कर तत्काल रिहा करने के निर्देश दिए हैं. 

बस्तर में पत्थलगढ़ी: आदिवासियों ने कहा- यहां ग्राम सभा ही सर्वोच्च, कांग्रेस ने किया समर्थन, सीएम साय बोले- संविधान से बड़ा कुछ नहीं…

जगदलपुर-  पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल के अंतिम दिनों में सरगुजा इलाके में गांवों की सीमा पर बड़े-बड़े पत्थरों पर ग्रामसभा के अधिकार दर्ज कर गाड़े जा रहे थे, जिन्हें पत्थरगढ़ी का नाम दिया गया था. इसके बाद कांग्रेस सरकार आई और चली गई, लेकिन अब भाजपा के फिर से सरकार में आने के बाद पत्थरगढ़ी नजर आने लगे हैं, लेकिन अबकी बार यह सरगुजा की बजाए बस्तर में हो रहा है. 

बस्तर के बास्तनार, दरभा और तोकापाल जैसे इलाकों में गांवों की सीमाओं पर बड़े-बड़े पत्थरों पर ग्रामसभा के अधिकार दर्ज कर गाड़े जा रहे हैं. ये पत्थर केवल चिन्ह नहीं हैं ये स्थानीय लोगों की चेतावनी हैं, उनके हक की घोषणा हैं, और एक सीधा संदेश हैं कि अब कोई भी फैसला उनकी मर्जी के बिना नहीं लिया जा सकेगा.

इन इलाकों के लोग पेसा कानून का हवाला दे रहे हैं. यह कानून जो पांचवीं अनुसूची के तहत आता है, आदिवासी क्षेत्रों को विशेष अधिकार देता है. इसके तहत ग्रामसभा को सर्वोच्च इकाई माना गया है. ग्रामवासी दावा कर रहे हैं कि उनकी ग्रामसभा किसी भी सरकार के नियम-कानून से बाध्य नहीं है, और कोई भी सरकारी या निजी योजना उनके क्षेत्र में बिना ग्रामसभा की सहमति के लागू नहीं की जा सकती.

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस पर कहा कि संविधान की व्यवस्था सबसे ऊपर है. हमें इसकी जानकारी मिली है, और इस पर बातचीत की जाएगी. हर चीज संविधान के तहत होगी. वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, जनता को भाजपा सरकार पर भरोसा है. मुख्यमंत्री आज खुद बस्तर पहुंचे हैं. चर्चा होगी और समस्या का समाधान निकलेगा.

दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहना है कि यह छठवीं अनुसूची का क्षेत्र है. कांग्रेस ने पेसा कानून लागू किया, लेकिन भाजपा सरकार ने इसे पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया. अब बस्तर की जनता अपने अधिकारों, अपने खनिज संसाधनों और अपनी जमीन को बचाने के लिए लड़ रही है.

अब सवाल यह है कि बस्तर की इस नई करवट का भविष्य क्या होगा? क्या यह आंदोलन सरकारी तंत्र के साथ टकराव की ओर बढ़ेगा या संवैधानिक बातचीत से इसका हल निकलेगा? फिलहाल, बस्तर के गांवों में लगे ये पत्थर एक गहरी चेतावनी हैं कि आदिवासी अब चुप नहीं बैठेंगे.

शराब घोटाला: पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत, तय किए सख्त नियम और शर्तें

नई दिल्ली- शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है. फैसला सुनाते हुए जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की बेंच ने सख्त नियम और शर्तें रखी हैं. लेकिन टुटेजा का फिलहाल जेल से बाहर निकला मुश्किल है, क्योंकि उनके खिलाफ ईओडब्ल्यू-एसीबी द्वारा दर्ज केस में हाई कोर्ट जमानत याचिका खारिज कर चुका है.

अनिल टुटेजा को 21 अप्रैल, 2024 को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था. लंबे वक्त से जेल में रहने के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी है. इसके साथ ही उन्हें पासपोर्ट जमा करने और सुनवाई के दौरान न्यायालय के साथ सहयोग करते हुए सख्त नियमों और शर्तों पर राहत मिली है.

टुटेजा की जमानत याचिका का ईडी की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता एसवी राजू ने विरोध किया. उन्होंने टुटेजा को वरिष्ठ नौकरशाह बताते हुए नागरिक पूर्ति निगम घोटाले में भी शामिल होने के साथ गवाहों को प्रभावित करने का आरोप लगाया. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इन दलीलों को खारिज करते हुए जमानत मंजूर कर लिया.

क्या है शराब घोटाला?

तत्कालीन भूपेश सरकार में पूर्व IAS अनिल टुटेजा, उनके बेटे यश टुटेजा और CM सचिवालय की तत्कालीन उपसचिव सौम्या चौरसिया के खिलाफ आयकर विभाग ने दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में 11 मई, 2022 को याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया कि छत्तीसगढ़ में रिश्वत, अवैध दलाली के बेहिसाब पैसे का खेल चल रहा है.

दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में दायर याचिका के आधार पर ED ने 18 नवंबर, 2022 को पीएमएलए एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था. आयकर विभाग से मिले दस्तावेज के आधार पर ED ने जांच के बाद 2161 करोड़ के घोटाले की बात का कोर्ट में पेश चार्जशीट में जिक्र किया था.

ED ने चार्जशीट में कहा था कि साल 2017 में आबकारी नीति में संशोधन कर CSMCL के ज़रिये शराब बेचने का प्रावधान किया गया, लेकिन 2019 के बाद शराब घोटाले के किंगपिन अनवर ढेबर ने अरुणपति त्रिपाठी को CSMCL का MD नियुक्त कराया, उसके बाद अधिकारी, कारोबारी, राजनैतिक रसूख वाले लोगों के सिंडिकेट के ज़रिये भ्रष्टाचार किया गया.

रायपुर, बिलासपुर में कलेक्टर दर में होगी 100 फीसदी की बढ़ोतरी, प्लाट, मकान, दुकान खरीदना हो जाएगा महंगा…

रायपुर- नया वित्तीय वर्ष शुरू हो गया है, लेकिन जमीन खरीदने के लिए नया कलेक्टर दर अभी लागू नहीं किया गया है. जिलों से कलेक्टर गाइडलाइन तय करने के रिपोर्ट मंगाई गई है. इसमें रायपुर, दुर्ग-भिलाई, बिलासपुर समेत कई जिलों में 100% तक रेट बढ़ाने की बात सामने आ रही है. इसके लागू होने पर आम आदमी के लिए प्लाट के साथ मकान-दुकान खरीदना महंगा हो जाएगा. 

सूत्रों के मुताबिक, जिलों से आई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2018-19 से जमीन की सरकारी कीमत नहीं बढ़ी है. इसमें 5 साल में रेट 30% तक कम भी रहे. इस वजह से सरकारी रेट और बाजार भाव में बड़ा अंतर आ गया है. हर शहर में जमीन की कीमत बेतहाशा बढ़ गई. लेकिन शासकीय दस्तावेजों में कीमत अब तक कम है. इस अंतर को खत्म करने के लिए ही नई गाइडलाइन जारी करने की तैयारी है.

सालों से सरकारी कीमत नहीं बढ़ने की वजह से इस बार गाइडलाइन तय करने के लिए खासी मशक्कत की जा रही है. जिलों से प्राप्त रिपोर्ट को मूल्यांकन समिति परखेगी और अपनी सिफारिशें देगी. यही वजह है कि 2025- 26 के लिए नई गाइडलाइन इस बार 1 अप्रैल के बजाय थोड़ी देरी से जारी होगी.

रायपुर के आउटर में बढ़ सकते हैं रेट

कलेक्टर गाइडलाइन में रायपुर में बढ़ोतरी का सबसे ज्यादा असर आउटर एरिया में देखने को मिल सकता है. इसके बाद सेजबहार, सड्डू, कचना, संतोषीनगर, पचपेड़ीनाका, रिंग रोड, मठपुरैना, भाठागांव, कुम्हारपारा, शीतलापारा, ट्रांसपोर्ट नगर, सरोना, बीरगांव, चंदनीडीह, तरुण नगर, बोरियाकला, बोरियाखुर्द समेत कई इलाकों में भी जमीन मकान खरीदना महंगा हो जाएगा.

रजिस्ट्री खर्च में भी होगी बढ़ोतरी

कलेक्टर दर में बढ़ोतरी का सीधा असर रजिस्ट्री पर पड़ेगा. किसी भी जमीन की रजिस्ट्री पर स्टांप ड्यूटी 5.5 फीसदी अदा करनी पड़ती है. महिलाओं को इसमें आधा फीसदी की छूट है. रजिस्ट्री के दौरान एक प्रतिशत पंचायत उपकर और एक प्रतिशत निगम ड्यूटी भी अदा करनी होती है. माना जाता है कि जमीन की खरीदी पर खरीदने वाले को -स्टॉप, रजिस्ट्री शुल्क और उपकर पर लगभग 10 फीसदी खर्च करना पड़ता है. इस हिसाब से जमीन की दर बढ़ने के इन पर खर्च बढ़ेगा.

अपना रहे मध्यप्रदेश और तेलंगाना का मॉडल

पंजीयन विभाग की टीम ने हाल ही में मध्यप्रदेश और तेलंगाना के रजिस्ट्री मॉडल का अध्ययन किया है. मध्यप्रदेश में भी बाजार और सरकारी भाव में अंतर आने की वजह से 150% तक रेट बढ़ाए गए हैं. तेलंगाना के हर जिले में कलेक्टर गाइडलाइन औसतन 50% तक बढ़ाई गई है. जमीन की सरकारी कीमत बढ़ने के बाद भी रियल एस्टेट के कारोबार में उछाल आया. इस रिपोर्ट के आधार पर भी अफसरों ने जमीन की कीमत बढ़ाने की अनुशंसा की है.

रिश्वत लेते पकड़ा गया RI, तहसील में काम कराने के लिए मांगे थे 50 हजार रुपए

गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही- राजस्व अमले में भ्रष्टाचार नासूर बन चुका है. ऐसी ही एक शिकायत पर कार्रवाई करते हुए एन्टी करप्शन ब्यूरो ने छापा मारकर गौरेला आरआई (राजस्व) को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा है. 

जानकारी के अनुसार, ग्राम अंदुल गौरेला निवासी रंजीत सिंह राठौर पिता शिव कुमार राठौर से बटांकन, सीमांकन और बेदखली के लिए रेवेन्यू इंस्पेक्टर संतोष चंद्रसेन और घनश्याम भारद्वाज 50 हजार रुपए से ज्यादा की मांग कर रहे थे. पिछले चार महीने से काम नहीं करते हुए लगातार घुमा रहे थे.

परेशान होकर रंजीत सिंह राठौर ने एसीबी से शिकायत की थी. शिकायत की पुष्टि होने पर एसीबी ने कार्रवाई की, लेकिन रंगेहाथ केवल संतोष चंद्रसेन ही पकड़ा गया, दूसरा आरआई घनश्याम भारद्वाज मौके से फरार हो गया, जिसकी पतासाजी की जा रही है.