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पहले पत्नी को छत से फेंका, फिर खेत में दफनाया शव; जानें क्यों हैवान बन गया पति

उत्तर प्रदेश के मथुरा से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जहां एक पति ने अपनी पति को छत से धक्का देकर हत्या कर दी. दरअसल आरोपी ने जिस वक्त पत्नी की हत्या की थी उस वक्त उसने शराब पी रखी थी. शराब पीने को लेकर बीवी स लड़ाई हुई थी. पति ने पत्नी की हत्या करने के बाद उसके शव को खेत में दफना दिया. वहीं पुलिस को जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंची. पुलिस ने आरोपी पति को गिरफ्तार कर शव को बरामद कर लिया.

घटना जमुनापार थानाक्षेत्र के सुखदेवपुर गांव की बताई जा रही है. घटना के बारे में पुलिस ने शनिवार को जानकारी दी है. पुलिस ने कहा कि आरोपी के भाई की सूचना के बाद घटना की जानकारी हुई. त्वारित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर शव को बरामद कर लिया गया है. आरोपी से घटना के बारे में जानकारी करने के लिए पूछताछ की जा रही है.

पुलिस के मुताबिक, आरोपी ने पूछताछ के दौरान हत्या करने की बात कबूल की है. आरोपी पति का नाम विजय है जो राज मिस्त्री का काम करता है. उसने शराब के नशे में घटना का अंजाम दिया. आरोपी ने बताया कि उसने पत्नी रेखा को जान से मारने के इरादे से छत से धक्का दे दिया था.

पत्नी को छत से दिया छक्का

छत से गिरने के बाद रेखा की मौके पर ही मौत हो गई थी. आरोपी पति ने रेखा की मौत हो जाने के बाद उसके शव को घसीटकर खेत में ले गया और वहीं गड्ढा खोदकर दफना दिया था. वहीं किसी को पता चले, इसके लिए अगले दिन हर रोज की तरह व्यवहार कर रहा था. वहीं आरोपी के पिता ने जब उससे उसकी पत्नी के बारे में पूछा तो पहले तो वो थोड़ा घबराया और बाद में बोला की उसकी हत्या कर दी. जिसके बाद उसके छोटे भाई ने पुलिस को मामले की जानकारी दी.

दूसरी महिला से था संबंध

पुलिस के मुताबिक, परिजनों और आरोपी से पूछताछ में पता चाल है कि आरोपी विजय का एक दिव्यांग महिला से प्रेम प्रसंग चल रहा था. दोनों एक दूसरे से अक्सर बात भी किया करते थे जिसका विजय की पत्नी रेखा विरोध किया करती थी. सही जानकारी होने पर रेखा ने इसका कड़ा विरोध किया. इसी को लेकर दोनों में अक्सर झगड़ा होता था. जिस दिन रेखा की हत्या हुई उस दिन भी दोनों के बीच झगड़ा हुआ था.

बंगाल में वक्फ को लेकर हिंसा पर पुलिस का एक्शन, 110 अरेस्ट, बताई वजह क्यों चलाई गोली

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विरोध में हिंसा भड़कने के बाद शनिवार को 110 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया. पश्चिम बंगाल में जंगीपुर, मुर्शिदाबाद, दक्षिण 24 परगना और हुगली जिलों से हिंसक घटनाएं घटी है. पुलिस वैन सहित कई वाहनों को आग लगा दी गई, सुरक्षा कर्मियों पर पत्थर फेंके गए और फिर सड़कों को अवरुद्ध कर दिया गया. पुलिस ने प्रदर्शन पर नियंत्रण के लिए शमशेरगंज में गोली चलाई. इसमें अब तक कुल चार लोग घायल हो गये हैं.

मुर्शिदाबाद में हिंसा के बाद एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “हिंसा के सिलसिले में सुती से लगभग 70 और समसेरगंज से 41 लोगों को गिरफ्तार किया गया.”

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, शनिवार सुबह भी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ, हालांकि कोई अप्रिय घटना की खबर नहीं है.

मुर्शिदाबाद में इंटरनेट सेवाएं स्थगित

पश्चिम बंगाल के सभी जिलों में सबसे ज्यादा प्रभावित मुर्शिदाबाद में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है और हिंसा बढ़ने वाले स्थानों पर इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं.

कथित तौर पर सूती में पुलिस की गोलीबारी में घायल हुए एक किशोर को कोलकाता के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है. एक अधिकारी ने कहा, “सूती और समसेरगंज इलाकों में गश्त जारी है. किसी को भी कहीं भी इकट्ठा होने की अनुमति नहीं है. हम कानून और व्यवस्था की स्थिति को बाधित करने के किसी भी प्रयास की अनुमति नहीं देंगे,” उन्होंने लोगों से “सोशल मीडिया पर अफवाहों” पर ध्यान न देने की अपील की.

एडीजी ने बताई वजह, पुलिस ने क्यों चलाई गोली?

इस बीच, बंगाल के एडीजी कानून एवं व्यवस्था जावेद शमीम को शनिवार को संवाददाता सम्मेलन में स्वीकार किया कि पुलिस को चार राउंड गोलियां चलाने के लिए मजबूर होना पड़ा. वह उन परिस्थितियों के बारे में भी बता रहे हैं जिनके तहत पुलिस ने गोलियां चलाईं.

जावेद शमीम ने बताया कि सुती के सुजा चौराहे और शमशेरगंज के डाकबंगला चौराहे पर अशांति भयावह रूप लेती जा रही है. उन्मादी भीड़ को नियंत्रण में लाने के लिए काफी प्रयास किया जा रहा था, लेकिन प्रदर्शनकारी हिंसक होते जा रहे थे और तभी पुलिस को मजबूर होकर गोली चलानी पड़ी.

उन्होंने कहा, “सुती में सुजा चौराहे और शमशेरगंज में डाक बंगला चौराहे पर अशांति थी. सड़कें जाम कर दी गईं, पुलिस ने हस्तक्षेप किया. फिर उन्होंने पुलिस पर हमला कर दिया. पुलिस काफी देर तक संयमित रही. न्यूनतम पुलिस बल का इस्तेमाल किया गया. लाठियां, गैस हर तरह से इस्तेमाल की गईं, लेकिन, भीड़ और अधिक हिंसक हो गई.”

हिंसक हो गये प्रदर्शनकारी, जमकर की आगजनी

उन्होंने आगे कहा, “सार्वजनिक बसों से लेकर सरकारी संपत्ति तक सब कुछ आग के हवाले कर दिया गया. इसके तीन घंटे बाद पुलिस को जान बचाने के लिए सुजा चौराहे पर चार राउंड फायरिंग करनी पड़ी. हमें जानकारी मिली है कि उनमें से दो घायल हो गए हैं. वे अस्पताल में हैं. अब वे ठीक हैं.”

दूसरी ओर, राज्य पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार ने कहा कि घटना की पुनरावृत्ति की अफवाहों पर ध्यान न दें. उन्होंने कहा कि अफवाहें बहुत तेजी से फैल रही हैं. गलत सूचनाएं फैलाई जा रही हैं. ये शरारती तत्व और असामाजिक तत्व हैं जो ऐसा कर रहे हैं.” दूसरी ओर, ममता ने शांति का संदेश देते हुए साफ कहा कि कुछ राजनीतिक दल राजनीतिक लाभ के लिए धर्म का दुरुपयोग करने की कोशिश कर रहे हैं. उनके बहकावे में मत आइए.

उज्जैन में हनुमान जयंती पर बनेगा वर्ल्ड रिकॉर्ड, 50 हजार श्रद्धालुओं को एक साथ परोसी जाएगी प्रसादी

कालों के काल बाबा महाकाल की नगरी धार्मिक नगरी उज्जैन मैं ऐसे आयोजन दिन प्रतिदिन होते रहते हैं जो कि नगर ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन जाते हैं. हनुमान जयंती पर भी कल रविवार की शाम को उज्जैन में एक ऐसा ही भव्य भंडारा आयोजित होने वाला है, जिसे मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा भंडारा कहा जा सकता है. इस भंडारे को आयोजन समिति ने नगर भोज का नाम दिया है. क्योंकि इस भोज में बाबा जयवीर हनुमान की प्रसादी ग्रहण करने के लिए लगभग 50,000 श्रद्धालु मंदिर पहुंचेंगे.

आंबापुरा स्थित प्राचीन जयवीर हनुमान मंदिर पर 13 अप्रैल को हनुमान जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा, जिसके तहत पहले भगवान का विशेष पूजन अर्चन और महाआरती होगी. इसके बाद नगर भोज का आयोजन होगा. इस आयोजन के आयोजक समाजसेवी सुनील चावंड ने बताया- भगवान जयवीर हनुमान के प्रति हमारी अगाध श्रद्धा है. यही कारण है कि हम पिछले 20 वर्षों से इस आयोजन को धूमधाम से मनाते आ रहे हैं.

उन्होंने बताया- शुरुआती दौर में यह आयोजन शोभायात्रा के रूप में आयोजित होता था. लेकिन 10 वर्षों में इस आयोजन की भव्यता काफी अधिक बड़ी है. इस नगर भोज में अब हजारों श्रद्धालु बाबा जयवीर हनुमान की प्रसादी ग्रहण करने पहुंचते हैं.

आयोजन की तैयारी को लेकर आपने बताया कि पिछले 15 दिनों से मित्र मंडली के सभी लोग इस आयोजन की सफलता के लिए जुटे हुए हैं. यह नगर भोज शहर में होने वाले अन्य भंडारों की तरह नहीं है, क्योंकि इस भोज में शामिल होने वाले प्रत्येक श्रद्धालु को टेबल कुर्सी पर बैठाकर दाल बाफले और लड्डू की प्रसादी परोसी जाती है. यही कारण है कि इस नगर भोज में प्रतिवर्ष श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है.

गोल्डन वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होगा नाम

आंबापुरा देसाई नगर में आयोजित होने वाले इस नगर भोज में लगातार श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है, जिसको देखते हुए इस वर्ष आयोजन समिति ने गोल्डन वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम को बुलाया है. इस वर्ष भंडारे में लगभग 50000 से अधिक श्रद्धालु बाबा जयवीर हनुमान की प्रसादी ग्रहण करेंगे जिसका वर्ल्ड रिकॉर्ड यह टीम रविवार को दर्ज करेगी.

60 हलवाई बना रहे नगर भोज का प्रसाद

रविवार की रात महाआरती के बाद भगवान हनुमान को भोग लगाने के बाद इस भंडारे की शुरुआत होगी. भंडारे में दाल, बाफले, लड्डू बनाए जाएंगे. इसके लिए करीब 75 क्विटंल आटा और 400 किलो शुद्ध घी का उपयोग किया जाएगा.

आयोजक सुनील चावंड ने बताया कि भंडारे के लिए भोजन बनाने का काम 60 हलवाई करेंगे जबकि भोजन परोसदारी व्यवस्था 600 कार्यकर्ता संभालेंगे. हर बार की तरह इस बार भी भक्तों को भोजन टेबल पर बैठाकर कराया जाएगा. महिला और पुरुषों के लिए बैठक व्यवस्था अलग-अलग की जाएगी. भंडारे के लिए आज रात से ही भोजन प्रसादी बनना शुरू हो गई हैं.

10 साल से तैयार कर रहे हैं भंडारे की रसोई

इस विशाल भण्डारे को तैयार करने वाले खास व्यक्ति हैं, उज्जैन के हलवाई प्रकाश चावंड. उनके साथ 60 हलवाई और 30 कारीगरों की टीम हैं जो हर साल इस विशाल भण्डारे की जिम्मेदारी संभालते हैं.

एनआईए के पास है मुंबई हमले का “रहस्यमयी” गवाह, अब केस में आएगा नया मोड़, तहव्‍वुर उगलेगा हर राज

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मुंबई हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को भारत लाने के बाद एनआईए उससे पूछताछ कर रही है। इस बीच मामले में एक 'रहस्यमयी गवाह' की बात सामने आ रही है। एनआईए राणा का सामना उस 'रहस्यमयी गवाह' से कराएगी, जो उसका पुराना जानकार बताया जा रहा है। यही गवाह 2006 में मुंबई आए डेविड हेडली की अगवानी कर चुका है और उसने हेडली के लिए होटल, लॉजिंग और बाकी इंतजाम भी किए थे।

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक राणा को गुरुवार शाम अमेरिका से प्रत्यार्पण के बाद शुक्रवार तड़के दिल्ली की एक विशेष अदालत ने उसे 18 दिन की एनआईए हिरासत में भेज दिया। इसके बाद राणा को लोधी रोड पर एनआईए मुख्यालय ले जाया गया, जहां उससे पूछताछ शुरू हुई। रिपोर्ट के मुताबिक इस पूछताछ का केंद्र वह संरक्षित गवाह है, जो राणा का करीबी था और हेडली के लिए मुंबई में ठहरने और अन्य व्यवस्थाएं करने में शामिल था।

एनआईए ने इस गवाह की पहचान अब तक गुप्त रखी है ताकि उसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और लश्कर से खतरा न हो। एक अधिकारी ने बताया कि 2006 में जब हमले की साजिश बन रही थी, हेडली को पाकिस्तान में लश्कर के सरगनाओं ने मुंबई के ताजमहल होटल सहित कई जगहों की वीडियो बनाने का आदेश दिया था। हेडली सितंबर 2006 में भारत आया और उसने राणा के एक करीबी की मदद से यह काम किया। इस करीबी ने हेडली के लिए होटल और अन्य सुविधाएं जुटाई थीं।

एनआईए तहव्वुर राणा से इस बारे में पूछताछ करेगी कि 26/11 हमले के इस साजिशकर्ता से उसकी दुबई में मुलाकात क्यों हुई और किसके निर्देश पर हुई। क्या तहव्वुर राणा ने इस अंजान साजिशकर्ता से मुलाकात हेडली के कहने पर की थी। दरअसल अमेरिका में पकड़े जाने के बाद राणा ने अमेरिका की जांच एजेंसियों के सामने इस शख्स के बारे में खुलासा किया था। जिसको लेकर बकायदा अमेरिकी जांच एजेंसियों ने एक रिपोर्ट तैयार की थी।

गुमनाम शख्स की भूमिका क्यों संदिग्ध?

अमेरिकी एजेंसियों ने जांच इंटरसेप्ट किए गए चैट और बातचीत एनआईए के साथ साझा की हैं। इनमें से एक बातचीत में हेडली ने राणा को 2008 में भारत न आने की चेतावनी दी थी और भारत में संभावित आतंकी हमलों के बारे में बताया था। हेडली ने राणा की दुबई में इस शख्स से मुलाकात भी करवाई थी। एक और इंटरसेप्टेड बातचीत में हेडली ने राणा को बताया था कि साजिशकर्ता ने हमले की पुष्टि कर दी है। यही बात इस गुमनाम शख्स की भूमिका को और संदिग्ध बनाता है।

हमले के वक्त मुंबई ऑफिस की लीज खत्म हो चुका था

जांच में एक और अहम पहलू सामने आया है। मुंबई में राणा की इमिग्रेशन कंपनी की लीज से भी साजिश के सुराग मिल रहे हैं। अगस्त 2005 में हेडली ने राणा को लश्कर की साजिश के बारे में बताया था, जिसमें भारत के सार्वजनिक स्थानों और सरकारी इमारतों की रेकी शामिल थी। हेडली ने सुझाव दिया कि राणा की कंपनी को कवर के रूप में इस्तेमाल किया जाए, और वह मुंबई में एक कंसल्टेंट के रूप में काम करेगा। लेकिन हैरानी की बात यह है कि नवंबर 2008 में जब हमला हुआ, तब तक मुंबई ऑफिस की लीज समाप्त हो चुकी थी। न तो राणा ने और न ही हेडली ने इसे रिन्यू कराया। एनआईए इस सवाल का जवाब तलाश रही है कि क्या यह जानबूझकर किया गया, ताकि हमले के बाद सबूत मिटाए जा सकें।

प्रशांत किशोर की ‘बदलाव रैली’ में उम्मीद से कम भीड़, सरकार पर लगाया आरोप

जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने शुक्रवार को दावा किया कि बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का राजनीतिक श्राद्ध साबित होगा. प्रशांत किशोर ने गांधी मैदान में आयोजित बिहार बदलाव रैली में यह बयान दिया. उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों को नीतीश कुमार, लालू यादव और प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने निराश किया है.

हालांकि, प्रशांत किशोर लोगों की कम उपस्थिति को लेकर नाखुश दिखे और उन्होंने बमुश्किल 10 मिनट रैली को संबोधित करने का फैसला किया. उन्होंने प्रशासन पर राज्य के अन्य हिस्सों से आने वाले कम से कम दो लाख लोगों के पटना में प्रवेश करने से रोकने का आरोप लगाया.

पुलिस प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया

पूर्व चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इशारे पर काम किया. उन्होंने अपनी रैली में पूरे दिन इंतजार के बावजूद गांधी मैदान में भीड़ नहीं पहुंचने के लिए पुलिस प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया. किशोर ने दावा किया कि लाखों की संख्या में लोगों को प्रशासन ने पटना में घुसने नहीं दिया. उन्होंने कहा कि हजारों गाड़ियां पटना के बाहरी इलाकों में फंसी रही, वो पूरे दिन प्रशासन से हाथ पैर जोड़ते रहे.

रैली के लिए लगी कुर्सियां खाली

बता दें कि गांधी मैदान में पूरे दिन बिहार बदलाव रैली के लिए लगी कुर्सियां खाली पड़ी रहीं. अंधेरा होने पर कुछ भीड़ जुट पाई तब प्रशांत किशोर ने रैली को संबोधित किया. पीके ने 10 दिन के अंदर बिहार यात्रा शुरू करने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि वह नीतीश कुमार का राजनीतिक श्राद्ध करेंगे. किशोर ने कहाकि आइए हम इस सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प लें. जंगलराज लेकर आए लालू प्रसाद ने बिहार के लोगों को निराश किया. लोग अब नीतीश कुमार के नेतृत्व में एक नए प्रकार के नौकरशाही जंगल राज से जूझ रहे हैं और नीतीश का समर्थन करने वाले पीएम मोदी ने भी लोगों को निराश किया है.

प्रदर्शन से जन सुराज पार्टी का कद बढ़ा

प्रशांत किशोर ने इस साल की शुरुआत में बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) परीक्षा के उम्मीदवारों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन में अपनी भागीदारी को भी याद किया. इस प्रदर्शन से जन सुराज पार्टी का कद बढ़ा था, हालांकि कुछ महीने पहले राज्य में पांच विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनावों में पार्टी कोई प्रभाव नहीं छोड़ पाई थी.

समर्थकों से बातचीत करने से रोकने की साजिश

पिछले साल गांधी जयंती पर राज्यव्यापी पदयात्रा के बाद पार्टी की स्थापना करने वाले प्रशांत किशोर ने कहा कि मुझे इसी सार्वजनिक मैदान पर पुलिस ने हिरासत में लिया था. मैंने तब घोषणा की थी कि मैं गांधी मैदान लौटूंगा. आज प्रशासन ने मुझे अपने समर्थकों से बातचीत करने से रोकने की साजिश रची. लेकिन, अब से 10 दिनों के भीतर मैं यात्रा शुरू करूंगा और अपने लोगों से उनके दरवाजे पर मिलूंगा.

प्रशांत किशोर की रैली फ्लॉप

इस बीच, जेडीयू के एमएलसी और प्रवक्ता नीरज कुमार ने दावा किया कि प्रशांत किशोर की रैली एक फ्लॉप शो थी. जो लोग आए, उनकी संख्या शाम को टहलने वालों की आम भीड़ से ज़्यादा नहीं थी. अपना संक्षिप्त भाषण खत्म करने से पहले किशोर ने पार्टी कार्यकर्ताओं से वादा कियाकि मैं मीडिया से कुछ बातें करूंगा और फिर देर रात तक गांधी मैदान में रहूंगा. मैं आप सभी से मिलूंगा.

J-K: अखनूर में घुसपैठ की कोशिश नाकाम, सेना का एक जवान शहीद

जम्मू कश्मीर के अखनूर सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर एक जेसीओ शहीद हो गए. भारतीय सेना ने आतंकियों के घुसपैठ की कोशिश नाकाम कर दी. आतंकियों के घुसपैठ की कोशिश का भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया. जूनियर कमीशंड ऑफिसर ने आतंकियों का अंतिम दम तक सामना किया. घुसपैठ की सूचना पर भारतीय सेना बॉर्डर एरिया के कई जगह पर अभियान चला रही है.

तीन आतंकियों को किया था ढेर

इस घटना के पहले राज्य के किश्तवाड़ में भारतीय सेना ने शुक्रवार को जैश कमांडर समेत तीन आतंकवादियों को ढेर कर दिया. ढेर हुए आतंकी की पहचान जैश कमांडर सैफुल्लाह के रूप में हुई है. सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच काफी समय तक मुठभेड़ चलती रही. भारतीय सेना ने आतंकियों की घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया.

पाकिस्तान और भारत के बीच हुई फ्लैग मीटिंग

भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच10 अप्रैल को ब्रिगेड कमांडर लेवल की मीटिंग हुई. ये मीटिंग जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर हुई. इस फ्लैग मीटिंग में बॉर्डर पर शांति बनाए रखने के मुद्दों पर चर्चा हई. इस महीने दोनों पक्षों के बीच यह दूसरी ऐसी बैठक है. अधिकारियों ने बताया कि ये बैठक चकन-दा-बाग क्रॉस-पॉइंट पर हुई.

2 अप्रैल को चकन-दा-बाग क्रॉसिंग पॉइंट क्षेत्र में 75 मिनट तक चलने वाली ब्रिगेड कमांडर स्तर की फ्लैग मीटिंग हुई थी, जिसमें दोनों पक्षों ने सीमाओं पर शांति बनाए रखने पर चर्चा की.

13 फरवरी को पाकिस्तानी सैनिकों ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया. भारतीय चौकियों पर बिना वजह गोलीबारी की. भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया था.

601 रुपए में 1 साल तक Unlimited 5G Data, मुकेश अंबानी का ये प्लान कर देगा खुश

मुकेश अंबानी की कंपनी Reliance Jio के पास सस्ते से लेकर महंगे तक, हर रेंज के प्रीपेड और पोस्टपेड प्लान्स हैं. लेकिन आज हम आप लोगों के लिए एक ऐसा सस्ता रिचार्ज प्लान ढूंढकर लाए हैं जो कम कीमत में शानदार बेनिफिट्स दे रहा है, इस प्लान की कीमत 601 रुपए है. इस प्लान की खास बात यह है कि इसे आप अपने लिए खरीद सकते हैं या फिर इस प्लान को अपने किसी चाहने वाले को भी गिफ्ट कर सकते हैं.

बेशक ये Jio Plan आप लोगों को Unlimited 5G Data के साथ मिल जाएगा, लेकिन इस प्लान के साथ एक शर्त भी जुड़ी है जिससे मानना जरूरी है. कौन सी है ये शर्त और आपको 601 रुपए खर्च करने पर कौन-कौन से फायदे मिलेंगे? चलिए जानते हैं. रिलायंस जियो की ऑफिशियल साइट के अनुसार, 601 रुपए वाला रिलायंस जियो प्लान यूजर्स के नॉन-5जी प्लान को 1 साल के लिए अनलिमिटेड 5G प्लान में अपग्रेड कर देता है.

Jio 601 Plan Eligibility

इस वाउचर के साथ जो शर्त है वो यह है कि आपके या फिर जिन्हें आप वाउचर गिफ्ट कर रहे हैं उनके जियो नंबर पर कम से कम 1.5 जीबी डेटा वाला प्लान एक्टिव होना चाहिए. इसका मतलब जिन यूजर्स के नंबर पर डेली 1 जीबी डेटा या फिर 1899 रुपए वाला एनुअल प्लान पहले से चल रहा है उन यूजर्स को 601 रुपए वाले प्लान का बेनिफिट नहीं मिलेगा. 601 रुपए खर्च करने के बाद आप लोगों को 12 वाउचर दिए जाएंगे, यानी हर महीने का एक वाउचर.

कैसे खरीदें?

पहला स्टेप: 601 रुपए वाला जियो वाउचर खरीदें, वाउचर खरीदने के लिए https://www.jio.com/gift/true-5g पर जाएं.

दूसरा स्टेप: आप अपना नंबर या फिर जिसे वाउचर गिफ्ट करना चाहते हैं उनका जियो नंबर डालें.

तीसरा स्टेप: पेमेंट करते ही नंबर पर प्लान एक्टिवेट हो जाएगा.

ऐसे मिलेगा फायदा

प्लान खरीदने के बाद वाउचर को एक-एक कर रिडीम करना होगा, वाउचर रिडीम करने के लिए माय जियो ऐप में जाएं. जैसे ही आप वाउचर रिडीम कर लेंगे आपको अनलिमिटेड 5जी डेटा का लुत्फ मिलेगा

एक पेड़ ने किसान को बनाया करोड़पति, कीतम इतनी की नोएडा में खरीद लेंगे 5 फ्लैट

एक पेड़ ने यवतमाल जिले के एक किसान को रातोंरात करोड़पति बना दिया. यह बात किसी को हजम नहीं होगी. लेकिन यह पुसद तालुका के खुर्शी के एक किसान की सच्चाई है. इस किसान का नाम केशव शिंदे है. एक पैतृक वृक्ष के कारण उन्हें अचानक यह लॉटरी जीत मिली. कोर्ट में अपील करने के बाद जब पेड़ की कीमत 4 करोड़ 97 लाख रुपए आंकी गई तो इसका खुलासा हुआ, जिससे हड़कंप मच गया.

केशव शिंदे के 7 एकड़ के पुश्तैनी खेत में एक पेड़ है. 2013-14 तक शिंदे परिवार को यह नहीं पता था कि यह पेड़ किस चीज़ का है. 2013-14 में रेलवे विभाग ने एक सर्वेक्षण कराया. उस समय कर्नाटक से कुछ लोग इस रेलवे लाइन को देखने आये थे. उन्होंने बताया कि यह वृक्ष रक्त चंदन है और इसका मूल्य क्या है. उस समय शिंदे परिवार पूरी तरह सदमे में था. इसके बाद रेलवे ने जमीन का अधिग्रहण कर लिया, लेकिन रेलवे विभाग पेड़ की कीमत चुकाने में अनिच्छुक रहा.

पेड़ की कीमत 4.97 करोड़

इसलिए, परिवार ने पेड़ का मूल्यांकन एक निजी संगठन से करवाया. उस समय इसकी कीमत 4 करोड़ 97 लाख रुपए बताई गई थी. लेकिन रेलवे ने इसे देने से इनकार कर दिया. इसलिए शिंदे परिवार अदालत चला गया. अदालत ने पेड़ के मूल्यांकन के लिए मुआवजे के रूप में एक करोड़ रुपये जमा करने का आदेश दिया था. अब इसमें से पचास लाख रुपए किसानों के खाते में जमा करने के आदेश दिए गए हैं. शिंदे परिवार को वह पैसा निकालने की अनुमति दे दी गई है. प्रारंभ में, शिंदे परिवार ने लाल चंदन के पेड़ का मूल्यांकन एक निजी इंजीनियर से करवाया था. हालांकि, तब रेलवे ने इसे अनदेखा कर दिया. क्योंकि यह बहुत अधिक था, तो शिंदे ने उच्च न्यायालय में मामला दायर किया.

सौ साल पुराना है पेड़

सौ साल पुराने चंदन के पेड़ के मुआवजे के रूप में मध्य रेलवे ने बॉम्बे उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ में एक करोड़ रुपये की राशि जमा कराई, जिसमें से नागपुर पीठ ने बैंक से 50 लाख रुपये निकालने की अनुमति दे दी. पीठ ने शिंदे को पूर्ण मुआवजा प्रदान करने के उद्देश्य से पेड़ का मूल्यांकन करने का भी आदेश दिया.

किसान को मिलेगा पूरा पैसा

पंजाब शिंदे की कृषि भूमि वर्धा-यवतमाल-नांदेड़ रेलवे परियोजना के लिए अधिग्रहित कर ली गई है. मूल्यांकन के बाद किसान को शेष राशि मिलेगी. याचिका पर न्यायमूर्ति अविनाश खरोटे और न्यायमूर्ति अभय मंत्री के समक्ष सुनवाई हुई. मुआवजे के संबंध में 8 फरवरी, 2018 को आदेश पारित किया गया तथा लाल चंदन व अन्य पेड़ों के संबंध में आदेश पिछली सुनवाई में दिए गए. इसके बाद रेलवे ने अदालत को बताया कि 200 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान नहीं किया गया है. 1 करोड़ रुपए कोर्ट में जमा करा दिए गए हैं.

वाराणसी में कदम रखते ही एक्शन में दिखे पीएम मोदी, रेप केस में कड़ी कार्रवाई के निर्देश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के वाराणसी पहुंचे. यह पीएम का वाराणसी का 50वां दौरा है. इस मौके पर वह 3,880 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे. पीएम ने वाराणसी दौरे के दौरान एयरपोर्ट पर उतरते ही वाराणसी के पुलिस आयुक्त, मंडल आयुक्त और जिलाधिकारी से कुछ दिन पूर्व शहर में घटी एक बलात्कार की घटना के बारे में विस्तार से जानकारी ली.

इसी के साथ पीएम मोदी ने पुलिस आयुक्त, मंडल आयुक्त और जिलाधिकारी से सभी दोषियों को चिह्नित करते हुए उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने और भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हो इस के लिए व्यापक व्यवस्थाएं करने को लेकर निर्देश दिए.

पीएम देंगे करोड़ों की सौगात

प्रधानमंत्री मोदी अपनी इस यात्रा के दौरान काशी की जनता को करोड़ों रुपए की सौगात देंगे. पीएम सेवापुरी विधानसभा के मेहंदीगंज में जनसभा को संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगभग 3884 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे.

पीएम मोदी 1629 करोड़ की 19 योजनाओं का लोकार्पण करेंगे तो वहीं 2255 करोड़ की 25 योजनाओं का शिलान्यास भी करेंगे. कुल 44 योजना और परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास पीएम करेंगे. प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए 4 हजार पुलिस बल तैनात किया गया है, सुरक्षा के चलते जमीन से आकाश तक की निगरानी की जाएगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीएम के आगमन को लेकर खुद कमान संभाल रखी है.

बुजुर्गों को देंगे आयुष्मान कार्ड

अपने इस दौरे के दौरान प्रधानमंत्री 70 वर्ष से ऊपर के आयुष्मान योजना के 3 बुजुर्ग लाभार्थी को अपने हाथों आसमान कार्ड देंगे. इसी के साथ प्रधानमंत्री तीन जी आई टैग प्राप्त लाभार्थियों को सर्टिफिकेट प्रदान करेंगे. 650 करोड़ के NH31 टनल का शिलान्यास करेंगे.मडुआडीह व भिखाड़ीपुर फ्लाईओवर का शिलान्यास करेंगे.

9 दिन तक 23 आरोपियों ने किया दुष्कर्म

हाल ही में वाराणसी में दिल दहला देने वाला एक ऐसा केस सामने आया है, जिससे हड़कंप मच गया. 19 साल की युवती के साथ 23 आरोपियों ने पूरे 9 दिन तक दुष्कर्म किया. इस केस में अब तक 9 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और बाकी आरोपियों की तलाश जारी है. आरोपी लगातार 9 दिन तक पीड़िता को अलग-अलग होटल में लेकर जाते थे और उसे नशीली पदार्थ देकर उसके साथ दुष्कर्म को अंजाम देते थे. इस केस में पुलिस ने बताया कि रेप पीड़िता ठीक है.बुजुर्गों को देंगे आयुष्मान कार्ड

अपने इस दौरे के दौरान प्रधानमंत्री 70 वर्ष से ऊपर के आयुष्मान योजना के 3 बुजुर्ग लाभार्थी को अपने हाथों आसमान कार्ड देंगे. इसी के साथ प्रधानमंत्री तीन जी आई टैग प्राप्त लाभार्थियों को सर्टिफिकेट प्रदान करेंगे. 650 करोड़ के NH31 टनल का शिलान्यास करेंगे.मडुआडीह व भिखाड़ीपुर फ्लाईओवर का शिलान्यास करेंगे.

खून से लिखा पत्नी का नाम हेमा…फिर 2 बच्चों की हत्या कर फंदे पर लटक गया युवक, 7 पन्नों में लिख गया ‘दर्द’

कर्नाटक के दावणगेरे के एसपीएस नगर से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां अपनी पत्नी की मौत के बाद युवक ने पहले अपने दोनों छोटे-छोटे बच्चों की हत्या कर दी और फिर खुद भी आत्महत्या कर ली. उसने आत्महत्या करने से पहले 7 पन्नों का सुसाइड नोट भी लिखा. इसके साथ ही दीवार पर खून से अपनी पत्नी का नाम लिखा.

35 वर्षीय उदय ने पहले अपनी चार साल की बेटी सिंधुश्री और तीन साल के बेटे श्रीजय की हत्या की. इसके बाद उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. दरअसल, कुछ महीने पहले उदय की पत्नी की किसी बीमारी के चलते मौत हो गई थी. पत्नी की मौत के बाद से उदय डिप्रेशन में रहने लगा था. इसके बाद उसने 10 अप्रैल, गुरुवार को अपने ही बच्चों की हत्या कर दी. उसने खुद आत्महत्या करने से पहले 7 पन्नों का सुसाइड नोट भी लिखा.

“मैं तुमसे प्यार करता हूं हेमा.”

यही नहीं उसने फांसी पर चढ़ने से पहले दीवार पर खून से अपनी पत्नी के नाम के साथ लिखा, “मैं तुमसे प्यार करता हूं हेमा.” उदय हावेरी जिले के रानेबेन्नूर तालुका के चालणारे का रहने वाला था. हेमा भी वहीं रहती थी. उदय और हेमा को एक-दूसरे से प्यार हो गया था, जिसके बाद उन दोनों ने शादी कर ली थी. उनकी शादी को ज्यादा साल नहीं हुए थे. दोनों के दो बच्चे थे, लेकिन 8 महीने पहले उदय की पत्नी हेमा की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी, जिसके बाद से उदय बुरी तरह से टूट गया था और डिप्रेशन में चला गया था. वह हर वक्त परेशान रहता था.

पहले की बच्चों की हत्या

वह अपने दुख से उभर नहीं पा रहा था. इसलिए उसने मरने का फैसला किया, लेकिन उसके मरने के बाद उसके बच्चों की देखभाल कौन करेगा. ये सोचकर उसने पहले बच्चों की हत्या की और फिर खुद की जान ले ली. उसने फांसी लगाकर आत्महत्या की, लेकिन आत्महत्या करने से पहले उसने दीवार पर खून से अपनी पत्नी के नाम के साथ लिखा कि वह उसे बहुत प्यार करता है. अब पुलिस मामले की जांच कर रही है.