बिहार: शुद्ध पेयजल में एक कदम आगे, 15 जिलों की पानी प्रयोगशाला को मिला NABL सर्टिफिकेट
बिहार सरकार की हर घर नल जल योजना के जरिए मिलने वाले शुद्ध पेयजल की गुणवत्ता की जांच कराने के लिए राज्य में 115 जल जांच प्रयोगशालाएं हैं. इनमें पानी की हर तरह की गुणवत्ता की जांच कराई जा सकती है. इनमें 15 जिला स्तरीय जल जांच प्रयोगशालाओं को नेशनल एक्रिडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लैबोरेटरीज (एनएबीएल) को सर्टिफिकेट प्राप्त हुआ है.
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15 जिलों की प्रयोगशालाएं हुईं प्रमाणित
बिहार के जिन 15 जिलों की जल जांच प्रयोगशालाओं को एनएबीएल सर्टिफिकेट मिला है, इनमें भागलपुर, आरा, सासाराम, बांका, गया, सहरसा, छपरा, मुजफ्फरपुर, मुंगेर, बिहारशरीफ, पूर्णिया, पटना, बेगूसराय, शेखपुरा और अररिया की जल जांच प्रयोगशालाओं को एनएबीएल का प्रमाण-पत्र मिला है. वहीं, बक्सर, जहानाबाद और अरवल जिलों की प्रयोगशालाओं का मूल्यांकन जारी है, जबकि बाकी प्रयोगशालाओं को प्रमाणित करने की भी प्रक्रिया चल रही है.
16 मानकों पर पानी की जांच
गौरतलब है कि प्रमाणित प्रयोगशालाओं में निर्धारित 16 मानकों पर पानी की गुणवत्ता की जांच होती है. बिहार की राजधानी पटना स्थित राज्यस्तरीय छज्जूबाग प्रयोगशाला, 38 जिलास्तरीय और अवर प्रमंडलीय 76 प्रयोगशालाओं में कई मानकों पर जांच होती है. इनमें पीएच स्तर, टीडीएस, कंडक्टिविटी, टर्बिडिटी, टोटल हार्डनेस, कुल क्षारीयता, क्लोराइड, सल्फेट, कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, फ्लोराइड, आर्सेनिक, नाइट्रेट, मैगनीज और कुल बैक्टीरिया की जांच होती है.
एनएबीएल सर्टिफिकेट के फायदे
एनएबीएल सर्टिफिकेट भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा जारी किया जाता है.इसके तहत प्रयोगशालाओं को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप मान्यता दी जाती है.गौरतलब है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में 1 लाख 46 हजार 487 जलस्रोतों, 34 हजार 379 स्कूलों और 44 हजार 052 आंगनबाड़ी केन्द्रों में पानी की गुणवत्ता की जांच की गई थी.
शुद्ध पेयजल की ओर एक बड़ा कदम
बिहार सरकार की इस पहल से न केवल पेयजल की गुणवत्ता बेहतर होगी बल्कि लोगों के स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.जल्द ही बाकी जिलों की जल जांच प्रयोगशालाओं को भी एनएबीएल सर्टिफिकेट दिलाने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी, जिससे हर नागरिक को शुद्ध और सुरक्षित पेयजल मुहैया हो सके.
Mar 28 2025, 10:13