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झारखंड सरकार ने अपने 1.62 लाख कर्मचारियों के लिए 1 मार्च से किया एक नई स्वास्थ्य बीमा योजना लागू


झारखंड सरकार ने अपने 1.62 लाख कर्मचारियों के लिए 1 मार्च से एक नई स्वास्थ्य बीमा योजना लागू कर दी है। इस योजना के तहत कर्मचारियों और उनके परिजनों को 5 लाख रुपए तक के कैशलेस इलाज की सुविधा प्राप्त होगी। इसके साथ ही, अगर जरूरत पड़ी, तो राज्य आरोग्य सोसाइटी के माध्यम से असीमित इलाज की सुविधा भी दी जाएगी। इस कदम का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराना है।

मेडिकल रीइंबर्समेंट की सुविधा बंद

 स्वास्थ्य बीमा योजना लागू होने के बाद राज्य सरकार ने पहले से चल रही मेडिकल रीइंबर्समेंट (चिकित्सा प्रतिपूर्ति) की सुविधा को बंद कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार, अब किसी भी चिकित्सा भुगतान पर रोक लगा दी गई है और इलाज के लिए मेडिकल एडवांस की सुविधा भी समाप्त कर दी गई है।

पंजीकरण में देरी, 1.60 लाख कर्मचारी असमंजस में

हालाँकि यह योजना कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन योजना लागू होने के 15 दिन बाद भी केवल 2000 कर्मचारियों का हेल्थ कार्ड ही बन पाया है। इस स्थिति में, लगभग 1.60 लाख कर्मचारी असमंजस में हैं कि आखिर उनका इलाज कैसे होगा। इसके अलावा, कर्मचारियों ने यह भी चिंता व्यक्त की है कि बीमा योजना के तहत जिन अस्पतालों को पैनल में शामिल किया गया है, उनमें प्रमुख अस्पतालों जैसे मेदांता, मेडिका, और क्यूरेस्टा शामिल नहीं हैं। पहले जब अस्पतालों में इलाज होता था, तो मेडिकल बोर्ड के माध्यम से बिलों की प्रतिपूर्ति की जाती थी, लेकिन अब यह व्यवस्था नहीं है। इस कारण कई कर्मचारी अधिकारियों से इसकी शिकायत कर चुके हैं।

स्वास्थ्य मंत्री का आश्वासन

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने इस मामले में कहा, “झारखंड सरकार ने अपने कर्मचारियों को सबसे अच्छी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई है। वे दुनिया के किसी भी कोने में इलाज करा सकते हैं। शुरुआत में कुछ परेशानियाँ हो सकती हैं, जिन्हें हम जल्द ही दूर कर देंगे। जिनका हेल्थ कार्ड अभी नहीं बना है, उनके लिए हम युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं और हेल्थ कार्ड बनाने का काम पूरा करेंगे।”

झारखंड सरकार ने अपने 1.62 लाख कर्मचारियों के लिए 1 मार्च से एक नई स्वास्थ्य बीमा योजना लागू कर दी है। इस योजना के तहत कर्मचारियों और उनके परिजनों को 5 लाख रुपए तक के कैशलेस इलाज की सुविधा प्राप्त होगी। इसके साथ ही, अगर जरूरत पड़ी, तो राज्य आरोग्य सोसाइटी के माध्यम से असीमित इलाज की सुविधा भी दी जाएगी। इस कदम का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराना है।

मेडिकल रीइंबर्समेंट की सुविधा बंद

स्वास्थ्य बीमा योजना लागू होने के बाद राज्य सरकार ने पहले से चल रही मेडिकल रीइंबर्समेंट (चिकित्सा प्रतिपूर्ति) की सुविधा को बंद कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार, अब किसी भी चिकित्सा भुगतान पर रोक लगा दी गई है और इलाज के लिए मेडिकल एडवांस की सुविधा भी समाप्त कर दी गई है।

पंजीकरण में देरी, 1.60 लाख कर्मचारी असमंजस में

हालाँकि यह योजना कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन योजना लागू होने के 15 दिन बाद भी केवल 2000 कर्मचारियों का हेल्थ कार्ड ही बन पाया है। इस स्थिति में, लगभग 1.60 लाख कर्मचारी असमंजस में हैं कि आखिर उनका इलाज कैसे होगा। इसके अलावा, कर्मचारियों ने यह भी चिंता व्यक्त की है कि बीमा योजना के तहत जिन अस्पतालों को पैनल में शामिल किया गया है, उनमें प्रमुख अस्पतालों जैसे मेदांता, मेडिका, और क्यूरेस्टा शामिल नहीं हैं। पहले जब अस्पतालों में इलाज होता था, तो मेडिकल बोर्ड के माध्यम से बिलों की प्रतिपूर्ति की जाती थी, लेकिन अब यह व्यवस्था नहीं है। इस कारण कई कर्मचारी अधिकारियों से इसकी शिकायत कर चुके हैं।

स्वास्थ्य मंत्री का आश्वासन

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने इस मामले में कहा, “झारखंड सरकार ने अपने कर्मचारियों को सबसे अच्छी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई है। वे दुनिया के किसी भी कोने में इलाज करा सकते हैं। शुरुआत में कुछ परेशानियाँ हो सकती हैं, जिन्हें हम जल्द ही दूर कर देंगे। जिनका हेल्थ कार्ड अभी नहीं बना है, उनके लिए हम युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं और हेल्थ कार्ड बनाने का काम पूरा करेंगे।”

बीमा कंपनी से करार, पेंशनरों को मिलेगा लाभ मई से

झारखंड सरकार ने इस स्वास्थ्य बीमा योजना के लिए टाटा एआईजी बीमा कंपनी से करार किया है। योजना लागू होने के बाद कर्मचारियों को मिल रहे 1000 रुपए मासिक मेडिकल भत्ते में से 500 रुपए काटकर बीमा प्रीमियम के रूप में लिया जा रहा है। सरकार को प्रति परिवार 4850 रुपए सालाना प्रीमियम का भुगतान करना होगा, और मार्च महीने का भुगतान पहले ही कर दिया गया है।

सिर्फ राज्यकर्मियों को पहले चरण में इस योजना में शामिल किया गया है, जबकि पेंशनरों और अन्य श्रेणियों के कर्मचारियों के लिए यह योजना 1 मई से लागू होगी।

पैनल में प्रमुख अस्पतालों को जोड़ने की आवश्यकता

झारखंड सचिवालय सेवा के अध्यक्ष ध्रुव प्रसाद ने इस योजना की सफलता के लिए कुछ अहम सुझाव दिए हैं। उन्होंने कहा, “बीमा कंपनी को अपने पैनल में रिम्स, सदर और एम्स जैसे प्रमुख अस्पतालों के साथ-साथ सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों को भी जोड़ना चाहिए। ताकि गंभीर बीमारियों का समय पर और उचित इलाज हो सके। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सभी कर्मचारियों का हेल्थ कार्ड जल्द से जल्द बन जाए, ताकि वे इस योजना का पूरा लाभ उठा सकें।”

न बाउंड्री, न बिजली. ये है केदला के अपग्रेड हाई स्कूल का हाल.


 कसमार (बोकारो) न बाउंड्री, न बिजली. ये है केदला के अपग्रेड हाई स्कूल का हाल. बोकारो जिले के कसमार प्रखंड के नक्सल प्रभावित क्षेत्र कहे जाने वाले हिसीम पहाड़ पर बसे केदला गांव में केदला उच्च विद्यालय है. कुछ वर्ष पहले ही इस विद्यालय का नया भवन बनकर तैयार हुआ है. नये भवन में बच्चों की पढ़ाई शुरू हुई. 

इस स्कूल को अब तक बिजली का कनेक्शन नहीं मिल पाया है. हालांकि, बिजली के कनेक्शन के लिए तत्कालीन प्राचार्य ने 16 अगस्त 2022 को ही जैनामोड़ विद्युत सब-स्टेशन के सहायक विद्युत अभियंता को पत्र लिखा था.

कंप्यूटर क्लास के लिए बच्चों को ले जाते हैं पुराने भवन में

तत्कालीन प्रधानाध्यापक ने कहा था कि नये भवन में बिजली का कनेक्शन नहीं होने के कारण बहुत सारे जरूरी कार्य नहीं हो पा रहे हैं. आवेदन के लगभग ढाई साल बीत जाने के बाद भी विभाग ने इस पर गंभीरता नहीं दिखायी है. बिजली कनेक्शन नहीं होने के कारण नये भवन में सीसीटीवी कैमरा, पंखा आदि चालू नहीं हो सका है. अन्य कई जरूरी काम भी बाधित हैं. इतना ही नहीं, बच्चों को कंप्यूटर क्लास के लिए विद्यालय के पुराने भवन में ले जाना पड़ता है.

चहारदीवारी नहीं होने से बच्चे हैं असुरक्षित

विद्यालय में चहारदीवारी नहीं होने के कारण बच्चे असुरक्षित हैं. ग्रामीणों ने कहा कि नये भवन का निर्माण तो कर दिया गया, लेकिन चहारदीवारी नहीं बनायी गयी है. ग्रामीणों ने कहा कि इस इलाके में जंगली हाथी समेत अन्य हिंसक जानवर आते रहते हैं.

अंग्रेजी की नहीं हो पा रही है स्कूल में पढ़ाई

विद्यालय में अंग्रेजी का शिक्षक नहीं होने से अंग्रेजीकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है. अंग्रेजी के शिक्षक दिव्येंदु चेल का स्थानांतरण प्लस टू उच्च विद्यालय हरनाद में कर दिया गया है. नये शिक्षक की पदस्थापना नहीं हुई है. इससे अंग्रेजी की पढ़ाई नहीं हो पा रही है.

बीस सूत्री अध्यक्ष ने जताया रोष

केदला गांव के निवासी प्रखंड बीस सूत्री समिति के अध्यक्ष दिलीप कुमार हेम्ब्रम ने विद्यालय में बिजली कनेक्शन नहीं दिये जाने पर बिजली विभाग पर रोष जताया है. दिलीप कुमार हेम्ब्रम ने कहा कि समस्या संज्ञान में आने के बाद उन्होंने खुद कई बार बिजली विभाग के अधिकारियों से बात की, लेकिन अधिकारी बेपरवाह हैं. उन्होंने कहा कि अगर जल्द स्कूल को बिजली कनेक्शन नहीं मिला, तो इसकी शिकायत सीधे मुख्यमंत्री से करेंगे.

गैंगस्टर अमन साहू का करीबी सिमडेगा से मधुपुर जेल किया जाएगा शिफ्ट,


एनकाउंटर में अमन साहू के मारे जाने के बाद उसके करीबियों पर पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. इसी के तहत उसके करीबी माने जानेवाले और सिमडेगा जेल में बंद आकाश राय उर्फ मानू राय को सिमडेगा से मधुपुर जेल में शिफ्ट किया जाएगा. इससे संबंधित आदेश गुरुवार को जारी किया गया गया है. कोर्ट ने सिमडेगा जेल में बंद आकाश राय को सुरक्षा व्यवस्था के बीच मधुपुर जेल में शिफ्ट करने को कहा है.

दूसरी ओर, कोर्ट की ओर से आदेश जारी होने के बाद आकाश राय भी डरा हुआ है. उसे यह भय सता रहा है कि कहीं उसका भी हाल अमन साहू जैसा न हो जाए. इसको लेकर उसने भी कोर्ट से सुरक्षा की गुहार लगाई है. सिमडेगा जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में पेशी के दौरान आकाश राय ने कोर्ट से अपनी सुरक्षा को लेकर गुहार लगाई. आकाश राय के मौखिक निवेदन और मामले के अभिलेख को देखने के बाद कोर्ट ने सिमडेगा-उपकारा अधीक्षक को निर्देश दिया कि किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करें.

आपको बता दें कि आकाश राय को सिमडेगा से मधुपुर जेल में शिफ्ट करने का इससे पहले भी आदेश दिया जा चुका है. मगर वह कई कारणों का हवाला देकर सिमडेगा जेल में ही रह गया था.

संथाल परगना को अलग राज्य बनाने की मांग को लेकर सांसद निशिकांत दुबे द्वारा दिए गए बयान पर भड़के इरफ़ान अंसारी

धनबाद : निशिकांत दुबे द्वारा लोकसभा में संथाल परगना को लेकर उठाए गए सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी का बड़ा बयान सामने आया है.

धनबाद पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सांसद निशिकांत दुबे खुद झारखंडी नहीं हैं. उन्हें यहां की भावनाओं का जरा भी अंदाजा नहीं है. वे लोगों की भावनाओं का जरा भी सम्मान नहीं करते. वे बेवजह संथालों को बदनाम करते हैं.

इरफान अंसारी ने कहा कि सदन के पटल पर हम संथाल परगना के लोगों को बांग्लादेशी कहा गया. हमें बांग्लादेशी कहना पूरी तरह से अशोभनीय है. हम इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे. सांसद को भगवान सद्बुद्धि दे.

आप लोग(भाजपा वाले) हमें बांग्लादेशी और घुसपैठिया कहकर यहां से चले गए. अब सिर्फ सांसद ही बचे हैं. इन्हें भी बांग्लादेशी का शुमार चढ़ गया है.

मंत्री ने कहा कि हमारी मांग है कि संथाल परगना हमारा अलग राज्य बने. जिस तरह झारखंड अलग राज्य बना, उसी तरह संथाल परगना भी अलग राज्य बने. ताकि हम दुमका पर ध्यान दे सकें. दुमका इसकी राजधानी बने, यही मेरी मांग है.

उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि दुमका में हमारा विधानसभा बने. ताकि एक सत्र रांची में और एक सत्र दुमका में हो. मुख्य उद्देश्य दुमका का विकास है. यह दिशोम गुरु शिबू सोरेन, हेमंत सोरेन और फुरकान अंसारी का सपना है. मंत्री इरफान अंसारी ने कहा कि सांसद ने बिना सोचे समझे बोल दिया. इससे हमारी भावनाएं आहत हुई हैं. हमें बांग्लादेशी कहा जा रहा है. अलग देश हो सकता है क्या संथाल परगना?

निशिकांत दुबे ने की थी अलग राज्य गठन की मांग

दरअसल, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने संथाल परगना को अलग राज्य बनाने की मांग की थी. निशिकांत दुबे ने लोकसभा में कहा था कि संथाल परगना में बढ़ती बांग्लादेशी घुसपैठ को रोकने के लिए अलग राज्य का गठन जरूरी है. उन्होंने कहा था कि घुसपैठियों के कारण आगामी परिसीमन में आदिवासियों की सीटें कम हो सकती हैं.

इसलिए परिसीमन से पहले घुसपैठियों को अलग किया जाए. उन्होंने कहा कि यह हिंदू-मुस्लिम का मुद्दा नहीं है.

सांसद निशिकांत दुबे ने कहा था कि 1951 से 2011 के बीच देश में मुस्लिम आबादी 4 फीसदी बढ़ी, जबकि संथाल परगना में यह आंकड़ा 15 फीसदी रहा. यह बांग्लादेशी घुसपैठ का नतीजा है. 1951 में संथाल परगना में आदिवासियों की आबादी 45 फीसदी थी, जो 2011 में घटकर 28 फीसदी रह गई. इस दौरान मुस्लिम आबादी 9 फीसदी से बढ़कर 24 फीसदी हो गई. उन्होंने यह भी कहा था कि जरूरत पड़ने पर झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने पर भी विचार किया जाना चाहिए.

इस सवाल के जवाब में कांग्रेस कोटे से झारखंड सरकार में मंत्री इरफान अंसारी ने कहा कि संथाल परगना में इतने घुसपैठिए घुस आए हैं कि हम सांसद निशिकांत दुबे से कहेंगे कि संथाल परगना को बर्बाद करा दीजिए, मरवा दीजिए, सभी को खत्म करा दीजिए. तभी उन्हें शांति और सुकून मिलेगा. उन्होंने कहा कि सांसद को ऐसी बातें नहीं कहनी चाहिए. सांसद की बातों से संथाल परगना के लोग बहुत नाराज हैं.

झारखंड-बिहार में लू का कहर मार्च से हीं शुरू,2 दिन में झारखंड के उच्चतम तापमान में धीरे-धीरे 2 से 3 डिग्री सेंटीग्रेड की हुई वृद्धि

झारखंड-बिहार में यूं तो लू का कहर अप्रैल मई में देखने को मिलता है, लेकिन इस बार मार्च से ही गरमी ने कहर ढाना शुरू कर दिया है। मौसम विभाग ने अभी से ही प्रदेश के कई हिस्सों में लू की चेतावनी जारी कर दी है।

इस मौसम विभाग ने दावा किया है कि पारा 45 डिग्री के पार जा सकता है। मौसम विभाग ने कहा है कि 2 दिन में झारखंड के उच्चतम तापमान में धीरे-धीरे 2 से 3 डिग्री सेंटीग्रेड की वृद्धि हो सकती है. इसके बाद 3 दिन तक इसमें किसी बड़े बदलाव की संभावना नहीं है.

मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि होली और उसके अगले पांच दिनों तक प्रदेश का मौसम गर्म रहने वाला है। देश के पश्चिम क्षेत्र से आ रही गर्म हवा से मार्च में ही झारखंड में हीट वेव चलेगी। राज्य के विशेष कर 6 जिलों के मौसम में बड़ा बदलाव नजर आएगा।

मौसम विभाग ने इसे लेकर यलो अलर्ट भी जारी किया है। अलर्ट में बताया गया है कि 15 और 16 मार्च को कोल्हान के साथ-साथ पलामू और गढ़वा सहित इसके निकटवर्ती इलाके में लू चलने की संभावना है।

14 मार्च को कोल्हान के इलाके में अधिकतम तापमान में बेतहाशा वृद्धि होगी। मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने बताया है कि इस इलाके का तापमान 40 डिग्री तक जा सकता है।

इन इलाके का तापमान तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचाने की संभावना है।मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ अभिषेक आनंद के अनुसार इन 6 जिलों के अतिरिक्त राज्य के सभी जिलों में अधिकतम तापमान में 3 से 5 डिग्री की वृद्धि होगी। मौसम विभाग ने कोल्हान सहित पलामू, गढ़वा के इलाके में यलो अलर्ट जारी किया है। साथ ही लोगों के गर्मी से बचने के लिए एडवाइजरी भी जारी की है।

मौसम विभाग की चेतावनी- 14 से 17 मार्च तक चलेगी उष्ण लहर=

मौसम विभाग ने झारखंड के लिए जो चेतावनी जारी की है, उसमें कहा है कि 14 मार्च 2025 से 17 मार्च 2025 तक प्रदेश के दक्षिण-पूर्वी और उत्तर-पश्चिमी हिस्से में कहीं-कहीं लू चलने की संभावना है. दक्षिण-पूर्वी भागों में पश्चिमी सिंहभूम, पूर्वी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां, तो उत्तर-पश्चिमी हिस्से के गढ़वा और पलामू में उष्ण लहर चलने की संभावना है.

झारखंड सरकार ने शुरू की एक और योजना : आप भी लाभ उठाएं

झारखंड सरकार ने मजदूरों के स्वास्थ्य का ख्याल रखने की कवायद शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री श्रमिक स्वास्थ्य जांच योजना के तहत निर्माण कार्य में लगे लगभग 11 से 12 लाख मजदूरों की स्वास्थ्य जांच मुफ्त में की जायेगी। नयी योजना के तहत मजदूरों का स्वास्थ्य कार्ड बनाया जायेगा. इस कार्ड के जरिए दो दर्जन प्रकार की जांचें फ्री में की जायेंगी.

सीबीसी, ईएसआर, ब्लड ग्रुप एंड आरएच फैक्टर, ब्लड एंड यूरीन शुगर फास्टिंग, स्टूल रूटीन, चेस्ट एक्स-रे, ईसीजी, थाइरॉएड प्रोफाइल, डी डायमर टेस्ट फॉर लंग्स, एएसटी, जीजीटीपी, बिलरुबिन, प्रोटीन, टोटल, कोलेस्ट्रॉल, एचडीएल एलडीएल, वीएलडीएल, ट्राइग्लिसराइड, एचडीएल-एलडीएल रेसियो, सीरम, क्रिएटनीन, ब्लड यूरिया नाइट्रोजन, यूरिक एसिड, एचबीएवनसी, अल्ट्रासाउंड होल एब्डोमेन.

जांच की व्यवस्था श्रम विभाग के अधीन आने वाले झारखंड भवन व सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के माध्यम से होगी. जांच पर आने वाला पूरा खर्च बोर्ड वहन करेगा. इसके लिए सरकार ने सूचीबद्ध लोक उपक्रमों के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस योजना पर तीन साल में कुल 470 करोड़ रुपये खर्च होंगे.

योजना का उद्देश्य राज्य के मजदूरों और उनके परिवार वालों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराना है. हेल्थ कार्ड के माध्यम से ही मजदूरों का पंजीयन होगा. इससे उन्हें नियमित स्वास्थ्य जांच और इलाज का लाभ मिलेगा।

गढ़वा में सोशल मीडिया पर विद्वेषपूर्ण पोस्ट करने वाले युवक को पुलिस ने किया गिरफ्तार

गढ़वा :- सोशल मीडिया पर विद्वेषपूर्ण पोस्ट करना युवक को महंगा पड़ गया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुये सोशल मीडिया पर विद्वेषपूर्ण पोस्ट करने वाले सदाब खान नामक युवक को गिरफ्तार कर लिया और उसे जेल भेज दिया गया।

गिरफ्तार युवक नगर ऊंटारी थाना क्षेत्र के चेचरिया का रहने वाला है। इस बात की जानकारी नगर बंशीधर के एसडीपीओ सत्येंद्र नारायण सिंह ने दी। 

वहीं नगर बंशीधर थाना में आयोजित प्रेसवार्ता मे इन सभी बात की जानकारी दी।एसडीपीओ ने बताया की नगर ऊंटारी थाना क्षेत्र के चेचरिया निवासी शेर मोहमद का पुत्र सदाब खान के द्वारा सोशल मीडिया पर विद्वेषपूर्ण पोस्ट किया गया था। जिसकी जांच के लिये नगर ऊंटारी के थाना प्रभारी आदित्य कुमार नायक के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया। जिसमें पुअनि संदीप कुमार रवि, सअनि अनुज कुमार सिंह, आरक्षी कौशल दुबे को शामिल किया गया था। 

टीम के द्वारा जांच के क्रम में मामले को सही पाते हुये सोशल मीडिया पर विद्वेषपूर्ण पोस्ट करने वाले सदाब खान नामक युवक को गिरफ्तार किया गया। साथ ही उसके पास से रियल मी कंपनी का मोबाईल बरामद किया गया। 

उन्होंने बताया कि सदाब खान के विरुद्ध मामला दर्ज कर उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। उन्होंने लोगों को सोशल मीडिया पर कोई भी आपत्तिजनक पोस्ट नहीं करने की अपील की है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुलिस इंस्पेक्टर रतन कुमार सिंह, थाना प्रभारी आदित्य नायक आदि मौजूद थे।

अमन साव का गैंग अब मयंक सिंह और राहुल सिंह चलाएंगे, सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी जानकारी

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : गैंगस्टर अमन साव के एनकाउंटर के बाद उसके गैंग के नए लीडर का नाम सामने आया है। अब अमन साव गैंग को उनके गुर्गे मयंक सिंह और राहुल सिंह द्वारा चलाया जाएगा। मयंक सिंह ने सोशल मीडिया के जरिए यह जानकारी दी है। 

मयंक सिंह ने अपने पोस्ट में साफ-साफ लिखा है कि BOSS को फर्जी एनकाउंटर में मारा गया है। मयंक सिंह ने लिखा है कि गैंग का संचालन अब मेरे (#MAYANK_SINGH) एवं #(RAHUL SINGH) के द्वारा किया जाऐगा। गैंग से जुड़े सभी लोगों एवं -BOSS से व्यक्तिगत रूप से जुड़े हुए सभी लोगों को ये बताना चाहता हूं कि आपलोग को किसी प्रकार की चिंता नहीं करनी है, अब हमारे बीच नहीं रहे हैं, मगर उनके का साथ हमेशा हमलोगों के साथ एवं ऊपर सदैव के लिए जरूर बना रहेगा।......

बता दे कि मंगलवार को झारखंड के बड़े गैंगस्टर अमन साव को रायपुर से झारखंड पुलिस से रांची ला रही थी इस बीच हमला होता है और अमन साहू पुलिस एनकाउंटर में मारा जाता।

इधर झारखंड पुलिस के दावे पर नजर दौड़ाएं तो मयंक सिंह की गिरफ्तारी हो चुकी है। सीबीआई की रेड कॉर्नर नोटिस के बाद वह अजर बैजान में नवंबर 2024 में हिरासत में लिया गया था।हालांकि, अजर बैजान में हिरासत में लिए जाने संबंधित खबर प्रकाशित होने के दूसरे ही दिन मयंक सिंह ने फेसबुक पोस्ट पर उक्त खबर का खंडन किया था।अगर अजर बैजान में पकड़ा गया शख्स मयंक सिंह है तो फेसबुक पोस्ट कर लगातार अपनी उपस्थिति दर्ज कराने वाला मयंक सिंह कौन है, यह सवाल अब भी बना हुआ है।

अमन साव का गैंग अब मयंक सिंह और राहुल सिंह चलाएंगे, सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी जानकारी

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : गैंगस्टर अमन साव के एनकाउंटर के बाद उसके गैंग के नए लीडर का नाम सामने आया है। अब अमन साव गैंग को उनके गुर्गे मयंक सिंह और राहुल सिंह द्वारा चलाया जाएगा। मयंक सिंह ने सोशल मीडिया के जरिए यह जानकारी दी है। 

मयंक सिंह ने अपने पोस्ट में साफ-साफ लिखा है कि BOSS को फर्जी एनकाउंटर में मारा गया है। मयंक सिंह ने लिखा है कि गैंग का संचालन अब मेरे (#MAYANK_SINGH) एवं #(RAHUL SINGH) के द्वारा किया जाऐगा। गैंग से जुड़े सभी लोगों एवं -BOSS से व्यक्तिगत रूप से जुड़े हुए सभी लोगों को ये बताना चाहता हूं कि आपलोग को किसी प्रकार की चिंता नहीं करनी है, अब हमारे बीच नहीं रहे हैं, मगर उनके का साथ हमेशा हमलोगों के साथ एवं ऊपर सदैव के लिए जरूर बना रहेगा।......

बता दे कि मंगलवार को झारखंड के बड़े गैंगस्टर अमन साव को रायपुर से झारखंड पुलिस से रांची ला रही थी इस बीच हमला होता है और अमन साहू पुलिस एनकाउंटर में मारा जाता।

इधर झारखंड पुलिस के दावे पर नजर दौड़ाएं तो मयंक सिंह की गिरफ्तारी हो चुकी है। सीबीआई की रेड कॉर्नर नोटिस के बाद वह अजर बैजान में नवंबर 2024 में हिरासत में लिया गया था।हालांकि, अजर बैजान में हिरासत में लिए जाने संबंधित खबर प्रकाशित होने के दूसरे ही दिन मयंक सिंह ने फेसबुक पोस्ट पर उक्त खबर का खंडन किया था।अगर अजर बैजान में पकड़ा गया शख्स मयंक सिंह है तो फेसबुक पोस्ट कर लगातार अपनी उपस्थिति दर्ज कराने वाला मयंक सिंह कौन है, यह सवाल अब भी बना हुआ है।

अमन साहू एनकाउंटर: चचेरे भाई और जीजा ने रिसीव किया शव, कहा - न्यूज से मिली थी जानकारी


पलामू: एनकाउंटर में मारे गए कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू का शव लेने परिजन बुधवार की देर शाम पलामू पहुंचे. जहां पलामू के चैनपुर थाना की पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया.देर शाम अमन साहू के जीजा संतोष कुमार और चचेरा भाई कृष्णा साहू और अन्य ग्रामीण शव लेने मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज व अस्पताल पहुंचे. उसके जीजा संतोष कुमार और चचेरे भाई कृष्णा साहू ने बताया कि खबर के माध्यम से उन्हें जानकारी मिली थी, जिसके बाद वे शव लेने पलामू पहुंचे हैं. पुलिस ने भी उन्हें सूचना दी थी कि अमन साहू एनकाउंटर में मारा गया है. अमन साहू रांची के बुढ़मू थाना क्षेत्र के मतवे गांव का रहने वाला था.

दरअसल, पलामू के चैनपुर थाना क्षेत्र के अंधारी ढोढ़ा में एटीएस की टीम ने एनकाउंटर में अमन साहू को मार गिराया था. अमन साहू को छत्तीसगढ़ के रायपुर से रांची के होटवार जेल में शिफ्ट किया जा रहा था. इसी क्रम में पलामू के इलाके से गुजरते समय एटीएस टीम पर उसके गिरोह ने हमला कर दिया.इस दौरान अमन साहू को छुड़ाने का प्रयास भी किया गया.

 जिसके बाद एटीएस की जवाबी कार्रवाई में अमन साहू मारा गया. मंगलवार रात मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में अमन साहू के शव का पोस्टमार्टम कराया गया.इस दौरान अमन साहू को छुड़ाने का प्रयास भी किया गया. जिसके बाद एटीएस की जवाबी कार्रवाई में अमन साहू मारा गया. 

मंगलवार रात मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में अमन साहू के शव का पोस्टमार्टम कराया गया.

इसके पूर्व मीडिया में यह खबर आ रही थी अमन साहू का शव उसके परिवार लेने से इंकार किया जबकि, एक न्यूज़ चैनल से बात करते हुए उसके माता पिता ने इस तरह के किसी बात से इंकार किया. उसका कहना हैं कि उसे जब फोन आया उस समय रात हो गया था. उसने सिर्फ इतना कहा था कि अभी रात हो गया, इस लिए वे नहीं आ सकते. उसका शव हमारे घर तक पहुंचा दीजिये.

इस इनकाउंटर पर भी मां बाप ने सवाल उठाया और कहा उसे साजिश के तहत मारा गया. इस लिए इसकी सिबीआई जाँच हो.