नियम के वाबजूद कोल इंडिया में 2017 से नहीं मिल रही अनुकम्पा पर नौकरी, राज्यसभा में सांसद संजय सिंह ने उठाया मामला
धनबाद: देश की कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया में मेडिकल अनफिट पर नौकरी का नियम है, लेकिन नौकरी दी नहीं जा रही है. यह मुद्दा सोमवार को राज्यसभा में उठा. राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने मामला उठाते हुए कहा कि नियम होने के बाद भी कोल इंडिया में मेडिकल बोर्ड की क्रियाशीलता नहीं है. उन्होंने आंकड़ा दिया कि 18 नवंबर 2017 से ही मेडिकल अनफिट की सुविधा कोयलाकर्मियों को नहीं मिल रही है. उन्होंने मांग की है कि इस मामले की जांच करा कर कोयलाकर्मियों के आश्रितों को अनुकंपा पर नौकरी दी जाए.
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बता दें कि कोल इंडिया के नियम के अनुसार यदि कोई कर्मचारी मेडिकल रूप से अनफिट हो जाता है, तो उसे सेवा से हटा दिया जाता है.
नियम तो है लेकिन 2017 से नहीं हुई है नियुक्ति
साथ ही उसकी जगह पर उसके आश्रित को अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने का प्रावधान है. मेडिकल अनफिट के पहले मेडिकल बोर्ड के गठन का नियम है. जिसमें विशेषज्ञ डॉक्टर शामिल होते है. पिछले 7 वर्षों से कोल इंडिया और उसकी सहायक कंपनियों में यह नियम अघोषित रूप से बंद है. इस वजह से कोल इंडिया और उसकी सहायक कंपनियों में हजारों मामले लंबित है. यह भी सूत्र बताते हैं कि एनसीडब्ल्यू ए-11 समझौता के समय कोल इंडिया प्रबंधन ने यह साफ किया था कि यह व्यवस्था यथावत चालू रहेगी. लेकिन व्यवहार और कागज में यह चालू नहीं है.
कोयलाकर्मी और उनके आश्रित कोल इंडिया से लगातार गुहार लगा चुके हैं, फिर भी प्रबंधन टस से मस नहीं हुआ है.
कोल इंडिया ने कुछ दिन पहले अधिकारियों के आश्रितों के नियोजन नीति में किया था संशोधन
बता दें कि कुछ दिनों पहले कोल इंडिया के कर्मचारियों के आश्रितों को नियोजन की नई नीति के बाद अधिकारियों के आश्रितों के नियोजन के नियम में भी संशोधन किया था. संशोधित नियम में कोयला अधिकारियों के आश्रितों को अनुकंपा पर नियोजन में बड़ी राहत मिली थी. प्रबंधन ने अधिकारियों के आश्रितों के अनुकंपा पर नियोजन संबंधी नीति में संशोधन करते हुए गैर अधिकारियों की तरह कम उम्र के बच्चे को लाइव रोस्टर में शामिल करने तथा परिवार में किसी आश्रित के नौकरी में रहने के बाद भी अनुकंपा पर दूसरे आश्रित को नौकरी देने पर सहमति दे दी थी .
नियम कुछ इस तरह का किया गया था बदलाव
पूर्व में अधिकारियों की मौत पर कम उम्र के बच्चे का नाम लाइव रोस्टर में शामिल करने का प्रावधान नहीं था. परिवार का कोई सदस्य यदि कहीं भी नौकरी में है, तो दूसरे आश्रित को नौकरी नहीं मिलती थी. संशोधित नीति में बताया गया था कि यदि किसी अधिकारी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके पति या पत्नी के पास अनुकंपा पर नौकरी का विकल्प होगा. शर्त यही होगी कि आयु 45 वर्ष से कम होनी चाहिए. 18 वर्ष से अधिक और 35 वर्ष से कम आयु वाले अधिकारियों के आश्रितों को भी अनुकंपा पर नौकरी दी जाएगी.
Feb 11 2025, 16:26