/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png StreetBuzz दिल्ली की 1700 कॉलोनियां होंगी वैध, सरकार बनन के बाद बीजेपी निभाएगी अपना वादा? India
दिल्ली की 1700 कॉलोनियां होंगी वैध, सरकार बनन के बाद बीजेपी निभाएगी अपना वादा?
#bjp_won_delhi_did_1700_unauthorised_colony_will_regularise

दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों ने सभी को हैरान कर दिया, लगातार पिछले तीन चुनावों से जीत हासिल करती आ रही आम आदमी पार्टी को बुरी तरह शिकस्त का सामना करना पड़ा है। साथ ही लंबे अरसे से राजधानी में सत्ता की तलाश में लगी भारतीय जनता पार्टी ने शानदार तरीके से वापसी की है। बीजेपी की जीत के साथ दिल्ली में रहनेवाले लाखों लोगों की उम्मीदों को नए पंख लग गए हैं। लोग सरकार बदलने के बाद उम्मीद कर रहे हैं कि पिछली सरकार में जिन परेशानियों से उन्हें दो-चार होना पड़ा था, उससे छुटकारा मिल जाएगा। इन्हीं लोगों में राजधानी की करीब 1700 अवैध कॉलोनियों में रहने वालों लोग भी शामिल हैं।

दरअसल, बीजेपी ने चुनाव के दौरान वादा किया ता कि अगर उनकी सरकार बनती है तो 1700 अनधिकृत कॉलोनियों को मालिकाना हक देंगे। बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में 1700 अवैध कॉलोनियों को रेग्युलराइज करने का वादा किया है। सरकार इन लोगों को अपने घर का पूरा मालिकाना अधिकार देगी। ताकि वे उन्हें दिल्ली के शहरी विभाग के नियमों के हिसाब से बना सकें या री-कंस्ट्रक्ट कर सकें।

बीजेपी के घोषणापत्र के मुताबिक इन कॉलोनियों को रेग्युलराइज करके यहां पर सड़क, सीवेज, ड्रेनेज, पानी और बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएं पहुंचाई जानी है। इतना ही नहीं, बीजेपी ने दिल्ली में एक ‘कॉलोनी अपग्रेडेशन कमीशन’ बनाने का भी ऐलान किया है। ये कमीशन इन अवैध कॉलोनियों में कम्युनिटी सेंटर, सड़क, ड्रेनेज सिस्टम, कचरा का संग्रह, सीवेज सिस्टम जैसी सुविधाओं को डेवलप करने का काम करेगी। केंद्र सरकार की ‘जल जीवन मिशन’ योजना के माध्यम से बीजेपी ने इन कॉलोनियों ने हर घर में नल से जल पहुंचाने का भी वादा किया है।
शिवसेना ने सामना के संपादकीय में फिर कांग्रेस पर निशाना साधा, दिल्ली में “आप” की हार का फोड़ा ठीकरा
#delhi_elections_result_congress_targeted_in_shiv_sena_saamna
दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत और आम आदमी पार्टी की हार के बाद इंडिया गठबंधन के नेता नतीजों को लेकर बयानबाजी कर रहे हैं। कुछ नेताओं ने आम आदमी पार्टी की हार का कारण कांग्रेस और 'आप' का अलग-अलग चुनाव लड़ना बताया है। इसकी शुरुआत शनिवार को मतगणना के शुरुआती रुझानों के साथ हुई। जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने तंज कसते हुए एक्स पर एक पोस्ट किया। इसके बाद इंडिया गंठबंधन के कई और नेताओं ने एक के बाद एक बयान दिए। इन नेताओं का कहना है कि अगर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी एक साथ बीजेपी के ख़िलाफ लड़ती तो नतीजे कुछ और हो सकते थे। अब दिल्ली में हुई आम आदमी पार्टी की हार पर अब उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच दरार का फायदा बीजेपी ने उठाया है।

दिल्ली में आम आदमी पार्टी की हार की हार के बाद शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में कांग्रेस पर जमकर हमला बोल गया है। संपादकीय में लिखा कि कांग्रेस हमेशा की तरह दिल्ली में कद्दू भी नहीं फोड़ पाई। संपादकीय में कांग्रेस से पूछा गया कि क्या कांग्रेस पार्टी में कोई छिपी हुई ताकतें हैं, जो हमेशा राहुल गांधी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना चाहती हैं? अगर कांग्रेस नेता यह कह रहे हैं कि आप को जिताना कांग्रेस की जिम्मेदारी नहीं है तो यह गलती है और एक तरह का अहंकार है तो क्या मोदी-शाह की तानाशाही को जिताने की जिम्मेदारी आपस में लड़ने वालों की है?

'सामना' के संपादकीय में लिखा गया, दिल्ली में आप और कांग्रेस दोनों ने एक-दूसरे का नुकसान करने के लिए लड़ाई लड़ी, जिससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री के लिए चीजें आसान हो गईं। अगर यह जारी रहा तो गठबंधन क्यों करें? बस अपने दिल की इच्छा के अनुसार लड़ो! बता दें कि दिल्ली चुनाव के प्रचार के दौरान आप और कांग्रेस दोनों ने एक-दूसरे पर कई हमले किए थे।

'सामना' के संपादकीय में दावा किया गया कि यदि विपक्षी दल दिल्ली चुनाव परिणामों से सीख लेने में विफल रहे, तो इससे मोदी और शाह के अधीन निरंकुश शासन को ही मजबूती मिलेगी। ‘सामना’ में लिखा कि उमर अब्दुल्ला की तरफ से व्यक्त किया गया गुस्सा व्यावहारिक है। वह ठीक ही कहते हैं कि आपस में जी भर के लड़ो और एक-दूसरे को खत्म करो। कांग्रेस को आप की हार का कारण बताते हुए कहा गया है कि दिल्ली 14 सीटों पर आप की हार में कांग्रेस का हाथ रहा है। हरियाणा में भी यही हुआ था। सामना में पू्छा गया कि आप से लड़ने के बाद आखिर कांग्रेस के हाथ क्या लगा?
“कांग्रेस को अपनी राजनीतिक रणनीति को स्पष्ट करने की जरूरत”, बिहार में चुनाव से पहले अपनों की सलाह
#delhi_chunav_result_congress_mp_tariq_anwar_question_party_leadership

पीएम मोदी की अगुवाई वाली बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने के लिए विपक्षी दलों ने पूरे जोश के साथ इंडिया गठबंधन का गठन किया था। विपक्ष के एक साथ आने का सियासी लाभ भी 2024 के लोकसभा चुनाव में मिला। इंडिया गठबंधन भले ही सत्ता में वापसी न कर सका हो, लेकिन बीजेपी को अपने दम पर बहुमत का आंकड़ा नहीं छूने दिया। नरेंद्र मोदी को सरकार बनाने के लिए सहयोगी दलों की बैसाखी का सहारा लेना पड़ा था, लेकिन उसके बाद हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली चुनाव में बीजेपी ने जीत दर्ज सारा हिसाब बराबर कर लिया है। लोकसभा चुनाव के बाद कई राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद गठबंधन के साथियों ने कांग्रेस की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाए। अब दिल्ली में हुई शर्मनामक शिकस्त के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता तारिक अनवर ने कांग्रेस नेतृत्व पर बड़ा सवाल किया है।

बिहार के कटिहार से लोकसभा सांसद तारिक अनवर ने एक्स पर एक पोस्ट में कांग्रेस नेतृत्व से पार्टी की रणनीति, भविष्य की योजना समेत कई बातें स्पष्ट करने का तल्ख सवाल किया है। तारिक अनवर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “कांग्रेस को अपनी राजनीतिक रणनीति को स्पष्ट करने की जरूरत है। उसे यह तय करना होगा कि वह गठबंधन की राजनीति करेगी या अकेले चलेगी।” पूर्व कांग्रेस महासचिव अनवर ने कहा, ‘‘साथ ही, पार्टी के संगठन में आमूलचूल परिवर्तन करना भी जरूरी हो गया है।’’ तारिक अनवर ने कांग्रेस पार्टी को टैग करते हुए यह बात कही है

बिहार के सांसद की पीड़ा यूं ही नहीं है। अगले कुछ महीने में बिहार में चुनाव हैं और उन्होंने गठबंधन राजनीति पर जो कहा है, उसके मायने हैं। दरअसल, दिल्ली में कांग्रेस ने विधानसभा का चुनाव अकेले लड़ा था। राष्ट्रीय राजधानी में पार्टी का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है क्योंकि कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल सकी। यहां पार्टी को केवल 6 फीसदी से अधिक वोट मिले। ऐसी संभावना है कि दिल्ली में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन का असर बिहार में देखने को मिल सकता है।

वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी ने भी दिल्ली में बीजेपी की जीत के लिए अपनी ही पार्टी पर ठीकरा फोड़ा है। उनका कहना है कि यदि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने गठबंधन में यह चुनाव लड़ा होता तो नतीजा ऐसा नहीं होता। अल्वी ने कांग्रेस हाईकमान को सहयोगियों के सम्मान की नसीहत देते हुए यह भी कहा कि बीजेपी की जीत से मुसलमानों के बीच काफी चिंता है।
“14 करोड़ लोगों को नहीं मिल रहा हक, जनगणना में पहली बार इतनी देरी” सोनिया ने संसद में उठाए सवाल
#sonia_gandhi_demands_govt_to_conduct_population_census_at_earliest

कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी ने राज्यसभा के शून्यकाल के दौरान जाति जनगणना को लेकर केंद्र की मोदी सरकार को घेरा। सोनिया गांधी ने जल्द से जल्द जाति जनगणना कराने की मांग उठाई। सोनिया गंधी ने कहा कि देश में करीब 14 करोड़ लोग खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के तहत मिलने वाले लाभ से वंचित हो रहे हैं। राज्यसभा में अपने पहले शून्यकाल संबोधन में सोनिया गांधी ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के लाभार्थियों की पहचान 2011 की जनगणना के आधार पर की जा रही है, जबकि देश की जनसंख्या अब काफी बढ़ चुकी है। 

सोनिया गांधी ने कहा कि आजाद भारत के इतिहास में पहली बार दस-वर्षीय जनगणना चार साल से ज्यादा की देरी से हो रही है। इसे 2021 में किया जाना था लेकिन अभी तक सरकार ने कोई जानकारी नहीं दी है कि इसे कब पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बजट आवंटन को देखते हुए ऐसा लगता है कि इस साल भी जनगणना नहीं होगी। इस वजह से लगभग 14 करोड़ योग्य भारतीय अपने अधिकारों से वंचित रह रहे हैं।

सोनिया गांधी ने बताया कि, यूपीए सरकार के दौरान इस कानून को लाया गया था जिसका मुख्य उद्देश्य नागरिकों को खाद्यान्न और पोषण मिल सके ये सुनिश्चित करना था। कांग्रेस सांसद ने बताया कि 2013 में यूपीए सरकार के ज़रिए शुरू किया गया यह कानून देश के 140 करोड़ लोगों को भोजन और पोषण सुरक्षा देने के लिए लाया गया था। कोरोना महामारी के दौरान इस कानून ने करोड़ों गरीब परिवारों को भुखमरी से बचाने में मदद की।

कांग्रेस नेता ने बताया कि गांवों में 75% और शहरों में 50% आबादी को सस्ते अनाज का लाभ देने वाला यह कानून 2011 की जनगणना के आंकड़ों पर आधारित है। उस समय, कुल लाभार्थियों की संख्या 81.35 करोड़ थी, लेकिन आज 14 करोड़ और लोग इसके हकदार हैं, जो लाभ से वंचित हो रहे हैं।  सोनिया ने आगे कहा कि इस योजना के तहत लाभार्थियों का कोटा अभी भी 2011 की जनगणना की बुनियाद पर तय किया जा रहा है, जबकि यह जनगणना अब 10 साल से भी पुरानी हो चुकी है।

उन्होंने सरकार से जल्द से जल्द जनगणना पूरी करने और सभी पात्र लोगों को एनएफएसए के तहत उचित लाभ देने की अपील की। सोनिया गांधी ने जोर देकर कहा, 'खाद्य सुरक्षा कोई विशेषाधिकार नहीं, बल्कि एक मौलिक अधिकार है।' बता दें कि सरकार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत 1 जनवरी 2024 से अगले 5 साल तक मुफ्त अनाज वितरण की योजना जारी रखेगी।
'मैं अपने दोस्त ट्रंप से मिलने के लिए उत्सुक'; फ्रांस-अमेरिका की यात्रा से पहले बोले पीएम मोदी
#pm_modi_france_america_trip

प्रधानमंत्री मोदी अपने विदेश दौरे के लिए रवाना हो चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी AI एक्शन समिट की सह-अध्यक्षता करने के लिए फ्रांस रवाना हुए। फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों और प्रधानमंत्री मोदी फ्रांस में पहले भारतीय वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन करने और अंतर्राष्ट्रीय थर्मोन्यूक्लियर प्रायोगिक रिएक्टर परियोजना का दौरा करने के लिए मार्सिले भी जाएंगे। फ्रांस से पीएम मोदी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के न्योते पर अमेरिका की दो दिवसीय यात्रा पर जाएंगे। अपने दौरे से पहले पीएम मोदी ने कहा है कि मैं अपने दोस्त ट्रंप से मिलने के लिए उत्सुक हूं।

पीएम मोदी ने आज देश से बाहर जाने से पहले एक बयान में कहा, अगले कुछ दिनों में मैं विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के लिए फ्रांस और अमेरिका में रहूंगा। फ्रांस यात्रा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वह राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के निमंत्रण पर फ्रांस का दौरा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह एआई एक्शन समिट की सह-अध्यक्षता करने के लिए उत्सुक हैं। इसमें वे समावेशी, सुरक्षित और भरोसेमंद तरीके से नवाचार और व्यापक सार्वजनिक भलाई के लिए एआई प्रौद्योगिकी के सहयोगात्मक दृष्टिकोण पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि यह यात्रा भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी के लिए 2047 के रोडमैप पर प्रगति की समीक्षा करने का अवसर भी होगी।

पीएम मोदी ने अमेरिका यात्रा को लेकर कहा कि वह हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले डोनाल्ड ट्रंप से मिलने के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने आगे कहा कि उनकी अमेरिकी यात्रा भारत-अमेरिका के रिश्तों को और मजबूत करेगी। हम दोनों देशों के लोगों के पारस्परिक लाभ के लिए मिलकर काम करेंगे और दुनिया के लिए बेहतर भविष्य को आकार देंगे। मेरे पास भारत और अमेरिका के बीच व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी के निर्माण में उनके पहले कार्यकाल में एक साथ काम करने की बहुत अच्छी यादें हैं।
ट्रंप अब स्टील और एल्युमिनियम पर भी लगाएंगे टैरिफ, भारत पर क्या होगा असर?
#donald_trump_to_impose_25_percent_tariff_on_steel_and_aluminium
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सत्ता में आने के बाद से ही नए-नए एलान कर रहे हैं, जिनका असर पूरी दुनिया पर पड़ रहा है। अब डोनाल्ड ट्रंप ने एक नया एलान किया है, उन्होंने कहा है कि वे स्टील और एल्युमीनियम के आयात पर 25 फीसदी टैरिफ लगाएंगे। इस संबंध में ट्रंप जल्द ही आधिकारिक एलान करेंगे।

डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को एयर फोर्स वन पर मीडिया के साथ बातचीत करते हुए कहा था कि अमेरिका आने वाले सभी देशों के मेटल पर टैरिफ लगाया जाएगा। इसके साथ ही ट्रंप ने ये भी कहा था कि जो देश अमेरिकी सामानों के इंपोर्ट पर टैक्स लगाते हैं, उन देशों के लिए भी इस हफ्ते के आखिर में टैरिफ की घोषणा की जाएगी।

डोनाल्ड ट्रंप के स्टील और एल्यूमिनियम पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने का सबसे ज्यादा कनाडा और मेक्सिको पर होगा। आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका अपना स्टील सबसे ज्यादा कनाडा, ब्राजील और मेक्सिको से ही मंगवाता है। इनके अलावा अमेरिका दक्षिण कोरिया, वियतनाम से भी स्टील मंगवाता है तो ट्रंप के टैरिफ लगाने के फैसले से ये देश सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। खासकर कनाडा, क्योंकि अमेरिका ने साल 2024 के पहले 11 महीनों में कनाडा से अपनी जरूरत का करीब 79 फीसदी स्टील मंगवाया था। वहीं अमेरिका अपना सबसे ज्यादा एल्युमीनियम मेक्सिको से मंगवाता है। 

बताते चलें कि ट्रंप ने कनाडा और मेक्सिको पर बीते दिनों 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का एलान किया था। हालांकि बाद में ट्रंप ने दोनों देशों पर टैरिफ लगाने के अपने फैसले को 30 दिनों के लिए टाल दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रंप फार्मास्यूटिकल, तेल और सेमीकंडक्टर जैसी चीजों पर भी टैरिफ लगा सकते हैं और फिलहाल इस पर विचार हो रहा है। ट्रंप, अमेरिकी अर्थव्यवस्था को बेहतर करने और व्यापार घाटे को कम करने के लिए ये कदम उठा रहे हैं, लेकिन इन कदमों से पूरी दुनिया पर आर्थिक असर हो रहा है।

ट्रंप जब पहली बार अमेरिका के राष्ट्रपति बने थे, तब उन्होंने स्टील पर 25 प्रतिशत और एल्युमीनियम पर 10 प्रतिशत टैरिफ की घोषणा की थी। हालांकि, उस समय उन्होंने अपने कई पार्टनर्स को राहत दी थी और उनमें कनाडा, मेक्सिको और ब्राजील भी शामिल थे।
ट्रंप अब स्टील और एल्युमिनियम पर भी लगाएंगे टैरिफ, भारत पर क्या होगा असर?
#donald_trump_to_impose_25_percent_tariff_on_steel_and_aluminium
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सत्ता में आने के बाद से ही नए-नए एलान कर रहे हैं, जिनका असर पूरी दुनिया पर पड़ रहा है। अब डोनाल्ड ट्रंप ने एक नया एलान किया है, उन्होंने कहा है कि वे स्टील और एल्युमीनियम के आयात पर 25 फीसदी टैरिफ लगाएंगे। इस संबंध में ट्रंप जल्द ही आधिकारिक एलान करेंगे।

डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को एयर फोर्स वन पर मीडिया के साथ बातचीत करते हुए कहा था कि अमेरिका आने वाले सभी देशों के मेटल पर टैरिफ लगाया जाएगा। इसके साथ ही ट्रंप ने ये भी कहा था कि जो देश अमेरिकी सामानों के इंपोर्ट पर टैक्स लगाते हैं, उन देशों के लिए भी इस हफ्ते के आखिर में टैरिफ की घोषणा की जाएगी।

डोनाल्ड ट्रंप के स्टील और एल्यूमिनियम पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने का सबसे ज्यादा कनाडा और मेक्सिको पर होगा। आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका अपना स्टील सबसे ज्यादा कनाडा, ब्राजील और मेक्सिको से ही मंगवाता है। इनके अलावा अमेरिका दक्षिण कोरिया, वियतनाम से भी स्टील मंगवाता है तो ट्रंप के टैरिफ लगाने के फैसले से ये देश सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। खासकर कनाडा, क्योंकि अमेरिका ने साल 2024 के पहले 11 महीनों में कनाडा से अपनी जरूरत का करीब 79 फीसदी स्टील मंगवाया था। वहीं अमेरिका अपना सबसे ज्यादा एल्युमीनियम मेक्सिको से मंगवाता है। 

बताते चलें कि ट्रंप ने कनाडा और मेक्सिको पर बीते दिनों 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का एलान किया था। हालांकि बाद में ट्रंप ने दोनों देशों पर टैरिफ लगाने के अपने फैसले को 30 दिनों के लिए टाल दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रंप फार्मास्यूटिकल, तेल और सेमीकंडक्टर जैसी चीजों पर भी टैरिफ लगा सकते हैं और फिलहाल इस पर विचार हो रहा है। ट्रंप, अमेरिकी अर्थव्यवस्था को बेहतर करने और व्यापार घाटे को कम करने के लिए ये कदम उठा रहे हैं, लेकिन इन कदमों से पूरी दुनिया पर आर्थिक असर हो रहा है।

ट्रंप जब पहली बार अमेरिका के राष्ट्रपति बने थे, तब उन्होंने स्टील पर 25 प्रतिशत और एल्युमीनियम पर 10 प्रतिशत टैरिफ की घोषणा की थी। हालांकि, उस समय उन्होंने अपने कई पार्टनर्स को राहत दी थी और उनमें कनाडा, मेक्सिको और ब्राजील भी शामिल थे।
राजनीति का वो चमकता सितारा, तेजी से बढ़ा जिसका ग्राफ, उतनी ही तेज गिरा, क्या रही वजहें?
#kejriwals_political_journey_graph_fell_as_fast_as_it_grew

राजधानी दिल्‍ली में आम आदमी की पार्टी की सरकार 10 साल की सत्‍ता के बाद ढह गई। राष्‍ट्रीय राजनीति में तेजी से उभर रहे अरविंद केजरीवाल की साख को भी इस हार ने बट्टा लगा दिया। लगभग सभी विधानसभा क्षेत्रों में आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। पिछले विधानसभा चुनाव के आंकड़ों से तुलना करें तो इस बार आप को 65 सीटों पर वोट शेयर का नुकसान हुआ। वहीं पार्टी को सिर्फ़ पांच सीटों पर वोट शेयर में बढ़ोतरी हासिल हो सकी। आप के वोट शेयर में सबसे ज़्यादा गिरावट ओखला, संगम विहार और मुस्तफ़ाबाद सीटों पर दिखाई दी। पार्टी ने इन सभी तीन सीटों पर साल 2020 में 50 फ़ीसदी से अधिक वोट हासिल किए थे। जिन सीटों पर इसका वोट शेयर बढ़ा उनमें बदरपुर, गांधीनगर और सीलमपुर शामिल हैं। आप को साल 2020 में 48 सीटों पर 50 फीसदी से अधिक वोट मिला था। इस चुनाव में उसे सिर्फ 12 सीटों पर ही 50 फ़ीसदी से अधिक वोट मिल सके हैं। ये आंकड़े गवाही हैं कि जिस तेजी से केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी का ग्राफ उपर गया, उतनी ही तेजी से ढलता दिखाई दिया।

देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ 13 साल पहले खड़े हुए आंदोलन से निकल कर अरविंद केजरीवाल ने राजनीति में कदम रखा। केजरीवाल ने अपने पहले ही सियासी मैच में शानदार प्रदर्शन कर सभी को चौंका दिया था। इसके बाद दिल्ली में तीन बार सरकार बनाई, जिसमें एक बार गठबंधन और दो बार प्रचंड बहुमत के साथ। इसके साथ ही आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय फलक पर पहचान दिलाई।

*जब ब्रैंड मोदी भी बेबस नजर आया*
केजरीवाल के करिश्मे का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब ब्रैंड मोदी को पूरे देश में कामयाबी मिल रही थी तो दो बार ब्रैंड केजरीवाल ने उन्हें तगड़ी टक्कर दी और ब्रैंड मोदी पर भारी पड़े। 2015 और 2020 में जब पूरे देश पर ब्रैंड मोदी का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा था और उन्हें हर राज्य में कामयाबी मिल रही थी, उस वक्त दिल्ली आकर ब्रैंड केजरीवाल के सामने ब्रैंड मोदी भी बेबस नजर आया। एक बार नहीं दो बार।

*राजनीति में बना ब्रांड केजरीवाल*
राजनीति के एक्सपर्ट्स भी मानते हैं कि ब्रैंड केजरीवाल इसलिए मजबूत हुआ, क्योंकि लोगों को लगा कि वे दूसरे दलों से अलग हटकर काम करेंगे। दिल्ली की सत्ता में आने के बाद अरविंद केजरीवाल ने मुफ्त-बिजली, पानी, शिक्षा का एक मॉडल तैयार किया था। उस वक्त लोगों ने इसे इसलिए स्वीकारा, क्योंकि उन्हें लगा कि मुफ्त योजनाएं भी मिलेंगी और करप्शन भी खत्म होगा। यही केजरीवाल की राजनीतिक ताकत बना। ब्रांड केजरीवाल के आगे बीजेपी दस साल तक दिल्ली में पस्त नजर आई। हालांकि, जल्द ही दूसरी पार्टियों ने भी फ्रीबीज का ऐलान कर दिया तो केजरीवाल ब्रैंड में कुछ नया नहीं रहा।

*दावों पर पूरी तरह खरे नहीं उतरे*
दूसरी तरफ, केजरीवाल जब राजनीति में आए थे तो भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस और वीआईपी कल्चर से दूर रहने की बात कही थी। इसके अलावा वीआईपी कल्चर के बजाय आम आदमी पार्टी की तरह साधारण तरीके रहन-सहन रखने की बातें की थी। इस तरह केजरीवाल ने अपना खुद की छवि गढ़ी थी। लेकिन सत्ता मिलने के बाद उस पर पूरी तरह खरे नहीं उतर सके।

*जितना बोला, उतना किया नहीं*
केजरीवाल ने रामलीला मैदान के मंच से कहा था कि हम तो आम आदमी हैं, हम तो दो कमरे के घर में रह लेंगे, बड़ी गाड़ियों और सुरक्षा के तामझाम की हमें जरूरत नहीं, भ्रष्टाचारियों को पहले दिन से ही जेल में डालेंगे। केजरीवाल अधिक बोले। कभी कहा, यमुना साफ कर दूंगा। कभी कहा, कूड़े के पहाड़ हटा दूंगा। इस तरह के अनगिनत दावे और वादे अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली और देश की जनता से किया था, लेकिन सत्ता की मलाई उन्हें इतनी मीठी लगी कि वो जैसे भूल ही गए कि उन्होंने कहा क्या था और कर क्या रहे हैं। केजरीवाल ने सीएम रहते हुए अपने सरकारी घर में करोड़ों रुपये खर्च कर दिया, जिसे बीजेपी ने शीश महल का नाम दिया।
दिल्ली मे मिली हार के बाद जेल से केजरीवाल को किसने लिखी चिट्ठी? राजनीति छोड़ने की दी नसीहत
#sukesh_chandrashekhar_letter_from_tihar_jail_to_arvind_kejriwal
दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद आम आदमी पार्टी के झाड़ू का तिनका-तिनका बिखर गया है। जिसे आप समेटने का काम कर रही है। यानी, आम आदमी पार्टी दिल्ली चुनावों में मिली इस हार की समीक्षा कर रही है। इस बीच दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राजनीति छोड़ देने की नसीहत मिली है। केजरीवाल को ये सलाह दी है तिहाड़ की मंडोली जेल में बंद ठग सुकेश चंद्रशेखर ने। दरअसल, सुकेश चंद्रशेखर ने आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा है। इस पत्र में सुकेश ने केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को चुनाव में हार के लिए तंज कसते हुए बधाई दी है।

दिल्ली चुनाव के नतीजे सामने आने के तुरंत बाद ही सुकेश ने आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक चिट्ठी लिखी है। ठग सुकेश ने लिखा है, सबसे पहले मैं आपको, मनीष जी और सत्येंद्र जी को अपनी सीटें हारने के लिए बधाई देता हूं, और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आपकी कट्टर भ्रष्ट पार्टी आप चुनाव हार गई। केजरीवाल जी अगर आपके पास मेरे पिछले पत्र सुरक्षित हैं तो कृपया वे पत्र देखें जो मैंने 3, 6, 8 महीने पहले लिखे थे। मैंने आपको चुनौती दी थी कि आप अपनी सीट हार जाएंगे और आप सत्ता से बाहर हो जाएगी।

*आपका सारा अहंकार आपके साथ ही शौचालय में बह गया-सुकेश*
केजरीवाल जी आज बिल्कुल वैसा ही हुआ है। आपको बाहर निकाल दिया गया है, आपका सारा अहंकार आपके साथ ही शौचालय में बह गया है। आपके सारे जुमले बेनकाब हो चुके हैं और सही साबित हो चुके हैं, दिल्ली की जनता ने आपको और आपकी दुनिया की सबसे भ्रष्ट पार्टी को सचमुच लात मार दी है। अब केजरीवाल जी, आप और आपके साथियों को थोड़ी शर्म आनी चाहिए और राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए, राजनीतिक संन्यास ले लेना चाहिए क्योंकि अगली बार पंजाब से भी आपका सफाया हो जाएगा। अहंकार के लिए अब कोई जगह नहीं है, क्योंकि अब हम राम राज के समय में रह रहे हैं।

*केजरीवाल को बताया ‘सत्ता के लिए स्वार्थी’*
सुकेश चंद्रशेखर ने लेटर में आगे लिखा है कि केजरीवाल जी, शर्म करो और राजनीति छोड़ दो. वैसे भी तुम्हारा सारा भ्रष्टाचार एक-एक करके उजागर होने वाला है और अब अदालत में मुकदमे के दौरान साबित होने वाला है और आने वाले दिनों में तुम्हारे सारे कपड़े वाले तुम्हें छोड़ देंगे, इसलिए तुम्हें अपनी दुकान बंद कर देनी चाहिए। केजरीवाल जी, अगर तुम्हें याद हो तो मैंने भी तुम्हें चुनौती दी थी कि मैं इस चुनाव में तुम्हारे खिलाफ चुनाव लड़ूंगा, लेकिन मैंने ऐसा नहीं करने का फैसला किया क्योंकि मैं जेल से चुनाव नहीं लड़ना चाहता था और मतदाताओं के साथ अन्याय नहीं करना चाहता था, क्योंकि मैं जेल से उनके लिए काम नहीं कर पाऊंगा। इसलिए मैं तुम्हारी तरह नहीं बनना चाहता था, यानी ‘सत्ता के लिए स्वार्थी’

*दिल्ली ने सही पार्टी को चुना है-सुकेश*
यह बहुत आश्चर्यजनक है कि दिल्ली के लोगों ने सत्ता के लिए सही पार्टी को चुना है, क्योंकि यह केवल भाजपा और हमारे सबसे बेहतरीन नेता नरेंद्र भाई मोदी हैं जो लोगों से किए गए सभी वादों को पूरा करके उन्हें पूरा करेंगे, अब विकास के साथ, असंभव संभव होने जा रहा है, इस डबल इंजन सरकार के तहत. केजरीवाल जी, अब खुद ही देख लीजिए, यमुना असली यमुना होगी और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि दिल्ली देश का सबसे अद्भुत शहर होगा, जो हमारी राजधानी होने के नाते खुद को परिभाषित करेगा। केजरीवाल जी, मेरे लिए चौंकाने वाली बात यह है कि चल रही सभी जांच के बीच में, आप और सत्येंद्र जी ने खुद ही मुझे फिर से धमकाया और चुनाव के दौरान मुझसे 100 करोड़ रुपये ऐंठने की कोशिश की, अविश्वसनीय।
‘परीक्षा पे चर्चा’ में पीएम मोदी ने दिए टिप्स, छात्रों का बताया कैसे दूर भगाएं डिप्रेशन
#pariksha_pe_charcha_2025

आज यानी 10 फरवरी 2025 को परीक्षा पे चर्चा 2025 का आयोजन किया गया। परीक्षा पे चर्चा का ये आंठवां संस्करण था। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छात्र-छात्राओं से बातचीत की और कई अहम टिप्स भी दिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम में छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों से परीक्षा के तनाव को कम करने के उपायों पर चर्चा की। यह कार्यक्रम नई दिल्ली स्थित प्रगति मैदान के भारत मंडपम में आयोजित किया गया।

परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने बच्चों को खाने-पीने के बारे में अहम टिप्स दिए। उन्होंने बताया कि बच्चों को अपने भोजन को अच्छी तरह से चबाकर खाना चाहिए, कम से कम 32 बार। उन्होंने यह भी बताया कि बच्चों को कौन से खाद्य पदार्थ खाना चाहिए और किनसे बचना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि कब और क्या खाना उचित है।

*पीएम ने बताया तनाव-डिप्रेशन से बचने के उपाय*
परीक्षा से पहले स्ट्रेस के सवाल पर पीएम मोदी ने पूछा कि यह मुसीबत शुरू कहां से होती है। तनाव और डिप्रेशन होने के लक्षण नजर आने लगते हैं। अपने मन की दुविधाओं को लोगों के साथ बांटना सीखें। इससे मन शांत रहता है, साथ ही घर के किसी भी सदस्य से बात करें। पहले हम सारी बातें अपने भाई बहनों को, मम्मी को बता देते थे। धीरे-धीरे बड़े होते हुए हम बताना बंद करते चले जाते हैं। अपने मन में सारी बातें रख लेते हैं। अपने आप को कट करते जाते हैं। धीरे-धीरे वो डिप्रेशन बन जाता है। आपको कोशिश करनी चाहिए, आपके मन के अंदर जो दुविधाएं हैं खुलकर किसी से कह सकें। नहीं बोलोगे तो एक समय पर विस्फोट हो जाएगा। जैसे कुकर की सीटी बजती है। प्रेशर निकलता रहता है समय समय पर। नहीं निकलेगा तो कुकर फट जाएगा।

*जीवन की विफलताओं को अपना टीचर बना लों-पीएम मोदी*
पीएम मोदी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि स्कूल में 30-40% बच्चे फेल होते हैं, उनका क्या होता है। देखिए फेल होने से जिंदगी रुक नहीं जाती है। आपको तय करना होगा कि जीवन में सफल होना है कि किताबों से। जीवन में सफल होने का एक उपाय ये होता है कि आप अपने जीवन की जितनी विफलताएं हैं, उसे अपना टीचर बना लें। अपनी विफलताओं को टीचर बना लें। जीवन सिर्फ परीक्षाएं नहीं हैं। इसे समग्रता में देखना चाहिए। हमारे अंदर परमात्मा ने कुछ कमियां भी रखी हैं कुछ विशेषताएं भी दी हैं। विशेषताओं पर ध्यान दीजिए। फिर कोई नहीं पूछेगा कि 10वीं-12वीं में कितने मार्क्स आए थे। जीवन बोलना चाहिए, मार्क्स नहीं।'

*24 घंटे सबके पास हैं-पीएम मोदी*
समय और टाइम मैनेजमेंट का महत्व समझाते हुए पीएम ने कहा, सबके पास 24 घंटे हैं। कोई इधर उधर की बातों में इसे गंवा देता है, कोई अपने लक्ष्य पर फोकस करके उसके लिए मेहनत करके। इस समय का ज्यादा से ज्यादा सदुपयोग करना चाहिए। एक लिस्ट बनाइए कि कल मुझे ये-ये काम करने हैं। फिर अगले दिन उसे चेक करें कि उसमें से क्या किया क्या नहीं। हम अपने प्रिय विषय में सबसे ज्यादा समय लगा देते हैं। बाकी सब्जेक्ट्स को भी टाइम दें। उससे डरने की जरूरत नहीं है। अपने 24 घंटे को हम सबसे ज्यादा प्रोडक्टिव कैसे बना सकते हैं, इसपर ध्यान दें।

*खुद को मोटिवेट कैसे करें?*
एक छात्र ने पीएम मोदी से पूछा कि उसे पेपर छूटने का डर रहता है। इस पर पीएम मोदी ने सलाह दी कि वह पिछले सालों के पेपर सॉल्व करें, इससे उसका डर खत्म हो जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि छात्रों को केवल उन सवालों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जो महत्वपूर्ण हैं। खुद को मोटिवेट करने के लिए गोल्स बनाइए। उन्हें हासिल कर लेने के बाद खुद को रिवॉर्ड दें।

*लिखने की आदत*
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखने की आदत पर जोर डालते हुए कहा, ज्यादातर टीचर पढ़ाते हैं, लेकिन जब एग्जाम का समय आता है तो कहते हैं क्वेश्चन-आंसर लिखो। मेरा हमेशा मत रहा है कि जीवन की कोई भी उम्र क्यों न हो, लिखने की आदत डालनी चाहिए। ये जो कविताएं लिखते हैं, उसका मतलब वो अपने विचारों को बांधते हैं।

*टेक्नोलॉजी का सही उपयोग कैसे करें?*
प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों को टेक्नोलॉजी के सही उपयोग के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी कोई खतरनाक तूफान नहीं है जो आपको गिरा देगा। इनोवेशन आपकी भलाई के लिए हैं। टेक्नोलॉजी का सही तरीके से इस्तेमाल करें और अपने समय को बर्बाद करने वाली गतिविधियों से बचें।

*शिक्षकों के लिए पीएम मोदी की सलाह*
एक कहानी सुनाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, मुझे याद है मैं अहमदाबाद में एक बच्चे से मिला था। उसके माता-पिता ने मुझे चिट्ठी लिखी थी कि मेरे बच्चे को स्कूल से निकाल रहे हैं। कहते हैं कि वो क्लास में ध्यान नहीं देता। मजा ये हुआ कि उस स्कूल में बाद में अटल टिंकरिंग लैब शुरू हुआ। नतीजा ये कि वो बच्चा ज्यादा समय टिंकरिंग लैब में टाइम बिताता। रोबोट की कंपटिशन हुई और वो स्कूल वाले उसमें नंबर 1 आ गए। क्यों? उसी बच्चे ने बनाया। यानी उसके पास कोई विशेष ताकत है। टीचर का काम है कि उसकी उस ताकत को पहचानें।