/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1500216950650140.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1500216950650140.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1500216950650140.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1500216950650140.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1500216950650140.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1500216950650140.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1500216950650140.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1500216950650140.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1500216950650140.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1500216950650140.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1500216950650140.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1500216950650140.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1500216950650140.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1500216950650140.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1500216950650140.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1500216950650140.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1500216950650140.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1500216950650140.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1500216950650140.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1500216950650140.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1500216950650140.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1500216950650140.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1500216950650140.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1500216950650140.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1500216950650140.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1500216950650140.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1500216950650140.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1500216950650140.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1500216950650140.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1500216950650140.png StreetBuzz किताबों का जादू या नींद का बुखार? पढ़ते ही क्यों घिर जाता है आलस! Deoghar
किताबों का जादू या नींद का बुखार? पढ़ते ही क्यों घिर जाता है आलस!


पढ़ाई के समय नींद आना या आलस महसूस करना एक सामान्य अनुभव है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? क्या यह किताबों का जादू है या हमारे शरीर की प्रतिक्रिया? आइए इस विषय को गहराई से समझते हैं।

1. मस्तिष्क की थकान

जब हम पढ़ते हैं, तो हमारा मस्तिष्क नई जानकारी को प्रोसेस करता है। यह प्रक्रिया ऊर्जा की खपत करती है, जिससे थकान महसूस हो सकती है। खासकर जब विषय उबाऊ या कठिन हो, तो मस्तिष्क जल्दी थक जाता है और हमें नींद आने लगती है।

2. शरीर की मुद्रा का प्रभाव

पढ़ाई के दौरान यदि आप झुककर या लेटकर पढ़ते हैं, तो यह स्थिति शरीर को आराम का संकेत देती है। आरामदायक मुद्रा में पढ़ने से मस्तिष्क को लगता है कि यह आराम का समय है, और धीरे-धीरे नींद आने लगती है।

3. आंखों की थकावट

लंबे समय तक किताबों या स्क्रीन पर देखने से आंखें थक जाती हैं। आंखों की मांसपेशियों को आराम की जरूरत होती है, और यह थकावट पूरे शरीर में आलस का कारण बनती है।

4. रक्त प्रवाह में कमी

पढ़ाई के दौरान यदि आप लंबे समय तक एक ही स्थान पर बैठे रहते हैं, तो शरीर के अन्य हिस्सों में रक्त प्रवाह कम हो जाता है। इससे ऊर्जा की कमी महसूस होती है, और नींद का अहसास होता है।

5. सामान्य नींद की कमी

यदि आपकी नींद पूरी नहीं हो रही है, तो पढ़ाई के समय मस्तिष्क आराम की तलाश में होता है। इस वजह से किताब खोलते ही आपको नींद आने लगती है।

6. सामग्री का प्रभाव

यदि पढ़ाई की सामग्री रूचिकर नहीं है, तो मस्तिष्क उसे जल्दी समझने में रुचि नहीं लेता। इसके परिणामस्वरूप आलस और नींद हावी हो जाती है।

उपाय: पढ़ते समय नींद और आलस से बचने के तरीके

1मोटिवेशनल सामग्री से शुरुआत करें:  

रुचिकर विषय पढ़ने से मस्तिष्क सक्रिय रहता है।

2 ब्रेक लें:

हर 30-40 मिनट में 5-10 मिनट का ब्रेक लें।

3 अच्छी रोशनी का प्रयोग करें: मंद रोशनी से आंखें जल्दी थकती हैं।

4 शारीरिक मुद्रा बदलें:

 पढ़ाई के दौरान सीधा बैठें और हर थोड़ी देर में टहलें।

5 हाइड्रेटेड रहें: 

पानी पीने से शरीर ऊर्जावान रहता है।

6 गहरी सांस लें: 

ऑक्सीजन की कमी से आलस बढ़ता है, गहरी सांस लेने से मस्तिष्क सतर्क रहता है।

निष्कर्ष*

पढ़ाई के समय आलस या नींद आना कोई जादू नहीं, बल्कि हमारे शरीर और मस्तिष्क की स्वाभाविक प्रतिक्रिया है। सही आदतें अपनाकर आप इस समस्या से बच सकते हैं और पढ़ाई को प्रभावी बना सकते हैं। तो अगली बार जब किताबों के साथ बैठें, तो इन उपायों को अपनाएं और पढ़ाई का आनंद लें!

महाकुंभ 2025: बच्चों के साथ यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए जाने ये 5 जरूरी उपाय


महाकुंभ 2025 जैसे बड़े धार्मिक आयोजन में लाखों लोग शामिल होते हैं, जिससे भीड़भाड़ का माहौल रहता है। बच्चों के साथ यात्रा करना एक बड़ी जिम्मेदारी है। यहां 5 ऐसे जरूरी कदम बताए गए हैं, जो आपकी यात्रा को सुरक्षित और सुगम बनाएंगे।

1. बच्चों को पहचानने योग्य बनाएं

बच्चों को ऐसे कपड़े पहनाएं जो दूर से पहचान में आ सकें। उनके कपड़ों में एक पहचान पत्र (ID) लगाएं, जिसमें उनका नाम, माता-पिता का नाम, फोन नंबर और पता लिखा हो। यह गुम होने की स्थिति में मददगार साबित होगा।

2. भीड़ से बचने के लिए समय और स्थान का चयन करें

महाकुंभ के दौरान सबसे ज्यादा भीड़ स्नान पर्व पर होती है। बच्चों के साथ यात्रा के लिए सुबह जल्दी या शाम को कम भीड़भाड़ वाले समय का चयन करें। बच्चों को मुख्य घाटों की भीड़ में ले जाने से बचें।

3. बच्चों को सुरक्षा नियम समझाएं

यात्रा से पहले बच्चों को सिखाएं कि अगर वे गुम हो जाएं तो क्या करें। उन्हें बताएँ कि वे किसी पुलिसकर्मी, सुरक्षा कर्मी या आयोजन स्थल के वॉलंटियर की मदद लें।

4. GPS ट्रैकर या स्मार्टवॉच का इस्तेमाल करें

बच्चों को GPS ट्रैकर या स्मार्टवॉच पहनाएं, जिससे आप उनकी लोकेशन ट्रैक कर सकें। यह तकनीक गुम होने की स्थिति में बहुत उपयोगी होती है।

5. योजना बनाकर यात्रा करें

यात्रा से पहले महाकुंभ के नक्शे का अध्ययन करें। बच्चों के लिए एक निश्चित मिलन स्थल तय करें और उन्हें इसके बारे में जानकारी दें। इसके अलावा, भीड़भाड़ वाले स्थानों में हमेशा बच्चों का हाथ पकड़े रहें।

इन सावधानियों को अपनाकर आप महाकुंभ 2025 की यात्रा को बच्चों के साथ सुरक्षित और यादगार बना सकते हैं।

पिंगली वेंकैया ने किया तिरंगे का डिजाइन, जानें इसके रंगों और चक्र का रहस्य


भारत का राष्ट्रीय ध्वज न केवल हमारे देश की स्वतंत्रता का प्रतीक है, बल्कि यह देश की एकता, विविधता और सांस्कृतिक विरासत को भी दर्शाता है। आइए जानते हैं इसके डिजाइन, रंगों का अर्थ और इसके इतिहास के बारे में विस्तार से।

1. राष्ट्रीय ध्वज का डिजाइन किसने तैयार किया?

भारत के राष्ट्रीय ध्वज का वर्तमान स्वरूप पिंगली वेंकैया ने तैयार किया था।

पिंगली वेंकैया एक स्वतंत्रता सेनानी और कृषि वैज्ञानिक थे।

उन्होंने 1916 में भारतीय ध्वज के लिए कई डिजाइनों पर काम किया।

1931 में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने उनके डिजाइन को संशोधित रूप में स्वीकार किया।

22 जुलाई 1947 को संविधान सभा ने इसे स्वतंत्र भारत के राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया।

2. ध्वज का स्वरूप और रंगों का रहस्य

राष्ट्रीय ध्वज को "तिरंगा" कहा जाता है क्योंकि इसमें तीन क्षैतिज पट्टियां हैं। हर रंग का अपना विशेष महत्व है:

केसरिया रंग (ऊपरी पट्टी)

यह साहस, बलिदान और शक्ति का प्रतीक है।

यह देशवासियों को निस्वार्थ सेवा और समर्पण का संदेश देता है।

सफेद रंग (मध्य पट्टी)

यह शांति, सच्चाई और पवित्रता का प्रतीक है।

यह देश में शांति और सद्भाव बनाए रखने का संदेश देता है।

हरा रंग (निचली पट्टी)

यह समृद्धि, हरियाली और प्रगति का प्रतीक है।

यह पर्यावरण और कृषि के महत्व को दर्शाता है।

3. अशोक चक्र का महत्व

सफेद पट्टी के केंद्र में अशोक चक्र स्थित है।

यह सम्राट अशोक के सारनाथ स्तंभ से लिया गया है।

चक्र में 24 तीलियां हैं, जो समय, प्रगति और सतत विकास का प्रतीक हैं।

यह धर्म, न्याय और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।

4. राष्ट्रीय ध्वज का इतिहास

1906: पहला भारतीय ध्वज (वंदे मातरम ध्वज) कोलकाता में फहराया गया।.

1921: महात्मा गांधी ने पिंगली वेंकैया के डिजाइन को कांग्रेस के अधिवेशन में प्रस्तुत किया।

1931: तिरंगे को स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक बनाया गया।

1947: भारत के स्वतंत्र होने पर इसे राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया गया।

5. राष्ट्रीय ध्वज से जुड़े नियम

राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग भारतीय ध्वज संहिता के अनुसार किया जाना चाहिए।

इसे हमेशा सम्मान के साथ फहराया जाना चाहिए।

ध्वज को जमीन पर गिराना, फाड़ना या किसी अनुचित तरीके से इस्तेमाल करना अपराध है।

इसे केवल खादी या हाथ से बुने कपड़े से बनाया जा सकता है।

6. राष्ट्रीय ध्वज का महत्व

राष्ट्रीय ध्वज न केवल भारत की आजादी का प्रतीक है, बल्कि यह हर भारतीय के गर्व, एकता और देशभक्ति का प्रतीक भी है। यह हमें देश के प्रति अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों की याद दिलाता है।

निष्कर्ष:

भारत का राष्ट्रीय ध्वज हमारी आजादी और राष्ट्रीयता का प्रतीक है। इसके रंग और अशोक चक्र हमें साहस, शांति और सतत विकास की प्रेरणा देते हैं। तिरंगा हर भारतीय के लिए गर्व और सम्मान का प्रतीक है।

वॉकिंग या घरेलू काम जानें किसमें होती हैं ज्यादा कैलोरी बर्न


फिटनेस और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोग अक्सर यह सवाल पूछते हैं कि वॉकिंग और घरेलू कामों में से कौन-सी गतिविधि ज्यादा कैलोरी बर्न करती है। दोनों ही एक्टिविटीज़ आपके शरीर को सक्रिय रखने में मदद करती हैं, लेकिन इनमें कैलोरी बर्न करने की क्षमता अलग-अलग होती है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं।

1. वॉकिंग से कैलोरी बर्न

वॉकिंग एक लो-इंटेंसिटी एक्सरसाइज है, जो हर उम्र के लोगों के लिए उपयुक्त है।

औसत कैलोरी बर्न:

30 मिनट की सामान्य गति से (4-5 किमी/घंटा) चलने पर 120-150 कैलोरी बर्न होती है।

तेज वॉकिंग (ब्रिस्क वॉक):

अगर आप तेज़ी से चलते हैं, तो यह आंकड़ा 200 कैलोरी तक पहुंच सकता है।

फायदे:

हृदय स्वास्थ्य में सुधार

वजन घटाने में मदद

मांसपेशियों की मजबूती

2. घरेलू कामों से कैलोरी बर्न

घरेलू काम जैसे झाड़ू-पोंछा, बर्तन धोना, खाना बनाना, या कपड़े धोना भी कैलोरी बर्न करने में सहायक होते हैं।

औसत कैलोरी बर्न:

झाड़ू-पोंछा: 150-200 कैलोरी/घंटा

बर्तन धोना: 100-120 कैलोरी/घंटा

खाना बनाना: 80-100 कैलोरी/घंटा

फायदे:

. पूरे शरीर की गतिविधि होती है

 

. घर साफ-सुथरा रहता है

. मानसिक संतोष मिलता है

3. कौन बेहतर है?

यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस उद्देश्य से गतिविधि कर रहे हैं।

अगर फिटनेस और वजन घटाना प्राथमिकता है, तो वॉकिंग ज्यादा प्रभावी है।

तेज वॉकिंग या हाइकिंग जैसी गतिविधियां ज्यादा कैलोरी बर्न करती हैं और हृदय को स्वस्थ रखती हैं।

अगर समय की कमी है और मल्टीटास्किंग करना चाहते हैं, तो घरेलू काम बेहतर विकल्प हैं।

ये आपको सक्रिय रखते हैं और साथ ही घर को व्यवस्थित भी करते हैं।

4. दोनों को कैसे संतुलित करें?

सुबह या शाम को 20-30 मिनट की वॉक को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।

दिन के दौरान घरेलू काम करते समय खुद को एक्टिव रखें।

झाड़ू-पोंछा जैसे काम करते समय तेज़ी से मूव करें, ताकि अधिक कैलोरी बर्न हो सके।

वॉकिंग और घरेलू काम, दोनों ही अपने-अपने तरीके से फायदेमंद हैं। अगर आप ज्यादा कैलोरी बर्न करना चाहते हैं, तो वॉकिंग को प्राथमिकता दें। लेकिन अगर आप समय का बेहतर उपयोग करना चाहते हैं, तो घरेलू काम भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है। दोनों को मिलाकर करने से आप फिट और स्वस्थ रह सकते हैं।

याद रखें: कोई भी गतिविधि तभी असरदार होगी, जब आप इसे नियमित रूप से करेंगे।

झारखंड सहित विभिन्न राज्यों के पुलिस और सुरक्षा बलों को मिले गणतंत्र दिवस 2025 पर वीरता, विशिष्ट सेवा और सराहनीय पदक

गणतंत्र दिवस 2025 के अवसर पर विभिन्न राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों में पुलिस, अग्निशमन, होमगार्ड और नागरिक सुरक्षा के कार्मिकों को दिए गए पदकों की सूची है, जिसमें वीरता, विशिष्ट सेवा और सराहनीय सेवा के लिए प्राप्त पदकों की संख्या दी गई है। यहाँ राज्यवार विवरण दिया गया है।

अरुणाचल प्रदेश:

वीरता पदक (जीएम): 01

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 02

असम:

वीरता पदक (जीएम): 01

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक 

(पीएसएम): 14

बिहार:

वीरता पदक (जीएम): 02

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक

 ;(पीएसएम): 07

छत्तीसगढ़:

वीरता पदक (जीएम): 11

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 01

सराहनीय सेवा के लिए पदक (एमएसएम): 10

दिल्ली:

वीरता पदक (जीएम): 03

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक

 ;(पीएसएम): 17

गोवा:

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 01

गुजरात:

वीरता पदक (जीएम): 02

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 09

हरियाणा:

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 01

सराहनीय सेवा के लिए पदक (एमएसएम): 08

झारखंड:

वीरता पदक (जीएम): 01

कर्नाटका:

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 02

सराहनीय सेवा के लिए पदक (एमएसएम): 19

केरल:

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 01

सराहनीय सेवा के लिए पदक (एमएसएम): 10

मध्य प्रदेश:

वीरता पदक (जीएम): 04

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 17

महाराष्ट्र:

वीरता पदक (जीएम): 04

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 39

मणिपुर:

वीरता पदक (जीएम): 01

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 07

मेघालय:

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 03

मिजोरम:

वीरता पदक (जीएम): 01

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 03

नगालैंड:

वीरता पदक (जीएम): 01

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 03

ओडिशा:

वीरता पदक (जीएम): 06

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 02

सराहनीय सेवा के लिए पदक (एमएसएम): 11

पंजाब:.

वीरता पदक (जीएम): 02

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 15

राजस्थान:

वीरता पदक (जीएम): 01

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 16

सिक्किम:

वीरता पदक (जीएम): 01

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 01

तमिलनाडु:

वीरता पदक (जीएम): 02

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 21

तेलंगाना:

वीरता पदक (जीएम): 02

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 12

त्रिपुरा:

वीरता पदक (जीएम): 01

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 06

उत्तर प्रदेश:

वीरता पदक (जीएम): 17

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 05

सराहनीय सेवा के लिए पदक (एमएसएम): 73

उत्तराखंड:

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 05

पश्चिम बंगाल:

वीरता पदक (जीएम): 02

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति 

पदक (पीएसएम): 20

यह सूची गणतंत्र दिवस के मौके पर पुलिस सेवा के कर्मचारियों को दी जाने वाली विभिन्न श्रेणियों में प्राप्त पदकों के वितरण का विवरण प्रस्तुत करती है.

26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन उपराजधानी दुमका में करेंगे झंडोत्तोलन

झा. डेस्क 

रांची गणतंत्र दिवस के मौके पर सीएम हेमंत सोरेन राज्य की उपराजधानी दुमका के पुलिस लाइन में झंडोत्तोलन

 करेंगे.

वहीं गणतंत्र दिवस पर आयोजित होने वाली परेड का फुल ड्रेस रिहर्सल किया गया.

 गणतंत्र दिवस के मौके पर सीएम हेमंत सोरेन के आगमन को लकरे जिला प्रशासन की ओर से तैयारियां कर ली गई है.

मसानजोर डैम में बने गेस्ट हाउस का वे उद्घाटन करेंगे.

अपने दो दिवसीय कार्यक्रम को लेकर 25 जनवरी की शाम को ही हेमंत सोरेन दुमका पहुंचेंगे. और उसी शाम वे दुमका के मयूराक्षी नदी पर अवस्थित मसानजोर डैम के समीप वन विभाग द्वारा बनाए गए गेस्ट हाउस का उद्घाटन करेंगे.

जिसके बाद दूसरे दिन यानी गणतंत्र दिवस के मौके पर तिरंगा फहराएंगे. इस अवसर पर आयोजित परेड 14 प्लाटून भाग लेंगे. जिसमें झारखंड सशस्त्र पुलिस (JAP), आईआरबी(IRB) के साथ प्रमंडल के सभी जिलों के पुलिस बल के अलावा एनसीसी कैडट शामिल होंगे.

परेड को प्रशिक्षु आईपीएस डॉ सैयद मुस्तफा हाशमी कमांड करेंगे. सेकेंड इन कमांड में प्रशिक्षु डीएसपी आकाश भारद्वाज शामिल होंगे. इस मौके पर अलग-अलग विभागों द्वारा बनाई गई झांकियां को भी प्रदर्शित किया जाएगा.

वहीं दुमका एसपी पीतांबर सिंह खेरवार ने बताया कि सीएम के कार्यक्रम के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था की बेहतर व्यवस्था की जा रही है. इसके लिए पुलिस मुख्यालय से अतिरिक्त पुलिस बल उपलब्ध कराए गए हैं.

भारत ने फिल्म 'इमरजेंसी' की स्क्रीनिंग पर रोक के लिए ब्रिटेन से की मांग


नई दिल्ली:- यूनाइटेड किंगडम (यूके) में अभिनेत्री कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' की स्क्रीनिंग के दौरान खालिस्तान समर्थक कट्टरपंथियों ने जमकर हंगामा किया। कट्टरपंथियों ने फिल्म की स्क्रीनिंग को रोकने की कोशिश की। अब भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपनी साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में इस मामले पर प्रतिक्रिया दी। मंत्रालय ने यूके से ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।

यूके के सामने अपनी जिंता जाहिर कर चुके

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हमने कई रिपोर्ट देखी हैं कि किस तरह कई हॉलों में फिल्म 'इमरजेंसी' को रोका जा रहा है। हम लगातार यूके सरकार के समक्ष भारत विरोधी तत्वों द्वारा हिंसक विरोध और धमकी से जुड़ी चिंता जाहिर कर चुके हैं। 

मंत्रालय ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को चुनिंदा रूप से लागू नहीं किया जा सकता है। फिल्म को बाधित करने में शामिल लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।

उचित कार्रवाई करेगा यूके

विदेश मंत्रालय ने उम्मीद जताई कि यूके की सरकार जिम्मेदार लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई करेगी। प्रवक्ता ने यह भी बताया कि लंदन में हमारा उच्चायोग हमारे समुदाय के लोगों की सुरक्षा और कल्याण के लिए नियमित रूप से संपर्क में है। उम्मीद करते हैं कि यूके इस मामले में सख्त और उचित कार्रवाई करेगा।

अमेरिका सामने उठाया जाएगा पन्नू का मामला

सोशल मीडिया पर अमेरिकी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू का एक वीडियो वायरल हो रहा है। मीडिया में वह डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में दिख रहा है। जब विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता से पूछा गया कि क्या भारत ने अमेरिका के साथ इस मुद्दे को उठाया है।

रणदीप जायसवाल ने कहा कि जब भी कोई भारत विरोधी गतिविधि होती है तो हम ऐसे मामलों को अमेरिका के साथ उठाते हैं। इसलिए हम अमेरिकी सरकार के साथ ऐसे मुद्दे उठाते रहेंगे, जिनका हमारी सुरक्षा पर असर पड़ता है, जिनका भारत विरोधी एजेंडा है।

झारखंड सरकार के वित्त वाणिज्य कर योजना एवं विकास मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने किया अपना मोबइल नंबर जारी


कहा सरकार के किसी योजना में गड़बड़ी होता है तो लोग दें जानकारी

झारखंड डेस्क 

झारखंड सरकार के वित्त वाणिज्य कर योजना एवं विकास मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने सार्वजनिक रूप से अपना मोबाइल नंबर जारी किया है. 

सार्वजनिक रूप से नंबर जारी करते हुए मंत्री राधा कृष्णकिशोर ने कहा कि सरकार की योजनाओं की क्रियान्वयन में किसी प्रकार की गड़बड़ी हो रही हो या समस्या या शिकायत है तो उन्हें कॉल करें या व्हाट्सएप करें. मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने अपना मोबाइल नंबर 9431135292 को आम लोगों के लिए जारी किया है.

पलामू के सतबरवा प्रखंड के मलय डैम में जिला स्तरीय पंचायत सशक्तिकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसी कार्यशाला में पलामू में संचालित विकास योजनाओं समेत कई बिंदुओं पर समीक्षा की गयी. इस बैठक में झारखंड सरकार के मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने भाग लिया. लोगों को संबोधित करते हुए मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि मंईयां सम्मान योजना रेवड़ी नहीं है बल्कि यह माता बहनों की आराधना है.

मंत्री ने कहा कि पंचायत या जिला के विकास में पंचायत जनप्रतिनिधियों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण. शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करना बेहद ही जरूरी है, इसमें पंचायत जनप्रतिनिधियों की भूमिका अहम है. पंचायत जनप्रतिनिधि नियमित रूप से मध्यान भोजन का निरीक्षण करें. अबुआ आवास योजना का लाभ सीरियल के अनुसार ही मिलना चाहिए.

 अगर क्षेत्र में किसी भी प्रकार की समस्या हो या विकास योजनाओं की क्रियान्वयन में दिक्कत हो रही हो बेहिचक लोग उन्हें कॉल कर सकते हैं या व्हाट्सएप कर सकते हैं.

इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पलामू डीसी शशिरंजन ने कहा कि प्रत्येक तीन महीने में पंचायत जनप्रतिनिधियों के साथ कार्यशाला आयोजित होगी. इस कार्यशाला में जिला परिषद अध्यक्ष प्रतिमा कुमारी, उपाध्यक्ष आलोक कुमार सिंह, नगर आयुक्त जावेद हुसैन, उप विकास आयुक्त शब्बीरअहमद मौजूद रहे.

झारखंड में अगले कुछ दिनों में तापमान में आएगी गिरावट,कई जगहों पर हल्का और मध्यम कोहरा भी छाया रहा

झारखंड डेस्क 

झारखंड में ठंड फिर एक बाऱ बढ़ने वाली है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों में तापमान में गिरावट देखी जाएगी। राज्य के उत्तरी हिस्सों में अगले तीन दिनों में तापमान 3-4 डिग्री सेल्सियस तक कम हो सकता है। बाकी हिस्सों में भी दो दिन बाद तापमान में 3-5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट की संभावना है।25 जनवरी को कई जगहों पर हल्का और मध्यम कोहरा भी छा सकता है।

क्या है मौसम विभाग का आकलन

रांची मौसम केंद्र के प्रमुख अभिषेक आनंद ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में ठंड से थोड़ी राहत मिली थी, लेकिन अब फिर से सर्दी का सितम बढ़ने के आसार हैं। अभी ज्यादातर जिलों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बना हुआ है। लेकिन मौसम विभाग की चेतावनी के बाद लोगों को ठंड से बचाव के इंतजाम करने की जरूरत है।

 3 से 4 डिग्री तापमान में आएगी कमी

मौसम विभाग ने बताया कि 25 जनवरी से ठंड बढ़ेगी। राज्य के उत्तरी इलाकों में अगले तीन दिनों में न्यूनतम तापमान में 3 से 4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की जा सकती है। इन इलाकों में गढ़वा, पलामू, चतरा, हजारीबाग, कोडरमा, गिरिडीह, देवघर, गोड्डा, दुमका, पाकुड़, साहिबगंज, और जामताड़ा जिले शामिल हैं। बाकी जिलों में भी दूसरे दिन से अगले तीन दिनों में तापमान 3 से 5 डिग्री सेल्सियस तक कम हो सकता है। इसके बाद तापमान में कोई बड़ा बदलाव होने की उम्मीद नहीं है

30 जनवरी तक कुछ जगहों पर रहेगी कोहरा

राज्य के कई हिस्सों में शनिवार सुबह हल्के से मध्यम दर्जे का कोहरा छाया रहा। इसके बाद आसमान साफ हो गया। 26 जनवरी और 30 जनवरी को सुबह के समय कोहरा या धुंध छाई रह सकती है, लेकिन बाद में आसमान साफ रहेगा।

मौसम विभाग ने बुजुर्गों और बच्चों के लिये किया अलर्ट 

मौसम विभाग के अनुसार इस बदलते मौसम में लोगों को खास ध्यान रखने की जरूरत है। ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनें, खासकर सुबह और शाम के समय। गरम पेय पदार्थों का सेवन करें और ठंडी चीजों से परहेज करें। बुजुर्गों और बच्चों का खास ख्याल रखें।

देवघर में छह पेटी विदेशी शराब के साथ युवक पकड़ाया, ऐसे आया उत्पाद विभाग की गिरफ्त में

* देवघर : उत्पाद विभाग की विशेष टीम ने गुप्त सूचना पर नाटकीय तरीके से जसीडीह थाना क्षेत्र के परमेश्वर चौक के समीप रोहिणी तालाब के पास छापेमारी की और छह कार्टून अवैध विदेशी शराब के साथ एक युवक को गिरफ्तार किया. इस संबंध में दी गयी जानकारी के अनुसार उत्पाद विभाग की टीम ने ग्राहक बनकर युवक से अवैध शराब खरीदने की बात की. इसके बाद एक व्यक्ति को लेने भेजा तो वह परमेश्वर चौक के समीप तालाब के पास झाड़ी में अवैध शराब की डिलिवरी देने ले गया. उसी क्रम में घात लगाये उत्पाद विभाग की छापेमारी टीम ने अवैध शराब के साथ आरोपित को दबोच लिया. आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेजा गया इस संबंध में उत्पाद अधीक्षक संजय कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि गिरफ्तार आरोपित का नाम अभिषेक कुमार सिंह है. बरामद अवैध शराब के साथ उसे कोर्ट में पेश कराया गया. कोर्ट के आदेश पर आरोपित को उप्ताद विभाग द्वारा न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. बरामद छह कार्टून अवैध शराब में इंपीरियल ब्लू नाम का 173 बोतल 375 एमएल है, जिसकी बोतलाें पर फॉर सेल इन पंजाब ऑनली लिखा हुआ है. छापेमारी टीम में उत्पाद एसआई मणिकांत कुमार, किशोर कुमार, मिथिलेश कुमार के अलावे अन्य उत्पाद कर्मी व सशस्त्र बल शामिल थे.