शरद पवार के बगल में थी कुर्सी, नेमप्लेट हटाकर दूर बैठे अजित, फिर बंद कमरे में की सीक्रेट मीटिंग, माजरा क्या है?
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महाराष्ट्र की सियासत कब किस करवट ले ले, ये कहना मुश्किल है। इस दौरान अक्सर सबसे बड़ा सवाल और सबसे ज्यादा अटकलें “पवार परिवार” को लेकर होती है। सवाल और अंदेशा “पवार परिवार” के एक होने को लेकर होती रहती हैं। कभी शरद पावर और अजीत पवार में नजदीकियां देखी जाती है तो कभी ये दूर दिखने लगते हैं। ऐसा ही एक वाक्या वसंतदादा चीनी संस्थान (वीएसआई) की वार्षिक आम सभा की बैठक में नजर आया। जहां दोनों नेताओं के बीच दूरियां नजर आईं। हालांकि उससे पहले अजीत पवार ने अपने चाचा शरद पवार से बंद कमरे में मुलाकात भी की। यह मीटिंग वसंतदादा शुगर इंस्टीट्यूट के परिसर में ही हुई।
शरद पवार और उनके भतीजे शरद पवार दोनों वार्षिक आम सभा की बैठक के लिए वहां गए थे। एनसीपी के विभाजन के बाद पहली बार वसंतदादा चीनी संस्थान (वीएसआई) की वार्षिक आम सभा की बैठक में दोनों नेताओं ने भाग लिया। हालांकि, कार्यक्रम में डिप्टीसीएम अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार के बगल में बैठने से किनारा कर लिया और मंच पर कुछ दूरी पर बैठे नजर आए। शुरुआती व्यवस्था के मुताबिक, दोनों को एक-दूसरे के बगल में बैठना था, लेकिन उपमुख्यमंत्री ने अपनी नेमप्लेट एक कुर्सी दूर कर दी, जिससे राज्य के सहकारिता मंत्री बाबासाहेब पाटिल उनके बीच बैठ गए।
अजित पवार से जब मीडिया ने शरद पवार के बगल में बैठने के बजाय सहकारिता मंत्री के बगल में बैठने का सवाल किया तो उन्होंने कहा कि बाबासाहेब पवार साहब से बात करना चाहते थे। इसीलिए मैंने बैठने की व्यवस्था बदलने के लिए कहा है। मैं उनसे (शरद पवार से) कभी भी बात कर सकता हूं। मैं एक कुर्सी दूर भी बैठूं तो मेरी आवाज इतनी तेज होगी कि दूर बैठा कोई भी व्यक्ति सुन सकता है। उनकी आवाज काफी तेज है और पहली दो लाइनों में बैठे लोग उन्हें सुन सकते हैं।
इसके ठीक बाद एनसीपी प्रमुख ने शरद पवार और एनसीपी विधायक दिलीप वलसे पाटिल सहित अन्य नेताओं के साथ बंद कमरे में बैठक की। वीएसआई के चेयरमैन शरद पवार कुछ बोर्ड सदस्यों के साथ अपने केबिन में थे। तभी वीएसआई के ट्रस्टी अजित पवार अंदर आए। इसके बाद वे और उनके चाचा कुछ बेहद करीबी सहयोगियों की मौजूदगी में करीब आधे घंटे तक उनसे मिले और फिर बैठक में चले गए। यह स्पष्ट नहीं है कि उनके बीच क्या बातचीत हुई।
पिछले कुछ सालों से उपमुख्यमंत्री वीएसआई की बैठकों में शामिल नहीं हुए हैं। पूछे जाने पर उन्होंने कहा, मैं अपनी पार्टी के विधायकों की संख्या बढ़ाने की योजना बनाने में व्यस्त था। बाद में अजित पवार ने कहा कि चर्चा चीनी उद्योग और वीएसआई से जुड़े मुद्दों पर हुई। उन्होंने कहा, चूंकि उद्योग को राज्य सरकार के सहकारिता, राज्य उत्पाद शुल्क, कृषि और ऊर्जा विभागों से निपटना पड़ता है, इसलिए हमने उनके मुद्दों पर चर्चा की। वीएसआई के बारे में मेरे कुछ विचार थे, जिन्हें मैंने उन्हें बता दिया।
10 hours ago