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अमेरिकी सेना का जवान कैसे बना ‘बाबा मोक्षपुरी’? जानें

महाकुंभ-2025 ने भारत ही नहीं, बल्कि दुनियाभर के संतों और आध्यात्मिक गुरुओं को अपनी ओर आकर्षित किया है. इनमें से एक नाम है अमेरिका के न्यू मैक्सिको में जन्मे बाबा मोक्षपुरी का. बाबा मोक्षपुरी, जो कभी अमेरिकी सेना में सैनिक थे, अब सनातन धर्म के प्रचारक बन गए हैं. उन्होंने अपनी आध्यात्मिक यात्रा और सनातन धर्म से जुड़ने की कहानी साझा की.

बाबा मोक्षपुरी कहते हैं, “मैं भी कभी एक सामान्य व्यक्ति था. मुझे परिवार और पत्नी के साथ समय बिताना पसंद था और सेना में भी शामिल हुआ था, लेकिन एक समय ऐसा आया जब मैंने महसूस किया कि जीवन में कुछ भी स्थायी नहीं है. तभी मैंने मोक्ष की तलाश में इस आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत की.” अब वे जूना अखाड़े से जुड़े हैं और अपना पूरा जीवन सनातन धर्म के प्रचार में समर्पित कर चुके हैं.

भारत यात्रा ने बदला जीवन

बाबा मोक्षपुरी ने सन 2000 में पहली बार भारत यात्रा की. वह कहते हैं, “यह यात्रा मेरे जीवन की सबसे यादगार घटना थी. यहीं मैंने ध्यान और योग को जाना और पहली बार सनातन धर्म के बारे में समझा. भारतीय संस्कृति और परंपराओं ने मुझे गहराई से प्रभावित किया. यह मेरी आध्यात्मिक जागृति की शुरुआत थी.”

बेटे की मृत्यु से मिली नई दिशा

बाबा मोक्षपुरी के जीवन में बड़ा मोड़ तब आया, जब उनके बेटे का असमय निधन हो गया. उन्होंने बताया, “इस घटना ने मुझे यह सिखाया कि जीवन में कुछ भी स्थायी नहीं है. इसी दौरान मैंने ध्यान और योग को अपनी शरणस्थली बनाया, जो मुझे इस कठिन समय से बाहर निकाले.”

योग और सनातन धर्म के प्रचारक

इसके बाद बाबा मोक्षपुरी ने योग, ध्यान और अपनी आध्यात्मिक समझ को पूरी तरह से समर्पित कर दिया. वह अब पूरी दुनिया में घूमकर भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म की शिक्षाओं का प्रचार कर रहे हैं. 2016 में उज्जैन कुंभ के बाद से उन्होंने हर महाकुंभ में भाग लेने का संकल्प लिया है और मानते हैं कि ऐसी परंपरा सिर्फ भारत में ही संभव है.

नीम करोली बाबा से मिली प्रेरणा

बाबा मोक्षपुरी ने अपनी आध्यात्मिक यात्रा में नीम करोली बाबा के प्रभाव का खास तौर पर उल्लेख किया. वह कहते हैं, “नीम करोली बाबा के आश्रम में भक्ति और ध्यान की ऊर्जा ने मुझे गहरे तक प्रभावित किया. मुझे वहां ऐसा महसूस हुआ जैसे बाबा स्वयं भगवान हनुमान का रूप हैं. यह अनुभव मेरे जीवन में भक्ति, ध्यान और योग के प्रति मेरी प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है.”

न्यू मैक्सिको में आश्रम खोलने की योजना

अब बाबा मोक्षपुरी ने अपनी पश्चिमी जीवनशैली को छोड़कर ध्यान और आत्मज्ञान के मार्ग को अपनाया है. उनका अगला लक्ष्य न्यू मैक्सिको में एक आश्रम खोलने का है, जहां वह भारतीय दर्शन और योग का प्रचार करेंगे.

नागा साधु: जानें क्यों लगाते हैं शरीर पर भस्म और क्या है इसका धार्मिक महत्व

नागा साधु कठोर तपस्या और साधना के लिए जाने जाते हैं. वे भगवान शिव के परम भक्त होते हैं और अक्सर महाकुंभ जैसे बड़े धार्मिक आयोजनों में देखे जाते हैं. इन साधुओं का जीवन पूरी तरह से सांसारिक सुखों से दूर होता है, लेकिन एक बात जो अक्सर लोगों के मन में उठती है, वह यह है कि ये साधु अपने शरीर पर भस्म क्यों लगाते हैं? आइए, जानें इसके धार्मिक और ऐतिहासिक कारणों के बारे में.

नागा साधु अपने शरीर पर भस्म या राख लगाते हैं, जिसे वे ‘भभूत’ भी कहते हैं. भस्म का उपयोग एक धार्मिक प्रतीक के रूप में किया जाता है और यह पवित्रता का प्रतीक मानी जाती है. भगवान शिव के भक्त होने के कारण, नागा साधु चिता की राख या धूनी की राख अपने शरीर पर लगाते हैं. यह उन्हें नकारात्मक ऊर्जा से बचाता है और मानसिक शांति प्रदान करता है.

भस्म बनाने की प्रक्रिया

भस्म बनाने की प्रक्रिया काफी लंबी होती है. हवन कुंड में पीपल, पाखड़, रसाला, बेलपत्र, केला और गाय के गोबर को जलाकर राख तैयार की जाती है. फिर इस राख को छानकर कच्चे दूध में लड्डू बनाया जाता है. इसे सात बार अग्नि में तपाकर और फिर कच्चे दूध से बुझाया जाता है. यह प्रक्रिया भस्म को शुद्ध और पवित्र बनाने के लिए की जाती है. इस भस्म को बाद में नागा साधु अपने शरीर पर लगाते हैं.

भस्म का शारीरिक लाभ

कई लोग यह सवाल करते हैं कि जब नागा साधु ठंड के मौसम में बिना कपड़ों के रहते हैं, तो उन्हें ठंड नहीं लगती. इसका एक मुख्य कारण यह है कि भस्म शरीर के तापमान को नियंत्रित करती है. भस्म शरीर पर एक इंसुलेटर का काम करती है, जिससे साधु ठंड या गर्मी से प्रभावित नहीं होते. इसमें कैल्शियम, पोटैशियम और फास्फोरस जैसे खनिज होते हैं, जो शरीर के तापमान को संतुलित रखने में मदद करते हैं.

भस्म और साधना का संबंध

नागा साधु भस्म को सिर्फ शरीर को गर्म रखने के लिए नहीं लगाते, बल्कि यह उनके साधना और तपस्या का हिस्सा है. वे मानते हैं कि भस्म शरीर को शुद्ध करती है और आत्मिक शक्ति को बढ़ाती है. यह उन्हें मानसिक शांति, स्थिरता और ध्यान की गहरी स्थिति में मदद करती है. इसके अलावा, भस्म को लगाने से साधु अपने शरीर के सारे भौतिक बंधनों से मुक्त होते हैं और वे पूरी तरह से आत्मा की साधना में लीन हो जाते हैं.

नागा साधु और उनके रहन-सहन

नागा साधु अपने शरीर पर भस्म लगाकर निर्वस्त्र रहते हैं और अपने शरीर की रक्षा के लिए चिमटा, चिलम, कमंडल जैसे वस्त्र और हथियार रखते हैं. उनके पास त्रिशूल, तलवार और भाला होते हैं, जो उन्हें आत्मरक्षा और धर्म की रक्षा के प्रतीक माने जाते हैं. उनकी बड़ी-बड़ी जटाएं और उनके मस्तक पर तीनधारी तिलक (त्रिपुंड) उनके विशेष रूप को दर्शाते हैं.

भस्म न केवल उन्हें ठंड और गर्मी से बचाती है, बल्कि यह उनके मानसिक और आत्मिक शुद्धिकरण का भी एक तरीका है. इस प्रक्रिया के जरिए नागा साधु अपने आप को ईश्वर के प्रति पूरी तरह समर्पित और सांसारिक मोह-माया से मुक्त कर लेते हैं.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद रेलवे की अपील: यात्रियों से कहा- टिकटों की कालाबाजारी की शिकायत करें

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भारतीय रेलवे ने रेल टिकटों को लेकर यात्रियों से अपील की है. भारतीय रेलवे ने कहा है कि यात्रियों को फेयर टिकट मिले, इसको लेकर हम प्रतिबद्ध हैं. अगर इसमें किसी भी तरह की गड़बड़ी दिखे तो हमें तुरंत बताएं. ऐसा करके आप रेलवे सिस्टम को ठीक करने में मदद कर सकते हैं. रेलवे ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ऐतिहासिक बताया.

आरपीएफ के डीजी मनोज यादव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का हालिया फैसला असली रेल यात्रियों के अधिकारों की रक्षा में एक ऐतिहासिक निर्णय है. रेल मंत्रालय ने केरल और मद्रास हाई कोर्ट के फैसलों को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की थी, जिसमें अनधिकृत थोक रेलवे टिकट बुकिंग को सामाजिक अपराध बताया गया था.

सिस्टम को सुधारने में हमारा साथ दें- RPF DG

आरपीएफ के डीजी ने कहा कि आरपीएफ अपने मिशन में दृढ़ है. सभी वैध यात्रियों के लिए टिकट सुलभ हों और व्यक्तिगत लाभ के लिए सिस्टम का दुरुपयोग न हो. सिस्टम का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ हम सख्त कार्रवाई करेंगे. हम जनता से अपील करते हैं कि वे किसी भी अनियमितता की रिपोर्ट करें और रेलवे सिस्टम को सुधारने में हमारा साथ दें. सभी शिकायतों के लिए हेल्पलाइन नंबर 139 एक ही है. रेलमदद पोर्टल के माध्यम से भी शिकायत कर सकते हैं. RPF यात्रियों को रेलवे सिस्टम की अखंडता को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है.

टिकटों की कालाबाजारी सामाजिक अपराध- SC

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि टिकटों की कालाबाजारी एक सामाजिक अपराध है और इससे आम लोगों को परेशानी होती है. रेलवे हमारे देश के बुनियादे ढांचे का आधार है. देश की अर्थव्यवस्था में इसका जबरदस्त प्रभाव है. रेल टिकट धोखाधड़ी अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रही है. इसे तुरंत रोका जाना चाहिए. इस फैसले से रेलवे टिकट, खासकर तत्काल टिकटों की कालाबाजारी रुकेगी. अब कोई भी व्यक्ति रेलवे टिकटों को जमा करके ज्यादा दामों पर नहीं बेच सकेगा. यह फैसला ऑनलाइन बुक किए गए टिकटों पर भी लागू होगा. सुप्रीम कोर्ट ने 9 जनवरी 2025 को यह फैसला सुनाया था.

एप्पल को-फाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी महाकुंभ पहुंचीं, लॉरेन पॉवेल से हुईं कमला,मिला ये गोत्र

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ की शुरुआत हो गई है, जहां हर तरफ राम भजन और जयकारे लग रहे हैं. महाकुंभ देश ही नहीं विदेशों में चर्चा का विषय बना हुआ है. विदेशों से भी श्रद्धालु महाकुंभ में पहुंच रहे हैं. इसी बीच apple कंपनी के को-फाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल भी प्रयागराज पहुंच गई हैं. वह अपने गुरु स्वामी कैलाशानंद महाराज के पास पहुंची हैं.

स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल अपनी 40 सदस्य की टीम के साथ महाकुंभ में पहुंची हैं. यहां वह महाकुंभ के कई अनुष्ठानों में हिस्सा लेंगी. लॉरेन पॉवेल महाकुंभ में एक संन्यासी का भेष धारण करके पहुंची हैं. वह भगवा चोला पहने और रुद्राक्ष की माला लिए नजर आ रही हैं. यहां लॉरेन पॉवेल कल्पवास करेंगी और साथ ही साधुओं की संगत में रहकर सादगी वाला जीवन व्यतीत करेंगी.

स्वामी कैलाशानंद को मानती हैं पिता

इससे पहले वह शनिवार को अपने गुरु, स्वामी कैलाशानंद गिरी, निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर के आश्रम पहुंची थीं. साथ ही काशी विश्वनाथ मंदिर भी पहुंचीं थी. वहां वह गुलाबी सूट और सफेद दुपट्टे में नजर आई थीं. उन्होंने मंदिर में पूजा-अर्चना की थी. उन्हें अपने गुरु के साथ ही काशी विश्वनाथ में पूजा करते हुए देखा गया था. लॉरेन पॉवेल सनातन धर्म में काफी गहरी आस्था रखती हैं. इसके साथ ही वह गुरु स्वामी कैलाशानंद को न सिर्फ अपना गुरु, बल्कि वह उन्हें अपने पिता के समान मानती और समझती हैं. गुरु स्वामी कैलाशानंद भी ने भी लॉरेन पॉवेल को अपनी बेटी बताया और कहा था वह भी उन्हें अपनी बेटी की तरह से ही मानते हैं.

लॉरेन पॉवेल से कमला रखा गया नाम

स्वामी कैलाशानंद ने बताया कि लॉरेन पॉवेल को सनातन धर्म में आने के बाद अच्युत-गोत्र दिया गया है. इसके साथ ही उनका नाम भी लॉरेन पॉवेल से कमला रखा गया है. उन्होंने कहा कि लॉरेन उनकी बेटी जैसी हैं. उनके दूसरी बार भारत आने और कुंभ में उनका स्वागत है. वह ध्यान लगाने के लिए भारत आई हैं. वह शाही स्नान और मौनी अमावस्या के मौके पर महाकुंभ में शाही स्नान भी करेंगी. एक स्नान 14 जनवरी और दूसरा 29 जनवरी को होगा. ऐसे में बताया जा रहा है कि वह तब तक यहीं रहेंगी.

गुरुग्राम में वन्य जीवों की अवैध बिक्री: 85 तितलियों और अन्य जीवों की बरामदगी

हरियाणा के गुरुग्राम से अजब-गजब मामला सामने आया है. यहां वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो ने वन्य जीव विभाग के साथ मिलकर पंडाला में एक दुकान पर रेड मारी. रेड के दौरान यहां टीम ने अलग-अलग प्रजातियों की 85 तितलियों के साथ कछुए और बिच्छू जैसे जीव भी बरामद किए. ये सभी मृत अवस्था में शोपीस में सजाए गए थे. फिलहाल अधिकारियों ने इन सभी को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है.

मामले में अधिकारियों का कहना है कि वे आला अधिकारी से कार्रवाई को लेकर सलाह ले रहे हैं. यदि ये सभी प्रजातियां वाइल्ड लाइफ एक्ट के शेड्यूल-1 में आती हैं, तो आरोपी दुकानदार को तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाएगा. अगर ये सभी प्रजातियां वाइल्ड लाइफ एक्ट के शेड्यूल-2 में आती हैं, तो दुकानदार पर जुर्माना लगाया जा सकता है.

वाइल्ड लाइफ अधिकारी की मानें तो वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो के पास तितलियों को शोकेस में सजाकर बेचे जाने की सूचना थी. इस पर टीम ने गुड़गांव वाइल्ड लाइफ विभाग की टीम के साथ मिलकर पंडाला एरिया में एक दुकान पर रेड की जहां ये सारा सामान बरामद किया गया है.

कई वन्य जीव बरामद

आरोपी शोपीस में सजाकर 5 से 10 हजार रुपये में बेचते थे. प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया है कि इन्हें बेचने वाला दुकानदार कहीं बाहर गया था. जहां उसने इस तरह से वन्यजीवों को शोपीस में रखकर बेचते देखा. जिसके बाद उसने इसकी यहां शुरुआत की. इनकी बिक्री वह ऑनलाइन ही करता था. यह सामान 5 से 10 हजार रुपये में बेचा जाता था. फिलहाल अधिकारियों ने दुकानदार से पूरी जानकारी अपने पास जुटाने के साथ ही यहां से बरामद तितलियों, बिच्छू और अन्य वन्य जीवों को भी कब्जे में लेकर लैब भेज दिया है. अब अधिकारी लैब रिपोर्ट आने व अधिकारियों के अगले आदेश का इंतजार कर रहे हैं. आदेशों व रिपोर्ट के आधार पर आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

प्रयागराज: महाकुंभ में किस समय-कौन अखाड़ा करेगा संगम में अमृत स्नान? देख लें लिस्ट

प्रयागराज में महाकुंभ का सबसे बड़ा आकर्षण होता है अखाड़े और नागा संन्यासी. इन अखाड़ों में भी सबसे बड़ा आकर्षण होता है शाही स्नान, जिसे इस बार अमृत स्नान का नाम दिया गया है. कुंभ मेला प्रशासन की तरफ से सभी 13 अखाड़ों को अमृत स्नान संबंधी समय सूची जारी की गई है. चलिए बताते हैं कि महाकुंभ में पहले कौन सा अखाड़ा पहले स्नान करेगा और कितनी देर आस्था की डुबकी लगाएगा.

महाकुम्भ मेला 2025 में अखाड़ों के परम्परागत पूर्व से निर्धारित कम के अनुसार अमृत स्नान की तिथियों और उनके स्नान क्रम की सूचना अखाड़ों को मिल चुकी है. पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव महंत जमुना पुरी बताते हैं कि मकर संक्रान्ति यानी 14 जनवरी को श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी सबसे पहले अमृत स्नान करेगा, जिसके साथ श्री शम्भू पंचायती अटल अखाड़ा भी होगा. यह अखाड़ा 5.15 पर शिविर से प्रस्थान करेगा और 6.15 पर घाट पहुंचेगा. इसे 40 मिनट का समय स्नान के लिए दिया गया है. यह 6.55 पर घाट से वापस शिविर के लिए रवाना होगा और 7.55 पर शिविर पहुंचेगा.

संन्यासी अखाड़ों के लिए भी जारी हुई समय सूची

अमृत स्नान में दूसरे स्थान पर श्री तपोनिधि पंचायती श्री निरंजनी अखाड़ा, एवं श्री पंचायती अखाड़ा आनन्द है. इसका शिविर से प्रस्थान का समय 06.05, घाट पर आगमन का समय 07.05, स्नान का समय 40 मिनट, घाट से प्रस्थान का समय 7.45 शिविर में आगमन का समय 8.45 रहेगा.

तीसरे स्थान पर तीन संन्यासी अखाड़े अमृत स्नान करेंगे, जिसमें श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा एवं श्री पंच दशनाम आवाहन अखाड़ा और श्री पंचाग्नि अखाड़ा शामिल हैं. इसका शिविर से प्रस्थान का समय 07.00.घाट पर आगमन का समय 08.00,स्नान का समय 40 मिनट, घाट से प्रस्थान का समय 8.40 शिविर में आगमन का समय 9.40 होगा.

वैष्णव अखाड़े कब करेंगे स्नान?

तीन बैरागी अखाड़ों में सबसे पहले अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अनी अखाडा 09.40 पर शिविर से चलेगा, 10.40 पर घाट पहुंचेगा और 30 मिनट स्नान के बाद 11.10 पर घाट से रवाना होकर 12.10 पर शिविर पहुंच जाएगा. इसी क्रम में अखिल भारतीय श्री पंच दिगम्बर अनी अखाडा 10.20 पर शिविर से निकलेगा, 11.20 पर घाट पहुंचना, 50 मिनट स्नान के बाद 12.10 पर घाट से रवाना होकर 13.10 पर शिविर वापस आ जाएगा. अखिल भारतीय श्री पंच निर्वाणी अनी अखाड़ा 11.20 पर शिविर से चलेगा, 12.20 पर घाट पहुंचेगा. 30 मिनट स्नान के बाद 12.50 पर वहां से वापस 13.50 पर शिविर आ जायेगा.

उदासीन और निर्मल अखाड़ों की समय सूची

शेष बचे तीन अखाड़ों में उदासीन अखाड़े आते हैं. इसमें उदासीन श्री पंचायती नया उदासीन अखाडा 12.15 पर अपने शिविर से रवाना होकर 13.15 पर घाट पहुंचेगा और 55 मिनट स्नान करने के बाद 14.10 पर घाट से रवाना होकर 15.10 पर शिविर पहुंच जाएगा. इसके बाद श्री पंचायती अखाड़ा, नया उदासीन, निर्वाण की बारी है, जो 13.20 बजे शिविर से उठेगा और 14.20 पर घाट पहुंचेगा. यहां एक घंटे स्नान के बाद 15.20 पर घाट से रवाना होकर 16.20 पर शिविर आ जायेगा.

सबसे आखिर में कौन अखाड़ा करेगा अमृत स्नान?

सबसे आखिर में अमृत स्नान करेगा श्री पंचायती निर्मल अखाड़ा. यह अखाड़ा 14.40 पर शिविर से चलेगा और 15.40 पर घाट पहुंचेगा. चालीस मिनट स्नान करने के बाद 16.20 पर घाट से रवाना होकर 17.20 पर शिविर आ जायेगा. यह समय सूची केवल मकर संक्रांति और बसंत पंचमी स्नान के लिए है.

Reliance Jio के 100 रुपये से भी सस्ते रिचार्ज प्लान, मिलेंगे ये बेनिफिट्स

रिलायंस जियो ने हमेशा अपने कस्टमर्स को सस्ती और बेहतरीन सर्विस देने की कोशिश की है. जियो के कई ऐसे किफायती प्लान हैं, जिनमें आपको कई बेनिफिट्स मिलते हैं. जियो 100 रुपये से भी कम कीमत के रिचार्ज प्लान पेश करती है, जो अलग-अलग डेटा और टॉकटाइम ऑप्शन के साथ आते हैं. ये प्लान खासतौर पर उन ग्राहकों के लिए बढ़िया हैं, जो कम खर्च में फोन चलाना चाहते हैं.

जियो के 100 रुपये से सस्ते रिचार्ज प्लान में 4G और 5G डेटा के साथ-साथ टॉकटाइम और वैलिडिटी के कई ऑप्शन मिलते हैं. यहां आप जियो के 100 रुपये से कम कीमत वाले रिचार्ज प्लान की डिटेल्स जान सकते हैं.

Jio: 100 रुपये से सस्ते रिचार्ज प्लान

जियो प्रीपेड यूजर्स के लिए 100 रुपये से भी सस्ते रिचार्ज प्लान.

100 रुपये प्लान

प्लान प्राइस: 100 रुपये

टॉकटाइम: 81.75 रुपये

69 रुपये प्लान

पैक वैलिडिटी: एक्टिव प्लान

कुल डेटा: 6 GB

हाई-स्पीड डेटा: 6 GB तक

51 रुपये प्लान

पैक वैलिडिटी: एक्टिव प्लान

4G डेटा: 3 GB

5G डेटा: अनलिमिटेड

(केवल 1.5GB/डेली और 1 महीने तक की वैलिडिटी वाले प्लान के लिए)

50 रुपये प्लान

प्लान प्राइस: 50 रुपये

टॉकटाइम: 39.37 रुपये

49 रुपये प्लान

पैक वैलिडिटी: 1 दिन

कुल डेटा: 25 GB

हाई-स्पीड डेटा: 25 GB तक

29 रुपये प्लान

पैक वैलिडिटी: 2 दिन

कुल डेटा: 2 GB

हाई-स्पीड डेटा: 2 GB तक

20 रुपये प्लान

प्लान प्राइस: 20 रुपये

टॉकटाइम: 14.95 रुपये

19 रुपये प्लान

पैक वैलिडिटी: 1 दिन

कुल डेटा: 1 GB

हाई-स्पीड डेटा: 1 GB तक

11 रुपये प्लान

पैक वैलिडिटी: 1 घंटा

कुल डेटा: 10 GB

हाई-स्पीड डेटा: 10 GB तक

10 रुपये प्लान

प्लान प्राइस: 10 रुपये

टॉकटाइम: 7.47 रुपये

टॉकटाइम: 7.47 रुपये

जियो के ये प्लान खासतौर पर स्टूडेंट्स, घरेलू यूजर्स और कम बजट वाले कस्टमर्स के लिए हैं. जो लोग केवल डेटा या थोड़े समय के लिए कॉलिंग की जरूरत रखते हैं, उनके लिए ये प्लान बेहद काम के हैं. खास बात यह है कि 100 रुपये से सस्ते कुछ प्लान में 5G डेटा का भी ऑप्शन देते हैं. इससे हाई-स्पीड इंटरनेट का फायदा उठाया जा सकता है.

JioPhone यूजर्स के लिए खास प्लान

ये रिचार्ज प्लान केवल जियोफोन यूजर्स के लिए हैं.

91 रुपये प्लान

पैक वैलिडिटी: 28 दिन

कुल डेटा: 3 GB (100 MB/दिन + 200 MB)

वॉयस कॉल्स: अनलिमिटेड

SMS: 50

ऐप्स सब्सक्रिप्शन: JioTV, JioCinema और JioCloud

75 रुपये प्लान

पैक वैलिडिटी: 23 दिन

कुल डेटा: 2.5 GB (100 MB/दिन + 200 MB)

वॉयस कॉल्स: अनलिमिटेड

SMS: 50

ऐप्स सब्सक्रिप्शन: JioTV,

JioCinema और JioCloud

जियोफोन यूजर्स के लिए बनाए गए 75 रुपये और 91 रुपये के रिचार्ज प्लान कई जबरदस्त फायदे देते हैं. इन प्लान में न केवल डेटा और अनलिमिटेड कॉलिंग दी जा रही है, बल्कि जियो के एंटरटेनमेंट ऐप्स का मुफ्त एक्सेस भी मिलता है.

अमित शाह ने महाराष्ट्र बीजेपी अधिवेशन में कार्यकर्ताओं को किया संबोधित,विपक्ष पर साधा निशाना, जानें क्या कहा

शिरडी में रविवार को महाराष्ट्र बीजेपी प्रदेश अधिवेशन का आयोजन किया गया. वहीं, महा-अधिवेशन के समापन के अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को महाराष्ट्र चुनाव में भारी जीत पर बधाई दी. साथ ही विपक्षी पार्टियों पर भी जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र चुनाव में भारी जीत के बाद पहली बार सब एकत्रित हुए हैं. आप सब ने बहुत बड़ा काम किया है. लोकसभा चुनाव के बाद सभी विरोधी बाहें चढ़ाकर बैठे थे कि महाराष्ट्र में उनकी जीत होगी. लेकिन आप सभी ने उनके इस सपने को चकनाचूर करने का काम किया है.

अमित शाह ने बीजेपी के राज्य स्तरीय अधिवेशन में पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा, ‘आप सबको मालूम नहीं है कि आपने कितना बड़ा काम किया है. उद्धव ठाकरे ने हमारे साथ जो द्रोह किया था, 2019 में विचारधारा छोड़ी थी और बाला साहेब ठाकरे के विचारों को छोड़ा था. झूठ-फरेब करके वे मुख्यमंत्री बने थे. आपने उद्धव ठाकरे को उनकी जगह बताने का काम किया है.’ शाह ने इसी क्रम में इंडिया अलायंस में हो रहे बिखराव पर भी प्रतिक्रिया दी है.

‘साल 2025 में जीत की शुरुआत दिल्ली से होगी’

बीजेपी कार्याताओं को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, ‘ महाराष्ट्र ने अस्थिरता की राजनीति को समाप्त करके एक मजबूत देवेंद्र फडणवीस सरकार देने का काम आपने किया है. सब हमारे विरोधी बाहें चढ़ाकर बैठे थे कि लोकसभा के बाद महाराष्ट्र में हमारी विजय होगी. उनके इस सपने को चकनाचूर करने का काम किया है. ‘ शाह ने कहा, ‘ शरद पवार कई वर्षों तक मुख्यमंत्री रहे, लेकिन किसानों की आत्महत्या ने रोक पाए, आपने उन्हें भी उनकी असली जगह दिखा दी

उन्होंने कहा कि दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी की जीत होगी. दिल्ली में भी बीजेपी सरकार बनेगी. 2024 के चुनावी साल के आखिरी में महाराष्ट्र ने विजय दिया है. यही सिलसिला जारी रहेगा और साल 2025 में जीत की शुरुआत दिल्ली से होगी. दिल्ली में 5 फरवरी को विधानसभा चुनाव होने हैं जिसके नतीजे 8 फरवरी को आएंगे. इसी क्रम में शाह ने विपक्ष की इंडिया गठबंधन को भी निशाने पर लिया.

इंडी अलायंस की क्या स्थिति है- अमित शाह

अमित शाह ने लोकसभा चुनाव से पहले करीब 32 पार्टियों द्वारा बनाई गई इंडिया गठबंधन पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा कि,’यह घमण्डी अलायंस टूटने की शुरुआत हो गई है. इंडी अलायंस की क्या स्थिति उद्धव शिवसेना अलग चुनाव लड़ रहा है. दिल्ली में क्या हुआ. ममता लालु झपटाता रहे है.’ वहीं, शाह ने अपने संबोधन में आगे कहा कि 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह से देश से खत्म कर दिया जाएगा. इससे पहले छत्तीसगढ़ के दौरे पर भी उन्होंने नक्सलवाद के खिलाफ सरकार की सख्त नीति की बात की थी.

वहीं, इंडिया गठबंधन में इस बीच प्रदेश चुनाव में बिखराव खुल कर सामने आ रहे हैं. महाराष्ट्र में उद्धव की शिवसेना ने बीएमसी चुनाव अकेले लड़ने का ऐलान किया है. वहीं, दिल्ली में भी इंडिया गठबंधन में शामिल आम आदमी पार्टी और कांग्रेस अलग-अलग चुनाव में है. लोकसभा चुनाव में दोनों इंडिया गठबंधन के तले मैदान में थी.

अमरावती में फैक्ट्री में जहरीला पदार्थ देने का मामला: 100 से ज्यादा महिलाएं अस्पताल में भर्ती

महाराष्ट्र के अमरावती में एक फैक्ट्री के अंदर 100 से ज्यादा महिलाओं को जहर देने का मामला सामने आया है. महिलाओं की तबीयत बिगड़ने के बाद हंगामा हो गया. जिसके बाद महिलाओं को आनन-फानन में हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है. महिलाओं को पानी या नाश्ते में जहर जैसा कोई पदार्थ देने की आशंका है. जिसकी वजह से महिलाओं की तबीयत बिगड़ी और उन्हें पेट दर्द, उल्टियां, मतली जैसे लक्षण दिखाई देने लगे.

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पूरा मामला अमरावती के नंदगांव पेठ में स्थित गोल्डन फाइबर कंपनी का है. इस कंपनी में 100 से ज्यादा महिलाओं की कंपनी के अंदर अचानक तबीयत बिगड़ गई. सभी महिलाओं को गंभीर हालत में अमरावती जिला हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है. सभी का इलाज चल रहा है. पीड़ित महिलाओं ने बताया है कि कंपनी के नाश्ते में या फिर पानी में जहर जैसा कुछ मिला हो सकता है जिसकी वजह से सबकी तबीयत बिगड़ी है.

महिलाओं ने बताया कि कंपनी में करीब 700 महिलाओं काम करती हैं. महिलाओं को सुबह करीब 9 बजे से ही मतली आना, उल्टियां होने और पेट दर्द जैसे लक्षण दिखाई दे रहे थे. कंपनी संचालकों की लापरवाही की हद तो तब हो गई जब इतनी सारी महिलाओं की तबीयत बिगड़ने के बाद भी उन्हें कंपनी से बाहर नहीं जाने दिया बल्कि वहीं पर डॉक्टर बुलाकर उनका इलाज कराया गया. कुछ महिलाओं को कंपनी से छुट्टी दे दी गई.

मनसे पदाधिकारी ने की पहल

स्थानीय मनसे के पदाधिकारी ने इस पूरे मामले में पहल की. उन्हें इस बात की जानकारी लगी कि कंपनी के अंदर जहर देने जैसे हालात बने हुए हैं. जिन महिलाओं को छुट्टी दी गई थी उनके जरिए यह बात फैल गई. मनसे पदाधिकारी तुरंत कंपनी में गए और पुलिस को सूचित किया. जिसके बाद बाकी महिलाओं को भी जिला हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है. कुछ महिलाओं की हालत नाजुक बताई जा रही है. उन्होंने कंपनी के मालिक पर लापरवाही बरतने का आरोप भी लगाया है.

असम के कोयला खदान हादसे में 4 शव निकाले गए, बचाव अभियान जारी

अमस के दीमा हसाओ में तीन किलो मीटर उमरंगसों क्षेत्र में कोयला खदान में फंसे मजदूरों का पता लगाने के लिए अभी भी संयुक्त और बचाव अभियान जारी है. मजदूरों का पता लगाने के लिए भारतीय सेना, भारतीय नौसेना, एनडीआरएफ समेत स्थानीय एजेंसियां जुटी हुई हैं. जानकारी के मुताबिक, बचाव राहत टीम 4 शव निकालें हैं. वहीं खदान में पानी घुसने से 9 मजदूर फंस गए थे.

नेपाल के गंगा बहादुर श्रेथ के रहने वाले एक मजदूर के शव को 8 जनवरी को खदान से निकाल गया था. वहीं 11 जनवरी को और तीन मजदूरों के शव निकाले गए थे. वहीं कुछ मजदूरों के बारे में अभी भी कोई जानकारी नहीं मिल सकी है. बचाव और राहत टीमें लापता मजदूरों का पता लगाने के लिए सातवें दिन भी सर्च अभियान में जुटी हैं.

गौरव गोगोई ने पीएम को लिखा पत्र

कोल इंडिया की 12 सदस्यीय बचाव टीम ने शुक्रवार को खदान ढहने की जगह पहुंची और मजदूरों का पता लगाने में जुट गई. वहीं इस घटना पर कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने खदान ढहने की जांच एसआईटी से कराने को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. उन्होंने पीएम भेजे गए पत्र में लिखा है कि अवैध रैट होल कोयला खदान में हुई दुखद घटना के बारे में गहरी चिंता से लिख रहा हूं. खदान में पानी भ जाने से कई मजदूर फंस गए थे. उन्होंने ये भी लिखा की बचाव अभियान जारी है लेकिन फंसे मजदूरों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल रही है.

अभी भी जारी है रेस्क्यू

3 किलो उमरांगसो क्षेत्र में कोयला खदान हादसे में मारे गए लिजेन मगर की पत्नी जुनू प्रधान कहा कि जिस दिन हादसा हुआ वो उनके काम का पहला दिन था. उन्होंने कहा कि परिवार में मेरे पति लिजेन मगर एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे. हमारे परिवार में मेरा एक 2 महीने का बच्चा है और मुझे नहीं पता कि अब हमारा भविष्य क्या होगा. 27 वर्षीय लिजेन मगर उन 9 श्रमिकों में शामिल थे, जो 6 जनवरी को रैट-होल कोयला खदान के अंदर फंस गए थे.