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आतिथ्य सेवा के साथ स्वच्छता का भी उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करेगा प्रयागराज: सीएम योगी

विश्वनाथ प्रताप सिंह

महाकुम्भ नगर/प्रयागराज।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को प्रयागराज में महाकुम्भ के दृष्टिगत समीक्षा बैठक के बाद पत्रकार वार्ता में एक बार फिर प्रयागवासियों से आतिथ्य सेवा के साथ ही महाकुम्भ के दौरान स्वच्छता का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करने की अपील की। उन्होंने नव वर्ष की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आप सबके सहयोग से महाकुम्भ को पूरी भव्यता के साथ यहां पर आयोजित करने का गौरव न सिर्फ डबल इंजन सरकार को बल्कि प्रयागराज वासियों को भी प्राप्त होने जा रहा है। प्रयागराज वासियों से अपील होगी कि स्वच्छता और आतिथ्य सेवा का जो उदाहरण उन्होने 2019 कुम्भ में प्रस्तुत किया है, उससे अच्छा अवसर इस बार उनके सामने आ रहा है। इस बार भी हमारा प्रयागराज आतिथ्य सेवा के साथ-साथ स्वच्छता का भी एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करेगा।

प्रयागराज सिटी का कायाकल्प लगभग पूरा

प्रयागराज मेला प्राधिकरण स्थित आईसीसीसी सभागार में समीक्षा बैठक करने के बाद सीएम योगी ने पत्रकारों के साथ संवाद किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रकृति और परमात्मा की कृपा से, भगवान प्रयागराज, द्वादश माधव और मां गंगा और मां यमुना की कृपा से महाकुम्भ का यह आयोजन सकुशल संपन्न हों, इसके लिए आज यहां बैठक की गई है। उन्होंने बताया कि प्रयागराज सिटी का कायाकल्प लगभग पूरा हो चुका है। 200 से अधिक सड़कों का निर्माण हुआ है। इन्हें सिंगल से डबल लेन, डबल लेन से फोर लेन, फोरलेन से सिक्स लेन बनाया जा चुका है। 14 फ्लाईओवर या आरओबी में से 13 कंप्लीट हो गए हैं और एक फाइनल स्टेज की तरफ बढ़ रहा है। सिटी के अंदर सौंदर्यीकरण के कई कार्य किए गए हैं। सिटी के अंदर यह भी व्यवस्था की गई है कि रेलवे स्टेशनों पर भी होल्डिंग एरिया हों और उसके बाहर भी। उन्होंने कहा कि मेला प्राधिकरण ने यहां पर लगभग 5000 एकड़ क्षेत्रफल में प्रयागराज को जोड़ने वाले मार्गों पर संगम से 2 से 5 किलोमीटर की दूरी पर पार्किंग स्पेस भी चिन्हित करके उन्हें सक्रिय कर दिया है। हर पार्किंग स्थल पर चौकी भी होगी, सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था भी होगी और पब्लिक एड्रेस सिस्टम भी होगा।

देश और दुनिया प्रयागराज कुम्भ में आने के लिए उत्सुक

उन्होंने बताया कि 2019 में पहली बार पांटून ब्रिज की संख्या को बढ़ाकर 22 किया गया था, जिसे इस बार महाकुम्भ को देखते हुए 30 कर दिया गया है। इसमें 28 बनकर तैयार हो गए हैं और दो अगले तीन-चार दिन के अंदर बनकर तैयार होंगे। 12 किलोमीटर का अस्थाई घाट यहां पर तैयार किया जा रहा है और सभी लगभग तैयार हैं। अरैल की ओर भी एक पक्का घाट बन रहा है, जिसे अगले दो-तीन दिन के अंदर कंप्लीट कर लिया जाएगा। चेकर्ड प्लेट यहां पर लगभग 530 किलोमीटर के दायरे में बिछाई जा चुकी है और इसी प्रकार से शुद्ध पेयजल के लिए 450 किलोमीटर की पाइलाइन बिछाई जा चुकी है। उन्होंने कहा कि मेला लगभग अपना शेप ले चुका है। 7000 से अधिक संस्थाएं अब तक आ चुकी हैं। डेढ़ लाख से अधिक टेंट की व्यवस्था मेला प्राधिकरण की ओर से की गई है। देश और दुनिया प्रयागराज कुम्भ में आने के लिए उत्सुक है। लोग उत्तर प्रदेश और देश के इस सबसे बड़े आध्यात्मिक और धार्मिक समागम को अपनी आंखों से देखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि 144 वर्ष के बाद महाकुम्भ का यह मुहूर्त आ रहा है और इसके लिए हर प्रकार की व्यवस्थाएं डबल इंजन सरकार यहां युद्धस्तर पर कर रही है।

मुख्य स्नान पर नहीं होगा कोई भी प्रोटोकॉल

सीएम योगी ने कहा कि 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा का पहला स्नान यहां पर संपन्न होगा। मकर संक्रांति यानी 14 जनवरी को दूसरा स्नान होगा जो अमृत स्नान भी होगा। 29 जनवरी को मौनी अमावस्या का स्नान होगा, जो मुख्य स्नान में से एक है, जिसमें सबसे ज्यादा भीड़ आएगी। हमारा अनुमान है कि इस दिन 6 से 8 करोड़ श्रद्धालु यहां पर आएंगे और उस अमृत स्नान में सहभागी बनेंगे। यह एक बहुत पवित्र मुहूर्त भी होगा। 3 फरवरी बसंत पंचमी है, फिर 12 फरवरी और 26 फरवरी, यह दो अतिरिक्त स्नान समेत यहां पर कुल छह स्नान होने हैं। मुख्य स्नान के दिन कोई भी प्रोटोकॉल नहीं होगा। उन्होंने कहा कि प्रमुख स्नान के अवसर पर पूज्य संतों के लिए, श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए पुष्प वर्षा की व्यवस्था भी रहेगी।

योगी और मोदी के राज में आज देश और प्रदेश में आनंद ही आनंद: स्वामी अधोक्षजानंद

विश्वनाथ प्रताप सिंह

प्रयागराज में महाकुम्भ का महाआयोजन अब बस चंद दिन दूर है और महाकुम्भनगर में पूज्य संतों का आगमन शुरू हो चुका है। महाकुम्भ के लिए योगी सरकार द्वारा की गई व्यवस्थाओं से ये संत भी प्रभावित नजर आ रहे हैं। इन व्यवस्थाओं को लेकर गोवर्धनमठ पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ ने योगी सरकार की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि सीएम योगी स्वयं एक साधु पुरुष हैं। वो यहां बार-बार आकर व्यवस्थाओं का अवलोकन कर रहे हैं, जिससे धर्मावलंबियों का हौसला और मनोबल प्रबल हो रहा है। ऋषि मुनियों और साधकों को साधना, यज्ञ और तप करने के लिए अनुकूल माहौल मिल रहा है। महाकुम्भ में साधु संतों की पूजा और अनुष्ठान का पुण्य राज्य और स्वयं उनको प्राप्त होगा। सभी संत और महंत मुख्यमंत्री जी की यश, कीर्ति, मान, सम्मान और उज्ज्वल भविष्य के लिए विशेष प्रार्थना करेंगे।

आज सनातन को मानने वालों का शासन

स्वामी अधोक्षजानंद ने कहा कि कालांतर में भारत में विधर्मी शासन रहा, जिसमें हमारे धार्मिक अनुष्ठानों को महत्व नहीं मिलता था। आज फिर से भारत भूमि में सनातन को मानने वालों का शासन आया है, जिसका असर यहां प्रत्यक्ष दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि तीर्थ क्षेत्र में आने के लिए भक्ति और भक्त होना जरूरी है। कोई अभक्त और अशिष्ट शासक अहंकार से आएगा तो तीर्थ उसे कभी स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री की प्रशंसा करते हुए कहा कि जितना मुखर और उदार होकर मुख्यमंत्री ने हमारे मान-सम्मान के लिए व्यवस्था की है तो हम लोग भी राज्य की समृद्धि, कल्याण, आर्थिक उत्थान और उनके खुद के अभ्युदय की विशेष कामना करेंगे। उन्होंने कहा कि राक्षसी प्रवृत्तियां अनादिकाल से ही सनातन को चोट पहुंचाने और भ्रम फैलाने के लिए कार्य करती रही हैं। कभी-कभी वो कामयाब होती भी दिखती हैं। लेकिन जब-जब ऐसा होता है तब परमात्मा अवतार लेते हैं। यह महाकुम्भ सनातन धर्मावलंबियों को शक्ति प्रदान करेगा। सनातन का झंडा पूरे विश्व में लहराने वाला है और इसका शक्तिपात महाकुम्भ से होने वाला है।

आज के शासक हमारे धर्म के अनुकूल

देश और राज्य में धार्मिक स्थलों के उन्नयन पर उन्होंने कहा कि जब भी कोई सभ्य शासक हुआ है वो यह जानने की कोशिश करता है कि हमारी प्रजा के साथ कहां अन्याय हुआ है और उनकी भावनाएं कहां आहत हुई हैं। देवी, देवता, मठ, मंदिर, गंगा, यमुना, हिमालय यह सब हमारे अराध्य देव हैं। इनका मान सम्मान होता है तो समाज सुखी होता है। वो बुरा समय था जब हमारे मठ मंदिरों को तोड़ा गया। हमारे सांस्कृतिक प्रतीकों को चोट पहुंचाई गई। जब असुरीय शक्तियां हावी होती दिखती हैं तो दैवीय शक्तियां उत्पन्न होती हैं। ये महान लोग महापुरुष, त्यागी, बैरागी,ज्ञानी, आचार्य के साथ ही एक महान शासक के रूप में भी आते हैं। आज आनंद का समय है। हमारा शासक अनुकूल है, हमारा धर्म-कर्म सब अनुकूल है।

केले के आसन महाकुम्भ का बनेंगे आकर्षण

स्वामी अधोक्षजानंद के शिविर में असम से आए केले के पत्तों के बने आसन महाकुम्भ का प्रमुख आकर्षण बनने जा रहे हैं। सेक्टर 18 में स्थित शिविर में असम से 151 आसन आ चुके हैं। इसके साथ ही, नॉर्थ ईस्ट से बड़ी संख्या में नारियल और कच्ची सुपारी (तांबुल) भी लाई गई है। यह सभी चीजें महाकुम्भ के दौरान यज्ञशाला में हवन में उपयोग में लाई जाएंगी। केले के बने आसन के बारे में स्वामी जी ने बताया कि केले के पेड़ को काटकर और खोलकर सुखाया जाता है। इसके बाद इसे जोड़कर तैयार किया जाता है। उन्होंने बताया कि पहली बार महाकुम्भ में इस तरह के आसन लाए गए हैं। नॉर्थ ईस्ट के अलावा अन्य राज्यों से भी बड़ी संख्या में यहां नारियल और सुपारी लाई जा रही है।

किसान महिला के साथ अभद्रता को लेकर धरना प्रदर्शन

विश्वनाथ प्रताप सिंह

प्रयागराज । बारा तहसील के अन्तर्गत जारी में 3 1 दिसम्बर के धरना प्रदर्शन प्रारम्भ किया गया लेडियारी में किसान यूनियन के महिला पदाधिकारी से विद्युत विभाग एसडीओ चन्द्रशेखर आजाद द्वारा अभद्रता किया गया जिसकी शिकायत खीरी थाने पर दिया गया जिसमें थाना से कोई कार्यवाही नही किया गया इसके बजाय संगठन पर ही मुकदमा दर्ज कर दिया गया।

जिसको लेकर भारतीय किसान यूनियन भानू के कार्यकर्ताओं ने एसीपी कार्यालय जारी में अनिश्चित कालीन धरना पर बैठ गये जिसमें कोई भी सरकारी कर्मचारी सारा दिन धरना स्थल पर नही आये इस बैठक में प्रदेश संगठन मत्री राकेश सिंह , प्रदेश सचिव लाल पुष्पराज सिंह , मण्डल अध्यक्ष राम बाबू सिंह , मण्डल महा सचिव अंकुश शुक्ला , मण्डल प्रभारी मण्डल मिडिया प्रभारी प्रयागराज कृष्णराज सिंह ,जिला अध्यक्ष पंकज प्रताप सिंह ,जिला महा सचिव संकल्प सिंह उर्फ शिब्बू कांति दल से जिला अध्यक्ष दीपक तिवारी , तहसील उपाध्यक्ष रुबी बानो , आलिया पी तथा संगठन के सैकड़ो महिला पुरुष मौजूद रहे।

झूठे मुकदमें के विरुद्ध इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की : जियाउर्रहमान बर्क
संभल। जिले में 24 नवंबर को जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हुई हिंसा के बाद सोमवार को पहली बार समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क संभल पहुंचे हैं। सांसद पर हिंसा भड़काने और बिजली चोरी के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ। सांसद ने पत्रकारों से बताया कि उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज झूठे मुकदमें के विरूद्ध इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है। उच्च न्यायालय जनवरी के पहले सप्ताह में इस याचिका पर सुनवाई कर सकता है।

संभल की निचली अदालत में जामा मस्जिद में हरिहर मंदिर का दावा पेश करने के बाद एडवोकेट कमिश्नर ने टीम के साथ 19 नवंबर को जामा मस्जिद में सर्वे किया। रात का समय और भीड़ को देख सुरक्षा कारणों से सर्वे कार्य को बीच में ही स्थगित कर दिया था। इसके बाद ही 22 नवम्बर को जामा मस्जिद में जुमे की नमाज के बाद सांसद जियाउर्ररहमान बर्क ने वहां मौजूद नमाजियोें को संबोधित किया। मस्जिद का सर्वे कराने को लेकर सीधे-सीधे चुनौती दी थी। एक दिन बाद रविवार 24 नवंबर को टीम ने मस्जिद में सर्वे करना प्रारंभ कर दिया था और कुछ देर बाद जामा मस्जिद क्षेत्र में 700-800 लोगों की जुटी भीड़ उग्र हो गई थी। जिसने एक भयानक हिंसा का रूप ले लिया था। इस दौरान गोलीबारी के साथ पथराव हुआ था। हिंसा में जहां पांच युवकों की मौत हो गई थी, वहीं अनेकों पुलिस कर्मी चोटिल भी हो गए थे।

इसके बाद 19 दिसंबर को बिजली विभाग की एक टीम पुलिस बल और रैपिड एक्शन फोर्स के साथ सपा सांसद के आवास पर गई थी। सांसद बर्क और पूर्व सांसद के नाम से दो अलग-अलग मीटर लगे थे। जिनकी क्षमता दो-दो किलोवाट थी। टीम ने घर का लोड और घर में लगे विद्युत उपकरणों को चेक किया था तो उसमें कई अनियमितताएं मिलीं। सांसद के आवास के मीटर की रीडिंग, एसी, पंखे और अन्य बिजली उपकरणों के लोड की भी जांच की गयी। बिजली मीटर का लोड निर्धारित लोड से अधिक था। इस मामले में भी सांसद के खिलाफ केस दर्ज हुआ था।
महाकुंभ क्षेत्र में दस जनवरी को धूमधाम से छावनी प्रवेश करेगा श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन निर्वाण

महाकुंभ नगर/प्रयागराज। अपनी प्राचीन परंपराओं वैदिक मंत्र के साथ श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन निर्वाण 8 जनवरी को धर्म ध्वजा स्थापित करेगा। दस जनवरी को मुट्ठीगंज से नगर भ्रमण के साथ विशाल पेशवाई जुलूस छावनी प्रवेश करेगा। यह जानकारी मंगलवार को अखाड़े के संत सोम मुनि महाराज ने दी।

उन्होंने बताया कि मेरे अखाड़े की स्थापना ब्रह्मा पुत्र संत कुमार ने की। चारों दिशाओं में संचालन के लिए चार संतों की जिम्मेदारी दी। जिसके बाद से यह परम्परा सतत चली आ रही है। सबसे पहले श्री पंचायती बड़ा उदासीन, उसके बाद श्री पंचायती नया उदासीन निर्वाण की स्थापना हुई और बंधुआ संत हैं। उन्होंने बताया कि उज्जैन, नासिक और हरिद्वार में लगने वाले कुंभ में सभी अखाड़े एक साथ रहते हैं। लेकिन प्रयागराज में सभी अखाड़े अलग अलग अपनी धर्म ध्वजा एवं शिविर स्थापित करते हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जखीरा महन्त आकाश मुनि, मुखिया महंत भगतराम महाराज, मुखिया महंत सुरजीत मुनि महाराज, मंगलदास महाराज, अध्यक्ष धुनीदास महराज, सचिव जगतार मुनि और कोठारी महंत नारायण दास महाराज है। पूरे अखाड़े में लाखों संत जुड़े हुए हैं जो देश के विभिन्न क्षेत्रों में रहते हुए तपस्या करते रहते हैं और धार्मिक आयोजन में शामिल होने के लिए सभी को आमंत्रण भेजा जाता है तो सभी उसमें शामिल होते हैं। विश्व के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन महाकुम्भ मेला में हमारे सभी संन्यासी आ रहें हैं। **
संजय नगर बस्ती को उजड़ने से बचाने के लिए रेलवे महाप्रबंधक को दिया ज्ञापन

गुफरान खान

प्रयागराज के अल्लापुर में स्थित संजय नगर एक मलिन बस्ती है जहां सैकड़ों गरीब परिवार चार पीढ़ियों लगभग 50 वर्षों से अधिक समय से झोपड़पट्टियों में रहते आ रहे हैं जिसमें सफाईकर्मी, घरेलू कामगार महिलाएं तथा मजदूरी करके जीवन यापन करते हुए निवासित हैं।

संजय नगर व आस-पास रहने वाले कमजोर गरीब व मध्यम वर्गीय परिवारों के सैकड़ों मकानों पर रेलवे के द्वारा 24 दिसंबर 2024 को नोटिस चस्पा कर दिया गया जिसमें 1 सप्ताह के भीतर घरों को खाली करने का आदेश दिया गया है और रेल विभाग अपनी भूमि बता रहा है।

1901 के आसपास इलाहाबाद जंक्शन से फाफामऊ तक रेल लाइन बिछाने के लिए भूमि अधिग्रहण किया गया था उसी समय राष्ट्रीय नदी गंगा पर कर्जन ब्रिज का निर्माण किया गया था और रेल लाइन निर्माण के बाद बची शेष भूमि पुन: राजकीय अस्थान को वापस हो गई। इन्हीं भूमियों पर मोतीलाल नेहरू रिजिनल इंजीनियरिंग संस्थान, टीबी अस्पताल, नारायणी आश्रम आदि स्थित है इसी प्रकार टैगोर टाउन में एल आई सी कालोनी, प्रयाग रेलवे का दक्षिणी भाग आदि इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट नगर महापालिका में वापस हो गई।

संजय नगर एक मलिन बस्ती है जिसमें गरीब परिवार झोपड़पट्टियों को बनाकर पचासों साल से रहते आ रहे हैं यह बस्ती नगर विकास में डूडा के अंतर्गत अधिसूचित है और सभी नागरिक सुविधाएं उपलब्ध करायी गई है। सर्वोच्च न्यायालय ने "संविधान के जीने अधिकार" के अंतर्गत कई महत्वपूर्ण निर्णय व निर्देश दिये हैं। यहां के निवासित गरीब लोगों के पास दूसरा कोई आवास नहीं है। इस समय ठंड का मौसम है। इसमें से कई सफाईकर्मी " कुंभ मेला 2025 " के सफाई कार्य में कार्यरत हैं।समय-समय पर केंद्र व राज्य सरकार द्वारा मलिन बस्ती के निवासियों के लिए तमाम योजनायें " राजीव आवास योजना" ( केन्द्र सरकार व आवास विभाग )" सुखी गृह योजना " ( रेल विभाग)" आश्रय आवास योजना " उत्तर प्रदेश सरकार, बाल्मीकि आवास योजना, बी० एस० यू०पी० व वर्तमान में " प्रधानमंत्री आवास योजना" आदि। सन् 2012 में इस बस्ती के लोगों को पुर्नवासित करने हेतु " राजीव आवास योजना " तथा " सुखी गृह " योजना के अंतर्गत कार्यवाही शुरू की गई थी किन्तु वह पूरी नहीं हो सकी। रेल विभाग अभी भी रेल लाइन के किनारे निवासित लोगों के पुर्नवासन हेतु चला रहा है।

बस्ती को विस्थापित कराने के लिए संगम क्षेत्र मलिन बस्ती संघ के संरक्षक व पूर्व विधायक अनुग्रह नारायण सिंह के नेतृत्व में अल्लापुर वरिष्ठ पार्षद शिवसेवक सिंह, कर्नलगंज वरिष्ठ पार्षद आनंद घिल्डियाल, समाजसेविका अनुराधा तथा समाजिक कार्यकर्ता रवि कुमार लेखक की अगुवाई में रेलवे महाप्रबंधक को ज्ञापन सौंपा गया जिसमें बस्ती के सैकड़ों महिलाएं, पुरुष व बच्चे शामिल थें।

महाकुम्भ में संत बोले, सनातन के नव अंकुरण हैं योगी

महाकुम्भनगर/प्रयागराज : महाकुम्भ को लेकर तीर्थराज देश के दिग्गजों का सदैव से ही केंद्र रहा है, लेकिन पहली बार इतने बड़े स्तर पर सनातन को लेकर जागरूकता शुरू की गई है। इसकी विधिवत शुरुआत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की है। योगी के बंटेंगे तो कटेंगे नारे के समर्थन में देश के संत उतर पड़े हैं। उनका कहना है कि सीएम योगी सनातन के नव अंकुरण हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में महाकुम्भ को लेकर पहली बार इतना बड़ा आयोजन किया जा रहा है, जिसका पूरा श्रेय महाकुम्भ नगर के संत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को देते हैं। मुख्यमंत्री और सनातन की एकता के संदेश वाले बड़े-बड़े होर्डिंग संगम किनारे देखे जा सकते हैं। नाणीजधाम दक्षिण पीठ के जगद्गुरु रामनंदाचार्य नरेंद्राचार्य के विशालकाय पोस्टर में बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा है कि सनातन सात्विक है पर कायर नहीं। इसके अलावा सभी हिंदुओं में एकता हो, समेत विभिन्न प्रकार के नारों से श्रद्धालुओं में सनातन के प्रति उत्साह प्रदर्शित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री योगी को युगपुरुष बताया
दक्षिण पीठ के जगद्गुरु से लेकर अयोध्या धाम तक के संतों ने मुख्यमंत्री योगी को युगपुरुष बताया है। श्री राम वैदेही मंदिर अयोध्या धाम के मुख्य महंत एवं रघुवंश संकल्प सेवा के प्रमुख स्वामी दिलीप दास त्यागी महाराज ने मुख्यमंत्री योगी को धर्मनिष्ठ मुख्यमंत्री की संज्ञा दी है। त्यागी महाराज का कहना है कि योगी आदित्यनाथ से पहले भी प्रदेश के तमाम मुख्यमंत्री हुए, लेकिन इतना विहंगम महाकुम्भ इनके ही कार्यकाल में पहली बार देखने के लिए मिला है। योगी का नियमित महाकुम्भ नगर का दौरा ये साबित करने के लिए काफी है कि मुख्यमंत्री श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कितने चिंतित रहते हैं। दिलीप दास त्यागी महाराज के अनुसार, योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के श्रद्धालुओं का तो ध्यान रख ही रहे हैं, समूचे देश के श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुव्यवस्था को संभालने में पीएम मोदी के बाद सबसे ज्यादा समर्पित हैं।
आस्था का केंद्र बने बड़े हनुमान के दर्शन के लिए उमड़े चौगुना श्रद्धालु

महाकुम्भनगर/प्रयागराज: महाकुम्भ में नए साल से पहले ही आस्था के केंद्र बने बड़े हनुमान के दर्शन के लिए अचानक चौगुना श्रद्धालु उमड़ने लगे हैं। हनुमान मंदिर के कॉरिडोर बनने के बाद से श्रद्धालुओं की संख्या महाकुम्भनगर में पहले से काफी बढ़ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की संगम किनारे सभा के बाद से महाकुम्भनगर में बढ़ता लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा है।

चार गुना बढ़े श्रद्धालु
संगम के किनारे श्रद्धालुओं के साथ साथ सेलेब्रिटी और अंतरराष्ट्रीय कथावाचक भी जुटने शुरू हो गए हैं। हनुमान मंदिर के प्रमुख पुजारी सूरज राकेश पाण्डेय ने बताया कि बड़े हनुमान के दर्शन के लिए सामान्य दिनों की अपेक्षा चौगुना श्रद्धालु आने लगे हैं। बड़े हनुमान मंदिर के महंत एवं श्रीमठ बाघंबरी पीठाधीश्वर पूज्य बलवीर गिरी जी महराज ने देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए तमाम इंतजाम किए हैं। श्रद्धालुओं को हनुमान जी के दर्शन करने में किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। मंदिर परिसर की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। साथ ही साथ श्रद्धालुओं के एंट्री और एग्जिट के लिए अलग अलग रास्ते बनाए गए हैं।

पहुंचने लगे हैं गणमान्य लोग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी की गत दिनों संगम किनारे सभा के बाद से अचानक श्रद्धालुओं की आस्था बढ़ गई है। महाकुम्भनगर में संगम के किनारे तमाम सेलेब्रिटी का पहुंचना शुरू हो गया है। अंतरराष्ट्रीय कथावाचक शिवाकांत महाराज और अन्य प्रमुख लोगों ने पहुंचकर बड़े हनुमान का दर्शन किया। इनके अलावा देवकीनंदन ठाकुर, राजपाल यादव, गुरमीत चौधरी, साक्षी महाराज समेत बड़ी संख्या में देश के वीआईपी का संगम पहुंचकर सबसे पहले हनुमान मंदिर दर्शन करने का सिलसिला शुरू हो गया है।
योगी सरकार ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा, सुविधा और सकुशल घर वापसी का बनाया फूल प्रूफ प्लान

महाकुम्भनगर/प्रयागराज। मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत महाकुम्भ में 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की सम्भावना है। योगी सरकार ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुगमता से मेले तक पहुंचाने के साथ ही उन्हें सकुशल घर वापसी का फूल प्रूफ़ प्लान तैयार कर लिया है। महाकुम्भ 2025 की अभेद्य सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस ने मजबूत सात चक्रीय सुरक्षा घेरा बनाया है जिसमें प्रयागराज पुलिस की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। प्रयागराज पुलिस कुम्भ मेला पुलिस के लिए आउटर कोर्डन का काम करेगी। इस आउटर कोर्डन को सुदृढ़ बनाए रखने के लिए प्रयागराज पुलिस ने अपनी अवस्थापना सुविधाओं एवं जनशक्ति में वृद्धि करते हुए शहर और ग्रामीण क्षेत्रो में अस्थाई पुलिस थाने और चौकियां स्थापित की हैं। इसके अलावा पीएसी, एनडीआरएफ, सेंट्रल आर्मड  पुलिस फोर्स, बीडीडीएस, एएस चेक टीम मुस्तैदी से तैनात रहेगी। कुम्भ मेले के दौरान मेला क्षेत्र के अलावा शहर और ग्रामीण क्षेत्रो के लिए पुलिस फ़ोर्स रिज़र्व में भी रहेंगी।

कमिश्नरेट में अब 44 नहीं, 57 थाने
कमिश्नरेट पुलिस प्रयागराज में अब 44 नहीं, बल्कि 57 थाने होंगे। रेलवे स्टेशन, बस अड्डों, एयरपोर्ट और अन्य मार्गो से आने वाले श्रद्धालुओ को सुरक्षित मेला क्षेत्र तक पहुंचाने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस ने नए अस्थाई थाने और चौकियां स्थापित की हैं। पुलिस कमिश्नर प्रयागराज तरुण गाबा ने बताया की 13 अस्थाई पुलिस थाने और 23 चौकियां स्थापित की जा रही हैं। इसके अलावा पैरामिलिट्री फोर्स, पीएसी, बम निरोधक दस्ता और अन्य फ़ोर्स भी तैनात रहेगी। प्रयागराज कमिश्नरेट पुलिस के शहरी और ग्राणीण क्षेत्रों में लगभग 10 हज़ार पुलिस फोर्स तैनात की जा रही है।

प्रमुख मार्गों पर थाने और चौकियां स्थापित
पुलिस कमिश्नर प्रयागराज ने बताया कि कुम्भ मेला क्षेत्र की तरफ़ जाने और वापसी के विभिन्न मार्गों को चिन्हित किया गया है। इन्हीं मार्गों पर प्रमुख रूप से अस्थायी थाने और चौकियां स्थापित की गई हैं और अन्य पुलिस बल की तैनाती की जा रही है। जिससे यातायात व्यवस्था सुचारू रूप से बनी रहे, साथ ही बड़ी तादात में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो सके। साथ ही 8 जोन और 18  सेक्टर भी बनाए गए हैं, जिनमें क्रमशः अपर पुलिस अधीक्षक तथा पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी प्रभारी बनाए गए हैं।

प्रयागराज कमिश्नरेट के ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में स्थाई/अस्थाई पुलिस संरचना

जोन– 8
सेक्टर –18
अस्थाई थाने -13
स्थाई थाने  -44
अस्थाई चौकियां -23
सीएपीएफ -21 कंपनी, 2
रिज़र्व कंपनी
पीएसी -5 कंपनी
एनडीआरएफ -4 टीम
ए एस चेक -12 टीम
बीडीडीएस –4 टीमकाशी के बाबा विश्वनाथ का प्रतिरूप हैं प्रयाग के बाबा लोकनाथ
काशी के बाबा विश्वनाथ का प्रतिरूप हैं प्रयाग के बाबा लोकनाथ

महाकुम्भनगर/प्रयागराज। सनातन संस्कृति और आस्था की प्राचीनतम् नगरियों में से एक है प्रयागराज। पौराणिक मान्यता है कि समस्त पुरियों और तीर्थों के राजा होने कारण इन्हें तीर्थराज प्रयागराज कहा जाता है। प्रयागराज के मुख्य बाजार चौक के प्रसिद्ध मोहल्ले लोकनाथ का नाम यहां स्थापित बाबा लोकनाथ के नाम पर पड़ा है। माना जाता है कि प्रयाग के बाबा लोकनाथ काशी के बाबा विश्वनाथ का प्रतिरूप हैं। लोकनाथ महादेव की प्राचीनता के बारे में सही तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता लेकिन यहां के पुजारी बताते हैं कि स्कंद पुराण के रेवा खण्ड और महाभारत के शांतिपर्व में बाबा लोकनाथ का वर्णन आता है। बाबा लोकनाथ के दर्शन और पूजन से समस्त सांसारिक कष्ट दूर होते हैं। महाकुम्भ के दौरान भगवान शिव के भक्त बड़ी संख्या में अपने आराध्य के दर्शन और पूजन के लिए यहां आने वाले हैं।

स्कंद पुराण के रेवा खण्ड में मिलता है लोकनाथ महादेव का वर्णन
तीर्थराज प्रयागराज का लोकनाथ मोहल्ला वैसे तो अपनी खाऊ गली की रबड़ी, मलाई, लस्सी, हरी के समोसों और भारती भवन लाईब्रेरी के लिए जाना जाता है लेकिन इस मोहल्ले का नाम पड़ा है बाबा लोकनाथ महादेव के नाम पर। बाबा लोकनाथ का मंदिर भारती भवन लाइब्रेरी के ठीक पीछे है। चार पीढ़ियों से बाबा लोकनाथ का पूजन कर रहे यहां के पुजारी गौरी शंकर पाण्डेय जी कहना है कि बाबा लोकनाथ स्वयं भू शिवलिंग हैं। इनका वर्णन स्कंद पुराण के रेवा खण्ड में – “वामदेव महादेव देव-देव सुरेश्वरः, लोकनाथ पाहि-पाहि प्राणनाथ कृपाकरः।“ के रूप में मिलता है। इसके अतिरिक्त महाभारत के शांति पर्व में भी प्रयाग के बाबा लोकनाथ का वर्णन आया है। सावन माह, प्रदोष और शिवरात्रि के दिन लोकनाथ महादेव का विशेष रूप से पूजन होता है। न केवल प्रयागराजवासी बल्कि दूर-दूर से संगम आने वाले श्रद्धालु लोकनाथ महादेव का दर्शन करने जरूर आते हैं।

शिवरात्रि के दिन यहां से निकलती है प्रयाग की ऐतिहासिक शिव बारात 
बाबा लोकनाथ के पुजारी गौरी शंकर जी ने बताया कि नाथ संप्रदाय के मछंदरनाथ या मत्स्येंद्रनाथ ने प्रचीनकाल में यहां चतुर्मास पूरा किया था। इस मंदिर में भगवान लोकनाथ के साथ उनकी सवारी नंदी महाराज, भगवान गणेश व भवानी स्वरूप माता पार्वती और शेषनाग की प्राचीन प्रतिमाएं हैं। इसके अतिरिक्त स्थानीय लोगों ने माता दुर्गा, हनुमान जी व अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां भी स्थापित की है। उन्होंने बताया कि प्रयाग की प्रसिद्ध हस्तियां मदन मोहन मालवीय, छुन्नन गुरु, पं श्रीधर पाठक नियमित रूप से मंदिर आते थे। इसके अलावा प्रधानमंत्री रहते हुए इंदिरा गांधी और वी.पी. सिंह ने भी बाबा लोकनाथ का दर्शन और पूजन किया था। उन्होंने बताया कि शिवरात्रि के दिन निकले वाली बाबा लोकनाथ की शिव बारात प्रयागराज की ऐतिहासिक शिव बारात है। इसके अलावा जनप्रिय नेता छुन्नगुरु के समय से होने वाली लोकनाथ चौराहे की होली खेलने और देखने दूर-दूर से लोग आते हैं।