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नवादा :- 24 घंटे के अंदर 65 फरार अपरधियों की हुई गिरफ्तारी-एसपी
पुलिस अधीक्षक, नवादा श्री अभिनव धीमान ने बताया कि नवादा जिला में पुलिस द्वारा विभिन्न गिरफ्तारियां की गयी हैं,


मद्य निषेध में 12 एवं अन्य गिरफ्तारी 53 कुल 65 गिरफ्तारियां हुई। शराब की बरामदगी अन्तर्गत 415 लीटर महुआ शराब एवं 53.86 लीटर विदेशी शराब बरामद किया गया। वारंट के निष्पादन की संख्या-225 एवं कुर्की के निष्पादन की संख्या-09 है। वाहन जॉच के क्रम में कुल 627 वाहनों की जॉच की गयी है एवं फाईन की कुल राशि 76 हजार 500 रूपया वसूला गया है। अन्य बरामदगी अन्तर्गत मोटर साईकिल 02, ट्रैक्टर 01 एवं तसला 02 बरामद किया गया है। पुलिस अधीक्षक, नवादा ने बताया कि नवादा पुलिस इस तरह के क्रुर एवं जघन्य अपराध करने वाले अपराधियों को गिरफ्तार करने एवं सजा दिलाने के लिए लगातार संकल्पित है। अपराध को अंजाम देने के बाद अन्यत्र जगह छुपकर रहने वाले अपराधियों के विरूद्ध नवादा पुलिस लगातार आसूचना संकलन कर रही है तथा कार्रवाई के लिए प्रयासरत है। नवादा पुलिस के लिए यह बड़ी सफलता है।

नवादा से राकेश कुमार चंदन की रिपोर्ट !
नवादा :- आयुक्त मगध प्रमंडल, गया द्वारा बूथों का किया गया निरीक्षण
प्रेक्षक-सह-प्रमंडलीय आयुक्त, मगध प्रमंडल, गया श्री प्रेम सिंह मीणा के अध्यक्षता में आज प्रखंड कार्यालय,


हिसुआ सभाकक्ष में जिला पदाधिकारी श्री रवि प्रकाश एवं सभी निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी नवादा जिला के साथ विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम 2025 के तत्वाधान में तृतीय भ्रमण के आलोक में समीक्षात्मक बैठक आयोजित हुई। जिला पदाधिकारी ने मतदाता सूची के बारे में आयुक्त महोदय को विस्तृत रूप से जानकारी दिया। बैठक में उप निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि 07 जनवरी 2025 को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन किया जायेगा। 29.10.2024 तक नवादा जिला में कुल मतदाताओं की संख्या 17 लाख 80 हजार 873 था जो बढ़कर 27.12.2024 तक कुल 17 लाख 94 हजार 48 हो गया है। जिसमें पुरूष मतदाता की संख्या 09 लाख 33 हजार 125, महिला मतदाताओं की संख्या 08 लाख 60 हजार 787, थर्ड जेंडर 136, पीडब्लूडी 17 हजार 341, 18 से 19 वर्ष की आयु वाले मतदाताओं की संख्या 16 हजार 181, 20 से 29 वर्ष की आयु वाले मतदाताओं की संख्या 03 लाख 19 हजार 800, 85 प्लस 21 हजार 687 है। उन्होंने विधानसभावार मतदाताओं की संख्या में बढ़ोत्तरी के बारे में विस्तृत रूप से बताया। आयुक्त महोदय के द्वारा महिला मतदाता प्रतिशत बढ़ाने हेतु सभी संबंधित पदाधिकारी को निदेश दिया गया। उन्होंने कहा कि अपने आस-पास के जितने भी मतदान केन्द्र हैं, उसका भ्रमण कर ज्यादा से ज्यादा महिला मतदाता को जोड़ने हेतु कार्यक्रम चलायें तथा यह भी निदेश दिया गया कि जो बीएलओ मतदाता प्रतिशत के संदर्भ में कम महिला मतदाताओं का नाम जोड़े हैं, उन बीएलओ को चिन्हित करते हुए उनके क्षेत्र में विशेष जॉच एवं कार्यक्रम चलाया जाय। जिससे के जेंडर रेसियो में बढ़ोत्तरी किया जा सके।


उन्होंने सेक्स रेसियो बढ़ाने पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा। नवादा के जनगणना के अनुसार सेक्स रेसियो 939 है, मतदाता सूची में 922 है, उसे बढ़ाने का निर्देश दिया गया। उन्होंने कहा कि सभी संबंधित पदाधिकारी फिल्ड में जाकर कमजोर तबके के लोगों एवं महिलाओं पर ध्यान देंगे तथा मतदाता सूची का विशेष निरीक्षण करेंगे। उन्होंने मतदाता के घर पर जाकर निरीक्षण किया। मतदाता से वोटर आइडी मांगा जो सही पाया गया। आज की बैठक में उप विकास आयुक्त नवादा श्रीमती प्रियंका रानी, अनुमंडल पदाधिकारी नवादा सदर श्री अखिलेश कुमार/रजौली श्री आदित्य कुमार पियूष, उप निर्वाचन पदाधिकारी श्री महेश कुमार, प्रखंड विकास पदाधिकारी हिसुआ, सभी बीएलओ के साथ-साथ अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

नवादा से राकेश कुमार चंदन की रिपोर्ट !
नवादा :- वीआईपी कॉलोनी के रास्ते में नाली का पानी जमा रहने से आम लोगों का राह चलना दुश्वार, मोहल्ले में संक्रामक बीमारी फैलने का बना रहता है डर
सरकार गली, नाली तथा सड़कों को दुरुस्त कर सफाई के माध्यम से चकाचक करने का बीड़ा उठाए हुए है।


दूसरी ओर जिला सह नगर परिषद मुख्यालय के वीआईपी कॉलोनी में बरसात बीत जाने के बावजूद रास्ते में अत्यधिक जल जमाव के कारण आम लोगों का राह चलना दुश्वार है। नवादा नगर परिषद के वार्ड संख्या 3 अंतर्गत वीआईपी कॉलोनी के स्कूल से लोहरपुरा वाले के घर तक नाली का पानी जाम हो गया है। गली में नाली का गंदा पानी भर जाने से रास्ता कीचड़मय है। लोगों को इस रास्ते से गुजरने में दुर्घटना का शिकार होना पड़ रहा है।


जलजमाव के कारण बदबू से समूचे मोहल्लावासी परेशान हैं। इसके चलते गंभीर संक्रामक बीमारी के फैलने की संभावना उत्पन्न हो गई है। सरकार द्वारा सफाई के नाम पर नवादा नगर परिषद क्षेत्र में प्रति माह लाखों रुपए खर्च किए जाने के बाबजूद वीआईपी कॉलोनी में नारकीय स्थिति बना रहना दुखद है। सामाजिक कार्यकर्ता एडवोकेट अशोक कुमार सिन्हा ने जिला तथा नगर परिषद प्रशासन से इस ओर तत्काल ध्यान देकर जाम हो चुकी नाली को साफ कर गलियों को आम लोगों के चलने लायक बनाने की मांग की है।

नवादा से राकेश कुमार चंदन की रिपोर्ट !
नवादा :- कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दी पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह जी हमारे बीच नहीं रहे। उनकी याद में शोक सभा का कार्यक्रम जिला कांग्रेस कार्यालय में किया गया।


अध्यक्षता सतीश कुमार उर्फ मनटन सिंह ने की। अपने संबोधन में अपने विचार को रखा। मनमोहन सिंह का जन्म ब्रिटिश भारत के पंजाब में 26 सितम्बर, 1932 को हुआ था। मनमोहन सिंह का निधन 26 दिसम्बर 2024 को 92 साल की उम्र में दिल्ली में हुआ ।उनकी माता क नाम अमृत कौर और पिता का नाम गुरुमुख सिंह था। देश के विभाजन के बाद सिंह परिवार भारत चला आया। यहाँ पंजाब विश्वविद्यालय से उन्होंने स्नातक तथा स्नातकोत्तर स्तर की पढ़ाई पूरी की। बाद में वे कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय गये। जहाँ से उन्होंने पीएच. डी. की। तत्पश्चात् उन्होंने आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से डी. फिल. भी किया। उनकी पुस्तक इंडियाज़ एक्सपोर्ट ट्रेंड्स एंड प्रोस्पेक्ट्स फॉर सेल्फ सस्टेंड ग्रोथ भारत की अन्तर्मुखी व्यापार नीति की पहली और सटीक आलोचना मानी जाती है। डॉ॰ सिंह ने अर्थशास्त्र के अध्यापक के तौर पर काफी ख्याति अर्जित की। वे पंजाब विश्वविद्यालय और बाद में प्रतिष्ठित दिल्ली स्कूल ऑफ इकनामिक्स में प्राध्यापक रहे। इसी बीच वे संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन सचिवालय में सलाहकार भी रहे और 1987 तथा 1990 में जेनेवा में साउथ कमीशन में सचिव भी रहे। 1972 में डॉ॰ सिंह भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मन्त्रालय में आर्थिक सलाहकार के तौर पर नियुक्त किये गये। इसके तुरन्त बाद 1972 में उन्हें वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार बनाया गया। इसके बाद के वर्षों में वे योजना आयोग के उपाध्यक्ष, रिजर्व बैंक के गवर्नर, प्रधानमन्त्री के आर्थिक सलाहकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष रहे हैं। भारत के आर्थिक इतिहास में हाल के वर्षों में सबसे महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब डॉ॰ सिंह 1991 से 1996 तक भारत के वित्त मन्त्री रहे। उन्हें भारत के आर्थिक सुधारों का प्रणेता माना गया है। आम जनमानस में ये साल निश्चित रूप से डॉ॰ सिंह के व्यक्तित्व के इर्द-गिर्द घूमता रहा है। डॉ॰ सिंह के परिवार में उनकी पत्नी श्रीमती गुरशरण कौर और तीन बेटियाँ हैं। पूर्व प्रधानमंत्री श्री सिंह को सदियों तक देश याद करता रहेगा उनके द्वारा दिए गए योगदान को देश कभी भूल नहीं सकता जैसे शिक्षा का अधिकार, सूचना का अधिकार ,मनरेगा, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून ,भूमि अधिकरण कानून इत्यादि बहुत सारे ऐसे काम है जो देश कभी भूल नहीं सकता और देश हित में उठाए गए उनके फैसले को कोई गलत साबित नहीं कर सकता ।आज उनके हमारे बीच नहीं रहने के कारण हम लोग को बहुत बड़ी क्षति हुई है। प्रदेश प्रतिनिधि बंगाली पासवान, वरिष्ठ कांग्रेसी जागेश्वर पासवान, वरिष्ठ कांग्रेस अरुण कुमार ,अंजनी कुमार पप्पू, वरिष्ठ कांग्रेसी फाकरू अली अहमद अखिलेश सिंह, गायत्री देवी ,एजाज अली मुन्ना, महिला जिला अध्यक्ष शमा परवीन ,इंटेक जिला अध्यक्ष मनीष कुमार ,जमाल हैदर, रामाशीष कुमार ,वारसलीगंज प्रखंड अध्यक्ष सत्येंद्र कुमार, एससी एसटी जिला अध्यक्ष मुकेश कुमार, सुल्तान अंसारी, मोहम्मद बड़ी आजमा राहुल कुमार, प्रवीण कुमार फोटोस, कुणाल कुमार ,अजीत कुमार आदि लोगों ने डॉक्टर सिंह को श्रद्धा सुमन अर्पित किया।

नवादा से राकेश कुमार चंदन की रिपोर्ट !
नवादा :- कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दी पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह जी हमारे बीच नहीं रहे। उनकी याद में शोक सभा का कार्यक्रम जिला कांग्रेस कार्यालय में किया गया।


अध्यक्षता सतीश कुमार उर्फ मनटन सिंह ने की। अपने संबोधन में अपने विचार को रखा। मनमोहन सिंह का जन्म ब्रिटिश भारत के पंजाब में 26 सितम्बर, 1932 को हुआ था। मनमोहन सिंह का निधन 26 दिसम्बर 2024 को 92 साल की उम्र में दिल्ली में हुआ ।उनकी माता क नाम अमृत कौर और पिता का नाम गुरुमुख सिंह था। देश के विभाजन के बाद सिंह परिवार भारत चला आया। यहाँ पंजाब विश्वविद्यालय से उन्होंने स्नातक तथा स्नातकोत्तर स्तर की पढ़ाई पूरी की।


बाद में वे कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय गये। जहाँ से उन्होंने पीएच. डी. की। तत्पश्चात् उन्होंने आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से डी. फिल. भी किया। उनकी पुस्तक इंडियाज़ एक्सपोर्ट ट्रेंड्स एंड प्रोस्पेक्ट्स फॉर सेल्फ सस्टेंड ग्रोथ भारत की अन्तर्मुखी व्यापार नीति की पहली और सटीक आलोचना मानी जाती है। डॉ॰ सिंह ने अर्थशास्त्र के अध्यापक के तौर पर काफी ख्याति अर्जित की। वे पंजाब विश्वविद्यालय और बाद में प्रतिष्ठित दिल्ली स्कूल ऑफ इकनामिक्स में प्राध्यापक रहे।

इसी बीच वे संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन सचिवालय में सलाहकार भी रहे और 1987 तथा 1990 में जेनेवा में साउथ कमीशन में सचिव भी रहे। 1972 में डॉ॰ सिंह भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मन्त्रालय में आर्थिक सलाहकार के तौर पर नियुक्त किये गये।


इसके तुरन्त बाद 1972 में उन्हें वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार बनाया गया। इसके बाद के वर्षों में वे योजना आयोग के उपाध्यक्ष, रिजर्व बैंक के गवर्नर, प्रधानमन्त्री के आर्थिक सलाहकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष रहे हैं। भारत के आर्थिक इतिहास में हाल के वर्षों में सबसे महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब डॉ॰ सिंह 1991 से 1996 तक भारत के वित्त मन्त्री रहे।

उन्हें भारत के आर्थिक सुधारों का प्रणेता माना गया है। आम जनमानस में ये साल निश्चित रूप से डॉ॰ सिंह के व्यक्तित्व के इर्द-गिर्द घूमता रहा है। डॉ॰ सिंह के परिवार में उनकी पत्नी श्रीमती गुरशरण कौर और तीन बेटियाँ हैं।

पूर्व प्रधानमंत्री श्री सिंह को सदियों तक देश याद करता रहेगा उनके द्वारा दिए गए योगदान को देश कभी भूल नहीं सकता जैसे शिक्षा का अधिकार, सूचना का अधिकार ,मनरेगा, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून ,भूमि अधिकरण कानून इत्यादि बहुत सारे ऐसे काम है जो देश कभी भूल नहीं सकता और देश हित में उठाए गए उनके फैसले को कोई गलत साबित नहीं कर सकता ।आज उनके हमारे बीच नहीं रहने के कारण हम लोग को बहुत बड़ी क्षति हुई है।

प्रदेश प्रतिनिधि बंगाली पासवान, वरिष्ठ कांग्रेसी जागेश्वर पासवान, वरिष्ठ कांग्रेस अरुण कुमार ,अंजनी कुमार पप्पू, वरिष्ठ कांग्रेसी फाकरू अली अहमद अखिलेश सिंह, गायत्री देवी ,एजाज अली मुन्ना, महिला जिला अध्यक्ष शमा परवीन ,इंटेक जिला अध्यक्ष मनीष कुमार ,जमाल हैदर, रामाशीष कुमार ,वारसलीगंज प्रखंड अध्यक्ष सत्येंद्र कुमार, एससी एसटी जिला अध्यक्ष मुकेश कुमार, सुल्तान अंसारी, मोहम्मद बड़ी आजमा राहुल कुमार, प्रवीण कुमार फोटोस, कुणाल कुमार ,अजीत कुमार आदि लोगों ने डॉक्टर सिंह को श्रद्धा सुमन अर्पित किया।

नवादा से राकेश कुमार चंदन की रिपोर्ट !
नवादा :- कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दी पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह जी हमारे बीच नहीं रहे। उनकी याद में शोक सभा का कार्यक्रम जिला कांग्रेस कार्यालय में किया गया।


अध्यक्षता सतीश कुमार उर्फ मनटन सिंह ने की। अपने संबोधन में अपने विचार को रखा। मनमोहन सिंह का जन्म ब्रिटिश भारत के पंजाब में 26 सितम्बर, 1932 को हुआ था। मनमोहन सिंह का निधन 26 दिसम्बर 2024 को 92 साल की उम्र में दिल्ली में हुआ ।उनकी माता क नाम अमृत कौर और पिता का नाम गुरुमुख सिंह था। देश के विभाजन के बाद सिंह परिवार भारत चला आया। यहाँ पंजाब विश्वविद्यालय से उन्होंने स्नातक तथा स्नातकोत्तर स्तर की पढ़ाई पूरी की।


बाद में वे कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय गये। जहाँ से उन्होंने पीएच. डी. की। तत्पश्चात् उन्होंने आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से डी. फिल. भी किया। उनकी पुस्तक इंडियाज़ एक्सपोर्ट ट्रेंड्स एंड प्रोस्पेक्ट्स फॉर सेल्फ सस्टेंड ग्रोथ भारत की अन्तर्मुखी व्यापार नीति की पहली और सटीक आलोचना मानी जाती है। डॉ॰ सिंह ने अर्थशास्त्र के अध्यापक के तौर पर काफी ख्याति अर्जित की। वे पंजाब विश्वविद्यालय और बाद में प्रतिष्ठित दिल्ली स्कूल ऑफ इकनामिक्स में प्राध्यापक रहे।

इसी बीच वे संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन सचिवालय में सलाहकार भी रहे और 1987 तथा 1990 में जेनेवा में साउथ कमीशन में सचिव भी रहे। 1972 में डॉ॰ सिंह भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मन्त्रालय में आर्थिक सलाहकार के तौर पर नियुक्त किये गये।


इसके तुरन्त बाद 1972 में उन्हें वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार बनाया गया। इसके बाद के वर्षों में वे योजना आयोग के उपाध्यक्ष, रिजर्व बैंक के गवर्नर, प्रधानमन्त्री के आर्थिक सलाहकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष रहे हैं। भारत के आर्थिक इतिहास में हाल के वर्षों में सबसे महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब डॉ॰ सिंह 1991 से 1996 तक भारत के वित्त मन्त्री रहे।

उन्हें भारत के आर्थिक सुधारों का प्रणेता माना गया है। आम जनमानस में ये साल निश्चित रूप से डॉ॰ सिंह के व्यक्तित्व के इर्द-गिर्द घूमता रहा है। डॉ॰ सिंह के परिवार में उनकी पत्नी श्रीमती गुरशरण कौर और तीन बेटियाँ हैं।

पूर्व प्रधानमंत्री श्री सिंह को सदियों तक देश याद करता रहेगा उनके द्वारा दिए गए योगदान को देश कभी भूल नहीं सकता जैसे शिक्षा का अधिकार, सूचना का अधिकार ,मनरेगा, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून ,भूमि अधिकरण कानून इत्यादि बहुत सारे ऐसे काम है जो देश कभी भूल नहीं सकता और देश हित में उठाए गए उनके फैसले को कोई गलत साबित नहीं कर सकता ।आज उनके हमारे बीच नहीं रहने के कारण हम लोग को बहुत बड़ी क्षति हुई है।

प्रदेश प्रतिनिधि बंगाली पासवान, वरिष्ठ कांग्रेसी जागेश्वर पासवान, वरिष्ठ कांग्रेस अरुण कुमार ,अंजनी कुमार पप्पू, वरिष्ठ कांग्रेसी फाकरू अली अहमद अखिलेश सिंह, गायत्री देवी ,एजाज अली मुन्ना, महिला जिला अध्यक्ष शमा परवीन ,इंटेक जिला अध्यक्ष मनीष कुमार ,जमाल हैदर, रामाशीष कुमार ,वारसलीगंज प्रखंड अध्यक्ष सत्येंद्र कुमार, एससी एसटी जिला अध्यक्ष मुकेश कुमार, सुल्तान अंसारी, मोहम्मद बड़ी आजमा राहुल कुमार, प्रवीण कुमार फोटोस, कुणाल कुमार ,अजीत कुमार आदि लोगों ने डॉक्टर सिंह को श्रद्धा सुमन अर्पित किया।

नवादा से राकेश कुमार चंदन की रिपोर्ट !
नवादा :- कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दी पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह जी हमारे बीच नहीं रहे। उनकी याद में शोक सभा का कार्यक्रम जिला कांग्रेस कार्यालय में किया गया।


अध्यक्षता सतीश कुमार उर्फ मनटन सिंह ने की। अपने संबोधन में अपने विचार को रखा। मनमोहन सिंह का जन्म ब्रिटिश भारत के पंजाब में 26 सितम्बर, 1932 को हुआ था। मनमोहन सिंह का निधन 26 दिसम्बर 2024 को 92 साल की उम्र में दिल्ली में हुआ ।उनकी माता क नाम अमृत कौर और पिता का नाम गुरुमुख सिंह था। देश के विभाजन के बाद सिंह परिवार भारत चला आया। यहाँ पंजाब विश्वविद्यालय से उन्होंने स्नातक तथा स्नातकोत्तर स्तर की पढ़ाई पूरी की। बाद में वे कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय गये। जहाँ से उन्होंने पीएच. डी. की। तत्पश्चात् उन्होंने आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से डी. फिल. भी किया। उनकी पुस्तक इंडियाज़ एक्सपोर्ट ट्रेंड्स एंड प्रोस्पेक्ट्स फॉर सेल्फ सस्टेंड ग्रोथ भारत की अन्तर्मुखी व्यापार नीति की पहली और सटीक आलोचना मानी जाती है। डॉ॰ सिंह ने अर्थशास्त्र के अध्यापक के तौर पर काफी ख्याति अर्जित की। वे पंजाब विश्वविद्यालय और बाद में प्रतिष्ठित दिल्ली स्कूल ऑफ इकनामिक्स में प्राध्यापक रहे। इसी बीच वे संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन सचिवालय में सलाहकार भी रहे और 1987 तथा 1990 में जेनेवा में साउथ कमीशन में सचिव भी रहे। 1972 में डॉ॰ सिंह भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मन्त्रालय में आर्थिक सलाहकार के तौर पर नियुक्त किये गये। इसके तुरन्त बाद 1972 में उन्हें वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार बनाया गया। इसके बाद के वर्षों में वे योजना आयोग के उपाध्यक्ष, रिजर्व बैंक के गवर्नर, प्रधानमन्त्री के आर्थिक सलाहकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष रहे हैं। भारत के आर्थिक इतिहास में हाल के वर्षों में सबसे महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब डॉ॰ सिंह 1991 से 1996 तक भारत के वित्त मन्त्री रहे। उन्हें भारत के आर्थिक सुधारों का प्रणेता माना गया है। आम जनमानस में ये साल निश्चित रूप से डॉ॰ सिंह के व्यक्तित्व के इर्द-गिर्द घूमता रहा है। डॉ॰ सिंह के परिवार में उनकी पत्नी श्रीमती गुरशरण कौर और तीन बेटियाँ हैं।

पूर्व प्रधानमंत्री श्री सिंह को सदियों तक देश याद करता रहेगा उनके द्वारा दिए गए योगदान को देश कभी भूल नहीं सकता जैसे शिक्षा का अधिकार, सूचना का अधिकार ,मनरेगा, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून ,भूमि अधिकरण कानून इत्यादि बहुत सारे ऐसे काम है जो देश कभी भूल नहीं सकता और देश हित में उठाए गए उनके फैसले को कोई गलत साबित नहीं कर सकता ।आज उनके हमारे बीच नहीं रहने के कारण हम लोग को बहुत बड़ी क्षति हुई है।

प्रदेश प्रतिनिधि बंगाली पासवान, वरिष्ठ कांग्रेसी जागेश्वर पासवान, वरिष्ठ कांग्रेस अरुण कुमार ,अंजनी कुमार पप्पू, वरिष्ठ कांग्रेसी फाकरू अली अहमद अखिलेश सिंह, गायत्री देवी ,एजाज अली मुन्ना, महिला जिला अध्यक्ष शमा परवीन ,इंटेक जिला अध्यक्ष मनीष कुमार ,जमाल हैदर, रामाशीष कुमार ,वारसलीगंज प्रखंड अध्यक्ष सत्येंद्र कुमार, एससी एसटी जिला अध्यक्ष मुकेश कुमार, सुल्तान अंसारी, मोहम्मद बड़ी आजमा राहुल कुमार, प्रवीण कुमार फोटोस, कुणाल कुमार ,अजीत कुमार आदि लोगों ने डॉक्टर सिंह को श्रद्धा सुमन अर्पित किया।

नवादा से राकेश कुमार चंदन की रिपोर्ट !
नवादा :- मगही रत्न से सम्मानित हुये केन्द्रीय मंत्री जितन राम मांझी
मगही मगध नागरिक संघ ने केन्द्रीय मंत्री सह मगही के ब्रांड एम्बेसडर जितन राम मांझी को संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पारस कुमार सिंह ने शनिवार को


उनके पैतृक गांव महकार पहुंचकर मगही रत्न से सम्मानित किया। सम्मानित होने के बाद केंद्रीय मंत्री मांझी ने खुशी जाहिर करते हुये कहा कि इस सम्मान के लिये मगही मगध नागरिक संघ के सभी सदस्यों को खासकर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पारस बाबू को बहुत बहुत धन्यवाद देता हूं। मगही भाषा मेरी मातृभाषा है, मैं इसे हमेशा विभिन्न कार्यक्रमों में धारावाहिक बोलता हूं, जिससे मेरा मान और बढ़ता है। उन्होंने कहा कि हम तो कहेंगे कि सभी को अपनी मातृभाषा बोलने में लजाना नहीं चाहिए। मैं तो मगही को संवैधानिक दर्जा दिलाने के लिये बिहार विधानसभा में भी रखा, उस समय तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा आपकी मगही मिठ्ठी भाषा है, बहुत जल्द संसद में भी मगही गुंजेगी। इसके लिये मैं पूरी कोशिश करुंगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस संबंध में बात करुंगा और जरूरत पड़ी तो पारस बाबू के साथ एक प्रतिनिधि मंडल लेकर प्रधानमंत्री से मिलकर बात रखुंगा कि मगही भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिये जो भी करना होगा मैं जरूर करुंगा। श्री सिंह ने कहा कि मंत्री श्री मांझी को मगही रत्न सम्मान सितंबर में कोलकोत्ता में राष्ट्रीय सम्मेलन में ही देने का प्रस्ताव लिया था, लेकिन किसी कारण से सम्मेलन में मत्री नहीं पहुंच सके। मौके पर पंकज कुमार सिंह तथा गणेश प्रजापति आदि लोग मौजूद थे।

नवादा से राकेश कुमार चंदन की रिपोर्ट !
नवादा :- अस्थायी आश्रय स्थल का मुख्य पार्षद ने किया उद्घाटन
नवादा जिले के हिसुआ नगर परिषद में अस्थायी आश्रय स्थल का उद्घाटन मुख्य पार्षद पूजा कुमारी के द्वारा फीता काटकर किया गया।


इससे गरीब और लाचार लोगों को ठंड में सहारा मिलेगा। बता दें कि नगर के मुख्य पार्षद की पहल पर ठंड के मौसम में गरीब, लाचार और बेसहारा लोगों को सहारा देने की कवायद शुरू हो गई है। हिसुआ में नगर के गया रोड विश्वशांति चौक के समीप बेसहारा लोगों के लिए अस्थायी आश्रय स्थल बनाया गया है। दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन अंतर्गत नवनिर्मित अस्थायी आश्रय स्थल का नगर के मुख्य पार्षद पूजा कुमारी ने फीता काटकर विधिवत उद्घाटन किया। यह आश्रय स्थल 15 फरवरी तक संचालित होगा।

उद्घाटन के मौके पर मौजूद मुख्य पार्षद पूजा कुमारी ने बताया कि नवनिर्मित और साइन आश्रय स्थल 15 फरवरी तक संचालित होगा, जहां 20 बेड तत्काल लगाया गया है। आगे आवश्यकता अनुसार इसे बढ़ाया भी जा सकता है। नवनिर्मित आश्रय स्थल में शुद्ध पेयजल के साथ-साथ जीविका मिशन की ओर से पेयजल और शौचालय की व्यवस्था की गई है। ठंड में ठहरने वाले बेसहारा लोगों के लिए कंबल की व्यवस्था की गई है। मौके पर उपमुख्य पार्षद टिंकू चौधरी ,जितेंद्र कुमार बड़ा बाबू ,नगर प्रबंधक रंजीत कुमार सुधांशु ,जेई सुबोध कुमार ,विकास कुमार ,वार्ड पार्षद सुधीर कुमार ,समाजसेवी अरविंद सिंह सहित अन्य लोग मौजूद थे।

नवादा से राकेश कुमार चंदन की रिपोर्ट !
नवादा :- दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक में कार्यरत पीटीसी को अकारण हटाने का मामला पहुंचा श्रमाधीक्षक के पास
राष्ट्रीय कॉन्सिल ऑफ़ ट्रेड यूनियन ने नियोजक के खिलाफ खोला मोर्चा नवादा जिले के विभिन्न प्रखंड मुख्यालयों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित दक्षिण बिहार


ग्रामीण बैंकों में आउट सोर्सिंग के माध्यम से पी टी एस के पद पर मॉडर्न फैसेलिटिज मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी 116 E एस के पुरी, बोरिंग रोड पटना के द्वारा सफाई कर्मी हॉउस कीपर के रूप में नियुक्त किया गया था। वारिसलीगंज दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक शाखा वारिसलीगंज में विपीन बिहारी प्रसाद पी टी एस के पद पर कार्यरत थे। बैंक प्रबंधक के द्वारा बिना सूचना व बिना कारण के विपीन बिहारी प्रसाद को हटा दिया गया। पीड़ित द्वारा श्रमिकों के हितों की रक्षा करने वाली यूनियन इंडियन कॉन्सिल ऑफ़ ट्रेड यूनियन के पास इस आशय को लेकर आवेदन के माध्यम से सूचित किया गया। आवेदन के आलोक में ICTU के सचिव निर्भय कुमार सिंह के द्वारा श्रमाधीक्षक नवादा के पास परिवाद दायर किया गया। श्रमाधीक्षक कार्यालय नवादा के पत्रांक 1074 दिनांक 04.12.2024 के आलोक में 12.12.2024 को सुनवाई की तिथि निर्धारित कर सुनवाई की गई। माडेन फैसिलिटीज मैनेजमेंट प्राईवेट लिमिटेड कम्पनी के द्वारा परिवादी विपीन बिहारी प्रसाद की नियुक्ति एवं EPF कटौती के संबंध में कोई जानकारी नहीं उपलब्ध करायी गयी। नियोजक को परिवादी के सभी बकाये पारिश्रमिक का भुगतान करने का आदेश दिया गया एवं सबंधित जानकारी उपलब्ध कराने को लेकर तामिला नोटिश जारी किया। नियोजक के द्वारा निदेश का अनुपालन नहीं करने पर नियमानुकुल कारवाई की भी बात कही गयी। इस संबंध में दोनों पक्षो को 27.12.2024 को पुनः सुनवाई के लिये उपस्थित होने एवं परिवादी को दरभंगा रिर्पोट नहीं करने का कारण भी प्रतिवेदित करने को कहा गया। परिवादी के द्वारा प्रतिवेदित किया गया कि इस संबंध में मुझे किसी प्रकार की कोई जानकारी नहीं दी गयी। सुनवाई में श्रम अधीक्षक के समक्ष नियोजक के प्रतिनिधि के तिवारी एवं गौरव गुलशन के द्वारा एक सप्ताह का समय मांगा गया। अगली सुनवाई की तिथि 4 जनवरी 2025 को निर्धारित की गयी। मामले को लेकर जिले के विभिन्न प्रखंडों में कार्यरत करीब 25 पीटीसी कर्मियों ने अपने वेतन एवं नियमित कार्य करने की मांग भी किया। पीटीसी पद पर कार्यरत कर्मियों ने कहा की हमलोगों को तकनीकी घंटे काम करने के लिये रखा गया था परन्तु दस घंटे से अधिक कार्य लिया जाता है लेकिन वेतन तीन घंटे का दिया जाता है। ट्रेड यूनियन के सचिव निर्भय कुमार सिंह ने कहा की श्रमिकों के हितों की लड़ाई जारी रहेगी। ज़ब तक न्याय नहीं मिल जाता है। मौके पर चन्द्रभानु सिंह एवं जितेन्द्र कुमार, विश्वनाथ प्रसाद, सुभाष प्रसाद, प्रेम कुमार वौस, स्नेह कुमार, धीरज कुमार, छोटेलाल प्रसाद सहित दर्जनों पीटीसी मौजूद थे।

नवादा से राकेश कुमार चंदन की रिपोर्ट !