अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती: संजय राउत ने कहा- वाजपेयी थे दूसरे नेहरू, जब भी राजधर्म खतरे में होगा, देश उन्हें याद करेगा
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100 वी जयंती मनाई जा रही है. तमाम राजनीतिक दलों के नेता उनको श्रद्धांजलि दे रहे हैं. इस बीच उद्धव शिवसेना के नेता संजय राउत ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय राजनीति के दूसरे जवाहरलाल नेहरू थे. वे हमेशा राजधर्म का पालन करते थे. राउत ने यह भी कहा कि जब भी “राज धर्म” खतरे में होगा, देश वाजपेयी को याद करेगा.
राउत ने कहा कि जब तक अटल बिहारी और लालकृष्ण आडवाणी थे, बीजेपी और शिवसेना का संबंध अच्छा रहा. अटल बिहारी वाजपेयी का देश के निर्माण में बहुत योगदान था. उन्होंने कहा कि भले ही उनकी पार्टी बीजेपी के साथ नहीं है, लेकिन वाजपेयी को हमेशा याद किया जाएगा.
गैर-कांग्रेसी दलों के नेहरू वाजपेयी- राउत
संजय राउत ने कहा कि मौजूदा बीजेपी भले ही नेहरू की विरासत को बदनाम कर रही हो, लेकिन वाजपेयी आज भी गैर-कांग्रेसी दलों के नेहरू हैं. उन्होंने कहा, “कट्टर हिंदुत्ववादी होने के बावजूद, वाजपेयी का मानना था कि देश सभी का है. वाजपेयी के नेतृत्व में भाजपा सर्वसमावेशी थी और लोगों का मानना था कि पार्टी भारत को एकजुट और मजबूत रखना चाहती है.
उन्होंने आगे कहा कि यही कारण है कि पंडित नेहरू ने भी वाजपेयी की सराहना की थी. राउत ने कहा कि (शिवसेना संस्थापक) बालासाहेब ठाकरे के मन में वाजपेयी के प्रति बहुत सम्मान था और वह उनके शब्दों को महत्व देते थे.
आखिरी किला बचाने में लगी उद्धव शिवसेना
विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद उद्धव ठाकरे अपना आखिरी किला बीएमसी बचाने में लगे हुए हैं. यही कारण है कि राउत ने कहा कि बीएमसी का चुनाव शिवसेना (यूबीटी) महाविकास अघाड़ी के साथ नहीं लड़ेगी. बीएमसी शिवसेना का गढ़ माना जाता है और 1996 से ही लगातार पार्टी यहां अपना मेयर बनाती रही है.
मुंबई नगर निगम में 236 सीटें हैं, जहां मेयर चुनने के लिए कम से कम 119 पार्षदों की जरूरत रहती है. 2017 में आखिरी बार मुंबई में निकाय के चुनाव कराए गए थे. उस चुनाव में 84 सीटों पर शिवसेना और 80 सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी. अब देखना होगा कि इस बार के चुनाव में उद्धव गुट किस तरीके से मैदान में उतरता है.
Dec 25 2024, 14:30