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अवैध भंडारण पर प्रशासन की कड़ी कार्रवाई, 315 क्विंटल धान जप्त

गौरेला पेण्ड्रा मरवाही- छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर किसानों से धान खरीदी का कार्य जारी है, इसी बीच अवैध धान भंडारण, परिवहन और बिक्री पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है. गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही (GPM) जिले में कलेक्टर लीना कमलेश मंडावी ने खाद्य, राजस्व, पुलिस और मंडी विभाग के अधिकारों की संयुक्त जांच टीम का गठन किया है. इस टीम ने आज जिले के चार गोदामों में निरीक्षण के दौरान स्टॉक अभिलेख से अधिक धान अवैध रूप से भंडारित पाया, जिसपर मण्डी अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए कुल 315 क्विंटल धान जप्त किया गया है.

खाद्य विभाग अधिकारी ने बताया कि जायसवाल ट्रेडिंग कंपनी के गोदाम से 250 क्विंटल (625 बोरी), रज्जन काच्छी के गोदाम से 30 क्विंटल (75 बोरी), महेश साहू अंजनी के गोदाम से 10 क्विंटल (25 बोरी) और बद्रीविशाल साहू के गोदाम से 25 क्विंटल (63 बोरी) धान जप्त किया गया.

विकसित छत्तीसगढ़ बनाने सहकारिता क्षेत्र की होगी बड़ी भूमिका : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

रायपुर-    हमारी सरकार पूरी पारदर्शिता के साथ शासकीय नौकरियों में भर्तियां कर रही है। पिछले एक साल में ही 9 हजार से अधिक पदों पर हमने भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। प्रदेश के आम युवाओं का सपना अब पूरा हो रहा है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर के न्यू सर्किट हाउस में सहकारिता विभाग के विभिन्न पदों पर चयनित 334 युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपते हुए पारदर्शिता के साथ भर्ती का यह संकल्प दोहराया। उन्होंने चयनित अभ्यर्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कर्तव्यनिष्ठा और ईमानदारी के साथ अपना दायित्व निर्वहन करने के लिए प्रेरित किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने जशपुर जिले के तमनार और बगीचा में अपेक्स बैंक के दो नवीन शाखा, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक रायपुर की नवीन शाखा गढ़पुलझर और सिरपुर का वर्चुअल शुभारंभ और अपेक्स बैंक के नवीन शाखा भवन जशपुर का वर्चुअल लोकार्पण किया।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शहीद वीर नारायण सिंह के बलिदान को नमन करते हुए अपने संबोधन की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि शहीद वीर नारायण सिंह ने अपना सम्पूर्ण जीवन मानव कल्याण के लिए समर्पित किया। उन्होंने अनाज के भंडार लोगों के लिए खोल दिए, परोपकार की यही भावना हम सभी के भीतर होनी चाहिए। श्री साय ने अमूल का उदाहरण देते हुए युवाओं को सहकारिता का महत्व समझाया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने अपने प्रवास के दौरान सहकारिता को लेकर अमूल्य सुझाव दिये, जिसे हम कार्यान्वित कर रहे हैं। श्री साय ने कहा कि सहकारिता का संबंध किसानों से है और हमें साथ मिलकर उनके जीवन में समृद्धि लानी है। उन्होंने सहकारी और अपेक्स बैंक की नई शाखाएं खुलने पर क्षेत्र के किसानों को अपनी शुभकामनाएं दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विकसित छत्तीसगढ़ बनाने में सहकारिता की भी बड़ी भूमिका होगी और इसमें आप सभी का योगदान अग्रणी रहेगा। श्री साय ने कहा कि अब प्रदेश के युवाओं के मन में प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर भय या संशय नहीं होना चाहिए, अब किसान, मजदूर के बेटे-बेटियों की प्रतिभा को सम्मान मिलेगा।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि प्रदेश सरकार दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ मोदी की गारंटी को पूरा करने का काम कर रही है। उन्होंने सभी चयनित युवाओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सहकारिता का क्षेत्र कितना महत्वपूर्ण है, यह आप सभी को समझना होगा। किसानों के जीवन को खुशहाल बनाने की दिशा में आप सभी काम करें। उन्होंने कहा कि बैंक की नई शाखाएं खुलने से किसानों को बड़ी सहूलियत मिलेगी और हम इस दिशा में आगे भी काम करेंगे।

वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने चयनित युवाओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पिछले 1 साल के भीतर 19 विभागों में भर्ती प्रक्रिया पारदर्शिता के साथ प्रारंभ कर दी गई है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार हमारी सरकार पारदर्शिता के साथ अपनी जिम्मेदारी निभा रही है, आप सभी अपनी सेवा भी इसी ईमानदारी के साथ करें और आम आदमी के जीवन को खुशहाल बनाने समर्पित होकर कार्य करें।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल द्वारा सहकारिता विभाग के फील्ड ऑफिसर कार्यालय सहायक, समिति प्रबंधक समेत 334 पदों पर भर्ती परीक्षाएं आयोजित की गई थी। चयनित अभ्यर्थियों के लिए आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में आज मुख्यमंत्री ने उन्हें नियुक्ति पत्र वितरित किए। इस अवसर पर चयनित अभ्यर्थियों और उनके परिवार में खुशी का माहौल था। मुख्यमंत्री के हाथों नियुक्ति पत्र प्रकार सभी चयनित युवाओं ने खुशी जाहिर की और कहा कि यह हम सभी के जीवन के लिए गौरवपूर्ण क्षण है। सभी अभ्यर्थियों ने प्रतियोगी परीक्षाओं की नई पारदर्शी व्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।

इस अवसर पर आयुक्त सहकारिता कुलदीप शर्मा, के. एन. कांडे प्रबंध संचालक सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

शहीद वीर नारायण सिंह का बलिदान हम सबक़े लिए प्रेरणादायक - मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

रायपुर-     मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय 10 दिसम्बर मंगलवार को छत्तीसगढ़ क़े प्रथम शहीद वीर नारायण सिंह क़े शहादत दिवस पर उनकी जन्मभूमि एवं कर्मभूमि सोनाखान में आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री साय सोनाखान स्थित शहीद स्मारक में शहीद वीर नारायण सिंह क़ी प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं श्रद्धा सुमन अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने शहीद वीर नारायण सिंह संग्रहालय का भी अवलोकन किया। उन्होंने श्रद्धांजलि कार्यक्रम में शहीद वीर नारायण सिंह के वंशजो को सम्मानित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सोनाखान में पोस्ट मेट्रिक छात्रावास खोलने,सोनाखान मड़ई मेला क़े लिए 15 लाख देने,23 पर्यटन एवं ऐतिहासिक स्थलों में हाई मास्ट लाईट लगाने,सोनाखान क़े 3 तालाबों का अमृत सरोवार में उन्नयन तथा शहीद वीर नारायण क़े वंशज जो पेंशन क़े लिए वंचित हैं उन सभी सदस्यों को भी पेंशन देने क़ी घोषणा क़ी। इसके साथ ही 10 हितग्राहियों को पीएम आवास ग्रामीण की चॉबी सौंपा। हितग्राहियो को आयुष्मान कार्ड का वितरण,पीएम जनमन आदर्श पंचायत बल्दाकछार एवं औवराई का सम्मान, आदिवासी समाज के युवा प्रतिभावान छात्रों का सम्मान किया गया।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा की शहीद वीर नारायण सिंह क़े जन्म एवं कर्मभूमि में मुख्यमंत्री क़े तौर पर पहली बार आया हूं। यह पवित्र भूमि गरीबों क़े लिए बलिदान का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि शहीद वीर नारायण सिंह गरीबों की प्राण रक्षा एवं आत्मसम्मान क़े लिए अपना जीवन कुर्बान कर दिए जो हम सब क़े लिए प्रेरणादायक है। जिस समय सोनाखान क्षेत्र में आकाल पड़ा तो भूख से तड़पते लोगों क़ी दशा देखकर द्रवित हो गए और गोदाम से अनाज निकाल कर बाँट दिए। उन्होंने अंग्रेजो क़े विरुद्ध क्रांति का बिगुल फूंका दिए। अंग्रेजी सरकार ने 10 दिसम्बर 1857 को रायपुर क़े जय स्तम्भ चौक में फांसी दे दी गई।

उन्होंने कहा कि शहीद वीर नारायण सिंह जैसे अनेक जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हुए है जिन्हे उचित सम्मान नहीं मिल पाया था लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनजाति विभूतियों को सम्मान देने क़ा काम कर रहे है। प्रधानमंत्री ने 15 नवम्बर को जनजातीय गौरव दिवस मनाने क़ी घोषणा क़ी है। विशेष पिछडी जनजाति समुदाय क़े लोगों क़े विकास क़े लिए प्रधानमंत्री जनमन योजना शुरू किया गया है। पीएम ग्राम उत्कर्ष योजना क़े तहत प्रदेश क़े 6 हजार गाँवो को लाभ मिलेगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि रायपुर में 9 करोड़ क़ी लागत से शहीद वीर नारायण संग्रहालय का निर्माण किया जा रहा है। आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। हमारी सरकार ने एक साल में मोदी क़ी गारंटी क़े तहत अधिकांश वायदे पूरा कर दी है।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि शहीद वीर नारायण सिंह अन्याय और अत्याचार क़े खिलाफ अंग्रेजो से लड़ाई लड़ी। उनका बलिदान इतिहास में अमर रहेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आदिवासी समाज क़े विकास और सम्मान क़े लिए काम कर रहे हैं। अब जनजातीय गौरव दिवस मनाया जा रहा है। आज देश क़ा प्रथम नागरिक आदिवासी समाज क़ी बेटी है तथा प्रदेश का मुखिया भी आदिवासी किसान का बेटा है। क़ृषि मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि वर्ष 2003 से पहले सोनाखान बहुत पिछड़ा क्षेत्र था। हमारी सरकार आने क़े बाद यहाँ तेजी से विकास शुरू हुआ। सभी बुनियादी सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। आज एक आदिवासी किसान का बेटा प्रदेश का कमान संभाल रहे है और विकास क़ी गंगा बहा रहे हैं।

इस अवसर पर जिले क़े प्रभारी मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, केशकाल विधायक नीलकंठ टेकाम,पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल, पूर्व विधायक शिवरतन शर्मा, पूर्व विधायक सनम जांगड़े, पूर्व विधायक शिशुपाल सोरी, शहीद वीर नारायण सिंह के वंशज राजेंद्र दीवान, पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में सामाजिक जन उपस्थित थे।

निलंबित IAS रानू साहू समेत 9 आरोपियों के खिलाफ ED की बड़ी कार्रवाई, 21.47 करोड़ की चल अचल संपत्तियों को किया कुर्क…

रायपुर-   प्रवर्तन निदेशालय (ईडी)के रायपुर क्षेत्रीय कार्यालय ने एक अनंतिम कुर्की आदेश के तहत 21.47 करोड़ रुपये मूल्य की अचल और चल संपत्तियों को अनंतिम रूप से कुर्क किया है। पिछले दिनों भूमि, आवासीय संपत्तियां, सावधि जमा और बैंक शेष सहित कुर्क की गई संपत्ति जिला खनिज निधि (डीएमएफ) घोटाले के आरोपी निलंबित आईएएस रानू साहू, माया वारियर, राधेश्याम मिर्झा, भुवनेश्वर सिंह राज, वीरेंद्र कुमार राठौर, भरोसा राम ठाकुर, संजय शेंडे, मनोज कुमार द्विवेदी, हृषभ सोनी और राकेश कुमार शुक्ला की है। इस मामले की जांच धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत की गई है।

बता दें कि इस मामले में ईडी ने आईपीसी 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत छत्तीसगढ़ पुलिस की ओर से दर्ज तीन अलग-अलग एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की, जिसमें आरोप लगाया गया था कि राज्य सरकार के अधिकारियों ने ठेकेदारों के साथ मिलीभगत करके जिला खनिज निधि (डीएमएफ) को हड़पने की साजिश रची। डीएमएफ ठेकों को धोखाधड़ी से हासिल करने के लिए ठेकेदारों ने भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों को अनुबंध मूल्य का 15% से 42% तक कमीशन/अवैध रिश्वत का भुगतान किया।

ऐसे होता था पैसों का हेरफेर

ईडी की जांच में डीएमएफ घोटाले की कार्यप्रणाली का पता चला है। ठेकेदारों के बैंक खाते में जमा की गई धनराशि का बड़ा हिस्सा ठेकेदारों द्वारा सीधे नकद में निकाल लिया गया था या आवास प्रवेश प्रदाताओं को हस्तांतरित कर दिया गया था, जिसके बदले ठेकेदारों को नकद राशि प्राप्त हुई थी। आवास प्रवेश प्रदाताओं के साथ इन लेन-देन को विक्रेताओं द्वारा बिना किसी वास्तविक खरीद के माल की खरीद के रूप में दिखाया गया था। विक्रेताओं द्वारा प्राप्त की गई नकदी का उपयोग डीएमएफ कार्य आवंटित करने और/या इस संबंध में विक्रेता के बिलों को मंजूरी देने के लिए जिम्मेदार सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने के उद्देश्य से किया गया था और इस नकदी का कुछ हिस्सा विक्रेताओं द्वारा अपने लाभ के लिए भी इस्तेमाल किया गया था।

23.79 करोड़ रुपये की संपत्तियां की गई कुर्क

जांच के दौरान, ईडी ने ठेकेदारों, लोक सेवकों और उनके सहयोगियों के विभिन्न परिसरों में कई तलाशी ली थी और 2.32 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी और आभूषण जब्त किए गए थे। जांच में जब्त की गई उक्त राशि डीएमएफ कार्यों के निष्पादन के दौरान इन लोक सेवकों द्वारा प्राप्त रिश्वत राशि का हिस्सा थी। इस मामले में अब तक अपराध से प्राप्त कुल आय (पीओसी) 90.35 करोड़ रुपये है, जिसमें 9 दिसंबर तक 23.79 करोड़ रुपये मूल्य की अचल और चल संपत्तियां अनंतिम रूप से कुर्क/जब्त/फ्रीज कर दी गई हैं।

इतिहास में वही याद रखे जाते हैं, जो कठिन परिस्थिति में अपने लोगों के साथ खड़े होते है : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शहीद वीर नारायण सिंह की 167 वी पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि इतिहास में वही याद रखे जाते हैं, जो कठिन परिस्थिति में अपने लोगों के साथ खड़े होते है। उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि शहीद वीरनारायण सिंह ने भूख के खिलाफ जो संघर्ष छेड़ा, उसे छत्तीसगढ़ सरकार ने जारी रखा है। देश को खाद्य सुरक्षा का सबसे बढ़िया माडल छत्तीसगढ़ ने दिया। हमने यह सुनिश्चित किया कि कोई भी भूखे पेट न सोये। छत्तीसगढ़ में हमने धान खरीदी का एक व्यवस्थित माडल तैयार किया, जिसकी देश भर में प्रशंसा हुई। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को छत्तीसगढ़ में आगामी पांच सालों के लिए लागू कर राज्य के 68 लाख परिवारों को निःशुल्क खाद्यान्न दे रहे हैं।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने उक्त बातें आज बालोद जिले के राजाराव पठार कर्रेझर में आयोजित आदिवासी समाज के विराट वीर मेला में विशाल जनसभा को सम्बोधित करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने इससे पूर्व शहीद वीर नारायण सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया और जनजातीय समुदाय के देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना कर प्रदेश की जनता की समृद्धि और खुशहाली की कामना की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर मुख्य मार्ग से राजा राव बाबा स्थल तक पहुंचने हेतु पहुंच मार्ग एवं आवश्यकतानुसार पुल-पुलिया निर्माण की स्वीकृति दी। मेला स्थल पर पेयजल व्यवस्था हेतु 20 लाख रूपये और महिला सदन निर्माण के लिए 30 लाख रूपये की घोषणा की। मुख्यमंत्री साय ने नवा रायपुर के इंटरनेशन क्रिकेट स्टेडियम में शहीद वीर नारायणसिंह की भव्य प्रतिमा स्थापित करने की भी बात कही। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री साय ने श्री जीआर राणा द्वारा लिखित ‘‘नेक भारत-श्रेष्ठ भारत’’ पुस्तक का विमोचन भी किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने आगे कहा कि हमने 25 दिसम्बर 2023 को सुशासन दिवस के अवसर पर 13 लाख किसानों को दो साल के बकाया धान की बोनस राशि 3716 करोड़ रुपए दिये। किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीदी हम 3100 रुपए क्विंटल की दर से कर रहे है, जो देश में सर्वाधिक है। पिछले सीजन में हमने 145 लाख मीट्रिक टन की रिकार्ड धान खरीदी की। किसानों को कुल 49 हजार करोड़ रुपए की राशि दी गई है। तेंदूपत्ता संग्राहकों 5500 रूपए प्रति मानक बोरा संग्रहण पारिश्रमिक दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए पीएम जनमन योजना आरंभ की है, इससे पहली बार इनकी बस्तियों में अच्छी सड़कें, शुद्ध पेयजल, शिक्षा, चिकित्सा और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित हुई हैं। साथ ही धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के माध्यम से हमारे 6 हजार 691 जनजातीय गांवों का समग्र विकास होगा। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के सपने को पूरा करने के लिए हम छत्तीसगढ़ को वर्ष 2047 तक विकसित राज्य बनाने के लिए संकल्पित हैं और इसका विजन भी तैयार कर लिया है।

इस अवसर पर कांकेर विधायक आशा राम नेताम, विधायक संजारी बालोद संगीता सिन्हा, पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरविंद नेताम, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुसूचित जनजाति आयोग नंदकुमार साय, पूर्व राज्य अध्यक्ष अनुसूचित जनजाति आयोग जीआर राणा, पूर्व विधायक विधायक प्रीतम साहू, जनप्रतिनिधि राकेश यादव, पवन साहू एवं समाज के पदाधिकारी एवं अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

किसानों की समस्याओं को लेकर कांग्रेस का हल्ला बोल, सरकार पर साधा निशाना…

बिलासपुर-    कांग्रेस ने आज प्रदेश के सभी ब्लॉक में धान खरीदी में किसानों की परेशानियों को लेकर धरना दिया. पीसीसी चीफ दीपक बैज के निर्देश पर सभी मुख्य शहरों में कांग्रेसी नेता-कार्यकर्ताओं ने ब्लॉक स्तरीय प्रदर्शन कर स्थानीय अधिकारी को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा. इस दौरान शहर अध्यक्ष विजय पांडेय और महापौर रामशरण यादव ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और साय सरकार की किसान विरोधी नीतियों और वादा खिलाफी पर अपने विचार रखे.

इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने कहा, कि साय सरकार के वादे के गुब्बारे एक साल में ही फट गए, 21 क्विंटल धान की खरीदी 3100 रुपये की दर से खरीदी के नाम पर किसानों को लुभाया गया. आज किसान अनियमितताओं के बीच धान बेचने के लिए मजबूर है. खरीदी केंद्र भी किसानों से प्रति कट्टा उगाही कर रहा है. धान पलटने के नाम पर 3 रुपये से लेकर 5 रुपये प्रति कट्टा लिया जा रहा है, इसी प्रकार नमी के नाम पर 1.50 किलो से 2.50 किलो तक अधिक धान तौला जा रहा है.

भाजपा ने इस व्यवस्था को चलाने के लिए आनन-फानन में भाजपा कार्यकर्ताओं की नियुक्ति कर एक व्यवस्थित और सामूहिक भ्रष्टाचार कर रही है. साय सरकार 21 क्विंटल के नाम पर मात्र 9 से 14 क्विंटल धान खरीद रही है और पैसा भी एक मुश्त न देकर मात्र 23 सौ रुपये ही दे रही है, शेष राशि मिलेगी कि नहीं, इस पर सन्देह है.

कांग्रेसियों ने कहा, भाजपा का इतिहास रहा वादा करो और पूरा न करो. 2014 में भी रमन सिंह ने 300 बोनस और 2100 प्रति क्विंटल धान खरीदी का वादा किया, सत्ता मिलते ही किसान और वादे भूल गए. साय सरकार भी उसी राह पर चल रही है.

सेन्टम ठेका कंपनी की मनमानी से शिक्षकों को नहीं मिल रही सैलरी, शिक्षा विभाग से कर रहे कार्रवाई की मांग

रायपुर-  छत्तीसगढ़ में सेन्टम ठेका कंपनी द्वारा नियमों और एमओयू की अनदेखी करने की शिकायतें तेज हो गई हैं. पिछले तीन महीनों से कंपनी ने व्यवसायिक शिक्षकों को सैलरी नहीं दी है, जिससे वे मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं और उधारी में कर्ज लेने को मजबूर हैं. शिक्षकों का कहना है कि घर का किराया, बच्चों की स्कूल फीस, दवाइयां और रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करना उनके लिए मुश्किल हो गया है. सैलरी न मिलने से परेशान शिक्षक राज्य के समग्र शिक्षा विभाग में शिकायत करने पहुंचे हैं और कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

शिक्षकों ने अपनी समस्याएं बताते हुए कहा कि हर साल एक महीने की सैलरी दी जाती है और फिर चार-पांच महीने तक भुगतान लंबित रहता है. उन्होंने सेन्टम कंपनी से सितंबर, अक्टूबर और नवंबर के वेतन की मांग की है, जो अभी तक नहीं मिला है. इसके साथ ही, पूर्व में एम पॉवर प्रगति दिल्ली की कंपनी द्वारा तीन माह का बोनस और औद्योगिक भ्रमण का पैसा लेकर भाग जाने का भी आरोप लगाया गया, जिसके लिए उन्होंने कार्रवाई की अपील की है.

शिक्षकों का कहना है कि वेतन न मिलने के कारण गेस्ट लेक्चरर और औद्योगिक भ्रमण आयोजित करना भी असंभव हो गया है. साथ ही, सेन्टम कंपनी द्वारा बिना पूर्व सूचना के उन्हें अपग्रेड कंपनी में मर्ज कर दिया गया है, जिससे उनके भविष्य को लेकर चिंता और बढ़ गई है. शिक्षकों ने सवाल उठाया कि इस कंपनी पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई है और अधिकारियों को कटघरे में खड़ा किया है.

वहीं, सेन्टम ठेका कंपनी के स्टेट कोआर्डिनेटर इद्रिस अंसारी का कहना है कि शिक्षकों को कुछ ही दिनों में भुगतान कर दिया जाएगा और रिम्बर्समेंट की प्रक्रिया के बाद उनका बकाया चुकता किया जाएगा.

बस स्टैंड पर दुकानों की नीलामी में गड़बड़ी: पार्षद ने नगर पालिका प्रशासन के खिलाफ खोला मोर्चा

अभनपुर-  नगर पालिका परिषद गोबरा नवापारा प्रशासन पर नगर के बस स्टैंड में निर्मित दुकानों की गुपचुप तरीके से नीलामी करने का आरोप लगा है। यह मामला तब सामने आया, जब नगर पालिका के एक जागरूक पार्षद ने इस भ्रष्टाचार के खिलाफ मोर्चा खोला।

बता दें कि कुछ महीने पूर्व, पालिका प्रशासन द्वारा अभनपुर बस स्टैंड के पास 22 दुकानों का कॉम्प्लेक्स निर्मित किया गया है, जो कि नवापारा-राजिम मुख्य मार्ग (पौनी पसारी के पीछे) से लगा हुआ है। इसके चलते इन दुकानों को खरीदने के लिए बड़े-बड़े व्यवसायी इच्छुक हैं। पालिका प्रशासन द्वारा पूर्व में उक्त सभी दुकानों की आम नीलामी के लिए 9 अक्टूबर 2024 की तिथि निर्धारित करते हुए विभिन्न समाचार पत्रों में निविदा का प्रकाशन कराने के साथ-साथ मुनादी भी कराई गई थी, लेकिन अचानक पालिका प्रशासन द्वारा उक्त दुकानों की नीलामी को किसी कारणवश निरस्त कर दिया गया।

गुपचुप तरीके से की जा रही दुकानों की नीलामी

वर्तमान में ऐसी जानकारी मिली है कि पालिका प्रशासन द्वारा बड़े व्यवसायियों की इच्छा को देखते हुए गुपचुप तरीके से उक्त दुकानों में से कुछ प्रमुख दुकानों की नीलामी की जा रही है। नीलामी इसी महीने की 13 दिसंबर को की जानी निश्चित की गई है और इसके लिए नाममात्र की प्रति में छपने वाली किसी अखबार में निविदा का प्रकाशन कराया गया है। इसके अलावा ना तो नगर में इस संबंध में कोई मुनादी कराई गई है और ना ही पालिका कार्यालय में उक्त निविदा को चस्पा किया गया है। इतना ही नहीं, कुछ पार्षदों को भी इस बात की जानकारी नहीं दी गई है। इस संबंध में मुख्य नगर पालिका अधिकारी और पालिका अध्यक्ष से भी पूछताछ किए जाने पर उनके द्वारा समुचित उत्तर नहीं दिया जा रहा है और ना ही निविदा दिखाई जा रही है।

पार्षद ने खोला मोर्चा

अभनपुर के वार्ड क्रमांक 6 के भाजपा पार्षद योगेंद्र कंसारी का कहना है कि उन्हें इस संबंध में नगर के ही एक व्यापारी से पुख्ता जानकारी मिली थी, जो बिल्कुल सही है। पूर्व में पालिका की किसी भी संपत्ति की नीलामी से पूर्व परिषद के सभी सदस्यों को 4 दिन पूर्व लिखित में जानकारी दी जाती रही है। इस बार ऐसा नहीं किया गया है। साथ ही न नगर में मुनादी कराई गई है और न पालिका कार्यालय में चस्पा किया गया है। निर्मित दुकानों पर सभी आम लोगों का बराबर हक है, जो खुली नीलामी से ही उन्हें मिल सकता है। चुनिंदा व्यापारियों को लाभ पहुंचाने के लिए पालिका के जिम्मेदार लोग इस प्रकार का खेल खेल रहे हैं, जो पूरी तरह गलत है। मेरी मांग है कि दुकानों की नीलामी पूर्व की तरह सार्वजनिक सूचना जारी करने के बाद खुली नीलामी के माध्यम से की जाए, अन्यथा वे इस भ्रष्टाचार से जुड़े सभी लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग करेंगे।

भाजपा सरकार के एक साल पूरे होने पर भूपेश बघेल ने कसा तंज, कहा –

रायपुर-     13 दिसंबर को भाजपा जनता के समक्ष अपने एक साल का रिपोर्ट कार्ड रखने जा रही है. इस पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तंज कसा है. उन्होंने कहा, केवल दो ही चीज भाजपा की रिपोर्ट कार्ड में होगी. पहले 3100 सौ धान खरीदी का मूल्य देने की, जिसमें अव्यवस्थाएं हैं. दूसरा महतारी वंदन, जिसकी राशि कई महिलाओं को नहीं पहुंच रही है. नवविवाहित महिलाएं इस योजना से जुड़ नहीं पा रही है. इनका पोर्टल एक बार बंद हो जाता है तो दोबारा नहीं खुलता.

ममता बेनर्जी को इंडिया गठबंधन की कमान सौंप देना चाहिए, लालू यादव के इस बयान पर भूपेश बघेल ने कहा, यह पार्टी के बड़े स्तर के लोगों की बातें है. वह सब तय करते हैं. मैं इस पर कुछ बोलने के लिए आथराइज व्यक्ति नहीं हूं. प्रदेश में हो रही धान खरीदी को लेकर पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा, मैं खुद किसान हूं. किसान मजदूर महंगाई से परेशान हैं. किसानों को खाद लेने, धान बेचने में भी परेशानी हो रही है. प्रदेश में पहली बार उद्योगपतियों को धरना देना पड़ा. इससे समझा जा सकता है, प्रदेश में क्या स्थिति है.

निकाय, पंचायत चुनाव के आरक्षण पर भूपेश बघेल ने कहा, 50% आरक्षण देने की बात पोस्टर में लिखी गई है. पोस्टर में 50% आरक्षण के लिए CM का आभार है. छत्तीसगढ़ में ST, SC को मिलाकर 45% आरक्षण है. अगर OBC को 50% दें तो 95% आरक्षण हो जाएगा, सरकार बताए क्या इस तरीके से कोई अध्यादेश जारी हुआ है. हम लोगों ने जो प्रस्ताव पारित करने भेजा था वह 76% था, 95% कब सरकार ने कर दी, इसका होर्डिंग लगातार देख रहे हैं.

HC में पूर्व AG वर्मा की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई, फैसला रखा गया सुरक्षित, PDS घोटाले से जुड़ा है मामला…

बिलासपुर-   छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में आज पूर्व महाधिवक्ता सतीशचंद्र वर्मा की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई हुई है. जस्टिस अग्रवाल के सिंगल बेंच ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है. रायपुर के ACB कोर्ट में पूर्व महाधिवक्ता की अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो गई थी. ACB कोर्ट ने पूर्व महाधिवक्ता की अग्रिम जमानत याचिका को अत्यंत गंभीर मामला बताते हुए खारिज कर दिया था।

जिसके बाद ACB कोर्ट के फैसले को हाइकोर्ट में चुनौती दी गई है. पूर्व महाधिवक्ता ने यह याचिका वरिष्ठ अधिवक्ता किशोर भादुड़ी के माध्यम से लगाई है. देखना होगा कि पूर्व AG को उच्च न्यायालय से राहत मिलती है या फिर निचली अदालत के फैसले को यथावत रखा जाएगा.

बता दें कि छत्तीसगढ़ राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने डॉ. आलोक शुक्ला, अनिल टुटेजा, सतीश चंद्र वर्मा और अन्य पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018 की धाराओं 7, 7क, 8, और 13(2) और भारतीय दंड संहिता की धाराएं 182, 211, 193, 195-ए, 166-ए, और 120बी के तहत अपराध दर्ज किया था.

ईओडब्ल्यू की ओर से दर्ज एफआईआर के अनुसार, पूर्व आईएएस डॉ. आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा ने तत्कालीन महाधिवक्ता सतीशचंद्र वर्मा से पद का दुरूपयोग करते हुए लाभ लिया. दोनों अफसरों ने तत्कालीन महाअधिवक्ता वर्मा को लोक कर्तव्य को गलत तरीके से करने के लिए प्रेरित किया था.

ईओडब्ल्यू का आरोप है कि इसके बाद तीनों ने मिलकर एजेंसी (ईओडब्ल्यू) में काम करने वाले उच्चाधिकारियों से प्रक्रियात्मक दस्तावेज और विभागीय जानकारी में बदलाव करवाया, ताकि नागरिक आपूर्ति निगम के खिलाफ 2015 में दर्ज एक मामले में अपने पक्ष में जवाब तैयार कर हाईकोर्ट में अपना पक्ष मजबूती से रख सकें और उन्हें अग्रिम जमानत मिल सके.