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महाराष्ट्र चुनाव परिणाम: शरद पवार की NCP की सबसे खराब परफॉर्मेंस, अजीत पवार की एनसीपी को मिला जनता का समर्थन

महाराष्ट्र चुनाव परिणाम के रूझान साफ बता रहे हैं कि जनता अजीत पवार की NCP के साथ है. शरद पवार की NCP (SCP) मात्र 13 सीटों पर आगे है. वहीं अजीत पवार की एनसीपी 37 सीटों पर आगे चल रही है. चुनाव परिणाम के ये रुझान बता रहे हैं कि शरद पवार का राजनीति करियर का ग्राफ कितना नीचे पहुंच गया है. यह उनके करियर की सबसे खराब परफॉर्मेंस है.

शरद पवार की NCPSP महाराष्ट्र विकास अघाड़ी गठबंधन का हिस्सा है. दोपहर 1 बजे के रुझानों के मुताबिक, इस गठबंधन में शामिल उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना (SHSUBT) 92 सीट में से 19 पर और शरद पवार की NCPSP 86 में से 13 सीटों पर आगे है. वहीं, कांग्रेस 19 पर आगे चल रही है. इस गठबंधन के उलट रुझानों में भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति (NDA) को बहुमत मिल गया है. गठबंधन की भाजपा 126, शिवसेना 54, अजीत पवार की एनसीपी 38 आगे चल रही है.

राजनीतिक करियर की सबसे खराब परफॉर्मेंस

पार्टी के टूटने के बाद महाराष्ट्र का यह चुनाव शरद पवार और अजीत पवार के लिए अग्नि परीक्षा जैसा था. इस मुकाबले में अजीत बाजी मार ले गए और शरद पवार पीछे छूट गए.महाराष्ट्र में हालिया चुनाव के आंकड़े बता रहे हैं कि शरद पवार की पार्टी टूटने के बाद वो अपने राजनीतिक करियर के सबसे बुरे स्तर पर पहुंच गए हैं. साल 2014 के महाराष्ट्र चुनाव में एनसीपी को 41 सीट और 2019 में पार्टी को 54 सीटें मिली, लेकिन आंकड़े शरद पवार के सबसे बुरे दौर की तस्वीर को दिखा रहे हैं.

कैसे कमजोर हुए शरद पवार?

शरद पवार को कमजोर करने की शुरुआत 2 जुलाई, 2023 से हुई, जब अजित पवार ने चाचा शरद पवार से बगावत की. वो एनसीपी के 8 विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए. उन्हें इसका फायदा मिला और अजित पवार ने डिप्टी सीएम की शपथ ली और 8 विधायकों ने मंत्रिपद की. अजित ने यह भी दावा किया उनके पास 40 विधायकों को उनका समर्थन हासिल है. इस बयान के बाद अजित और शरद पवार के खेमे यह जंग शुरू हुई की असली NCP कौन है. यह लड़ाई चुनाव आयोग और विधानसभा स्पीकर तक पहुंच गई. दोनों खेमों में एनसीपी पर अपना दावा ठोका. इसे यह अजित पवार की एनसीपी और शरद पवार के रूप में मैदान में है.

इस तरह पार्टी टूटी और नुकसान बढ़ता गया और हालत यह हो गई कि महाराष्ट्र में शरद पवार का रुतबा तेजी से घटा. जो अब चुनावी आंकड़ों के रूप में दिखाई दे रहा है.

West Bengal By Election Live: सिताई, मदारीहाट, नैहाटी सीट पर लहराया TMC का परचम

महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनावों को लेकर मतगणना जारी है. साथ ही कई राज्यों में हुए उपचुनाव के लिए भी वोटों की गिनती की जा रही है. पश्चिम बंगाल में विधानसभा उपचुनाव में एक बार फिर तृणमूल कांग्रेस का कब्जा दिख रहा है. संगीता रॉय ने सिताई सीट पर, मदारीहाट सीट पर जयप्रकाश टोप्पो जबकि नैहाटी सीट पर सनत डे जीत चुके हैं. बाकी 3 सीटों पर भी ममता बनर्जी की पार्टी भारी बढ़त बनाए हुए है.

अन्य राज्यों की तरह यहां पर भी मतों की गिनती सुबह आठ बजे शुरू हुई. पश्चिम बंगाल में 2 रिजर्व सीटों के साथ-साथ अन्य 4 सीटों पर उपचुनाव कराए जा रहे हैं. इसमें सिताई सीट अनुसूचित जाति के लिए तो मदारीहाट अनुसूचित जनजाति के लिए रिजर्व है. इसके अलावा मेदिनीपुर, नैहाटी, हरोआ और तालडांगरा विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को उपचुनाव कराए गए थे.

उत्तर 24 परगना क्षेत्र के नैहाटी विधानसभा सीट और बांकुरा के तलडांगरा विधानसभा सीट पर तृणमूल कांग्रेस शुरू से ही आगे है. हरोआ सीट पर भी टीएमसी की बढ़त बनी हुई है.

मेदिनीपुर, मदारीहाट, सिताई, नैहाटी, हरोआ और तालडांगरा विधानसभा सीटें पश्चिम बंगाल के दक्षिण क्षेत्र में पड़ती हैं और इसे तृणमूल कांग्रेस का गढ़ माना जाता है जबकि मदारीहाट सीट राज्य के उत्तरी हिस्से में पड़ता है और इसे बीजेपी का गढ़ माना जाता है.

उपचुनाव में टीएमसी के अलावा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ-साथ सीपीएम की अगुवाई वाले वाम मोर्चा और कांग्रेस भी अलग-अलग मैदान पर उतरे. ये दोनों साल 2021 के बाद पहली बार अलग-अलग मैदान में उतरे.

किस सीट पर क्या चल रहा

अनुसूचित जाति (एससी) के लिए रिजर्व सिताई सीट पर टीएमसी की संगीता रॉय अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी, बीजेपी के दीपक कुमार रे को 1,30,636 मतों के भारी अंतर से हरा दिया है. संगीता रॉय को 1,65,984 वोट मिले जबकि दीपक कुमार को महज 35,348 मत हासिल हुए.

अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए रिजर्व मदारीहाट सीट पर टीएमसी के जयप्रकाश टोप्पो ने बीजेपी प्रत्याशी राहुल लोहार को महज 28,168 वोटों से हरा दिया है. जयप्रकाश टोप्पो को 79,186 वोट मिले जबकि राहुल लोहार 50,602 मत हासिल कर सके. 2021 के विधानसभा चुनाव में ये सीट बीजेपी ने जीती थी.

नैहाटी सीट पर टीएमसी के सनत डे ने बीजेपी प्रत्याशी रूपक मित्रा को हरा दिया है. रूपक मित्रा को 29,495 वोट हासिल हुए जबकि सनत डे 78,772 वोट हासिल कर 49,277 मतों के भारी अंतर से जीत हासिल की.

हरोआ सीट पर टीएमसी के एसके रबीउल इस्लाम आगे चल रहे हैं. उन्होंने अब तक 1,25,958 वोट हासिल किए हैं, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी ऑल इंडिया सेक्युलर फ्रंट के पियारुल इस्लाम को 1,03,144 वोटों से पीछे चल रहे हैं.

मेदिनीपुर सीट पर टीएमसी के सुजॉय हाजरा 80,508 वोटों के साथ आगे निकल गए हैं, जो बीजेपी के सुभाजीत रॉय (बंटी) से 24,161 वोटों के अंतर से आगे हैं.

तालडांगरा सीट पर टीएमसी की फल्गुनी सिंघाबाबू 63,201 वोटों के साथ आगे चल रही हैं, जो बीजेपी की अनन्या रॉय चक्रवर्ती से 23,341 वोटों की बढ़त बनाए हुए हैं.

Nanded Lok Sabha By Election Result 2024 LIVE Updates: नांदेड़ सीट पर बीजेपी को झटका, कांग्रेस लगातार बना रही बढ़त

महाराष्ट्र की नांदेड़ लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में मतगणना हो रही है. कांग्रेस ने रवींद्र चव्हाण को उम्मीदवार बनाया है, जबकि बीजेपी ने डॉ. संतुक हंबार्डे को मैदान में उतारा है. इस सीट पर कांग्रेस के रवींद्र चव्हाण आगे चल रही है. चुनाव आयोग के मुताबिक, रवींद्र चव्हाण को अब तक 65546 वोट मिले हैं, जबकि बीजेपी के उम्मीदवार डॉ. संतुक हंबार्डे को 61175 वोट मिले हैं. कांग्रेस के चव्हाण 4371 वोटों से आगे चल रहे हैं. वहीं, तीसरे नंबर की पार्टी वंचित बहुजन अघाड़ी है, जिसे 8037 वोट मिले हैं.

यह सीट कांग्रेस सांसद वसंतराव चव्हाण के निधन की वजह से खाली हुई है. लोकसभा चुनाव के महज दो महीने बाद ही अगस्त, 2024 में कांग्रेस सांसद वसंतराव चव्हाण का निधन हो गया था.

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली थी जीत

इससे पहले अप्रैल-मई में कराए गए लोकसभा चुनाव में नांदेड लोकसभा सीट पर बीजेपी के निवर्तमान सांसद प्रतापराव पाटिल चिखलीकर और कांग्रेस के प्रत्याशी वसंत चह्वाण के बीच मुकाबला था. वसंत चह्वाण ने 59,442 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी. वसंत को चुनाव में 5,28,894 वोट मिले थे, जबकि प्रतापराव पाटिल चिखलीकर को 4,69,452 वोट आए थे. नांदेड़ राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से एक होने के साथ एक जिला भी है.

साल 2019 के संसदीय चुनाव में यह सीट बीजेपी के खाते में चली गई और प्रतापराव गोविंदराव चिखलीकर सांसद बने. चिखलकर को 486,806 वोट मिले जबकि कांग्रेस के अशोक चव्हाण को 4,46,658 वोट मिले.

नांदेड़ के तहत विधानसभा की 6 सीटें आती हैं. इस सीट पर 1952 में पहली बार लोकसभा चुनाव कराए गए थे, तब कांग्रेस के उम्मीदवार शंकरराव टेलकीकर को जीत हासिल हुई थी. फिर 1957 के चुनाव में कांग्रेस ने देवराव नामदेवराव कांबले को टिकट दिया और वो विजयी हुए. 1962 में कांग्रेस के तुलसीदास जाधव को जीत हासिल हुई. 1967 के चुनाव में कांग्रेस ने यहां से अपना प्रत्याशी बदला और वेंकटराव तिरोडकर को मैदान में उतारा और वह भी विजयी रहे.

राजस्थान की सात सीटों पर हुए उपचुनाव के रुझान, देखें कौन हैं आगे और कौन पीछे

राजस्थान की सात सीटों पर हुए उपचुनाव के रुझान आने शुरु हो गए हैं.

भाजपा, कांग्रेस, आरएलपी और बीएपी के साथ कुछ अन्य दलों के प्रत्याशी और निर्दलीय उम्मीदवार भी अपना भाग्य आजमा रहे हैं.13 नवंबर को इन सभी सीटों पर मतदान हुए थे.

दौसा: दौसा सीट पर कांग्रेस के दीन दयाल रुझानों में आगे चल रहे हैं.

खींवसर: बीजेपी के रेवंत राम डांगा रुझानों में आगे चल रहे हैं.

झुंझुनूं: इस सीट पर बीजेपी के राजेंद्र भांबू चार हजार वोटों से रुझानों में आगे चल रहे हैं. दूसरे नंबर पर निर्दलीय राजेंद्र सिंह गुढा हैं.

चौरासी: भारत आदिवासी पार्टी के अनिल कुमार कटारा रुझानों में आगे चल रहे हैं.

देवली उनियारा बीजेपी के राजेंद्र गुर्जर रुझानों में आगे चल रहे हैं.

सलूंबर: इस सीट पर भारत आदिवासी पार्टी के जितेश कुमार कटारा रुझानों में आगे चल रहे हैं.

रामगढ़: बीजेपी के सुखवंत सिंह रुझानों में आगे चल रहे हैं.

उत्तराखंड की केदारनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव के नतीजे, बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर, जाने कौन आगे कौन पीछे

उत्तराखंड की केदारनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव के नतीजे आज घोषित हो रहे हैं. यहां भारतीय जनता पार्टी से आशा नौटियाल और कांग्रेस से मनोज रावत के बीच मुख्य मुकाबला है. इस सीट पर कुल 6 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. भाजपा विधायक शैलारानी रावत का जुलाई में निधन हो गया था, जिसके कारण केदारनाथ विधानसभा सीट खाली हो गई थी. बदरीनाथ विधानसभा सीट पर हार के बाद भाजपा के लिए केदारनाथ उपचुनाव नाक का सवाल बन गया है. इस सीट पर 57.64 फीसदी मतदान हुआ था. केदारनाथ सीट पर तीसरे राउंड की गिनती पूरी हो गई है. अभी बीजेपी की आशा नौटियाल वोटों से आगे चले रही हैं.

LIVE Result

सुबह 9:45 बजे केदारनाथ सीट पर तीसरे राउंड की गिनती पूरी हो गई है, यहां से बीजेपी प्रत्याशी 1535 वोटों से आगे चल रही हैं.

सुरक्षा के चाक चौबंद

चुनाव अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने बताया कि मतगणना स्थल पर पर्याप्त पुलिस बल और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के कर्मियों की तैनाती की गयी है. बिना प्रवेश पत्र के किसी को अंदर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. इसके अलावा मतगणना केंद्र के अंदर किसी को मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति भी नहीं दी जाएगी.

पूरी हुई मतगणना की तैयारी

EVM काउंटिंग के लिए 14 टेबल और पोस्टल बैलेट काउंटिंग के लिए 10 टेबल अतिरिक्त लगाए गए हैं. सभी कर्मचारियों की रेंडमाइजेशन की कार्रवाई पूरी की जा चुकी है. इसके अलावा पोस्टल बैलेट के लिए अतिरिक्त ARO नामित करने की अनुमति भी भारत निर्वाचन आयोग से मिल गई है.

बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला

इस केदारनाथ विधानसभा सीट पर मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच है. यहां भारतीय जनता पार्टी से आशा नौटियाल और कांग्रेस से मनोज रावत के बीच मुख्य मुकाबला देखा जा रहा है.नौटियाल और रावत, दोनों ही केदारनाथ विधानसभा का पूर्व में भी प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.

साल 2017 में केदारनाथ सीट से पहली बार विधायक बने 54 वर्षीय रावत को 2022 के विधानसभा चुनावों में तीसरे स्थान पर रहना पड़ा था. नौटियाल दो बार—2002 और 2007 में केदारनाथ सीट से विधायक रह चुकी हैं, जबकि 2012 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.55 वर्षीय नौटियाल फिलहाल पार्टी की प्रदेश महिला मोर्चा के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी निभा रही हैं.

MP Bypoll Result: मध्य प्रदेश में BJP को करारा झटका, बुधनी और विजयपुर में कांग्रेस ने बनाई बढ़त

मध्य प्रदेश की दो विधानसभा सीट बुधनी और विजयपुर पर हुए उपचुनावों के नतीजे सामने आने लगे हैं. शुरुआती रुझानों में कांग्रेस ने बीजेपी को करारा झटका दिया है. पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान का गढ़ कही जाने वाली बुधनी विधानसभा सीट पर शुरुआती रुझानों में कांग्रेस आगे चल रही है. वहीं अगर श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा सीट की बात करें तो यहां से मंत्री रामनिवास रावत पीछे चल रहे हैं.

LIVE Result

MP की विजयपुर सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस 277 वोटों से आगे चल रही है.

बुधनी विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी राजकुमार पटेल सुबह 9 बजे तक 5600 मतों से आगे चल रहे हैं.

दोपहर तक हो जाएगी तस्वीर साफ

बुधनी में 13 राउंड में गिनती होनी है. यहां दोपहर 1 बजे तक रिजल्ट आने की उम्मीद है. इस उपचुनाव में बुधनी विधानसभा सीट से 20 प्रत्याशी मैदान में थे. मुख्य मुकाबला पूर्व भाजपा सांसद रमाकांत भार्गव और कांग्रेस के राजकुमार पटेल के बीच है. केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के सांसद चुने जाने के बाद इस्तीफे से बुधनी सीट खाली हुई थी..

बुधनी में पोस्टल बैलेट के लिए अगल से टेबल

सीहोर जिले की बुधनी विधानसभा सीट के लिए भी 13 नवंबर को उपचुनाव हुए थे. 363 मतदान केंद्रों पर मतदाताओं ने वोटिंग की थी. बुधनी विधानसभा उप चुनाव के लिए काउंटिंग शासकीय महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज सीहोर में हो रही है. 2 कक्षों में 14-14 टेबल्स लगाई गई हैं. एक टेबल पोस्टल वैलेट की गिनती के लिए अलग से है.

हाई प्रोफाइल सीट में शुमार बुधनी

बुधनी विधानसभा सीट मध्यप्रदेश की हाई प्रोफाइल सीटों में शुमार है, इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 5 बार विधायक रहे हैं, 2024 के के लोकसभा चुनाव में जीतकर सांसद बनने के बाद शिवराज ने इस्तीफा दिया. फिर यह सीट खाली हो गई. उनकी जगह पार्टी ने उनके ही करीबी रमाकांत भार्गव को चुनाव मैदान में उतारा है.

तेलंगाना के जयशंकर भूपालपल्ली जिले में हनुमान जी की मूर्ति जलने से गांव में दहशत.

तेलंगाना के जयशंकर भूपालपल्ली जिले के अंबातिपल्ली गांव में एक चौंकाने वाली घटना हुई है. वहीं घटना के बाद गांव वाले में डरे हुए हैं. गांव में हनुमान जी की मूर्ति जलने से पूरा गांव सकते में आ गया. वहीं मंदिर के गर्भगृह में मूर्ति जलने की घटना एक रहस्य बनी हुई है. लोग इस बात से चिंतित हैं कि आग कैसे लगी. वहीं कुछ लोग आग लगने की घटना को अनहोनी से जोड़ कर देख रहे हैं. हनुमान जी की मूर्ति जलने से सभी ग्रामीण चिंतित हैं. लोगों ने कहा कि हनुमान जी हम लोगों की रक्षा करते थे. ऐसे में उनकी मूर्ति का जल जाना गांव के लिए अशुभ है.

यह घटना महादेवपुर क्षेत्र के अंबातिपल्ली गांव में हुई. आग लगने से हनुमान जी प्रतिमा जल गई वहीं आग पूरी प्रतिमा में फैल गई. जानकारी के मुताबिक, गांव के अमरेश्वर मंदिर परिसर में हनुमान की एक मूर्ति है. लोगों ने कहा कि यह तो पता नहीं कि क्या हुआ, लेकिन गुरुवार की शाम हनुमान की मूर्ति में आग लग गई. आग पूरी हनुमान मूर्ति में लग गई.

आग में जली हनुमान मूर्ति

जब स्थानीय लोगों ने हनुमान की मूर्ति में आग लगी देखी तो लोगों ने आग बुझाने की कोशिश की. लेकिन वो कामयाब नहीं हो सके. धीरे-धीरे आग की चपेट में पूरी प्रतिमा आ गई और गर्भगृह में धुंआं भर गया. लोगों ने कहा कि ये आग कैसे लगी ये किसी को पता नहीं. वहीं आग लगने की घटना के बाद कई सवाल उठ रहे हैं.

लोगों के मन में अब यही सवाल उठ रहे हैं कि मंदिर के गर्भगृह में आग कैसे लगी..? प्रतिमा पर आग कैसे फैली. कोई कुछ भी समझ नहीं पा रहा. वहीं लोग ये कह रहे है कि ऐसा तो नहीं किसी दैवीय शक्ति के कारण ऐसा हुआ है. वहीं ऐसे कई तरह के संदेह व्यक्त किए जा रहे हैं. लेकिन आग लगने के कारण का पता नहीं चल सका है.

लोगों में डर का माहौल

वहीं ग्रामीण इस बात से चिंतित हैं कि हनुमान की प्रतिमा का आग में जलना गांव के लिए शुभ संकेत नहीं है. ऐसी घटनाओं से गांव के लोगों को नुकसान होने का अंदेशा है. वहीं ग्रामीणों ने आग की घटना को लेकर पुलिस को सूचित कर दिया. उसके बाद सभी गांव वालों ने बैठक कर सामूहिक निर्णय लेने और आगे क्या करना है. अगर कोई अनहोनी हो तो उससे कैसे बचा जा सकता है. हालांकि आग लगने की घटना के बाद पूरा गांव चिंता में डूबा हुआ है कि अब क्या होगा.

वीवो स्मार्टफोन यूजर्स के लिए जरूरी खबर: यूवी ग्लू वाले स्क्रीन प्रोटेक्टर से हो सकती हैं ये बड़ी समस्याएं

स्मार्टफोन न केवल एक गैजेट है, बल्कि आपकी पर्सनैलिटी को भी दिखाता है. इसलिए लोग फोन को लेकर काफी सेंसिटिव रहते हैं, और इसकी देखभाल करते हैं. आजकल स्मार्टफोन भी इनोवेटिव डिस्प्ले और अट्रैक्टिव डिजाइन के साथ आते हैं. इसलिए स्क्रीन की देखभाल करना जरूरी हो जाता है. मार्केट में कई तरह मोबाइल कवर मिलते हैं.

अगर आप वीवो का स्मार्टफोन चलाते हैं, तो कंपनी ने स्क्रीन प्रोटेक्टर को लेकर चेतावनी जारी की है. लोकल टेम्पर्ड ग्लास प्रोटेक्टर या गलत तरीके से लगाए गए प्रोटेक्टर फोन की परफॉर्मेंस को खराब कर सकते हैं.

खासकर यूवी ग्लू वाले प्रोटेक्टर, जो कि कर्व्ड स्क्रीन के लिए काफी पॉपुलर हैं. इनसे कई तरह की दिक्कतें सामने आ सकती हैं. आइए जानते हैं कि वीवो के मुताबिक यूवी ग्लू कवर लगाने से क्या समस्याएं हो सकती हैं.

यूवी ग्लू वाले टेम्पर्ड ग्लास प्रोटेक्टर के खतरे

ऑडियो इंटरफेरेंस: यूवी ग्लू स्पीकर होल को ब्लॉक कर सकता है, जिससे आवाज कम या खराब हो सकती है.

बटन की खराबी: ग्लू की वजह से साइड बटन चिपक सकते हैं या खराब हो सकते हैं.

एयर बबल इंटरफेरेंस: इसे लगाते समय एयर बबल के कारण ग्लू रिसीवर या साइड बटन में जा सकता है, जिससे आवाज में समस्या या बटन खराब हो सकते हैं.

सिम ट्रे फंसना और वाटर रेसिस्टेंस की समस्या: अगर यूवी ग्लू सिम ट्रे में चला जाता है, तो ट्रे फंस सकती है और सिम कार्ड निकालना मुश्किल हो सकता है. इससे डिवाइस की वाटर रेसिस्टेंस पर भी असर हो सकता है.

फोन का लुक खराब होना: यूवी ग्लू लेदर बैटरी कवर को खराब कर सकता है और कैमरा फ्रेम को भी नुकसान पहुंचा सकता है. इससे कैमरा फ्रेम में दिक्कत आ सकती है.

इसलिए यूवी ग्लू प्रोटेक्टर से बचने की सलाह दी जाती है, क्योंकि नॉन-अथॉराइज्ड लोगों से प्रोटेक्टर लगवाया तो फोन वारंटी के दायरे में नहीं आते हैं. खराब तरीके से लगे फोन प्रोटेक्टर साउंड क्वालिटी को प्रभावित कर सकते हैं, टच सेंसिटिविटी कम कर सकते हैं, और अहम पार्ट्स को नुकसान पहुंचा सकते हैं.

मोमबत्ती की आग ने ली तीन की जानें, पिता गंभीर रूप से घायल

बिहार के भागलपुर में दर्दनाक हादसा हो गया. जिले के एक गांव में मोमबत्ती की आग ने फूस के घर में सो रहे तीन लोगों को जिंदा जला दिया. आग की घटना में एक शख्स बुरी तरह जलकर घायल हो गया. मृतकों में मां और दो मासूम बच्चे शामिल हैं. पिता को गंभीर हालात में अस्पताल में भर्ती कराया गया है. आग की सूचना पर पहुंची दमकल की गाड़ी ने देर रात आग पर काबू पाया. पुलिस ने मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है.

यह वीभत्स हादसा जिले के पीरपैंती स्थित अठनिया गांव में हुआ. यहां के निवासी गौतम सिंह के लिए गुरुवार की रात दुखों का पहाड़ लेकर आई. उनकी आंख के सामने उनके दो मासूम बच्चे और पत्नी की आग में झुलसने से दर्दनाक मौत हो गयी. गांव में बिजली नहीं रहने के कारण परिजन झोपड़ी में मोमबत्ती जलाकर सोए हुए थे. अचानक मोमबती पलट गई और भीषण आग लग गई.

मां समेत दो बच्चों की मौत, पिता गंभीर

आग ने कुछ ही मिनटों में भयावह रूप ले लिया. आग की लपटें पूरे घर मे फैल गई. जब तक गौतम कुछ समझ पाते तब तक वह उनकी पत्नी और दोनों बच्चे आग में झुलस चुके थे, आस पास के लोगों के आने तक गौतम सिंह की पत्नी वर्षा देवी, बेटा प्रत्यूष और बेटी ज्योति की मौत हो चुकी थी. वहीं, गौतम बुरी तरह झुलस गया. उन्हें पीरपैंती के रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया. लेकिन वहां उनकी स्थिति को बिगड़ते देख उन्हें जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल भागलपुर रेफर कर दिया गया.

मोमबत्ती जलाकर सो रहा था परिवार

घटना को लेकर मृतक के चचेरे भाई अंकित ने बताया कि गौतम का परिवार की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर थी. वह एक छोटे किराना दुकान से अपनी आजीविका चलाते हैं. उनका मकान भी फूंस का बना हुआ था. गुरुवार की रात के वक्त सोने से पहले उन्होंने मोमबत्ती जलाई थी. घर के अंदर चार सदस्य सोए हुए थे. किसी कारण मोमबत्ती पलट गई और फूस के घर ने आग पकड़ लिया, उसी जगह तीन लोगों की मृत्यु हो गई.

गौतम को किसी तरह लोगों ने बचाया. जब परिजनों ने चिल्लाना शुरू किया तब आसपास के लोग जुट गए. स्थानीय लोगों व अग्निशमन की टीम ने देर रात आग पर काबू पाया. पुलिस ने बताया कि तीनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भागलपुर मेडिकल कॉलेज लाया गया. वहीं बुरी तरह घायल गौतम सिंह का इलाज मायागंज अस्पताल में चल रहा है.

उमर अब्दुल्ला ने कहा, कांग्रेस हमारी सरकार का हिस्सा नहीं है, वे हमें बाहर से समर्थन दे रहे हैं.

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमारी सरकार का हिस्सा नहीं है, वे हमें बाहर से समर्थन दे रहे हैं. सीएम उमर उमर ने महाराष्ट्र में चुनाव और जम्मू क्षेत्र में नागरिकों पर कथित अत्याचार के बारे में भी बात की. उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को मीडिया को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं. शुक्रवार को कैबिनेट बैठक हुई. इस बैठक में विधानसभा प्रस्ताव पर कांग्रेस के रूख, कैदियों, किश्तवाड़ में स्थानीय लोगों पर सेना के अत्याचार पर बात की.

बता दें कि कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा था. चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस को पूर्ण बहुमत मिला और उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में सरकार बनी, लेकिन कांग्रेस इस सरकार को बाहर से समर्थन दे रही है.

राज्य के विशेष दर्जे के प्रस्ताव पर कही ये बात

विशेष दर्जे के प्रस्ताव के भाग्य के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए उमर ने कहा कि विधानसभा में बहुमत से प्रस्ताव पारित हुआ था. सदन में कांग्रेस के सदस्य भी मौजूद थे. यह जीवित है और खारिज नहीं हुआ है. हमें राज्य का दर्जा मिल जाए, हम इस मामले को आगे बढ़ाएंगे.

राजनीतिक कैदियों की रिहाई के बारे में पूछे गए एक अन्य सवाल के जवाब में उमर ने कहा, “कानून-व्यवस्था और सुरक्षा केंद्र के अधिकार क्षेत्र में हैं. इस स्थिति के बावजूद हम सत्यापन प्रक्रिया को आसान बनाने में सफल रहे हैं. मैंने विधानसभा में भाषण दिया था कि सत्यापन को हथियार बनाया गया है. इसे आसान बनाने के लिए कदम उठाए गए हैं और इस संबंध में और प्रगति की उम्मीद है.”

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोगों ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि प्रस्ताव में कुछ भी नहीं था. उमर ने पूछा, “अगर प्रस्ताव में कुछ भी नहीं था, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह इस बारे में बार-बार क्यों बात करते हैं.”

तीन सदस्यों वाली कैबिनेट उप-समिति का गठन

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा मिलने के बाद सरकार राजनीतिक कैदियों के मामलों की पैरवी करेगी और उनकी रिहाई सुनिश्चित करेगी. आज की कैबिनेट बैठक के बारे में उमर ने कहा कि आज की बैठक में लिया गया महत्वपूर्ण निर्णय तीन सदस्यों वाली कैबिनेट उप-समिति का गठन करना था, जो सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों की पृष्ठभूमि में समग्र दृष्टिकोण अपनाएगी.

उमर ने कहा, “समिति कैबिनेट को एक रिपोर्ट सौंपेगी और हम देखेंगे कि आरक्षण नीति को तर्कसंगत बनाने के लिए हम किस हद तक जा सकते हैं.” किश्तवाड़ में नागरिकों पर कथित अत्याचार के बारे में पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने पहले भी पुलिस और सुरक्षा बलों के शिविरों में अत्याचार के दौरान लोगों को मरते देखा है.

उमर ने कहा, “भगवान का शुक्र है कि यहां किसी की मौत नहीं हुई. मैं सेना से मामले की गहन जांच करने का आग्रह करता हूं और अगर सैनिकों द्वारा कोई दुर्व्यवहार पाया जाता है, तो दोषियों को कोर्ट मार्शल किया जाना चाहिए और कड़ी सजा दी जानी चाहिए.” यह पूछे जाने पर कि क्या सर्दियों में बिजली कटौती में सुधार होगा, उमर ने कहा कि उन्होंने बिजली विभाग को उन क्षेत्रों में कम कटौती सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है जहां चोरी कम होती है. उमर ने कहा, “मुझे इस सर्दियों में कश्मीर में बिजली की स्थिति में सुधार देखने की उम्मीद है.”