गाजीपुर कोर्ट में पप्पू यादव की पेशी, एनबीडब्ल्यू के मामले में 50 हजार रुपये के मुचलके पर रिहा.
बिहार के पूर्णिया से निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को गाजीपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट के कटघरे में एक घंटे तक खड़ा रखा गया. उनके खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी हुआ था, जिसके बाद वह कोर्ट पहुंचे. उन्हें 50 हजार रुपये के मुचलके पर कोर्ट के द्वारा रिहा किया गया.
साथ ही उनके साथ जो 10 अन्य आरोपी थे उनके गैर हाजिरी का माफी का प्रार्थना पत्र भी अधिवक्ता के द्वारा पेश किया गया.वहीं न्यायालय ने इस मामले पर बहस के लिए चार दिसंबर को अगली तारीख तय किया है.
शासकीय अधिवक्ता नीरज श्रीवास्तव ने बताया कि साल 1993 में तब राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव विधायक हुआ करते थे और अपने एक अन्य विधायक साथी के साथ एक लंबे चौड़े काफिले के साथ गाजीपुर में चुनाव प्रचार के दौरान आने की जानकारी गाजीपुर पुलिस को हुई थी. तब तत्कालीन थाना अध्यक्ष बीएन सिंह ने इन लोगों के काफिले को रुकवाया और पप्पू यादव, उमेश यादव सहित करीब सैकड़ो लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. बताते हैं कि उस वक्त पप्पू यादव चुनाव सभा में गड़बड़ी उत्पन्न करने के लिए बक्सर उजियार घाट होते हुए गाजीपुर की सीमा में प्रवेश किए थे.
सुनवाई के लिए भेजा MP-MLA कोर्ट
इसी मामले में पुलिस ने आरोप पत्र मुख्य न्यायाधीश मजिस्ट्रेट के न्यायालय में पेश किया था. जहां पर मामले में सभी आरोपियों को 31 जुलाई 2023 को दोष मुक्त कर दिया गया. लेकिन उस आदेश के विरुद्ध जिला जज के न्यायालय में 6 सितंबर 2023 को शासकीय अधिवक्ता के द्वारा अपील दाखिल किया गया. उसके बाद जिला जज की अदालत ने मामले को एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई के लिए भेज दिया था
जारी किया गैर जमानती वारंट
एमपी एमएलए कोर्ट में इस मामले में लगातार कार्रवाई चल रही थी. बार-बार पुकार पड़ने के बाद भी आरोपियों की तरफ से कोई उपस्थित नहीं हो रहा था. इसके बाद कोर्ट ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए पप्पू यादव सहित 11 लोगों के विरुद्ध गैर जमानती वारंट 22 अक्टूबर को जारी किया था. उन्हें 4 नवंबर को कोर्ट में पेश होने के लिए तारीख नियत किया था. लेकिन पप्पू यादव ने कोर्ट के आदेशों के अवहेलना करते हुए उपस्थिति दर्ज नहीं कराई.
50 हजार के मुचलके पर किया रिहा
इसके बाद कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी के लिए मोहम्मदाबाद प्रभारी निरीक्षक को निर्देश देते हुए स्पष्टीकरण भी दाखिल करने को कहा. न्यायालय का सख्त रूप देख पप्पू यादव गुरुवार को अपने समर्थकों के साथ कोर्ट में पेश हुए. उन्होंने प्रार्थना पत्र दिया. इस दौरान उन्हें कटघरे में करीब एक घंटे से ऊपर भी रहना पड़ा. इसके बाद गैर जमानती वारंट निरस्त करते हुए 50 हजार रुपये के निजी बंध पत्र पर उन्हें रिहा किया गया. हालांकि, पप्पू यादव ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि वह कोर्ट का सम्मान करते हैं. उन्हें कोर्ट का आदेश पुलिस के द्वारा मिला तो कोर्ट का सम्मान करने के लिए वह न्यायालय में पेश हुए हैं.
Nov 22 2024, 12:54