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दिल्ली में चलती बस से कूदी नाबालिग लड़की, छेड़छाड़ की अफवाह पर भीड़ ने ड्राइवर को जमकर पीटा

डेस्क: उत्तरी दिल्ली में बस ड्राइवर और एक अन्य व्यक्ति के साथ विवाद होने के बाद एक नाबालिग लड़की चलती मिनी बस से कूद गई। यह घटना बुधवार शाम बुराड़ी के नाथपुरा इलाके में घटी। लड़की इब्राहिमपुर चौक पर बस में चढ़ी थी और ड्राइवर दीपक व मनोज नामक एक अन्य व्यक्ति से उसकी बहस हो गई। दीपक और मनोज दोनों पहले से एक-दूसरे को जानते थे। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मौका पाकर वह लड़की चलती बस से कूदकर भागने लगी।

पुलिस ने बताया कि दो प्रत्यक्षदर्शियों को इसमें गड़बड़ी का संदेह हुआ और उन्होंने शालीमार पैलेस चौक के पास बस को रोक लिया। यौन उत्पीड़न की अफवाह फैलने के बाद वहां भीड़ इकट्ठा हो गई और उसने मनोज तथा दीपक के साथ मारपीट की जिससे स्थिति और बिगड़ गई

पीसीआर कॉल मिलने पर पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और नाबालिग लड़की व दोनों पुरुषों को मेडिकल जांच के लिए अस्पताल ले गई। लड़की ने अपना बयान दर्ज कराया, जिसमें उसने यौन उत्पीड़न, छेड़छाड़ या उत्पीड़न के आरोपों से इनकार किया। यह जानकर राहत मिली कि चिकित्सकीय जांच से भी उसके बयान की पुष्टि हुई।

लड़की के बयान के आधार पर पुलिस ने बुराड़ी थाने में भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत FIR दर्ज की है। अधिकारी ने बताया कि मामले में आगे की जांच जारी है।
यहां आम लोगों के लिए खुलेगी 68 साल पुरानी टनल, 62.5 करोड़ रुपये खर्च, जानें क्या-क्या काम हुआ?


डेस्क: जम्मू कश्मीर को लेह लद्दाख से जोड़ने वाली ट्विन-ट्यूब जवाहर टनल एक बार फिर से आम लोगों के लिए खुलने वाली है। यह टनल दिसंबर 2024 में आम लोगों के आवागमन के लिए खोली जा सकती है। 1956 में बनी 2.5 किलोमीटर लंबी ट्विन-ट्यूब जवाहर टनल का ऐतिहासिक महत्व है। यह टनल पीर-पंजाल रेंज के जरिए कश्मीर घाटी और लेह को शेष भारत से जोड़ती है। इस वजह से इस टनल की अहमियत बहुत ज्यादा है।

इस टनल में मरम्मत की जरूरत महसूस किए जाने के बाद बीआरओ ने इस पर काम शुरू किया। इसकी मरम्मत का काम ईपीसी मोड के जरिए 62.5 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। इसके लिए MoRTH ने पैसे की व्यवस्था की और सीमा सड़क संगठन ने प्रोजेक्ट बीकन के जरिए लगभग एक वर्ष (गैर-कार्य मौसम को छोड़कर) में काम पूरा किया।

लिहाज से बेहतर करने और इसे मजबूत बनाने की जरूरत महसूस हुई ताकि यह लंबे समय तक आवागमन के लिए उपयुक्त रहे। इसके साथ ही इसमें बेहतर आवागमन की सुविधा प्रदान की गई है, जो अन्य टनल में होती है। इस दौरान सिविल के साथ-साथ इलेक्ट्रो-मैकेनिकल कार्य भी किए गए हैं, जैसे कि रिसाव को रोकना, फुटपाथ ओवरले, क्षतिग्रस्त कंक्रीट सतह को एपॉक्सी मोर्टार से पैच करना, सुरंग निगरानी नियंत्रण और संचार प्रणाली, अग्निशमन प्रणाली, सुरंग की सफाई के लिए मशीनीकृत व्यवस्था आदि। आधुनिक तकनीक का उपयोग सुरक्षा, संरक्षा और आराम को बढ़ाएगा।

टनल में किए गए काम में 76 हाई-डेफिनिशन सीसीटीवी कैमरे, धुआं और आग सेंसर, SCADA सिस्टम और वास्तविक समय की निगरानी के लिए एक केंद्रीकृत निगरानी कक्ष शामिल हैं। जवाहर सुरंग NH-44 के लिए एक वैकल्पिक मार्ग के रूप में कार्य करती है और सभी तेल टैंकर, विस्फोटक लदे वाहन और गैसोलीन वाहन जिन्हें नवनिर्मित काजीकुंड-बनिहाल सुरंग को पार करने की अनुमति नहीं है, वे इस सुरंग का उपयोग करेंगे।
मणिपुर में JDU विधायक के घर पर भीड़ ने किया हमला, लूट लिए 1.5 करोड़ रुपये के गहने और 18 लाख कैश

डेस्क: जनता दल यूनाइटेड यानी JDU के एक विधायक के घर पर हमले और लूटपाट की खबर आई है। मणिपुर में JDU के विधायक के. जॉयकिशन सिंह की मां ने शिकायत दर्ज कराई है कि 16 नवंबर को MLA के आवास पर तोड़फोड़ करने वाली भीड़ ने 18 लाख रुपये नकद और 1.5 करोड़ रुपये के आभूषण लूट लिए। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमले के दौरान पश्चिम इंफाल के थांगमेइबंद इलाके में विधायक के आवास पर आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों के लिए रखे गए कई सामान को भी बर्बाद कर दिया गया।

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, ‘थांगमेइबंद निर्वाचन क्षेत्र के विधायक के. जॉयकिशन सिंह की मां ने इंफाल पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है कि भीड़ के हमले में 18 लाख रुपये कैशऔर 1.5 करोड़ रुपये कीमत की कई कीमती चीजें लूट ली गईं या बर्बाद कर दी गईं। इस संबंध में FIR दर्ज कर ली गई है।’ उन्होंने बताया कि 16 नवंबर की शाम को भीड़ ने विधायक के घर पर करीब 2 घंटे तक तोड़फोड़ की। जब भीड़ ने JDU MLA के घर पर हमला किया था उस वक्त वह घर पर नहीं थे बल्कि अपने किसी परिजन के इलाज के लिए दिल्ली में थे।

जॉयकिशन के घर से कुछ ही मीटर की दूरी पर टॉम्बिसाना हायर सेकेंडरी स्कूल में स्थापित रिलीफ कैंप में रह रहे एक विस्थापित शख्स ने कहा, ‘हमारे जैसे लोगों के लिए वहां आलू, प्याज और सर्दियों के कपड़े आदि रखे गए थे, ये सब लूट लिए गए।’ जॉयकिशन की देखरेख में राहत शिविर का मैनेजमेंट करने वाली वॉलंटियर सनयाई ने कहा,‘हमने भीड़ से MLA के आवास में तोड़फोड़ न करने का आग्रह किया, क्योंकि वहां विस्थापितों को बांटा जाने वाला सामान रखा था।’ उन्होंने दावा किया कि लॉकर, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान और फर्नीचर में तोड़फोड़ की गई।

सनयाई ने दावा किया कि भीड़ ने 3 AC ले जाने की कोशिश की पर नाकाम रही, लेकिन 7 गैस सिलेंडर ले जाने में कामयाब हो गई। उन्होंने बताया कि हमले के दौरान विस्थापित लोगों के दस्तावेज भी नष्ट कर दिए गए और वहां मौजूद एक स्वयंसेवक से मारपीट भी की गई।

मणिपुर में पिछले सप्ताह हिंसा बढ़ने के बाद गुस्साए लोगों ने कई विधायकों के घरों में तोड़फोड़ की थी। यह हिंसा मेइती समुदाय की 3 महिलाओं और 3 बच्चों के जिरीबाम जिले में एक राहत शिविर से लापता होने के बाद भड़की थी। 11 नवंबर को सुरक्षा बलों और संदिग्ध कुकी-जो उग्रवादियों के बीच गोलीबारी में 10 उग्रवादियों के मारे जाने के बाद 6 लोग लापता हो गए थे, और बाद में उनकी लाशें मिली थीं।
अमेरिका में गिरफ्तार हुआ गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का भाई अनमोल, कई मामलों में था वांछित


डेस्क: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या और अभिनेता सलमान खान के मुंबई स्थित घर के बाहर गोलीबारी के मामले में वांछित गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का छोटा भाई अमेरिका में गिरफ्तार कर लिया गया है। जानाकारी के अनुसार लॉरेंस के छोटे भाई अनमोल बिश्नोई को अमेरिकी कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने गिरफ्तार कर लिया है और उसे फिलहाल आयोवा की एक जेल में बंद कर दिया गया है। ‘अमेरिकी आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन’ विभाग की वेबसाइट पर हाल ही में दी गई जानकारी के अनुसार अनमोल बिश्नोई आयोवा की एक काउंटी जेल में बंद है। इसके अलावा अन्य कोई विवरण तत्काल उपलब्ध नहीं है।

माना जाता है कि अनमोल कनाडा में रहता है और नियमित रूप से अमेरिका आता-जाता रहता है। वह लॉरेंस का छोटा भाई है, जिस पर जेल में रहने के बावजूद वैश्विक आपराधिक गिरोह चलाने का आरोप है। लॉरेंस फिलहाल अहमदाबाद के साबरमती केन्द्रीय कारागार में बंद है। अनमोल पिछले महीने मुंबई के बांद्रा इलाके में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री सिद्दीकी की हत्या समेत कई आपराधिक मामलों में वांछित है। इस साल 14 अप्रैल को बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान के बांद्रा इलाके में स्थित घर के बाहर गोलीबारी की घटना में भी कथित तौर पर उसका हाथ है। भारत ने अनमोल के प्रत्यर्पण की मांग की है।

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने हाल ही में अनमोल की गिरफ्तारी में मददगार सूचना देने वाले को 10 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा भी की है। इस सप्ताह की शुरुआत में अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने अनमोल को निर्वासित करने की संभावना पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया था और कहा था कि यह मामला गृह सुरक्षा मंत्रालय और एफबीआई के अधिकार क्षेत्र में आता है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने 18 नवंबर को एक प्रेस वार्ता में अनमोल के संभावित निर्वासन पर एक सवाल के जवाब में कहा था ‘‘ ऐसी रिपोर्ट पर टिप्पणी गृह सुरक्षा मंत्रालय और एफबीआई को करनी चाहिए न कि विदेश मंत्रालय को।
आखिर फिर से क्यों सुलगने लगा मणिपुर? म्यांमार से क्या है कनेक्शन?


डेस्क: मणिपुर एक बार फिर से सुलगने लगा है। पिछले हफ्ते सूबे में सैकड़ों लोगों ने कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए प्रदर्शन किया। सूबे में कुकी और मैतेई समुदाय फिर से आमने-सामने हैं और ताजा हिंसा के मामले में 23 लोगों की गिरफ्तारी भी की गई है। बता दें कि सूबे में पिछले साल शुरू हुई अशांति में सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है। सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि मणिपुर अचानक अशांत हो गया? कुकी और मैतेई समुदाय एक दूसरे को शक की नजरों से क्यों देखते हैं? आइए, समझने की कोशिश करते हैं।

20 अप्रैल 2023 को मणिपुर हाई कोर्ट के एक जज ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह 'मैतेई समुदाय के उस अनुरोध पर विचार करे जिसमें उसने खुद को अनुसूचित जनजाति की लिस्ट में शामिल होने की मांग की थी।' इसके बाद कुकियों में डर पसर गया कि ST दर्जा मिलने के बाद मैतैई लोगों को पहाड़ी इलाकों में जमीन खरीदने की इजाजत मिल जाएगी। इसके बाद इस मसले पर पहले तो विरोध प्रदर्शन हुआ और बाद में हिंसा होने लगी। बात बढ़ते-बढ़ते यहां तक बढ़ गई कि सूबे में अब तक हिंसा में सैकड़ों जानें जा चुकी हैं।

बता दें कि मणिपुर की आधी आबादी मैतेइयों की है और अगर उन्हें ST का दर्जा मिल जाता है तो उनके जीवन में बेहतरी आने की संभावना है। हालांकि कुकियों का मानना है कि इससे आरक्षण में उनका हिस्सा घट जाएगा।

मैतेई समुदाय पारंपरिक रूप से मणिपुर की घाटी में रहता है जो कि राज्य के क्षेत्रफल का 10% है। वहीं, नागा और कुकी समुदाय के लोग मुख्य रूप से पहाड़ी क्षेत्रों में रहते हैं। कुकियों का मानना है कि घाटी में रहने वाले मैतेइयों को बेहतर अवसर दिए गए हैं, और यही वजह है कि वे मैतेई समुदाय के लिए आरक्षण का विरोध करते हैं।

2021 में म्यांमार में हुए तख्तापलट के बाद सूबे में पड़ोसी देश से बड़ी संख्या में शरणार्थी आए थे। मणिपुर की म्यांमार के साथ लगभग 400 किलोमीटर लंबी सीमा है। मणिपुर का कुकी समुदाय म्यांमार की चिन जनजाति के साथ जातीय वंश साझा करते हैं और मैतेइयों को डर था कि शरणार्थियों के आने से राज्य में उनकी संख्या कम हो जाएगी। बताया जाता है कि मणिपुर के पहाड़ी इलाकों में म्यांमार से आए शरणार्थी बड़ी संख्या में मौजूद हैं। ऐसे में कुकी और मैतेई समुदायों के बीच अविश्वास कम होने की बजाय बढ़ता ही जा रहा है।

मैतेई और कुकी दोनों ही समुदाय हथियारों से लैस हैं। दोनों ही समुदायों के पास ऑटोमैटिक हथियार भी हैं जिन्हें या तो राज्य पुलिस से चुराया गया है या म्यांमार से मंगाया गया है। कुकी समुदाय के लोग मुख्यमंत्री बीरेन सिंह पर भी उनके खिलाफ हिंसा में शामिल होने का आरोप लगाते रहते हैं और उन्हें हटाने की मांग करते रहते हैं। बीजेपी नेता बीरेन सिंह, जो कि मैतेई समुदाय से ताल्लुक रखते हैं, कुकियों के इन आरोपों को खारिज करते हैं। बीरेन सिंह ने कई बार हिंसा के लिए ड्रग माफिया और अवैध प्रवासियों, खासकर म्यांमार के शरणार्थियों को दोषी ठहराया है।

इस महीने हिंसा की ताजा घटनाएं तब शुरू हुईं जब 31 साल की कुकी महिला को जिरीबाम जिले के एक गांव में जलाकर मार डाला गया। यह इलाका जून तक संघर्ष से अछूता था। कुकियों ने इस कृत्य के लिए मैतेई समुदाय के लोगों को जिम्मेदार ठहराया। पिछले साल हुई झड़पों के बाद से कुकी और मैतेई मणिपुर के अलग-अलग इलाकों में चले गए हैं, लेकिन जिरीबाम में अभी भी मिश्रित आबादी है, और यहां से अक्सर तनाव की खबरें सामने आती रहती हैं। घटना के कुछ दिनों बाद जिरीबाम जिले में एक पुलिस स्टेशन पर हमला करने की कोशिश करने के बाद सुरक्षा बलों के साथ गोलीबारी में 10 हथियारबंद कुकी मारे गए।

इन्हीं सबके बीच मैतेई समुदाय के 6 लोग गायब हो गए, जिनमें से 3 के शव नदी में तैरते हुए पाए गए। बाद में 3 और लोगों के शव भी बरामद हुए। इस घटना के गुस्साए लोगों ने सूबे की राजधानी इंफाल में विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस ने रविवार को बताया कि उन्होंने सांसदों और मंत्रियों के घरों में तोड़फोड़ और आगजनी करने के आरोप में 23 लोगों को गिरफ्तार किया है। मणिपुर में हिंसा बढ़ने के बीच CRPF की 8 कंपनियां राज्य की राजधानी इंफाल पहुंच गई हैं जिन्हें संवेदनशील एंव सीमांत क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा।
हिमाचल के इस शहर में गोलगप्पे का पानी और कॉफी के सैंपल फेल, प्रसिद्ध मंदिर का प्रसाद भी खाने लायक नहीं


डेस्क: हमीरपुर के मंदिर ट्रस्ट की दुकान पर बेचे जाने वाले रोट के नमूने फेल होने के बाद, हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में गोलगप्पे के पानी और कॉफी के नमूने भी गुणवत्ता की कसौटी पर खरे नहीं उतर पाए हैं और सरसों के तेल की गुणवत्ता भी नमूने की जांच में मानक के अनुसार नहीं मिली है। ऊना शहर में खाद्य दुकानों और रेहड़ी वालों से लिए गए कुल 17 नमूनों को हाल ही में सोलन जिले के कंडाघाट में स्थित प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा गया था। अधिकारियों ने बताया कि गोलगप्पे में रंग की मिलावट पाई गई। नियमों के अनुसार, पानी में रंग का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।

मंगलवार को हमीरपुर जिले के देवसिद्ध में बाबा बालक नाथ मंदिर में प्रसाद के रूप में बेचे जा रहे रोट के नमूने की गुणवत्ता खराब पाई गई। मंदिर प्रबंधन की ओर से बुधवार को कैंटिन बंद करा दी गई, साथ ही यह भी कहा गया कि जल्द ही बाहर से सामान मंगाया जाएगा। गौतम बाबा बालक नाथ मंदिर ट्रस्ट, दियोटसिद्ध के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा कि इस कैंटीन को बंद कर दिया गया है।

खाद्य सुरक्षा विभाग ने दो महीने पहले बाबा बालक नाथ मंदिर ट्रस्ट की दुकान पर प्रसाद के रूप में बेचे जा रहे रोट के नमूने जांच के लिए सोलन जिले के कंडाघाट स्थित ‘कंपोजिट टेस्टिंग लैबोरेटरी’ भेजे थे। ये नमूने खाने लायक नहीं पाए गए। एक निजी दुकान से लिए गए ‘रोट’ के नमूने भी परीक्षण में सही नहीं पाए गए। ‘रोट’ बनाने के लिए गेहूं के आटे, चीनी और देसी घी या वनस्पति तेल का इस्तेमाल किया जाता है। प्रसाद बेचने वाली मुख्य कैंटीन मंदिर ट्रस्ट द्वारा शुरू से ही संचालित की जा रही थी और उसका कारोबार अच्छा चल रहा था। हर साल लगभग 50-75 लाख श्रद्धालु बाबा बालक नाथ के प्राचीन गुफा मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचते हैं। वे बाबा बालक नाथ को ‘प्रसाद’ के रूप में ‘रोट’, मिठाइयां और अन्य चीजें चढ़ाते हैं।

इस बीच, कंडाघाट प्रयोगशाला से 17 में से तीन नमूनों की रिपोर्ट आ गई है। इनमें से दो की गुणवत्ता खराब पाई गई है और एक गलत ब्रांड का नाम लिखा था। बुधवार को खाद्य मानक एवं सुरक्षा शाखा के सहायक निदेशक जगदीश धीमान ने कहा, ‘‘इस संबंध में कार्रवाई की जा रही है।’’

खाद्य मानक एवं सुरक्षा शाखा द्वारा ऊना में लिए गए गोलगप्पे के पानी के नमूनों में भी मिलावट पाई गई है। अधिकारियों ने बताया कि सरसों के तेल के नमूने में भी मिलावट मिली है, जबकि कॉफी का नमूना फेल पाया। उन्होंने बताया कि इस मामले में कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को सख्त निर्देश जारी किए हैं कि बाजारों में केवल गुणवत्ता वाले उत्पाद ही बेचे जाएं और आदेशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानून के अनुसार मामला दर्ज किया जाए।
गौरव मेहता के ठिकानों पर ED की रेड, जानें क्या है बिटकॉइन का बवाल जिसने उड़ाई सुप्रिया सुले की नींद


डेस्क: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चुनावी राज्य महाराष्ट्र के बिटकॉइन मामले से जुड़े गौरव मेहता के छत्तीसगढ़ स्थित ठिकानों पर बुधवार को छापेमारी की। यह तलाशी मनी लॉन्ड्रिंग केस की जारी जांच के तहत की जा रही है। सूत्रों ने बताया कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में मेहता के ठिकानों पर PMLA के प्रावधानों के तहत छापेमारी की जा रही है। भाजपा ने एनसीपी (शरदचंद्र पवार) की नेता एवं बारामती से सांसद सुप्रिया सुले और कांग्रेस नेता नाना पटोले पर मौजूदा चुनावों में अवैध रूप से बिटकॉइन का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। इसके नेताओं ने एक रिकॉर्डिंग सुनाई जिसमें सुले की आवाज होने का आरोप लगाया गया है। सुले ने आरोपों से इनकार किया है।

महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए बुधवार को मतदान जारी है। सूत्रों ने बताया कि ईडी मेहता और कुछ अन्य लोगों की भूमिका की जांच कर रही है, जिन पर आरोप है कि उन्होंने भोले-भाले लोगों से बिटकॉइन के रूप में ‘‘भारी’’ धनराशि (जिसका मूल्य 2017 में 6,600 करोड़ रुपये था) एकत्र की और उनसे बिटकॉइन के रूप में 10 प्रतिशत मासिक ‘रिटर्न’ का झूठा वादा किया। यह मामला महाराष्ट्र और दिल्ली में दर्ज पुलिस FIR से संबंधित है।

दरअसल, इस स्कैम का मास्टरमाइंड अमित भारद्वाज नाम का शख्स था जिसने बिटकॉइन में इन्वेस्टमेंट के नाम पर स्कैम किया था। सैकड़ों इन्वेस्टर्स के साथ धोखाधड़ी की गई। बिटकॉइन में इन्वेस्ट कर हर महीने 10% रिटर्न्स का वादा किया गया था। इस स्कैम के बाद अमित भारद्वाज दुबई भाग गया था लेकिन उसे वापस भारत डिपोर्ट कर दिया गया था। उसकी साल 2022 में हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। इसी स्कैम में शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा को यूक्रेन में बिटकॉइन माइनिंग फॉर्म खोलने के नाम पर 285 बिटकॉइन अमित भारद्वाज ने दिए थे। इन बिटकॉइन की कीमत उस वक्त करीब 150 करोड़ रुपये थी।

इस मामले में करीब महाराष्ट्र और पंजाब में 40 एफआईआर दर्ज हुई थी। मामले की जांच के लिए पूर्व आईपीएस और साइबर एक्सपर्ट रविन्द्र नाथ को भी जांच टीम में लिया गया था। आरोप है कि उस वक्त के पुणे पुलिस कमिश्नर अमिताभ गुप्ता और एक आईपीएस भाग्यश्री ने बिटकॉइन के इन वॉलेट को हथिया लिया था और बदले में वो बिटकॉइन वॉलेट रख दिए गए जिनमें पैसे नहीं थे।

इस स्कैम में रविंद्रनाथ को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। रविंद्रनाथ के जेल जाने पर गौरव मेहता ने गवाही दी थी। गौरव मेहता इस मामले में महत्वपूर्ण किरदार हैं। इस मामले में ED ने शिम्पी भारद्वाज, नितिन गौड़ और निखिल महाजन को गिरफ्तार किया था। शिंपी भारद्वाज अमित भारद्वाज के भाई अजय भारद्वाज की पत्नी है। अमित भारद्वाज और उसके परिवार के खिलाफ ईडी कोर्ट में चार्जशीट भी दायर कर चुकी है।

पूर्व आईपीएस अधिकारी रवींद्रनाथ ने कहा, 'मेरी कंपनी ने मुझे 2018 में एक केस की जांच करने के लिए एक क्रिप्टोकरेंसी विशेषज्ञ के रूप में बुलाया था। मुझे 2022 में धोखाधड़ी के आरोपों के तहत उस केस में गिरफ्तार किया गया था। मैंने एक मुकदमे के बाद 14 महीने जेल में बिताए। उस दौरान मैं सोच रहा था कि क्या हुआ था? क्या मामला था?  मुझे क्यों फंसाया गया था? मेरे साथ अन्य सहकर्मी भी थे। हम सच्चाई का पता लगाने पर काम कर रहे थे।'

इसके साथ ही पूर्व आईपीएस ने कहा, 'हमारे खिलाफ एक गवाह, गौरव मेहता, जो सारथी एसोसिएट्स नामक एक ऑडिट फर्म का कर्मचारी हैं। परसों उसने मुझे 4-5 घंटे तक कई बार फोन किया, लेकिन मैंने कोई जवाब नहीं दिया। आखिरकार, जब मैंने जवाब दिया तो उसने मुझे बताया कि 2018 में जब अमित भारद्वाज को गिरफ्तार किया गया था। उसके पास एक क्रिप्टोकरेंसी हार्डवेयर वॉलेट था। उस वॉलेट को तत्कालीन कमिश्नर अमिताभ गुप्ता ने बदल दिया था और दूसरा वॉलेट रख लिया था। हमें गिरफ्तार कर लिया गया लेकिन असली अपराधी अमिताभ गुप्ता और उनकी टीम थी।'

पूर्व आईपीएस अधिकिरी ने कहा, 'उन्होंने (गौरव मेहता) दो आईपीएस अधिकारियों, अमिताभ गुप्ता और भाग्यश्री नौटके का नाम लिया। उन्होंने दो नेताओं का नाम लिया एक सुप्रिया सुले और नाना पटोले हैं । पाटिल ने आरोप लगाया कि इसके बाद उन्होंने मुझसे कहा कि इस विधानसभा चुनाव में बिटकॉइन का इस्तेमाल किया जा रहा है।'
पाकिस्तान ने बनाया प्लान, बलूचिस्तान में आतंकियों के खिलाफ शुरू होगा व्यापक सैन्य अभियान

डेस्क: पाकिस्तान में हाल के दिनों में आतंकी घटनाएं बढ़ी हैं। अब आतंकवाद पर नकेल कसने के लिए पाकिस्तान ने दक्षिण-पश्चिमी प्रांत बलूचिस्तान में आतंकवादियों के खिलाफ व्यापक अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है। एक बयान में कहा गया है कि सरकार के तहत काम करने वाली राष्ट्रीय कार्य योजना की संघीय शीर्ष समिति ने मंगलवार को एक व्यापक सैन्य अभियान को मंजूरी दी है।

सैन्य अभियान शुरू करने का फैसला प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया, जिसमें सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर सहित वरिष्ठ असैन्य और सैन्य अधिकारी शामिल हुए। इस अभियान का निशाना बलूचिस्तान में सक्रिय प्रमुख आतंकवादी संगठन होंगे जिनमें मजीद ब्रिगेड, बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए), बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट (बीएलएफ) और बलूचिस्तान राजी अंजु-आर-सेंगर (बीआरएएस) शामिल हैं, जो बाहरी शक्तियों के इशारे पर पाकिस्तान की आर्थिक प्रगति को बाधित करने के लिए बेकसूर नागरिकों और विदेशी नागरिकों को निशाना बनाते हैं।

पीएम शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई बैठक में सुरक्षा परिदृश्य, आतंकवाद, कानून व्यवस्था की सामान्य स्थिति, धार्मिक उग्रवाद को बढ़ावा देने के प्रयासों के खिलाफ कार्रवाई, अवैध संगठन और अपराध-आतंकवाद गठजोड़, विध्वंस एवं भ्रामक सूचना अभियान जैसे अन्य महत्वपूर्ण चुनौतियों से निपटने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी गई।

समिति ने इस बात पर बल दिया कि दलीय आधार पर राजनीतिक समर्थन और पूर्ण राष्ट्रीय सहमति ‘‘आज्म-ए-इस्तेहकाम’’ दृष्टिकोण के ढांचे के अंतर्गत राष्ट्रीय आतंकवाद-रोधी अभियान को पुनर्जीवित करने के लिए महत्वपूर्ण है। साथ ही राष्ट्रीय आतंकवाद-रोधी एजेंसी (एनएसीटीए) को पुनर्जीवित करने और पर भी सहमति जरूरी है।
मीरापुर उपचुनाव में गुस्साई भीड़ ने की पत्थरबाजी, पुलिस ने संभाला मोर्चा, बरसाई लाठी

डेस्क: देश में एक तरफ जहां महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो रहा है। वहीं दूसरी उत्तर प्रदेश की 9 सीटों पर विधानसभा के लिए उपचुनाव के लिए वोटिंग कराई जा रही है। फिलहाल यूपी के अधिकांश सीटों पर शांतिपूर्ण मतदान चल रहा है। लेकिन मुजफ्फरनगर जिले की मीरापुर सीट पर बवाल की तस्वीरें सामने आई हैं। मीरापुर के ककरौली इलाके में गुस्साई भीड़ ने पथराव किया। इसके बाद पुलिस ने भीड़ को खदेड़ा। पुलिस के मुताबिक यहां पर दो पक्षों के बीच झड़प हुई थी। दरअसल मीरापुर उपचुनाव-मतदान के दौरान हंगामा देखने को मिला। इस दौरान ककरौली में भीड़ ने पथराव किया। इसके बाद पुलिस को हालात को ठंडा करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा। इस दौरान मौके पर पुलिस अधिकारी भी मौके पर मौजूद थे। फिलहाल हालात सामान्य हैं।

मुजफ्फरनगर एसएसपी अभिषेक सिंह ने बताया, "मीरापुर विधानसभा उपचुनाव के दौरान थाना ककरौली क्षेत्र के अंतर्गत गांव ककरौली के पास दो पक्षों में छोटी सी झड़प हुई है। पुलिस ने तत्काल मौके पर पहुंचकर बल प्रयोग कर सभी को वहां से हटा दिया है। मौके पर शांति व्यवस्था कायम है और मतदान स्वतंत्र एवं निष्पक्ष तरीके से चल रहा है।" बता दें कि बटेंगे तो कटेंगे नारा जो महाराष्ट्र की विधानसभा चुनाव में गूज रहा है, उसकी शुरुआत उत्तर प्रदेश में हुई थी। इसका प्रयोग हरियाणा, झारखंड और फिर महाराष्ट्र में किया जा रहा है। दरअसल अखिलेश यादव के पीडीए फॉर्मूले के खिलाफ ये बयान दिया गया था। यूपी के 9 सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं। इस चुनाव में 90 प्रत्याशी मैदान में हैं। यहां भाजपा, एसपी और बीएसपी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है।

अगर इन 9 विधानसभा सीटों पर 2022 के चुनाव की बात करें तो 4 समाजवादी पार्टी के पास है, एनडीए के पास 5 सीटें हैं। इसमें से भाजपा के पास तीन और सहयोगी दलों के पास 2 सीटें हैं। टिकटों के बंटवारे में जहां अखिलेश ने मुस्लिम कार्ड खेला है। वहीं भाजपा ने ओबीसी पर दांव लगाया है। भाजपा ने सबसे ज्यादा 5 उम्मीदवार ओबीसी उतारे हैं। जबकि एक दलित और 3 अगड़ी जाति के हैं। मुस्लिम को भाजपा ने कोई टिकट नहीं दिया है। वहीं समाजवादी पार्टी ने सबसे ज्यादा 4 उम्मीदवार मुस्लिम उतारे हैं। इसके अलावा ओबीसी 2, दलित 2 उम्मीदवार हैं अगड़ी जाति को एक भी टिकट नहीं दिया गया है।
थाइलैंड में 80 घंटे से फंसे एयर इंडिया के यात्री, दिल्ली आने वाली फ्लाइट की फुकेत में इमरजेंसी लैंडिंग

डेस्क : थाइलैंड के फुकेट में एयर इंडिया के यात्री करीब 80 घंटे से फंसे हैं। फ्लाइट में तकनीकी खराबी आने के कारण उड़ान को रद्द कर दिया है। एयर इंडिया की फ्लाइट संख्या AI377 को फुकेट से दिल्ली आना था। 16 नवंबर की रात दिल्ली फ्लाइट आनी थी लेकिन अभी तक नहीं आ पाई है। सूत्रों के अनुसार, 35-40 यात्री हैं अभी फुकेट में हैं, उन्हें आज शाम की फ्लाइट से रवाना किया जाएगा।

जानकारी के अनुसार, तकनीकी खराबी के चलते विमान को 6 घंटे देरी से उड़ने की घोषणा की गई। फिर बोर्डिंग शुरू हुई तो एक घंटे बाद यात्रियों को उतार दिया गया और फ्लाइट को रद्द करने की जानकारी दी गई। एयर इंडिया से जुड़े सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, 16 नवंवर को फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन की वजह से विमान को उड़ाया नहीं गया था। 17 नवंबर को जब विमान को उड़ाया गया तो उसमें टेक्निकल इश्यू आ गया, जिसके कारण इमरजेंसी लैंडिंग हुई। विमान ठीक नहीं हो पाया जिसके कारण दिक्कत हुई।

सभी यात्री को स्टे का इंतज़ाम किया गया और सभी के किराये वापस किए जाएंगे। सूत्रों ने कहा की कई यात्रियों को भेज दिया गया है। 35-40 यात्री फुकेट में हैं। उन्हें आज शाम की फ्लाइट से रवाना किया जाएगा।

सोशल मीडिया पर यात्रियों द्वारा डाले गए कई पोस्ट के अनुसार, एयर इंडिया की नई दिल्ली जाने वाली उड़ान के 100 से अधिक यात्री तकनीकी खराबी के कारण कई देरी के बाद 80 घंटे से अधिक समय से थाईलैंड के फुकेत में फंसे हुए हैं।  यात्रियों के मुताबिक, फ्लाइट 16 नवंबर की रात को दिल्ली के लिए उड़ान भरने वाली थी, लेकिन एयरलाइन के प्रतिनिधियों ने यात्रियों को तकनीकी खराबी के कारण छह घंटे की देरी की सूचना दी। यात्रियों का आरोप है कि हवाईअड्डे पर घंटों इंतजार कराने के बाद उन्हें विमान में चढ़ने के लिए कहा गया, लेकिन एक घंटे बाद उन्हें विमान से उतार दिया गया। उड़ान रद्द कर दी गई।  यात्रियों में बुजुर्ग और बच्चे भी शामिल थे।

इसके बाद विमान को उड़ान के लिए तैयार किया गया। यात्रियों का कहना है कि उन्हें बताया गया कि यह वही विमान है, लेकिन खराबी ठीक कर दी गई थी। विमान ने उड़ान भरी और उड़ान भरने के करीब ढाई घंटे बाद वापस फुकेत में उतरा और यात्रियों को फिर बताया गया कि तकनीकी खराबी आ गई है। तब से यात्री फुकेत में फंसे हुए हैं।