/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1675606908606323.png StreetBuzz आखिर फिर से क्यों सुलगने लगा मणिपुर? म्यांमार से क्या है कनेक्शन? Jyoti Shukla
आखिर फिर से क्यों सुलगने लगा मणिपुर? म्यांमार से क्या है कनेक्शन?


डेस्क: मणिपुर एक बार फिर से सुलगने लगा है। पिछले हफ्ते सूबे में सैकड़ों लोगों ने कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए प्रदर्शन किया। सूबे में कुकी और मैतेई समुदाय फिर से आमने-सामने हैं और ताजा हिंसा के मामले में 23 लोगों की गिरफ्तारी भी की गई है। बता दें कि सूबे में पिछले साल शुरू हुई अशांति में सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है। सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि मणिपुर अचानक अशांत हो गया? कुकी और मैतेई समुदाय एक दूसरे को शक की नजरों से क्यों देखते हैं? आइए, समझने की कोशिश करते हैं।

20 अप्रैल 2023 को मणिपुर हाई कोर्ट के एक जज ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह 'मैतेई समुदाय के उस अनुरोध पर विचार करे जिसमें उसने खुद को अनुसूचित जनजाति की लिस्ट में शामिल होने की मांग की थी।' इसके बाद कुकियों में डर पसर गया कि ST दर्जा मिलने के बाद मैतैई लोगों को पहाड़ी इलाकों में जमीन खरीदने की इजाजत मिल जाएगी। इसके बाद इस मसले पर पहले तो विरोध प्रदर्शन हुआ और बाद में हिंसा होने लगी। बात बढ़ते-बढ़ते यहां तक बढ़ गई कि सूबे में अब तक हिंसा में सैकड़ों जानें जा चुकी हैं।

बता दें कि मणिपुर की आधी आबादी मैतेइयों की है और अगर उन्हें ST का दर्जा मिल जाता है तो उनके जीवन में बेहतरी आने की संभावना है। हालांकि कुकियों का मानना है कि इससे आरक्षण में उनका हिस्सा घट जाएगा।

मैतेई समुदाय पारंपरिक रूप से मणिपुर की घाटी में रहता है जो कि राज्य के क्षेत्रफल का 10% है। वहीं, नागा और कुकी समुदाय के लोग मुख्य रूप से पहाड़ी क्षेत्रों में रहते हैं। कुकियों का मानना है कि घाटी में रहने वाले मैतेइयों को बेहतर अवसर दिए गए हैं, और यही वजह है कि वे मैतेई समुदाय के लिए आरक्षण का विरोध करते हैं।

2021 में म्यांमार में हुए तख्तापलट के बाद सूबे में पड़ोसी देश से बड़ी संख्या में शरणार्थी आए थे। मणिपुर की म्यांमार के साथ लगभग 400 किलोमीटर लंबी सीमा है। मणिपुर का कुकी समुदाय म्यांमार की चिन जनजाति के साथ जातीय वंश साझा करते हैं और मैतेइयों को डर था कि शरणार्थियों के आने से राज्य में उनकी संख्या कम हो जाएगी। बताया जाता है कि मणिपुर के पहाड़ी इलाकों में म्यांमार से आए शरणार्थी बड़ी संख्या में मौजूद हैं। ऐसे में कुकी और मैतेई समुदायों के बीच अविश्वास कम होने की बजाय बढ़ता ही जा रहा है।

मैतेई और कुकी दोनों ही समुदाय हथियारों से लैस हैं। दोनों ही समुदायों के पास ऑटोमैटिक हथियार भी हैं जिन्हें या तो राज्य पुलिस से चुराया गया है या म्यांमार से मंगाया गया है। कुकी समुदाय के लोग मुख्यमंत्री बीरेन सिंह पर भी उनके खिलाफ हिंसा में शामिल होने का आरोप लगाते रहते हैं और उन्हें हटाने की मांग करते रहते हैं। बीजेपी नेता बीरेन सिंह, जो कि मैतेई समुदाय से ताल्लुक रखते हैं, कुकियों के इन आरोपों को खारिज करते हैं। बीरेन सिंह ने कई बार हिंसा के लिए ड्रग माफिया और अवैध प्रवासियों, खासकर म्यांमार के शरणार्थियों को दोषी ठहराया है।

इस महीने हिंसा की ताजा घटनाएं तब शुरू हुईं जब 31 साल की कुकी महिला को जिरीबाम जिले के एक गांव में जलाकर मार डाला गया। यह इलाका जून तक संघर्ष से अछूता था। कुकियों ने इस कृत्य के लिए मैतेई समुदाय के लोगों को जिम्मेदार ठहराया। पिछले साल हुई झड़पों के बाद से कुकी और मैतेई मणिपुर के अलग-अलग इलाकों में चले गए हैं, लेकिन जिरीबाम में अभी भी मिश्रित आबादी है, और यहां से अक्सर तनाव की खबरें सामने आती रहती हैं। घटना के कुछ दिनों बाद जिरीबाम जिले में एक पुलिस स्टेशन पर हमला करने की कोशिश करने के बाद सुरक्षा बलों के साथ गोलीबारी में 10 हथियारबंद कुकी मारे गए।

इन्हीं सबके बीच मैतेई समुदाय के 6 लोग गायब हो गए, जिनमें से 3 के शव नदी में तैरते हुए पाए गए। बाद में 3 और लोगों के शव भी बरामद हुए। इस घटना के गुस्साए लोगों ने सूबे की राजधानी इंफाल में विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस ने रविवार को बताया कि उन्होंने सांसदों और मंत्रियों के घरों में तोड़फोड़ और आगजनी करने के आरोप में 23 लोगों को गिरफ्तार किया है। मणिपुर में हिंसा बढ़ने के बीच CRPF की 8 कंपनियां राज्य की राजधानी इंफाल पहुंच गई हैं जिन्हें संवेदनशील एंव सीमांत क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा।
हिमाचल के इस शहर में गोलगप्पे का पानी और कॉफी के सैंपल फेल, प्रसिद्ध मंदिर का प्रसाद भी खाने लायक नहीं


डेस्क: हमीरपुर के मंदिर ट्रस्ट की दुकान पर बेचे जाने वाले रोट के नमूने फेल होने के बाद, हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में गोलगप्पे के पानी और कॉफी के नमूने भी गुणवत्ता की कसौटी पर खरे नहीं उतर पाए हैं और सरसों के तेल की गुणवत्ता भी नमूने की जांच में मानक के अनुसार नहीं मिली है। ऊना शहर में खाद्य दुकानों और रेहड़ी वालों से लिए गए कुल 17 नमूनों को हाल ही में सोलन जिले के कंडाघाट में स्थित प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा गया था। अधिकारियों ने बताया कि गोलगप्पे में रंग की मिलावट पाई गई। नियमों के अनुसार, पानी में रंग का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।

मंगलवार को हमीरपुर जिले के देवसिद्ध में बाबा बालक नाथ मंदिर में प्रसाद के रूप में बेचे जा रहे रोट के नमूने की गुणवत्ता खराब पाई गई। मंदिर प्रबंधन की ओर से बुधवार को कैंटिन बंद करा दी गई, साथ ही यह भी कहा गया कि जल्द ही बाहर से सामान मंगाया जाएगा। गौतम बाबा बालक नाथ मंदिर ट्रस्ट, दियोटसिद्ध के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा कि इस कैंटीन को बंद कर दिया गया है।

खाद्य सुरक्षा विभाग ने दो महीने पहले बाबा बालक नाथ मंदिर ट्रस्ट की दुकान पर प्रसाद के रूप में बेचे जा रहे रोट के नमूने जांच के लिए सोलन जिले के कंडाघाट स्थित ‘कंपोजिट टेस्टिंग लैबोरेटरी’ भेजे थे। ये नमूने खाने लायक नहीं पाए गए। एक निजी दुकान से लिए गए ‘रोट’ के नमूने भी परीक्षण में सही नहीं पाए गए। ‘रोट’ बनाने के लिए गेहूं के आटे, चीनी और देसी घी या वनस्पति तेल का इस्तेमाल किया जाता है। प्रसाद बेचने वाली मुख्य कैंटीन मंदिर ट्रस्ट द्वारा शुरू से ही संचालित की जा रही थी और उसका कारोबार अच्छा चल रहा था। हर साल लगभग 50-75 लाख श्रद्धालु बाबा बालक नाथ के प्राचीन गुफा मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचते हैं। वे बाबा बालक नाथ को ‘प्रसाद’ के रूप में ‘रोट’, मिठाइयां और अन्य चीजें चढ़ाते हैं।

इस बीच, कंडाघाट प्रयोगशाला से 17 में से तीन नमूनों की रिपोर्ट आ गई है। इनमें से दो की गुणवत्ता खराब पाई गई है और एक गलत ब्रांड का नाम लिखा था। बुधवार को खाद्य मानक एवं सुरक्षा शाखा के सहायक निदेशक जगदीश धीमान ने कहा, ‘‘इस संबंध में कार्रवाई की जा रही है।’’

खाद्य मानक एवं सुरक्षा शाखा द्वारा ऊना में लिए गए गोलगप्पे के पानी के नमूनों में भी मिलावट पाई गई है। अधिकारियों ने बताया कि सरसों के तेल के नमूने में भी मिलावट मिली है, जबकि कॉफी का नमूना फेल पाया। उन्होंने बताया कि इस मामले में कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को सख्त निर्देश जारी किए हैं कि बाजारों में केवल गुणवत्ता वाले उत्पाद ही बेचे जाएं और आदेशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानून के अनुसार मामला दर्ज किया जाए।
गौरव मेहता के ठिकानों पर ED की रेड, जानें क्या है बिटकॉइन का बवाल जिसने उड़ाई सुप्रिया सुले की नींद


डेस्क: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चुनावी राज्य महाराष्ट्र के बिटकॉइन मामले से जुड़े गौरव मेहता के छत्तीसगढ़ स्थित ठिकानों पर बुधवार को छापेमारी की। यह तलाशी मनी लॉन्ड्रिंग केस की जारी जांच के तहत की जा रही है। सूत्रों ने बताया कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में मेहता के ठिकानों पर PMLA के प्रावधानों के तहत छापेमारी की जा रही है। भाजपा ने एनसीपी (शरदचंद्र पवार) की नेता एवं बारामती से सांसद सुप्रिया सुले और कांग्रेस नेता नाना पटोले पर मौजूदा चुनावों में अवैध रूप से बिटकॉइन का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। इसके नेताओं ने एक रिकॉर्डिंग सुनाई जिसमें सुले की आवाज होने का आरोप लगाया गया है। सुले ने आरोपों से इनकार किया है।

महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए बुधवार को मतदान जारी है। सूत्रों ने बताया कि ईडी मेहता और कुछ अन्य लोगों की भूमिका की जांच कर रही है, जिन पर आरोप है कि उन्होंने भोले-भाले लोगों से बिटकॉइन के रूप में ‘‘भारी’’ धनराशि (जिसका मूल्य 2017 में 6,600 करोड़ रुपये था) एकत्र की और उनसे बिटकॉइन के रूप में 10 प्रतिशत मासिक ‘रिटर्न’ का झूठा वादा किया। यह मामला महाराष्ट्र और दिल्ली में दर्ज पुलिस FIR से संबंधित है।

दरअसल, इस स्कैम का मास्टरमाइंड अमित भारद्वाज नाम का शख्स था जिसने बिटकॉइन में इन्वेस्टमेंट के नाम पर स्कैम किया था। सैकड़ों इन्वेस्टर्स के साथ धोखाधड़ी की गई। बिटकॉइन में इन्वेस्ट कर हर महीने 10% रिटर्न्स का वादा किया गया था। इस स्कैम के बाद अमित भारद्वाज दुबई भाग गया था लेकिन उसे वापस भारत डिपोर्ट कर दिया गया था। उसकी साल 2022 में हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। इसी स्कैम में शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा को यूक्रेन में बिटकॉइन माइनिंग फॉर्म खोलने के नाम पर 285 बिटकॉइन अमित भारद्वाज ने दिए थे। इन बिटकॉइन की कीमत उस वक्त करीब 150 करोड़ रुपये थी।

इस मामले में करीब महाराष्ट्र और पंजाब में 40 एफआईआर दर्ज हुई थी। मामले की जांच के लिए पूर्व आईपीएस और साइबर एक्सपर्ट रविन्द्र नाथ को भी जांच टीम में लिया गया था। आरोप है कि उस वक्त के पुणे पुलिस कमिश्नर अमिताभ गुप्ता और एक आईपीएस भाग्यश्री ने बिटकॉइन के इन वॉलेट को हथिया लिया था और बदले में वो बिटकॉइन वॉलेट रख दिए गए जिनमें पैसे नहीं थे।

इस स्कैम में रविंद्रनाथ को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। रविंद्रनाथ के जेल जाने पर गौरव मेहता ने गवाही दी थी। गौरव मेहता इस मामले में महत्वपूर्ण किरदार हैं। इस मामले में ED ने शिम्पी भारद्वाज, नितिन गौड़ और निखिल महाजन को गिरफ्तार किया था। शिंपी भारद्वाज अमित भारद्वाज के भाई अजय भारद्वाज की पत्नी है। अमित भारद्वाज और उसके परिवार के खिलाफ ईडी कोर्ट में चार्जशीट भी दायर कर चुकी है।

पूर्व आईपीएस अधिकारी रवींद्रनाथ ने कहा, 'मेरी कंपनी ने मुझे 2018 में एक केस की जांच करने के लिए एक क्रिप्टोकरेंसी विशेषज्ञ के रूप में बुलाया था। मुझे 2022 में धोखाधड़ी के आरोपों के तहत उस केस में गिरफ्तार किया गया था। मैंने एक मुकदमे के बाद 14 महीने जेल में बिताए। उस दौरान मैं सोच रहा था कि क्या हुआ था? क्या मामला था?  मुझे क्यों फंसाया गया था? मेरे साथ अन्य सहकर्मी भी थे। हम सच्चाई का पता लगाने पर काम कर रहे थे।'

इसके साथ ही पूर्व आईपीएस ने कहा, 'हमारे खिलाफ एक गवाह, गौरव मेहता, जो सारथी एसोसिएट्स नामक एक ऑडिट फर्म का कर्मचारी हैं। परसों उसने मुझे 4-5 घंटे तक कई बार फोन किया, लेकिन मैंने कोई जवाब नहीं दिया। आखिरकार, जब मैंने जवाब दिया तो उसने मुझे बताया कि 2018 में जब अमित भारद्वाज को गिरफ्तार किया गया था। उसके पास एक क्रिप्टोकरेंसी हार्डवेयर वॉलेट था। उस वॉलेट को तत्कालीन कमिश्नर अमिताभ गुप्ता ने बदल दिया था और दूसरा वॉलेट रख लिया था। हमें गिरफ्तार कर लिया गया लेकिन असली अपराधी अमिताभ गुप्ता और उनकी टीम थी।'

पूर्व आईपीएस अधिकिरी ने कहा, 'उन्होंने (गौरव मेहता) दो आईपीएस अधिकारियों, अमिताभ गुप्ता और भाग्यश्री नौटके का नाम लिया। उन्होंने दो नेताओं का नाम लिया एक सुप्रिया सुले और नाना पटोले हैं । पाटिल ने आरोप लगाया कि इसके बाद उन्होंने मुझसे कहा कि इस विधानसभा चुनाव में बिटकॉइन का इस्तेमाल किया जा रहा है।'
पाकिस्तान ने बनाया प्लान, बलूचिस्तान में आतंकियों के खिलाफ शुरू होगा व्यापक सैन्य अभियान

डेस्क: पाकिस्तान में हाल के दिनों में आतंकी घटनाएं बढ़ी हैं। अब आतंकवाद पर नकेल कसने के लिए पाकिस्तान ने दक्षिण-पश्चिमी प्रांत बलूचिस्तान में आतंकवादियों के खिलाफ व्यापक अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है। एक बयान में कहा गया है कि सरकार के तहत काम करने वाली राष्ट्रीय कार्य योजना की संघीय शीर्ष समिति ने मंगलवार को एक व्यापक सैन्य अभियान को मंजूरी दी है।

सैन्य अभियान शुरू करने का फैसला प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया, जिसमें सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर सहित वरिष्ठ असैन्य और सैन्य अधिकारी शामिल हुए। इस अभियान का निशाना बलूचिस्तान में सक्रिय प्रमुख आतंकवादी संगठन होंगे जिनमें मजीद ब्रिगेड, बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए), बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट (बीएलएफ) और बलूचिस्तान राजी अंजु-आर-सेंगर (बीआरएएस) शामिल हैं, जो बाहरी शक्तियों के इशारे पर पाकिस्तान की आर्थिक प्रगति को बाधित करने के लिए बेकसूर नागरिकों और विदेशी नागरिकों को निशाना बनाते हैं।

पीएम शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई बैठक में सुरक्षा परिदृश्य, आतंकवाद, कानून व्यवस्था की सामान्य स्थिति, धार्मिक उग्रवाद को बढ़ावा देने के प्रयासों के खिलाफ कार्रवाई, अवैध संगठन और अपराध-आतंकवाद गठजोड़, विध्वंस एवं भ्रामक सूचना अभियान जैसे अन्य महत्वपूर्ण चुनौतियों से निपटने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी गई।

समिति ने इस बात पर बल दिया कि दलीय आधार पर राजनीतिक समर्थन और पूर्ण राष्ट्रीय सहमति ‘‘आज्म-ए-इस्तेहकाम’’ दृष्टिकोण के ढांचे के अंतर्गत राष्ट्रीय आतंकवाद-रोधी अभियान को पुनर्जीवित करने के लिए महत्वपूर्ण है। साथ ही राष्ट्रीय आतंकवाद-रोधी एजेंसी (एनएसीटीए) को पुनर्जीवित करने और पर भी सहमति जरूरी है।
मीरापुर उपचुनाव में गुस्साई भीड़ ने की पत्थरबाजी, पुलिस ने संभाला मोर्चा, बरसाई लाठी

डेस्क: देश में एक तरफ जहां महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो रहा है। वहीं दूसरी उत्तर प्रदेश की 9 सीटों पर विधानसभा के लिए उपचुनाव के लिए वोटिंग कराई जा रही है। फिलहाल यूपी के अधिकांश सीटों पर शांतिपूर्ण मतदान चल रहा है। लेकिन मुजफ्फरनगर जिले की मीरापुर सीट पर बवाल की तस्वीरें सामने आई हैं। मीरापुर के ककरौली इलाके में गुस्साई भीड़ ने पथराव किया। इसके बाद पुलिस ने भीड़ को खदेड़ा। पुलिस के मुताबिक यहां पर दो पक्षों के बीच झड़प हुई थी। दरअसल मीरापुर उपचुनाव-मतदान के दौरान हंगामा देखने को मिला। इस दौरान ककरौली में भीड़ ने पथराव किया। इसके बाद पुलिस को हालात को ठंडा करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा। इस दौरान मौके पर पुलिस अधिकारी भी मौके पर मौजूद थे। फिलहाल हालात सामान्य हैं।

मुजफ्फरनगर एसएसपी अभिषेक सिंह ने बताया, "मीरापुर विधानसभा उपचुनाव के दौरान थाना ककरौली क्षेत्र के अंतर्गत गांव ककरौली के पास दो पक्षों में छोटी सी झड़प हुई है। पुलिस ने तत्काल मौके पर पहुंचकर बल प्रयोग कर सभी को वहां से हटा दिया है। मौके पर शांति व्यवस्था कायम है और मतदान स्वतंत्र एवं निष्पक्ष तरीके से चल रहा है।" बता दें कि बटेंगे तो कटेंगे नारा जो महाराष्ट्र की विधानसभा चुनाव में गूज रहा है, उसकी शुरुआत उत्तर प्रदेश में हुई थी। इसका प्रयोग हरियाणा, झारखंड और फिर महाराष्ट्र में किया जा रहा है। दरअसल अखिलेश यादव के पीडीए फॉर्मूले के खिलाफ ये बयान दिया गया था। यूपी के 9 सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं। इस चुनाव में 90 प्रत्याशी मैदान में हैं। यहां भाजपा, एसपी और बीएसपी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है।

अगर इन 9 विधानसभा सीटों पर 2022 के चुनाव की बात करें तो 4 समाजवादी पार्टी के पास है, एनडीए के पास 5 सीटें हैं। इसमें से भाजपा के पास तीन और सहयोगी दलों के पास 2 सीटें हैं। टिकटों के बंटवारे में जहां अखिलेश ने मुस्लिम कार्ड खेला है। वहीं भाजपा ने ओबीसी पर दांव लगाया है। भाजपा ने सबसे ज्यादा 5 उम्मीदवार ओबीसी उतारे हैं। जबकि एक दलित और 3 अगड़ी जाति के हैं। मुस्लिम को भाजपा ने कोई टिकट नहीं दिया है। वहीं समाजवादी पार्टी ने सबसे ज्यादा 4 उम्मीदवार मुस्लिम उतारे हैं। इसके अलावा ओबीसी 2, दलित 2 उम्मीदवार हैं अगड़ी जाति को एक भी टिकट नहीं दिया गया है।
थाइलैंड में 80 घंटे से फंसे एयर इंडिया के यात्री, दिल्ली आने वाली फ्लाइट की फुकेत में इमरजेंसी लैंडिंग

डेस्क : थाइलैंड के फुकेट में एयर इंडिया के यात्री करीब 80 घंटे से फंसे हैं। फ्लाइट में तकनीकी खराबी आने के कारण उड़ान को रद्द कर दिया है। एयर इंडिया की फ्लाइट संख्या AI377 को फुकेट से दिल्ली आना था। 16 नवंबर की रात दिल्ली फ्लाइट आनी थी लेकिन अभी तक नहीं आ पाई है। सूत्रों के अनुसार, 35-40 यात्री हैं अभी फुकेट में हैं, उन्हें आज शाम की फ्लाइट से रवाना किया जाएगा।

जानकारी के अनुसार, तकनीकी खराबी के चलते विमान को 6 घंटे देरी से उड़ने की घोषणा की गई। फिर बोर्डिंग शुरू हुई तो एक घंटे बाद यात्रियों को उतार दिया गया और फ्लाइट को रद्द करने की जानकारी दी गई। एयर इंडिया से जुड़े सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, 16 नवंवर को फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन की वजह से विमान को उड़ाया नहीं गया था। 17 नवंबर को जब विमान को उड़ाया गया तो उसमें टेक्निकल इश्यू आ गया, जिसके कारण इमरजेंसी लैंडिंग हुई। विमान ठीक नहीं हो पाया जिसके कारण दिक्कत हुई।

सभी यात्री को स्टे का इंतज़ाम किया गया और सभी के किराये वापस किए जाएंगे। सूत्रों ने कहा की कई यात्रियों को भेज दिया गया है। 35-40 यात्री फुकेट में हैं। उन्हें आज शाम की फ्लाइट से रवाना किया जाएगा।

सोशल मीडिया पर यात्रियों द्वारा डाले गए कई पोस्ट के अनुसार, एयर इंडिया की नई दिल्ली जाने वाली उड़ान के 100 से अधिक यात्री तकनीकी खराबी के कारण कई देरी के बाद 80 घंटे से अधिक समय से थाईलैंड के फुकेत में फंसे हुए हैं।  यात्रियों के मुताबिक, फ्लाइट 16 नवंबर की रात को दिल्ली के लिए उड़ान भरने वाली थी, लेकिन एयरलाइन के प्रतिनिधियों ने यात्रियों को तकनीकी खराबी के कारण छह घंटे की देरी की सूचना दी। यात्रियों का आरोप है कि हवाईअड्डे पर घंटों इंतजार कराने के बाद उन्हें विमान में चढ़ने के लिए कहा गया, लेकिन एक घंटे बाद उन्हें विमान से उतार दिया गया। उड़ान रद्द कर दी गई।  यात्रियों में बुजुर्ग और बच्चे भी शामिल थे।

इसके बाद विमान को उड़ान के लिए तैयार किया गया। यात्रियों का कहना है कि उन्हें बताया गया कि यह वही विमान है, लेकिन खराबी ठीक कर दी गई थी। विमान ने उड़ान भरी और उड़ान भरने के करीब ढाई घंटे बाद वापस फुकेत में उतरा और यात्रियों को फिर बताया गया कि तकनीकी खराबी आ गई है। तब से यात्री फुकेत में फंसे हुए हैं।
अजमेर की लेडी डॉन ने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की फोटो लगाकर बनाई रील, इंस्टा पर लगाई ऐसी स्टोरी, पुलिस ने घर से दबोचा


डेस्क: गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की फोटो लगाकर इंस्टाग्राम पर रील बनाना युवती को भारी पड़ गया। इंस्टाग्राम स्टोरी पर कारतूस व हथियारों की फोटो पोस्ट करने वाली 19 साल की युवती शिवानी को हिरासत में लिया गया है। उसने सोशल मीडिया प्रोफाइल पर खुद को लेडी डॉन लिखा हुआ है।

अजमेर की सिविल लाइन थाना पुलिस ने उसके घर पर दबिश देकर पकड़ा और थाने लेकर आ गई। युवती ने 16 घंटे पहले इंस्टाग्राम पर पोस्ट शेयर की थी। युवती ने स्टोरी में हथियारों और कारतूस से 'S' लिखी फोटो को पोस्ट कर रखी है।

अपने एक अन्य सोशल मीडिया प्रोफाइल पर खुद को लेडी डॉन लिखा हुआ है। इसके अलावा गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की कवर फोटो लगाकर रील बनाकर अपलोड किया है।

इस मामले में अधिक जानकारी देते हुए एडिशनल एसपी हिमांशु जांगिड़ ने बताया कि सिविल लाइन थाना पुलिस को कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस टीम मंगलवार सुबह युवती शिवानी के घर पहुंची। उसे डिटेन कर थाने लेकर आई।

10 महीने पहले भी क्रिश्चियनगंज थाना पुलिस ने युवती को गिरफ्तार किया था। युवती ने फेमस होने के लिए पिस्टल के साथ अजमेर की आनासागर चौपाटी पर रील बनाकर इंस्टाग्राम पर पोस्ट की थी। वीडियो पर गैंगस्टर लिखा था। इससे पहले भी अजमेर पुलिस ने दो युवकों को लॉरेंस विश्नोई को फॉलो करने के आरोप में हिरासत में लिया था।
महाराष्ट्र में ‘कैश फॉर वोट’ या कहानी कुछ और? विनोद तावड़े ने पैसे बांटने का आरोप किया खारिज

डेस्क : महाराष्ट्र में वोटिंग से ठीक एक दिन पहले भारतीय जनता पार्टी के महासचिव विनोद तावड़े पर वोटर्स को कैश बांटने का आरोप लगा है। तावड़े पर यह आरोप बहुजन विकास अघाड़ी ने लगाया है। BVA का आरोप है कि बीजेपी नेता तावड़े ने ठाणे में वोटर्स को पैसे बांटे हैं। वहीं, बीजेपी नेता ने इन आरोपों को खारिज किया है। बहुजन विकास अघाड़ी के कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की और तावड़े पर 5 करोड़ रुपये कैश बांटने का आरोप लगाया। हंगामे के बीच पुलिस अधिकारी भी होटल पहुंच गए और मामले को संभालने की कोशिश की।

बहुजन विकास अघाड़ी के नेताओं ने तावड़े की गाड़ी की जांच करने की मांग की है। MVA नेता और विधायक क्षितिज ठाकुर ने दावा किया कि तावड़े की डायरी से लेन-देन की पुष्टि होती है। तावड़े के पिता हितेंद्र ठाकुर ने दावा किया कि बीजेपी नेता ने उन्हें कई बार फोन किया और माफी मांगी है। वहीं, बीजेपी नेता तावड़े ने सभी आरोपों को एक सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, 'मैं पैसे नहीं बांट रहा था। मैं आचार संहिता का नियम समझाने गया था। चुनाव आयोग चाहे तो जांच करवा ले। पुलिस चाहे तो सीसीटीवी फुटेज की जांच करवा ले।'

शिवसेना यूबीटी के चीफ उद्धव ठाकरे ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि मैं जब मां तुलजाभवानी के दर्शन के लिए आ रहा था तब चुनाव आयोग के अधिकारियों ने मेरा बैग चेक किया। ठाकरे ने कहा, 'हालांकि उन्हें कुछ नहीं मिला। अब पता चला है कि विनोद तावड़े के बैग से पैसे मिले हैं। कल भी अनिल देशमुख पर जो हमला हुआ, पत्थर कहां से आए इसकी जांच करनी चाहिए थी। मैं मां तुलजाभवानी से प्रार्थना करता हूं कि इस भ्रष्ट और दहशत फैलाने वाली सरकार को राज्य से उखाड़ फेंका जाए।' इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए संजय राउत ने कहा कि जो काम चुनाव आयोग को करना चाहिए वह ठाकुर कर रहे हैं।
एक साथ आए एलन मस्क और इसरो, SpaceX ने अंतरिक्ष में पहुंचाया भारत का सैटेलाइट

डेस्क: दुनिया में दो अंतरिक्ष एजेंसियां बीते कुछ समय से चर्चा के केंद्र में हैं। पहली अमेरिकी उद्योगपति एलन मस्क की स्पेस-एक्स और दूसरी भारत की इसरो। दोनों एजेंसियों ने ही बीते कुछ समय से सफलता के नए आयाम गढ़े हैं। वहीं, अब इसरो और स्पेस-एक्स एक मिशन के लिए साथ आए हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने सबसे एडवांस संचार सैटेलाइट को स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट की मदद से सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में लॉन्च किया है। आइए जानते हैं इस लॉन्च के बारे में खास बातें।

स्पेसएक्स ने भारत के जिस सैटेलाइट को लॉन्च किया है उसे GSAT N-2 या फिर GSAT 20 के नाम से भी जाना जाता है। इस कमर्शियल सैटेलाइट का वजन 4,700 किलोग्राम है और इसे दूरदराज के क्षेत्रों में ब्रॉडबैंड सेवाएं, साथ ही यात्री विमानों के लिए उड़ान के दौरान इंटरनेट प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है। इस सैटेलाइट को अमेरिका में फ्लोरिडा के केप कैनावेरल में स्थित लॉन्च कॉम्प्लेक्स से अंतरिक्ष में भेजा गया। केप कैनावेरल को स्पेसएक्स ने यूएस स्पेस फोर्स ले लीज पर लिया है।

SpaceX द्वारा किया गया लॉन्च न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) के माध्यम से इसरो और स्पेसएक्स के बीच पहला ऐसा कदम है। साथ ही ये इसरो की ओर से बनाया गया पहला ऐसा सैटेलाइट है जो कि एडवांस KA बैंड फ्रीक्वेंसी का इस्तेमाल करता है। इसकी रेडियो फ्रीक्वेंसी की रेंज 27 और 40 गीगाहर्ट्ज़ (गीगाहर्ट्ज) के बीच है जो कि हाई बैंडविड्थ देती है। GSAT-N2 भारत के विभिन्न क्षेत्रों में ब्रॉडबैंड सेवाओं की दक्षता और कवरेज को बढ़ाएगा।

रिपोर्ट्स की मानें तो वर्तमान में, इसरो के पास 4,700 किलोग्राम तक के पेलोड को लॉन्च करने में सक्षम रॉकेटों की कमी है। भारत के लॉन्चिंग यान एलवीएम-3 की क्षमता 4,000 किलोग्राम तक है। लेकिन इस लॉन्च की आवश्यकताएं इसरो की क्षमताओं से अधिक थीं। इसी कारण इस मिशन के लिए स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट को चुना गया है।
बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में एक और आरोपी गिरफ्तार, आकाशदीप गिल को पंजाब से पकड़ा, अब तक 24 आरोपी पकड़े गए



डेस्क: एनसीपी (अजित गुट) के नेता बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में मुंबई पुलिस को एक और सफलता मिली है। मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच और एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) ने पंजाब पुलिस के साथ मिलकर इस मामले के एक और आरोपी को पंजाब के फाजिल्का से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी की नाम आकाशदीप करजसिंह गिल है।

आरोपी को गिरफ्तार कर मुंबई पुलिस सरकारी अस्पताल ले गई जहां उसका मेडिकल कराया गया और फिर स्थानीय अदालत में पेश किया गया। अदालत में महाराष्ट्र पुलिस को आरोपी की ट्रांजिट रिमांड दे दी। बता दें कि बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में अब तक कुल 24 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। हर आरोपी से पूछताछ में कुछ न कुछ चौंकाने वाली जानकारी सामने आ रही है। बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में लॉरेंस बिश्नोई गैंग का नाम सामने आ रहा है।

इससे पहले बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में गिरफ्तार संदिग्ध मुख्य शूटर शिवकुमार गौतम एवं चार अन्य आरोपियों को मुंबई की एक अदालत ने 19 नवंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया। त्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) और मुंबई अपराध शाखा ने रविवार को शूटर शिवकुमार (20) तथा उसके चार साथियों को उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के नानपारा से गिरफ्तार किया था।

महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री सिद्दीकी (66) की 12 अक्टूबर को मुंबई के बांद्रा ईस्ट में विधायक और उनके बेटे जीशान सिद्दीकी के कार्यालय के बाहर तीन हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। सिद्दीकी के सीने पर दो गोलियां लगीं और उन्हें मुंबई के लीलावती अस्पताल ले जाया गया, जहां उपचार के दौरान उनकी मृत्यु हो गयी।

उप्र एसटीएफ के अनुसार गिरफ्तार आरोपी शिव कुमार ने पूछताछ के दौरान बताया कि बताया कि वह पुणे में एक कबाड़ की दुकान में काम करता था। शिवकुमार ने पुलिस को बताया कि उसकी और शुभम लोनकर की दुकान एक-दूसरे के बगल में थी। एसटीएफ के अनुसार, शिवकुमार ने उन्हें बताया कि शुभम लोनकर लॉरेंस बिश्नोई के लिए काम करता है और उसने (लोनकर ने) स्नैप चैट के जरिए कई बार उसकी (शिवकुमार की) लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई से बात कराई थी। एसटीएफ के मुताबिक, शिवकुमार ने बताया कि सिद्दीकी की हत्या के बाद उसे 10 लाख रुपये और साथ ही हर महीने कुछ न कुछ मिलने वाला था।