जलवायु परिवर्तन व चुनौतियों पर एक संगोष्ठी का आयोजन
संभल।एम.जी.एम. कॉलेज संभल के भूगोल विभाग के तत्वाधान में जलवायु परिवर्तन व चुनौतियों पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
सर्वप्रथम मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन प्राचार्य प्रोफ़ेसर डॉक्टर योगेंद्र सिंह हिंदी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर राजेश गंगवार जी एवं मुख्य वक्ता श्रीमान नवनीत तिवारी जी ने किया। उपरांत भूगोल विभाग के प्रभारी दुष्यन्त मिश्र ने जलवायु परिवर्तन एवं चुनौतियां पर प्रस्तावना रखी। इसके उपरांत कार्यक्रम के मुख्य वक्ता नई दिल्ली से रिसर्च स्कॉलर श्री नवनीत तिवारी जी ने जलवायु परिवर्तन के प्राकृतिक व मानवीय कारकों पर विस्तार से प्रकाश डाला।
प्राकृतिक कारकों में प्रमुख रूप से सूर्य द्वारा उत्सर्जित विद्युत चुम्बकीय विकिरण, सौर कलंक चक्र, खगोलीय सिद्धांत, वायुमंडलीय धूल परिकल्पना, कार्बन डाइऑक्साइड परिकल्पना, महाद्वीपीय प्रवाह एवं ध्रुव का पलायन, ब्रह्मणीय पिंडों का पृथ्वी से टकराव आदि सिद्धांत को विस्तार से बताया साथ ही मानवीय कारकों में ग्रीनहाउस का लगातार उत्सर्जन वनस्पति का विनाश, जनसंख्या वृद्धि, कृषि की गतिविधियां आदि मानवीय कारक भी जलवायु परिवर्तन के लिए उत्तरदाई है। मुख्य वक्ता ने जलवायु परिवर्तन के भविष्य में होने वाले विनाशकारी प्रभावों को भी इंगित किया।
जलवायु परिवर्तन के कारण दुनिया में प्रजातियों की संख्या में 1000 गुना वृद्धि हो रही है। जो मानव इतिहास में किसी भी अन्य समय की तुलना में कहीं अधिक है। अगले कुछ दशकों में दस लाख प्रजातियों के विलुप्त होने का खतरा है। जंगल की आग, चरम मौसम और आक्रामक कीट और बीमारियाँ जलवायु परिवर्तन से संबंधित कई खतरों में से हैं। हिंदी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर राजेश गंगवार जी ने जलवायु परिवर्तन के प्रभाव एवं उपायों को विस्तार से बताया। बीए तृतीय सेमेस्टर के मोहम्मद शयन एवं मोहम्मद अनस ने विचार व्यक्त किये।
महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ० योगेंद्र सिंह ने बताया कि परिवर्तन प्रकृति का नियम है। प्रकृति में होने वाले परिवर्तन को हम रोक नहीं सकते किंतु जो मानवीय कारक जलवायु परिवर्तन के लिए उत्तरदाई हैं उनके प्रभावों को कम कर सकते हैं। हमें प्रकृति के साथ सामंजस्य पूर्ण व्यवहार करना है। जलवायु परिवर्तन के समाधान के लिए ऊर्जा संरक्षण नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों पर अधिक ध्यान की आवश्यकता वनों के क्षेत्रफल में वृद्धि जल संरक्षण कृषि तकनीक में सुधार स्वच्छ ईंधन आधारित परिवहन तंत्र का विकास करना होगा। साथ ही हमें अपनी जीवन शैली प्रकृति के अनुकूल बनानी होगी।
कार्यक्रम का संचालन वाणिज्य विभाग के प्रभारी डॉ संजय दुबे जी ने किया। इस अवसर पर अंग्रेजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ प्रकाश नारायण समाजशास्त्र विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर अमृतेश अवस्थी अर्थशास्त्र विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ शशिकांत गोयल राजनीति शास्त्र विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर निलेश कुमार अंग्रेजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर भानु भास्कर उपस्थित रहे।
Nov 06 2024, 19:05