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बांग्लादेश में सॉफ्ट टारगेट क्यों बने हिंदू? अल्पसंख्यकों पर 3 महीने में 2000 से ज्यादा हमले*
#hindus_in_bangladesh बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले और उनके खिलाफ हिंसा की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। बांग्लादेश में शेख हसीने के तख्तापलट के बाद एक बार फिर हिंदू सॉफ्ट टारगेट बने हैं।उन्हें हिंसा और धमकियों का सामना करना पड़ रहा है। बांग्लादेश के अल्पसंख्यक समूह बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई यूनिटी काउंसिल ने हिंदुओं पर हो रहे अटैक को लेकर कहा कि 4 अगस्त के बाद से हिंदुओं पर 2,000 से ज्यादा हमले हुए हैं। *हसीने के बाद कट्टरपंथी इस्लामवादी तेजी से प्रभावशाली हो रहे* शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद कट्टरपंथी इस्लामवादी तेजी से प्रभावशाली हो रहे हैं। यही वजह है कि शेख हसीना को सत्ता से बेदखल करने के बाद से ही हिंदुओं और अल्पसंख्यकों पर अत्याचार जारी है। शेख हसीना के पार्टी के नेताओं की हत्या तो की ही गई, हिंदुओं को भी निशाना बनाया गया। हिंदू महिलाओं और बेटियों का अपहरण और दरिंदगी की खबरें आईं। जो हिंदू अत्याचार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं उन पर देशद्रोह का आरोप लगाया जा रहा है। मोहम्मद यूनुस की सरकार जहां एक तरफ हिंदु समुदाय के खिलाफ हमलों को रोकने में नाकाम साबित हुई है, तो दूसरी तरफ हिंदू नेताओं पर ही मुकदमा कायम करना शुरू कर दिया है। *अत्याचार के खिलाफ मुखर लोगों पर देशद्रोह के आरोप* बांग्लादेश की युनूस सरकार ने अब तक 19 हिंदू नेताओं पर मुकदमे दर्ज किए गए हैं और इनमें से 2 को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। जिन नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है उनमें हिंदू धार्मिक नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी भी शामिल हैं। वह बांग्लादेश में अस्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ मुखर हैं। इन सभी पर 25 अक्टूबर को चटगांव में एक प्रदर्शन के दौरान बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर भगवा झंडा फहराने का आरोप लगा है। बांग्लादेश सनातन जागरण मंच के नेता चिन्मय कृष्ण दास 5 अगस्त को शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद से हिंदुओं पर हमलों के खिलाफ होने वाले प्रदर्शनों में सबसे आगे रहे हैं। *अवामी लीग के सत्ता से हटते ही निशाने पर हिंदू* बांग्लादेश में प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि पूर्व की शेख हसीना के सत्ता से बाहर होने के बाद से उन्हें हिंसा और धमकियों का सामना करना पड़ रहा है। बांग्लादेश में राजनीति और सत्ता में परिवर्तन के साथ ही अल्पसंख्यकों ख़ासकर हिंदुओं की सुरक्षा का मामला बेहद संवेदनशील हो उठता है। बीते चार दशकों के राजनीतिक इतिहास को देखें, तो पता चलता है कि चुनाव में अवामी लीग के पराजित होने या सत्ता से हटने के बाद हिंदुओं पर हमले के आरोप सामने आते रहे हैं। साल 1992 में भारत में बाबरी मस्जिद गिराए जाने के बाद बांग्लादेश में पहली बार हिंदुओं पर बड़े पैमाने पर हमले किए गए थे। उस समय ख़ालिदा ज़िया के नेतृत्व वाली बीएनपी सरकार सत्ता में थी। उसके बाद साल 2001 के चुनाव में अवामी लीग की हार के बाद दूसरी बार हिंदुओं पर बड़े पैमाने पर हमले हुए थे। उस चुनाव में बीएनपी की जीत के बाद देश के विभिन्न ज़िलों में हिंदू समुदाय के लोगों पर हमले किए गए थे। हालाँकि उस समय न्यायमूर्ति लतीफ़ुर रहमान के नेतृत्व में कार्यवाहक सरकार सत्ता में थी। चुनाव के नतीजे घोषित होने के दिन से लेकर बीएनपी सरकार के शपथ ग्रहण के दौरान विभिन्न जगहों पर हिंदुओं पर हमले किए गए थे। बीएनपी के सत्ता संभालने के बाद भी ऐसी घटनाएँ जारी रही थीं। उन हमलों के मामले में तब बीएनपी की राजनीति से जुड़े कई लोगों के खिलाफ आरोप लगे थे। *मुस्लिम-बहुल बांग्लादेश में हिंदू आसान लक्ष्य* बांग्लादेश में सांप्रदायिक भावनाएं हमेशा मौजूद रही हैं। ऐसे लोग हैं जो अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं पर हमला करने का मौका तलाशते हैं। सांप्रदायिकता बांग्लादेशी समाज का एक कठिन तथ्य है। मुस्लिम-बहुल बांग्लादेश में हिंदू ऐतिहासिक रूप से एक आसान लक्ष्य रहे हैं, लेकिन इस बार की हिंसा असाधारण पैमाने पर है और तथ्य यह है कि दोषियों को सजा दिलाना मुश्किल हो सकता है। कुछ लोग यह तर्क दे सकते हैं कि हालिया हिंसा में राजनीतिक को सांप्रदायिक से अलग करना मुश्किल है, क्योंकि निशाने पर हसीना की अवामी लीग के सदस्य और पुलिस कर्मी रहे हैं। हालाँकि, मंदिरों पर हमले, हिंदुओं के स्वामित्व वाली दुकानों की लक्षित लूटपाट और उनकी संपत्तियों पर अतिक्रमण से पता चलता है कि कुछ हिंसा विशेष रूप से धार्मिक आधार पर निर्देशित की गई थी।
राहुल गांधी ने अमेरिकी चुनाव 2024 में जीत के लिए डोनाल्ड ट्रंप को बधाई दी, कमला हैरिस को शुभकामनाएं दीं

कांग्रेस ने बुधवार को रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को बधाई दी, जिन्होंने 2024 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जीता है।

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट किया, "आपकी जीत पर बधाई, अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में आपके दूसरे कार्यकाल में सफलता की कामना करता हूं। को उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं।"

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक्स पर पोस्ट किया, "भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से, हम राष्ट्रपति को उनकी चुनावी जीत के लिए बधाई और शुभकामनाएं देते हैं। भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका एक मजबूत व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी साझा करते हैं, जो लंबे समय से साझा लोकतांत्रिक मूल्यों, संरेखित हितों और व्यापक लोगों से लोगों के संबंधों पर आधारित है।"

कांग्रेस प्रमुख ने कहा, "हम वैश्विक शांति और समृद्धि के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ मिलकर काम करने के लिए तत्पर हैं।" इससे पहले, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि अमेरिकी चुनावों में ट्रंप की जीत भारत के लिए "बहुत आश्चर्य की बात नहीं होगी"। "ऐसा लगता है कि वह (डोनाल्ड ट्रंप) वापस आ रहे हैं। मुझे लगता है कि आधिकारिक घोषणा आसन्न है, सच्चाई यह है कि हमें राष्ट्रपति के रूप में श्री ट्रंप का चार साल का अनुभव पहले ही हो चुका है, इसलिए बहुत अधिक आश्चर्य नहीं होना चाहिए। हम जानते हैं कि वह बहुत ही लेन-देन करने वाले नेता हैं," पूर्व केंद्रीय मंत्री ने एएनआई को बताया। 

पीएम मोदी ने ट्रंप को बधाई दी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप को उनकी चुनावी जीत पर बधाई देते हुए कहा, "मेरे मित्र को आपकी ऐतिहासिक चुनावी जीत पर हार्दिक बधाई। जैसा कि आप अपने पिछले कार्यकाल की सफलताओं को आगे बढ़ाते हैं, मैं भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक और रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए हमारे सहयोग को नवीनीकृत करने की आशा करता हूं। साथ मिलकर, हम अपने लोगों की बेहतरी के लिए और वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए काम करते हैं।" डोनाल्ड ट्रंप ने डेमोक्रेटिक उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को हराकर व्हाइट हाउस की दौड़ जीती। विस्कॉन्सिन में जीत के साथ, ट्रम्प ने राष्ट्रपति पद हासिल करने के लिए आवश्यक 270 इलेक्टोरल वोट हासिल कर लिए।

ट्रम्प ने फ्लोरिडा में अपने समर्थकों की भीड़ से कहा, "हमने साथ मिलकर बहुत कुछ सहा है, और आज आप रिकॉर्ड संख्या में जीत दिलाने के लिए आए हैं।"

हैरिस के खिलाफ उनकी जीत, किसी प्रमुख पार्टी के टिकट पर नेतृत्व करने वाली पहली अश्वेत महिला हैं, यह दूसरी बार है जब उन्होंने आम चुनाव में किसी महिला प्रतिद्वंद्वी को हराया है।

ट्रंप की जीत के बाद एलन मस्क का ट्वीट, जानें ऐसा क्या लिखा जिसकी होने लगी चर्चा*
#elon_musk_tweet_viral_on_donald_trump_winning_election
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ी जीत हासिल की है। पूर्व राष्ट्रपति ने डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस को बड़े अंतर से मात दी। इसी बीच डोनाल्ड ट्रंप के समर्थक उनकी जीत से पहले ही जश्न मनाने लगे थे। इसी कड़ी में अरबपति एलन मस्क ने भी ट्रंप जीत को लेकर ट्वीट करने शुरू कर दिए थे।एलन मस्क ने डोनाल्ड ट्रंप की जीत से खुश होते हुए सोशल मीडिया पर कई सारे पोस्ट किए। मस्क के ट्वीट इस समय सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं। एलन मस्क ने अपने एक ट्वीट में लिखा कि अमेरिका बिल्डर्स का देश है और जल्द ही आप एक नए निर्माण के लिए पूरी तरह से फ्री होंगे। एलन मस्क ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया है। इसमें वे एक सिंक के साथ व्हाइट हाउस में दिखाई दे रहे हैं। पोस्ट को शेयर करते हुए उन्होंने, Let That Sink In लिखा है। यह एक मुहावरा है जिसका अर्थ है कि किसी स्टेटमेंट को समझना। एलन मस्क ने 2022 की अपनी फेमस सिंक वाली फोटो को एडिट करके शेयर किया है। 2022 में एलन मस्क ने ट्विटर को 44 बिलियन डॉलर में खरीदने के बाद एक्स हेडक्वार्टर में सिंक के साथ जाने का फैसला किया था, जिसे तब ट्विटर के नाम से जाना जाता था। अब उनकी इस फोटो को एडिट करके इसमें एक्स हेडक्वार्टर की जगह पर व्हाइट हाउस लगाया गया है। ये फोटो एक बार फिर से वायरल हो गई है। अपने मूल पोस्ट की तरह ही, मस्क ने इस एडिटड तस्वीर को उसी कैप्शन के साथ साझा किया, ‘लेट द सिंक इन’। वहीं, एक और पोस्ट में मस्क ने एक्स पर "गेम, सेट और मैच" लिखा, जिसका इस्तेमाल आमतौर पर टेनिस मैच में किसी खिलाड़ी की जीत को दर्शाने के लिए प्रयोग किया जाता है। इस संकेत से मस्क ने ट्रंप की जीत की ओर इशारा किया। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप ने जीत दर्ज करने के बाद बुधवार को अपना पहला धन्यवाद भाषण दिया। राष्ट्रपति चुनाव में जीत के बाद अपने संबोधन के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चुनाव अभियान का प्रमुख हिस्सा रहे एलन मस्क की जमकर तारीफ की है। ट्रंप ने एलन मस्क को रिपब्लिक पार्टी का 'नया सितारा' बताया। उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने स्पेसएक्स रॉकेट का वीडियो देखते हुए अरबपति को 40 मिनट तक होल्ड पर रखा। ट्रंप ने मस्क को एक शानदार व्यक्ति कहा।
दिल्ली में यमुना के घाट पर नहीं होगा छठ, दिल्ली हाई कोर्ट का इजाजत देने से इनकार

#chhath_puja_will_not_be_held_at_yamuna_ghat

देश की राजधानी की हवा ही नहीं पानी भी जहरीला होता जा रहा है।हर साल सर्दियां शुरू होते ही अक्टूबर-नवंबर का त्योहारी सीजन में एक तरफ प्रदूषण का लेबल हाई हो जाता है तो दूसरी तरफ यमुना का पानी झागदार हो जाता है। यमुना दिल्ली के लिए पानी के मुख्य स्रोतों में से एक है। लेकिन यह नदी इस कद प्रदूषित है कि इसका पानी नहाने या खेतों की सिंचाई के लिए भी उपयोग में नहीं लाया जा सकता। इस बीच छठ पर्व को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में बुधवार को बड़ा फैसला सुनाया। दिल्ली हाईकोर्ट ने यमुना नदी में छठ पूजा करने की इजाजत देने से इनकार कर दिया है।

अदालत में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई थी जिसमें यमुना नदी के तट पर उत्सव मनाने पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के फैसले को चुनौती दी गई थी। हाई कोर्ट ने यमुना नदी के घाट के किनारे छठ पूजा करने को लेकर दायर याचिका को खारिज कर दिया।अदालत ने कहा कि यमुना नदी के किनारे पूजा करने की जगह अन्य घाटों और निर्धारित स्थानों पर पूजा की जा सकती है। अदालत ने कहा कि यह प्रतिबंध संभवतः यमुना नदी में प्रदूषण के उच्च स्तर के कारण लगाया गया है और चेतावनी दी कि ऐसे जहरीले पानी में नहाने से लोग बीमार पड़ सकते हैं।

याचिकाकर्ता ने कहा कि मान्यताओं के अनुसार छठ पूजा नदी के बहते पानी में की जाती है, टब या किसी स्विमिंग पूल में पूजा नहीं कि जाती है। याचिकाकर्ता ने कहा कि हथनीकुंड बैराज से पानी जारी किया जाए, ताकि पानी साफ हो सके। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि हम एक दिन में यमुना साफ नहीं कर सकते हैं

 

दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि यमुना नदी बहुत प्रदूषित है। कोर्ट ने कहा कि यमुना नदी में बिना ट्रीटेड पानी और कचरा छोड़ा जा रहा है। आखिरी समय में हम कुछ नहीं कर सकते। इस पर याचिकाकर्ता ने कहा कि बस नदी के घाटों की सफाई करवा दीजिए। यह सफाई का त्योहार है। अगर आप इस साल सफाई का आदेश देते हैं तो कम से कम हम अगले साल पूजा तो कर सकेंगे।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 370 बहाल करने का प्रस्ताव पास, विधायकों का ने फाड़ी दस्तावेज की कॉपी*
#jammu_and_kashmir_assembly_proposal_to_restore_370
जम्मू-कश्मीर विधानसभा सत्र के तीसरे दिन अनुच्छेद 370 की बहाली का प्रस्ताव पास किया गया। नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के नेता और उपमुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी की ओर से प्रस्ताव पेश किया गया। प्रस्ताव को विपक्षी बीजेपी सदस्यों के कड़े विरोध के बावजूद सत्तारूढ़ दल का समर्थन मिला। *बीजेपी ने बताया राष्ट्र विरोधी एजेंडा* बीजेपी विधायकों ने इसका विरोध किया और प्रस्ताव की कॉपियां फाड़ दीं। बीजेपी विधायक वेल में जाकर नारेबाजी करते रहे। इसे राष्ट्रविरोधी एजेंडा बताते हुए ' 5 अगस्त जिंदाबाद' और 'जहां हुए बलिदान मुखर्जी, वह कश्मीर हमारा है' के नारे लगाए। बीजेपी नेताओं ने आरोप लगाया कि अब्दुल्ला परिवार और नेशनल कॉन्फ्रेंस लोगों को भावनात्मक तौर पर ब्लैकमेल करने के लिए यह प्रस्ताव पास किया है, जबकि अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला फाइनल है। *प्रस्ताव में क्या कहा गया?* इससे पहले सदन की कार्रवाई शुरू होते ही जम्मू-कश्मीर के डिप्टी CM सुरिंदर चौधरी ने विशेष दर्जे को बहाल करने के लिए प्रस्ताव पेश किया, जिसे केंद्र ने 5 अगस्त, 2019 को रद्द कर दिया था। प्रस्ताव में चौधरी ने केंद्र से जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल करने के लिए विधायकों से बातचीत करने को कहा है।इसमें कहा गया, ‘राज्य के स्पेशल स्टेटस और संवैधानिक गारंटियां महत्वपूर्ण हैं। यह जम्मू-कश्मीर की पहचान, कल्चर और लोगों के अधिकारों की सुरक्षा करता है। विधानसभा इसे एक तरफा हटाने पर चिंता व्यक्त करती है। भारत सरकार राज्य के स्पेशल स्टेटस को लेकर यहां के प्रतिनिधियों से बात करे। इसकी संवैधानिक बहाली पर काम किया जाए। विधानसभा इस बात पर जोर देती है कि यह बहाली नेशनल यूनिटी और जम्मू-कश्मीर के लोगों की इच्छाओं, दोनों को ध्यान में रख कर की जाए। बता दें कि 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेश में बांटने का फैसला किया था। इस प्रावधान में जम्मू-कश्मीर को विशेष स्वायत्तता का दर्जा दिया गया था, जिससे क्षेत्र को अपने संविधान और ध्वज सहित अपने आंतरिक मामलों पर महत्वपूर्ण नियंत्रण था, जबकि रक्षा, संचार और विदेशी मामलों को इससे बाहर रखा गया था। इस संवैधानिक परिवर्तन के साथ राज्य को दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेशों में बांटा गया था, जिसमें जम्मू-कश्मीर और लद्दाख बनाया गया। इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। 11 दिसंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने पांच जजों की पीठ ने केंद्र के फैसले को बरकरार रखा था। पिछले दिनों हुए विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अपने घोषणापत्र में पूर्ण राज्य का दर्जा लेने और अनुच्छेद 370 को बहाल करने का वादा किया था।
अमेरिका में चल गया “ट्रंप कार्ड”, राष्ट्रपति चुनाव में जीत पर पीएम मोदी ने दोस्त को दी बधाई*
#pm_modi_on_donald-_rump_won_us_president_election
अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप ने शानदार जीत हासिल की है।उन्होंने उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के खिलाफ शानदार जीत हासिल की है, जिससे उन्हें वॉइट हाउस में दूसरा कार्यकाल मिल गया है।इस जीत के साथ ही उन्होंने अमेरिकी राजनीति में इतिहास रच दिया है। डोनाल्ड ट्रंप 1892 के बाद से पहले राष्ट्रपति होंगे जो एक कार्यकाल के अंतराल के बाद दोबारा राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं। अमेरिकी इतिहास में वह केवल ऐसे दूसरे राष्ट्रपति होंगे। ट्रंप को इनकी शानदार जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बधाई दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर पोस्ट लिख कर ट्रंप को बधाई दी है। पीएम मोदी ने अपने पोस्ट में लिखा है, ‘मेरे मित्र डोनाल्ड ट्रंप को ऐतिहासिक चुनावी जीत पर हार्दिक बधाई।’ पीएम मोदी ने अपने पोस्ट में आगे लिखा, ‘जैसा कि आप अपने पिछले कार्यकाल की सफलताओं को आगे बढ़ा रहे हैं, मैं भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक और रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए हमारे सहयोग को नवीनीकृत करने की आशा करता हूं। आइए हम सब मिलकर अपने लोगों की बेहतरी के लिए काम करें और वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा दें।’ बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप और नरेंद्र मोदी के बीच मजबूत कूटनीतिक संबंध, रणनीतिक सहयोग और व्यक्तिगत सौहार्दपूर्ण संबंध रहे हैं। साल 2019 में ह्यूस्टन में “हाउडी मोदी!” और 2020 में अहमदाबाद में “नमस्ते ट्रंप” जैसे बड़े आयोजनों में उनकी दोस्ती का प्रदर्शन हुआ।
अमेरिका के गोल्डन एज की शुरुआत”, अमेरिका में चुनावी नतीजों के बीच बोले डोनाल्ड ट्रंप*
#us_presidential_results_donald_trump_address_after_performance
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में सिर्फ 7 राज्यों में काउंटिंग बची है। अब तक 43 राज्यों के नतीजे आ चुके हैं। इनमें 27 में रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रम्प और 15 में डेमोक्रेटिक पार्टी की कमला हैरिस को जीत मिली है। वहीं एक राज्य मेन में दोनों पार्टियों को एक-एक सीट मिली है। ट्रम्प बहुमत से अब सिर्फ 23 सीटें दूर हैं। उन्हें 538 सीटों में से 267 सीट मिली हैं, जबकि कमला को 214 सीट हासिल हुई हैं। दोनों के बीच सिर्फ सीटों का फर्क है। हालांकि, बचे हुए 7 राज्यों में से 6 में ट्रम्प बढ़त बनाए हुए हैं। ऐसे में कमला कड़ी टक्कर देने के बावजूद चुनाव हारने की कगार पर हैं। *अमेरिका की जनता को कहा शुक्रिया* अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों के बीच डोनाल्ड ट्रंप ने अपने समर्थकों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने अमेरिका की जनता का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि यह जीत अविश्वसनीय और ऐतिहासिक है। हमने आज इतिहास रच दिया है। हमने सबसे अविश्वसनीय राजनीतिक जीत हासिल की है। हम अमेरिका की भलाई के लिए काम करेंगे। डोनाल्ड ट्रंप ने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि ये पल इस देश को फिर से मजबूत करने में मदद करेंगे। *मैं अपनी हर सांस के साथ आपके लिए लड़ूंगा-ट्रंप* डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, 'मैं अमेरिकी लोगों को आपके 47वें राष्ट्रपति और 45वें राष्ट्रपति चुने जाने के असाधारण सम्मान के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं।' फ्लोरिडा के पॉम बीच पर समर्थकों से उन्होंने कहा, 'मैं हर दिन आपके लिए, आपके परिवार और आपके भविष्य के लिए लड़ूंगा। मैं अपने शरीर की हर सांस के साथ आपके लिए लड़ूंगा। मैं तब तक चैन से नहीं बैठूंगा जब तक हम वह मजबूत, सुरक्षित और समृद्ध अमेरिका नहीं बना देते जिसके हमारे बच्चे और आप हकदार हैं। यह वास्तव में अमेरिका का स्वर्णिम युग होगा।' *अब तक का सबसे बड़ा राजनीतिक आंदोलन-ट्रंप* ट्रंप ने कहा कि 'यह एक ऐसा आंदोलन था, जिसे पहले कभी किसी ने नहीं देखा। सच कहूं तो मेरा मानना है कि यह अब तक का सबसे बड़ा राजनीतिक आंदोलन था। इस देश में और शायद इससे परे भी ऐसा कुछ कभी नहीं हुआ। अब यह एक नए स्तर पर पहुंचने जा रहा है, क्योंकि हम अपने देश को ठीक करने में मदद करने जा रहे हैं। हमारे पास एक ऐसा देश है, जिसे मदद की जरूरत है। यह ऐतिहासिक है। इसका कारण सिर्फ यही है कि हमने उन बाधाओं को पार किया, जिनके बारे में किसी ने सोचा भी नहीं था। *डोनाल्ड ट्रंप ने एलन मस्क को बताया 'नया सितारा'* राष्ट्रपति चुनाव में जीत के बाद अपने संबोधन के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चुनाव अभियान का प्रमुख हिस्सा रहे एलन मस्क की जमकर तारीफ की है। ट्रंप ने एलन मस्क को रिपब्लिक पार्टी का 'नया सितारा' बताया। उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने स्पेसएक्स रॉकेट का वीडियो देखते हुए अरबपति को 40 मिनट तक होल्ड पर रखा। ट्रंप ने मस्क को एक शानदार व्यक्ति कहा। बता दें कि 78 वर्षीय ट्रंप को फिलहाल 267 इलेक्टोरल कॉलेज वोट मिलने की जानकारी है। यह 270 के जादुई आंकड़े से तीन कम है। वहीं, उनकी प्रतिद्वंद्वी मौजूदा उपराष्ट्रपति कमला हैरिस 214 इलेक्टोरल कॉलेज वोटों के साथ पीछे चल रही हैं।
एमपी के इंदौर में हैरान करने वाली घटना, एमबीए पास युवक को शेयर बाजार में हुआ नुकसान तो उठा लिया यह कदम

मध्यप्रदेश के इंदौर की कनाडिया पुलिस ने एक शातिर चेन स्नैचर को गिरफ्तार किया है, जिसने शेयर बाजार में भारी नुकसान के पश्चात् अपराध का रास्ता अपनाया। पुलिस के अनुसार, आरोपी महेश हरिसिंह ने इंदौर के DAVV से एमबीए किया था। शेयर बाजार में हुए नुकसान के पश्चात् आर्थिक तंगी के चलते उसने महिलाओं को सुनसान क्षेत्रों में निशाना बनाना आरम्भ कर दिया।

जानकारी के मुताबिक, शहर की एक महिला ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई थी। महिला ने पुलिस को बताया कि शाम लगभग 6 बजे जब वह पैदल अपने घर जा रही थी, तो स्कूटी पर सवार एक अज्ञात व्यक्ति उसका मंगलसूत्र छीनकर भाग गया। शिकायत प्राप्त होते ही पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए एक टीम गठित की तथा घटनास्थल के आसपास के CCTV फुटेज खंगाले। CCTV की मदद से आरोपी की पहचान कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

पूछताछ में महेश हरिसिंह ने खुलासा किया कि शेयर बाजार में नुकसान की वजह से वह मानसिक रूप से परेशान था। आर्थिक तंगी के चलते उसने महिलाओं से चेन स्नैचिंग करना आरम्भ किया तथा सुनसान स्थानों पर अकेली महिलाओं को देखकर वारदात को अंजाम देता था। पुलिस ने आरोपी के पास से 13 लूटे गए सोने के मंगलसूत्र बरामद किए हैं, जिनकी कीमत तकरीबन 13 लाख रुपये है। इसके साथ ही एक चोरी का मोबाइल भी बरामद हुआ है। आरोपी ने वाहन चोरी की घटनाओं में भी अपनी संलिप्तता स्वीकार की है। फिलहाल पुलिस उससे अन्य चेन स्नैचिंग और चोरी की घटनाओं के बारे में पूछताछ कर रही है।

जब मक्का मदीना में कोई गैर मुस्लिम प्रवेश नहीं कर सकता तो ... हिंदूवादी नेता साध्वी प्राची के बयान मचा हंगामा

हिंदूवादी नेता साध्वी प्राची ने संभल में कनाडा के मंदिर पर खालिस्तानी हमले को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रवादी लोगों को संकल्प लेना चाहिए कि वे खालिस्तान का समर्थन करने वालों का कभी भी सहयोग नहीं करेंगे। उन्होंने कनाडा में हिंदू समुदाय को हो रही पीड़ा पर संवेदना व्यक्त की तथा केंद्र सरकार से आग्रह किया कि जहां भी हिंदुओं के साथ अत्याचार हो रहा है, उनकी सहायता करें।

साध्वी प्राची ने आगे कहा कि हाल ही में दिल्ली में एक लाइव शो में हजारों लोग सम्मिलित हुए, लेकिन उस सिंगर या किसी अन्य सिंगर ने कनाडा में हुए खालिस्तानी हमले की निंदा नहीं की। उन्होंने कहा कि देश में खालिस्तान समर्थकों के बड़े-बड़े शो आयोजित किए जाते हैं, जो दुखद और शर्मनाक है।

सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के महाकुंभ में गैर-हिंदू दुकानों पर प्रतिबंध के फैसले पर दिए बयान 'आगे से मुसलमान भी ऐसा करेंगे' पर प्रतिक्रिया देते हुए साध्वी प्राची ने कहा कि ये लोग थूक जिहाद और मूत्र जिहाद जैसे अभियान चला रहे हैं। इसलिए महाकुंभ में यह फैसला लिया गया है।

उन्होंने कहा कि मक्का-मदीना में हिंदुओं को प्रवेश की अनुमति नहीं है, तो महाकुंभ में क्यों? यदि उन्हें इस पर आपत्ति है, तो पहले मक्का-मदीना में हिंदुओं को प्रवेश की इजाजत दिलवाएं। उत्तर प्रदेश उपचुनाव की तारीख बदलने पर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के 'टालेंगे तो और भी बुरा हारेंगे' वाले बयान का जवाब देते हुए साध्वी प्राची ने कहा कि अखिलेश सिर्फ अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। यह फैसला भाजपा का नहीं, बल्कि चुनाव आयोग का है, जो सामान्य समझ की बात है। उनके इस बयान पर देश में राजनीतिक घमासान मचा हुआ है।

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव का काउंटडाउन लगभग पूरा, डिटेल में जानिए, ट्रंप और कमला हैरिस में कोई भी जीता तो अमेरिका भारत संबंधों पर क्या पड़ेगा

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव का काउंटडाउन लगभग पूरा हो चुका है। रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेट उम्मीदवार कमला हैरिस के बीच मुकाबला अंतिम चरण में है। अगर ट्रंप जीतते हैं, तो इसका भारत पर भी व्यापक प्रभाव पड़ेगा, जो राजनीतिक, आर्थिक, और सुरक्षा क्षेत्र तक फैला हुआ है।

अमेरिका-भारत संबंधों पर ट्रंप का दृष्टिकोण

डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई है। उन्होंने दिवाली के अवसर पर सोशल मीडिया साइट X पर पोस्ट करते हुए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना "मित्र" कहा और अपनी सरकार बनने पर भारत-अमेरिका साझेदारी को और गहरा करने का वादा किया। ट्रंप की भारत के प्रति सकारात्मक सोच दोनों देशों के बीच आर्थिक और सामरिक सहयोग में सुधार की संभावनाओं को बढ़ाती है।

हाल ही में, ट्रंप ने बांग्लादेश में हुए तख्तापलट और उसके बाद हिंदू और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की कड़ी निंदा की है। विभिन्न रिपोर्टों के अनुसार, तख्तापलट के बाद सैकड़ों हिंदुओं को जानलेवा हमलों का सामना करना पड़ा। ट्रंप का यह रुख दक्षिण एशिया में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर उनकी संवेदनशीलता को दर्शाता है, जो भारत के हितों के अनुकूल हो सकता है।

मोदी-ट्रंप की केमिस्ट्री

डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच घनिष्ठ संबंध ने भारत-अमेरिका संबंधों में नई जान डाली है। यह संबंध सार्वजनिक रूप से भी प्रदर्शित हुआ, जैसे 2019 में टेक्सास में आयोजित "हाउडी, मोदी!" रैली में, जहां ट्रंप ने करीब 50,000 लोगों के सामने प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया था। यह अमेरिका में किसी भी विदेशी नेता के लिए अब तक की सबसे बड़ी सभाओं में से एक थी। इसके बदले में, 2020 में भारत में नरेंद्र मोदी ने दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम में ट्रंप का जोरदार स्वागत किया, जिसमें 1 लाख 20 हजार से अधिक लोग मौजूद थे। दोनों नेताओं का यह तालमेल सिर्फ प्रतीकात्मक नहीं है; दोनों नेताओं के 'इंडिया फ़र्स्ट' और 'अमेरिका फर्स्ट' के विचार भी आपस में मिलते हैं, जिसमें घरेलू विकास, आर्थिक राष्ट्रवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाती है।

आर्थिक और व्यापारिक नीतियां

ट्रंप का प्रशासन अमेरिका-केंद्रित व्यापार नीतियों को बढ़ावा देने का इरादा रखता है। उनकी नीति भारत पर व्यापारिक बाधाओं को कम करने और टैरिफ कम करने के लिए दबाव बनाने की होगी, जो भारत के आईटी, फार्मास्यूटिकल्स, और टेक्सटाइल उद्योगों के निर्यात पर असर डाल सकती है। ट्रंप ने सितंबर में भारत को "टैरिफ का दुरुपयोग करने वाला" देश बताया था, हालांकि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा भी की थी। फ्लिंट, मिशिगन में एक टाउन हॉल में, ट्रंप ने कहा था कि आयात शुल्क के मामले में भारत बेहद सख्त है, और यह अमेरिका के व्यापार के लिए चुनौती पेश करता है।

ट्रंप की नीति चीन से अमेरिकी सप्लाई चेन को हटाने की भी है, जो भारत के लिए सकारात्मक हो सकती है। अगर ट्रंप प्रशासन अमेरिकी कंपनियों को चीन पर निर्भरता कम करने को प्रोत्साहित करता है, तो भारत अनुकूल नीतियों के साथ अधिक अमेरिकी कंपनियों को आकर्षित कर सकता है, जिससे भारत की आर्थिक संभावनाओं को बढ़ावा मिल सकता है। हालांकि, भारत पर भी अपने आयात शुल्क को कम करने का दबाव रहेगा।

रक्षा और सुरक्षा

चीन को लेकर ट्रंप और भारत की चिंताएं मिलती-जुलती हैं। ट्रंप प्रशासन के दौरान भारत और अमेरिका के बीच रक्षा संबंध और मजबूत हो सकते हैं। पिछले कार्यकाल में ट्रंप ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए अमेरिका, भारत, जापान, और ऑस्ट्रेलिया के बीच सुरक्षा साझेदारी को मजबूत किया था, जिसे "क्वाड" कहा जाता है। ट्रंप प्रशासन में भारत-अमेरिका सैन्य सहयोग, हथियारों की बिक्री, और तकनीकी हस्तांतरण से भारत की रक्षा क्षमता को और मजबूती मिल सकती है।

भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते संयुक्त सैन्य अभ्यासों से भारत को सीमा सुरक्षा के लिहाज से फायदा होगा, खासकर चीन और पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के मद्देनजर। यदि ट्रंप फिर से राष्ट्रपति बनते हैं, तो वे भारत की सुरक्षा चुनौतियों के प्रति सहयोगी रवैया अपना सकते हैं।

इमिग्रेशन और H-1B वीजा नीतियां

इमिग्रेशन को लेकर ट्रंप का सख्त रुख भारतीय पेशेवरों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। उनके प्रशासन के दौरान H-1B वीजा प्रोग्राम पर सख्त नीतियों के कारण भारतीय प्रोफेशनल्स को अमेरिका में नौकरी पाना कठिन हो गया था। यदि ट्रंप की इमिग्रेशन नीतियां दोबारा लागू होती हैं, तो भारतीय श्रमिकों के लिए अमेरिका में काम करना मुश्किल हो सकता है। इसके परिणामस्वरूप भारतीय तकनीकी कंपनियां अन्य बाजारों में अवसर खोजने या घरेलू बाजार में अधिक अवसर पैदा करने की दिशा में आगे बढ़ सकती हैं।

भू-राजनीतिक प्रभाव

दक्षिण एशिया में ट्रंप की नीतियां भारत के क्षेत्रीय हितों को भी प्रभावित कर सकती हैं। ट्रंप ने पाकिस्तान के साथ काम करने की इच्छा जताई है, लेकिन आतंकवाद के खिलाफ जवाबदेही पर भी जोर दिया है। ट्रंप के पिछले कार्यकाल में पाकिस्तान को दी जाने वाली सैन्य सहायता में कटौती की गई थी, जो भारत के लिए सकारात्मक साबित हुई थी। ट्रंप का "ताकत के जरिए शांति" का दृष्टिकोण अमेरिका की आतंकवाद और उग्रवाद पर कड़ी नीति की ओर इशारा करता है, जो भारत के हित में हो सकती है।

ट्रंप की बढ़त

इस समय डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में बढ़त बनाए हुए हैं और 230 इलेक्टोरल कॉलेज वोट हासिल कर चुके हैं। उन्हें बहुमत के लिए 40 वोटों की आवश्यकता है, जबकि कमला हैरिस 205 वोटों के साथ पीछे हैं। न्यू मैक्सिको में जीत हासिल करने के बावजूद, कमला हैरिस ट्रंप से पिछड़ रही हैं। अमेरिका में सात प्रमुख "स्विंग स्टेट्स" हैं, जिनमें से पांच में ट्रंप ने बढ़त बना ली है। सिर्फ दो राज्यों के परिणाम आने बाकी हैं, लेकिन इन राज्यों में भी ट्रंप की स्थिति मजबूत मानी जा रही है।