/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png StreetBuzz क्या चाहता है बांग्लादेश? अब इस्कॉन मंदिर के सचिव चिन्मय दास पर राष्ट्रद्रोह का केस, जानें क्या है वजह India
क्या चाहता है बांग्लादेश? अब इस्कॉन मंदिर के सचिव चिन्मय दास पर राष्ट्रद्रोह का केस, जानें क्या है वजह

#bangladesh_hindu_voice_krishna_das_bramhachari_sedition_case

बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद से वहां के हिंदुओं को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। वहां की हिंदू आबादी पर विभिन्न प्रकार के हमले हो रहे हैं।बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा के खिलाफ मुखर आवाज चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की मुश्किलों में घिरते दिख रहे हैं। दरअसल, बांग्लादेश में इस्कॉन ग्रुप के प्रमुख चेहरों में से एक चिन्मय दास के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मामला दर्ज किया गया है। चिन्मय दास ब्रह्मचारी बांग्लादेश में इस्कॉन ट्रस्ट के सचिव हैं और हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाने के लिए लगातार रैलियों और प्रदर्शनओं का आयोजन कर रहे हैं।

चिटगांव जिले में बुधवार (20 अक्टूबर) शाम को चिन्मय दास ब्रह्मचारी के साथ 19 अन्य हिंदू संगठन के नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ यह मामला दर्ज किया गया है।चिन्मय दास पर 25 अक्टूबर को चिटगांव में आयोजित एक रैली के दौरान बांग्लादेश के राष्ट्रीय झंडे की अवमानना और अपमान करने का आरोप लगाया गया है।चिटगांव पुलिस ने आरोप लगाया है कि प्रदर्शन के दौरान बांग्लादेश के राष्ट्रीय झंडे के ऊपर इस्कॉन का भगवा पताका फहराया गया।

चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के आह्वान पर चटगांव डिवीजन के हजारों हिंदू इकट्ठा हुए थे। चिन्मय दास पर आरोप है कि उन्होंने इस रैली के दौरान देश की संप्रभुता के प्रति अवमानना दिखाई है और योजनाबद्ध तरीके से देश की अखंडता को नकारने के लिए बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अनादर किया है।

दर्ज की गई शिकायत की कॉपी के मुताबिक इस्कॉन समूह ने अपने प्रदर्शन में चटगांव के कोतवाली पुलिस स्टेशन के न्यू मार्केट चौराहे पर सरकारी विरोधी छात्र प्रदर्शनों में बनाए गए राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर धार्मिक झंडा फहराया है। शिकायत में इस्कॉन के धार्मिक झंडे को इस तरह फहराने को एक स्वतंत्र राज्य की अखंडता को नकारने के समान माना गया है।

रेलवे के डिप्टी एफए और सीएओ गए जेल, सीबीआई कोर्ट ने की कार्रवाई, अवैध तरीके से 15 करोड़ का ठेका दिलाने का आरोप

सीबीआई की विशेष कोर्ट ने पूर्व मध्य रेलवे (इसीआर) पटना के डिप्टी एफए और सीएओ (निर्माण) अनुराग गौरव और ठेकेदार अभिषेक कुमार सिंह को न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया है। सीबीआई ने विशेष न्यायाधीश अविनाश कुमार के सामने दोनों को पेश किया है। अदालत ने दोनों अभियुक्तों को न्यायिक हिरासत जेल भेज दिया।

सीबीआई की विशेष कोर्ट के सामने सीबीआई ने दोनों आरोपी को पेश किया था। बुधवार को कोर्ट ने सीएओ (निर्माण) अनुराग गौरव और ठेकेदार अभिषेक कुमार सिंह को 13 नवंबर 2024 तक के लिए जेल भेज दिया। दोनों की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया था। इसके बाद बुधवार को फिर से जेल भेज दिया गया।

सीबीआई इन दोनों को गिरफ्तार करने के बाद अदालत की अनुमति से दो दिन से हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही थी। सीबीआई के आरोप के अनुसार रेलवे के निर्माण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, अभियुक्त अनुराग गौरव, विकास कुमार ने 15 करोड़ का एक ठेका आनंद राज इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड को दिया था। इसके लिए मोटी रकम का सौदा हुआ था। अभियुक्त अभिषेक कुमार सिंह आनंद राज इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक हैं।

भारत-चीन सीमा समझौते पर राजनाथ सिंह का बयान, बोले-सैनिकों के लौटने की प्रक्रिया पूरी, हमारी कोशिश बात आगे बढ़े

#defense_minister_rajnath_singh_big_statement_india_china_army_retreated_from_lac

भारत और चीन के बीच अहम समझौते के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बात आगे बढ़ने की उम्मीद जताई है।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) पर भारत और चीन की ओर से सैनिकों को वापस बुलाने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। अब उनकी पूरी कोशिश होगी कि बातचीत इससे आगे बढ़े, लेकिन इसके लिए थोड़ा इंतजार करना होगा।

राजनाथ सिंह ने कहा एलएसी पर कुछ क्षेत्रों में संघर्षों को सुलझाने के लिए, भारत और चीन के बीच, राजनयिक और सैन्य, दोनों ही स्तरों पर बातचीत होती रही है। अभी हाल की बातचीत के बाद जमीनी स्थिति बहाल करने के लिए व्यापक सहमति बनी है। यह सहमति, समानता और पारस्परिक सुरक्षा के आधार पर बनी है। इस सहमति में पारंपरिक क्षेत्रों के अंतर्गत गश्त और चराई का अधिकार भी शामिल है। इस सहमति के आधार पर, पीछे हटने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। हमारा प्रयास होगा, कि बात डिसएंगेजमेंट से भी आगे बढ़े, लेकिन उसके लिए, हमें अभी थोड़ा इंतजार करना होगा।

रक्षामंत्री ने आगे कहा कि हमारे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि हम दोस्त बदल सकते हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं। हम अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना चाहते हैं और यह भारत की स्पष्ट नीति है। हम चीन के साथ आम सहमति के जरिए शांति प्रक्रिया को जारी रखना चाहते हैं। कभी-कभी ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न हो जाती हैं कि देश की सीमाओं की रक्षा के लिए संघर्ष करना पड़ता है, जबकि सरकार शांति बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। यह एलएसी पर सीमा से जुड़ा एक बड़ा घटनाक्रम है। हमारे प्रयासों के बाद हम एलएसी पर जमीनी हालात पर आम सहमति पर पहुंच गए हैं।

इधर, बुधवार को भारत और चीन के बीच एक महत्वपूर्ण समझौते के बाद पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गतिरोध वाले दो स्थानों-डेमचोक और देपसांग से सैनिकों की वापसी पूरी हो गई है और जल्द ही इन जगहों पर गश्त शुरू कर दी जाएगी।

बता दें कि हाल ही में भारत और चीन के बीच सीमा क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गश्त व्यवस्था के संबंध में एक समझौता हुआ है। इससे पहले चीनी सैन्य कार्रवाइयों के कारण दोनों देशों के बीच सीमा गतिरोध 2020 में एलएसी के साथ पूर्वी लद्दाख में शुरू हुआ। इसके बाद दोनों देशों के बीच लंबे समय तक तनाव बना रहा, जिससे संबंधों में काफी तनाव आया। हालांकि, हाल ही में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई, जिसने दोनों देशों के बीच कम होते तनाव का संकेत दिया।

कनाडा में दिवाली सेलिब्रेशन रद्द, भड़के लोगों ने कहा-राजनीतिक तुष्टीकरण और सांस्कृतिक असंवेदनशीलता का प्रतीक

#diwali_celebrations_cancelled_in_canada

भारत में आज दिवाली मनाई जा रही है। भारत के इस त्योहार को दुनियाभर के कई देशों में सेलिब्रेट किया जाता है। यहां तक की दुनिया का सबसे ताकतवर कहे जाने वाले देश अमेरिका में भी दिवाली का जश्न मनाया जा रहा है। व्हाइट हाउस में खुज राष्ट्रपति जो बाइडन ने दिवाली मनाई। यहां तक की अमेरिका में तो दिवाली पर स्कूलों की छुट्टी कर दी गई है। हालांकि, कनाडा तो मानों भारत के साथ दुश्मनी निभाने में लगा हुआ है। दरअसल, भारत संग तल्खी के बीच कनाडा में दिवाली का कार्यक्रम रद्द कर दिया गया। यह कार्यक्रम पार्लियामेंट में होना था।

कनाडा के विपक्षी नेता पियरे पोइलिवरे ने पार्लियामेंट हिल में दिवाली पर होने वाले समारोह को रद्द कर दिया है। ओटावा स्थित पार्लियामेंट हिल में ही देश की संसद है। इसका मतलब है कि इस बार कनाडा की संसद में दिवाली उत्सव नहीं होगा। कंजर्वेटिव पार्टी के नेता पोइलिवरे ने दिवाली से ठीक पहले कार्यक्रम में ना जाने का फैसला लिया है। पियरे की ओर से ये कदम ऐसे समय उठाया गया है, जब भारत और कनाडा के बीच राजनयिक विवाद कनाडा के चलते दोनों मुल्कों के रिश्ते तनाव के दौर में हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिवाली का यह कार्यक्रम बुधवार 30 अक्टूबर को होना था, लेकिन इसे बिना किसी कारण के रद्द कर दिया गया। इस समारोह का आयोजन प्रवासी भारतीय समूह, ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ इंडिया कनाडा (ओएफआईसी) ने किया था और और इसकी मेजबानी कंजर्वेटिव सांसद टॉड डोहर्टी को करनी थी। कनाडा में पिछले 23 सालों के इतिहास में यह पहली बार हुआ है। यह आयोजन पिछले 23 वर्षों से आयोजित किया जा रहा है और इसमें कनाडा में रहने वाले हिंदू, जैन, सिख और बौद्ध भाग लेते हैं। मगर इस बार कनाडा में दिवाली उत्सव पर रोक लग गई।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, कार्यक्रम के आयोजक ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ इंडिया कनाडा (ओएफआईसी) को दिवाली उत्सव रद्द करने के लिए कोई स्पष्टीकरण नहीं मिला है। कार्यक्रम बुधवार (30 अक्टूबर) को कंजर्वेटिव सांसद टॉड डोहर्टी द्वारा आयोजित किया जाना था। अब ये कार्यक्रम नहीं किया जाएगा।

विपक्षी नेता पॉइलीवरे के फैसले से कनाडा में रहने वाले हिंदू काफी नाराज हैं। ओएफआईसी के अध्यक्ष शिव भास्कर ने पॉइलीवरे को एक पत्र लिखा। इसमें उन्होंने समारोह रद्द होने पर दुख जताया। उन्होंने लिखा कि यह कार्यक्रम दिवाली के सम्मान में एक खुशी का अवसर होता। यह त्योहार न केवल भारतवंशी कनाडाई समुदाय के लिए बहुत अहम है, बल्कि कनाडा की बहुसांस्कृतिक भावना का भी प्रतीक है, जिस पर उसे गर्व है। भारत और कनाडा के बीच मौजूदा राजनयिक स्थिति के कारण इस कार्यक्रम से नेताओं के अचानक पीछे हटने से हमें विश्वासघात और अन्याय का एहसास हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि यह बेहद चिंताजनक है।

दिवाली की सुबह धुंध की चादर में लिपटी दिल्ली, शाम से देर रात तक खूब छूटे पटाखें, कहां सोई रही सरकार की टीमें

#delhi_ncr_air_quality_index_aqi

देश की राजधानी पहले से ही प्रदूषद की ज़द है। आज दिवाली की सुबह दिल्ली में वायु गुणवत्ता 418 के पार पहुंच गई है। धुंध के साए में राजधानी धुंधली नजर आई। दरअसल, प्रदूषण के खतरनाक श्रेणी में पहुंच जाने के कारण दिल्ली में पटाखे जलाने पर बैन है। लेकिन बुधवार को पटाखों की गूंज देर रात तक सुनाई देती रही। नतीजा गुरुवार की सुबह दिल्ली की सड़कों पर धुंध की चादर दिखी।

राजधानी दिल्ली में दो दिन की हल्की सी राहत के बाद आज दिवाली के दिन प्रदूषण बहुत खराब स्थिति में पहुंच गया है। सुबह आनंद विहार इलाके में धुंध की चादर छाई हुई है। सीपीसीबी के अनुसार, आनंद विहार का वायु गुणवत्ता सूचकांक 418 है जो 'गंभीर' श्रेणी में है। दिल्ली में अक्षरधाम मंदिर के पास के इलाके में वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में है।

गुरुवार सुबह दिल्ली के नरेला में एक्यूआई 311 दर्ज किया गया. वहीं, अलीपुर में एक्यूआई 322 दर्ज किया गया। इसके अलावा अशोक विहार फेज वन में 282 , सिविल लाइन में 251, दिल्ली कैंट में 210, द्वारका सेक्टप 10 में 245, आईटी जहांगीरपुरी में 309 और कश्मीरी गेट आइएसबीटी में एक्यूआई 244 दर्ज किया। इसके अलावा दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में एक्यूआई 200 के पार ही दर्ज किया गया, जिसका मतलब है कि दिल्ली की हवा बेहद खराब श्रेणी में है।

दिवाली के दिन आतिशबाजी होने से अगले दिन शुक्रवार को हवा गंभीर श्रेणी में दर्ज होने की आशंका है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) का पूर्वानुमान है कि बृहस्पतिवार को बेहद खराब श्रेणी में बनी रहेगी। साथ ही, आतिशबाजी और पराली का धुआं हवा को जहरीला बना सकता है। ऐसे में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच सकती है। इससे लोगों को सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ेगा।

दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए पटाखों पर बैन है। इसके बावजूद, दिल्ली में कई जगहों पर पटाखों की बिक्री जारी है, जिससे दिल्ली का वायु प्रदूषण और भी ज्यादा गंभीर हो गया है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि बैन के बावजूद पटाखों की बिक्री कैसे हो रही है। आखिर आम आदमी पार्टी की सरकार की वो टीमें कहां हैं, जो प्रदूषण नियंत्रण के कामों में लगे हुए हैं?

जबकि दिल्ली सरकरा की माने तो पटाखे इस दिवाली पर न जलें और न ही बिकें, इसके लिए 377 टीमों का गठन किया गया है। यह जानकारी पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दी। उन्होंने पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लागू करवाने के लिए मंगलवार को संबंधित विभागों के साथ एक बैठक की और पटाखों पर बैन को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए। बैठक में दिल्ली पुलिस के अधिकारी ने बताया कि पुलिस की 300 टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं।

दिवाली की सुबह धुंध की चादर में लिपटी दिल्ली, शाम से देर रात तक खूब छूटे पटाखें, कहां सोई रही सरकार की टीमें*
#delhi_ncr_air_quality_index_aqi
देश की राजधानी पहले से ही प्रदूषद की ज़द है। आज दिवाली की सुबह दिल्ली में वायु गुणवत्ता 418 के पार पहुंच गई है। धुंध के साए में राजधानी धुंधली नजर आई। दरअसल, प्रदूषण के खतरनाक श्रेणी में पहुंच जाने के कारण दिल्ली में पटाखे जलाने पर बैन है। लेकिन बुधवार को पटाखों की गूंज देर रात तक सुनाई देती रही। नतीजा गुरुवार की सुबह दिल्ली की सड़कों पर धुंध की चादर दिखी। राजधानी दिल्ली में दो दिन की हल्की सी राहत के बाद आज दिवाली के दिन प्रदूषण बहुत खराब स्थिति में पहुंच गया है। सुबह आनंद विहार इलाके में धुंध की चादर छाई हुई है। सीपीसीबी के अनुसार, आनंद विहार का वायु गुणवत्ता सूचकांक 418 है जो 'गंभीर' श्रेणी में है। दिल्ली में अक्षरधाम मंदिर के पास के इलाके में वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में है। गुरुवार सुबह दिल्ली के नरेला में एक्यूआई 311 दर्ज किया गया. वहीं, अलीपुर में एक्यूआई 322 दर्ज किया गया। इसके अलावा अशोक विहार फेज वन में 282 , सिविल लाइन में 251, दिल्ली कैंट में 210, द्वारका सेक्टप 10 में 245, आईटी जहांगीरपुरी में 309 और कश्मीरी गेट आइएसबीटी में एक्यूआई 244 दर्ज किया। इसके अलावा दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में एक्यूआई 200 के पार ही दर्ज किया गया, जिसका मतलब है कि दिल्ली की हवा बेहद खराब श्रेणी में है। दिवाली के दिन आतिशबाजी होने से अगले दिन शुक्रवार को हवा गंभीर श्रेणी में दर्ज होने की आशंका है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) का पूर्वानुमान है कि बृहस्पतिवार को बेहद खराब श्रेणी में बनी रहेगी। साथ ही, आतिशबाजी और पराली का धुआं हवा को जहरीला बना सकता है। ऐसे में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच सकती है। इससे लोगों को सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ेगा। दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए पटाखों पर बैन है। इसके बावजूद, दिल्ली में कई जगहों पर पटाखों की बिक्री जारी है, जिससे दिल्ली का वायु प्रदूषण और भी ज्यादा गंभीर हो गया है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि बैन के बावजूद पटाखों की बिक्री कैसे हो रही है। आखिर आम आदमी पार्टी की सरकार की वो टीमें कहां हैं, जो प्रदूषण नियंत्रण के कामों में लगे हुए हैं? जबकि दिल्ली सरकरा की माने तो पटाखे इस दिवाली पर न जलें और न ही बिकें, इसके लिए 377 टीमों का गठन किया गया है। यह जानकारी पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दी। उन्होंने पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लागू करवाने के लिए मंगलवार को संबंधित विभागों के साथ एक बैठक की और पटाखों पर बैन को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए। बैठक में दिल्ली पुलिस के अधिकारी ने बताया कि पुलिस की 300 टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं।
दिवाली की सुबह धुंध की चादर में लिपटी दिल्ली, शाम से देर रात तक खूब छूटे पटाखें, कहां सोई रही सरकार की टीमें*
#delhi_ncr_air_quality_index_aqi
देश की राजधानी पहले से ही प्रदूषद की ज़द है। आज दिवाली की सुबह दिल्ली में वायु गुणवत्ता 418 के पार पहुंच गई है। धुंध के साए में राजधानी धुंधली नजर आई। दरअसल, प्रदूषण के खतरनाक श्रेणी में पहुंच जाने के कारण दिल्ली में पटाखे जलाने पर बैन है। लेकिन बुधवार को पटाखों की गूंज देर रात तक सुनाई देती रही। नतीजा गुरुवार की सुबह दिल्ली की सड़कों पर धुंध की चादर दिखी। राजधानी दिल्ली में दो दिन की हल्की सी राहत के बाद आज दिवाली के दिन प्रदूषण बहुत खराब स्थिति में पहुंच गया है। सुबह आनंद विहार इलाके में धुंध की चादर छाई हुई है। सीपीसीबी के अनुसार, आनंद विहार का वायु गुणवत्ता सूचकांक 418 है जो 'गंभीर' श्रेणी में है। दिल्ली में अक्षरधाम मंदिर के पास के इलाके में वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में है। गुरुवार सुबह दिल्ली के नरेला में एक्यूआई 311 दर्ज किया गया. वहीं, अलीपुर में एक्यूआई 322 दर्ज किया गया। इसके अलावा अशोक विहार फेज वन में 282 , सिविल लाइन में 251, दिल्ली कैंट में 210, द्वारका सेक्टप 10 में 245, आईटी जहांगीरपुरी में 309 और कश्मीरी गेट आइएसबीटी में एक्यूआई 244 दर्ज किया। इसके अलावा दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में एक्यूआई 200 के पार ही दर्ज किया गया, जिसका मतलब है कि दिल्ली की हवा बेहद खराब श्रेणी में है। दिवाली के दिन आतिशबाजी होने से अगले दिन शुक्रवार को हवा गंभीर श्रेणी में दर्ज होने की आशंका है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) का पूर्वानुमान है कि बृहस्पतिवार को बेहद खराब श्रेणी में बनी रहेगी। साथ ही, आतिशबाजी और पराली का धुआं हवा को जहरीला बना सकता है। ऐसे में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच सकती है। इससे लोगों को सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ेगा। दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए पटाखों पर बैन है। इसके बावजूद, दिल्ली में कई जगहों पर पटाखों की बिक्री जारी है, जिससे दिल्ली का वायु प्रदूषण और भी ज्यादा गंभीर हो गया है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि बैन के बावजूद पटाखों की बिक्री कैसे हो रही है। आखिर आम आदमी पार्टी की सरकार की वो टीमें कहां हैं, जो प्रदूषण नियंत्रण के कामों में लगे हुए हैं? जबकि दिल्ली सरकरा की माने तो पटाखे इस दिवाली पर न जलें और न ही बिकें, इसके लिए 377 टीमों का गठन किया गया है। यह जानकारी पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दी। उन्होंने पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लागू करवाने के लिए मंगलवार को संबंधित विभागों के साथ एक बैठक की और पटाखों पर बैन को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए। बैठक में दिल्ली पुलिस के अधिकारी ने बताया कि पुलिस की 300 टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं।
एक देश एक चुनाव और सेकुलर सिविल कोड...गुजरात में एकता दिवस पर पीएम मोदी का संदेश

#one_nation_one_election_uniform_civil_code_soon_pm_modi_on_national_unity_day

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को गुजरात के केवड़िया में सरदार वल्लभभाई पटेल की 149वीं जयंती के अवसर पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की और राष्ट्रीय एकता दिवस (राश्ट्रिय एकता दिवस) के आयोजन में भाग लिया। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' और 'समान नागरिक संहिता' की जरूरत पर जोर दिया।

आज देश लौहपुरुष सरदार पटेल की जयंती मना रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के केवड़िया में स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पहुंचकर सरदार पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय एकता दिवस परेड की सलामी भी ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर कार्यक्रम में मौजूद लोगों को एकता की शपथ दिलाई। सरदार पटेल की 149वीं जयंती और राष्ट्रीय एकता दिवस पर पीएम मोदी ने कहा कि सरदार पटेल संकल्पवादी, मानववादी और राष्ट्रवादी थे। उन्होंने असंभव कार्य को भी संभव किया। सरदार पटेल ने सैंकड़ों रियासतों को एक कर के दिखाया।

गुजरात के केवड़िया में पीएम मोदी ने कहा कि इस बार का राष्ट्रीय एकता दिवस अद्भुत संयोग लेकर आया है। एक तरफ आज हम एकता का उत्सव मना रहे हैं, वहीं दूसरी ओर दीपावली का पावन पर्व है। एकता दिवस का आयोजन देश को नई उर्जा से भर देगा।पीएम मोदी ने कहा कि दीपावली दीपों के माध्यम से पूरे देश को जोड़ती है। पूरे देश को प्रकाशमय कर देती है। अब तो दीपावली का पर्व भारत को दुनिया से भी जोड़ रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के विचार को जल्द ही साकार होने का विश्वास दिलाया। उन्होंने कहा, हम 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' की ओर बढ़ रहे हैं, जो भारत के लोकतंत्र को मजबूत करेगा और विकास के सपनों को साकार करने में सहायक होगा। इस प्रस्ताव को पहले ही कैबिनेट द्वारा मंजूरी मिल चुकी है और इसे आने वाले शीतकालीन सत्र में संसद के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' का उद्देश्य देश भर में सभी चुनावों को एक ही दिन या एक निर्धारित समय सीमा के भीतर संपन्न करना है, ताकि संसाधनों का समुचित उपयोग हो सके और देश के विकास को नई गति मिले।

प्रधानमंत्री मोदी ने 'एक राष्ट्र, एक नागरिक संहिता' का भी जिक्र किया। उन्होंने इसे "धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता" करार देते हुए कहा कि भारत को एकजुट और मजबूत बनाने में यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। समान नागरिक संहिता का उद्देश्य देश के सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून का लागू करना है, जिससे धर्म, जाति या लिंग के आधार पर किसी भी प्रकार का भेदभाव न हो। पीएम मोदी ने कहा, आज हम सभी एक राष्ट्र पहचान- आधार की सफलता देख रहे हैं और दुनिया भी इसकी चर्चा कर रही है।

नहीं बचेगा हिजबुल्लाह का नया चीफ! इजराइल ने दी खुलेआम धमकी

#israel_reacts_hezbollah_chief_naim_qassem

इजराइल ने हिजबुल्लाह के नए चीफ नईम कासिम को चेतावनी दी है। इजराइल का कहना है कि हिजबुल्लाह का नया कमांडर ज्यादा दिन नहीं रहने वाला है। अगर कासिम भी अपने पुराने लीडरों के रास्ते पर चला, तो वह हिजबुल्लाह के इतिहास में सबसे कम दिन चीफ रहने वाला व्यक्ति होगा। बता दें कि मंगलवार को ही हिजबुल्लाह ने नईम कासिम को संगठन का नया नेता चुना गया था। उनकी नियुक्ति हसन नसरल्लाह के उत्तराधिकारी के रूप में की गई है।

हसन नसरल्लाह की मौत के करीब एक महीने बाद हिजबुल्लाह ने अपना नया लीडर चुन लिया है।नईम कासिम को हिजबुल्लाह के संगठन का नया नेता चुने जाने के कुछ घंटे के भीतर ही इजराइल ने उनकी उलटी गिनती शुरू कर दी है। इजरायल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने मंगलवार को नईम कासिम को चेतावनी दी और कहा कि उनकी नियुक्ति 'लंबे समय तक नहीं है।' कासिम की एक तस्वीर एक्स पर शेयर करते हुए गैलेंट ने लिखा, 'अस्थायी नियुक्ति। लंबे समय तक नहीं।'

इजराइल का कहना है कि लेबनान में शांति केवल तभी ही आएगी जब हिजबुल्लाह की सैन्य शक्ति खत्म कर दी जाए। लेबनान की समस्या का एक ही समाधान है, वो ये कि इस संगठन को पूरी तरह समाप्त किया जाए। इजराइल ने हिजबुल्लाह को खत्म करने के अभियान में सफलता भी मिली है। संगठन की टॉप 8 लीडरों में से इजराइल 5 का खात्मा कर चुका है।

नईम कासिम की दशकों से हिजबुल्लाह में अहम भूमिका रही है। वे 34 वर्षों से चरमपंथी समूह में नंबर 2 के रूप में काम कर रहे थे। कासिम ने हिजबुल्लाह के पूर्व महासचिव अब्बास अल-मौसावी के कार्यकाल में संगठन के उपमहासचिव का पद संभाला था। मौसावी की 1992 में इजरायल ने हत्या कर दी थी, जिसके बाद नसरल्लाह को महासचिव बनाया गया। इसके बाद भी कासिम उपसचिव के पद पर बने रहे।

क्या भारत-चीन सीमा समझौते में अमेरिका का भूमिका? जानें क्या कह रहा यूएस

#usareactionindiachinalacpatrollingagreement 

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद पर समझौता हो गया है। समजौते के तहत दोनों देशों की सेनाएं पीछे हट रही हैं। भारत-चीन संबंध पर दुनियाभर की नजर है, खासकर अमेरिका की। अब दोनों देशों के बीच हे सीमा समझौते के बाद अमेरिका ने प्रतिक्रिया दी है।अमेरिका ने कहा है कि वह भारत-चीन के बीच एलएसी समझौते पर 'गहरी नजर' बनाए हुए है और सीमा पर तनाव कम होने का "स्वागत" करता है। ये बात अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कही। बता दें कि भारत और चीन के बीच बड़ी डील हुई है। 5 साल से पूर्वी लद्दाख में बॉर्डर पर जो तनातनी चल रही थी, वो कई बैठकों के बाद आखिरकार समाप्त हो रही है।

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि वह भारत-चीन सीमा पर तनाव की स्थिति कम होने का स्वागत करता है। साथ ही कहा कि नई दिल्ली ने इस संबंध में उसे जानकारी दी है। विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने पत्रकारों से कहा, हम भारत और चीन के बीच के घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहे हैं। हम समझते हैं कि दोनों देशों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर टकराव वाले बिंदुओं से सैनिकों को वापस बुलाने के लिए शुरुआती कदम उठाए हैं। हम सीमा पर तनाव की स्थिति में किसी भी कमी का स्वागत करते हैं।

वहीं, जब मिलर से पूछा गया कि क्या इस मामले में अमेरिका की कोई भूमिका है, तो उन्होंने जवाब दिया, नहीं, हमने भारतीय साझेदारों से इस बारे में जानकारी ली है, लेकिन इसमें हमारी कोई भूमिका नहीं है।

भारत-चीन के बीच समझौता

बता दें कि जून 2020 से भारत और चीन के बीच एलएसी पर तनाव बना हुआ था। तब गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच संघर्ष हुआ था और दोनों ओर से सैनिक हताहत हुए थे। एलएसी पेट्रोलिंग समझौता 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले घोषित किया गया था। सम्मेलन रूस के कजान में 22 से 24 अक्टूबर के बीच हुआ था। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भाग लिया।उस दौरान उनकी रूस के कजान शहर में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय मुलाकात भी हुई थी।