विश्वसनीय मिठाई ही खाएं, स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत हो तो एम्बुलेंस बुलाएं
गोरखपुर, चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने जनपदवासियों को दीपावली की बधाई देते हुए पूरी सतर्कता के साथ त्योहार मनाने की अपील की है । उन्होंने कहा है कि बाजार में नकली खाद्य पदार्थों की भरमार को देखते हुए दीपावली पर विश्वसनीय मिठाई का ही सेवन करें। सेहत की दृष्टि से बेहतर होगा कि घर पर बनी मिठाई या ड्राई फ्रूट्स का ही दीपावली पर इस्तेमाल किया जाए। इकोफ्रेंडली पटाखे जलाएं और पूरी सतर्कता के साथ आतिशबाजी करें। इसके बावजूद अगर किसी को भी स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत हो जाए तो तुरंत 108 नंबर एम्बुलेंस बुला कर नजदीकी अस्पताल पहुंचे।
सीएमओ ने बताया कि पर्व के दौरान सभी अस्पतालों पर इमर्जेंसी सेवाएं जारी रहेंगी। जिले में 108 नंबर की 46 और 102 नंबर की 50 एम्बुलेंस पर्व के दौरान भी सेवा के लिए तैयार रहेंगी। जिले के 25 थानों पर 108 नंबर एम्बुलेंस उपलब्ध कराई गई है, जबकि बाकी 21 एम्बुलेंस हॉट स्पॉट पर मौजूद रहेंगी। प्रसव कक्ष क्रियाशील रहेंगे और 102 नंबर एम्बुलेंस से गर्भवती चिकित्सा इकाई पहुंच कर निर्बाध सेवा प्राप्त कर सकेंगी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि दीपावली में मधुमेह के मरीज मिठाइयों से परहेज करें और निर्धारित मात्रा में शुगर फ्री मिठाई का ही सेवन करने। यह मरीज बादाम या अखरोट जैसे ड्राईफ्रूट्स का संयमित सेवन कर सकते हैं। सांस के रोगियों को विशेष तोर पर सतर्क रहने की आवश्यकता है। आतिशबाजी के कारण दीपावली में वायु की गुणवत्ता प्रभावित होती है। ऐसे में सांस के रोगियों को घर से बाहर निकलने से परहेज करना होगा। अगर बाहर निकल रहे हैं तो ट्रिपल लेयर मास्क जरूर लगाएं। सांस के जो रोगी कोविड मरीज भी रह चुके हैं उन्हें सबसे अधिक सतर्कता रखने की आवश्यकता है। यह रोगी नियमित दवा लेते रहें और इनहेलर लेकर ही घर से बाहर निकलें। ह्रदय रोगी भी घर से बाहर न निकलें और चिकित्सक के परामर्श के अनुसार खानपान संयमित रखें।
डॉ दूबे ने बताया कि पर्व के दौरान सांस तेज चलने या सांस लेने में दिक्कत होने पर, घबराहट होने या खांसी आधिक आने पर, सीने में दर्द या थकान महसूस होने पर, स्किन और होंठ या नाखूनों पर नीले रंग दिखने पर तुरंत चिकित्सकीय सहायता लें। ऐसे मरीज एम्बुलेंस की मदद से नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचें। साथ ही आतिशबाजी के दौरान यदि जल जाएं तो सबसे पहले जले हुए हिस्से को बहते हुए पानी से साफ कर लें। तत्काल नजदीकी सरकारी अस्पताल से परामर्श लें। ध्यान रखें जले हुए भाग को ठंडे पानी या बर्फ से नहीं धोना है और जले हुए हिस्से पर टूथपेस्ट या हल्दी भी नहीं लगानी है। बच्चों को पटाखों से दूर रखें। यदि आतिशबाजी करना ही है तो अपनी ही देखरेख में ही पटाखे जलाएं।
स्वच्छता व्यवहार अपना कर करें बचाव
सीएमओ ने बताया कि घरों की साफ-सफाई के दौरान साफ पानी के ठहराव वाले सभी छोटे जलस्रोतों की सफाई अवश्य करें। कूलर, गमलों, टायर, फ्रीज ट्रे, खाली पात्रों, पशुओं के नाद और उनके पात्रों की सफाई विशेष तौर पर की जानी चाहिए । ऐसा करने से डेंगू जैसी तीव्र प्रसार वाली बीमारी से बचाव होगा। साथ ही घर के आसपास जहां कहीं भी जलजमाव दिखाई दे उसे भी साफ करें ताकि मलेरिया और फाइलेरिया के मच्छरों से बचाव हो सके। स्वच्छता व्यवहार के साथ साथ अगर पूरे आस्तीन के कपड़े पहनें, सोते समय मच्छरदारी का प्रयोग करें और मच्छरों के प्रजनन स्थल को नष्ट कर दें तो मच्छरजनित बीमारियों का संक्रमण फैल नहीं पाएगा।
डेंगू के संभावित प्रवासी मरीजों को करें प्रेरित*
डॉ दूबे ने बताया कि दीपावली और छठ पर्व के कारण बड़ी संख्या में लोग अपने घरों को लौट रहे हैं । ऐसे लोगों में अगर किसी प्रवासी के भीतर डेंगू बुखार का लक्षण दिखता है तो बिना देरी किये अस्पताल पहुंचने के लिए प्रेरित करें। समय से डेंगू की पहचान और इलाज हो जाए तो मरीज ठीक हो जाता है । डेंगू का वाहक मच्छर जब मरीज को काट कर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो उसमें भी बीमारी का संक्रमण हो जाता है । गर्भवती, ह्रदय रोगी और मधुमेह के मरीजों के लिए डेंगू जटिलताएं बढ़ा सकता है । इसलिए लक्षण दिखने पर अपने मन से दवा न खाएं। चिकित्सक की सलाह पर ही दवा लें। डेंगू के प्रमुख लक्षणों में आंखों के पुतलियों के पीछे दर्द, सिरदर्द, बुखार और हड्डियों में तेज दर्द शामिल हैं।
Oct 29 2024, 18:19