*भदोही के डिजिटल एक्स-रे की सुविधा न होने से मरीजों को हो रही परेशानी*
हर दिन हड्डी के मरीजों को सुविधा न होने से निजी सेंटरों का सहारा लेना पड़ता है,300 से 400 रुपए की आती है लागत
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही- दो से ढाई लाख मरीजों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने वाले जिला अस्पताल में डिजिटल एक्स-रे की सुविधा नहीं होने से हड्डी के मरीजों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। डिजिटल एक्सरे के लिए हर दिन कम से कम 20 से 25 मरीजों को निजी सेंटरों का सहारा लेना पड़ता है। अस्पताल में मैनुअल एक्स-रे होता है, लेकिन उसमें स्पष्टता का अभाव होता है।महाराजा चेतसिंह जिला अस्पताल में हर दिन 800 से 900 मरीजों की ओपीडी होती है।
यह जिले का सबसे बड़ा अस्पताल है। यहां दो से ढाई लाख लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने का जिम्मा है। जिला अस्पताल में डिजिटल एक्स-रे की सुविधा नहीं है। मैनुअल एक्स-रे की सुविधा तो है, लेकिन हड्डी समेत अन्य मामलों में चिकित्सक डिजिटल एक्स-रे कराने को कहते हैं। अस्पताल में हड्डी के चार डाॅक्टर हैं। यहां हर दिन 100 मरीज हड्डी के हैं। इससे कई मरीज ऐसे हैं। जिन्हें डिजिटल एक्स-रे की जरूरत होती है। हर दिन इस तरह के 20 से 25 मरीज होते हैं, लेकिन अस्पताल में डिजिटल एक्सरे की व्यवस्था न होने से उन्हें निजी सेंटर पर भेजा जाता है। जहां उन्हें एक एक्स रे 300 रुपये से अधिक का भुगतान करना होता है।
हाॅस्पिटल में दो महीने से डिजिटल एक्स-रे खराब
जिला अस्पताल में डिजिटल एक्स-रे न होने के कारण मरीजों को 100 बेड हाॅिस्पटल में लगे डिजिटल एक्स-रे कराने भेजा जाता था, लेकिन विडंबना है कि वहां की मशीन भी दो महीने से खराब हैं। ऐसे में निजी सेंटरों पर मरीजों का एक्स-रे कराने के अलावा तीमारदारों के पास कोई चारा नहीं होता।
अस्पताल में डिजिटल एक्स-रे नहीं बल्कि मैनुवल एक्स-रे की व्यवस्था है। इसका लाभ मरीजों को मिलता है, लेकिन डिजिटल एक्सरे के लिए अब सोचा जाएगा।
Oct 26 2024, 19:37