फरियादी आयुक्त को अपनी समस्या सुनाने के लिए देर शाम तक गेट पर आवेदन लेकर खड़े रहे, साहब दफ्तर से निकलते ही वाहन पर बैठ कर चले गए
गया/बाराचट्टी। सरकार के सरकारी अधिकारी या कर्मी लोगो के समस्या सुनने के लिए बहाल होते हैं ताकि समस्या को कम किया जा सके और सरकार के जन कल्याणकारी योजनाओं को जनता तक पहुंच सके लेकिन जब अधिकारी जनता को नजर अंदाज कर दे और समस्या को न सुने तो फिर सरकार के सरकारी सिस्टम और सरकारी तंत्र पर नाराजगी जाहिर होना स्वाभाविक है।
दरअसल बुधवार को मगध प्रमंडल आयुक्त और एडीएम गया प्रखंड मुख्यालय में किसी काम को लेकर बाराचट्टी आए थे, जहां उन्होंने अंचल अधिकारी के कार्यों का समीक्षा किया। साथ ही बीडीओ के कार्य को भी देखा। इस दौरान प्रखंड के विभिन्न पंचायतों के दर्जनों महिलाएं अपनी विभिन्न समस्याओं को लेकर प्रखंड कार्यालय के गेट पर घंटो समय तक मुख्यालय के कार्यलय में खड़ी रही, लेकिन जैसे ही आयुक्त प्रेम सिंह मीना प्रखंड के कार्यालय से निकले और सीधे गाड़ी में बैठ गए इस दौरान महिलाएं अपनी समस्या के लिए आवेदन देने के लिए कोशिश भी की लेकिन उनकी एक नही सुनी गई। जिसके बाद एडीएम गया भी बाहर निकले और गाड़ी में बैठ गए। हालांकि इस दौरान उन्होंने अंचलाधिकारी को निर्देशित किया और कहा इनके समस्या को देख ले।
इधर, प्रखंड अंतर्गत महुगायीन निवाशी बुर्जुग पार्वती देवी भी अपने जमीन के कागजात को लेकर बाहर खड़ी थी। जब उनसे संवाददाता ने पूछा किसलिए खड़ा है सर मिले या नही इसपर बोली की नही बाबू इतना दूर से हलियो, लेकिन बड़का साहब नही मिले, इहा के साहब से मिलके आवेदन देलियो अब का होतो नै पता। इधर सोभ के रिंकू देवी सहित दर्जनों महिलाओ के साथ कई लोग किसी काम को लेकर आवेदन देने आए थे लेकिन साहब नही मिले। इस दौरान कुछ लोगो के जमीन से जुड़े कागजात को अंचलाधिकारी ने देखा और संबंधित कर्मियों को जल्द से जल्द काम करने का निर्देश दिया।
रिपोर्ट: गणेश गुप्ता
Oct 23 2024, 21:35