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वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से मुख्य सचिव ने की विकास योजनाओं की समीक्षा
   हाजीपुरं जिले में चल रही विकास योजनाओं व विकास कार्यों को जल्द पूर्ण कराने का निर्देश दिया गया । मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्य सचिव ने योजनाओं की समीक्षा की गई ।समीक्षा के दौरान मुख्य सचिव ने पंचायत सरकार भवन के निर्माण जल्दी पूर्ण कराने का निर्देश दिया. साथ ही जिले में जन्म और मृत्यु के पंजीकरण के लक्ष्य के विरुद्ध 100% उपलब्धि हासिल करने का निर्देश दिया. समीक्षा के दौरान कृषि टास्क फोर्स की बैठक नियमित रूप से कराने तथा लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग को हर घर नल का जल योजना का कार्य समय पर पूरा कराने का निर्देश दिया गया.
   
       वहीं पंचायती राज से हस्तांतरित योजनाओं को भी चालू कराने का निर्देश दिया गया। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की समीक्षा के क्रम में पाया गया कि वैशाली जिला 86 प्रतिशत उपलब्धि के साथ शीर्ष पर है, जबकि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमइजीपी) की स्वीकृति में बहुत पीछे है. मुख्य सचिव ने इसमें तेजी लाने की जरूरत पर जोर दिया.
           प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, जो कि भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय द्वारा देश में रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए शुरू की गई एक क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी योजना हैं। इस योजना के तहत, लाभार्थियों को परियोजना लागत का 15% से  35% तक की सब्सिडी मिलती हैं।इस योजना के जरिए, ग्रामीण और शहरी इलाकों में पारंपरिक कारीगरों और युवाओं को रोजगार के अवसर मिलते हैं।

      प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना में 17 से अधिक शिल्पकार और पारंपरिक कामगार शामिल हैं।इस योजना के तहत विश्वकर्मा समुदाय के ट्रेनिंग और आर्थिक सहायता प्राप्त कर सकते हैं। इसकी शुरुआत पिछले वर्ष 17 सितंबर को हुई थी।

जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम (RBD), 1969 के अधिनियम के साथ अनिवार्य हैं। इसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार पर हैं।इसमें जीवन के लगभग हर क्षेत्र जैसे कि शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश, मतदाता सूची में नाम, केंद्र और राज्य सरकारी नौकरियों में नियुक्ति, ड्राइविंग लाइसेंस तथा पासपोर्ट जारी करने इत्यादि के लिए जन्म प्रमाण-पत्र को अनिवार्य दस्तावेज बनाने का प्रस्ताव किया गया है।
पंचायत सरकार भवन
   पंचायत के कार्यो का सफल क्रियान्वयन के लिए कार्यालय भवन का होना आवश्यक हैं। इसके लिए बिहार सरकार द्वारा प्रत्येक पंचायत के दो मंजिला पंचायत सरकार भवन का निर्माण किया जाना हैं।      उन्होंने वैशाली जिले में टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए लालगंज गुरुद्वारा, नेपाली छावनी परि मंदिर, गांधी आश्रम, शारदा सदन पुस्तकालय, वैशाली गढ़, वैशाली चौमुखी महादेव, अभिषेक पुष्करणी,  पातालेश्वर मंदिर, कोनहारा घाट, चेचर, बरैला झील, गंगा-गंडक के संगम आदि स्थानों को पर्यटनस्थल के रूप में योजना तैयार करने का निर्देश संबंधित पदाधिकारियों को दिया. इस दौरान जिले के सभी कार्यपालक अभियंता, जिला योजना पदाधिकारी, जिला सूचना विज्ञान प्रौद्योगिकी पदाधिकारी आदि उपस्थित थे.
4008 हेक्टेयर में लगी फसल बर्बाद, किसानों से अनुदान के लिए मांगा गया आवेदन
14 अक्तूबर तक 1365 किसानों ने फसल क्षति अनुदान के लिए दिया आवेदन बाढ़ से सात करोड़ 10 लाख 75 हजार 40 रुपये की क्षति का लगाया गया है अनुमान हाजीपुर : जिले में गंगा नदी के तटवर्ती तीन प्रखंडों में आयी बाढ़ के कारण खरीफ फसल को हुई क्षति को देखते हुए सरकार ने बाढ़ पीड़ित किसानों को अनुदान देने की घोषणा की है. इसके लिए विभागीय स्तर पर फसल क्षति का आंकलन किए जाने के बाद कृषि विभाग ने किसानों से ऑनलाइन आवेदन मंगा रही है. जिला कृषि कार्यालय से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार हाजीपुर प्रखंड के एक पंचायत, राधोपुर प्रखंड के सभी 20 पंचायत तथा महनार के चार पंचायत बाढ़ प्रभावित घोषित किया गया है. इन प्रखंडों से 14 अक्टूबर तक कुल 1365 किसानों ने फसल क्षति अनुदान के लिए आवेदन दिया है. हालांकि आवेदन के लिए जिला कृषि कार्यालय से अंतिम तिथि की घोषणा नहीं की गयी है. विभाग द्वारा तीनों प्रखंडों में कुल 4008.12 हेक्टेयर भूमि पर बाढ़ के कारण फसल नुकसान होने का आंकड़ा सामने आया है. सरकारी आंकड़े के अनुसार बाढ़ के कारण किसानों को सात करोड़ 10 लाख 75 हजार 40 रुपये की क्षति का अनुमान लगाया गया है.
अधिकतम दो हेक्टेयर के लिए मिलेगी अनुदान की राशि : जिला कृषि कार्यालय के अधिकारी ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में किसानों को अधिकतम दो हेक्टेयर भूमि में लगे फसल के नुकसान के लिए ही अनुदान देय होगा. इसके लिए किसानों को
सिंचित क्षेत्र के लिए प्रति हेक्टेयर 17 हजार रुपये तथा वानिकी बहुवर्षीय फसल के लिए 22500 रुपये प्रति हेक्टेयर अनुदान दिया जाएगा. वहीं छोटे किसानों के लिए न्यूनतम अनुदान की राशि सिंचित भूमि के लिए 1000 रुपये तथा वानिकी बहुवर्षीय फसल के लिए 25 सौ रुपये अनुदान देय है. यह अनुदान सिर्फ किसान या किसान परिवार के लिए ही मान्य होगा. परिवार विभाजन की स्थिति में अलग-अलग भूमि के विवरण के आधार पर अनुदान की राशि दी जाएगी।
निबंधित किसानों को ही दिया जाएगा लाभजिला कृषि पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों के वैसे किसानों को ही अनुदान का लाभ मिलेगा जो कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर अपना निबंधन कराया है. रुपये की बाने में प्रा निवासी क आपके समय पु फॉर्म एसबी से 32 निकाल बंद ने 16 अनुदान आवेदन के लिए किसानों को अपना 13 अंकों का निबंधन  संख्या भरना अनिवार्य है, बताया गया कि अनुदान की राशि आधार से जुड़े की बैंक खाते में ही अंतरित की जाएगी. जिन किसानों का खाता आधार से लिंक नहीं होगा उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। आवेदन के अनुमोदन की जानकारी किसान को पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एसएमएस के माध्यम से दी जाएगी.
अनुदान के लिए खुद कर सकते हैं आवेदनजिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि बाढ़ से हुए फसल क्षति अनुदान के किसान ऑनलाइन आवेदन कर सकते है, इसके लिए किसान अपने मोबाइल, कंप्यूटर या नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते है. इसके लिए प्रखंड में स्थित ई-किसान भवन में निःशुल्क आवेदन करने की सुविधा दी गयी है. बताया गया कि कोई भी किसान कृषि विभाग के सरकारी बेवसाइट dbtagriculture.bibar.gov.in पर जाकर अपना आवेदन करेंगे.  सभी प्रविष्टी अपलोड करने के बाद ओटीपी आएगी. ओटीपी डालने के बाद आवेदन में भूमि का एलपीसी, जमाबंदी रशीद, संलग्न करना अनिवार्य है. जिसके बाद आवेदन सबमिट करते ही मोबाइल पर मैसेज प्राप्त हो जाएगा. जिसमें आवेदन संख्या अंकित होगी. जिसके बाद स्वतः आवेदन कृषि समन्वयक के लॉगिन पर सत्यापन के लिए अग्रसारित हो जाएगा.
4008 हेक्टेयर में लगी फसल बर्बाद , किसानों से अनुदान के लिए मांगा आवेदन
14 अक्तूबर तक 1365 किसानों ने फसल क्षति अनुदान के लिए दिया आवेदन बाढ़ से सात करोड़ 10 लाख 75 हजार 40 रुपये की क्षति का लगाया गया है अनुमान हाजीपुर : जिले में गंगा नदी के तटवर्ती तीन प्रखंडों में आयी बाढ़ के कारण खरीफ फसल को हुई क्षति को देखते हुए सरकार ने बाढ़ पीड़ित किसानों को अनुदान देने की घोषणा की है. इसके लिए विभागीय स्तर पर फसल क्षति का आंकलन किए जाने के बाद कृषि विभाग ने किसानों से ऑनलाइन आवेदन मंगा रही है. जिला कृषि कार्यालय से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार हाजीपुर प्रखंड के एक पंचायत, राधोपुर प्रखंड के सभी 20 पंचायत तथा महनार के चार पंचायत बाढ़ प्रभावित घोषित किया गया है. इन प्रखंडों से 14 अक्टूबर तक कुल 1365 किसानों ने फसल क्षति अनुदान के लिए आवेदन दिया है. हालांकि आवेदन के लिए जिला कृषि कार्यालय से अंतिम तिथि की घोषणा नहीं की गयी है. विभाग द्वारा तीनों प्रखंडों में कुल 4008.12 हेक्टेयर भूमि पर बाढ़ के कारण फसल नुकसान होने का आंकड़ा सामने आया है. सरकारी आंकड़े के अनुसार बाढ़ के कारण किसानों को सात करोड़ 10 लाख 75 हजार 40 रुपये की क्षति का अनुमान लगाया गया है. अधिकतम दो हेक्टेयर के लिए मिलेगी अनुदान की राशि : जिला कृषि कार्यालय के अधिकारी ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में किसानों को अधिकतम दो हेक्टेयर भूमि में लगे फसल के नुकसान के लिए ही अनुदान देय होगा. इसके लिए किसानों को
सिंचित क्षेत्र के लिए प्रति हेक्टेयर 17 हजार रुपये तथा वानिकी बहुवर्षीय फसल के लिए 22500 रुपये प्रति हेक्टेयर अनुदान दिया जाएगा. वहीं छोटे किसानों के लिए न्यूनतम अनुदान की राशि सिंचित भूमि के लिए 1000 रुपये तथा वानिकी बहुवर्षीय फसल के लिए 25 सौ रुपये अनुदान देय है. यह अनुदान सिर्फ किसान या किसान परिवार के लिए ही मान्य होगा. परिवार विभाजन की स्थिति में अलग-अलग भूमि के विवरण के आधार पर अनुदान की राशि दी जाएगी। निबंधित किसानों को ही दिया जाएगा लाभजिला कृषि पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों के वैसे किसानों को ही अनुदान का लाभ मिलेगा जो कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर अपना निबंधन कराया है. रुपये की बाने में प्रा निवासी क आपके समय पु फॉर्म एसबी से 32 निकाल बंद ने 16 अनुदान आवेदन के लिए किसानों को अपना 13 अंकों का निबंधन  संख्या भरना अनिवार्य है, बताया गया कि अनुदान की राशि आधार से जुड़े की बैंक खाते में ही अंतरित की जाएगी. जिन किसानों का खाता आधार से लिंक नहीं होगा उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। आवेदन के अनुमोदन की जानकारी किसान को पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एसएमएस के माध्यम से दी जाएगी. अनुदान के लिए खुद कर सकते हैं आवेदन    जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि बाढ़ से हुए फसल क्षति अनुदान के किसान ऑनलाइन आवेदन कर सकते है, इसके लिए किसान अपने मोबाइल, कंप्यूटर या नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते है. इसके लिए प्रखंड में स्थित ई-किसान भवन में निःशुल्क आवेदन करने की सुविधा दी गयी है. बताया गया कि कोई भी किसान कृषि विभाग के सरकारी बेवसाइट dbtagriculture.bibar.gov.in पर जाकर अपना आवेदन करेंगे.  सभी प्रविष्टी अपलोड करने के बाद ओटीपी आएगी. ओटीपी डालने के बाद आवेदन में भूमि का एलपीसी, जमाबंदी रशीद, संलग्न करना अनिवार्य है. जिसके बाद आवेदन सबमिट करते ही मोबाइल पर मैसेज प्राप्त हो जाएगा. जिसमें आवेदन संख्या अंकित होगी. जिसके बाद स्वतः आवेदन कृषि समन्वयक के लॉगिन पर सत्यापन के लिए अग्रसारित हो जाएगा.
सोनपुर मेले के लिए कोषांगों का किया गया गठन
मेले को इस बार कुछ अलग रूप देने के लिए डीएम कर रहे हैं मंथन डीडीसी, एडीएम समेत कई अधिकारियों को बड़ी जिम्मेदारी देने की तैयारी        विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला 2024 के आयोजन को लेकर दूसरी बैठक भी हो चुकी है.
पहली बैठक में मेले में सुरक्षा- सुविधा और परंपरा के साथ आधुनिकता के समावेश के बारे में बताया गया। मंदिर आरती का लाइव प्रसारण आदि। सोनपुर मेला 13 नवंबर से 14 दिसंबर तक होगा‌।इधर दशहरा भी लगभग समाप्त हो चुका है और अब मेले की तैयारी ने रफ्तार पकड़ ली है. डीएम तैयारी को लेकर हर दिन जानकारी ले रहे हैं. इसी कड़ी में उपविकास आयुक्त, एडीएम समेत कई बड़े अधिकारियों को बड़ी जिम्मेदारी दे दी गयी है.यानी मेला  आयोजन को लेकर गठित विभिन्न कोषांगों के लिए वरीय पदा‌धिकारियों की प्रतिनियुक्ति कर दी गयी है.

स्वागत समिति कोषांग होगा :

गठित विभिन्न कोषांगों के लिए प्रतिनियुक्त वरीय पदाधिकारियों का प्रमुख कार्य मेले में आये हुए विशिष्ट एवं गण्यमान्य अतिथियों का स्वागत करना होगा. मेले के उद्‌घाटन के अवसर पर सभी गण्यमान्य को सम्मानित करने का कार्य इस कोषांग द्वारा संपन्न किया जायेगा. इस कोषांग के वरीय पदाधिकारी के रूप में जिला बंदोबस्त पदाधिकारी संजय कुमार और नोडल पदाधिकारी के रूप में एसडीसी रतन परवेज बनाये गये हैं

उ‌द्घाटन एवं समापन समारोह आयोजन कोषांग:

इस कोषांग का मुख्य कार्य मेले का सुव्यवस्थित ढंग से समय पर उ‌द्घाटन एवं समापन कराना है. इसके वरीय पदाधिकारी के रूप में अपर समाहर्ता मुकेश कुमार और नोडल पदाधिकारी के रूप में जिला नजारत शाखा प्रभारी रवि प्रकाश रहेंगे.

सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजन कोषांग:

इस कोषांग का मुख्य कार्य प्रत्येक दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन कराना होगा. पर्यटन विभाग, कला संस्कृति एवं युवा विभाग तथा सूचना एवं जनसंपर्क विभाग से समन्वय स्थापित कर सांस्कृतिक कार्यक्रम से संबंधित सभी कार्यों का निष्पादन ससमय करना सुनिश्चित करना भी होगा. साथ ही संपूर्ण मेला अवधि अर्थात 32 दिनों के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजन के लिए विस्तृत समय सारणी का प्रकाशन करना होता है. मेला अवधि में आयोजित होनेवाले सांस्कृतिक कार्यक्रम की रूपरेखा समय पर तैयार कर इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार करना सुनिश्चित करना भी होता है. इस कोषांग के वरीय प्रभारी के रूप में उपविकास आयुक्त सारण जितेंद्र कुमार पाल और नोडल पदाधिकारी के रूप में डीआरडीए निदेशक कयूम अंसारी रहेंगे.

साफ-सफाई व पेयजल आपूर्ति कोषांग :

सफाई व्यवस्था को सुचारु रूप से संपन्न कराने के उद्देश्य से संपूर्ण मेला क्षेत्र को कई जोन और सब जोन में बांटते हुए साफ-सफाई करानी होती है.इस कोषांग के वरीय पदाधिकारी के रूप में डीडीसी जितेंद्र कुमार पाल ही रहेंगे और नोडल पदाधिकारी के रूप में अनुमंडलीय लोग शिकायत कोषांग सोनपुर नूरी परवीन रहेंगी.



वैरिकेडिंग, समान घाट निर्माण और घाट सुरक्षा कोषांग:

सोनपुर मंडक नदी के सभी घाटों एवं पहलेजा घाट में स्नान घाट निर्माण एवं इसकी सुरक्षा के लिए बैरिकेडिंग का कार्य जिला प्रशासन द्वा कराया जाता है.इस कोपांग का प्रमुख कार्य बैरिकेडिंग के लिए चिक्षित क्षेत्र एवं संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षात्मक कार्यों की सतत निगरानी करना होता है. इस कोषांग के वरीय पदाधिकारी के रूप में अपर समाहर्ता मुकेश कुमार और नोडल पदाधिकारी के रूप में जिला आपूर्ति पदाधिकारी होंगे।

सरकारी-गैर सरकारी प्रदर्शनी स्टॉल व दुकान अनुश्रवण कोषांग :

इसके पदाधिकारी सरकारी प्रदर्शनी या स्टॉल नखास क्षेत्र में पूर्व से कर्णाकित स्थल पर लगवाते हैं. प्रभारी पदाधिकारी, पर्यटन विभाग, इवेंट मैनेजर से समन्वय स्थापित कर संबंधित विभागों, संस्थाओं को प्रदर्शनी स्टॉल लगाने के लिए अनुमति देने के समय इनके गुणवत्ता पर विशेष ध्यान रखते हैं. इस कोषांग के पदाधिकारी के रूप में एडीएम और नोडल पदाधिकारी प्रभारी पदाधिकारी जिला राजस्व शाखा होंगे.
      इन कोषांगों के भी पदाधिकारी हुए तैनात :

प्रचार-प्रसार विज्ञापन एवं मीडिया कोषांग भी बनाया गया है. इस कोषांग के वरीय पदाधिकारी के रूप में डीडीसी और नोडल पदाधिकारी के रूप में जिला जनसंपर्क पदाधिकारी बनाये गये हैं.
एक सीएसआर कोषांग का भी गठन किया गया है. इस कोषांग के वरीय पदाधिकारी के रूप में डीडीसी और नोडल पदाधिकारी के रूप में जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी रवि प्रकाश होंगे. शुरू के तीन कोषांगों के कार्यों का सतत अनुश्रवण सोनपुर एसडीओ करते रहेंगे।
एटीएम कार्ड जारी किया गया : मंत्री
     कृषि में युवाओं की भागीदारी विषय पर लालगंज में आयोजित सेमिनार के दूसरे दिन सहकारिता बैंक का एटीएम कार्ड जारी किया गया। कार्यक्रम में सहकारिता मंत्री डॉ प्रेम कुमार शामिल हुए। सहकारिता, वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने कहा कि राज्य के सभी जिलों में सहकारिता बैंक खोला जा रहा है, जिससे किसानों का काम काफी आसान होगा.     कृषि में युवाओं की भागीदारी के कार्यक्रम को लेकर मंत्री ने कहा कि इस तरह का कार्यक्रम गांव में पहली बार आयोजित हो रहा हैं। इसके लिए ममता महिला किसान क्लब को हर संभव मदद का भरोसा दिया। मंत्री ने ममता महिला किसान के गठन और कृषि में युवाओं की भागीदारी पर अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के लिए जागृति कला केंद्र के सचिव व राष्ट्रीय कृषि शिक्षा विशेषज्ञ अभय नाथ सिंह को बधाई।         अंतरराष्ट्रीय सेमिनार कार्यक्रम में आनलाइन माध्यम से बोस्टन, यूएसए से डॉ अभिमन्यु ठाकुर, हांगकांग से डॉ ईशा गौरव, पीट्सबर्ग से डॉ मणि शेखर, प्रयागराज से डॉ अनुज कुमार मिश्रा, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर से डॉ रंजना कुमारी आदि ने भाग लिया।        कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए लालगंज विधायक  संजय कुमार सिंह ने कृषि और सहकारिता दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं।और कृषि हमारी आत्मा हैं। कार्यक्रम के संयोजक अभय नाथ सिंह ने कहा कि सेमिनार में कई वैज्ञानिक भी शामिल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि 20 सालों से अपने संसाधनों से गांव में कार्यक्रम किया जा रहा हैं। किसानों के सम्मान और कृषि को रोजगारपरक बनाना कार्यक्रम का उद्देश्य हैं।          इस अवसर पर केंद्रीय रेशम बोर्ड, असाम के वैज्ञानिक डॉ धर्मेंद्र कुमार जिज्ञासु, जिला सहकारिता पदाधिकारी श्यामानंद ठाकुर, प्रबंध निदेशक, अमृता ओझा, रंजन प्रसाद, उपाध्यक्ष राजीव कुमार सिंह, अमृतपुर पैक्स अध्यक्ष अखिलेश कुमार, लालगंज आत्मा के अध्यक्ष जितेंद्र कुमार सिंह उपस्थित थे.
वैशाली में आग लगने से 15 घर जलकर हुए राख

      वैशाली  प्रखंड क्षेत्र के मतैया पंचायत के माधोपुर राम गांव के वार्ड नम्बर 11 में अचानक आग लगने से दर्जनों घर जलकर खाक हो गई। इस घटना के संबंध में अंचलाधिकारी लवली सिंह ने बताया कि हल्का कर्मचारी की रिपोर्ट आने से असली तस्वीर सामने आएगी।

       पंचायत के  मुखिया राजकिशोर सिंह ने बताया कि आग सबसे पहले टुनटुन पंडित के घर में लगी और देखते ही देखते बिशनदेय पंडित, सुखु पंडित, विक्रम पडित, उदय पंडित, रामेश्वर पंडित, जवाहर पंडित, लालू पंडित, बालेश्वर पंडित सहित 15 घरों को आग ने अपने चपेट में से लिया।  घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार रविवार को संध्या 4 बजे के आसपास शाँट सर्किट से यदुनंदन पंडित के घर में आग लग गई और देखते-देखते दर्जनों घरों को आग ने अपने आगोश में ले लिया।

    वहीं इस घटना में लाखों रूपए मूल्य के अनाज, बर्तन, कपड़े, एवं नकद रुपए सहित सभी समान जलकर राख हो गया। अगलगी की इस घटना से चारों ओर चीख पुकार मच गई। देखते ही देखते सैकड़ों की संख्या में लोग ईकड़ा हो गए और आग पर काबू पाने का प्रयास किए।

      आग की सूचना पर तीन दमकल गाड़ी एवं ग्रामीणों के घंटों अथक प्रयास के बाद आग पर काबू पाया गया। स्थानीय लोगों द्वारा पंप सेट चलाकर मि‌ट्टी डालकरआग पर काबू पाया।


  शॉर्ट सर्किट से माघोपुर- गांव में लगी आग, छह घर जले

         बेलसर थाना क्षेत्र के माधोपुर राम गांव में रविवार को कुम्हार टोली में आग लगने की घटना से अफरातफरी मच गई। शॉर्ट सर्किट से आग गांव के अर्जुन पंडित के घर में लगी। देखते ही देखते आग की चपेट में सन्नी कुमार, विक्रम पंडित, रामेश्वर पंडित जवाहर पंडित वीरेंद्र पंडित आदि का घर आ गया। ग्रामीणों ने इसकी सूचना थाने को दी। शुरुआत में आसपास के लोगों ने आग पर काबू पाने की मशक्कत शुरू की, लेकिन आग बेकाबू होती जा रही थी। कुछ देर के बाद दमकल की गाड़ी ने आकर काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। तब तक  इनके घरों में रखें हजारों के समान जलकर राख हो चुके थे। पंडित सन्नी कुमार ने बताया कि घर में रखा पलंग, चौकी, बर्तन, वस्त्र, साईकिल और और अनाज सहित कई समान जल गए। इस संबंध में पीड़ित परिवारों ने सीओ वैशाली की आवेदन दिया है।

युवाओं को कृषि से जोड़ने के लिए तकनीक के आविष्कार की जरूरत : मंत्री

   
     लालगंज। लालगंज प्रखंड के पंचदमिया गांव में रविवार को तीन दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। कृषि में युवाओं की भागीदारी विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। स्वास्थ्य एवं कृषि मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि कृषि में अच्छी आमदनी के लिए नई-नई तकनीक का आविष्कार करने की जरूरत है। कृषि क्षेत्र में अच्छी आमदनी से युवा भी कृषि कार्य में आ पाएं।

       उन्होंने कहा कि हम बिहार में ही अच्छे बीज का उत्पादन करेंगें। जिससे अच्छे फसल का उत्पादन कर सकते हैं. किसान भाइयों को आने वाले समय में गेहूं के लिए हम मुफ्त में बीज देंगें। मशरूम उत्पादन का कीट एवं मधुमक्खी पालन के कीट का भी वितरण किया जा सकेंगें। सेमिनार में ओडिशा के नेशनल फिशरीज डेवलपमेंट बोर्ड, एनएफडीबी की स्मृति रेखा ने कहा कि मछली पालन से स्वरोजगार का रास्ता खुलेगा। उनका संस्थान इसका प्रशिक्षण देता है। जहां कोई भी युवा प्रशिक्षण लेकर इस व्यवसाय को कर सकता है.

              पूर्व कुलपति सुरेश प्रसाद सिंह ने कहा कि गांव में इस प्रकार का कार्यक्रम उन्होंने पहली बार देखा है। वे लगभग 22 देश में कई सेमिनारों में शामिल हो चुके हैं। लेकिन अभी तक गांव में इस प्रकार का कार्यक्रम न देखने को मिला है और न सुनने को। उन्होंने लोगों को बधाई देते हुए कहा कि यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
 
         कार्यक्रम की अध्यक्षता लालगंज के विधायक  संजय कुमार सिंह ने की। संचालन कृषि विभाग आत्मा के लालगंज के अध्यक्ष जितेंद्र कुमार सिंह ने किया। धन्यवाद ज्ञापन करते हुए जागृति कला केंद्र के सचिव डॉक्टर अभय नाथ सिंह ने करते हुए कहा कि संस्थान युवाओं को स्वरोजगार की राह दिखाता है.

       असम के रेशम सिल्क संस्थान से आये वैज्ञानिक डॉक्टर डीके जिज्ञासु वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के पूर्व महिला कुलपति प्रोफेसर सुरेश प्रसाद सिंह, भाजपा के जिला अध्यक्ष प्रेम सिंह कुशवाहा, राजद के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन।

    संयुक्त कृषि निदेशक सुधीर कुमार  जिला कृषि पदाधिकारी संजय कुमार, आत्मा के उप परियोजना सचिव निदेशक सियाराम साहू। आत्मा के सभी अधिकारी और कर्मचारी, ममता महिला किसान क्लब की सचिव ममता सिंह, किसान रामवीर चौरसिया आदि कार्यक्रम में मौजूद थे।
 
पर्यटकों को छठ में बिहार भ्रमण कराया जायेगाः नीतीश मिश्र
पटना :  राज्य सरकार छठ महापर्व के लिये विशेष टूर पैकेज तैयार कर रही है. बिहार आने वाले पर्यटकों को पूरे बिहार का टूर करवाया जायेगा और उन्हें छठ की महत्ता महसूस करायी 'जायेगी. यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. यदि बात केवल विदेशी पर्यटकों की करें, तो पिछले साल 5.46 लाख विदेशी पर्यटक आए थे और इस वर्ष जुलाई तक 2.67 लाख आ चुके हैं. ऐसे में विभाग की जवाबदेही भी बढ़ गयी है कि उन्हें बेहतर सुविधा दें.

     शुक्रवार को संवाद कक्ष में पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह जानकारी दी. इस दौरान उनहोंने कहा कि करीब 510 करोड़ की योजना से पर्यटकीय विकास कार्य कराए जा रहे हैं. इसमें से 135 करोड़ की योजना की स्वीकृति मिल चुकी है. इस पर भी जल्द ही काम शुरू कर दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में पर्यटन निगम के होटलों को आधुनिक बनाया जायेगा. फिलहाल पर्यटन निगम के बक्सर, कैमूर और सीतामढ़ी आदि जगहों पर होटलों में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवायी जा रही हैं. जल्द ही पटना में भी तीन फाइव स्टार होटल के निर्माण के लिए टेंडर निकाला जायेगा.

रोहतासगढ़ और मुंडेश्वरी में रोपवे का काम जल्द शुरू होगा मंत्री ने कहा कि रोहतासगढ़ और मुंडेश्वरी में रोपवे का काम जल्द शुरू होगा वन विभाग की स्वीकृति के इंतजार में इस कार्य में देरी हो रही थी. अब वन विभाग से क्लियरेंस मिल गयी है.

सीता जन्मस्थली के विकास की विशेष योजना नयी पर्यटन नीति से पर्यटन क्षेत्र में निवेश को मिलेगा बढ़ावा : सचिव

       पर्यटन मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सीता जन्मस्थली पुनौराधाम के विकास की विशेष योजना बनायी है. उसकी कनेक्टिविटी के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. पुनौराधाम के विकास के लिए 50 एकड़ भूमि अधिग्रहण का काम चल रहा है इसके लिए राशि भी स्वीकृति की जा चुकी है. उन्होंने कहा कि पितृपक्ष मेला में गयाजी आने वाले श्रद्धालुओं को भी बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं.

मेरा प्रखंड, मेरा गौरव दो अक्तूबर से
नीतीश मिश्र कहा कि दो अक्तूबर से मेरा प्रखंड, मेरा गौरव प्रतियोगिता शुरू हो रही है.

      पर्यटन सचिव लोकेश कुमार सिंह ने कहा कि नयी पर्यटन नीति से पर्यटन क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने बताया कि 120 करोड़ से गयाजी में धर्मशाला का निर्माण कराया जा रहा है. शिवहर के देकुल धाम के विकास पर 11.89 करोड़, खानकाह मुजीबिया पर 10.22 करोड़, जमुई के गरही डैम पर 10.78 करोड़ और देव सूर्य मंदिर के विकास पर 9.53 करोड़ खर्च किए जा रहे हैं.
पटना हाईकोर्ट ने मठ-मंदिरों के लिए दिया आदेश डीएम की अनुशंसा पर ही बनेंगे मठ-मंदिरों के न्यासी
पटना के मारुफगंज स्थित बड़ी देवी के मामले में सुनवाई के दौरान


पटना हाई कोर्ट ने मारूफगंज स्थित बड़ी देवी जी के प्रबंधक न्यास समिति को पुनर्गठित करने का आदेश पटना के डीएम और धार्मिक न्यास बोर्ड को दिया है। न्यायमूर्ति राजीव रॉय की एकलपीठ ने प्रहलाद कुमार यादव और अन्य की ओर से दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को यह आदेश दिया। साथ ही कहा कि संबंधित जिले के डीएम और अनुमंडल पदाधिकारी, अखबार में प्रकाशित विज्ञापन में आए इच्छुक नागरिक के अपराधिक इतिहास की पड़ताल कर बोर्ड को अनुशंसा भेजेंगे। न्यायमूर्ति रॉय ने धार्मिक न्यास बोर्ड की कार्यशैली पर नाराजगी जताई और कहा कि बोर्ड लगातार आपराधिक छवि के लोगों को न्यासी नियुक्त कर रहा है। इसलिए बोर्ड अब किसी को भी धार्मिक न्यास समिति का सदस्य बनाने के लिए केवल उन्हीं नामों पर विचार करेगा, जो संबंधित जिले के डीएम और अनुमंडल पदाधिकारी,
अखबार में प्रकाशित विज्ञापन में आए इच्छुक
नागरिक के अपराधिक इतिहास की पड़ताल कर बोर्ड को अनुशंसा भेजेंगे।23 जुलाई को पटना हाईकोर्ट ने बोर्ड ... से निबंधित सूबे के सभी सार्वजनिक मंदिर, मठ और ठाकुरबाड़ी को न्यास समिति के गठन के लिए दिशा-निर्देश जारी किया था, जिसमें संबंधित जिले के डीएम से जांचे-परखे हुए योग्य नागरिकों की अनुशंसा पर बोर्ड को कार्य करना था। मगर उक्त आदेश का अनुपालन बोर्ड ने मारूकगंज बड़ी देवी जी न्यास समिति के पुनर्गठन में नहीं किया। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि मारूफगंज बड़ी देवी जी जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक न्यास की एक स्थाई समिति को सुचारू कानूनी तरीके से गठित कराने का माकूल वक्त आ गया है। पटना डीएम को समिति का पदेन अध्यक्ष एवं पटना सिटी के अनुमंडल पदाधिकारी को उपाध्यक्ष और मालसलामी थाना प्रभारी को सदस्य होने का आदेश दिया। मामले की अगली सुनवाई 21 को होगी।

■ हाईकोर्ट ने आपराधिक छवि वाले न्यासियों को हटाने को कहा
■ पटना के जिलाधिकारी को हाईकोर्ट ने बड़ी देवी न्यास समिति का अध्यक्ष बनाया
■ सिटी एडीओ को उपाध्यक्ष और मालस्लामी थाना प्रभारी को सदस्य बनाया गया
बरैला झील के विकास की योजना बनाएं, टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए करें काम

हाजीपुर  शनिवार को डीएम यशपाल मीणा ने पदाधिकारियों के साथ करीब 1628 हेक्टेयर में फैले बरैला झील का निरीक्षण किया। बरैला झील हाजीपुर के जंदाहा व पातेपुर प्रखंड में स्थित हैं । वे डा सलिम अली जुब्बा सहनी झील, बरैला पक्षी आश्रयणी के बसघट्टा घाट लोमा पहुंचे. वहां वैशाली गंगा प्रहरियों और स्थानीय लोगों ने डीएम का अभिवादन किया.

  
      राज्य सरकार ने वर्ष 1997-98 में इसे पक्षी आश्रयणी घोषित किया था। इसे राज्य का एक आकर्षक पक्षी विहार  बनाने की योजना बनाई थी, लेकिन अब झील बरैला सूखने की कगार पर हैं। बारिश न होने के वजह से जगह जगह टीले उभर आये हैं। इसके अलावा नरकट जंगल की साफ- सफाई न होना। साइबेरियाई पक्षी का बसेरा हाजीपुर की झील बरैला विकास की बाट जोह रही हैं। बिहार के वैशाली जिले में पर्यटन के कई स्थल है उन्हीं में से एक है 30 किलोमीटर से अधिक क्षेत्रफल में फैली झील बरैला।

   
    इसके बाद नाव से बिहार राज्य आर्द्र भूमि प्राधिकरण के पूर्व सदस्य पर्यावरणविद पंकज कुमार चौधरी वन प्रमंडल पदाधिकारी अमित कुमार और एडीएम तथा दूसरे नाव पर एसडीएम महुआ के साथ पातेपुर और जंदाहा के अंचलाधिकारी सवार होकर झील का निरीक्षण किया.
   
     
  
   बरैला झील के निरीक्षण के दौरान स्थानीय लोगों द्वारा झील से संबंधित समस्याओं को लेकर अब तक हुई प्रशासनिक गतिविधियों के बारे में डीएम को बताया. साथ ही पक्षी बिहार के विकास और झील के जीवंतता को बचाए रखने के लिए झील में नरकट जंगलों की सफाई, झील में पानी आने के जलस्रोतों जैसे बाया नदी और करैला मन से झील तक नहरों का नवनिर्माण, जंदाहा पातेपुर अंचल अंतर्गत झील के  चतुर्दिक  रोड का निर्माण, बसघट्टा घाट पर पक्षी बिहार का मुख्य द्वार, पार्क, झील के अंदर वाच टावर समेत अन्य कार्य कराने की मांग की गयी.

    
      निरीक्षण के दौरान झील के महत्व के बारे में विस्तार से बताया गया। यह भी जाना गया कि ठंड के मौसम में कितनी बड़ी संख्या में साइबेरिया और अन्य मुल्कों के प्रवासी पक्षी यहां आकर बसेरा करते हैं.  वन प्रमंडल पदाधिकारी, वैशाली को निर्देश दिया गया कि वे इसके विकास के लिए समेकित योजना तैयार करें.  यहां इको टूरिज्म को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य करें. बताया गया कि सलीम अली जुब्बा सहनी पछी अभयारण्य में अक्टूबर से फरवरी महीने तक प्रवासी पक्षियों का डेरा रहता है. यह पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है. यहां साइबेरियन क्रेन, जांधिल, ओपन बिल स्टार्क जैसे पछी आते हैं.

  
     डीएम ने निरीक्षण क्रम में ग्रामीणों से भी बातचीत की. उन्होंने झील के विभिन्न स्थानों का भ्रमण किया और वहां की ऐतिहासिक और वर्तमान स्थिति का आकलन किया. उन्होंने स्थानीय लोगों से बरेला झील के संबंध में सांस्कृतिक एवं पुरानी जानकारियां हासिल की. निरीक्षण के दौरान अपर समाहर्ता बिनोद कुमार सिंह, महुआ एसडीओ किसलय कुशवाहा समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे.