अधूरी वक्फ मंशा : आवेदन 4000 हजार पार, स्कॉलरशिप 10 फीसदी को, वजह वक्फ किरायादारों की बदनीयत, जाने क्या है मामला
खान आशु
भोपाल। मप्र वक्फ बोर्ड ने तय किया, प्रदेशभर की संपत्तियों से मिलने वाली आमदनी का आधा हिस्सा शिक्षा पर खर्च किया जाएगा। इस मंशा को पूरा करने तैयारियां भी शुरू कर दी गईं। लेकिन बरसों से जारी लचर व्यवस्था ने फिर ठेंगा दिखा दिया। न मुतवल्लियों से निर्धारित रकम मिल पाई, न जरूरतमंद बच्चों को स्कॉलरशिप मिल पाई। शिक्षा की ललक पूरी करने 4 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स में से मप्र वक्फ बोर्ड महज 10 फीसदी बच्चों को ही स्कॉलरशिप मिल पाई है।
मप्र वक्फ बोर्ड ने राजधानी भोपाल में स्कॉलरशिप वितरण कार्यक्रम आयोजित किया। इस दौरान 244 लड़कियों और 110 लड़कों सहित कुल 354 स्टूडेंट्स को छात्रवृत्ति के चेक वितरित किए गए। जिला मुतवल्ली कमेटी के कार्यपालक अधिकारी डॉ. अकमल यज़दानी ने बताया कि स्कॉलरशिप के लिए इस वर्ष कुल 4003 आवेदन प्राप्त हुए थे। मेरिट के आधार पर 244 लड़कियां और 110 लड़कों सहित कुल 354 छात्रों का चयन किया गया, जिन्हें प्रोफेशनल कोर्सेस और पीएचडी तक की पढ़ाई के लिए सहायता प्रदान की गई।
बोर्ड अध्यक्ष ने बताई वजह
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद मप्र वक्फ बोर्ड अध्यक्ष डॉ.सनव्वर पटेल ने कहा कि औकाफ़-ए-आम्मा जिला मुतवल्ली कमेटी के अंतर्गत करीब 4 हजार किरायेदार मौजूद हैं। यदि समय पर इनसे किराया प्राप्त हो जाए तो वक़्फ़ की आमदनी का बेहतर उपयोग किया जा सकता है। इससे जन कल्याणकारी योजनाओं, विशेषकर शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण काम किए जा सकते हैं। डॉ पटेल ने बताया कि वक़्फ़ जायदाद की कुल आमदनी का 93 प्रतिशत मुतवल्लियों और प्रबंध समितियों के पास रहता है। जबकि महज 7 फीसदी राशि वक्फ बोर्ड में जमा होती है। डॉ सनव्वर पटेल ने बताया कि वक़्फ़ बोर्ड ने शिक्षा नीति के अंतर्गत आय का 50 प्रतिशत केवल शिक्षा पर खर्च करने का सर्कुलर जारी किया है, ताकि समाज के बच्चों को पढ़ाई के अधिक अवसर मिल सकें। लेकिन मुतवल्लियों से समय पर और उचित राशि जमा न होने से शिक्षा की मंशा पूरी नहीं हो पा रही है। डॉ. पटेल ने कहा कि शिक्षा ही वह नींव है, जो किसी भी समाज के उज्ज्वल भविष्य की गारंटी होती है। मध्यप्रदेश वक़्फ़ बोर्ड समाज के कमज़ोर वर्गों की शिक्षा के लिए समर्पित रहा है, और इस स्कॉलरशिप वितरण का उद्देश्य केवल वित्तीय सहायता प्रदान करना नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग को शिक्षा के महत्व का एहसास कराना भी है। डॉ. पटेल ने कहा कि वक़्फ़ बोर्ड द्वारा चलाई जा रही योजनाओं जैसे विधवा पेंशन, गरीबों की आर्थिक सहायता और बेटियों की शादी के लिए तोहफे, सभी योजनाओं का मुख्य उद्देश्य समाज को हर स्तर पर सशक्त बनाना है।उन्होंने छात्रों को प्रेरित किया कि वे शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़कर समाज के लिए एक उदाहरण बनें और राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। इस अवसर पर
काज़ी-ए-शहर सैयद मुश्ताक अली नदवी, मुफ्ती-ए-शहर अबुल कलाम खान कासमी, भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष एम एजाज खान , जिला अध्यक्ष शहरयार अहमद शेरू, वक्फ जिला कमेटी अध्यक्ष इरशाद अंसारी आदि भी मौजूद थे।
इस्लाम में शिक्षा को प्राथमिकता : उलेमा
समारोह में क़ाज़ी-ए-शहर सैयद मुश्ताक अली नदवी और मुफ्ती अबुल कलाम कासमी ने भी उपस्थित छात्रों को संबोधित किया। उन्होंने इस्लाम में शिक्षा की अनिवार्यता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस्लामी इतिहास में शिक्षा हमेशा से प्राथमिकता रही है। उन्होंने बच्चों को अपने समय का सदुपयोग कर अपनी शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी, ताकि वे एक अच्छे इंसान बनकर समाज और देश की सेवा कर सकें।
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भोपाल से खान आशु की रिपोर्ट
Oct 14 2024, 22:20