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जनजातीय कार्य मंत्री एवं प्रमुख सचिव की उपस्थिति में हुई उन्मुखीकरण कार्यशाला


जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने कहा है कि केन्द्र सरकार के 'धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान' में राज्य सरकार प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में समग्र विकास एवं लक्षित आबादी का कल्याण सुनिश्चित करेगी। उन्होंने अधिकारियों को इस अभियान को प्राथमिकता देने और सुनिश्चित करने के लिए कहा कि कोई भी पात्र जनजातीय परिवार/व्यक्ति इस अभियान के तहत मिलने वाले लाभों से कतई वंचित न रहे।

मंत्री डॉ. शाह बुधवार को प्रशासन अकादमी भोपाल में "धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान" की उन्मुखीकरण कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।

मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने प्रमुख सचिव डॉ. ई. रमेश कुमार के साथ विभागीय जिलाधिकारियों को अभियान के शीघ्र और प्रभावी क्रियान्वयन के लिए अपने प्रस्ताव शीघ्रता से प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।

उन्होंने कहा कि यह अभियान प्रदेश के जनजातीय समुदाय के जीवन स्तर को सुधारने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है, जिसमें हितग्राहियों की संतुष्टि को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।

मध्यप्रदेश के 51 जिलों के 267 विकासखंडों के 11 हजार 377 गांवों में इस अभियान का व्यापक रूप से संचालन किया जाएगा। अभियान का उद्देश्य प्रदेश की बड़ी जनजातीय आबादी को शासकीय सेवाओं एवं सुविधाओं का सीधा लाभ पहुंचाना है।

प्रमुख सचिव डॉ. ई. रमेश कुमार ने भी विभागीय अधिकारियों को विशेष रूप से अभिप्रेरित करते हुए इस अभियान के लक्ष्यों की पूर्ति कर लिए ठोस योजना बनाने और उनके क्रियान्वयन की दिशा में तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अभियान के दौरान अपने जिले के जनजातीय क्षेत्रों में अधिकाधिक मोबाइल मेडिकल यूनिट (एमएमयू) और जनजातीय बहु विपणन केन्द्र (टीएमएमसी) निर्माण के प्रस्ताव भेजें।

अभियान के प्रमुख लाभार्थी

अभियान से मध्यप्रदेश के 18 लाख 58 हजार जनजातीय परिवारों को लाभ मिलेगा, जिससे कुल 93 लाख 23 हजार जनजातीय आबादी को विभिन्न सेवाओं का प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त होगा। साथ ही तहत भारत सरकार के 17 लाईन मंत्रालयों/विभागों द्वारा प्रदान की जाने वाली 25 प्रकार की नागरिक सेवाओं और सुविधाओं को इन जनजातीय परिवारों तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाएगी, जिससे उनकी आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक स्थिति में सुधार हो सके।

अभियान के मुख्य उद्देश्य

जनजातीय समुदाय को स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छता, आजीविका, और बुनियादी सेवाओं की सुविधाओं तक पहुंच सुनिश्चित करना और जनजातीय क्षेत्रों में आधारभूत संरचनाओं का विकास इस अभियान का प्रमुख उद्देश्य है। शासकीय योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन और हितग्राहियों तक समय पर सेवाओं की उपलब्धता और जनजातीय परिवारों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए विशेष प्रयास इस अभियान के दौरान किये जायेंगे।

उल्लेखनीय है कि 'धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान' के अंतर्गत प्रदेश की जनजातीय आबादी के लिए पक्का घर, बेहतर शिक्षा, अच्छा स्वास्थ्य, शुद्ध पेयजल, स्वच्छता, शुचिता, कौशल विकास प्रशिक्षण और रोजगार जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जिससे जनजातीय समुदाय को समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जा सके।

मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने 10 शहरों में राउंड द क्लॉक (24X7) त्वरित विद्युत सुधार की सुविधा की शुरू

मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संचालक मंडल ने निर्णय लिया है कि अब भोपाल क्षेत्र अंतर्गत मुलताई, बासौदा, सिरोंज, ब्यावरा, इटारसी, पिपरिया नगर, रातीबड़ वितरण केन्द्र, आष्टा नगर तथा ग्वालियर क्षेत्र अंतर्गत राघौगढ़ नगर एवं करैरा नगर के बिजली उपभोक्ताओं को राउंड द क्लॉक (24X7) स्थानीय बिजली अवरोध अथवा घरेलू फॉल्ट होने पर बिजली कंपनी की रख रखाव टीम त्वरित विद्युत सुधार हेतु उपभोक्ता के घर दस्तक देगी। यह सुविधा अगले कुछ दिनों में ही इन शहरों और कस्बों के नागरिकों को मिलने वाली है। इसके अलावा भोपाल शहर के चांदबढ़ और ग्वालियर शहर के दीनदयाल नगर में वर्तमान में कार्यरत एक टीम के स्थान पर एक अतिरिक्त एफओसी टीम स्वीकृत की गई है।

मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक श्री क्षितिज सिंघल ने बताया है कि कंपनी ने व्हाट्सएप चेटबोट एवं उपाय ऐप के साथ ही अपने केन्द्रीयकृत कॉल सेन्टर 1912 की सेवाओं का विस्तार कर इन शहरों और कस्बों के लगभग 2 लाख से अधिक बिजली उपभोक्ताओं को बिजली संबंधी शिकायतें हल कराने की सुविधा उपलब्ध कराई है।

कंपनी के प्रबंध संचालक ने बताया है कि राउंड द क्लॉक (24X7) तीन शिफ्टों में पृथक-पृथक तकनीकी लाइन स्टॉफ की टीमें काम करेंगी। इसके लिए प्रत्येक शहर में 7 लाइन स्टॉफ को नियुक्त किया जाएगा। इसी प्रकार इन सभी टीमों के पास सभी उपकरणों से लैस वाहन होगा जो तीन शिफ्टों में काम करेगा। साथ ही इस टीम के पास एक अत्याधुनिक स्मार्ट फोन रहेगा जो कि कंपनी के केन्द्रीयकृत कॉल सेन्टर से जुड़ा रहेगा। प्रबंध संचालक का कहना है कि इन शहरों और कस्बों के नागरिकों को राउंड द क्लॉक (24X7) विद्युत सुधार की सुविधा मिलने से उपभोक्ता संतुष्टि में वृद्धि होगी साथ ही इन उपभोक्ताओं से राजस्व संग्रह में भी आसानी होगी।

मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने कहा है कि बिजली उपभोक्ताओं को व्यवधान रहित और गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के साथ ही उपभोक्ता सुविधाएं प्रदान करना कंपनी की प्राथमिकताओं में शामिल है और अंतिम छोर के विद्युत उपभोक्ता तक पर्याप्त वोल्टेज पर निर्बाध विद्युत आपूर्ति मिले इसी दिशा में कंपनी द्वारा निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं।

उज्जैन में स्थापित टेस्टिंग लेब को मिला राष्ट्रीय स्तर का प्रमाणीकरण, आत्म-निर्भर भारत की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उज्जैन में स्थापित टेस्टिंग लेब को नेशनल एक्रिडिएशन बोर्ड फार टेस्टिंग कालिब्रेशन लेबोरेटरीज (NABL ) प्रमाण पत्र मिला है।

आत्म-निर्भर भारत के उद्देश्य से कंपनी की जरूरत की विद्युत सामग्री की जांच के लिए अब इस तरह की एनएबीएल प्रयोगशाला स्थानीय स्तर पर ही होने से अन्यत्र सामग्री भेजने में लगने वाला समय, शुल्क बचेगा। कंपनी की प्रबंध निदेशक सुश्री रजनी सिहं और मुख्य महाप्रबंधक प्रकाश सिंह चौहान ने उज्जैन की लेब को आगामी चार वर्षों के लिए राष्ट्रीय स्तर का प्रमाण पत्र मिलने पर बधाई दी है।

अतिरिक्त मुख्य अभियंता आरके नेगी ने बताया कि उक्त लेब पांच करोड़ की लागत से उज्जैन के शंकरपुर में तैयार हुई है। यहां अत्याधुनिक तरीके से ट्रांसफार्मर, तार और केबल की टेस्टिंग की जाएगी, जांच रिपोर्ट भी ऑटोमेटेड़ जनरेटेड़ प्राप्त होगी।

उक्त लेब की स्थापना में विभागीय अधिकारी सोमनाथ मरकाम, अजीत लाल, अंशुल कारपेंटर, अमित कुमार का सरहानीय सहयोग रहा है। इस तरह की NABL प्रमाणीकरण वाली लेब इंदौर स्थित पोलोग्राउंड मुख्यालय में पहले से ही कार्यरत है। NABL स्तर की लेब से न केवल कंपनी का कामकाज तेज होती है, बल्कि आर्थिक बचत भी होती है।

पुलिस से मिला सिर्फ आश्वासन, अब अदालत की शरण में मुस्लिम समुदाय, 21 को भोपाल न्यायालय में सुनवाई



भोपाल। पैगंबर हजरत मुहम्मद (सअस) को लेकर की गई अनर्गल टिप्पणी को लेकर अब मामला अदालत की दहलीज पर पहुंच गया है। राजधानी भोपाल से इस मामले को लेकर याचिका दायर की गई है। जिसपर 21 अक्टूबर को सुनवाई होगी। इससे पहले भोपाल समेत प्रदेशभर में पुलिस शिकायतें की गईं थीं। लेकिन जांच का हवाला देते हुए पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की है।

राजधानी भोपाल से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने बुधवार को पत्रकारवार्ता के दौरान कहा कि हमारा देश संविधान के साथ चल रहा है। जहां सभी धर्म के लोगों को रहने और अपने मजहब की आस्थाओं के साथ जीने का अधिकार है। किसी भी व्यक्ति को यह अधिकार नहीं है कि वह किसी दूसरे धर्म या उसके आराध्य को बुरा कहे। मसूद ने कहा कि हमारे देश की संस्कृति भी कभी इस तरह की नहीं रही। सर्वधर्म संभव पर रहने वालों ने हमेशा एक दूसरे के धर्म का सम्मान भी किया है और उनमें आस्था भी रखी है।

महंत नहीं इस ग्रह के

विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि महंत यति नरसिंहानंद इस ग्रह के नजर नहीं आते। उनके जीवन का एकमात्र उद्देश्य नफरत फैलाना है। अपनी इसी प्रवृत्ति के चलते वे हमेशा दूसरे मजहब का तिरस्कार करते रहते हैं। इस्लाम की आस्थाओं को आघात पहुंचाकर नरसिंहानंद खुद को सनातनी कहते हैं लेकिन वास्तविकता यह है कि वे सनातन को भी बदनाम कर रहे हैं।

21 को सुनवाई

मसूद ने बताया कि न्याय की उम्मीद के साथ मुस्लिम समुदाय ने जगह जगह पुलिस शिकायत की हैं। उन्होंने खुद भी पुलिस कमिश्नर से मिलकर इस बारे में शिकायत दर्ज कराई थी। मसूद ने कहा कि जांच का हवाला देते हुए अब तक किसी भी शिकायत पर FIR दर्ज नहीं की गई है। इस स्थिति को देखते हुए भोपाल न्यायालय में महंत यति नरसिंहानंद के खिलाफ वाद दायर किया गया है। जिसपर पहली सुनवाई 21 अक्टूबर को होगी। शहर के वरिष्ठ अधिवक्ता दीपक बुंदेला इस मामले की पैरवी कर रहे हैं। मसूद ने कहा कि न्याय पालिका में हमारी पूरी आस्था और भरोसा है। निश्चित ही वहां से नरसिंहानंद को उनके कर्मों की सजा मिलेगी। साथ ही ऐसी तहरीर भी अदालत स्थापित करेगी, जिससे भविष्य में कोई भी सिरफिरा इस तरह की गुस्ताखी न करे।

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छात्रावासों व आश्रमों के संचालन के लिए एक दिवसीय समीक्षा बैठक सह कार्यशाला में दिए निर्देश


जनजातीय कार्य, लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन तथा भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने बुधवार को जनजातीय कार्य विभाग के अधीन छात्रावासों एवं आश्रमों के संचालन संबंधी समीक्षा बैठक सह कार्यशाला को संबोधित किया। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य विभागीय छात्रावासों एवं आश्रमों का सुव्यवस्थित संचालन एवं यहां रहने वाले विद्यार्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना था। कार्यशाला में सभी विभागीय जिलाधिकारियों की सहभागिता रही।

मंत्री डॉ. शाह ने विभागीय अधिकारियों को छात्रावासों एवं आश्रमों का अनिवार्य व नियमित रूप से निरीक्षण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि छात्रावासों में रहकर अध्ययन कर रहे विद्यार्थियों के स्वास्थ्य का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि सभी छात्रावासी विद्यार्थियों के हेल्थ कार्ड बनाये जायें, जिनमें उनके ब्लड ग्रुप एवं अन्य स्वास्थ्य संबंधी जानकारियां दर्ज की जायें। विद्यार्थियों के स्वास्थ्य कार्ड में सिकल सेल एनीमिया टेस्ट की रिपोर्ट भी सम्मिलित की जाए। निकटतम सरकारी अस्पताल की एक नर्स द्वारा हर माह छात्रावास के विद्यार्थियों की स्वास्थ्य जांच की जाए। इस स्वास्थ्य जांच की रिपोर्ट भी विद्यार्थियों के हेल्थ कार्ड में दर्ज की जाएगी।

बैठक में प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य डॉ. ई. रमेश कुमार, विभागीय संभागीय उपायुक्त, मंत्री डॉ. शाह ने विभागीय अधिकारियों को छात्रावासी बच्चों पर विशेष ध्यान देने तथा बच्चों की सुरक्षा संबंधी निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों से विद्यार्थियों के शारीरिक एवं मानसिक विकास में सुधार होगा।

मंत्री डॉ. शाह ने कहा कि छात्रावासी विद्यार्थियों की अच्छी सेहत और बेहतर शिक्षा सरकार की प्राथमिकता है। विशेष प्रयासों से विद्यार्थियों का समग्र विकास सुनिश्चित किया जाएगा।

कार्यशाला में उन्होंने छात्रावास संचालन से जुड़ी सभी जरूरी आवश्यकताओं, मापदंडों, सुरक्षा मानकों, साफ-सफाई, बाल सुरक्षा अभियान व अन्य विषयों पर विस्तार से चर्चा कर समुचित दिशा-निर्देश दिये।

मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता के लिए हुई वॉकथान,30 अक्टूबर तक मनाया जाएगा मानसिक स्वास्थ्य माह

विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के तारतम्य में 09 अक्टूबर को मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता हेतु वॉकथान का आयोजन जयप्रकाश जिला चिकित्सालय से किया गया। रैली को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ प्रभाकर तिवारी द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया । कार्यक्रम में उपसंचालक मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम डॉ शरद तिवारी, नोडल अधिकारी डॉ राजेंद्र बैरागी सहित चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ, एन जी ओ शामिल हुए। कार्यक्रम में माइंड कैफे संस्था द्वारा मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए विभिन्न गतिविधियां करवाई गईं। संस्था द्वारा मानसिक स्वास्थ्य की दिशा में विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 10 अक्टूबर को मनाया जाएगा। यह दिन वैश्विक स्तर पर मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और मानसिक स्वास्थ्य के समर्थन में प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम 'मानसिक स्वास्थ्य को कार्यस्थल पर बढ़ावा देने' से संबंधित है, जो कि कार्यस्थल में मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर केंद्रित है।

इस अवसर पर डॉक्टर प्रभाकर तिवारी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के निरंतर प्रयासों से शारीरिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता में वृद्धि हुई है, किंतु मानसिक स्वास्थ्य के प्रति और अधिक जागरूकता की जरूरत है। इस दिशा में शासन द्वारा मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है।

गर्भवती एवं धात्री महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य की आवश्यकता को देखते हुए भोपाल जिले में पहली बार मानसिक स्वास्थ्य परामर्श की सुविधा शुरू की गई है। जिला चिकित्सालय में संचालित मनकक्ष के माध्यम से विशेषज्ञों द्वारा परामर्श दिया जा रहा है। मानसिक अथवा भावनात्मक समस्या के निशुल्क परामर्श की सुविधा 14416 अथवा 18008914416 पर उपलब्ध है ।यह हेल्पलाइन सुविधा 24x7 संचालित रहती है।

10 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक मानसिक स्वास्थ्य माह का आयोजन किया जाएगा। जिसमें मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं हेतु स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जाएगा। इन शिविरों में स्क्रीनिंग , उपचार एवं परामर्श सेवाएं दी जाएगी। मानसिक समस्या से ग्रस्त व्यक्तियों के देखभालकर्ताओं हेतु जागरूकता सेमिनार आयोजित किए जाएंगे। गर्भवती एवं धात्री महिलाओं के लिए विशेष मानसिक स्वास्थ्य स्क्रीनिंग शिविर आयोजित होंगे । कार्य स्थल पर मानसिक स्वास्थ्य के महत्व के विषय पर उन्मुखीकरण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।

MLB कॉलेज में कबड्डी मुकाबला, नर्मदापुरम को पछाड़कर भोपाल ने मारी बाजी

भोपाल। शिक्षा और स्वास्थ्य का तालमेल बनाए रखने सतत प्रयास किए जा रहे हैं। एमएलबी कॉलेज इस परम्परा को निभाने में लगातार आयोजन करता रहता है। इसी कड़ी में संभाग स्तरीय महिला कबड्‌डी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। करीब 7 टीमों की मौजूदगी में विजेता खिताब भोपाल के सिर पर रखा गया। 

शासकीय महारानी लक्ष्मीबाई कन्या स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय में संभाग स्तरीय महिला कबड्‌डी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। मैच का शुभारंभ सरस्वती वंदना से किया गया। प्रतियोगिता में कुल 7 टीमों ने भाग लिया। जिसमें नर्मदापुरम, सीहोर, रायसेन, राजगढ़, विदिशा, बेतूल जिलों की टीमों ने अपना प्रदर्शन किया।

ऐसे चला चक्र

प्रतियोगिता का पहला मैच सीहोर और राजगढ़ के बीच हुआ। जिसमें सीहोर 31-1 प्वाईंट के साथ विजेता रहा। इसके बाद दूसरा मैच विदिशा और रायसेन के बीच हुआ। जिसमें विदिशा 31-4 प्वाईंट के साथ विजेता रहा। तीसरा मैच भोपाल और बैतूल के बीच हुआ। जिसमें भोपाल 32-1 प्वाईंट के साथ विजेता रहा।

विजय मुकाबला 

प्रतियोगिता के अगले चरण में 

सेमीफाइनल मैच पहले विदिशा और नर्मदापुरम के बीच हुआ। जिसमें नर्मदापुरम 28-18 के स्कोर से जीत हासिल की और फाइनल में अपनी जगह पक्की की। इसके बाद दूसरे सेमीफाइनल में भोपाल और सीहोर के बीच हुआ। जिसमें भोपाल 32-08 के स्कोर के साथ जीत हासिल की और फाइनल में प्रवेश किया। इस आधार पर फाइनल मैच भोपाल और नर्मदापुरम के बीच हुआ, जिसमें भोपाल ने 35-31 के स्कोर के साथ मैच जीतकर बेहतर प्रदर्शन किया। जबकि उपविजेता नर्मदापुरम रहा। 

इन्हें भी सराहा

बेस्ट डिफेंडर बेस्ट रेडर चांदनी, भोपाल पुष्पा राजपूत, नर्मदापुरम बेस्ट ऑलरांउडर ज्योति भाटी, भोपाल प्रतियोगिता के निर्णायक मप्र के अमेच्यर रहे। प्रतियोगिता के अन्त में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. आरके अग्रवाल ने विजेता और उपविजेता टीम को पुरस्कार व प्रमाण-पत्र दिए। इसके बाद महाविद्यालय की क्रीडा अधिकारी डॉ. ग्रेस. एस. सिंह ने आभार व्यक्त किया तथा विजेताओं को बधाई दी और खेल के प्रति उनके उत्साह और प्रतिबद्धता के लिए सभी प्रतिभागियों की सराहना की। उन्होंने इस तरह के सफल आयोजन की मेज़बानी करने पर गर्व व्यक्त किया और खेलों में टीमवर्क और अनुशासन के महत्व पर जोर दिया।

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MP News : राजधानी से निकलेगी शिक्षा की नई तहरीर, तीन दिन का आयोजन नवंबर में, जानें क्या है पूरा आयोजन


भोपाल। झीलों, पहाड़ियों, हरियाली और सुकून भरे वातावरण के लिए पहचाने जाने वाले शहर भोपाल की एक तस्वीर इसकी संस्कृति और सभ्यता की भी है। शिक्षा को लेकर भी कई नवाचार इसके खाते में जमा हैं। अब एक नई तहरीर इस शहर के नाम लिखी जाने वाली है। शिक्षा के नए अध्याय के साथ यहां एक आयोजन किया जा रहा है। नवंबर माह में होने वाले इस तीन दिवसीय आयोजन को "सुतून ए इल्म" नाम दिया गया है।

आयोजक संस्थाओं ने में शामिल भोपाल सर्विंग ह्यूमैनिटी ने बताया कि शिक्षा को किया जाने वाला यह आयोजन शहर के लिए पहला भी होगा और नया भी। 9 से 11 नवंबर तक होने वाले इस आयोजन के दौरान सेमिनार, कांफ्रेंस, शैक्षिक प्रदर्शनी समेत कई सत्र होंगे। शिक्षा के क्षेत्र में शहर को उपलब्धियों से सजाने वाले लोगों का सम्मान भी इस दौरान किया जाएगा। "सुतून ए इल्म" नाम से आयोजित इस कार्यक्रम में देशभर की शिक्षा से जुड़ी हस्तियां शामिल होंगी। शहर के स्कूल, कॉलेजों के अलावा कोचिंग संस्थान से जुड़े स्टूडेंट्स के लिए विभिन्न प्रतियोगिताएं भी इस दौरान होगी। 

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर राजधानी से नजराना 

यह शिखर सम्मेलन भारत के राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के अवसर पर आयोजित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य शिक्षा और प्रौद्योगिकी क्षेत्र के अगुवाओं, नवाचारकों और पेशेवरों को एक मंच पर लाना है। सम्मेलन का एक व्यापक एजेंडा है। जिसमें प्रदर्शनी, सम्मेलन, शैक्षिक कार्यक्रम और शिक्षा में उत्कृष्टता को मान्यता देने के लिए पुरस्कार समारोह शामिल हैं। प्रतिभागियों को नेटवर्किंग सत्रों, B2B बैठकों में भाग लेने और शिक्षा के भविष्य को आकार दे रहे अत्याधुनिक उत्पादों और सेवाओं की खोज करने का अवसर मिलेगा।

इनका है सहयोग

भोपाल सर्विंग ह्यूमैनिटी, पेेस करियर प्लानर्स, ज़िस्ट4, PPE, और फॉस्टर ट्यूटोरियल के संयुक्त सहयोग से "सुतून-ए-इल्म" आयोजित किया जा रहा है। 

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अलगाववादी, आतंकवादी हैं नरसिम्हानंद, उन्हें पाकिस्तान भेज देना चाहिए, नाराज उलेमाओं ने की मांग


भोपाल। किसी भी व्यक्ति को किसी अन्य मजहब की आस्थाओं से खेलने का कोई हक नहीं है। महंत यति नरसिंहानंद तो उस शख्सियत को लेकर बारम्बार बदकलामी करते जा रहे हैं, जिन्हें सारी दुनिया में इंसानियत, भाईचारे और मुहब्बत का पैगाम लेकर भेजा गया था। हजरत मुहम्मद सअस सिर्फ इस्लाम के अगुआ नहीं हैं, बल्कि उन्हें रहमतुल आलेमीन यानी सारी दुनिया की अगुवाई करने के लिए भेजा गया था। नरसिम्हानंद द्वारा अपनाई जा रही क्रियाएं देश को विभाजित करने वाली हैं। उनकी राह किसी आतंकवादी से कम नहीं हैं। मुहब्बत, सद्भाव, भाईचारे के हमारे देश में ऐसे व्यक्ति की कोई जरूरत नहीं है। सरकार को चाहिए कि इस शख्स को देश निकाला देकर पाकिस्तान भेज देना चाहिए। 

राजधानी भोपाल से उलेमाओं ने यह मांग उठाई है। आशिकान ए रसूल, अहले सुन्नत वल जमात मप्र, समता समाधान पार्टी, अहले सुन्नत कौंसिल, उलेमा बोर्ड आदि सामाजिक एवं मजहबी संस्थाओं ने पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन सौंपने के बाद काजी सैयद अनस अली नदवी ने कहा कि महंत का काम लोगों को भलाई की ताकीद करना होता है। लोगों को जोड़ने और समाज में बेहतर माहौल बनाना उसकी जिम्मेदारी होती है। लेकिन महंत यति अपने कर्तव्य और दायित्व के विपरीत लोगों को तोड़ने, नफरत फ़ैलाने और देश विभाजन के हालात बना रहे हैं।

काजी अनस ने कहा कि यह काम आतंकवादियों के हैं। ऐसे लोगों को समाज में रहने का कोई अधिकार नहीं है। सरकार को चाहिए ऐसे लोगों को देश निकाला दें। उन्हें पाकिस्तान भेज दिया जाए ताकि वे अपने मिजाज के लोगों में रहकर काम कर सकें। इस मौके पर शहर के कई उलेमा और नागरिक मौजूद थे।

घोटालों की राजधानी बनी नर्सिंग काउंसिल, वरीयता सूची दरकिनार कर बनाया रजिस्ट्रार

भोपाल। मप्र नर्सिंग काउंसिल और घोटाले एक दूसरे के पर्यायवाची होते दिखाई देने लगे हैं। कुछ दिनों पहले यहां आई सीबीआई जांच की आंच अब तक ठंडी भी नहीं हुई है। यहां एक और नया घोटाला सामने आ गया है। यह घोटाला नर्सिंग काउंसिल में रजिस्ट्रार की नियुक्ति को लेकर सामने आया है।

जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश 

नर्सिंग काउंसिल में वर्तमान रजिस्ट्रार अनिता चांद को लेकर भारी बवाल मचा हुआ है।काउंसिल के रिकॉर्ड को देखें तो रजिस्ट्रार अनिता चांद सिनियर्टी लिस्ट में 46 वे स्थान पर आती हैं। वरीयता सूची में मौजूद 45 लोगों को दरकिनार करते हुए हुई उनकी नियुक्ति को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं।

रजिस्ट्रार अनिता चांद की नियुक्ति पर उठ रहे सवालों में एक और प्रश्न यह भी शामिल है कि विगत सत्र 2021-22 में नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने के लिए जो काउंसिल को निरीक्षण टीम बनाई गई, उनमें से एक टीम में खुद अनिता चांद शामिल रही हैं।

काउंसिल से जुड़े सूत्रों की मानें तो रजिस्ट्रार अनिता चांद ने भोपाल के कालेजों का निरक्षण किया और उनकी रिपोर्ट के आधार पर उनकी मान्यता वृद्धि की गई और जब उच्च स्तरीय जांच में उन्ही कालेजों का निरीक्षण किया गया तो वह अनियमितता वाले अनफिट निकले।

अब ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ऐसे दोषी और गैर जिम्मेदार को रजिस्ट्रार जेसे पद पर नियुक्त करने की क्या वजह रही है।

हालाकि इस मामले में जहां एक और विभागीय शिकायते हो रही है वही उक्त मामले में हाईकोर्ट में भी याचिका लगी हुई है।

जब इन सभी सवालों और आरोप के स्बंध में रजिस्ट्रार अनिता चांद से उनका पक्ष जानना चाह तो उन्होंने कहा की रजिस्ट्रार की नियुक्ति शासन स्तर पर हुई है आप को जो पूछना है समझना शासन से पूछिए।

बहरहाल अब देखना यह है की आने वाले दिनों में काउंसिल पर लगे घोटाले के दाग धुलते है या फिर और कोई एक नया घोटाला सामने आता है।