घोटालों की राजधानी बनी नर्सिंग काउंसिल, वरीयता सूची दरकिनार कर बनाया रजिस्ट्रार
भोपाल। मप्र नर्सिंग काउंसिल और घोटाले एक दूसरे के पर्यायवाची होते दिखाई देने लगे हैं। कुछ दिनों पहले यहां आई सीबीआई जांच की आंच अब तक ठंडी भी नहीं हुई है। यहां एक और नया घोटाला सामने आ गया है। यह घोटाला नर्सिंग काउंसिल में रजिस्ट्रार की नियुक्ति को लेकर सामने आया है।
जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश
नर्सिंग काउंसिल में वर्तमान रजिस्ट्रार अनिता चांद को लेकर भारी बवाल मचा हुआ है।काउंसिल के रिकॉर्ड को देखें तो रजिस्ट्रार अनिता चांद सिनियर्टी लिस्ट में 46 वे स्थान पर आती हैं। वरीयता सूची में मौजूद 45 लोगों को दरकिनार करते हुए हुई उनकी नियुक्ति को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं।
रजिस्ट्रार अनिता चांद की नियुक्ति पर उठ रहे सवालों में एक और प्रश्न यह भी शामिल है कि विगत सत्र 2021-22 में नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने के लिए जो काउंसिल को निरीक्षण टीम बनाई गई, उनमें से एक टीम में खुद अनिता चांद शामिल रही हैं।
काउंसिल से जुड़े सूत्रों की मानें तो रजिस्ट्रार अनिता चांद ने भोपाल के कालेजों का निरक्षण किया और उनकी रिपोर्ट के आधार पर उनकी मान्यता वृद्धि की गई और जब उच्च स्तरीय जांच में उन्ही कालेजों का निरीक्षण किया गया तो वह अनियमितता वाले अनफिट निकले।
अब ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ऐसे दोषी और गैर जिम्मेदार को रजिस्ट्रार जेसे पद पर नियुक्त करने की क्या वजह रही है।
हालाकि इस मामले में जहां एक और विभागीय शिकायते हो रही है वही उक्त मामले में हाईकोर्ट में भी याचिका लगी हुई है।
जब इन सभी सवालों और आरोप के स्बंध में रजिस्ट्रार अनिता चांद से उनका पक्ष जानना चाह तो उन्होंने कहा की रजिस्ट्रार की नियुक्ति शासन स्तर पर हुई है आप को जो पूछना है समझना शासन से पूछिए।
बहरहाल अब देखना यह है की आने वाले दिनों में काउंसिल पर लगे घोटाले के दाग धुलते है या फिर और कोई एक नया घोटाला सामने आता है।
Oct 08 2024, 23:28