*अधिकतर समितियां पर लटक रहे ताले,खाद के लिए किसान परेशान रबी सीजन के लिए डीएपी का स्टाॅक अभी से विभाग कर रहा तैयार*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। धान की फसल धीरे-धीरे तैयार होने की तरफ बढ़ गई है। बारिश के बाद इनका विकास तेजी से हो रहा है। ऐसे में उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए यूरिया खाद की जरूरत है। किसानों को सुगमता से निर्धारित रेट पर खाद की उपलब्धता हो, इसके लिए साधन सहकारी समितियों के जरिये वितरण की व्यवस्था है। अमर उजाला की टीम ने बृहस्पतिवार को कुछ समितियों का पड़ताल किया। जिसमें अधिकतर समितियों पर ताला लटका मिला। इधर किसान बारिश के बाद धान में यूरिया का छिड़काव करने के लिए निजी दुकानों पर भटक रहे हैं।जिले में करीब 30 हजार हेक्टेयर में धान की रोपाई की गई है। उम्मीद के हिसाब से बारिश नहीं हुई। हालांकि मानसून की विदाई होते-होते तीन से चार दिनों तक रुक-रुक कर बारिश हुई। इससे धान की फसलों को फायदा हुआ। किसानों को सहूलियत हो इसलिए सहकारी समितियों के माध्यम से डीएपी, यूरिया और एनपीके का वितरण किया जाता है। खरीफ सीजन में अबकी बार यूरिया की समस्या नहीं हुई, लेकिन सचिवों की लापरवाही से किसानों को यूरिया नहीं मिल पा रही है। Street buzz News की टीम शुक्रवार को वेदमनपुर और रोटहां समिति पर पहुंची। दोनों समितियों पर ताले लटक रहे थे। अभोली के शेरपुर गोपलहां में भी ताला बंद था। अभोली समिति पर खाद उपलब्ध थी, लेकिन यहां कोई किसान नहीं मिला। सहकारिता विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो 8384 एमटी यूरिया आई थी। जिसमें 616 एमटी का स्टॉक मौजूद है। पांच से सात टन हर समितियों पर मौजूद है। एआर सहकारिता राम प्रकाश ने बताया कि स्टॉक में 616 एमटी यूरिया, 535 एमटी डीएपी और 48 एमटी एनपीके मौजूद है। उन्होंने बताया कि आगामी रबी सीजन के लिए 3300 एमटी की डिमांड की गई है। गोपीगंज क्रय विक्रय सहकारी समिति लिमिटेड पर एक कर्मचारी मौजूद रहा। यहां के सभापति वीरेंद्र शुक्ला ने बताया हर प्रकार की खाद जैसे डीएपी, यूरिया, एन पी एस, जिंक सल्फेट, पोटाश समिति में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।
Oct 05 2024, 16:36