/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1505036062313766.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1505036062313766.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1505036062313766.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1505036062313766.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1505036062313766.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1505036062313766.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1505036062313766.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1505036062313766.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1505036062313766.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1505036062313766.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1505036062313766.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1505036062313766.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1505036062313766.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1505036062313766.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1505036062313766.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1505036062313766.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1505036062313766.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1505036062313766.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1505036062313766.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1505036062313766.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1505036062313766.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1505036062313766.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1505036062313766.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1505036062313766.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1505036062313766.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1505036062313766.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1505036062313766.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1505036062313766.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1505036062313766.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1505036062313766.png StreetBuzz भागलपुर में गंगा-कोशी का जलस्तर स्थिर, बाढ़ से हालात अभी भी भयावह Bihar
भागलपुर में गंगा-कोशी का जलस्तर स्थिर, बाढ़ से हालात अभी भी भयावह

डेस्क : बिहार के 12 जिले इनदिनों भयंकर बाढ़ की चपेट में है। आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार बाढ़ से तकरीबन 17 लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित है। प्रदेश के 88 प्रखंड के 479 ग्राम पंचायत में बाढ़ की हालत गंभीर बनी हुई है। भागलपुर जिलों में गंगा और कोशी का जलस्तर तो स्थिर है लेकिन बाढ़ की स्थिति अभी भी भयावह बनी हुई है। वहीं अगले दो दिनों में इन दोनो नदियों के जलस्तर मे फिर वृद्धि की संभावना जताई जा रही है।

मिली जानकारी के अनुसार नेपाल ने बीते शुक्रवार को भी कोसी बराहक्षेत्र, वीरपुर बराज और वाल्मिकी नगर बराज में पानी छोड़ा है। गुरुवार को भी पानी छोड़ा था। जिसका असर बिहार में बह रही गंडक, गंगा, कोसी, बागमती, सोन, फल्गु आदि नदियों के जलस्तर में दिख रहा है। हालांकि भागलपुर में गंगा और कोसी का जलस्तर स्थिर है, लेकिन जिले में बाढ़ अभी भी कायम है। इसको लेकर जल संसाधन विभाग ने भागलपुर को अलर्ट मोड में रहने को कहा है।

केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण सेल की रिपोर्ट में बताया गया है कि बराह क्षेत्र में शुक्रवार को कुल 1,99,825 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हुआ है। गुरुवार को 2,30,200 क्यूसेक डिस्चार्ज हुआ था। वीरपुर बराज में शुक्रवार को 2,95,680 क्यूसेक और गुरुवार को 3,10,270 क्यूसेक डिस्चार्ज किया गया। गंडकी वाल्मिकीनगर बराज में शुक्रवार को 2,01,900 क्यूसेक और गुरुवार को 1,88,100 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हुआ है। हालांकि अभियंता भागलपुर में स्थिति नियंत्रित बताते हैं।

कहलगांव में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर में स्थिर है। गंगा के जलस्तर में वृद्धि से बीरबन्ना पंचायत के अंठावन गांव में दो दर्जन घरों में फिर से पानी प्रवेश कर गया है। पंचायत समिति सदस्य गंगाधर राज ने बताया कि जिला एवं अंचल प्रशासन द्वारा बाढ़ पीड़ितों को राहत देने में असमर्थ रही है। अंचल अधिकारी सुप्रिया ने बताया कि प्रखंड के कुल 12 पंचायत में 11,000 परिवार के लोगों का जीआर राशि के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

पिछले दिनों नाथनगर के दियारा बहुल इलाकों से बाढ़ का पानी पूरी तरह से उतर गया था। लेकिन पिछले दो दिनों से एक बार फिर से बाढ़ ने दोबारा इलाके में दस्तक दे दिया है। नाथनगर में शुक्रवार को अचानक फिर से पानी बढ़ गया। पानी में वृद्धि होने से रत्तीपुर बैरिया पंचायत का अजमेरीपुर, श्रीरामपुर, रसीदपुर, गोसाईंदासपुर में लोगों को परेशानी हो रही है। श्रीरामपुर से गोसाईंदासपुर जाने वाले मुख्य सड़क पर फिर से बाढ़ का पानी चढ़ गया है। ऐसे में लोगों को फिर से बाढ़ आने की चिंता सताने लगी है। रत्तीपुर बैरिया पंचायत के सरपंच आशुतोष कुमार उर्फ रंजीत यादव ने बताया कि पानी घटने के बाद लोग धीरे-धीरे अपने घर को वापस लौट रहे थे। अचानक दोबारा इलाके में बाढ़ ने दस्तक दे दी है।

मुजफ्फरपुर में फर्जी लाइसेंस के साथ हथियार सप्लाई करने वाले तीन गिरफ्तार, एसटीएफ और जिला पुलिस टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए दबोचा

डेस्क : बिहार के मुजफ्फरपुर जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां एसटीएफ और मुजफ्फरपुर पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए फर्जी लाइसेंस के साथ हथियार सप्लाई करने वाले मुन्ना राय समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। तीनों फर्जी लाइसेंस के साथ बॉडीगार्ड की नौकरी कर रहे थे।

तीनों को सदर व ब्रह्मपुरा इलाके से गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से तीन 0.32 बोर की रेगुलर पिस्टल, एक 12 बोर की डीबीबीएल बंदूक, 52 जिंदा कारतूस, छह मैगजीन, तीन फर्जी आर्म्स लाइसेंस, एक फर्जी बीएसएफ पहचान पत्र व तीन मोबाइल बरामद किए गए हैं।

पुलिस सुत्रों के मुताबिक, गिरफ्तार मुन्ना राय और धनंजय चौबे पटना के एक बड़े कार शोरूम मालिक के पास बॉडीगार्ड की नौकरी कर रहा था। साथ में मुन्ना हथियार का फर्जी लाइसेंस और हथियार भी मुहैया कराने का काम कर रहा था।

बीते शुक्रवार को वह अपने मालिक के साथ मुजफ्फरपुर के बीबीगंज स्थित एक शोरूम के पास पहुंचा था। इसी दौरान पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। दोनों को सदर थाने लाया गया। वहां दोनों के लाइसेंस की जांच की गई, जो फर्जी पाए गए। इनके पास से ऑटोमेटिक रेगुलर पिस्टल बरामद की गई। वहीं, आलोक को ब्रह्मपुरा थाने पर लाकर उसके लाइसेंस की जांच में वह फर्जी पाया गया।

पटना में फर्जी तरीके से विदेश भेजने का चल रहा था धंधा, पीओआई की टीम ने इस एजेंसी के कार्यालय में छापेमारी कर किया खुलासा

डेस्क : राजधानी पटना से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां फर्जी तरीके से विदेश भेजने वाली एजेंसी का खुलासा हुआ है। विदेश मंत्रालय के पटना स्थित प्रोटेक्टर ऑफ इमिग्रेंट्स (पीओआई) कार्यालय ने महाराजा कामेश्वर कॉम्प्लेक्स के तीसरे तल्ले पर स्थित स्वाति इंटरनेशनल एजेंसी के दफ्तर पर छापा मारा। टीम ने यहां से 105 पासपोर्ट, फर्जी ऑफर लेटर, भारी संख्या में फर्जी मेडिकल दस्तावेज सहित अन्य दस्तावेज जब्त किए।

बताया जा रहा है कि पीओआई दफ्तर को लगातार शिकायत मिल रही थी कि पटना में एक एजेंसी पैसे लेकर लोगों को फर्जी तरीके से विदेश भेज रही है। उक्त शिकायत के बाद पीओआई की टीम ने राजधानी पटना के फ्रेजर रोड स्थित महाराजा कामेश्वर कॉम्प्लेक्स के तीसरे तल्ले पर स्थित स्वाति इंटरनेशनल एजेंसी के दफ्तर पर छापेमारी की। टीम ने यहां से 105 पासपोर्ट, फर्जी ऑफर लेटर, भारी संख्या में फर्जी मेडिकल दस्तावेज सहित अन्य दस्तावेज जब्त किए।

जब्त दस्तावेजों की छानबीन से पता चला कि यह एजेंसी गलत तरीके से न्यूजीलैंड, कतर, अजरबैजान, तुर्की आदि देशों में लोगों को भेजने के लिए रैकेट चला रही थी। एजेंसी के संचालकों के जो पेपर मिले हैं, उन पर उचित कार्रवाई तथा जांच की जा रही है। इस मामले में एजेंट, एजेंसी तथा मेडिकल लैब (पटना, सीवान, गोपालगंज तथा मुजफ्फरपुर) के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

60 हजार से डेढ़ लाख तक वसूलते थे लोगों से

बताया जा रहा है कि यह एजेंसी लोगों के पासपोर्ट जमा करा लेती थी। फिर मेडिकल जांच कराई जाती थी। इसके एवज में लोगों से 3000 से 10000 रुपये वसूले जाते थे। जब एजेंसी संचालकों को लगता था कि ये लोग पुलिस से नहीं मिले हैं तो इन्हें न्यूजीलैंड, कतर, अजरबैजान, तुर्की आदि देशों के फर्जी ऑफर लेटर थमाकर 60 हजार से डेढ़ लाख रुपये वसूल लेते थे। पैसे मिलने के बाद एजेंसी इनसे संपर्क बंद कर देती थी। इस तरह इनका काम चलता था। पीओआई के अधिकारियों का कहना है कि बिहार में विदेश मंत्रालय से पंजीकृत एजेंटों की संख्या मात्र 25 है। इसके माध्यम से लोग दूसरे देशों में काम करने जा सकते हैं।

राजधानी पटना में नही थम रहा डेंगू का कहर, फिर मिले 86 नए मरीज

डेस्क : राजधानी पटना में डेंगू का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। पूरे जिले में डेंगू पीड़ितों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। शुक्रवार को बीते 24 घंटे में पटना जिले में डेंगू के 86 नए मरीज मिले हैं। वहीं चिकनगुनिया के भी दो मरीज मिले हैं।

शुक्रवार को पाटलीपुत्र अंचल में सबसे अधिक 25 डेंगू पीड़ित मरीज मिले हैं। इसके अलावा बांकीपुर अंचल में 16, कंकड़बाग में 13, नूतन राजधानी अंचल में 14, अजीमाबाद में छह, दानापुर, फुलवारीशरीफ और पटना सिटी में दो-दो नए मरीज मिले हैं। पटना में शुक्रवार तक कुल डेंगू पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़कर 1784 पहुंच गई है।

इसी तरह बीते 24 घंटे के अंदर दो नये चिकनगुनिया पीड़ित भी चिह्नित किए गए हैं। चिकनगुनिया के कुल मरीजों की संख्या 74 हो गई है।

जदयू राज्य कार्यकारिणी की बैठक आज, सीएम सह पार्टी के राष्ट्रीय अध्य नीतीश कुमार पार्टी की नई राज्य कार्यकारिणी को पहली बार करेंगे संबोधित

डेस्क : जदयू प्रदेश कार्यालय में आज शनिवार को सुबह 11.30 बजे से राज्य कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई है। इसमें सभी मंत्री, सांसद, विधायक समेत करीब 400 नेता और पार्टी पदाधिकारी भाग लेंगे। वहीं मुख्यमंत्री सह जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार शनिवार को पार्टी की नई राज्य कार्यकारिणी को पहली बार संबोधित करेंगे। मुख्य रूप से वह मिशन 2025 की तैयारी और इसकी रणनीति पर जदयू नेताओं-कार्यकर्ताओं को दिशा-निर्देश देंगे।

जदयू के मिशन 2025 को देखते हुए यह बैठक बहुत ही अहम मानी जा रही है। इससे पहले 16 सितंबर को पार्टी प्रदेश कमेटी और जिलाध्यक्षों की बैठक प्रदेश कार्यालय में हुई थी। इसमें सभी नेताओं ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में वर्ष 2005 और 2010 से भी बेहतर सफलता 2025 विधानसभा चुनाव में प्राप्त करने का संकल्प लिया था।

आज शनिवार की बैठक में जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय कुमार झा, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा समेत तमाम मंत्री, पार्टी सांसद-पूर्व सांसद, विधायक-पूर्व विधायक, राज्यकारिणी सदस्य और जिलाध्यक्ष भाग लेंगे।

प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि मुख्य एजेंडा 2025 विधानसभा चुनाव है। बैठक में हमारे नेता नीतीश कुमार का जो भी निर्देश होगा, उसे पूरा करने में हम सभी जी-जान से जुट जाएंगे।

समस्तीपुर जिले के बाढ़ प्रभावित लोगों से मिले मंत्री अशोक चौधरी : महावीर चौधरी फाउंडेशन की ओर से राहत सामग्री का किया वितरण, प्रशासन को दिए यह सख्त निर्देश

डेस्क : बिहार के 12 जिले इनदिनों भयंकर बाढ़ की चपेट में है। आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार बाढ़ से तकरीबन 17 लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित है। प्रदेश के 88 प्रखंड के 479 ग्राम पंचायत में बाढ़ की हालत गंभीर बनी हुई है। सीतामढ़ी, अररिया, किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, मधुबनी, दरभंगा, समस्तीपुर शामिल है। सीएम नीतीश कुमार के साथ-साथ राजनेताओं का अब बाढ़ प्रभावित इलाको के दौरा करने का सिलसिला शुरु हो गया है।

इसी कड़ी में आज बिहार सरकार के ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी द्वारा निरीक्षण समस्तीपुर लोकसभा अंतर्गत कुशेश्वरस्थान के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों, जिनमें सुघराईन पंचायत, उसरी पंचायत और उजवा सीमर टोका पंचायत के विभिन्न गांव दौरा किया गया। इस दौरान उन्होंने बाढ़ प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को सुना। वहीं इस दौरान श्री चौधरी के नेतृत्व में महावीर चौधरी फाउंडेशन के द्वारा बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच राहत सामग्री का वितरण किया गया, जिससे उन्हें तत्काल मदद मिल सके।

वहीं नि:शुल्क सामुदायिक रसोई की जांच करते हुए मंत्री अशोक चौधरी ने यह सुनिश्चित किया कि वहां सभी प्रभावितों को भोजन मिल रहा है और किसी को भी कोई समस्या का सामना न करना पड़े। उन्होंने स्थानीय प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिए कि बाढ़ पीड़ितों की आवश्यकताओं की पूर्ति में कोई कमी न हो और समय रहते सभी जरूरी कदम उठाए जाएं।

अशोक चौधरी ने कहा कि बिहार सरकार इस आपदा की घड़ी में अपने लोगों के साथ मजबूती से खड़ी है। मुख्यमंत्री जी स्वयं लगातार सर्वेक्षण कर रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि सभी को समय पर सहायता मिले। बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुनर्वास के सभी आवश्यक कार्यों की सतत निगरानी की जा रही है, ताकि किसी भी व्यक्ति को किसी प्रकार की दिक्कत न हो।

कहा कि बिहार सरकार हर संभव प्रयास कर रही है कि बाढ़ प्रभावितों को जल्द से जल्द राहत प्रदान की जाए और उनकी सुरक्षा और जीवनयापन की स्थिति को सामान्य किया जा सके।

सरकार से मदद नहीं मिलने से बाढ़ पीड़ितों का टूटा सब्र : सड़क जाम कर किया जमकर हंगामा, पुलिस पर किया पथराव

डेस्क : बिहार के 12 जिले इनदिनों भयंकर बाढ़ की चपेट में है। आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार बाढ़ से तकरीबन 17 लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित है। प्रदेश के 88 प्रखंड के 479 ग्राम पंचायत में बाढ़ की हालत गंभीर बनी हुई है। सीतामढ़ी अररिया किशनगंज कटिहार पूर्णिया मधुबनी दरभंगा समस्तीपुर सुपौल मधेपुरा सहरसा गोपालगंज छपरा क्रिया पूर्वी चंपारण पश्चिमी चंपारण के 18 जिले में बाढ़ की हालत गंभीर बनी हुई है।

वहीं आज मुजफ्फरपुर में बाढ पीड़ितों को किसी तरह की सरकारी मदद नहीं मिलने से सब्र का बांध टूट गया और वे सड़क पर उतर आए। प्रशासन की बेरुखी से गुस्साएं बाढ़ पीड़ितों ने बांस बल्ला लगाकर बीच सड़क पर टायर जलाया और मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी रोड को जाम कर दिया। सरकार की बेरुखी से नाराज उग्र बाढ़ पीड़ितों ने इस दौरान पुलिस को खदेड़ा और पथराव किया। जिसके बाद पुलिस कर्मी वहां से जान बचाकर भागे। मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल को भेजा गया है।

लोगों का कहना था कि ये लोग सिर्फ फोटो खिंचवाने आते हैं लेकिन मदद नहीं करते। बाढ़ पीड़ितों के लिए किसी तरह की कोई व्यवस्था नहीं की गयी है। अधिकारी भी फोटो खींचवाने में मशगूल रहते हैं। लोगों का आरोप है कि बाढ़ पीड़ितों को खाना खिलाने से पहले आपदा प्रबंधन और मुजफ्फरपुर ओराई के पदाधिकारी ने अंगूठे का निशान लगवाया। बिना अंगूठा लगाये किसी को खाना तक नहीं दिया गया। इसी बात से लोग गुस्सा हो गये।

बता दें कि मुजफ्फरपुर ज़िले में जहां एक तरफ बीते दिनों बागमती नदी के जलस्तर में वृद्धि से ज़िले के औराई, कटरा और गायघाट प्रखंड के तकरीबन दो दर्जन से अधिक पंचायत पूरी तरह से बाढ़ से प्रभावित हो गया है, इसके बाद बाढ़ पीड़ित लोग ऊंचे स्थानों के साथ-साथ मुख्य सड़कों पर अपना आशियाना बनाए हुए हैं कई जगहों पर प्रशासन ने जो व्यवस्था की है वो मुकम्मल नहीं है।

हालांकि दो दिनों में बागमती नदी के जलस्तर में आई कमी के बाद लोगों ने ठीक से राहत की सांस ली भी नहीं थी कि औराई प्रखंड के रामखेतारी पंचायत में लखनदेई नदी का तटबंध टूट गया जिससे तकरीबन एक दर्जन पंचायत बाढ़ से प्रभावित हो गये तो वहीं दूसरी तरफ सीतामढ़ी में बीते दिनों बागमती नदी का तटबंध टूट गया था और जिसके आगोश में मुजफ्फरपुर के औराई प्रखंड के कई पंचायत आ गए थे तो यूं कहें कि औराई प्रखंड के लोगों को नदियों के त्रासदी का सामना करना पड़ा ऐसे में लोग पिछले कई दिनों से मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी NH 77 को अपना आशियाना बना रखे है और अपने बच्चे सपरिवार और मवेशियों को लेकर NH 77 किनारे ही अपना जीवन यापन कर रहे हैं।

दरभंगा के बाढ़ प्रभावित इलाकों और राहत शिविरों का सीएम नीतीश कुमार ने किया निरीक्षण, पीड़ितों के लिए किया यह बड़ा एलान

डेस्क : बिहार के 12 जिले इनदिनों भयंकर बाढ़ की चपेट में है। आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार बाढ़ से तकरीबन 17 लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित है। प्रदेश के 88 प्रखंड के 479 ग्राम पंचायत में बाढ़ की हालत गंभीर बनी हुई है। सीतामढ़ी अररिया किशनगंज कटिहार पूर्णिया मधुबनी दरभंगा समस्तीपुर सुपौल मधेपुरा सहरसा गोपालगंज छपरा क्रिया पूर्वी चंपारण पश्चिमी चंपारण के 18 जिले में बाढ़ की हालत गंभीर बनी हुई है।

बाढ़ प्रभावित जिलों में जिला प्रशासन की तरफ से तमाम तरह से राहत कार्य चलाए जा रहे हैं। खुद मुख्यमंत्री बाढ़ को लेकर एक्शन में हैं। वहीं बिहार में बाढ़ को लेकर हो रही सियासत के बीच आज शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दरभंगा पहुंचे, जहां उन्होंने बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया। वहीं उन्होंने बाढ़ पीड़ितों को दशहरा से पहले आर्थिक मदद का एलान भी किया।

मुख्यमंत्री राहत शिविरों में पहुंचे और एक-एक चीज की जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने पोलो मैदान स्थित इंडोर स्टेडियम में बाढ़ राहत फूड पैकेजिंग सेंटर का निरीक्षण करते हुए अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए हैं। फूड पैकेटिंग केंद्र का निरीक्षण करने के बाद सीएम नीतीश ने बिरौल अनुमंडल के बाढ़ प्रभावित इलाके का हवाई सर्वेक्षण किया। सर्वेक्षण के बाद सीएम बिरौल अनुमंडल के फोरा गाछी स्थित हेलीपैड से पुनौच गांव के लिए रवाना हो गए। इस दौरान उन्होंने पुनौच गांव में समुदाय किचन का निरीक्षण किया और सभी चीजों की जानकारी ली।

इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए बड़ा एलान किया है। सीएम ने कहा है कि दुर्गा पूजा से पहले सभी बाढ़ प्रभावित लोगों को सात-सात हजार अनुदान की राशि डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके बैंक खातों में भेज दिए जाएंगे। बिहार सरकार के मंत्री मदन साहनी ने इसकी पुष्टि की है। 9 अक्तूबर को पटना से लगभग 48000 बाढ़ पीड़ित के खाते में पैसे ट्रांसफर कर दिए जाएंगे।

बिहार में पिछले 20 सालों से जंगल राज बनाम सुशासन के नाम पर सियासत, क्या मुद्दाविहीन हो गया है सत्ता पक्ष और विपक्ष !

डेस्क : बिहार में अगले साल 2025 में विधान सभा चुनाव होने है। जिसकी तैयारी में प्रदेश के सभी राजनीतिक दल अभी से जुटे गए है। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनो ओर से आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी अब धीरे-धीरे चरम पर पहुंचने लगा है। सत्ताधारी एनडीए जहां अपने शासनकाल में चहुमुंखी विकास का दावा करता रहा है। वहीं विपक्ष प्रदेश की सत्ताधारी एनडीए पर सिर्फ हवाबाजी और जुमलेबाजी करने का आरोप लगाता रहा है। हालांकि दोनो पक्षों की ओर से अगला चुनाव का मुद्दा क्या होगा इसपर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। घूम फिरकर बात जंगलराज बनाम सुशासन पर आ जाती है। ऐसा लगता है कि प्रदेश के सत्ताधारी एनडीए और मुख्य विपक्षी पार्टी के पास अपराध और भ्रष्टाचार को लेकर एक-दूसरे के पास दूसरा कोई मुद्दा ही नहीं है।

बिहार में पिछले 19 वर्षों से बीच के कुछ साल छोड़ दिए जाए तो शासन एनडीए का रहा है। इस 19 साल के शासनकाल में एनडीए द्वारा प्रदेश में चंहुमुखी विकास के दावे किये जाते है। हालांकि कुछ हद तक उनके दावे में दम भी है। लेकिन पूरी तरह से उस दावे को सही नही कहा जा सकता है। इस बात का प्रमाण यह है कि वर्ष 2021 के नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार को हर मोर्चे पर फिसड्डी बताया गया। नीति आयोग की रिपोर्ट के बाद विपक्षी दल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पंद्रह साल के कार्यकाल पर सवाल खड़े किये थे। बिहार के इस परफॉरमेंस पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सीधे सीएम नीतीश की नीति को कटघरे में खड़ा किया था। हालांकि सत्ता पक्ष लगातार नीति आयोग की रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर रहा। जेडीयू और बिहार बीजेपी के नेता नीति आयोग की रिपोर्ट को बिहार के साथ नाइंसाफी बतलाया था।

2021 में जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे ललन सिंह ने नीति आयोग की रिपोर्ट पर सवाल खड़ा करते हुए कहा था कि बिहार के साथ नाइंसाफी की जा रही है। विभाजन के बाद बिहार में सिर्फ बालू, आलू और लालू ही बचे थे। खजाने लूट चुके थे, व्यवस्थाएं चौपट थीं। भौगोलिक स्थिति के कारण हर वर्ष आपदाओं का कहर भी है। ऐसे में गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल और गोआ जैसे संसाधनयुक्त प्रदेशों से नीति आयोग द्वारा बिहार की तुलना नाइंसाफी है।

वही अब जबकि अगले वर्ष चुनाव होने है तो सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनो ओर से आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरु हो गया है। विपक्ष प्रदेश में कानून-व्यवस्था को बड़ा मुद्दा बना रहा है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव एक रणनीति के तहत प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर रहे है। वे लगातार अपराध को लेकर बुलेटिन जारी कर रहे है। जिसमें वे हत्या, लूट और रेप के आंकड़े पेश कर रहे है। इसके पीछे की वजह को देखे तो ऐसा वे इसलिए कर रहे है कि सत्ता पक्ष हमेशा अपराध को लेकर एनडीए की शासन की तुलना लालू-राबड़ी के शासन काल से करता है। सत्ता पक्ष की बात करे तों कानून व्यवस्था पर जब उंगली उठने लगती है तो सत्ता पक्ष आरजेडी के शासन काल की याद दिलाता है। सत्ता पक्ष यह कहने लगता है कि विपक्ष को अपने 15 साल के शासनकाल को याद करना चाहिए। जनता उस जंगल राज को भूली नहीं है और दोबारा वह उस दौर को कभी नही आने देंगी।

लेकिन सत्ता पक्ष के ये दावे अब धीरे-धीरे खोखले पड़ते जा रहे है। आंकड़े बता रहे हैं कि बिहार का जो हाल अब है, वो काफी चिंताजनक है। बेखौफ अपराधियों से बिहार छलनी होता जा रहा है। हालांकि यह सही है कि 2005 में जब सीएम नीतीश कुमार ने सत्ता संभाली तब जंगलराज पर काबू पाना बड़ी चुनौती थी। पहले शासन काल में बहुत हद तक नीतीश सरकार कामयाब रही। लेकिन साल दर साल अपराध पर नियंत्रण कम होता गया। और आज हालात ये हैं कि लालू-राबड़ी के 15 साल के शासन काल को याद दिलाकर इसे झूठलाया नहीं जा सकता है।

इन सब के बीच सवाल यह है कि आखिर अपराध क्यों बढ़ रहे है। तो इसके जवाब में बुद्धिजीवियों का कहना है कि पहली बात यह है कि अपराध को पूरी तरह से खत्म नहीं किया जा सकता, लेकिन इसे नियत्रित जरुर किया जा सकता है। इसके लिए सबसे पहले रोजगार पर जोर देना होगा और राजनीतिक पार्टियों को भी अपनी सोच बदलनी होगी। क्योंकि राजनीतिक पार्टियां अपने फायदे के लिए अपराधियों को इस्तेमाल करती है। वही इनका कहना है कि बिहार मे जिस तरह से पक्ष और विपक्ष अपराध को मेन मुद्दा बनाते है वह सही नहीं है। जनता के लिए सिर्फ अपराध ही एक बड़ा मुद्दा नहीं है। इसके साथ भी कई अन्य बाते है जिसकी अपेक्षा सरकार से आम जनता को होती है।

ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आखिर कबतक प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी और विपक्षी पार्टी जंगलराज बनाम सुशान के नाम पर राजनीति करती रहेगी। क्या इससे हटकर दोनो के पास जनता की कोई और समस्या नहीं है जिसे वे अपना एजेंडा बना सके। क्या मुद्दाविहीन हो गया है बिहार का सत्ता पक्ष और विपक्ष !

बड़ी खबर : एनआईए पटना शाखा के डीएसपी घूस लेते गिरफ्तार, सीबीआई की टीम ने दबोचा

डेस्क ; बिहार से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां एनआईए पटना शाखा के डीएसपी और उनके दो एजेंट को घूस लेते गिरफ्तार किया गया है। उनकी गिरफ्तारी सीबीआई की विशेष टीम ने की है। बताया जा रहा है कि एनआईए पटना शाखा के डीएसपी अजय प्रताप सिंह और उनके दो एजेंटों को 20 लाख रुपए घूस लेते गया के पास से सीबीआई की विशेष टीम ने गिरफ्तार कर लिया है।

मिली जानकारी के अनुसार घूस की रकम पूर्व एमएलसी मनोरमा देवी के पुत्र रॉकी यादव की स्वामित्व वाली कंपनी रमैया कंस्ट्रक्शन के मामले की चल रही जांच को लेकर ली जा रही थी। रमैया कंस्ट्रक्शन के मालिक रॉकी यादव ने डीएसपी के खिलाफ घूस मांगने का आरोप लगाया था। जांच में इस शिकायत की पुष्टि होने के बाद कार्रवाई की गई है। इस मामले में गिरफ्तारी के बाद सीबीआई की टीम ने पटना, वाराणसी और गया में कई स्थानों पर तलाशी ऑपरेशन भी चलाया। इस दौरान सभी स्थानों से बड़ी संख्या में दस्तावेज बरामद किए गए। फिलहाल इस मामले की जांच चल रही है।

बताते चले कि एनआईए ने 19 सितंबर को मनोरमा देवी के गया स्थित ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस केस के आईओ सीनियर डीएसपी अजय प्रताप सिंह थे। सीबीआई के मुताबिक, डीएसपी ने आवेदक को 24 सितंबर को समन देकर 26 सितंबर को दफ्तर में बुलाया था। आरोप है कि इस दौरान उससे ढाई करोड़ रुपये की मांग की गई। दबाव में रॉकी ने 25 लाख रुपये देने की बात स्वीकार कर ली।