शिक्षकों के लिए आयोजित ट्रेनिंग प्रोग्राम में नैतिक मूल्यों और आधुनिक शिक्षा तकनीकों पर जोर
सम्भल तरबियत फाउंडेशन द्वारा आयोजित शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम संभल और आसपास के क्षेत्रों के शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण आयोजन साबित हुआ। इस कार्यक्रम में संभल और इसके आस-पास के क्षेत्रों के कई विद्यालयों के शिक्षक प्रिंसिपल और प्रबंधक शामिल हुए जो शिक्षण के क्षेत्र में नैतिक मूल्यों और आधुनिक तकनीकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर ध्यान केंद्रित करते हुए आयोजित किया गया था। कार्यक्रम की शुरुआत ज़िया-उर-रहमान बरकाती द्वारा हम्द व नाते पाक धार्मिक गीत से की गई जिन्होंने अपने मधुर स्वरों से पूरे वातावरण को अध्यात्मिक रंग में रंग दिया। उनके गीत ने उपस्थित शिक्षकों और अन्य मेहमानों को प्रेरित किया और कार्यक्रम का शुभारंभ एक आध्यात्मिक ऊर्जा के साथ हुआ
प्रथम मुख्य वक्ता बदर जमाल साहिल जो कि साहिल स्टडी पॉइंट संभल के प्रबंध निदेशक हैं, ने शिक्षकों को संबोधित किया। उन्होंने अपने भाषण में नैतिक मूल्यों और शिक्षकों के जीवन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका पर विशेष रूप से जोर दिया। उन्होंने नैतिक मूल्यों को शिक्षकों के पेशे में अनिवार्य बताया और बताया कि किस तरह से एक शिक्षक के जीवन में ये मूल्य उसकी सफलता और उसके छात्रों के भविष्य को गढ़ने में सहायक होते हैं। उन्होंने विभिन्न नैतिक मूल्यों को विस्तार से समझाया जो शिक्षकों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं जिनमें शामिल हैं:
ईमानदारी Integrity बदर जमाल ने बताया कि एक शिक्षक का सबसे बड़ा गुण उसकी ईमानदारी होनी चाहिए। शिक्षक को अपने कार्य और छात्रों के प्रति पूरी ईमानदारी से पेश आना चाहिए।
उत्तरदायित्व Accountability उन्होंने कहा कि शिक्षक को अपने कर्तव्यों के प्रति पूरी तरह उत्तरदायी होना चाहिए। छात्रों के विकास में उसकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है और उसे यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह अपने कार्य के प्रति पूरी जिम्मेदारी निभाए।
सच्चाई Honesty उन्होंने कहा कि एक शिक्षक की सच्चाई उसके छात्रों को प्रेरणा देती है। सच्चाई का पालन करना एक शिक्षक का मूल कर्तव्य है।
दया और करुणा Kindness and Compassion एक शिक्षक को अपने छात्रों के प्रति दयालु और सहानुभूतिपूर्ण होना चाहिए। इससे छात्रों के साथ एक मजबूत संबंध विकसित होता है और वे शिक्षक को सम्मान देते हैं।सहानुभूति Empathy शिक्षकों के लिए यह अत्यंत आवश्यक है कि वे अपने छात्रों की कठिनाइयों और भावनाओं को समझें और उन्हें समाधान प्रदान करें।
बदर जमाल साहिल ने अपने भाषण में नेल्सन मंडेला और अल्बर्ट बंडुरा के उद्धरणों का भी उल्लेख किया, जो शिक्षा के महत्व और नैतिक मूल्यों की भूमिका पर आधारित थे। उन्होंने नेल्सन मंडेला के उस प्रसिद्ध उद्धरण का जिक्र किया जिसमें उन्होंने कहा था शिक्षा वह सबसे शक्तिशाली हथियार है जिससे आप दुनिया को बदल सकते हैं इसके साथ ही उन्होंने अल्बर्ट बंडुरा के सामाजिक शिक्षा के सिद्धांतों पर चर्चा करते हुए बताया कि कैसे नैतिक मूल्यों का शिक्षा में समावेश छात्रों के व्यक्तित्व को संवार सकता है
इसके बाद कार्यक्रम में दूसरे मुख्य वक्ता डॉ. मोहम्मद अहमद जो कि एमजीएम डिग्री कॉलेज संभल के अंग्रेजी विभाग के सहायक प्रोफेसर हैं, ने शिक्षकों को संबोधित किया। उन्होंने शिक्षण पद्धतियों पर एक विस्तृत और व्यापक जानकारी दी। डॉ. अहमद ने शिक्षकों से कहा कि वे अपने पेशे में आधुनिक तकनीकों को अपनाएं, क्योंकि आधुनिक युग में तकनीकी विकास शिक्षा के क्षेत्र में भी बड़े परिवर्तन ला रहा है। उन्होंने कहा कि आधुनिक शिक्षा तकनीकों का सही उपयोग करने से शिक्षकों का कार्य सरल हो जाता है और छात्र भी इससे लाभान्वित होते हैं।
उन्होंने भविष्य के शिक्षण के नए सिद्धांतों के बारे में भी शिक्षकों को अवगत कराया और इस बात पर जोर दिया कि आज के शिक्षक को आने वाले समय में शिक्षा के नए आयामों के लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने विशेष रूप से ऑनलाइन शिक्षण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डिजिटल कक्षाओं और अन्य तकनीकी साधनों का उल्लेख किया जो आने वाले समय में शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव ला सकते हैं।
डॉ. अहमद ने यह भी कहा कि शिक्षकों को अपने छात्रों की शिक्षा पद्धति को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए इन तकनीकों को अपने शिक्षण में समाविष्ट करना चाहिए। उन्होंने शिक्षकों से यह आग्रह किया कि वे समय के साथ बदलते शैक्षिक परिदृश्य को अपनाएं और खुद को भविष्य के लिए तैयार रखें।
दोनों प्रमुख वक्ताओं के प्रेरक और ज्ञानवर्धक भाषणों के बाद एक प्रश्नोत्तर सत्र का आयोजन किया गया जिसमें शिक्षकों ने अपनी जिज्ञासाएं और समस्याएं रखीं। इस सत्र के दौरान कई शिक्षकों ने शिक्षण प्रणाली से संबंधित अपने संदेह और चिंताओं को साझा किया जिनका वक्ताओं ने विस्तार से समाधान दिया। यह सत्र अत्यंत प्रभावशाली रहा जिसमें शिक्षकों ने खुलकर भाग लिया और उनकी समस्याओं के उचित समाधान प्राप्त किए।
इस कार्यक्रम में संभल और उसके आस-पास के कई प्रतिष्ठित विद्यालयों के शिक्षक प्रधानाचार्य और प्रबंधक शामिल हुए। इनमें अल बशीर मॉडर्न पब्लिक जूनियर हाई स्कूल इलाइट चिल्ड्रेन स्कूल आरएम पब्लिक स्कूल एमजीएम पब्लिक स्कूल सैफ़ खान सराय आमना पब्लिक स्कूल घुघावली ज़ुबैदा पब्लिक स्कूल सराय तरीन मोहसिन -ए-मिल्लत जूनियर हाई स्कूल मूसा पुर और इलाइट जूनियर हाई स्कूल सराय तरीन के प्रतिनिधि विशेष रूप से उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. शफीक-उर-रहमान बरकाती द्वारा किया गया जिन्होंने पूरे कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संचालित किया। उनके प्रभावी संचालन ने कार्यक्रम को एक सुव्यवस्थित और अनुशासित रूप दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता एमजीएम पीजी कॉलेज संभल के पूर्व प्राचार्य एवं उर्दू विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर आबिद हुसैन हैदरी ने की
कार्यक्रम के समापन पर ज़ीशान खान जो कि ट्रेनिंग सत्र के संयोजक थे ने सभी उपस्थित शिक्षकों प्राचार्यों और गणमान्य व्यक्तियों का धन्यवाद किया। उन्होंने इस सफल आयोजन के लिए सभी का आभार व्यक्त किया और भविष्य में और भी ऐसे सफल आयोजनों की योजना बनाने का वादा किया। ज़ीशान खान ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम शिक्षकों के ज्ञानवर्धन और उनके पेशेवर विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भविष्य में भी तारबियत फाउंडेशन ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन करता रहेगा ताकि शिक्षक आधुनिक शिक्षा की चुनौतियों का सामना बेहतर ढंग से कर सकें।
कार्यक्रम की समग्र समीक्षा
इस कार्यक्रम ने न केवल शिक्षकों को नैतिक मूल्यों की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जागरूक किया बल्कि उन्हें आधुनिक शिक्षा तकनीकों और पद्धतियों को अपनाने की प्रेरणा भी दी। बदर जमाल साहिल और डॉ. मोहम्मद अहमद जैसे प्रेरक वक्ताओं के विचारों ने शिक्षकों को नए दृष्टिकोण प्रदान किए।
इस प्रकार तारबियत फाउंडेशन द्वारा आयोजित यह ट्रेनिंग कार्यक्रम शिक्षक समुदाय के लिए एक अत्यंत उपयोगी और प्रभावी पहल साबित हुआ। भविष्य में इस तरह के और भी आयोजन न केवल शिक्षकों को सशक्त बनाएंगे बल्कि छात्रों के शैक्षिक अनुभवों को भी समृद्ध करेंगे।
इस अवसर पर शहर के गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे जिसमें प्रोफेसर भानु प्रकाश मास्टर जावेद खान इम्तियाज खान बरकाती अबुजर सिद्दीकी हाफ़िज़ मेंहदी हसन नजारूल हसन तुर्की मैराज खान मा अयाज नबी फरमान हुसैन अब्बासी मोहम्मद रेहान खान मोहम्मद आज़म आदि ने मौजूद रहकर कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान दिया।
Oct 03 2024, 16:20