/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1634728678748426.png StreetBuzz 36.51 करोड़ पौधरोपण से काफी आगे निकली योगी सरकार lucknow
36.51 करोड़ पौधरोपण से काफी आगे निकली योगी सरकार
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन में 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाला उत्तर प्रदेश अब और भी आगे निकल गया। 20 जुलाई से 30 सितम्बर के मध्य उत्तर प्रदेश में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण कर लिए गए। 13.53 पौधरोपण के साथ ग्राम्य विकास विभाग निरंतर शीर्ष पर है। जबकि वन विभाग की तरफ से लगाए गए 12.92 करोड़ पौधे लगाए जा चुके हैं। वहीं जनपदों में सोनभद्र शीर्ष पर है। यहां एक करोड़ 55 लाख से अधिक पौधे लगाए गए हैं। यही नहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान में भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश शीर्ष पर है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 20 जुलाई को लखनऊ से पौधरोपण कर 'पेड़ लगाओ, पेड़ बचाओ जनअभियान-2024' का शुभारम्भ किया था। इस दिन 36.50 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य था, लेकिन उस दिन 36,51,45,477 करोड़ पौधे लगाए गए, जो सरकार के लक्ष्य से 1,45,477 अधिक रहे। 20 जुलाई से 30 सितम्बर के मध्य यह आंकड़ा 36.51 करोड़ से आगे बढ़कर 36.80 करोड़ पौधरोपण तक पहुंच गया।

--सोनभद्र शीर्ष पर, 1.55 करोड़ से अधिक पौधे लगाए गए

अभियान के तहत सर्वाधिक पौधरोपण सोनभद्र में किया गया। 20 जुलाई को सोनभद्र में 1.53 करोड़ पौधे लगाए गए थे। 30 सितम्बर तक यहां 1.55 करोड़ पौधरोपण हो गए। झांसी में 20 जुलाई को 97 लाख पौधे लगाए गए थे, जो अब बढ़कर 98.70 लाख हो गए। लखीमपुर खीरी में 95 लाख से बढ़कर 30 सितम्बर तक का आंकड़ा 96.18 लाख हो गया है। जालौन में 20 जुलाई को 94 लाख पौधे लगे थे। 30 सितम्बर तक यहां 95.22 लाख पौधे लगाए गए। मीरजापुर में 93 लाख से बढ़कर 94.06 लाख पौधे लगा दिए गए।

--ग्राम्य विकास विभाग की तरफ से किए गए सर्वाधिक पौधरोपण

ग्राम्य विकास विभाग की तरफ से सर्वाधिक पौधरोपण किए गए हैं। 30 सितम्बर तक विभाग ने 13,54,62,142 पौधे लगाए। वहीं वन विभाग की तरफ से इस अवधि में 12,92,66,486 पौधरोपण कर उत्तर प्रदेश की हरियाली बढ़ाने में विशेष भूमिका निभाई। कृषि विभाग ने 28946222 करोड़ पौधे लगाए। उद्यान विभाग 1 करोड़ 61 लाख और पंचायती राज विभाग की तरफ से 1करोड़ 18 लाख से अधिक पौधा लगाया गया।
उप्र कैबिनेट : फिर से शुरू होंगे बंद सिनेमाघर, मल्टीप्लेक्स विहीन जनपदों में खुलेंगे मल्टीप्लेक्स

लखनऊ। योगी कैबिनेट ने एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए प्रदेश में बंद पड़े सिनेमाघर को पुनः संचालित किए जाने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही मल्टीप्लेक्स विहीन जनपदों में जल्द से जल्द मल्टीप्लेक्स निर्माण को प्रोत्साहित करने, एकल स्क्रीन सिनेमाघरों के निर्माण को प्रोत्साहित करने एवं संचालित सिनेमाघरों के उच्चीकरण हेतु समेकित प्रोत्साहन योजना को मंजूरी प्रदान की है। यह योजना 5 वर्ष तक प्रभावी रहेगी।

एसजीएसटी से प्रस्तावित अनुदान दिया जाएगा

प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने इस बारे में बताया कि प्रदेश में बन्द एकल छविगृह, संचालित सिनेमाघरों का पुनर्निर्माण/रिमॉडल करवाने व मल्टीप्लेक्स विहीन जनपद, मल्टीप्लेक्स के निर्माण हेतु तथा सिनेमाओं के उच्चीकरण हेतु समेकित प्रोत्साहन योजना लागू की जा रही है। सिनेमाघर/मल्टीप्लेक्स द्वारा राजकोष में जमा की गयी एसजीएसटी से प्रस्तावित अनुदान दिया जायेगा, जिससे राज्य सरकार पर कोई अतिरिक्त व्यय भार नहीं आयेगा।

मिलेंगे ये 7 अनुदान

1. योजना ज़ारी होने की तिथि से 05 वर्ष के अन्दर बंद अथवा संचालित सिनेमा को तोड़कर व्यावसायिक काम्पलेक्स तथा आधुनिक सिनेमा निर्माण के लिए प्रथम 03 वर्ष एकत्रित एसजीएसटी का 100 प्रतिशत तथा अगले 02 वर्ष एकत्रित एसजीएसटी का 75 प्रतिशत।

2. योजना जारी होने की तिथि से 05 वर्ष के अन्दर बंद या संचालित सिनेमा भवन की आन्तरिक संरचना में परिवर्तन कर पुनः संचालित करने अथवा स्क्रीन की संख्या में वृद्धि करने के लिए प्रथम 3 वर्ष एकत्रित एसजीएसटी का 75 प्रतिशत तथा अगले 02 वर्ष एकत्रित एसजीएसटी का 50 प्रतिशत।

3. बंद एकल सिनेमाघरों को बिना किसी आन्तरिक संरचना में परिवर्तन किये पुनः 31 मार्च 2025 तक जिला मजिस्ट्रेट से लाइसेंस प्राप्त कर फिल्म प्रदर्शन करने पर प्रथम 03 वर्ष एकत्रित एसजीएसटी का 50 प्रतिशत।

4. व्यावसायिक गतिविधियों सहित/रहित, न्यूनतम 75 आसन क्षमता के एकल स्क्रीन सिनेमाघर के निर्माण के लिए प्रथम 03 वर्ष एकत्रित एसजीएसटी का 100 प्रतिशत तथा अगले 02 वर्ष एकत्रित एसजीएसटी का 50 प्रतिशत।

5. जिन जनपदों में एक भी मल्टीप्लेक्स निर्मित/संचालित नहीं है, वहां मल्टीप्लेक्स खुलवाने के लिए 05 वर्ष तक एकत्रित एसजीएसटी का 100 प्रतिशत।

6. जिन जनपदों में मल्टीप्लेक्स निर्मित/संचालित है, वहां नवीन मल्टीप्लेक्स निर्माण के लिए प्रथम 03 वर्ष एकत्रित एसजीएसटी का 100 प्रतिशत तथा अगले 02 वर्ष एकत्रित एसजीएसटी का 50 प्रतिशत।

7. सिनेमाघर/मल्टीप्लेक्स के उच्चीकरण के लिए निवेश की गयी वास्तविक धनराशि का 50 प्रतिशत की सीमा तक एकत्रित एसजीएसटी के समतुल्य धनराशि अनुमन्य होगी।


सूचना प्रौद्योगिकी सेवा को "उद्योग" का दर्जा

योगी सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी जनित सेवाओं को उद्योग का दर्जा दिए जाने का निर्णय लिया है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि आईटी/आईटीएस क्षेत्र की तीव्र वृद्धि में सहायता के लिए राज्य को परिवर्तनकारी सुधारों को कार्यान्वित किए जाने की आवश्यकता है। इन सुधारों का उद्देश्य आईटी और आईटीएस क्षेत्र को "उद्योग" का दर्जा दिया जाना है। आवासीय विकास प्राधिकरणों तथा औद्योगिक विकास प्राधिकरणों में औद्योगिक श्रेणी के अन्तर्गत वर्गीकृत भूमि को आईटी/आईटीईएस क्षेत्र की इकाइयों को औद्योगिक दर पर भूमि आवंटन की सुविधा प्रदान करने से आईटी/आईटीईएस इकाइयों को भूमि उपलब्धता में सुगमता होगी। आईटी/आईटीईएस क्षेत्र की नई क्रियाशील इकाईयों, जिनका न्यूनतम लोड 150 KW है, को औद्योगिक दरों पर विद्युत उपलब्ध कराए जाने से उनकी लाभप्रदता बढ़ाने में मदद मिलेगी और उत्तर प्रदेश राज्य आईटी/आईटीईएस क्षेत्र में अधिक निवेश आकृष्ट करने में सक्षम होगा। इस प्रकार के पुनर्वर्गीकरण से उत्तर प्रदेश में प्रचलित दरों के अनुसार इस क्षेत्र के लिए विद्युत की लागत में लगभग 18 प्रतिशत की बचत होगी।
नई सड़क, सेतु या पुलिया की जरूरत हो तो जनप्रतिनिधि व जिला प्रशासन मिलकर तैयार करें प्रस्ताव, शासन से तुरंत मिलेगा पैसा : मुख्यमंत्री


लखनऊ । प्रदेश में मजरे से लेकर हर ग्राम पंचायत, कस्बे, टाउन एरिया, नगर और महानगर में बेहतरीन रोड कनेक्टिविटी  के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 'मिशन मोड में आ गए हैं।' मुख्यमंत्री ने सभी सांसदों, विधायकों से अपने क्षेत्र में नई सड़क, बाईपास अथवा पुल-पुलिया के निर्माण और पुराने की मरम्मत के लिए अगले 15 दिन में प्रस्ताव तैयार करने को कहा है।

सड़कों के लिए धन की कोई कमी नहीं

मंगलवार को जनप्रतिनिधियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हर जिले में, गांव हो या नगरीय क्षेत्र, सड़कें अच्छी होनी चाहिए, इसके लिए सांसद और विधायकगण को भी प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि सड़कों के लिए धन की कोई कमी नहीं है। ऐसे में सभी जनप्रतिनिधि गण अपने जिले के प्रभारी मंत्री की उपस्थिति में कोर कमेटी के साथ बातचीत करके जिला प्रशासन के साथ मिलकर प्रस्ताव तैयार करें। उन्होंने कहा कि जहां कहीं भी नई सड़क की जरूरत हो, पुराने की मरम्मत करानी हो, सेतु निर्माण, रिंग रोड/बाईपास, प्रमुख/अन्य जिला मार्ग अथवा सर्विस लेन आदि की आवश्यकता हो, जनप्रतिनिधिगण प्रस्ताव भेजें, शासन स्तर से तत्काल निर्णय होगा। उन्होंने कहा कि अगर किसी मजरे में मात्र 250 लोगों की आबादी है तो भी वहां पक्की सड़क की सुविधा मिलनी चाहिए।

जिन जिलों में बाईपास मार्ग नहीं वहां के लिए प्रस्ताव तैयार करें

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन जिलों में बाईपास मार्ग नहीं है, वहां के जनप्रतिनिधि आवश्यकतानुसार प्रस्ताव तैयार करें। उन्होंने यह भी कहा कि धार्मिक, आध्यात्मिक, ऐतिहासिक अथवा पौराणिक दृष्टि से महत्वपूर्ण क्षेत्रों की बेहतर कनेक्टिविटी के लिए भी पर्याप्त बजट रखा गया है। पर्यटन को प्रोत्साहन देने के लिए ऐसे क्षेत्रों की सड़कों का चौड़ीकरण/सुदृढ़ीकरण किया जाना आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक/लॉजिस्टिक पार्क/चीनी मिल परिक्षेत्र में बेहतर कनेक्टिविटी आवश्यक है। इसी तरह, यदि कहीं भी तहसील और ब्लॉक मुख्यालय दो लेन सड़क से नहीं जुड़ें हैं तो तत्काल सूचना देनी चाहिए।

भारी वाहनों की ओवरलोडिंग के विरुद्ध कार्रवाई हो

उन्होंने कहा कि इंटरस्टेट अथवा इंटरनेशनल कनेक्टिविटी को बेहतर करने के लिए कार्य जारी है। सीमा पर 'मैत्री द्वार' भी तैयार कराए जाने हैं। जनप्रतिनिधियों को इस संबंध में भी अपने प्रस्ताव देने चाहिए। बैठक में, मुख्यमंत्री ने वर्तमान में जारी सड़कों की मरम्मत, गड्ढामुक्ति के प्रदेशव्यापी अभियान को पहले चरण में 10 अक्टूबर तक सम्पन्न करने के भी निर्देश दिए। भारी वाहनों की ओवरलोडिंग के विरुद्ध कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री ने 'जीरो पॉइंट' पर एक्टिव रहने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सड़क पर सामान्य आवागमन बाधित कर जांच करने की बजाए, जहां से वाहन चलना प्रारंभ किया है, वहीं कार्यवाही करें। बैठक में सभी ज़ोन, मंडलों, रेंज, जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों की भी उपस्थिति रही।
यूपी एग्री परियोजना समेत कई प्रस्तावों को मिली कैबिनेट की मंजूरी
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को यहां लोकभवन में आयोजित बैठक में यूपी एग्री परियोजना समेत कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान की गई।

बैठक के बाद कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही और संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि योगी कैबिनेट से यूपी एग्री परियोजना को मंजूरी मिली है। इस परियोजना में 8 मंडलों के 28 जनपद शामिल किए गए हैं। लगभग 4000 करोड़ की परियोजना 6 वर्ष के लिए होगी। खर्च की जाने वाली रकम में विश्व बैंक 2737 करोड़ व राज्य सरकार द्वारा 1166 करोड़ व्यय किया जाएगा। परियोजना द्वारा प्रमुख फसलों की उत्पादकता गुणवत्ता बढ़ाने का कार्य, मार्केट सपोर्ट सिस्टम खड़ा किया जाएगा। प्रशिक्षण कार्य किया जाएगा।

मक्का, ज्वार और बाजरा की क्रय नीति को मंत्रिमण्डल की मंजूरी मिल गयी है। मक्का की खरीद 2225 रुपये प्रति कुंतल, बाजरा 2625 रुपये और ज्वार हाइब्रिड 3571 रुपये प्रति कुंतल की दर से की जाएगी। मक्का खरीद 21 जिलो में, बाजरा खरीद 32 जिलों में और ज्वार खरीद 11 जिलो में की जाएगी। एक अक्टूबर से 31 दिसम्बर तक क्रय वर्ष होगा।

इसके अलावा सोनभद्र में कनहर सिंचाई परियोजना के लिए दुद्धी तहसील में नहर प्रणाली निर्माण को मंजूरी मिली है। सोनभद्र में कनहर नदी सिंचाई परियोजना की द्वितीय पुनरीक्षित लागत को मंजूरी दी गई है। इसके तहतदुद्धी व ओबरा के 108 ग्राम के 53 हजार कृषकों व 2 लाख लोगों को पेयजल की सुविधा दी जाएगी।

मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान को कैबिनेट की मंजूरी मिली है। इसमें 1 लाख नौजवानों को प्रतिवर्ष 5 लाख रुपये (बिना ब्याज) सूक्ष्म इकाइयों के लिए लोन देकर रोजगार से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। सामान्य वर्ग को 15 प्रतिशत, पिछड़ा वर्ग 12.5 प्रतिशत और अनुसूचित जाति जनजाति के लिए 10 प्रतिशत मर्जिन मनी देय होगी। आवेदक की शैक्षिक योग्यता 8वी से 12वीं तक रखी गयी है।

प्रदेश के युवाओं के लिए उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा प्रोत्साहन नीति 2024 प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। विदेशी उच्च शैक्षिक संस्थानों को निवेश हेतु प्रोत्साहित किया जाना, 50 करोड़ तक भूमि लागत ने 50 प्रतिशत स्टाम्प ड्यूटी छूट, 150 करोड़ तक 30 प्रतिशत 150 करोड़ से अधिक को 20 प्रतिशत की स्टाम्प ड्यूटी की छूट का प्रस्ताव, पहली 5 विदेशी संस्थाओं के निवेश हेतु विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा।

इसके अलावा विद्या विश्वविद्यालय मेरठ को संचालन प्राधिकार पत्र मिला है जबकि केडी विश्वविद्यालय मथुरा को लेटर आॅफ इंटेट दिए जाने की मंजूरी प्रदान की गयी। प्रदेश में बॉयो प्लास्टिक उद्योग नीति बनाये जाने के सम्बंध में मंजूरी प्रदान की गयी है। प्लास्टिक प्रदूषण में कमी लाये जाने के लिए प्रयास होगा। इसकी एक यूनिट अयोध्या में लग चुकी है। अपशिष्ट प्रबंधन का कार्य होगा।

बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के दोनों तरफ सोलर पार्क स्थापित किये जाने को मंजूरी मिली है। लगभग 1500 हेक्टेयर यूपीडा द्वारा भूमि उपलब्ध करवाई जाएगी। प्रदेश सरकार द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी को उद्योग का दर्जा दिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। आवश्यक वस्तु निगम लिमिटेड में कार्यरत कर्मियों (समूह ग व समूह घ) को खाद्य एवं रसद विभाग में नियोजित किये जाने के सम्बंध में प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। 126 में से 83 को खाद्य रसद विभाग में समायोजित किया जाएगा (समूह ग के 47, समूह घ के 36 कर्मी)। बंद पड़े सिनेमाघरों को पुन: संचालित करने व संचालित सिनेमाघरों के पुनर्निर्माण, मल्टीप्लेक्स विहीन जनपदों में मल्टीप्लेक्स सिनेमा खुलवाने के लिए प्रोत्साहन नीति को मंजूरी दी गयी है। इस सम्बंध में अनुदान देने का प्रस्ताव पास हुआ है।

कैबिनेट से लखीमपुर खीरी के गोला तहसील में पौराणिक शिव मंदिर कॉरिडोर के समेकित पर्यटन विकास हेतु 19324.67 वर्गमीटर नजूल भूमि पर्यटन विभाग को निशुल्क उपलब्ध करवाए जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी प्रदान की गयी।
नशा नाश का कारण, इससे दूर रहकर ही सपनों को किया जा सकता है साकार : मुख्यमंत्री

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को वैश्विक स्तर पर देश व उत्तर प्रदेश का गौरव बढ़ाने वाले खिलाड़ियों को लखनऊ में सम्मानित किया। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी ने युवाओं और खिलाड़ियों को सफलता का मंत्र भी दिया। लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में मंगलवार को खिलाड़ियों के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा पीढ़ी के लिए आज स्मार्ट फोन सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरा है। यह युवाओं के समय और श्रम दोनों को प्रभावित करता है।

साथ ही मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि खिलाड़ियों को नशे से दूर रहना चाहिए, नशा नाश का का कारण है, जो नशे की तरफ गया वह जीवन में फिर किसी के लायक नहीं रह पाएगा। उन्होंने कहा कि युवा अपने आप को तैयार करें, उनकी सुविधाओं के लिए केंद्र और राज्य सरकार उनके लिए समुचित माहौल तैयार कर रही है। युवा खेल को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। इसके लिए प्रदेश के शहरों और गांवों में खेल की सुविधाओं को विकसित किया जा रहा है। अच्छे प्रशिक्षण के साथ-साथ अच्छे प्रशिक्षक भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। खेल के प्रति युवाओं को प्रोत्साहित करते हुए सीएम योगी ने सम्मान समारोह में आए खिलाड़ियों की प्रेरक कहानी भी साझा की।

'जिन्होंने बढ़ाया देश का मान, ऐसी प्रतिभाओं का सम्मान'

कार्यक्रम में 14 ओलंपियंस व पैरालंपिक एथलीट्स को सम्मानित किया गया। सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश का मान बढ़ाने वाले इन सभी खिलाड़ियों को 22.70 करोड़ रुपये की पुरस्कार सम्मान राशि वितरित की। इनमें पदक विजेता कुल 7 ओलंपियंस व पैरालंपियंस और 7 अन्य प्रतिभाग करने वाले ओलंपियंस व पैरालंपियंस मौजूद रहे। सम्मानित होने वाले पदक विजेताओं में प्रवीण कुमार, सुहास एलवाई, अजीत सिंह, प्रीति पाल, सिमरन, ललित उपाध्याय व राज कुमार पाल शामिल रहे।

डंबल इंजन की सरकार ने देश में बदला खेल का माहौल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रतियोगिता छोटी हो या बड़ी वह खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करती है। आज देश के अंदर खेल का माहौल बदला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 10 वर्षों में खेल और खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिए जो नियोजित प्रयास हुए हैं, उसका परिणाम आज सबके सामने है। प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा शुरू किया गया खेलो इंडिया अभियान, फिट इंडिया मूवमेंट और सांसद खेलकूद प्रतियोगिता ने पूरे देश के अंदर खेल के वातावरण को बदला है। योगी ने कहा कि अब विश्वविद्यालय स्तर पर लीग और गांव स्तर पर खेल प्रतियोगिताएं शुरू हो चुकी हैं, जिसने खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का प्लेटफार्म प्रदान किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश के अंदर खेल को बढ़ावा देने को लेकर किए जा रहे प्रयासों में उत्तर प्रदेश ने कई तरह के कार्यक्रमों को तैयार किया है और हम उस पर आगे बढ़ रह हैं।

खेल संसाधनों से लैस हो रहा है उत्तर प्रदेश

योगी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने खिलाड़ियों के लिए समुचित अवसंरचना तैयार की है। आज डबल इंजन की सरकार इस पर लगातार ध्यान दे रही है। आज उत्तर प्रदेश में 84 स्टेडियम, 67 बहुद्देश्यीय हॉल, 38 तरणताल, 15 सिंथेटिक हॉकी स्टेडियम और 3 सिंथेटिक रनिंग ट्रैक तैयार हैं। इसके अलावा 2 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, 16 छात्रावास, 47 अत्याधुनिक जिम, 20 सिंथेटिक टेनिस कोर्ट और 19 डॉरमेट्री खिलाड़ियों के लिए तैयार किए जा चुके हैं। वहीं प्रदेश में 2 जूडो हॉल, 13 कुश्ती हॉल, 6 शूटिंग रेंज, 2 इंडोर वॉलीबाल, 12 वेटलिफ्टिंग हॉल, 14 सिंथेटिक बॉस्केट बॉल कोर्ट प्रदेश के अंदर बनकर तैयार हुए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि खेल और खिलाड़ियों के प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश सरकार बड़े लक्ष्य को ध्यान में रखकर कार्य कर रही है। प्रदेश के अंदर सभी 57 हजार ग्राम पंचायतों में खेल के मैदान और ओपन जिम, सभी 826 विकासखंड में मिनी स्टेडियम और सभी जनपदों में स्टेडियम के निर्माण के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रही है। ग्राम पंचायत स्तर पर खिलाड़ियों के लिए खेल के संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

की जा रही खिलाड़ियों की आर्थिक सहायता

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि युवा खिलाड़ियों के प्रशिक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय, ओलंपिक, पैरालंपिक, कॉमनवेल्थ, एशियन गेम्स और विश्व चैंपियनशिप के पूर्व खिलाड़ियों को प्रशिक्षक के रूप में तैनात किया जा रहा है। योगी ने कहा कि किसी भी अतंरराष्ट्रीय स्पर्धा में प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों के लिए प्रदेश सरकार लक्ष्मण पुरस्कार और महिला खिलाड़ियों के लिए रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार की घोषणा की है जिसमें सरकार उन्हें नकद राशि के साथ-साथ प्रशस्ति पत्र से सम्मानित कर रही है। इसके अलावा देश स्तर पर पुरस्कार प्राप्त खिलाड़ियों के लिए प्रदेश सरकार 20 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान करती है और वृद्ध खिलाड़ियों के लिए भी प्रतिमाह वित्तीय सहायता दे रही है।उन्होंने कहा कि प्रदेश के अंदर एकलव्य क्रीड़ा कोष्ठ का गठन किया है। उत्तर प्रदेश के मेरठ में मेजर ध्यानचंद्र के नाम से पहले खेल विश्वविद्यालय का निर्माण भी किया जा रहा है।

पदक विजेता खिलाड़ियों को राजपत्रित अधिकारी बनाने की तैयारी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के युवाओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि राज्य सरकार खिलाड़ियों के धनराशि के आवंटन में पीछे नहीं है। युवा खेल जगत से जुड़े और पदक हासिल कर देश और प्रदेश का नाम रोशन करें। इसके लिए प्रदेश का खेल विभाग उनके साथ है। समारोह में मौजूद खिलाड़ियों से मुख्यमंत्री योगी ने आह्वान किया कि वैश्विक मंचों पर प्रदेश के खिलाड़ी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर अधिक से अधिक मेडल हासिल करें। प्रदेश सरकार खेलों में देश व प्रदेश का गौरव बढ़ाने वाले प्रदेश के खिलाड़ियों को राजपत्रित अधिकारी बनाने बनाने का निर्णय लिया है। 2 खिलाड़ी पुलिस उपाधीक्षक, 2 नायब तहसीलदार, 1 माल कर अधिकारी और 2 खिलाड़ी जिला युवा कल्याण अधिकारी बनेंगे।

इस अवसर पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, खेल मंत्री गिरीश चंद्र यादव, महापौर सुषमा खर्कवाल, विधायक नीरज बोरा, विधान परिषद सदस्य अवनीश सिंह, भाजपा के महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी मौजूद रहे।

ये खिलाड़ी हुए पुरस्कृत

पेरिस ओलंपिक और पैरालंपिक में उत्तर प्रदेश के खिलाड़ियों का प्रदर्शन शानदार रहा। उत्तर प्रदेश के खिलाड़ियों ने ओलंपिक-पैरालंपिक में एक स्वर्ण समेत छह पदक जीते हैं। गौतमबुद्ध नगर के पैरा हाई जम्पर प्रवीण कुमार ने पैरालंपिक 2024 में स्वर्ण पदक जीता है। उन्हें 6 करोड़ रुपये की धनराशि प्रदान की गई। वहीं भारतीय हॉकी टीम की तरफ से खेलते हुए वाराणसी के ललित उपाध्याय और गाजीपुर के राजकुमार पाल ने ओलंपिक में कांस्य पदक जीता। उन्हें एक-एक करोड़ रुपये पुरस्कार राशि के तौर पर दिया गया। यूपी के आईएएस अधिकारी सुहास एलवाई ने पैरा बैडमिंटन में और इटावा के अजीत सिंह ने पैरा एथलेटिक्स की जैवलिन थ्रो स्पर्धा में रजत पदक अपने नाम किया। दोनों को 4-4 करोड़ रुपये की धनराशि प्रदान की गई। इसी तरह मुजफ्फरनगर की रहने वाली एथलीट प्रीति पाल ने 100 मीटर और 200 मीटर में कांस्य पदक जीता, जिसके लिए उन्हें 4 करोड़ रुपये तो वहीं गाजियाबाद की सिमरन ने अपने वर्ग की 200 मीटर दौड़ में कांस्य पदक जीता, जिसके लिए उन्हें 2 करोड़ रुपये से पुरस्कृत किया गया।

इन प्लेयर्स को भी मिला पुरस्कार

इसके अतिरिक्त पेरिस ओलंपिक व पैरालंपिक गेम्स में प्रतिभाग कर उत्तर प्रदेश का नाम रोशन करने के लिए पारुल चौधरी, अनु रानी, प्रियंका गोस्वामी, प्राची चौधरी, साक्षी कसाना, दीपेश कुमार तथा यश कुमार को 10-10 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि से सम्मानित किया गया।

प्रशिक्षकों को भी किया सम्मानित

पेरिस ओलंपिक और पैरालंपिक के लिए खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने वाले चार प्रशिक्षकों का भी सीएम योगी ने सम्मान किया। इनमें गजेंद्र सिंह (पैरा एथलीट), गौरव खन्ना (पैरा बैटमिंटन), राकेश कुमार यादव (पैरा एथलीट) और डॉ. सत्यपाल सिंह (पैरा एथलीट) शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशिक्षकों का सम्मान महत्वपूर्ण है, क्योंकि प्रशिक्षक ही हमारे खिलाड़ियों को ओलंपिक जैसी प्रतिस्पधार्ओं के लिए तरासते और तैयार करते हैं।

जल निगम के पांच अफसरों के ठिकानों पर विजलेंस टीम का छापा

लखनऊ,। उत्तर प्रदेश जल निगम के पांच अफसरों के ठिकानों पर विजिलेंस टीम ने मंगलवार को छापा मारा गया है। ये कार्रवाई आय से अधिक संपत्ति के मामले में हुई है।विजिलेंस की टीम ने इंदिरानगर, गोमती नगर और विकास नगर में छापेमारी की। विजिलेंस की टीम पांच अधिकारियों के ठिकानों पर एक साथ पहुंची। इस मुद्दे पर अब तक 11 मामले दर्ज किए जा चुके हैं।

प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक न्यायालय से सर्च वारंट मिलने के बाद विजिलेंस टीम ने उप्र जल निगम की इकाई सी.एंड डी एस (कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज) के पांच अधिकारी सहायक अभियंता एवं प्रोजेक्ट मैनेजर राघवेंद्र कुमार गुप्ता, अधीक्षण अभियंता (मु.) सत्यवीर सिंह चौहान, अधीक्षण अभियंता अजय रस्तोगी, परियोजना प्रबंधक एवं सहायक अभियंता कमल कुमार खरबंदा, सहायक अभियंता एवं प्रोजेक्ट मैनेजर कृष्ण कुमार पटेल के ठिकानों पर छानबीन की जा रही है। ये कार्रवाई इंदिरा नगर, गोमती नगर और विकास नगर में चल रही है।

उल्लेखनीय है कि शासन के आदेश वर्ष 2019-20 में इन लोगों के खिलाफ जांच कराया गया। जांच के दौरान आय से अधिक संपत्ति का मामला पाये जाने पर अभी तक 11 केस दर्ज है। इन सभी मामलों को लेकर छानबीन चल रही है।

विश्व के शीर्ष वैज्ञानिकों की सूची में बीएचयू के 46 वैज्ञानिकों के नाम, हर्ष, विवि परिवार के सदस्यों को कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने दी बधाई
लखनऊ /वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) ने एक बार फिर अपनी शैक्षणिक व अनुसंधान उत्कृष्टता का परचम दुनिया भर में लहराया है। विश्वविद्यालय परिवार के 46 सदस्यों (वैज्ञानिकों)ने वैश्विक स्तर पर शीर्ष दो फीसदी वैज्ञानिकों की सूची में जगह बनाई है। यह प्रतिष्ठित सूची विविध क्षेत्रों में वैज्ञानिकों के उल्लेखनीय शोध योगदान को परिलक्षित करती है। 22 वैज्ञानिक क्षेत्रों तथा 174 उप-क्षेत्रों में वैज्ञानिकों की उनके काम के आधार पर स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय तथा एल्सिवियर की ओर से संयुक्त रूप से रैंकिंग तैयार की जाती है।

बीएचयू के अधिकारियों के अनुसार वर्ष 2023 के आखिर के आंकड़ों के आधार पर तैयार करियर आधारित सूची में विश्वविद्यालय परिवार के 46 सदस्य शामिल हैं। जबकि 2023 में एक कैलेण्डर वर्ष में उद्धरणों के आधार पर तैयार सूची में 51 वैज्ञानिक ने स्थान बनाया है।कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने कहा कि “यह उत्साहजनक है कि स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय की विश्व के शीर्ष दो फीसद वैज्ञानिकों की सूची में बीएचयू परिवार के 46 सदस्य शामिल हैं। यह दर्शाता है कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय असाधारण प्रतिभा से भरपूर है । तथा यह विश्वविद्यालय शोध व अनुसंधान के लिए विश्व स्तरीय वातावरण उपलब्ध कराता है।

मेरा विश्वास है कि बीएचयू में विश्व के शीर्ष शोध विश्वविद्यालयों में शामिल होने की अपार क्षमता है। इस ख्यातिलब्ध सूची में जगह बनाने वाले सभी वैज्ञानिकों को कुलपति ने बधाई भी दी। चिकित्सा विज्ञान संस्थान के प्रो. श्याम सुंदर ने कहा कि यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि सूची में शामिल बीएचयू के वैज्ञानिकों में मुझे शीर्ष स्थान पर रखा गया है। इसके अलावा भारत में ट्रॉपिकल मेडिसीन की श्रेणी में मुझे पहला स्थान तथा विश्व में छठा स्थान प्राप्त हुआ है।

यह मेरे लिए तथा विश्वविद्यालय के लिए अत्यंत गर्व का विषय है। यह मुझे अपने संस्थान की प्रतिष्ठा को और बढ़ाने के लिए मेहनत करने की प्रेरणा प्रदान करने वाला है।” पर्यावरण एवं धारणीय विकास संस्थान के डॉ. राजीव प्रताप सिंह ने कहा, “अन्य मापदंडों के अलावा सूची एच इंडेक्स और उद्धरणों पर भी आधारित है, इसलिए पिछले कई वर्षों से सूची में बने रहना पर्यावरण विज्ञान के क्षेत्र में अपशिष्ट प्रबंधन और पर्यावरण विष विज्ञान पर मेरे द्वारा किए गए शोध कार्यों की दुनिया भर के वैज्ञानिक समुदाय द्वारा स्वीकृति को दर्शाता है।
आधी आबादी को और सशक्त करेगी योगी सरकार की 'महिला स्वास्थ्य हेल्पलाइन',  मुख्यमंत्री की पहल से ग्रामीण महिलाओं को मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार शारदीय नवरात्र के पहले दिन तीन अक्टूबर को अपने महत्वाकांक्षी "मिशन शक्ति" कार्यक्रम के पांचवें चरण का शुभारंभ करने जा रही है। इस नए चरण के तहत महिलाओं के लिए, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में एक समर्पित स्वास्थ्य हेल्पलाइन- 'महिला स्वास्थ्य लाइन' की जल्द ही लांच किया जाएगा।

ग्रामीण महिलाओं को मिलेगी टेली-परामर्श की सुविधा

वीमेन पावर लाइन 1090 की तर्ज पर हेल्पलाइन को शुरू किया जाएगा। इसका उद्देश्य उन महिलाओं को सुलभ स्वास्थ्य सेवा सहायता प्रदान करना है, जिन्हें अक्सर सामाजिक दोष के कारण स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर चर्चा करने में बाधाओं का सामना करना पड़ता है।

इस हेल्पलाइन के जरिए महिलाओं को स्त्री रोग विशेषज्ञों के साथ टेली-परामर्श की सुविधा दी जाएगी। इसके तहत महिलाओं (ग्रामीण महिलाओं) को दूर के अस्पतालों या क्लीनिक के चक्कर लगाने से छुटकारा मिल जाएगा। उन्हें घर पर ही स्त्री रोग विशेषज्ञ का मार्गदर्शन मिल सकेगा। इसका सबसे ज्यादा लाभ ग्रामीण महिलाओं को होगा। यह हेल्पलाइन महिलाओं को समय पर और गोपनीय चिकित्सा सहायता प्राप्त करने में सशक्त बनाएगी। इससे ग्रामीण उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में अंतर को खत्म किया जा सकेगा।

गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने को योगी सरकार ने लिया फैसला

महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन के अनुसार, नई स्वास्थ्य हेल्पलाइन न केवल तत्काल चिकित्सा सलाह प्रदान करेगी, बल्कि महिलाओं को मातृ स्वास्थ्य, प्रजनन स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं को सुलझाने में भी मदद करेगी। हेल्पलाइन का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों की उन महिलाओं की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा करना है। जिनके लिए गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा देखभाल तक पहुंच एक चुनौती बनी हुई है।

17 अक्टूबर, 2020 को मिशन शक्ति हुआ था लांच

राज्य सरकार के प्रवक्ता का कहना है कि योगी सरकार ने प्रदेश भर में महिलाओं और बच्चों के लिए सुरक्षा, आत्मनिर्भरता और सम्मान के महत्व को पहचानते हुए उनके स्वास्थ्य को लगातार प्राथमिकता दी है। मिशन शक्ति के प्रत्येक चरण में महत्वपूर्ण सुधार पेश किए गए हैं, जिसकी शुरुआत 17 अक्टूबर, 2020 में हुई। इसके बाद 26 फरवरी, 2021 को दूसरा चरण, 21 अगस्त, 2021 को तीसरा चरण और 14 अक्टूबर, 2022 को चौथा चरण शुरू किया गया था। पांचवें चरण की शुरुआत प्रदेश की महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए योगी सरकार के अथक प्रयास को जारी रखना है, जो यह सुनिश्चित कर रहा है कि महिलाओं को वह स्वास्थ्य सेवा और सहायता मिले जिसकी वे हकदार हैं।
वृद्ध दिवस पर विशेष : टूट गयी बुढ़ापे की लाठी, वृद्धाश्रमों की बढ़ती जा रही संख्या

लखनऊ। भारतीय संस्कृति में पुत्र को बुढ़ापे की लाठी कहा गया है अर्थात पुत्र ही बुजुर्ग होने पर सहारा होता है, लेकिन विकृत होती संस्कृति में लाठी टूटती जा रही है। कुछ तो अर्थ युग की मजबूरी और कुछ पश्चिमी
सभ्यता का अंधानुकरण के कारण बुजुर्ग बेसहारा होते जा रहे हैं। तभी तो आज पूरे प्रदेश के सभी जिलों में राज्य सरकार को 75 वृद्धाश्रम खोलने पड़े हैं, जिनमें 6400 वृद्ध आश्रय लिये हुए हैं। यहीं नहीं इसके अलावा भारत सरकार ने भी प्रदेश में 24 वृद्धाश्रम खोल रखे हैं, जिसमें 850 वृद्ध आश्रय लिए हुए हैं। इनमें वृद्धों की संख्या समय-समय पर कम अधिक होती रहती है, लेकिन साल दर साल इसमें वृद्धि होती जा रही है, जो चिंता का विषय है।

अधिकांश लोग मजबूरी में ही वृद्धाश्रमों का लेते है सहारा

इन वृद्धाश्रमों में ही हर साल लगभग पांच सौ वृद्ध दम तोड़ देते हैं। उसमें आधे से अधिक वृद्धों के परिजन तो सूचना देने पर भी उनके शव नहीं ले जाते और वृद्धाश्रम संचालक ही उनका दाह संस्कार
करते हैं। इस संबंध में वृद्धाश्रमों की व्यवस्था देख रहे समाज कल्याण विभाग के उपनिदेशक कृष्णा प्रसाद का कहना है कि बहुत लोग तो यहां की व्यवस्था से प्रभावित होकर यहां रहना पसंद करते हैं, लेकिन कुछ बुजुर्ग ऐसे भी हैं, जो मजबूरी के कारण वृद्धाश्रमों का सहारा लेते हैं और वहीं आकर रह जाते हैं। कृष्णा प्रसाद के इस बयान से इतर अधिकांश लोग मजबूरी में ही वृद्धाश्रमों का सहारा लेते हैं।

बुजुर्गों के सम्मान में  मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस

इस संबंध में समाजसेवी अजीत सिंह का कहना है कि सिर्फ अर्थ के चक्कर में हम अपनी संस्कृति को भूलते जा रहे हैं। यही कारण है कि आज हमें बुजुर्ग दिवस कि जरूरत पड़ रही है। वरना पहले यह स्थिति थी कि बुजुर्गों के आदेश के बिना घर का एक पत्ता भी नहीं हिलता था। कौशांबी वृद्धाश्रम के संचालक आलोक कुमार राय ने बताया कि हमारे यहां इस समय 53 बुजुर्ग हैं। इसमें कई लोगों के पुत्र हैं, लेकिन बुजुर्ग वृद्धाश्रम में खुद को ज्यादा आराम महसूस करते हैं और यहां पर वे एक परिवारिक सदस्य के रूप में घुल-मिल गये हैं। यह बता दें कि एक अक्टूबर को बुजुर्गों के सम्मान में अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस मनाया जाता है। इस संबंध में श्रम न्यायालय लखनऊ के पीठासीन अधिकारी बी.के.राय का कहना है कि अब हमें स्कूली शिक्षा से ज्यादा जरूरी अपनी संस्कृति की शिक्षा है।

हले स्कूलों में नैतिक शिक्षा की एक किताब भी पढ़ाई जाती थी

बच्चों को पहले संस्कार दिया जाए, इसके बाद स्कूली शिक्षा दिया जाए। पहले स्कूलों में नैतिक शिक्षा की एक किताब भी पढ़ाई जाती थी, लेकिन आज वह भी हटा दी गयी है। यही कारण है कि आज हम पाश्चात्य संस्कृति की गिरफ्त में आते जा रहे हैं और हमारे बुजुर्गों का सम्मान कम होता जा रहा है। जल परी के नाम से पानी संचयन पर काम करने वाले बुंदेलखंड में प्रसिद्ध समाजसेवी संजय सिंह का कहना है कि समाज में लोग अपनी संस्कृति को भूलते जा रहे हैं। आत्मकेंद्रित समाज होता जा रहा है, जिससे आज वृद्धाश्रमों का सहारा लेना पड़ रहा है। आज आवश्यकता है कि हम बच्चों को अपनी संस्कृति का भान कराएं और उन्हें भारतीय समाज की परंपराओं को बताएं, जिससे बुढ़ापे की लाठी बनी रहे।
आज से बदल जाएगा परिषदीय और माध्यमिक विद्यालयों का समय
लखनऊ । परिषदीय व माध्यमिक विद्यालयों में मंगलवार से पठन-पाठन के समय में बदलाव होगा। एक अक्तूबर से परिषदीय विद्यालयों में सुबह 9 से दोपहर 3 बजे तक पढ़ाई होगी। वहीं मौसमी बीमारियों डेंगू-मलेरिया को देखते हुए बच्चों को फुल आस्तीन के कपड़े पहनने के निर्देश दिए गए हैं।

बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से जारी शैक्षिक कैलेंडर के अनुसार एक अप्रैल से 30 सितंबर तक विद्यालय सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक और एक अक्तूबर से 31 मार्च तक सुबह नौ से दोपहर तीन बजे तक चलेंगे। इसी क्रम में यह बदलाव हो रहा है। मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए परिषदीय विद्यालयों में विशेष अभियान चलाया जाएगा। इसमें अभिभावकों को भी बीमारियों के प्रति जागरूक करने के लिए पंचायत स्तर पर कार्यक्रम होंगे। स्कूल परिसर की सफाई तथा जलभराव न हो, इसके लिए भी अभियान चलाया जा रहा है। स्कूलों में फॉगिंग व दवा छिड़काव के भी निर्देश दिए गए हैं।

एक अक्तूबर से माध्यमिक विद्यालयों का भी समय बदलेगा। माध्यमिक विद्यालय सुबह 9.30 से दोपहर 3.30 बजे तक चलेंगे। वर्तमान में यह 7.30 से 1.30 बजे तक चल रहे हैं। सुबह 15 मिनट प्रार्थना सभा होगी। इसके बाद 9.45 से 40-40 मिनट के चार पीरियड में पढ़ाई होगी। इसके बाद 25 मिनट का लंच, फिर चार पीरियड पढ़ाई होगी।