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इलेक्टोरल बॉन्ड वसूली मामले में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को राहत, कर्नाटक हाई कोर्ट ने जांच पर लगाई रोक


डेस्क: इलेक्टोरल बॉन्ड वसूली मामले में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को राहत मिल गई है। कर्नाटक हाई कोर्ट ने उनके खिलाफ मामले में जांच पर रोक लगा दी है। इलेक्टोरल बॉन्ड वसूली मामले में उनके खिलाफ दायर मुकदमे पर 22 अक्टूबर तक रोक लगा दी गई है। कर्नाटक बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष नलीन कुमार कटील ने निचली अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए कर्नाटका उच्च न्यायालय ने 22 अक्टूबर तक कर्नाटक के पूर्व राज्य भाजपा अध्यक्ष नलीन कुमार कटील के खिलाफ दर्ज एफआईआर में आगे की जांच पर रोक लगा दी है।

इलेक्टोरल बॉन्ड वसूली मामले में नलीन कुमार कटील सह-आरोपी हैं। इसी मामले में केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण को मुख्य आरोपी बनाया गया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने चुनावी बांड की आड़ में कुछ कंपनियों से जबरन वसूली की थी।

जनाधिकार संघर्ष परिषद (जेएसपी) के सह-अध्यक्ष आदर्श आर अय्यर ने निर्मला सीतारमण और नलीन कुमार कटील को आरोपी बनाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया है कि आरोपियों ने चुनावी बॉण्ड की आड़ में जबरन वसूली की और 8,000 करोड़ रुपये से अधिक का फायदा उठाया। शिकायत में कहा गया कि सीतारमण ने ईडी अधिकारियों की गुप्त सहायता और समर्थन के माध्यम से राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर दूसरों के फायदे के लिए हजारों करोड़ रुपये की जबरन वसूली की। आदर्श आर अय्यर के अनुसार चुनावी बॉण्ड की आड़ में जबरन वसूली का काम विभिन्न स्तरों पर भाजपा के पदाधिकारियों की मिलीभगत से चलाया जा रहा था।

उच्चतम न्यायालय ने फरवरी में चुनावी बॉण्ड योजना को यह कहते हुए रद्द कर दिया था कि इससे सूचना के अधिकार और संविधान के तहत वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन होता है।  सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉण्ड योजना को असंवैधानिक और स्पष्ट रूप से मनमानी’ करार देते हुए 15 फरवरी को एसबीआई को निर्देश दिया था कि वह 12 अप्रैल, 2019 से खरीदे गए बॉण्ड का पूरा विवरण निर्वाचन आयोग को सौंपे। न्यायालय ने आयोग को संबंधित विवरण 13 मार्च तक अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करने का भी निर्देश दिया था।
यूपी के लखनऊ में हसन नसरल्लाह की मौत पर विरोध में प्रदर्शन, 'कैंडल मार्च' भी निकाला
डेस्क: इजरायल की सेना ने लेबनान के सशस्त्र समूह हिजबुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह को मार गिराया है। बता दें कि अमेरिका, इजरायल समेत कई देश हिजबुल्लाह को आतंकी संगठन मानते हैं। हसन नसरुल्लाह की मौत के कारण मध्य पूर्व में और ज्यादा तनाव फैल गया है। नसरुल्लाह की मौत को लेकर लेबनान समेत कई देशों में प्रदर्शन हो रहे हैं। वहीं, अब भारत के भी कई राज्यों में इस घटना को लेकर प्रदर्शन होते दिखाई दे रहे हैं। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी बड़ी संख्या में लोगों ने नसरल्लाह की मौत के विरोध में प्रदर्शन किया है।

लखनऊ के पुराने शहर इलाके में सैकड़ों लोगों ने हसन नसरल्लाह की मौत के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है। लोगों की भीड़ ने अमेरिका और इजरायल के खिलाफ नारेबाजी भी की है। दरअसल, इस पूरे प्रदर्शन का नेतृत्व शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद ने किया था। कल्बे जव्वाद ने इसके साथ ही नसरल्लाह की मौत को लेकर रविवार से तीन दिवसीय शोक का आह्वान भी किया है।

कल्बे जव्वाद के नेतृत्व में हुए प्रदर्शन में लोगों से नसरल्लाह की मौत के विरोध में अपने घरों में काले झंडे फहराने को और दुकानों को बंद करने को कहा गया है। इसके साथ ही ज्यादा से ज्यादा  जगहों पर विरोध प्रदर्शन और शोकसभाएं आयोजित करने की अपील भी की गयी है। साथ ही सआदतगंज के रुस्तम नगर स्थित दरगाह में भी प्रदर्शन हुआ और भारत सरकार से इस घटना के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में आवाज उठाने की अपील की गई है।

यूपी की राजधानी लखनऊ में हसन नसरल्लाह की मौत के विरोध में छोटे इमामबाड़ा से बड़े इमामबाड़ा तक कैंडल मार्च भी निकाला गया है। प्रदर्शन में जुटे लोगों ने अपने हाथों में काले झंडे, नसरल्लाह की तस्वीर और मशाल लेकर प्रदर्शन किया। इसके साथ ही लोगों ने इजरायल और अमेरिका के खिलाफ नारेबाजी भी की।
SP विधायक महबूब अली का विवाद बयान, "मुस्लिम आबादी बढ़ गई है...", बीजेपी सरकार को दी चेतावनी

डेस्क: उत्तर प्रदेश के अमरोहा से समाजवादी पार्टी के विधायक और पूर्व मंत्री महबूब अली ने विवादित बयान देकर सियासी बवाल खड़ा कर दिया है। उन्होंने यूपी में मुस्लिम आबादी बढ़ने की बात करते हुए बीजेपी सरकार को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि अब मुस्लिम आबादी बढ़ गई है, तुम्हारा राज खत्म हो गया है। विधायक यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि मुगलों ने देश में 800 साल राज किया। जब वह नहीं रहे तो तुम क्या करोगे। सपा विधायक बिजनौर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए ये बात कही।

सपा विधायक ने आगे कहा, "2027 में तुम जाओगे जरूर, हम आएंगे जरूर।" महबूब अली रविवार को बिजनौर के एक निजी बैंक्वेट हॉल में समाजवादी पार्टी के संविधान मान दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए थे, इस दौरान उन्होंने बीजेपी सरकार को संविधान आरक्षण विरोधी भी बताया। उन्होंने केंद्र को सबकुछ बेचने वाली सरकार बताते हुए कहा कि इन्होंने रेल बेच दी, दूरसंचार बेच दिया, एलआईसी बेच दी, हवाई अड्डे बेच दिए और देश भी बेच दिया। अब किस मुंह से सेवा करने आए थे, जनता सब समझ गई है।

बता दें कि महबूब अली साल 2002 में पहली बार खंथ सीट से विधायक बने थे। 2007 के यूपी विधानसभा चुनाव में महबूब अली ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा। उन्होंने अपनी सीट बरकरार रखी और अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार बीजेपी के मंगल सिंह को शिकस्त दी थी। उन्होंने 2012 और 2017 के विधानसभा चुनाव में भी जीत हासिल की। अखिलेश यादव की सरकार में उन्हें नवंबर 2015 में कैबिनेट फेरबदल के दौरान रेशम उत्पादन और कपड़ा मंत्री बनाया गया था। अक्टूबर 2016 में उन्हें लघु सिंचाई का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था।

मुंबई के धारावी में मस्जिद कमेटी खुद ही तोड़ रही अवैध निर्माण, सबसे पहले गुंबद पर चला हथौड़ा

डेस्क: मुंबई के धारावी में अवैध मस्जिद तोड़े जानी की मियाद आज खत्म हो चुकी है और अब मस्जिद को तोड़ने की कार्रवाई शुरू हो गई है। मस्जिद कमेटी खुद ही अवैध हिस्से को तोड़ रही है। बीएमसी इंजीनियर्स के मार्गदर्शन में मस्जिद ट्रस्ट यह कार्रवाई खुद कर रहा है। सबसे पहले मस्जिद के ऊपर बना अवैध गुंबद तोड़ा जाएगा, इसके बाद अन्य अवैध हिस्सों को तोड़ा जाएगा।

इससे पहले मस्जिद ट्रस्ट ने अवैध निर्माण के कुछ हिस्से को हरे रंग के परदे से कवर कर दिया था। बीएमसी की टीम यहां निरीक्षण करने पहुंची थी। मस्जिद ट्रस्ट का कहना है कि जो भी कार्रवाई होगी वो कानून के तहत होगी। इससे पहले मस्जिद ट्रस्ट ने खुद धारावी की महबूब ए सुभानिया मस्जिद में अवैध निर्माण को तोड़ने का वादा किया था। इस वादे की मियाद खत्म हुए करीब 5 दिन हो गए लेकिन मस्जिद को तोड़ने का काम आज शुरू हुआ है।

वहीं पुणे में भी अवैध मस्जिद तोड़े जाने पर हंगामा मच गया है। इसके अलावा आज हिमाचल के कुल्लू में अवैध मस्जिद के खिलाफ हिंदू संगठन हल्ला बोल रहे हैं, विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

पुणे में अवैध मस्जिद और मदरसे पर चला बुलडोजर
पुणे में भी अवैध मस्जिद और मदरसे पर बुलडोजर एक्शन हुआ है। अवैध निर्माण के खिलाफ महानगर निगम ने आधी रात में ये कार्रवाई की है। महानगर निगम का ये एक्शन हाईकोर्ट के आदेश के बाद हुआ है जिसमें कहा गया था कि पुणे के पिंपरी चिंचवड़ में जितने भी अवैध धर्म स्थल हैं, उसे तोड़ा जाए। 6 महीने पहले महानगर निगम ने ऐसे सभी अवैध निर्माण वाले धर्म स्थलों को नोटिस भी भेजा था लेकिन उसे नजरअंदाज किया गया जिसके बाद महानगर निगम ने ये कार्रवाई की। मस्जिद और मदरसे पर बुलडोज़र एक्शन का वहां के मुसलमान जमकर विरोध कर रहे हैं।

बता दें कि ये पूरा मामला पुणे से सटे पिंपरी चिंचवड़ का है। 25 साल पहले यहां मस्जिद का निर्माण हुआ था लेकिन बीते कुछ सालों पहले यहां दारुल उलूम जामिआ इन आमिया नाम से मदरसा चलाया जा रहा था। इसके खिलाफ हिंदू संगठनों ने शिकायत की। इस बीच हाईकोर्ट ने इलाके के सभी अवैध धर्मस्थलों को तोड़ने का आदेश भी जारी कर दिया और फिर कल रात महानगर निगम ने अवैध निर्माण पर बुलडोज़र चला दिया। इस कार्रवाई में मदरसा पूरी तरह तो मस्जिद का कुछ हिस्सा भी अवैध निर्माण होने की वजह से गिराया गया है।
वंदे भारत में लैपटॉप चुराने वाला निकला लव जिहाद का मास्टर माइंड...दो दर्जन लड़कियों को टारगेट करने का हुआ बड़ा खुलासा


डेस्क: मैं सेना में मेजर हूं, नाम हर्षित चौधरी है मुझे आप पसंद हो, मुझसे शादी करोगी? तुम्हारी हर एक ख्वाहिश पूरी करूंगा, यह कहकर उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के रहने वाले मोहम्मद शहबाज एक दो नहीं करीब 24 लड़कियों को अपना शिकार बनाया। गुजरात के अहमदाबाद रेलवे स्टेशन की पुलिस ने लव जिहाद के इस बड़े मामले का खुलासा किया है। पुलिस के अनुसार आरोपी ने करीब तीन साल में उसने 24 लड़कियों को अपना शिकार बनाया। रेलवे पुलिस ने आरोपी को वंदे भारत ट्रेन में लैपटॉप चोरी के आरोप में पकड़ा था लेकिन लव जिहाद का मास्टर माइंड निकला। पुलिस ने आरोपी के पास से फर्जी दस्तावेज और आईडी कार्ड भी बरामद किए हैं।

रेलवे पुलिस के अनुसार लव जिहाद का मास्टरमाइंड मोहम्मद शहबाज अलीगढ़ के मौलाना आजाद नगर का रहने वाला है। पुलिस मामले की जांच के लिए आरोपी को अलीगढ़ ले गई। वहां उसके पास से फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड और पासबुक के अलावा अन्य दस्तावेज बरामद हुए। इसके साथ ही कई लोगों के बयान लिए गए। मोहम्मद शहबाज के पीएनबी अकाउंट से करोड़ों के ट्रांजेक्शन सामने आए हैं। अहमदाबाद रेलवे पुलिस के अनुसार आरोपी ने हर्षित चौधरी नाम से अपना पहचान पत्र बनवा रखा था और खुद को आर्मी में मेजर बताता था। उसके पास से सेना का एक आई कार्ड एवं अन्य कागजात भी बरामद हुए हैं। फर्जी कागजातों से शहबाज़ ट्रेन और हवाई यात्राएं करता था।

रेलवे पुलिस की जांच में सामने आया है कि आरोपी के पिता सेना से रिटायर्ड हैं। ऐसे में उसने इस गोरखधंधे के लिए सेना की पहचान का इस्तेमाल किया। यह सामने आया है कि आरोपी का भाई एयरफोर्स में है। रेलवे पुलिस के अनुसार वंदे भारत में लगे सीसीटीवी फुटेज से पुलिस मोहम्मद शहबाज की सीट का नंबर निकाला। साथ ही रिजर्वेशन चार्ट खंगाला। इसके बाद पूरी डिटेल मिली, पता चला कि जिस सीट पर आरोपी बैठा था, वो हर्षित चौधरी के नाम से बुक थी। रिजर्वेशन चार्ट में पड़े मोबाइल नंबर से आरोपी की लोकेशन दिल्ली में मिली। इस पर गुजरात पुलिस दिल्ली पहुंची और आरोपी को दबोच लिया।

रेलवे पुलिस ने जब आरोपी को पकड़ा तो उसने हर्षित चौधरी नाम बताया, कहने लगा कि राजस्थान के भरतपुर का रहने वाला है। उसने कहा कि वह सेना में अधिकारी है। उसने कोई कोई चोरी नहीं की। पुलिस के पहले यकीन हो गया लेकिन जब दावा झूठा निकला तो पुलिस ने फिर उस शिकंजा कस दिया। पुलिस को पूछताछ के दौरान ही आरोपी पर शक हो रहा था, इसके चलते उसका बायोमेट्रिक आधार कार्ड निकलवाया। तो उस पर आरोपी के पास से मौजूद आधार कार्ड से अलग फोटो लगा हुआ मिला।

इसके बाद जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो आरोपी ने बताया कि यह आधार और पैन कार्ड उसने फर्जी तरीके से बनवाए हैं। यह आधार कार्ड और पैन कार्ड भरतपुर निवासी हर्षित चौधरी के हैं। जिस पर उसने अलीगढ़ के कंप्यूटर सेंटर पर एडिट करके अपना फोटो लगवा लिया था। पूछताछ में उसने अपना असली नाम मोहम्मद शहबाज निवासी जमालपुर थाना सिविल लाइन अलीगढ़ बताया।

अहमदाबाद रेलवे पुलिस ने जांच के दौरान जब आरोपी का मोबाइल तलाश तो हैरान रह गई। आरोपी के मोबाइल में 24 अलग-अलग लड़कियों के फोटो और वीडियो मिले। सख्ती से पूछताछ करने पर उसने बताया कि वह नाम बदलकर और खुद को सेना का अफसर बताता था। हिंदू लड़कियों को अपने जाल में फंसाता था। इसके बाद शादी करके या फिर शादी का झांसा देकर उनके साथ शारीरिक संबंध बनाता है। फिर उन्हीं लड़कियों से पैसे भी वसूलता। पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह अब तक करीब दो दर्जन लड़कियों को जाल में फंसा चुका है।


आरोपी मोहम्मद शहबाज सोशल मीडिया और मेट्रिमोनियल साइटों का इस्तेमाल कर नौकरीपेशा लड़कियों को फंसाता था। अहमदाबाद भी वह एक ऐसी ही लड़की के परिवार से मिलने आया था। यहां उस परिवार से मिलने के बाद वह दिल्ली जाने के लिए वंदे भारत ट्रेन में चढ़ गया। इसी दौरान उसने बैग चोरी की घटना को अंजाम दिया। अगर ट्रेन में सीसीटीवी न होता, तो जाहिर तौर पर वह उस लड़की को भी अपना शिकार बना लेता, जिसके परिवार से मिलकर वापस लौट रहा था।

पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि मोहम्मद शहबाज 2015 में कुछ समय के लिए सेना में भर्ती होने के बाद रहा है। बाद में उसे बर्खास्त कर दिया था। उसके खिलाफ अनुशात्मक कार्रवाई की गई थी। पश्चिम रेलवे के एसपी बलराम मीणा ने कहा कि छोटी सी चोरी की जांच करते हुए इस मामले का खुलासा हुआ। यह भी सामने आया है कि यह डेटिंग एप के जरिए लड़कियों को फंसाता था। सेना से जो जानकारी सामने आई है। उसमें शाहबाज को मेडिकल ग्राउंड के साथ दूसरे गतिविधियों में लिप्त होने की वजह से निकाला गया था।

आगे गुजरात पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि लव जिहाद के आरोपी मोहम्मद शाहबाज ने मैट्रिमनी वेबसाइट शादी डॉट कॉम पर खुद को भारतीय सेना में मेजर बताया था। उसने मुंबई, गुरुग्राम, दिल्ली, कोलकाता, इंदौर और सिलीगुड़ी की हिंदू महिलाओं से संपर्क किया था। उनका यौन शोषण किया था।इसके अलावा यह भी पता चला है कि वह अक्टूबर 2019 में जाहिद मोहम्मद के नाम से जम्मू-कश्मीर से एक मोबाइल सिम कार्ड हासिल करने में कामयाब रहा था। आरोपी राजस्थान के भरतपुर गया था और वहां से फर्जी आधार कार्ड हासिल करने में कामयाब रहा था।
जम्मू-कश्मीर में ‘मंदिरों को जलाने’ की धमकी, पत्रकार से बोला- हिंदू को पूजा करते देख मुस्लिमों को अच्छा नहीं लगता है


डेस्क: जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। तीन चरण की वोटिंग के बाद वहाँ 4 अक्तूबर को परिणाम आएँगे। इस बीच ग्राउंड पर जाकर ‘द राजधर्म’ की रिपोर्टर अर्चना तिवारी ने वहाँ वोटरों का मन टटोलने का प्रयास किया। लेकिन, रिपोर्टिंग के दौरान उनका पाला ऐसे वोटर से पड़ा जो खुलेआम कैमरे पर हिंदू धर्म के खिलाफ, हिंदू मंदिरों के खिलाफ नफरत दिखाते हुए दिखा।

उत्तर कश्मीर के लोलाब में वोटरों से बात करने पहुँचीं अर्चना तिवारी की मुश्ताक नाम के मुस्लिम शख्स से चुनावों को लेकर चर्चा हुई। पहले तो मुश्ताक बताता दिखा कि वो इंजीनियर रशीद का समर्थक है और उसे अपने इलाके में डैम, प्ले ग्राउंड की जरूरत है और सस्ती बिजली की जरूरत है।


वीडियो में 3:52 के बाद देख सकते हैं कि मुश्ताक ने बताया कि उसके इलाके से भाजपा नहीं जीत सकती क्योंकि पार्टी ने उनके (मुसलमान) मुताबिक काम नहीं किया है। इस दौरान मुश्ताक ने बताया कि भाजपा ने शराब की दुकान खोलीं, चावल महंगे किए और मस्जिद के सामने मंदिर बना दिए।

अर्चना तिवारी ने पूछा कि आखिर सबसे ज्यादा दिक्कत किस बात से हुई। इस पर मुश्ताक ने कहा शराब की दुकान और मंदिर बनाने से… मुश्ताक ने कहा- “हम मुसलमान हैं। हमने अल्लाह को चुना है। हम पढ़ते हैं नमाज, आप लोग जाते हैं मंदिर। मुसलमान मस्जिद में जाएगा और हिंदू को मंदिर में पूजा करते देखेगा तो बिलकुल अच्छा नहीं लगेगा। मंदिर में पूजा देखने से मुसलमान को समस्या होती है।”

अर्चना तिवारी ने ये बात सुन हैरानी जताई और कहा भी हिंदुओं को मुस्लिमों से कभी समस्या नहीं होती। इस पर मुश्ताक ने कहा- “आप लोगों को दिक्कत नहीं होगी लेकिन हम लोगों को समस्या है क्योंकि हम मुसलमान है।” मु्श्ताक ने आगे ये भी बताया कि अगर कोई हिंदू आएगा और यहाँ खुलेआम शराब पीएगा तो ये उसके लिए ठीक नहीं होगा। हम उसे मारेंगे। शराब हमारे मजहब में नहीं आती। हम ऐसा नहीं होने देंगे”

मुश्ताक ने आगे अपनी तमाम माँगों के साथ बताया कि गाँव में मंदिर बनाना बिलकुल ठीक नहीं है। अगर कोई आकर मंदिर बनाएगा तो हमें उसे जलाना ही पड़ेगा। इस पर अर्चना तिवारी ने पूछा- “आपको ये बातें किसने सिखाई? इस पर मुश्ताक बोलते दिखे कि अल्लाह की कसम ये बातें किसी ने नहीं सिखाईं, ये मैं अपनी जुबान से बोल रहा हूँ।”

मुश्ताक ने आगे बताया कि वो लोग हिंदुओं को अपनी जमीन ही नहीं देंगे कि कोई आकर मंदिर बना सके। वह बोला, “ये जमीन मोदी की नहीं है। ये हमारी है। हम नमाज पढ़ते हैं। पाँच बार पढ़ते हैं।”

आगे उसने बताया कि उसने कुरान में मंदिर जलाने वाली बात तो नहीं पढ़ी लेकिन उसे ये सब पता है क्योंकि वो मुसलमान है। उसने ये भी कहा कि अगर वो लोग मस्जिद में नमाज पढ़ें और हिंदू पूजा-पाठ या भजन करें तो उन्हें बिलकुल अच्छा नहीं लगेगा।
सरकार ने हटा दी मणिपुर में अब इंटरनेट से बैन, स्कूलों के खुलने का भी दिन तय
डेस्क: मणिपुर के पांच घाटी जिलों में इंटरनेट पर लगी रोक 6 दिनों के बाद तत्काल प्रभाव से हटा ली गई है। मणिपुर सरकार ने कल से राज्य में स्कूलों को फिर से खोलने का भी आदेश दिया है। राज्य सरकार के आयुक्त (गृह) एन अशोक कुमार ने कहा कि लीज लाइन, वीसैट, ब्रॉडबैंड और वीपीएन सेवाओं सहित इंटरनेट सेवाओं को तुरंत बहाल किया जाना है। इससे पहले, राज्य सरकार ने 12 सितंबर को ब्रॉडबैंड कनेक्शन के जरिए इंटरनेट सेवाओं पर लगा निलंबन हटा लिया था।


कुमार ने अपने आदेश में कहा, "राज्य सरकार ने राज्य में मौजूदा कानून और व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की है और मणिपुर राज्य में किसी भी प्रकार के अस्थायी इंटरनेट संस्पेंशन को हटाने का निर्णय लिया है, जो जनहित में निवारक उपाय के रूप में सद्भावनापूर्वक लगाया गया था।" इंटरनेट बैन हटाने के बाद, कुमार ने राज्य के सभी इंटरनेट उपयोगकर्ताओं से ऐसी गतिविधियों से दूर रहने का आग्रह किया, जिनके कारण भविष्य में इंटरनेट प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता हो सकती है।

राज्य सरकार ने 10 सितंबर को घाटी के पांच जिलों - इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, थौबल, बिष्णुपुर और काकचिंग में मोबाइल इंटरनेट और ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया था। इंफाल में छात्रों के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद पुलिस के साथ झड़प के बाद राज्य में कानून और व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए प्रतिबंध लगाया गया था।

प्रदर्शनकारी 16 महीने की जातीय हिंसा के बाद राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने की मांग कर रहे थे। उन्होंने सरकार द्वारा उनकी मांगें पूरी किए जाने तक घाटी के इलाकों में अनिश्चितकालीन स्कूल बंद रखने की भी घोषणा की थी। ऐसे में कल यानी 17 सितंबर से सभी स्कूलों को खुलने को कहा गया है।
भोपाल में रानी कमलापति की प्रतिमा के सामने शख्स ने अश्लील गाने पर किया डांस, सांसद ने की NSA लगाने की मांग


डेस्क: एमपी की राजधानी भोपाल में रानी कमलापति की मूर्ति के सामने अश्लील गाने पर नृत्य करने का मामला सामने आया है। वहीं इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सांसद आलोक शर्मा ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। रानी कमलापति की मूर्ति के सामने अश्लील डांस का वीडियो वायरल होने के बाद हिंदूवादी संगठनों और नेताओं में रोष व्याप्त है। सांसद आलोक शर्मा ने वीरांगना रानी की प्रतिमा के सामने अश्लील और आपत्तिजनक जाने पर डांस करने वाले युवक के खिलाफ एनएसए लगाने की मांग की है। इस मामले में आज भोपाल के सांसद आलोक शर्मा ने पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र को ज्ञापन सौपा है।


सांसद आलोक शर्मा ने आरोपी के खिलाफ एनएसए लगाने की मांग करते हुए कहा कि महारानी कमलापति की प्रतिमा के सामने एक युवक के द्वारा अश्लील गाने पर नृत्य करके वीडियो बनाया गया। ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने एक युवक को हिरासत में ले लिया है। आरोपी भी पुलिस की 23वीं बटालियन में पदस्थ बताया जा रहा है, जिसका नाम जितेंद्र बताया जा रहा है। सांसद आलोक शर्मा ने कहा कि यह कृत्य संपूर्ण समाज और राष्ट्र का अपमान है। यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वीडियो बनाने वाले दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

वहीं पूरे मामले की जानकारी देते हुए पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र ने बताया कि मामला सामने आने के बाद एक युवक को हिरासत में ले लिया गया है। हालांकि वो डांस के इस वीडियो को बनाने से इनकार कर रहा है, फिर भी तकनीकी आधार पर जांच की जा रही है। मिश्र ने कहा कि ये भी जांच की जा रही है कि वह पुलिस की 23वीं बटालियन में है या नहीं। बता दें कि रानी कमलापति की प्रतिमा के सामने अश्लील गाने पर डांस का वीडियो शनिवार को सामने आया था। इस वायरल वीडियो में भोपाल की रानी कमलापति का अपमान किया गया। ये वीडियो गिन्नोरी में स्थापित रानी कमलापति की मूर्ति के सामने बनाया गया था।
मुसलमान और मस्जिदों के खिलाफ उत्तराखंड में क्यों मचा है बवाल, उत्तरकाशी से चमोली तक सड़कों पर उतरे लोग

 

डेस्क: उत्तराखंड में लगातार आपराधिक मामले सामने आ रहे हैं जैसे कि महिलाओं और लड़कियों के साथ छेड़छाड़ करना व दुष्कर्म जैसे गंभीर मामले, चोरी-लूटपाट जैसी वारदातें, प्रदेश के लोग इन आपराधों और वारदातों को लेकर आक्रोशित हो रहे हैं. अलग अलग जिलों की बात करें तो उत्तरकाशी में मुस्लिम समुदाय के विरुद्ध प्रदर्शन किया गया.

वहीं एक मस्जिद व मुस्लिम बस्ती को गिराने तक की प्रदर्शनकारियों ने मांग उठा दी. इसके अलावा चमोली जिले के नंदानगर में हाल के समय में सांप्रदायिक अशांति के बीच उत्तरकाशी शहर में एक विरोध जताने वाली रैली का आयोजन किया गया. प्रदर्शनकारियों ने मस्जिद और मुस्लिम कॉलोनी को ध्वस्त करने तक की मांग उठा दी. बताया जा रहा है कि इस मस्जिद को 1969 में पंजीकृत करवाया गया था. उत्तरकाशी में प्रदर्शनकारियों ने धार्मिक झंडे लहराए व नारे भी लगाए है. मामले की जांच का आश्वासन दिए गए है.

इस तरह के विवादों, विरोधों और गतिरोधों का क्या कारण है इस बारे में समझने की जरूरत है. दरअसल, मस्जिद कॉलोनी के रहने वाले लोग इस संबंध में कई बातें बताते हैं जैसे कि उनके परिवार आठ दशकों से भी अधिक समय से शांति से रह रहे हैं लेकिन एकाएक होने वाले इस तरह के अचानक हुए प्रदर्शन पर हैरानी है, उनका कहना है कि नंदानगर या पुरोला के जैसे ही यहां किसी भी तरह की आपराधिक घटना नहीं जिसके लिए ऐसा प्रदर्शन किया जाता. निवासियों का कहना है कि जिस मस्जिद को अवैध बताया जा रहा है और उसे गिराने की मांग की जा रही है.

वहीं, दूसरी ओर ये भी बताया जा रहा है कि साल 1969 में इस मस्जिद को पंजीकृत किया गया. इस घटना से वहां के मुस्लिम परिवारों डर फैला हुआ है, डरे हुए मुस्लिम परिवार सुरक्षा की मांग कर रहे हैं और इसके लिए एसपी से मुलाकात की. कई हिंदु परिवार भी जो इस तरह के प्रदर्शन से हैरानी में है. यहां के परिवारों का कहना है कि लोग यहां पर मिल-जुलकर रह रहे हैं. ये नहीं पता है कि ये प्रदर्शनकारी कौन थे.

इस बीच, सीएम पुष्कर सिंह धामी की ओर से भी उत्तराखंड के कई जिलों में फैले इस अशांति को लेकर बयान दिया गया. उत्तराखंड के शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने वाले आपराधिक तत्वों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने ये भी कहा कि देवभूमि उत्तराखंड के लोग शान्तिप्रिय हैं, अगर आपराधिक प्रवृत्ति के लोग यहां आकर शांत वादियों में अशांति फैलाएंगे व कानून व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश करेंगे तो इसको देवभूमि में बिलकुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. ऐसे आपराधिक तत्वों की पहचान के लिए वृहद सत्यापन अभियान जारी है. सीएम धामी ने कहा कि कानून अपना काम करेगा.  हम अपराधियों के साथ सख्ती से निपटेंगे.

उत्तरकाशी के एसपी अमित श्रीवास्तव ने इस संबंध में जानकारी दी है कि वह मामले की जांच तो कराएंगे ही इसके साथ ही इस बारे में उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी. वहीं दूसरी ओर राज्य में पिछले कुछ माह में हो रही सांप्रदायिक अशांति की घटनाओं पर गौर करने करते हुए हाई कोर्ट में मुस्लिम सेवा संगठन ने जाने का निर्णय लिया है. संगठन ने हाई कोर्ट से अल्पसंख्यक अधिकारों का रक्षण करने की अपील भी की है.
दिल्ली मेट्रो में करीब 50 मुस्लिम चढ़े और दावा किया कि "अब दिल्ली मेट्रो नया शाहीन बाग है, आने वाले दिनों में वे मेट्रो में नमाज भी पढ़ेंगे"


डेस्क: दिल्ली मेट्रो से एक चौंकाने वाली तस्वीरें सामने आईं हैं। दरअसल दिल्ली मेट्रो में उद्योग भवन मेट्रो स्टेशन पर मुस्लिम भीड़ को "नारे-ए-..." और "अल्लाह की ताकत, अली अली" जैसे इस्लामी नारे लगाते हुए साथी यात्रियों द्वारा रिकॉर्ड किया गया। 

अन्य यात्रियों के अनुसार, जोर बाग स्टेशन पर करीब 50 इस्लामवादी मेट्रो में चढ़े। इस्लामवादियों को "मकसद-ए-कर्बला" जैसे नारे लिखी शर्ट पहने हुए भी देखा गया। 

एक साथी यात्री ने ऑफ रिकॉर्ड कहा कि "अब दिल्ली मेट्रो नया शाहीन बाग है, आने वाले दिनों में वे मेट्रो में नमाज भी पढ़ेंगे"।