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नेटवर्क सदस्यों द्वारा लोगों को जागरूक कर खिलायी जा रही फाइलेरिया से सुरक्षा की दवा

के.नगर प्रखंड में स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा लोगों को घर घर पहुंचकर खिलाई जा रही दवा -02 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को खिलाई जा रही फाइलेरिया सुरक्षा के लिए डीईसी, अल्बेंडाजोल और आइवरमेक्टिन की गोली पूर्णिया, 30 सितंबर फाइलेरिया बीमारी से लोगों को सुरक्षित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में सर्वजन दवा सेवन (एमडीए/आईडीए) कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। इसके तहत जिले के अलग-अलग प्रखंडों में स्वास्थ्य कर्मियों को विशेष रूप से प्रशिक्षित करते हुए संबंधित क्षेत्र में सामान्य लोगों को फाइलेरिया की दवा का सेवन करायी जा रही है। कसबा और श्रीनगर प्रखंड के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग द्वारा के.नगर प्रखंड के स्वास्थ्य कर्मियों को इसके लिए प्रशिक्षण दिया जा चुका है जबकि अन्य प्रखंडों में भी स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित करने के बाद कार्यक्रम चलाया जाएगा।
      प्रशिक्षण के बाद स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा क्षेत्र में घर-घर पहुंचकर लोगों को दवाई खिलाई जा रही है। ज्यादा से ज्यादा लोगों को दवाई खिलाने में स्वास्थ्य विभाग को फाइलेरिया से ग्रसित नेटवर्क सदस्यों द्वारा भी सहयोग किया जा रहा है। नेटवर्क सदस्यों द्वारा लोगों को बताया जा रहा है कि फाइलेरिया से ग्रसित होने पर उन्हें जिंदगी में बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। अगर लोग सामान्य जीवन में ही दवा का सेवन कर लेंगे तो लोग फाइलेरिया ग्रसित होने से सुरक्षित रहेंगे और सामान्य जीवनयापन कर सकेंगे। 16 वर्ष की उम्र से ही फाइलेरिया ग्रसित है छोटू, अब फाइलेरिया से सुरक्षित रखने के लिए लोगों को कर रहा जागरूक : के.नगर प्रखंड के स्थानीय नेटवर्क सदस्य छोटू पासवान ने बताया कि मेरी उम्र 16 वर्ष थी जब मेरे एक पैर में सूजन होने लगा था। शुरुआत में सामान्य इलाज कराया लेकिन उसका कोई लाभ नहीं हुआ। धीरे धीरे मेरे दोनों पैर में सूजन होने लगा और दिन-ब-दिन पैर फूलने लगा है। फिर मेरे द्वारा सदर अस्पताल में डॉक्टर से जांच करायी गयी तो डॉक्टर ने बताया कि मुझे फाइलेरिया हो गया है जिसका कोई इलाज नहीं है।
       फाइलेरिया होने पर ग्रसित अंग में पानी भर जाता है जिससे फटने से वहां घाव भी होने लगता है। घाव के इलाज और सूजन सुरक्षित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा आवश्यक महलम और एमएमडीपी किट दिया जाता है जिसका उपयोग कर मैं फाइलेरिया ग्रसित अंग को नियंत्रित रखता हूँ। फाइलेरिया ग्रसित पैर होने के कारण मुझे ठीक से रहने और काम करने में भी बहुत दिक्कत होती है। ऐसी समस्या किसी और को नहीं हो इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा साल में एक बार सभी सामान्य लोगों को फाइलेरिया से सुरक्षित रखने के लिए दवा खिलाई जाती है। साल में एक बार दवा खाकर लोग फाइलेरिया ग्रसित नहीं होंगे और अपना समान्य जीवन आसानी से जी सकेंगे। कोई व्यक्ति हमारी तरह फाइलेरिया का शिकार नहीं हो सके इसलिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा हमें फाइलेरिया उन्मूलन अभियान में नेटवर्क सदस्य के रूप में जोड़ा गया है। हमारे द्वारा अपने क्षेत्र के लोगों को फाइलेरिया से सुरक्षा हेतु दवा खाने के लिए जागरूक करने के साथ साथ फाइलेरिया ग्रसित मरीजों की पहचान कर उन्हें अस्पताल में उपलब्ध सुविधा का लाभ दिलाने में सहयोग किया जाता है। 02 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को खिलाई जा रही फाइलेरिया सुरक्षा के लिए डीईसी, अल्बेंडाजोल और आइवरमेक्टिन की गोली : जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ आर पी मंडल ने बताया कि फाइलेरिया एक लाइलाज बीमारी है जिसके ग्रसित होने के बाद संबंधित व्यक्ति को नियंत्रित रखा जा सकता है सम्पूर्ण स्वास्थ्य नहीं किया जा सकता। लोगों को फाइलेरिया बीमारी से होने पहले ही सुरक्षित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा साल में एक बार सर्वजन दवा सेवन (एमडीए/आईडीए) कार्यक्रम चलाते हुए स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा फाइलेरिया से सुरक्षा की दवाई खिलाई जाती है। फाइलेरिया से सुरक्षा के लिए स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा 02 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को डीईसी व एल्बेंडाजोल की गोली तथा 05 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को आइवरमेक्टिन की गोली खिलाई जाती है। लगातार पांच साल तक साल में एक बार दवा का सेवन करने से लोग फाइलेरिया ग्रसित होने से सुरक्षित रह सकते हैं।
       डॉ मंडल ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा फाइलेरिया से सुरक्षा की दवा 02 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों को नहीं खिलाया जाता है। फाइलेरिया से सुरक्षा की दवा लाभार्थियों को खाली पेट या भोजन करने के 02 घंटे बाद नहीं खिलाया जाता है। ऐसे लोगों को दुबारा नास्ता या खाना खाने के बाद फाइलेरिया से सुरक्षा की दवा स्वास्थ्य कर्मियों के सामने ही खिलाई जाती है। लाभार्थियों को फाइलेरिया से सुरक्षा की तीनों दवाओं का सेवन 05-10 मिनट के अंतराल पर स्वास्थ्य कर्मियों के सामने ही खिलाना सुनिश्चित किया जाता है। दवा सेवन के बाद लाभार्थियों द्वारा ज्यादा से ज्यादा पानी का सेवन करने की जानकारी दी जाती है जिससे कि संबंधित व्यक्ति में फाइलेरिया के कीटाणु होने पर उसे आसानी से नष्ट किया जा सके। दवा सेवन के बाद प्रतिकूल प्रभाव होने पर तत्काल नजदीकी अस्पताल को सूचित करने पर संबंधित व्यक्ति को स्वास्थ्य विभाग द्वारा तत्काल चिकित्सकीय सहायता प्रदान किया जाता है। इसके लिए जिले में 05 सदस्यीय रेपिड रेस्पॉन्स टीम बनाया गया है जिसके द्वारा लोगों को मेडिकल सहायता प्रदान किया जाता है। जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के कसबा, श्रीनगर और के.नगर प्रखंड में एमडीए/आईडीए कार्यक्रम चलाया जा रहा है जबकि अन्य प्रखंडों में स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। प्रशिक्षण के बाद अन्य प्रखंडों में भी कार्यक्रम चलाते हुए लोगों को फाइलेरिया से सुरक्षा की दवा खिलाया जाएगा। ध्यान रखने योग्य जानकारी: - खाली पेट दवा का सेवन नहीं करना है। - दवा स्वास्थ्यकर्मियों के सामने ही दवा खाना आवश्यक है। - अल्बेंडाजोल की गोली चबाकर खाना है। - अपने घरों के आसपास गंदा पानी इकट्ठा नही होने देना चाहिए। - सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करना चाहिए।
इस वर्ष खरीफ विपणन धान खरीद के लिए बिहार है तैयार, 45 लाख मेट्रिक टन होगी धान की खरीद

बिहार में खरीफ विपणन धान खरीद को लेकर केंद्र सरकार से आग्रह किये जाने के बाद एक बार फिर धान खरीद विपणन का लक्ष्य 45 लाख मेट्रिक टन कर दिया गया है । वितीय वर्ष 24 -25 में 11 लाख मेट्रिक टन धान की खरीद को कम कर दिया था लेकिन बिहार सरकार की पहल पर किसानों के हित मे फिर से 45 लाख मेट्रिक टन कर दिया गया है । इस बाबत बिहार सरकार के खाद्य उपभोगता संरक्षण मंत्री लेशी सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा धान की खरीद को लेकर 11 लाख मैट्रिक टन काम धान खरीदने का लक्ष्य रखा गया था जो बिहार के किस के हित में नहीं था लिहाजा केंद्रीय मंत्री से मिलकर इस मांग को उनके द्वारा रखा गया और सरकार ने उनकी मांग मान ली । अब फिर से 45 लाख मैट्रिक टन धान की खरीद इस वर्ष भी की जाएगी । उन्होंने कहा कि धान की खरीद सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जाएगी और ससमय राशि किसानों के खाते में दिया जाएगा । धान की खरीद की तिथि कब से शुरू होगी यह निर्णय बाद में लिए जाएंगे
कनकई,महानंदा ,परमान एवं दास नदी के विकराल रूप के सामने प्रशासन है बेदम, जनता पानी से लड़ रही है जंग


पूर्णिया के  बायसी अनुमंडल के बायसी अमौर, वैसा प्रखंड में कई दिनों से लगातार हो रही बारिश एवं कोसी  बैराज से पानी छोड़ने के कारण प्रखंड क्षेत्र में बाढ़ की तबाही दिखने लगा है.कनकई,महानंदा ,परमान एवं दास नदी अपना विकराल रूप दिखाने लगी है. प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांव में बाढ़ का पानी घुस चुका है.प्रधानमंत्री सहित मुख्यमंत्री सड़क के ऊपर से बाढ़ का पानी बहने लगा है.कनकई नदी के कटाव से नागरा टोली,सिमलबाडी गांव के दर्जनों परिवार के घर नदी में विलीन हो चुके हैं.सैकड़ों परिवार घरों से बेघर होकर पैठान टोली स्थित ऊंचे पुल पर खुले में शरण लेने को मजबूर हो गए हैं.वही  बायसी के राजद विधायक शैयद रुनमुद्दीन ने बताया कि लगातार हो रही बारिश और बराज से पानी छोड़े जाने के कारण बायसी अनुमंडल क्षेत्र में कटाव और बाढ़ का कहर जारी है ।
      उन्होंने कहा कि बाढ़ पूर्व  तैयारी नहीं की गई और ना ही कोई स्थाई समाधान किया गया । जिओ बैग के नाम पर सरकार लीपा पोती कर रही है । सभी नदी ओवरफ्लो हो चुके हैं खेतों में पानी भर गया है और किसान  के फसल बर्बाद हो चुके हैं । वहीं प्रशासन का सभी  दावा फेल है कहीं भी कम्युनिटी किचन की व्यवस्था नहीं की गई है ।
पप्पू यादव के पिता के श्रद्धांजलि सभा सह सर्व धर्म प्रार्थना सभा में आज सियासी लोगों की रही भीड़

पूर्णिया सांसद पप्पू यादव के पिता के श्रद्धांजलि सभा सर्व धर्म प्रार्थना सभा में आज सियासी लोगों की भीड़ रही । वही कई उद्योगपतियों ने भी शिरकत किया । सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष तक के राजनेता इस मौके पर सर्वधर्म प्रार्थना सभा में उपस्थित थे । वहीं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, बिहार प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, बिहार सरकार की मंत्री लेशी सिंह, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शकील अहमद खान, सांसद तारीख अनवर के साथ साथ दो दर्जन से अधिक विधायक मौजूद थे । इस मौके पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि पप्पू यादव से हमारे आत्मीय संबंध है और यही वजह है कि उनके पिता की श्रद्धांजलि सभा में हम अपने आप को नहीं रोक पाए । वही सियासी सवाल पूछे जाने पर हेमंत सोरेन ने बातों को टाल दिया और कहा कि यह वक्त सियासत करने का नहीं है ।
एक एक कर जल समाधी ले रहा नदी किनारे का घर, बाढ़ की त्रासदी जल प्रलय के बीच हो जाएगा रोंगटे खड़े , पूर्णिया की है भयावह स्थिति


पूर्णिया में लगातार 3 दिनों से हो रही बारिश से जिले की नदियां उफान पर हैं। बायसी में बहने वाली महानंदा, कनकई और परमान जैसी नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं। यहां हालत भयावह हैं। वहीं त्रि नदियों से घिरे बायसी प्रखंड के ताराबाड़ी में कटाव ने ऐसा तांडव मचाया कि देखते ही देखते एक मस्जिद का ढांचा तास की पत्तों की तरह महज चंद सेकेंड में कनकई नदी में समा गई। जल प्रलय के बीच रोंगटे खड़े करने वाला 28 सेकेंड का एक लाइव वीडियो भी सामने आया है। वीडियो बायसी के ताराबाड़ी पंचायत के पश्चिम टोला के ताराबाड़ी की है। यहां कनककई नदी की लहरों ने जमीन को अंदर ही अंदर इस कदर काटा कि महज 7 सेकेंड के भीतर मस्जिद का एक ढांचा कनकई की कोख में समा गया।

       28 सेकेंड के इस वीडियो में कनकई नदी के कहर से डरे सहमे 3 बच्चे और एक नवयुवक को नदी के एक किनारे से घरों में भागते और छिपते देखा जा सकता है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कनकई की तेज बहाव मस्जिद के ढांचे की सतह से आकर टकराती है, जिसके बाद देखते ही देखते ये ढांचा चंद सेकेंड में कनकई की लहरों में जल समाधि ले लेता है। वीडियो के 7वे सेकेंड पर ढांचे में हलचल दिखाई देती है और फिर महज चंद सेकेंड में ये ढांचा भर भराकर पानी में समा जाता है। वीडियो के 14 से 20वे सेकेंड पर ये ढांचा पूरी तरह पानी में विलीन हो जाता है। इस वीडियो में समूचे घटनाक्रम से सहमे कुछ ग्रामीणों को की भी हलचल देखी जा सकती है। कनकई के इस कहर से ताराबाड़ी के लोग पूरी तरह सहमे हैं। वहीं कनकई नदी से लगे ताराबाड़ी गांव की कई और तस्वीरें सामने आईं हैं। इसमें कनकई नदी को जमीन के हिस्से को निगलते और कुछ लोगों को कटाव के डर से अपने हाथों से आशियाने उजारते देखा जा सकता है।

      ताराबाड़ी पंचायत के पश्चिम टोला ताराबाड़ी में कनकई नदी में मस्जिद ही नहीं बल्कि अब तक 8 घर कनकई की लहरों में जलसमाधि ले चुके हैं। वहीं अब इस गांव के दर्जनों घरों पर कटाव का खतरा मंडरा रहा है। वहीं कटाव पीड़ितों में हाफिज अब्दुल वली ,मोलवी मुन्ना, मुश्ताक आलम, आबिद हुसेन, रजी अहमद, सबर, मरगुब आलम समेत एक अन्य शामिल हैं। कटाव की जद में इनका घर विलिन हो गया है। वहीं कनकई नदी के कटाव से डरे सहमे ग्रामीण रतजग्गा कर रहे हैं। वहीं कई लोग गांव छोड़कर माल मवेशियों के साथ ऊंचे स्थानों पर शरण ले चुके हैं।
सिविल सर्जन की अध्यक्षता में पोषण पुनर्वास केंद्र की अर्द्धवार्षिक समीक्षा बैठक आयोजित


सिविल सर्जन की अध्यक्षता में पोषण पुनर्वास केंद्र की अर्द्धवार्षिक समीक्षा बैठक आयोजित -सभी स्वास्थ्य और आईसीडीएस अधिकारियों को कुपोषित बच्चों की पहचान कर पुनर्वास केंद्र भेजने का दिया गया निर्देश -कुपोषित बच्चों के सुरक्षित करने के लिए पोषण पुनर्वास केंद्र में उपलब्ध रहते हैं आवश्यक चिकित्सक और कर्मी -कुपोषित बच्चों के इलाज के दौरान एक परिजनों को भी अस्पताल में रहने की व्यवस्था, उपलब्ध कराई जाती है पोषण सुविधा : सिविल सर्जन पूर्णिया, 28 सितंबर गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिलाओं द्वारा मेडिकल सहायता के साथ साथ पर्याप्त पोषण का उपयोग नहीं करने से नवजात शिशु कुपोषित से ग्रसित हो जाते हैं। कुपोषित बच्चों की समय से पहचान करते हुए चिकित्सकीय सहायता प्रदान करने के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) का संचालन किया जाता है। स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा संबंधित क्षेत्र में कुपोषित बच्चों की पहचान करते हुए उन्हें पोषण पुनर्वास केंद्र भेजकर सुपोषित करने के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया की अध्यक्षता में अर्द्धवार्षिक समीक्षा बैठक आयोजित की। बैठक में सभी प्रखंड के स्वास्थ्य और आईसीडीएस अधिकारियों को अपने क्षेत्र के कुपोषित बच्चों की पहचान करते हुए उन्हें पोषण पुनर्वास केंद्र भेज कर सुपोषित करने का आवश्यक निर्देश दिया गया। इस दौरान सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया के साथ एसीएमओ डॉ. आर पी मंडल, आईसीडीएस डीपीओ अनिता कुमारी, मेडिकल कॉलेज शिशु विशेषज्ञ डॉ प्रेम प्रकाश, यूनिसेफ राज्य अधिकारी डॉ राजेश कुमार और गगन गौतम, सीडीओ डॉ कृष्ण मोहन दास, डीसीएम संजय कुमार दिनकर, डीपीसी डॉ सुधांशु शेखर, डीएमएनई आलोक कुमार, डीसीक्यूए डॉ अनिल कुमार शर्मा, यूनिसेफ जिला कन्सल्टेंट निधि भारती, अमित कुमार, पिरामल जिला लीड चंदन कुमार, एफपीसी सनत गुहा के साथ पोषण पुनर्वास केंद्र के अधिकारी, सभी प्रखंड और शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बीसीएम, आईसीडीएस सीडीपीओ और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। कुपोषित बच्चों की पहचान कर पुनर्वास केंद्र भेजने का दिया गया निर्देश : समीक्षा बैठक में अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी (एसीएमओ) डॉ आर पी मंडल द्वारा सभी अधिकारियों को अपने क्षेत्र के कुपोषित बच्चों की पहचान करते हुए उन्हें बेहतर चिकित्सकीय सहायता और पोषण के लिए पोषण पुनर्वास केंद्र भेजने का निर्देश दिया गया।

     डॉ मंडल ने कहा कि कुपोषित बच्चों को आवश्यक सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (जीएमसीएच) कैम्पस में पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) का संचालन किया जा रहा है जिसमें उम्र के अनुसार बच्चों के वजन में वृद्धि नहीं होने पर मेडिकल सहायता प्रदान किया जाता है। एनआरसी में शिशु विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ साथ पोषण विशेषज्ञ भी उपलब्ध रहते हैं जिसके सहयोग से बच्चों को मेडिकल सहायता और संतुलित पोषण सुविधा उपलब्ध कराई जाती है जिसके उपयोग से बच्चों को स्वस्थ और सुपोषित किया जाता है। एसीएमओ ने कहा कि जन्म के बाद बच्चों के वजन और 01 महीने के अंदर बच्चों के पोषण विकास का मूल्यांकन करते हुए कुपोषित बच्चों की पहचान कर उन्हें पोषण पुनर्वास केंद्र भेजकर चिकित्सकों की निगरानी द्वारा सुपोषित किया जा सकता है। पोषण पुनर्वास केंद्र में 01 महीने से 59 महीने के बच्चों को भर्ती करते हुए उन्हें सुपोषित किया जा सकता है। समीक्षा बैठक में सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बीसीएम और आईसीडीएस सीडीपीओ अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि क्षेत्र में कार्यरत आशा व सेविका कर्मियों द्वारा संयुक्त रूप से यह सुनिश्चित करे की आंगनवाडी कार्यकर्ता द्वारा पहचान किए गए कुपोषित बच्चो का एएनएम द्वारा आरोग्य दिवस के दौरान जांच कर उनकी स्थिति के अनुसार उनका इलाज सामुदायिक स्तर पर अन्यथा पोषण पुनर्वास केंद्र भेजवाना सुनिश्चित करना चाहिए ताकि बच्चों को सही समय में चिकित्सकों द्वारा आवश्यक सहायता उपलब्ध कराई जा सके।
          कुपोषित बच्चों के सुरक्षित करने के लिए पोषण पुनर्वास केंद्र में उपलब्ध रहते हैं आवश्यक चिकित्सक और कर्मी : पोषण पुनर्वास केंद्र के नोडल अधिकारी सह जिला कार्यक्रम समन्यवक (डीपीसी) डॉ सुधांशु शेखर ने बताया कि कुपोषित बच्चों का इलाज करने के लिए पोषण पुनर्वास केंद्र में विशेषज्ञ चिकित्सक और पोषण अधिकारी उपस्थित रहते हैं। इसके लिए पूर्णिया पोषण पुनर्वास केंद्र में 06 मेडिकल अधिकारी, 06 एएनएम/नर्सिंग स्टाफ, 01 पोषण विशेषज्ञ, 02 रसोई कर्मी, 01 अस्पताल क्लीनर उपस्थित रहते हैं। उनके द्वारा उपस्थित बच्चों को समय समय पर आवश्यक पोषण के साथ साथ मेडिकल सहायता प्रदान किया जाता है। कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र में आवश्यक मेडिसिन के साथ पर्याप्त पोषण उपलब्ध कराई जाती है। बेहतर पोषण के लिए बच्चों को पोषण विशेषज्ञ की उपस्थिति में आवश्यक फल, दलिया, हलवा, खिचड़ी, अंडा, दूध से निर्मित पोषण सामग्री, साबूदाना का खीर, मुर्मुरा पाउडर-तेल और चीनी के साथ बना हुआ भोजन उपलब्ध कराया जाता है। बच्चों के शारीरिक विकास के लिए पोषण पुनर्वास केंद्र में बच्चों के खेलने की व्यवस्था भी उपलब्ध रहती है जिससे कि बच्चों का निर्धारित समय में आवश्यक विकास सुनिश्चित करते हुए सुपोषित किया जाता है। कुपोषित बच्चों के इलाज के दौरान एक परिजनों को भी अस्पताल में रहने की व्यवस्था, उपलब्ध कराई जाती है पोषण सुविधा : सिविल सर्जन सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया ने कहा कि पोषण पुनर्वास केंद्र में कुपोषित बच्चों के इलाज के दौरान अस्पताल में उनके एक परिजनों को भी रहने की सुविधा उपलब्ध रहती है। अस्पताल में बच्चों के साथ साथ उनके परिजनों को भी पोषण सुविधा उपलब्ध कराते हुए बच्चों को घर में रहने पर सही पोषण का उपयोग करने की जानकारी दी जाती है। अस्पताल में उपस्थित परिजनों को भी नाश्ता में सुबह पावरोटी, अंडा, दूध और मौसमी फल, खाना में दोपहर में चावल, दाल, सब्जी और दही, शाम को नाश्ते में चाय और बिस्कुट तथा रात में भोजन के रूप में रोटी, दाल और सब्जी उपलब्ध कराई जाती है। बच्चों के साथ अस्पताल में एक परिजनों को रहने पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा परिजनों को प्रतिदिन के अनुसार सहयोग राशि भी लाभार्थी के बैंक खाते में उपलब्ध कराई जाती है। पोषण पुनर्वास केंद्र के ठीक होने के बाद भी बच्चों को 04 बार फॉलोअप के लिए अस्पताल बुलाया जाता है और उनके पोषण स्थिति की स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा जानकारी ली जाती है। इसलिए सभी अधिकारियों द्वारा संबंधित प्रखंड से कुपोषित बच्चों की पहचान कर बेहतर स्वास्थ्य के लिए पोषण पुनर्वास केंद्र भेजना सुनिश्चित करना है।
ऊर्जा विभाग के सचिव से मिले पूर्व सांसद,मांग पत्र सौप कर विद्युत आपूर्ति व्यवस्था में सुधार का किया आग्रह

पूर्व सांसद संतोष कुशवाहा गुरुवार को पटना -प्रवास के दौरान ऊर्जा विभाग के सचिव सह बीएसपी एच सीएल के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक पंकज कुमार पाल से मिले और जिले की विद्युत सम्बन्धी समस्याओं से अवगत कराते हुए मांग-पत्र सौंपा।मांग -पत्र में श्री कुशवाहा ने जिले के सभी प्रखण्ड में अतिरिक्त विद्युत शक्ति उपकेन्द्र स्थापित करने की मांग किया। श्री कुशवाहा ने कहा कि बीते तीन-चार महीने से उपभोक्ताओं को समुचित और निर्बाध बिजली आपूर्ति नही हो रही है।इसके अलावा उन्होंने जर्जर तारों को बदलने के साथ-साथ अधिक से अधिक कवर्ड वायर लगवाने की मांग किया।उन्होंने हर महीने प्रखण्ड स्तर पर बिजली-अदालत लगवाने का आग्रह किया ताकि लोग बिजली से जुड़ी समस्याओं का समाधान एक छत के नीचे करा सके। सचिव श्री पाल ने पूर्व सांसद श्री कुशवाहा को बताया कि पूर्णिया जिला में 07 नए विद्युत केंद्र स्थापित करने की प्रक्रिया आरम्भ कर दी गई है।इसमें पूर्णिया पूर्व, बैसा, जलालगढ़, कसबा ,धमदाहा और श्रीनगर शामिल है।श्री पाल ने आश्वस्त किया कि शेष प्रखंडो में भी आवश्यकता के अनुरूप विद्युत शक्ति उपकेंद्र स्थापित किया जाएगा। श्री पाल ने यथाशीघ्र पूर्णिया में विद्युत आपूर्ति व्यवस्था में सुधार के साथ-साथ अन्य मांगों पर भी सकारात्मक रूप से विचार करने का आश्वासन दिया।कहा कि वे पूर्णिया में बतौर जिलाधिकारी कार्य कर चुके हैं ,इसलिए वहां की समस्याओं से भलीभांति परिचित हैं।बिजली के क्षेत्र में जो भी बेहतर सुविधा उपलब्ध कराई जा सकती है ,वे कराने का प्रयास करेंगे।श्री कुशवाहा ने उम्मीद जताते हुए कहा कि आशा है निश्चित समय -सीमा के अंदर सभी समस्याओं को दूर कर लिया जाएगा।
पूर्णिया में चाय की दुकान में मिलती है शराब, लोग पूछ रहे हैं चाय की दुकान में शराब ।

बिहार में शराब तस्‍करी थमने का नाम नहीं ले रही है। इसके लिए तस्‍कर तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। ताजा मामला चौंकाने वाला है। जिसने भी देखा उसे यकीन नहीं हुआ कि चाय की दुकान खोलकर विभिन्न ब्रांड की शराब बेची जा रही थी। लेकिन ये बात सच है। जिसे भी देखा उसके मुंह से यही निकला चाय गरम नाम की दुकान में शराब। जिसने सुना उसे अपने कानों पर यकीन नहीं हुआ, जिसने देखा उसे एक बार अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हुआ। कुछ ऐसा ही हाल पूर्णिया शहर के बीचो-बीच के हाट थाना क्षेत्र के उर्स लाइन स्कूल के समीप चाय गरम नाम की दुकान के पास से गुजरने वाले उन लोगों का था जिसकी निगाह इस छापेमारी पर पड़ रही थी। लोग रुक-रुक कर देख रहे थे। सभी के मन में यहीं सवाल था चाय गरम नाम की दुकान में शराब...! सूबे में शराबबंदी के बावजूद तस्कर काफी सक्रिय हैं। तस्करों की गिरफ्तारी भी हो रही है। फिर भी शराब के कारोबारी और तस्कर नए-नए हथकंडे अपनाकर शराब के कारोबार को धड़ल्‍ले से चला रहे हैं। ये शराब तस्‍कर प्रशासन को लगातार चकमा दे रहे हैं और कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं। खास बात यह कि तस्कर पकड़ में आने से बचने के लिए हर बार कोई न कोई नया तरीका अख्तियार कर ही ले रहे हैं। हद तो यह कि पूर्णिया में चाय गरम नामक खाध प्रतिष्ठान में फ़ास्ट फ़ूड की आड़ में धरल्ले से शराब की बिक्री हो रही थी। शराबबंदी को धरातल पर लागू कराने के लिए पूर्णिया पुलिस ने छापामारी कर 31.5 लीटर बियर और विदेशी शराब बरामद किया है। दुकानदार दुकान में फ्रिज में शराब रखकर आराम से बेचा करता था। जिसके बाद दुकान के संचालक शराब के धंधे में संलिप्त पूर्णिया के कोरठ बाड़ी मधुबनी निवासी अरबिंद कुमार सिंह के पुत्र विवेक कुमार सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। जानकारी के अनुसार पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी। जिसके बाद पुलिस की टीम दुकान में छापेमारी करने पहुंची। छापेमारी के दौरान दुकान में रखे फ्रिज से बियर और विदेशी शराब बरामद किया गया। शराब बरामदगी की जानकारी मिलते ही मौके पर बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जुट गई। लोग हैरान रह गए। स्‍थानीय लोग भी भौंचक्‍के नजर आए। सभी के मुंंह पर एक ही बात थी। गरम चाय की दुकान में भी शराब! उक्त दुकानदार अधिक मुनाफा कमाने के लिए पुलिस को चकमा देकर चाय गरम की दुकान से शराब की बिक्री कर रहा था। हालांकि उसकी चालाकी पकड़ी गई है और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
पूर्णिया में शराब की दुकान में मिलती है चाय, लोग पूछ रहे हैं चाय की दुकान में शराब ।

बिहार में शराब तस्‍करी थमने का नाम नहीं ले रही है। इसके लिए तस्‍कर तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। ताजा मामला चौंकाने वाला है। जिसने भी देखा उसे यकीन नहीं हुआ कि चाय की दुकान खोलकर विभिन्न ब्रांड की शराब बेची जा रही थी। लेकिन ये बात सच है। जिसे भी देखा उसके मुंह से यही निकला चाय गरम नाम की दुकान में शराब। जिसने सुना उसे अपने कानों पर यकीन नहीं हुआ, जिसने देखा उसे एक बार अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हुआ। कुछ ऐसा ही हाल पूर्णिया शहर के बीचो-बीच के हाट थाना क्षेत्र के उर्स लाइन स्कूल के समीप चाय गरम नाम की दुकान के पास से गुजरने वाले उन लोगों का था जिसकी निगाह इस छापेमारी पर पड़ रही थी। लोग रुक-रुक कर देख रहे थे। सभी के मन में यहीं सवाल था चाय गरम नाम की दुकान में शराब...! सूबे में शराबबंदी के बावजूद तस्कर काफी सक्रिय हैं। तस्करों की गिरफ्तारी भी हो रही है। फिर भी शराब के कारोबारी और तस्कर नए-नए हथकंडे अपनाकर शराब के कारोबार को धड़ल्‍ले से चला रहे हैं। ये शराब तस्‍कर प्रशासन को लगातार चकमा दे रहे हैं और कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं। खास बात यह कि तस्कर पकड़ में आने से बचने के लिए हर बार कोई न कोई नया तरीका अख्तियार कर ही ले रहे हैं। हद तो यह कि पूर्णिया में चाय गरम नामक खाध प्रतिष्ठान में फ़ास्ट फ़ूड की आड़ में धरल्ले से शराब की बिक्री हो रही थी। शराबबंदी को धरातल पर लागू कराने के लिए पूर्णिया पुलिस ने छापामारी कर 31.5 लीटर बियर और विदेशी शराब बरामद किया है। दुकानदार दुकान में फ्रिज में शराब रखकर आराम से बेचा करता था। जिसके बाद दुकान के संचालक शराब के धंधे में संलिप्त पूर्णिया के कोरठ बाड़ी मधुबनी निवासी अरबिंद कुमार सिंह के पुत्र विवेक कुमार सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। जानकारी के अनुसार पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी। जिसके बाद पुलिस की टीम दुकान में छापेमारी करने पहुंची। छापेमारी के दौरान दुकान में रखे फ्रिज से बियर और विदेशी शराब बरामद किया गया। शराब बरामदगी की जानकारी मिलते ही मौके पर बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जुट गई। लोग हैरान रह गए। स्‍थानीय लोग भी भौंचक्‍के नजर आए। सभी के मुंंह पर एक ही बात थी। गरम चाय की दुकान में भी शराब! उक्त दुकानदार अधिक मुनाफा कमाने के लिए पुलिस को चकमा देकर चाय गरम की दुकान से शराब की बिक्री कर रहा था। हालांकि उसकी चालाकी पकड़ी गई है और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र प्रसाद यादव धीरेंद्र यादव पर जानलेवा हमला की जमकर भर्त्सना की

पूर्णिया
पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र प्रसाद यादव ने पूर्णियां पहुंचकर राजद के पूर्व जिला उपाध्यक्ष घायल धीरेंद्र यादव से मुलाकात की और उनका स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी ली। इस दरमियान देवेंद्र यादव ने धीरेंद्र यादव पर जानलेवा हमला की जमकर भर्त्सना की और कहा कि घर पर पहुंच कर धारदार हथियार से जान मारने की नीयत से इस तरह का हमला किया गया है जो जघन्य अपराध है इसीलिए वैसे लोगों पर कानून को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।




देवेंद्र यादव ने कहा कि धीरेंद्र यादव हमेशा सामाजिक कार्यों में बरचढ़ कर हिस्सा लेते हैं और समाज के सभी वर्गों को साथ में लेकर सामाजिक उत्थान का कार्य करते हैं। ऐसे में जिन लोगों ने भी धीरेंद्र यादव से दुश्मनी पाली है यह सब राजनीतिक षड्यंत्र है। और राजनीतिक षड्यंत्र के तहत धीरेंद्र यादव पर जानलेवा हमला किया गया है। इसीलिए वह प्रशासन से तत्काल कार्रवाई चाहते हैं ताकि दोषियों को सबक मिल सके। देवेंद्र यादव ने इस दरमियान राज्य सरकार और केंद्र सरकार के कार्यों पर भी जमकर सवाल उठाया और कहा कि वर्तमान सरकार में अपराधी बेलगाम हो गया है और सामाजिक कार्य करने वाले लोगों पर जानलेवा हमला किया जा रहा है ताकि समाज में दहशत फैलाया जा सके। देवेंद्र यादव ने कहा कि इसके लिए वे खासतौर से पूर्णिया एसपी से बात करेंगे और दोषियों को किसी भी कीमत पर बक्सा नहीं जाएगा।


इस मौके पर कई राजनीतिक सामाजिक लोग मौजूद थे जिनमे नंदकुमार यादव ,अरुण यादव नीरज यादव ,भोला यादव समेत कई नाम चिन्ह शक्श शामिल है। देवेंद्र यादव ने धीरेंद्र यादव की बड़ी मां के निधन पर भी दुख प्रकट किया।और कहा कि इस दुख की घड़ी में जिन्होंने भी धीरेंद्र यादव पर जानलेवा हमला किया है उसे बक्सा नहीं जाएगा।