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मुख्यमंत्री डॉ. यादव से केन्द्रीय मंत्री चौहान ने की भेंट


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से आज केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में सौजन्य भेंट की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि केन्द्रीय मंत्री चौहान के साथ किसानों के कल्याण तथा प्रदेश में संचालित ग्रामीण विकास योजनाओं के संबंध में विस्तृत सार्थक चर्चा हुई।

झरने से आ रही बसाली में खुशहाली , बुरहानपुर का बसाली गांव बन रहा है पर्यटन स्थल


सभी को सहज आकर्षित करता है बसाली का झरना

बसाली... प्रकृति की सुरम्य वादियों के बीच बसा बुरहानपुर जिले का एक छोटा सा ठेठ गांव। आम भारतीय गांवों की तरह इस गांव के लोग भी खेती किसानी ही करते हैं। यूं तो खेती-बाड़ी से ही बसाली में गुजर-बसर की बहाली है। पर आजकल एक झरने के कारण बसाली में खुशहाली आने लगी है। इस गांव के पास एक अत्यंत मनोरम प्राकृतिक झरना है, जो लोगों को सहज ही अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। लोग इस बरसाती झरने को ‘‘बसाली झरना‘‘ के नाम से जानते हैं। अनुपम प्राकृतिक सौंदर्य एवं बारिश से फैली हरियाली के बीच यह झरना इतना मनमोहक है कि पर्यटक खुद को यहाँ आने से रोक नहीं पा रहे हैं।

देश के सभी जनजातीय आबादी बहुल गांवों के विकास के लिये केन्द्र सरकार द्वारा ‘प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना’ चलाई जा रही है। इस योजना से बुरहानपुर जिले में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये भी कई प्रकार के विकास कार्य कराये जा रहे हैं। इससे ग्रामीणों की सुविधाओं में इजाफा तो हो ही रहा है, साथ ही पर्यटन को भी प्रोत्साहन मिल रहा है।

बसाली गांव के इस झरने तक लोगों की सहजता से पहुँच बढ़ाने एवं पर्यटन विकास के लिये बुरहानपुर ब्लॉक आफिस द्वारा प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना से एक ठोस कार्ययोजना तैयार की गई है। इसमें विकास कार्यों के लिये 60 लाख रूपये मंजूर किये गये हैं। इस राशि से बसाली झरने के पास ही पर्यटकों के रूकने के लिए चार रहवासी कॉटेज बनाये जा रहे हैं। झरने तक पहुंच मार्ग की मरम्मत की जा रही है। यहां आने वाले पर्यटकों के खान-पान की व्यवस्था के लिये एक कैंटीन तैयार की जा रही है। पर्यटकों के मनोरंजन के लिए बसाली झरने के पास पहाड़ी रास्तों में 'ट्रेकिंग रूट' तैयार करने की भी योजना है। इस ट्रेकिंग रूट से पर्यटक जंगल की सैर भी कर सकेंगे, जो उन्हें प्रकृति के और ज्यादा करीब ले जायेगी। इन सभी प्रयासों से यह झरना एक आकर्षक पिकनिक स्पॉट के रूप में अपनी पहचान बनायेगा।

आम दिनों में बहाली झरने की खूबसूरती देखने 60-70 लोग आते हैं, पर वीक-एंड में तो 500 से अधिक पर्यटक नियमित रूप से यहां पहुंच रहे हैं।

टूरिस्ट गाइड बनेंगी आजीविका मिशन की दीदियां

बसाली झरने के पास तैयार की जा रही कैंटीन स्व-सहायता समूह की महिलाएं चलायेंगी। इससे उन्हें रोजगार मिलेगा, साथ ही वे आत्मनिर्भर भी बनेंगी। बुरहानपुर जिले में अन्य राज्यों व जिलों से आने वाले बाहरी पर्यटकों की सुविधा के लिए स्व-सहायता समूह की महिलाओं को ‘टूरिस्ट गाइड’ के रूप में तैयार करने की तैयारी है। बसाली के स्व-सहायता समूह की महिलाओं को 'ग्रामीण आजीविका मिशन से' टूरिस्ट गाइड का प्रशिक्षण दिया जायेगा। इसके बाद इन्हें परिचय-पत्र भी दिये जाएंगे, जो इन्हें प्रोफेशनल टूरिस्ट गाइड की पहचान दिलायेगा। यह काम इसी साल के अंत तक पूरा कर लिया जायेगा। बसाली का झरना जल्द ही गांव के लोगों की आय का बड़ा जरिया बनने वाला है।

झरने से आ रही बसाली में खुशहाली , बुरहानपुर का बसाली गांव बन रहा है पर्यटन स्थल

बसाली... प्रकृति की सुरम्य वादियों के बीच बसा बुरहानपुर जिले का एक छोटा सा ठेठ गांव। आम भारतीय गांवों की तरह इस गांव के लोग भी खेती किसानी ही करते हैं। यूं तो खेती-बाड़ी से ही बसाली में गुजर-बसर की बहाली है। पर आजकल एक झरने के कारण बसाली में खुशहाली आने लगी है। इस गांव के पास एक अत्यंत मनोरम प्राकृतिक झरना है, जो लोगों को सहज ही अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। लोग इस बरसाती झरने को ‘‘बसाली झरना‘‘ के नाम से जानते हैं। अनुपम प्राकृतिक सौंदर्य एवं बारिश से फैली हरियाली के बीच यह झरना इतना मनमोहक है कि पर्यटक खुद को यहाँ आने से रोक नहीं पा रहे हैं।

देश के सभी जनजातीय आबादी बहुल गांवों के विकास के लिये केन्द्र सरकार द्वारा ‘प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना’ चलाई जा रही है। इस योजना से बुरहानपुर जिले में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये भी कई प्रकार के विकास कार्य कराये जा रहे हैं। इससे ग्रामीणों की सुविधाओं में इजाफा तो हो ही रहा है, साथ ही पर्यटन को भी प्रोत्साहन मिल रहा है। बसाली गांव के इस झरने तक लोगों की सहजता से पहुँच बढ़ाने एवं पर्यटन विकास के लिये बुरहानपुर ब्लॉक आफिस द्वारा प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना से एक ठोस कार्ययोजना तैयार की गई है। इसमें विकास कार्यों के लिये 60 लाख रूपये मंजूर किये गये हैं। इस राशि से बसाली झरने के पास ही पर्यटकों के रूकने के लिए चार रहवासी कॉटेज बनाये जा रहे हैं। झरने तक पहुंच मार्ग की मरम्मत की जा रही है। यहां आने वाले पर्यटकों के खान-पान की व्यवस्था के लिये एक कैंटीन तैयार की जा रही है। पर्यटकों के मनोरंजन के लिए बसाली झरने के पास पहाड़ी रास्तों में 'ट्रेकिंग रूट' तैयार करने की भी योजना है। इस ट्रेकिंग रूट से पर्यटक जंगल की सैर भी कर सकेंगे, जो उन्हें प्रकृति के और ज्यादा करीब ले जायेगी। इन सभी प्रयासों से यह झरना एक आकर्षक पिकनिक स्पॉट के रूप में अपनी पहचान बनायेगा।

आम दिनों में बहाली झरने की खूबसूरती देखने 60-70 लोग आते हैं, पर वीक-एंड में तो 500 से अधिक पर्यटक नियमित रूप से यहां पहुंच रहे हैं।

टूरिस्ट गाइड बनेंगी आजीविका मिशन की दीदियां

बसाली झरने के पास तैयार की जा रही कैंटीन स्व-सहायता समूह की महिलाएं चलायेंगी। इससे उन्हें रोजगार मिलेगा, साथ ही वे आत्मनिर्भर भी बनेंगी। बुरहानपुर जिले में अन्य राज्यों व जिलों से आने वाले बाहरी पर्यटकों की सुविधा के लिए स्व-सहायता समूह की महिलाओं को ‘टूरिस्ट गाइड’ के रूप में तैयार करने की तैयारी है। बसाली के स्व-सहायता समूह की महिलाओं को 'ग्रामीण आजीविका मिशन से' टूरिस्ट गाइड का प्रशिक्षण दिया जायेगा। इसके बाद इन्हें परिचय-पत्र भी दिये जाएंगे, जो इन्हें प्रोफेशनल टूरिस्ट गाइड की पहचान दिलायेगा। यह काम इसी साल के अंत तक पूरा कर लिया जायेगा। बसाली का झरना जल्द ही गांव के लोगों की आय का बड़ा जरिया बनने वाला है।

कालाबाजारी करने वालों से सख्ती से निपटेगी सरकार : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि उर्वरक की मांग बढ़ने पर कालाबाजारी, अवैध भंडारण, नकली उर्वरक निर्माण की संभावना रहती है। पुलिस का सहयोग लेते हुए निरीक्षण और चेकिंग की व्यवस्था को बढ़ाया जाए। कालाबाजारी करने वालों, मिलावट, मिस ब्रांडिंग और नकली उर्वरक खपाने वालों पर कठोरतम कार्रवाई की जाए। उर्वरक अवैध परिवहन पर नियंत्रण के लिए एक जिले से दूसरे जिले में उर्वरक मूवमेंट पर सतत् निगरानी रखें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शनिवार को मुख्यमंत्री निवास से सोयाबीन उपार्जन, खाद उपलब्धता और वितरण की वीडियो-कॉन्फ्रेसिंग में कलेक्टर -कमिश्नर से चर्चा कर उक्त निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि खरीफ 2024-25 के लिए प्रदेश में खाद की पर्याप्त उपलब्धता है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का प्राइस सपोर्ट स्कीम में मध्यप्रदेश को सोयाबीन उपार्जन की दी गई स्वीकृति के लिए आभार व्यक्त करते हुए प्रदेश में उपार्जन के समुचित बेहतर प्रबंध करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित किया जाए ताकि आवश्यकतानुसार डीएपी के स्थान पर एनपीके, लिक्विड नैनो यूरिया के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए किसानों को ज्यादा से ज्यादा जानकारी दी जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कलेक्टरों को निर्देशित किया कि राजस्व अमला जनप्रतिनिधियों के साथ फसलों की क्षति आंकलन सुनिश्चित करें। खाद भंडारण के लिए डबल लॉक की आवश्यकता होने पर कृषि उत्पादन आयुक्त से समन्वय कर आवश्यक कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अमानक स्तर का खाद-बीज विक्रय, भंडारण और परिवहन करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि रबी 2024-25 के लिए खरीफ 2024 के अनुसार ही उर्वरक वितरण के पुख्ता प्रबंध सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में रबी 2024-25 के लिए भी पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध हैं। सभी जिला कलेक्टर बेहतर तैयारी कर लें, वितरण व्यवस्था में कोई गड़बड़ी न हो इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों से समन्वय कर कार्रवाई सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में प्रधानमंत्री मोदी के विज़न अनुरूप प्राकृतिक खेती को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा दिया जाए। एनपीके और लिक्विड नैनो यूरिया के उपयोग के लिए किसानों को ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहित करें।किसानों द्वारा इनके उपयोग से देश की अन्य राष्ट्रों पर निर्भरता भी कम होगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने खरीफ 2024 में एनपीके का उपयोग 45 प्रतिशत होने पर प्रसन्नता जताई जो कि वर्ष 2023-24 में मात्र 26 प्रतिशत था। उन्होंने जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट की मालवा क्षेत्र में खाद के 3 रैक और उपलब्ध कराने की मांग के अनुरूप कार्रवाई के निर्देश अधिकारियों को दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने खाद के व्यवस्थित वितरण के लिए अधिकारियों को डबल लॉक केन्द्रों पर अतिरिक्त बिक्री काउंटर खोलने के निर्देश भी दिए हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्राइस सपोर्ट स्कीम पर सोयाबीन उपार्जन की कार्रवाई संवेदनशीलता से करने को कहा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित मात्रा के अतिरिक्त सोयाबीन का उपार्जन प्रदेश सरकार करेगी। प्रदेश में 25 सितम्बर से ई-उपार्जन पोर्टल पर किसानों के पंजीयन की कार्रवाई प्रारंभ हो गई है। अधिक से अधिक किसानों से पोर्टल पर पंजीयन कराया जाए। आगामी 20 अक्टूबर तक किसानों का पंजीयन होगा। इसके बाद उपार्जन के लिए स्लॉट बुकिंग की कार्रवाई 21 दिसम्बर तक होगी। किसानों से 25 अक्टूबर से 31 दिसम्बर 2024 तक सोयाबीन का उपार्जन प्रदेश के 1400 केन्द्रों पर किया जाएगा। आवश्यकतानुसार इसमें परिवर्तन भी किया जा सकता है। किसानों को भुगतान ऑनलाइन किया जाएगा। प्रदेश में 7 जिले दतिया, भिंड, कटनी, मंडला, बालाघाट, सीधी एवं सिंगरौली को छोड़कर शेष सभी जगह सोयाबीन का उपार्जन होगा। इन जिलों से प्रस्ताव आने पर सोयाबीन उपार्जन पर विचार किया जाएगा।

बैठक में सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग, मुख्य सचिव वीरा राणा, कृषि उत्पादन आयुक्त मोहम्मद सुलेमान, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय डॉ. राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव परिवहन एस.एन. मिश्रा, अपर मुख्य सचिव कृषि अशोक वर्णवाल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय संजय शुक्ला, सचिव एवं आयुक्त कृषि एम. सेल्वेन्द्रन, आयुक्त जनसंपर्क डॉ. सुदाम पी. खाड़े, संचालक कृषि अजय गुप्ता और एमपी मार्कफेड आलोक कुमार सिंह मौजूद थे। कॉन्फ्रेंसिंग से कृषि मंत्री ऐदल सिंह कंषाना, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय एवं जन-प्रतिनिधियों ने बैठक में वर्चुअल सहभागिता की।

सांसद आलोक शर्मा के प्रयासों से भोपाल वासियों को जल्द मिलने जा रही एक और सौगात


सांसद आलोक शर्मा के प्रयासों से कोलकाता की फ्लाइट जल्द शुरू होने जा रही है। अभी भोपाल से अन्य शहरों के लिए ट्रैफिक का काफी दबाव है और ऐसे में जनता की ओर कई बड़े शहरों के लिए फ्लाइट्स की डिमांड लगातार आ रही थी। सांसद आलोक शर्मा ने जनता से जुड़े इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है। सांसद शर्मा ने शनिवार को दिल्ली में केंद्रीय विमानन मंत्री के. राममोहन नायडू से मुलाकात कर भोपाल से कोलकाता के लिए फ्लाइट शुरू करने की मांग रखी। जिस पर विमानन मंत्री ने इसे स्वीकार कर नवंबर से कोलकाता की फ्लाइट शुरू करने का आश्वासन दिया है। जल्द ही इसका शेड्यूल जारी होगा। भोपाल से पुणे की फ्लाइट अगले महीने से शुरू होने जा रही है। जिसकी बुकिंग भी एक-दो दिन में शुरू हो जाएगी। सांसद आलोक शर्मा ने भोपाल से पुणे फ्लाइट के लिए केंद्रीय विमानन मंत्री का आभार व्यक्त किया। साथ ही सांसद शर्मा ने भोपाल से लखनऊ, भोपाल से चंडीगढ़, भोपाल से गोवा एवं भोपाल से रीवा के लिए फ्लाइट शुरू किए जाने पर भी केंद्रीय मंत्री से चर्चा की। इधर, भोपाल का राजाभोज एयरपोर्ट पर अन्य डेस्टिनेशन के लिए उड़ान सेवा शुरू करने की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। ज्ञात रहे कि भोपाल से अन्य बड़े शहरों के लिए एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए सांसद आलोक शर्मा लगातार प्रयासरत है। भोपाल से पुणे, भोपाल से कोलकाता, भोपाल से लखनऊ, भोपाल से रीवा और अन्य शहरों के लिए उड़ान सेवा शुरू होने से भोपाल में ट्रैफिक का दबाव कम होगा। साथ ही जनता को एवं अन्य शहरों में पढ़ रहे स्टूडेंट्स को आने जाने की सुविधा सुलभ हो जाएगी।

लगातार बढ़ रही डिमांड

एक तरफ समय की कमी और ट्रेनों में रिजर्वेशन नहीं मिलने से जनता की परेशानी और बढ़ जाती है। यही कारण है कि भोपाल और आसपास के क्षेत्र की जनता की ओर से लगातार फ्लाइट्स की डिमांड आ रही है। सांसद आलोक शर्मा के प्रयासों से भोपाल से देश के अन्य शहरों के लिए तो फ्लाइट्स मिलेगी ही साथ ही अंतरराष्ट्रीय उड़ाने भी राजा भोज एयरपोर्ट से शुरू जल्द शुरू होंगी। उल्लेखनीय है कि सांसद आलोक शर्मा द्वारा राजा भोज एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की शुरुआत के लिए आवश्यक कस्टम की स्वीकृति और इमीग्रेशन चेक की स्वीकृति पहले ही करा ली गई है। एक अक्टूबर से राजा भोज एयरपोर्ट 24 घंटे सेवा हेतु खुला रहेगा।

सूर्यवंशी के आदेश पर जुर्माना, तो गाँधी गिरी अपनाने वाले सांसद के कहने पर FIR

भोपाल! हिंदुस्तान को स्वच्छ बनाने की पहल खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा झाड़ू लगा कर की गई थी वहीँ इस अभियान के शुरुआत में कई बड़े दिग्गज अभिनेता, नेता, और कर्मचारी वर्ग ने बहुत बढ़-चढ़ कर इस अभियान में हिस्सेदारी की थी इसके बाद इसका जिम्मा सभी शहरों ने भी उठाया और अपने-अपने शहर और गाँव के लिए भी कई तरह के अभियान चलाए इसी तरह इस अभियान को लोगों का भरपूर समर्थन मिला और अभियान को सफलता मिली !

लेकिन बीते दिनों झीलों की नगरी कहीं जाने भोपाल राजधानी में अनोखा मामला देखने को मिला है जिसमें एक युवक भोपाल के VIP रोड पर राजा भोज की प्रतिमा के सामने बड़े तालाब में पेशाब करते हुए नजर आ रहा है भोपाल में जागरूक नागरिक द्वारा उसकी वीडियो बना कर वायरल कर दी गई वीडियो वायरल होने के बाद मीडिया,शासन, प्रशासन जागा और इस कु-कृत्य पर कार्यवाही की मांग उठने लगी वहीं STREETBUZZ ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी जिसके बाद नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी द्वारा नगर निगम कॉमिशनर को सख्त निर्देश दिए की सबंधित पर जुर्माना लगाकर सख्त कार्यवाही की जाए जिसके बाद नगर निगम के आला अधिकारीयों ने RTO के सहयोग से सीहोर पहुँच कर सबंधित व्यक्ति पर कार्यवाही कर 5000 का जुर्माना लगाया और आगे से ऐसे किसी भी कु-कृत्य के लिए सख्त हिदायत भी नगर निगम के आला अफसरों द्वारा सबंधित को दी !

गाँधी गिरी अपनाने वाले सांसद ने महापौर रहते साफ की थी थूकों की पीक

जिस समय वीआईपी रोड के किनारे राजभोज सेतु का निर्माण किया गया था, यहां तफरीह करने जाने वालों का मजमा लगा रहता था। यहां घूमने के लिए पहुंचने वाले लोगों ने चंद दिनों में ही ब्रिज की दीवारों को पान और गुटखे की पीक से लाल कर दिया। इस स्थिति को देखते हुए तत्कालीन महापौर आलोक शर्मा ने गांधीगिरी का रास्ता अपनाया था। उन्होंने लोगों को गंदगी फैलाने से रोकने का कहने की बजाए खुद बाल्टी और पोंछा थामा और गंदगी साफ की थी। नतीजा यह हुआ कि इसके बाद लोगों ने राजा भोज सेतु की दीवारों पर पान और गुटखे की पीक से चित्रकारी करना बंद कर दिया है ! 

अब इस मामले का वायरल वीडियो देखते हीं तत्काल भोपाल सांसद आलोक शर्मा ने कमीशनर भोपाल हरिनारायण चारी मिश्र को फोन कर इस मामले पर तुरंत FIR कर कार्यवाही करने के सख्त निर्देश दिए थे जिसके बाद थाना कोहफ़िज़ा में पेशाब करने वाले व्यक्ति के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है!

ग्राम छिदगांव तमोली में बच्चों को सुरक्षित स्पर्श व असुरक्षित स्पर्श की जानकारी दी - मल्हारे


लेपटॉप पर कोमल मूवी दिखा कर जागरूक किया

हरदा। ग्राम छिदगांव तमोली शासकीय नवीन माध्यमिक शाला में बच्चों को लेपटॉप पर कोमल मूवी दिखाई गईं। तिनका के अनिल मल्हारे ने बताया की स्कूली बच्चों को सुरक्षित स्पर्श व असुरक्षित स्पर्श पर आधारित फिल्म के माध्यम से यौन शोषण से बचाव की जानकारी दी गईं। गलत हरकत करने एवं उनके स्पर्श में छुपी मंशा को फिल्म में विस्तार पूर्वक दर्शाया गया है फिल्म को दिखाने के पीछे उद्देश्य बच्चों को आत्मरक्षा में सक्षम बनाना है। जिले में बढ़ती छेड़छाड़, बलात्कार, मर्डर, अपरहण की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए तिनका संस्था के अनिल मल्हारे एक और कराटे खेल के माध्यम से बालक बालिकाओं को शारीरिक रूप से मजबूत बना रहा है तो दूसरी और सेशन के माध्यम से मानसिक रूप से मजबूत भी बना रहा है। स्कूल में बच्चों को सेशन में बताया सुरक्षित स्पर्श वह स्पर्श है जो आपको सहज और खुश महसूस कराता है। असुरक्षित स्पर्श वह स्पर्श है जो आपको असहज और डरा हुआ महसूस कराता है। छोटी उम्र के बच्चे नासमझी के कारण कई बार बाल यौन अपराध का शिकार हो जाते हैं। फिल्म से बच्चों को बचाव के तरीके बताए। बच्चों को बताया कोई व्यक्ति गलत हरकत करे तो तुरंत शोर मचाएं जोर से चिलाते हुए गांव की ओर भागे चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 व डायल 100 पर कॉल करे माता पिता टीचर को जानकारी दी जाए आपको कोई अनजान व्यक्ति खाने को दे तो नहीं खाना है,इस दौरान 20 बालिका और 18 बालक कुल 38 बच्चे उपस्थित रहे इस मौके पर शिक्षक बोरासी सर, कोच अनिल मल्हारे उपस्थित रहे।

Bhopal News : स्वच्छता के दुश्मन... बड़े तालाब में गंदगी करने से नहीं चूक रहे... जानें क्या है मामला


भोपाल। स्वच्छता सर्वेक्षण में पिछड़ा हुआ खड़े रहना राजधानी भोपाल की सरकारी एजेंसियों की इकलौती हार नहीं है। बल्कि शहर के जिम्मेदार नागरिकों ने भी इस स्थिति में तड़का लगाने में कसर नहीं छोड़ी है। यहां वहां गंदगी फैलाकर शहर को दूषित करने में जुटे लोग कभी राजधानी की जलरेखा कहलाने वाले बड़ा तालाब को भी नहीं बख्श रहे हैं।

सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे एक दूषित मानसिकता के व्यक्ति के लिए सफाई पसंद लोग कड़ी सजा की मांग करते नजर आ रहे हैं। इस विडियो में दिखाई दे रहा एक कार सवार युवा वीआईपी रोड पर स्थित राजा भोज प्रतिमा के ऐन सामने पेशाब करता दिखाई दे रहा है। देर रात में घटे इस घटनाक्रम के दौरान किसी राह चलते व्यक्ति द्वारा रोके जाने पर भी इसने अपनी दूषित मानसिकता को बड़े तालाब में बहाने से नहीं रोका। बेशर्मी का आलम यह है कि बार बार मना करने के बाद भी वह युवा तालाब में गंदगी कर बेफिक्री से अपनी कार में जा बैठा। साथ में मौजूद उसके अन्य साथी भी इस गंदगी के पैरोकार की हरकतों को सुकून से बैठे देखते नजर आए।

जागरूक ने बनाया वीडियो, किया शेयर

वीआईपी रोड के व्यस्त मार्ग और राजधानी की शान माने जाने वाले राजा भोज प्रतिमा के सामने अपनी कुंठित मानसिकता दर्शा रहे इस युवा को एक राह चलते व्यक्ति ने अपने मोबाइल कैमरे में कैद कर लिया। बाद में इसी व्यक्ति ने इस विडियो को सोशल मीडिया पर वायरल भी कर दिया। इस विडियो में गंदगी फैलाते युवा का चेहरा और उसका कार नंबर भी दिखाई दे रहा है। जिसके आधार पर इसके लिए सजा की मांग की जा रही है।

महापौर ने अपनाई थी गांधीगिरी

जिस समय वीआईपी रोड के किनारे राजभोज सेतु का निर्माण किया गया था, यहां तफरीह करने जाने वालों का मजमा लगा रहता था। यहां घूमने के लिए पहुंचने वाले लोगों ने चंद दिनों में ही ब्रिज की दीवारों को पान और गुटखे की पीक से लाल कर दिया। इस स्थिति को देखते हुए तत्कालीन महापौर आलोक शर्मा ने गांधीगिरी का रास्ता अपनाया था। उन्होंने लोगों को गंदगी फैलाने से रोकने का कहने की बजाए खुद बाल्टी और पोंछा थामा और गंदगी साफ की थी। नतीजा यह हुआ कि इसके बाद लोगों ने राजा भोज सेतु की दीवारों पर पान और गुटखे की पीक से चित्रकारी करना बंद कर दिया है।

एक मुहिम यह भी 

राजधानी भोपाल के स्वच्छता अंबेसेडर सैयद फैज अली ने शहर के उन स्पॉट को चयनित किया है, जहां लोगों ने गंदगी के अंबार लगा रखे हैं। फैज ने नगर निगम अमले और अपनी टीम के साथ मिलकर ऐसे स्थानों पर सफाई करवाई। इसके बाद यहां सुंदर पेंटिंग, पौधा रोपण और लोगों के बैठने जैसे इंतजाम भी करवाए। फैज का यह अभियान पुराने शहर से लेकर राजधानी की नई आबादी के कई स्थानों तक पहुंचा है। जिसका नतीजा यह है कि कल तक जिन जगहों के पास से गुजरने में लोग नाक सिकोड़ते नजर आते थे, अब वे इन स्थानों पर कुछ पल सुकून के गुजार पा रहे हैं।

शिकंजे में सरगना : मप्र से लेकर तक गुजरात तक शराब बहाने वाला रमेश चंद्र रॉय आया पुलिस गिरफ्त में


इंदौर:- गुजरात में शराब तस्करी मामले में मध्य प्रदेश के बड़े शराब कारोबारी , कंस्ट्रक्शन कारोबारी रमेश चंद्र राय को बीते दिनों इंदौर में उनके निवास से गुजरात पुलिस में गिरफ्तार किया है जो प्रदेश भर में सुर्खियों में बन गया है। दरअसल रमेश चंद्र राय पर गुजरात में शराब तस्करी के मामले वर्षो से पुलिस रिकार्ड में दर्ज थे , और अब तक मध्य प्रदेश में अपनी तगड़ी पकड़ के चलते बचते आए परंतु प्राप्त जानकारी के अनुसार गुजरात पुलिस प्रशासन पर बढ़ते दबाव के चलते उक्त कार्रवाई की गई है ,

आपको बता दे की गुजरात में शराब पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है और वर्षों से गुजरात में मध्य प्रदेश के शराब ठेकेदार मोटा मुनाफा कमाने के चक्कर में गुजरात सीमा से लगे मध्य प्रदेश के जिलों में ठेकों के नाम पर शराब की तस्करी करते आए हैं , सूत्रों के अनुसार ऐसा बताया जाता है की प्रतिदिन मध्य प्रदेश के धार इंदौर खरगोन बड़वानी से झाबुआ अलीराजपुर जिलों के माध्यम से करोड़ों रुपए की अवेध शराब गुजरात में भेजी जाती है और शराब ठेकेदार प्रतिदिन लाखों करोड़ों की काली कमाई करते हैं और इस पूरे खेल में आबकारी विभाग सहित पुलिस प्रशासन का भी पूरा सहयोग बताया जाता है।

जिसको लेकर बीते दिनों रमेश चंद्र राय को गुजरात में शराब तस्करी के दर्ज मामलों को लेकर वर्षों बाद कार्रवाई की गई है। आपको बता दे की रमेश चंद्र राय पर पूर्व में भी मध्य प्रदेश में ही कई मामले पुलिस में दर्ज हुए और अपनी कार्यशैली को लेकर ये खासे बदनाम रहे हैं , ऐसा बताया जाता है कि रमेश चंद्र राय की अपने पार्टनर ठेकेदारों से ही अनबन बनी रहती है, इनकी गिरफ्तारी के बाद शराब कारोबारीयो में हड़कंप मचा हुआ है, मक्सी में बियर फैक्ट्री के मालिक रमेश चंद्र राय झांसी में 500 एकड़ की कॉलोनी भी काट रहे हैं झांसी सतना और ग्वालियर में भी कई अन्य प्रकरण इन पर दर्ज है और यूपी के बड़े माफियाओ और गैंगस्टर से संबंधों की बात भी सामने आई है, इन पर इनकम टैक्स और ई.ओ.डब्ल्यू की जांच भी चल रही है।

वही बताया जाता है कि वर्ष 2019 और 20 में इंदौर और झाबुआ क्षेत्र में इनकी लाइसेंस शराब दुकानों का करोड़ों रुपया बाकी चल रहा है फिलहाल उनके नाम पर महाकाल वाइन शॉप का ठेका धार में है, लगातार इस तरह के मामले सामने आने के बाद गुजरात पुलिस ने कार्यवाही की है , आपको बता दें कि रमेश चंद्र राय मध्य प्रदेश के शराब कारोबारी में एक बड़ा नाम है जो झांसी के रहने वाले हैं और उनके परिवार के कुछ लोगों पर भी अवैध शराब से जुड़े आबकारी विभाग और पुलिस में कई मामले दर्ज बताए जाते हैं, इसके अलावा बताया जाता है कि इनकी शुरुआत कपड़ों के छोटे व्यवसाय से हुई थी फिर इन्होंने प्रॉपर्टी के काम में हाथ डाला और वहीं से शराब ठेकेदारी भी शुरू की, जिसके बाद आज अरबो खरबो का बिजनेस खड़ा किया है, ये सरकारी निर्माण ठेको में भी हाथ आजमाते है।

जानकारी के अनुसार झांसी विकास प्राधिकरण में एक करोड़ से अधिक रुपए की बकाया राशि के चलते इन्हें एक बार हवालात भी भेजा जा चुका है, इंदौर सहित अन्य जिलों में खासकर गुजरात से सटे जिलो में शराब के मामले में उनकी हुकूमत चलती है, झाबुआ में उनके बेटे मनीष राय के नाम से भी शराब दुकान थी, जिसमें शासकीय ड्यूटी न भरने के चलते मनीष को डिफाल्टर घोषित किया गया था और वारंट भी जारी हुए थे, झाबुआ जिले में ही इनकी बहु के नाम की दुकान होने व गड़बड़ी के चलते बहु पर प्रकरण दर्ज हुआ था जिसके फरार होने के चलते पुलिस झांसी सहित यूपी तक गिरफ्तार करने पहुची थी।

सबसे बड़ी बात शराबबंदी वाले प्रदेश गुजरात में भी शराब तस्करी को लेकर इन पर कई मामले दर्ज हुए हैं , बताया जाता है कि शराब कारोबारी रमेश चंद्र राय अच्छी खासी पकड़ रखते हैं जिसके कारण मध्य प्रदेश में कानुनी कार्यवाही से बचते रहे हैं। अब गुजरात पुलिस की कार्यवाही के बाद मध्य प्रदेश पुलिस भी कार्यवाही करेगी या अपनो राजनीतिक पकड़ से ये हाई प्रोफाइल कथित माफिया युही कारोबार चलाता दबंगई करेगा आने वाला वक्त ही बताएगा।

तीन सडकें... जो अपने दायरे में दरों को ही नहीं, 3 हजार दिलों को भी जोड़ रही हैं...

भोपाल! दूर तक घना जंगल। बिखरे-बिखरे से कई गांव। गर कहीं जाना हो, तो अगले दिन सूरज उगने का इंतजार करना पड़ता था, क्योंकि शाम हो जाने के बाद तो घर से निकलना मुश्किल था। एक तो बियाबान कच्चा रास्ता, घुप्प अंधेरा, डरावना सा जंगल और उसमें रहने वाले जंगली जानवरों का भी खौफ। शाम ढलते ही अपने घरों में बंद हो जाना ही उनका जीवन था। यही पीढ़ा थी, उन बैगा परिवारों की, जो बालाघाट जिले के परसवाड़ा ब्लॉक के सुदूरस्थ छोटे-छोटे गांवों और मंजरे टोलो में रहते थे।

पर अब इनके दिन वैसे नहीं रहे। बिखरे-बिखरे से गांवों को जोड़ने के लिये बनीं 3 सड़कें इन बैगा परिवारो के जीवन में एक नया उजाला लेकर आईं हैं। बैगा समुदाय विशेष रूप से पिछड़े और कमजोर जनजातीय समूह (पीवीटीजी) में आते हैं। इसलिए उनकी बसाहट क्षेत्र में पीएम जन-मन योजना से कई विकास कार्य हो रहे हैं। बालाघाट जिला पीएम जन-मन में शामिल है। यहां के परसवाड़ा ब्लॉक में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से 3 सड़कें बनाई गई हैं। नाटा से पांडाटोला (4.85 किमी), बड़गांव से साल्हे (4.50 किमी) और पांडाटोला से बीजाटोला (0.811 किमी), यही वो 3 सड़कें (कुल लंबाई 10.16 किमी) हैं (जो पहले पगडंडिया हुआ करती थीं), इन्होंने बैगा परिवारों के कष्टमय सफर को अब आसान बना दिया है। इसमें पांडाटोला से बीजाटोला तक बनी 811 मीटर सड़क पीएम जन-मन योजना में रिकार्ड 164 दिनों में हुई। इसका निर्माण इसी साल 16 मार्च को शुरू हुआ था और 26 अगस्त को काम पूरा हो गया। यह पीएम जन-मन योजना से बनी देश की संभवतः ऐसी पहली सड़क है, जिसका सीधा लाभ पीवीटीजी के बैगा परिवारों को मिल रहा है।

इन 3 सड़कों से क्षेत्र के 30 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले 3 हजार से अधिक बैगा परिवार अब हर वक्त, हर घड़ी, हर मौसम में एक-दूसरे से जुड़ गये हैं। एक रोड बनने से विकास के कई द्वार खुल जाते हैं। इन सड़कों के बनने से क्षेत्र के सारे बैगा परिवार अपने ब्लॉक, जिले, राज्य के साथ पूरे देश से जुड़ गये हैं।

सड़क एक - फायदे अनेक

ये सड़कें जिन गांवो में बनी हैं, उसके दायरे में ऐसे कई मजरे-टोले हैं, जो इनका उपयोग कर रहे हैं। यह सड़कें डोरली, चकटोला, कातलाबोडी, टिकरिया, कूकड़ा, उरूरगुड्डा, बारिया, डंडईटोला, मोहर, नारवाड़ी सहित घने जंगलों के बीच बसे बैगा परिवारों के लिए विकास का नया रास्ता खोल रही हैं। करीब 30 किमी के दायरे में रहने वाले करीब 3 हजार से अधिक बैगाजन अब सरकारी राशन दुकानों से राशन पा रहे हैं। इन्हीं सड़कों का लाभ लेकर बच्चे स्कूल जा रहे हैं। लोग बाजार जा रहे हैं। किसान मंडी तक पहुंच रहे हैं। इन सड़कों के बनने से मरीजों को अस्पताल और पास के बड़े कस्बों तक आने-जाने की बारहमासी सुविधा भी मिल गयी है।