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राजधानी पटना समेत पूरे प्रदेश में आज से बदलेगा मौसम का मिजाज, फिर उमस वाली गर्मी का करना पड़ सकता है सामना

डेस्क : पिछले चार-पांच दिनों से राजधानी पटना समेत पूरे बिहार में हो रही बारिश ने लोगों को उमश भरी गर्मी से बड़ी राहत दी थी। वहीं बारिश से किसान के चेहरे भी खिल उठे थे। लेकिन एकबार फिर आज सोमवार से मौसम का मिजाज बदलने जा रहा है।

राजधानी पटना समेत पूरे राज्य में सोमवार से बारिश की गतिविधियों में कमी आएगी। इससे अधिकतम तापमान चढ़ेगा और उसम वाली गर्मी से लोगों का सामना होगा।

हालांकि मौसम विभाग ने राज्य के दक्षिण-पश्चिम भाग के जिलों में गरज व तड़क के साथ हल्की बारिश की चेतावनी जारी की है। सोमवार से आसमान साफ होगा। लेकिन, बीच-बीच में आंशिक तौर पर बादलों की आवाजाही जारी रहेगी। नवरात्र के शुरू के दिनों में बारिश की गतिविधियों में एक बार फिर से बढ़ोतरी होने के आसार हैं।

बिहार में बाढ़ : 7 तंटबंध टूटे, 12 जिलों में कई गांव टापू में तब्दील*

डेस्क : नेपाल में हो रही भारी बारिश से बिहार की नदियों में भारी उफान आ गया है। खासकर सीमांचल के गंडक, कोसी, बागमती, महानंदा एवं अन्य नदियों में उफान से 16 जिलों में फैल गया है। इन जिलों के 31 प्रखंडों की 152 पंचायतें प्रभावित हुई है। तकरीबन 4 लाख से ज्यादा की आबादी पानी से घिर गयी है। वहीं प्रदेश में अबतक बाढ़ के कारण सात तटबंध टूट गए हैं, जिससे लगभग पांच लाख लोग प्रभावित हुए हैं। 12 जिलों के कई गांव टापू में तब्दली हो गया है। पूरा जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। जिन सड़कों पर कलतक गाड़ी चलती थी वहां अब नाव चल रहे हैं। *चंपारण तटबंध टूटने से बगहा की 12 पंचायतें डूबी* उत्तर बिहार में बाढ़ का सर्वाधिक असर पश्चिम चंपारण में है। यह के 10 प्रखंडों में लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं। रविवार को बगहा में चखनी रजवटिया और अगस्तिया के बीच चंपारण तटबंध 40 फीट में टूट गया है। इससे बगहा-1 की दर्जनभर पंचायतों में तेजी से पानी फैल रहा है। योगापट्टी की चार पंचायतों में लोग दहशत के कारण घर खाली कर सुरक्षित जगहों पर जाने लगे हैं। बगहा-1 और योगापट्टी की पंचायतों में एसडीआरएफ की टीम भेजी गयी है। एसडीएम समेत तमाम आला अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचकर बचाव कार्य में जुट गए हैं। ओरिया नदी का पश्चिमी सुरक्षा बांध कई जगहों पर ध्वस्त हो गया है। *सीतामढ़ी के बेलसंड में बायां तटबंध कटा* सीतामढ़ी के बेलसंड के मधकौल में बायां तटबंध सौ फीट में कट गया। रुन्नीसैदपुर के तिलकताजपुर व खरहुआ-नुनौरा में बागमती नदी पर बना दायां तटबंध 10 फीट टूट गया। शिवहर के तरियानी छपरा के पास पश्चिमी तटबंध 20 फीट से अधिक में टूट गया है। तरियानी की तीन पंचायत के दर्जनभर से अधिक गांवों में पानी फैल गया है।बाढ़ का पानी गिद्ध-फुलवरिया होते हुए मीनापुर होकर मुजफ्फरपुर की ओर जा रहा है। बागमती नदी के कहर से बेलसंड प्रखंड पूरी तरह जलमगन हो गया है। वहां से पानी परसौनी व रुन्नीसैदपुर प्रखंड की ओर बढ़ रहा है। बेलसंड-परसौनी मार्ग पर चार फीट पानी बह रहा है। बेलसंड के अस्पताल सहित सभी प्रशासनिक कार्यालयों में तीन से चार फीट पानी है। बाढ़ की स्थिति से बेलसंड व रुन्नीसैदपुर के करीब डेढ़ लाख की आबादी प्रभावित हुई है। *दरभंगा कोसी नदी का पश्चिमी तटबंध टूटा* दरभंगा जिले में पानी के भारी दबाव से कोसी नदी का पश्चिमी तटबंध किरतपुर प्रखंड के भुवौल गांव के पास देर रात टूट गया। बिरौल एसडीओ उमेश कुमार भारती ने कहा कि लोगों को सतर्क कर दिया गया है। प्रभावित लोगों को ऊंचे स्थानों पर चले जाने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है। फिलहाल 15 फीट में तटबंध क्षतिग्रस्त हुआ है लेकिन सुबह तक इसमें और कटाव हो सकता है। *सीतामढ़ी, पश्चिम चंपारण व सहरसा में कई सड़कें डूबीं* सीतामढ़ी के भिठ्ठामोड़ चौक और एनएच 227 पर बाढ़ का पानी फैल गया है। लौरिया-नरकटियागंज और लौरिया-रामनगर एसएच पर भी दो फीट तक पानी है। नरकटियागंज में खाहड़ नदी पुल पर पानी चढ़ने से आवागमन ठप हो गया है। वाल्मीकिनगर में मरीन ड्राइव की तर्ज पर बना रीवर पाथवे पानी के दबाव से रविवार को धंस गया। सहरसा जिले के आलमनगर प्रखंड के कई गांवों में भी सड़क संपर्क भंग है। नेपाल के गौर शहर में सड़कों पर तीन से चार फीट पानी है। *शिवहर बागमती का तटबंध टूटा, 12 गांव डूबे* बाढ़ के पानी के जबरदस्त दबाव से शिवहर के तरियानी छपरा गांव के पास रविवार शाम सात बजे बागमती का पश्चिमी तटबंध टूट गया। इससे तरियानी छपरा सहित आसपास के दर्जन भर गांवों में पानी घुस गया है। शिवहर एसडीओ अविनाश कुणाल ने बताया कि 20 फीट में बागमती का तटबंध टूट गया है। ग्रामीण राकेश कुमार ने बताया कि अब तक दो दर्जन लोगों के घरों में पानी घुस चुका है। अधिकतर ग्रामीण अपने घर की छत पर शरण ले रहे हैं। पानी सीतामढ़ी जिले के डुमरा सरपट्टी हसर बलुआ होते हुए मुजफ्फरपुर जिले के तुर्की की ओर जा सकता है।
बिहार में बाढ़ से तबाही : प्रदेश के 16 जिलों में 4 लाख से अधिक आबादी पानी से घिरी, ये जिले सर्वाधिक प्रभावित*

डेस्क : नेपाल में हो रही भारी बारिश से बिहार की नदियों में भारी उफान आ गया है। खासकर सीमांचल के गंडक, कोसी, बागमती, महानंदा एवं अन्य नदियों में उफान से 16 जिलों में फैल गया है। इन जिलों के 31 प्रखंडों की 152 पंचायतें प्रभावित हुई है। तकरीबन 4 लाख से ज्यादा की आबादी पानी से घिर गयी है। बाढ़ से जो जिले सबसे ज्यादा प्रभावित है उनमें पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, अररिया, किशनगंज, गोपालगंज , शिवहर, सीतामढ़ी, सीवान, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, मधुबनी, दरभंगा, सारण और सहरसा शामिल हैं। इन नदियों के जलस्तर में वृद्धि जारी रहने की आशंका को देखते हुए संबंधित जिलाधिकारी को अलर्ट रहने को कहा है। आपदा प्रबंधन विभाग ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत-बचाव कार्य तेज कर दिया है। एनडीआरएफ की 12, एसडीआरएफ की 12 टीमों के अलावा वाराणसी से एनडीआरएफ की 3 टीम को बुलाया गया है। आवागमन के लिए 630 नावों का परिचालन किया जा रहा है। बीते रविवार से 43 राहत शिविरों में 11250 बाढ़ शरणार्थी शरण लिए हुए हैं। 18 सामुदायिक रसोई केंद्रों में लोगों को भोजन कराया जा रहा है। साथ ही पैकेट सूखा राशन भी वितरित किया जा रहा है।
बिहार में बाढ़ से तबाही : प्रदेश के 16 जिलों में 4 लाख से अधिक आबादी पानी से घिरी, ये जिले सर्वाधिक प्रभावित*

डेस्क : नेपाल में हो रही भारी बारिश से बिहार की नदियों में भारी उफान आ गया है। खासकर सीमांचल के गंडक, कोसी, बागमती, महानंदा एवं अन्य नदियों में उफान से 16 जिलों में फैल गया है। इन जिलों के 31 प्रखंडों की 152 पंचायतें प्रभावित हुई है। तकरीबन 4 लाख से ज्यादा की आबादी पानी से घिर गयी है। बाढ़ से जो जिले सबसे ज्यादा प्रभावित है उनमें पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, अररिया, किशनगंज, गोपालगंज , शिवहर, सीतामढ़ी, सीवान, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, मधुबनी, दरभंगा, सारण और सहरसा शामिल हैं। इन नदियों के जलस्तर में वृद्धि जारी रहने की आशंका को देखते हुए संबंधित जिलाधिकारी को अलर्ट रहने को कहा है। आपदा प्रबंधन विभाग ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत-बचाव कार्य तेज कर दिया है। एनडीआरएफ की 12, एसडीआरएफ की 12 टीमों के अलावा वाराणसी से एनडीआरएफ की 3 टीम को बुलाया गया है। आवागमन के लिए 630 नावों का परिचालन किया जा रहा है। बीते रविवार से 43 राहत शिविरों में 11250 बाढ़ शरणार्थी शरण लिए हुए हैं। 18 सामुदायिक रसोई केंद्रों में लोगों को भोजन कराया जा रहा है। साथ ही पैकेट सूखा राशन भी वितरित किया जा रहा है।
बड़ी खबर : सीतामढ़ी जिले के इस इलाके मे टूटा बागमती नदी पर बना तटबंध, कई गांव में घूसा पानी

डेस्क : नेपाल की तराई क्षेत्र में दो दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश और नेपाल की ओर से पानी छोड़े जाने के बाद बिहार के कई जिले जलमग्न हो गए है। सीमांचल के गंगा समेत सभी नदिया उफान पर है। वहीं कई जिलों में बाढ़ का पानी घूस गया है। लाखों की आबादी बाढ़ से प्रभावित है।

इसी कड़ी में सीतामढ़ी जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां जिले में बहने वाली बागमती, अधवारा समूह की नदियां उफान पर है। बेलसंड के मधकौल में बागमती नदी के उत्तर तरफ के तटबंध टूट जाने से गांव मढ़कौल, मरार, जाफरपुर, ओलीपुर गांव में बागमती का पानी तेजी से फैल रहा है।

ग्रामीणों में द्वारा उक्त बांध के टूट जाने की जानकारी वरीय अधिकारी को दे दी गई है। हालाँकि लोगों को अभी अभी सरकारी मदद का इन्तजार है।

मिली जानकारी के अनुसार आस पास के तकरीबन आधा दर्जन गांव उक्त बाढ़ से प्रभावित हो गए है। जिसमें सैकड़ो घर प्रभावित हुए है।

बिहार में बाढ़ : सीमांचल इलाके के इन रेल खंडों पर स्टेशनों पर चढ़ा बाढ़ का पानी, रेल परिचालन बाधित

डेस्क : नेपाल में भारी बारिश और दोनों बराजों से रिकार्ड पानी के डिस्चार्ज से बिहार के सीमांचल में कोसी-गंडक ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। इनमें पानी लबालब है। इसके कारण चंपारण से किशनगंज और सुपौल से कटिहार तक के 20 से अधिक जिलों में बाढ़ के हालात उत्पन्न हो गए हैं। निचले इलाके में तेजी से पानी फैलने भी लगा है।

आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार 13 जिलों के करीब 1.41 लाख की आबादी प्रभावित हुई है। बागमती के जलस्तर में बढ़ोतरी से शनिवार देर शाम सीतामढ़ी में बैरगनिया के रिंग बांध से दो जगहों पर रिसाव शुरू हो गया। उधर, नेपाल के करवाना व धर्मपुर में बागमती का बांध टूट गया। इससे बैरगनिया के लोग भी दहशतजदा हैं।

वही बाढ़ के कारण रेल सेवा भी प्रभावित हुई है। भारत नेपाल सीमा पर अवस्थित जोगबनी रेलवे स्टेशन और रेलवे ट्रैक पर पानी आ जाने के कारण कटिहार-जोगबनी और दरभंगा सहरसा जोगबनी रेलखंड पर चलने वाली सभी ट्रेनों का परिचालन फारबिसगंज रेलवे स्टेशन से ही होगा।

ट्रेनों के जोगबनी स्टेशन पर जाने पर आज रोक लगा दी गई है और बकायदा फारबिसगंज रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या एक पर हेल्प डेस्क बनाकर यात्रियों को हो रही असुविधाओं को लेकर जानकारी दी जा रही है।

जोगबनी से खुलने और पहुंचने वाली सभी यात्री और एक्सप्रेस ट्रेनों को फारबिसगंज स्टेशन पर ही रोककर फारबिसगंज से परिचालन किया जा रहा है,जिससे यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

प्रवासी बिहारियों के लिए राज्य सरकार का बड़ा निर्णय, तत्काल मदद के लिए बनेगा विशेष कोषांग

डेस्क : देश के दूसरे राज्यों में काम करने वाले प्रवासी बिहारियों के लिए सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। आपदा के दौरान की उनकी तत्काल मदद करने का श्रम संसाधन विभाग ने निर्णय लिया है। इसके तहत दिल्ली में अवस्थित बिहार भवन से लेकर राज्य मुख्यालय में मौजूद अधिकारी अनवरत एक-दूसरे से जुड़े रहेंगे। एक विशेष कोषांग का भी गठन किया जाएगा। इसको लेकर नये पदों का सृजन भी किया गया है ताकि विशेष सेल का गठन किया जा सके।

बताया जा रहा है कि जाति आधारित गणना के अनुसार बिहार से बाहर रहकर 45 लाख 78 हजार से अधिक लोग देश के दूसरे राज्यों में काम कर रहे हैं। पांच लाख 52 हजार बिहारी छात्र दूसरे राज्यों में पढ़ाई करते हैं। वहीं विदेशों में पढ़ाई करने वालों की संख्या 23 हजार 738 है। यदा-कदा इन प्रवासी बिहारियों को कुछ न कुछ समस्या होते रहती है।

ऐसे में दिल्ली में अवस्थित स्थानिक आयुक्त के माध्यम से प्रवासियों को बिहार लाने का इंतजाम किया जाता है। लेकिन इसमें परेशानी होती है। इस समस्या का स्थायी निदान के लिए ही विभाग प्रवासी सेल बनायेगा। अभी वहां श्रम अधीक्षक कार्यरत हैं।

श्रम संसाधन विभाग के मुख्यालय में भी प्रवासी कोषांग बनाकर श्रम अधीक्षक, सहायक श्रमायुक्त और उप श्रमायुक्त का पद सृजित किया गया है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक इस सेल में एक टेलीफोन नंबर रहेगा जिसे सार्वजनिक किया जाएगा।

बिहार के बालू माफियाओं के खिलाफ कसेगा शिंकजा, 13 जिलों के माफियाओं को ईओयू करेगा तड़ीपार

डेस्क : बिहार में बालू का अवैध कारोबार कर अकूत संपत्ति हासिल किए माफियाओं को खिलाफ अब शिकंजा कसने जा रहा है। प्रदेश 13 जिलों के बालू माफिया को आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) तड़ीपार करेगा। इसके अलावा गैरकानूनी अर्थिक गतिविधि में संलिप्त वाले भी नपेंगे। आर्थिक अपराध इकाई ने संबंधित जिलों के डीएम से प्रस्ताव मांगा है। 

ईओयू के पुलिस अधीक्षक ने पटना, गया, छपरा, आरा, रोहतास, औरंगाबाद, अरवल, लखीसराय, बांका, खगड़िया, नवादा और जहानाबाद के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को पत्र भेजा है। पत्र के मुताबिक अब हरेक दो माह में इन जिलों से मिली रिपोर्ट की समीक्षा भी की जाएगी। ईओयू को प्रस्ताव भेजने से पहले डीएम ने भागलपुर के एसएसपी और नवगछिया के एसपी से चिह्नित अपराधियों के खिलाफ प्रस्ताव भेजने को कहा है। डीएम ने एक सप्ताह का वक्त दिया है। ताकि समय से आर्थिक अपराध इकाई को बालू माफिया के खिलाफ बिहार अपराध नियंत्रण कानून 2024 में प्रस्ताव भेजा जा सके।

गौरतलब है कि इसी साल राज्य सरकार ने नया कानून बनाकर डीएम को बालू माफिया और गैरकानूनी अर्थिक गतिविधि में संलिप्त रहने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने संबंधित प्रस्ताव देने की शक्ति दी है। नए कानून में डीएम को जेल भेजने तक का पावर दिया गया है। अपराधी यदि कई संगीन मामले में वांछित हैं तो ऐसे लोगों के खिलाफ छह माह तक जिला-राज्य से बेदखली का अधिकार भी डीएम को मिला है। गया है। पुलिस विभाग ने विभिन्न थानों में बालू के अवैध कारोबार में संलिप्त रहने वाले अपराधकर्मियों के खिलाफ दर्ज केस को लेकर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

मौसम का मिजाज : बिहार में आज भी होगी बारिश, मौसम विभाग ने इन 8 जिलों में भारी बारिश का जारी किया अलर्ट

डेस्क : बिहार में एकबार फिर से मानसून के सक्रिय होने के कारण पूरे प्रदेश में पिछले चार-पांच दिनों से झमाझम बारिश हो रही है। इसी बीच मौसम विभाग ने आज रविवार को बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है।

मौसम विभाग ने आज रविवार को सात जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट है तो उत्तर बिहार के साथ ही दक्षिण-पश्चिम और पटना सहित दक्षिण-मध्य भागों के एक या दो स्थानों पर गरज व तड़क के साथ बारिश के आसार जारी किया है।

बीते शनिवार को राजधानी सहित प्रदेश के अधिकतर शहरों में बारिश हुई। इस कारण राज्य में औसतन 29.1 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। पश्चिमी चंपारण में 163.9, पूर्वी चंपारण में 126.3, गोपालगंज में 91.7, किशनगंज में 79.8, सुपौल में 54.9, सीवान में 53.3 मिमी वर्षा हुई।

50 साल बाद 'कोसी' ने फिर मचाया हाहाकार, उत्तर बिहार के बाढ़ में डूबने का डर, गंगा और कोसी उफान पर

डेस्क: बिहार में गंगा और कोसी नदी एक बार फिर पूरे उफान पर है जिस वजह से राज्य पर गंभीर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. एक तरफ जहां गंगा में बढ़ते जल स्तर की वजह से 13 जिले बुरी तरह प्रभावित हैं अब वहीं कोसी नदी में जल स्तर में भारी वृद्धि की वजह से उत्तर बिहार और सीमांचल के भी जलमग्न होने की आशंका है.

रिपोर्ट के मुताबिक 50 साल बाद कोसी नदी में इतना पानी देखा जा रहा है जो उत्तर बिहार के कई जिलों को डुबा सकता है. लोगों में इसको लेकर हाहाकार मचा हुआ है.

वहीं इसको लेकर एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बिहार सरकार ने शनिवार को वाल्मिकीनगर और बीरपुर बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद राज्य के उत्तरी और मध्य हिस्सों में उफनती कोसी, गंडक और गंगा नदियों में बाढ़ की चेतावनी जारी की है.

राज्य जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल ने बताया कि कोसी नदी पर बीरपुर बैराज से दोपहर तक कुल 5.7 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो हाल के दिनों में सबसे अधिक है. उन्होंने कहा कि तटबंधों की सुरक्षा के लिए सभी उपाय सुनिश्चित किये जा रहे हैं. इसी तरह वाल्मिकीनगर बराज से दोपहर तक 4.20 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है.

पिछले दो-तीन दिनों से लगातार बारिश के बाद राज्य भर में कई नदियों का जल स्तर बढ़ रहा है. नेपाल के कई क्षेत्रों में लगातार बारिश के कारण कई स्थानों पर नदियां खतरे के स्तर को छू रही हैं या खतरे के स्तर से ऊपर बह रही हैं.

इन दोनों बैराजों से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद नदी का अतिरिक्त पानी पश्चिम चंपारण के जोगापट्टी, नौतन, गौनाहा, बगहा-1, बगहा-2, रामनगर, मझौलिया और नरकटियागंज ब्लॉकों के निचले इलाकों और पूर्वी चंपारण के कई इलाकों में प्रवेश कर गया है. बिहार के कई जिलों में पहले ही अलर्ट जारी कर दिया गया है क्योंकि आईएमडी ने भारी बारिश की चेतावनी दी है और कहा है कि कई हिस्सों में कम से मध्यम बाढ़ आ सकती है.

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) द्वारा शुक्रवार को जारी बुलेटिन में कहा गया है कि पश्चिम और पूर्वी चंपारण, सीतामढी, शिवहर, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सीवान, सारण, वैशाली, पटना, जहानाबाद, मधुबनी और भोजपुर जिलों में भारी बारिश होने की संभावना है. कहा गया है कि इन इन जिलों में अगले 24 घंटों में कम से मध्यम बाढ़ का खतरा है.'

वहीं दूसरी तरफ लगातार बारिश के कारण आई बाढ़ से नेपाल में कम से कम 39 लोगों की मौत अब तक हो चुकी है. नेपाल के कुछ हिस्से शुक्रवार से भारी बारिश की वजह से जलमग्न हो गए हैं, जिससे आपदा प्रबंधन अधिकारियों को अचानक बाढ़ की चेतावनी देनी पड़ी है.

भारी बारिश की वजह से काठमांडू में नौ, ललितपुर में 16, भक्तपुर में पांच, कावरेपालनचौक में तीन, पंचथर और धनकुटा में दो-दो और झापा और धाडिंग से एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई है जबकि कुल 11 लोग लापता हैं.