/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1669637829452659.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1669637829452659.png StreetBuzz पोल पर बिजली ठीक करने गए प्राइवेट लाइनमैन से मारपीट Gorakhpur
पोल पर बिजली ठीक करने गए प्राइवेट लाइनमैन से मारपीट

खजनी गोरखपुर। इलाके में बिजली विभाग में प्राइवेट लाइनमैन के रूप में काम करने वाले बेलडांड़ गांव के निवासी दीपचंद प्रजापति उर्फ हंसमुख थाने के समीप सिकरीगंज मार्ग पर स्थित मऊंधरमंगल गांव में पोल पर खराब बिजली ठीक करने के बाद अपनी बाइक से वापस लौट रहे थे।

इस बीच 10/12 की संख्या में गांव के युवाओं ने उन्हें रोक लिया और समय से बिजली ठीक करने के लिए नहीं पहुंचने का आरोप लगाते हुए उसे मारने पीटने लगे। किसी तरह से बचाव करते हुए खजनी थाने में पहुंच कर पीड़ित ने आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए तहरीर दी है। थानाध्यक्ष सदानंद सिन्हा ने बताया कि शिकायत मिली है कार्रवाई की जा रही है।

उच्च न्यायालय के निर्णय के विरोध में अधिवक्ताओं ने किया प्रदर्शन

गोला गोरखपुर।गोला तहसील कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने जिला बार एसोसिएशन प्रयाग राज द्वारा किये अधिवक्ता हितो को लेकर सम्मेलन का समर्थन करते हुए उच्च न्यायालय द्वारा हड़ताल को लेकर दिये गये निर्देश के विरोध में काली पट्टी बांध कर किया प्रदर्शन।

कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन गोला के अधिवक्ताओं ने तहसील परिसर स्थित बार सभागार में एसोसिएशन के अध्यक्ष गिरिजेश शाही के नेतृत्व में काली पट्टी बांध कर गत दिनो पूर्व उच्च न्यायालय प्रयाग राज द्वारा अधिवक्ताओं को बार बार हड़ताल न करने के जारी निर्देश को लेकर जिला बार एशोसियेशन प्रयाग द्वारा किये गये विरोध सम्मेलन का समर्थन करते हुए उच्च न्यायालय के द्वारा जारी निर्देश की निन्दा करते हुए काली पट्टी बांध कर विरोध प्रदर्शन किया ।साथ ही अधिवक्ताओं ने आगे भी अधिवक्ता हितों को लेकर प्रयागराज बार एशोसियेशन द्वारा लिए गये सभी निर्णय का समर्थन करने को कहा ।इस अवसर पर प्रमुख रूप से कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन के महासचिव शंकरानंद शुक्ल वरिष्ठ उपाध्यक्ष राम नाथ उपाध्यक्ष संत लाल यादव मनोज कुमार दुबे गणेश शंकर भारती सत्यजीत चंद आदि सहित बार एशोसियेशन के अधिवक्ता शामिल रहे ।

संगोष्ठी से निकला क्रांतिकारी आंदोलन का दहकता इस्पाती दस्तावेज : प्रो. पूनम टंडन

गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय और भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में इतिहास विभाग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन सत्र की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन ने कहा कि इस राष्ट्रीय संगोष्ठी ने सही मायने में अपने लक्ष्यों को हासिल किया है।

हमारा सदियों का अतीत इन दो दिनों के राष्ट्रीय संगोष्ठी में इस्पाती दस्तावेज की तरह हमारे समक्ष प्रस्तुत हुआ है जो न सिर्फ अध्येताओं व शोधार्थियों को, बल्कि समाज को भी चिंतन करने के लिए बहुत कुछ दे गया. अकादमिक संवाद ही किसी शैक्षणिक संस्थान को असल मायने में जीवित रखता है. जो लोग इतिहास के विद्यार्थी नहीं हैं उनके लिए भी यह संगोष्ठी मिल का पत्थर साबित हुई है. भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद का कार्य बड़ा एवं बुनियादी महत्व का है. संगोष्ठी में शामिल हुए सभी विद्वानों के प्रति हम सम्मान प्रकट करते हैं. इसके लिए इतिहास विभाग के सभी सदस्य प्रशंसा के पात्र हैं।

समापन सत्र के मुख्य अतिथि डॉ. बालमुकुंद पाण्डेय ने अपने संबोधन में कहा कि 'मिसिंग लिंक' तो स्वाभाविक है लेकिन 'मिसिंग पेज' एक षड्यंत्र है. सन1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना होती है. ऐसी स्थिति में सन1926 में कांग्रेस के आधिकारिक अध्यक्ष के द्वारा यह कहा जाना 'नेशन मेकिंग' हो रहा है. और 1942 के बाद 'डिस्कवरी आॅफ इंडिया' में कहा गया कि 'काफिले आते गए कारवां बनता गया' तो यहाँ यह सवाल उठता है कि जब भारत राष्ट्र था ही नहीं, तो सन 1885 में किस भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना हुई?

भारत का पहला असहयोग आंदोलन राम सिंह कूका के द्वारा शांतिपूर्ण ढंग से सफलतापूर्वक चलाया गया था. जो 1859 से 1883 तक चला. भारत छोड़ो आंदोलन वासुदेव बलवंत फड़के के द्वारा 1876 से 1883 तक चला था उसी का विस्तार 1942 का भारत छोड़ो आंदोलन था.

10 फरवरी, 1917 को रमाकांत शुक्ल ने गांधी जी को चंपारण सत्याग्रह में आमंत्रित किया था. उसी आमंत्रण पत्र में उन्होंने गांधी जी को पहली बार 'महात्मा' संबोधित किया था. जबकि इतिहास के पन्नों में लिखा गया कि चंपारण सत्याग्रह के सफलता के बाद रवीन्द्रनाथ टैगोर जी ने गांधी जी को 'महात्मा' की उपाधि प्रदान की.

उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि सन 1914 में ही चीन में रासायनिक नील की फैक्ट्री लग गई थी और भारत में केमिकल नील की सप्लाई आरंभ हो गई थी. फिर अप्रैल 1917 में नीलही क्रांति किस बात की हो रही थी?

उन्होंने एक और तथ्य उजागर करते हुए कहा कि सन 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों की आर्थिक स्थिति इतनी खराब हो चुकी थी कि उसे सुधारने के लिए जेम्स विल्सन को भारत भेजा गया. जिसने पहली बार भारत में आयकर लगाया. जबकि इतिहास में पढ़ाया जाता है कि स्वतंत्र भारत में नेहरू जी ने आयकर व्यवस्था दिया था.

वीर सावरकर ने 'बार एट लॉ' की परीक्षा पास किया था.उस समय डिग्री लेने के लिए ब्रितानिया सरकार के पक्ष में शपथ लेना आवश्यक था. इसलिए उन्होंने डिग्री नहीं लिया. वह जीवन भर भारत माता की सेवा करते रहे. जबकि नाम बताना आवश्यक नहीं है कि उसी दौर में कितने लोग ब्रितानिया सरकार के पक्ष में शपथ लेकर डिग्री प्राप्त किए.

समापन सत्र के विशिष्ट अतिथि श्री अनंत विजय ने अपने संबोधन में कहा कि हिस्ट्री राइटिंग का टेंप्लेट बदलने की जरूरत है न कि इतिहास की किताब. उन्होंने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा को फिक्शन कहकर उसकी उपेक्षा की गई. उन्होंने भारतीय इतिहास लेखन की संरचना के परिवर्तन पर बल दिया.

उन्होंने कहा कि हम इतिहास ग्रंथ काम बन पाए हैं हमें इसे और अधिक लिखने व जोड़ने की जरूरत है क्योंकि भारतीय पद्धति किसी की लकीर मिटाने से ज्यादा नई और बड़ी लकीर खींचने में विश्वास रखती है. असल सच्चाई को जनमानस तक पहुंचाने के लिए किताबों को लिखना आवश्यक है.

उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की हत्या करने वाले को महाराष्ट्रीयन एक तरह का सांप्रदायिक वातावरण पैदा किया गया. इससे आम महाराष्ट्रीयन ब्राह्मण हिंसा के शिकार हुए और कई मारे गए. जबकि गणेश शंकर विद्यार्थी के लिए कहा गया कि वह मॉब द्वारा मारे गए. इन दोनों उदाहरणों से इसके पीछे के कुचक्र व साजिश को आसानी से समझा जा सकता है.

उन्होंने कहा कि इतिहास में यह बताया जाता है कि भारत की खोज वास्को डि गामा ने की, तो क्या इससे पहले भारत का अस्तित्व ही नहीं था? इसके पीछे की मानसिकता को अब हमें बेहतर ढंग से समझने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि अभी तक भारतीय इतिहासकारों ने उत्तर भारत केंद्रित इतिहास को ही प्रमुखता दिया है. दक्षिण के गौरवशाली चोल, पाड्य एवं विजयनगर आदि को इतिहास में महत्व नहीं दिया गया. मध्यकालीन भारत को केवल दिल्ली सल्तनत एवं मुगल शासन का पर्याय बना दिया है. आक्रांताओं को स्थानीय उपलब्धियां के ऊपर वरीयता देना कम्युनिस्ट इतिहासकारों का एक षड्यंत्र है. उन्होंने दावा किया कि 1972 के बाद रोमिला थापर, रामशरण शर्मा, इरफान हबीब आदि के नेतृत्व में भारतीय इतिहास को एक खास दिशा में मोड़ दिया गया. जिससे भारतीय ज्ञान परंपरा के प्रति हीनता बोध पैदा हुआ. अत: इतिहास लेखन भारतीय दृष्टिकोण से होना चाहिए एवं समग्रता में अतीत को व्याख्यात की जानी चाहिए.

इस सत्र का संचालन भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के सदस्य सचिव डॉक्टर ओम जी उपाध्याय ने किया. इतिहास विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर मनोज कुमार तिवारी ने धन्यवाद ज्ञापन किया. स्वागत वक्तव्य प्रोफेसर हिमांशु चतुवेर्दी ने दिया।

विश्व हिन्दू परिषद ने प्रमुख मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने की मांग को लेकर सौंपा ज्ञापन

गोरखपुर। हिंदू आस्था के प्रमुख मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने की मांग को लेकर विश्व हिंदू परिषद ने जिला अधिकारी कार्यालय को ज्ञापन दिया। गोरखपुर जिलाधिकारी कार्यालय पर विश्व हिंदू परिषद के प्रांत सह मंत्री सगुण श्रीवास्तव के नेतृत्व में विश्व हिंदू परिषद कार्यकर्ताओं ने राज्य सरकारों द्वारा अधिग्रहित मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने के संदर्भ में महामहिम राज्यपाल महोदय को संबोधित ज्ञापन सौंपा और प्रमुख मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने कीमांग की।

इस संबंध में जानकारी देते हुए विश्व हिंदू परिषद के प्रांत सह मंत्री सगुण श्रीवास्तव ने बताया कि अभी हाल ही में तिरुपति बालाजी के प्रसाद लड्डू में चर्बी और कुछ मछली के तेल मिलाने की शिकायत पाई गई थी जो अत्यंत दुखद है वास्तव में हिंदू आस्था के केदो पर जो सरकारी नियंत्रण है इसी की वजह से सारी घटनाएं संभव हो पा रही हैं। उन्होंने बताया कि सरकारी नियंत्रण के नाते मंदिरों में प्रसाद और अन्य सामग्रियों में विभिन्न तरह की मिलावटें कर हिंदू अस्थाओं को चोट पहुंचा जा रहा है।

सरकारी नियंत्रण के चलते ही हिंदू आस्था के केदो से प्राप्त धन का व्यापक दुरुपयोग हो रहा है विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने सरकार से मांग की है कि हमारे हिंदू आस्था के केदो पर सरकारी नियंत्रण को समाप्त कर हिंदुओं को सौप जाए उन्होंने यह भी कहा कि हिंदुओं पर सरकारी नियंत्रण वास्तव में संविधान की मूल भावना की विपरीत है और यह केवल उसी का दुरुपयोग करके हिंदुओं के प्रमुख मंदिरों पर सरकार अपना नियंत्रण स्थापित कर रही है जबकि अन्य धर्म के धार्मिक स्थल पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं रहता है इसी के चलते हमारे हिंदू मंदिरों पर तमाम तरह की दिक्कतें उत्पन्न हो रही है और यहां से प्राप्त आय को हिंदुओं के उत्थान एवं कार्यों के लिए खर्च न करके सरकारी विधर्मियों के उत्थान एवं उनके कार्य के लिए खर्च कर रही है।

इस संबंध में विश्व हिंदू परिषद प्रांत के प्रचार प्रमुख श्री दुर्गेश त्रिपाठी ने बताया की आजादी के 77 वर्ष बाद भी सरकारों का हिंदू धर्म स्थलों पर नियंत्रण कहीं से उचित नहीं है और यह संविधान की मूल भावना के भी विपरीत है उन्होंने सरकार से मांग की है कि देश के सभी प्रमुख हिंदू धर्म स्थलों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कर हिंदुओं को सौप जाए।कई अन्य राज्य सरकारें भी मंदिरों की संपत्ति व आय का निरंतर दुरुपयोग करती रहती हैं तथा उनका उपयोग गैर हिंदू और हिंदू विरोधी कार्यो में करती रही है।

मान्यवर, हमारे देश में संविधान के सर्वोपरि होने की दुहाई बार-बार दी जाती है परंतु दुर्भाग्य से हिंदुओं की आस्थाओं के केंद्र मंदिरों पर विभिन्न सरकारें अपना नियंत्रण स्थापित कर हिंदुओं की भावनाओं के साथ सबसे घृणित धोखाधड़ी संविधान की आड़ में ही कर रही हैं। जो सरकारें संविधान की रक्षा के लिए निर्माण की जाती हैं वे ही संविधान की आत्मा की धज्जियां उड़ा रही है। अपने निहित स्वार्थ के कारण मंदिरों का अधिग्रहण कर वे संविधान की धारा 12, 25 व 26 का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन कर रही हैं।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से विभाग मंत्री शीतल मिश्र उत्तरी जिले के जिला अध्यक्ष विष्णु प्रताप सिंह दक्षिणी जिले के जिला अध्यक्ष सूर्य नाथ सिंह विभाग संयोजक बजरंग दल विनोद मिश्र विश्वजीत शाही देवेश वैश्य संजीत श्रीवास्तव विश्वजीत विशु समेत विश्व हिंदू परिषद के प्रांत एवं विभाग के पदाधिकारी उपस्थित रहे.

‘गर्भनिरोधन के साधन का चुनाव दंपति के पसंद का विषय

गोरखपुर, छोटा परिवार खुशहाली का आधार है। परिवार नियोजन हमारे शास्त्रों का भी अंग रहा है। रामचरितमानस में गोस्वामी तुलसीदास ने भी दो बच्चों के महत्व का वर्णन किया है। इसे अपनाने के लिए पसंद के साधन का चुनाव दंपति का अधिकार है।

यह बातें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने कहीं। वह विश्व गर्भनिरोधन दिवस पर जिला महिला अस्पताल में गुरूवार को हुए जनजागरूकता कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ जय कुमार ने की। वक्ताओं ने जिले में न्यू कंट्रासेप्टिव अंतरा और छाया के प्रति बढ़ते रूझान के बारे में भी चर्चा की। पीएसआई इंडिया संस्था के सहयोग से हुए इस कार्यक्रम में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी परिवार कल्याण डॉ एके चौधरी भी उपस्थित रहे।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि जो दंपति कोई साधन नहीं अपना रहे हैं उन्हें भी प्राकृतिक विधि की जानकारी अवश्य दी जाए।

मासिक धर्म आने के सात दिन पहले और सात दिन बाद का समय प्राकृतिक गर्भनिरोधन की दृष्टी से महत्वपूर्ण होता है और इस दौरान प्राकृतिक विधियों से भी अनचाहे गर्भ से बचा जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग का प्रयास है कि गर्भनिरोधन के लिए बॉस्केट ऑफ च्वाइस तक सभी की पहुंच बनी रहे। विभाग समाज के अंतिम व्यक्ति तक सेवाएं पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। यही कारण है कि त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन और साप्ताहिक गोली छाया की समुदाय के बीच मांग बढ़ी है।

डॉ दूबे ने बताया कि जिले में वर्ष 2017-18 तक सिर्फ जिला स्तर पर यह दोनों कंट्रासेप्टिव मिल पाती थीं। उस समय 603 महिलाओं ने त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन की सुविधा प्राप्त की थी। वहीं 746 लाभार्थी महिलाओं ने साप्ताहिक गोली छाया का इस्तेमाल किया था। सभी स्वास्थ्य इकाइयों पर सेवा सृदृढीकरण, परामर्शदाताओं की संख्या में वृद्धि, साधनों के प्रति निरंतर जागरूकता और आशा कार्यकर्ता के प्रयासों से वर्ष 2023-24 तक त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन के लाभार्थियों की संख्या 45426 और साप्ताहिक गोली छाया के लाभार्थियों की संख्या करीब 1.25 लाख तक पहुंच चुकी है। इस वर्ष भी अगस्त माह तक 25867 महिलाएं त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन और 69980 महिलाएं साप्ताहिक गोली छाया की सेवाएं ले चुकी हैं। यह साधन अब सभी स्वास्थ्य इकाइयों पर उपलब्ध हैं। इन सेवाओं को मजबूती प्रदान करने में सहयोगी संस्था उत्तर प्रदेश टेक्निकल सपोर्ट यूनिट (यूपीटीएसयू) और शहरी क्षेत्र में पीएसआई इंडिया मदद कर रही हैं।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि गर्भनिरोधन के अस्थायी साधनों में कंडोम, माला एन, आईयूसीडी, पीपीआईयूसीडी और पीएआयूसीडी की समुदाय के बीच स्वास्थ्य कार्यकर्ता द्वारा प्रेरित कर ग्राह्यता बढ़ाई जा रही है। स्थायी साधन के तौर पर पुरुष नसबंदी और महिला नसबंदी के बारे में भी लोगों को जागरूक किया जाता है।

जिला महिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ जय कुमार ने कहा कि अस्पताल में एक कक्ष परिवार नियोजन के परामर्श के लिए बनाया गया है। वहां प्रत्येक सुविधा सरकारी प्रावधानों के अनुसार प्राप्त कर सकते हैं। कार्यक्रम का संचालन क्वालिटी मैनेजर डॉ कमलेश ने किया। परामर्शदाता ज्योति और पीएसआई इंडिया संस्था की प्रतिनिधि प्रियंका सिंह ने भी महिलाओं को जागरूक किया।

बच्चों में अंतराल जरूरी

कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि शादी हमेशा लड़की के बालिग होने के बाद ही की जानी चाहिए। शादी के बाद पहला बच्चा कम से कम दो साल बाद प्लान किया जाना जरूरी है। पहले और दूसरे बच्चे के बीच तीन साल का अंतर आवश्यक है।

पानी के मोटर की करंट से युवक की दर्दनाक मौत

खजनी गोरखपुर।थाना क्षेत्र के पिपरां बनवारी गांव के निवासी रामअवध के बड़े पुत्र कुलदीप तिवारी उर्फ मालिक की बिजली से चलने वाले पानी के मोटर में उतरे करंट लगने से दर्दनाक मौत हो गई। घटना के तुरंत बाद परिवारजन आनन फानन में उन्हें इलाज के लिए लेकर जिला अस्पताल पहुंचे जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

मिली जानकारी के अनुसार पिपरां बनवारी गांव के रहने वाले रामअवध तिवारी के दो बेटे और तीन बेटियां हैं। तीनों बेटियों का विवाह हो चुका है और वे अपनी ससुराल में है।छोटा बेटा अमित तिवारी उर्फ हनुमान 30 वर्ष के हैं। मृतक कुलदीप तिवारी का विवाह लगभग 4 वर्ष पहले गोला थाना क्षेत्र के रजहटा गांव की रियंका के साथ हुआ था उनकी एक लगभग तीन वर्ष की बेटी है।

बुधवार को शाम लगभग 5 बजे खेत से पशुओं का चारा काट कर लौटने के बाद कुलदीप तिवारी ने हांथ पांव धोने के लिए पानी का मोटर चलाया था, अचानक मोटर में बिजली का करंट उतरने से उसकी चपेट में आकर बिजली के झटके से उनकी दर्दनाक मौत हो गई। बताया जाता है कि बुधवार को तेज चक्रवाती हवाओं के कारण बिजली की आपूर्ति बाधित हो गई थी। ठीक होने के बाद आपूर्ति बहाल हुई किन्तु संभवत: पानी का मोटर खराब हो गया था और उसमें करंट उतर आया था।मौत के बाद शव को जिला अस्पताल के मोर्चरी में संरक्षित कर लिया गया है।आज पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया जाएगा।

गोरखपुर एम्स के डॉक्टरों ने दो वर्षीय शिशु के टूटे हुए चेहरे को पीडियाट्रिक मैक्सिलोफेशियल सर्जरी द्वारा दिया पुराना रूप

गोरखपुर। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, गोरखपुर के दंत शल्य विभाग के सहायक आचार्य एवं ओरल एवं मैक्सिलोफेशियल सर्जन डा शैलेश कुमार ने 2 घंटे चले आॅपरेशन में एक 02 वर्षीय शिशु के टूटे हुए चेहरे को पीडियाट्रिक मैक्सिलोफेशियल सर्जरी द्वारा पुराना रूप दिया, साथ ही साथ भविष्य मैं होने वाले अनेक प्रकार की विकृतियों को टाल दिया .

घटना गोरखपुर एम्स के पास के मोतीराम अड्डा इलाके की है जहां 02 वर्षीय शिशु अपनी दादी की साथ आॅटोरिक्शा में जा रही थी, तभी विपरीत तरफ से आ रहे वाहन ले साथ टक्कर होने के कारण आॅटोरिक्शा अनियंत्रित होकर पलट गया. जिसके बाद बाकी सवारियों के साथ शिशु की दादी को तो मामूली खरोंच आयी लेकिन शिशु का चेहरा बुरी तरह से टूट गया. मरीज को गंभीर हालत में एम्स इमरजेंसी में लाया गया, जहां से पूरी तरह से जाँच करने ले बाद पीडियाट्रिक आईसीयू (पीकू) में भर्ती किया गया. 5 दिन बाद मरीज की हालत में सुधार होने के पश्चात उसको डा शैलेश के अंदर मैक्सिलोफेशियल वार्ड में ट्रांसफर लेकर पूर्ण बेहोशी ली जाँच एवं आॅपरेशन की तैयारी सुरु की गई. गोरखपुर एम्स एवं दंत शल्य विभाग में यह अबतक के सबसे कम उम्र के चेहरे के एक्सीडेंट का मरीज है.

डा शैलेश ने बताया कि वयस्क के तुलना में इतने छोटे शिशु का आॅपरेशन बहुत ही जटिल होता है और केवल एम्स जैसे बड़े अस्पताल में ही संभव है. एम्स गोरखपुर में पीडियाट्रिक मैक्सिलोफेशियल सर्जरी की सुविधा उपलब्ध है.

कम उम्र तथा एक्सीडेंट के बाद चेहरे के संरचना बिगड़ने के कारण ऐसे मरीज में पूर्ण बेहोशी की प्रक्रिया बहुत ही मुश्किल एवं चुनौतीपूर्ण होती है. एनेस्थीसिया विभाग के प्रोफेसर डा संतोष कुमार शर्मा एवं एसोसियेट प्रोफेसर डा विज्ञेता वाजपेयी के नेतृत्व मैं एनेस्थीसिया टीम ने बड़े ही कुशलतापूर्वक पूर्ण बेहोशी की प्रक्रिया पूरी की .

डा शैलेश ने भारत तथा विश्व में इतने कम उम्र के शिशु के इस प्रकार के इलाज के बहुत कम केस रिपोर्ट हुए हैं. आमतौर पर इतने छोटे बच्चे की हड्डी टूटने के बजाए मुड़ जाती है. जिसे ग्रीन स्टिक (जैसे हरा बांस टूटने की जगह सिर्फ़ मुड़ता है) फ्रैक्चर कहतें हैं. लेकिन इस केस में पूरा चेहरा टूटकर अंदर धँस भी गया. डा शैलेश ने यह भी बताया है कि जरूरत से ज्यादा सवारी एवं सीट बेल्ट का ना होना, आॅटो रिक्शा की सवारी को मामूली एक्सीडेंट की दशा में भी वयस्क तथा बच्चों के लिए जानलेवा बन सकता है.

ऐम्स निदेशक एवं सीईओ डा (प्रो) जी के पॉल को मैक्सिलोफेशियल सर्जन डा शैलेश द्वारा मरीज की आॅपरेशन की जानकारी दी गई, जिस पर उन्होंने डाक्टरों के टीम को बधाई दी. एम्स निदेशक द्वारा मरीज के स्वास्थ्य की जानकारी नियमित रूप से ली जा रही है. डॉ पाल ने यह बताया की 2024 में एम्स गोरखपुर की कमान संभाने के कुछ समय बाद ही पीडियाट्रिक आईसीयू (पीकू) एवं पीडियाट्रिक मैक्सिलोफेशियल सर्जरी की सुविधा शुरू की गई.

आॅपरेशन के बाद मरीज की नियमित निगरानी के लिए पीडियाट्रिक आईसीयू (पिकु) में एम्स गोरखपुर की डीन एवं बाल रोग विभागद्यक्ष प्रोफेसर महिमा मित्तल एवं एडिशनल प्रोफेसर डा मनीष कुमार के निगरानी में रखा गया है.

इस आॅपरेशन मैं ट्रामा एवं इमरजेंसी विभाग के डाक्टरों का पूरा सहयोग मिला. ट्रामा एवं इमरजेंसी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डा सुबोध एवं दांत रोग विभागाध्यक्ष ने डा शैलेश और उनकी टीम को सफल आॅपरेशन की बधाई दी . मरीज को दो दिनों बाद सर्जरी के मैक्सिलोफेशियल वार्ड में शिफ्ट किया जाएगा. इस आॅपरेशन में सीनियर रेजिÞडेंट डा प्रवीण कुमार, जूनियर रेसिडेंट डा अंकुर एवं डा दिव्या ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी ।

जीवित्पुत्रिका व्रत रह कर माताओं ने की बच्चों के स्वास्थ्य दिघार्यु की कामना

खजनी गोरखपुर। सनातन धर्म की पौराणिक मान्यताओं के अनुसार अपने पुत्रों की लंबी आयु एवं स्वास्थ्य की कामना में पितृपक्ष की अष्टमी तिथि में माताओं द्वारा किए जाने वाला कठोर व्रत जिसे जिवित्पुत्रिका या लोकभाषा में जिउतिया व्रत कहा जाता है। आज इलाके की पुत्रवती माताओं ने श्रद्धापूर्वक निर्जल निराहार व्रत रहकर अपने पुत्रों के स्वस्थ्य और लंबे जीवन के लिए बरियार नामक पौधे की पूजा की और श्रद्धा पूर्वक व्रत कथा सुनीं।

लोकमान्यताओं के अनुसार इस व्रत में माताऐं भगवान जीमूतवाहन की उपासना करते हुए अपने पुत्रों के स्वस्थ्य और लंबी उम्र की कामना में निर्जल एवं निराहार व्रत रहकर सायंकाल बरियार नामक पौधे की पूजा करती हैं। प्रात: सूर्योदय से पहले प्रारंभ होने वाले इस व्रत में बछड़े वाली गाय के दूध, रंगीन लाल, पीले और सुनहरे रंग की बनी जिउतिया की माला, दान के लिए श्रृंगार की वस्तुऐं, हरी सरपुतिया की सब्जी, भैंस के दूध की दही, चिवड़ा (पोहा) आदि पूजन सामाग्रियों का प्रयोग किया जाता है। साथ ही व्रतकथा सुनने और अगले दिन समापन के बाद पारण और दान आदि देने का विधान है।

क्षेत्र में गांवों और कस्बों में बड़ी संख्या में पुत्रवती माताओं ने श्रद्धा पूर्वक कठोर व्रत रह कर अपने पुत्रों के लंबे स्वास्थ्य जीवन की कामना की।

श्रद्धा पूर्वक मनाई गई पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती

खजनी गोरखपुर।भारतीय जनता पार्टी केंद्रीय एवं प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर आज पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 109 वीं जयंती क्षेत्र के सभी बूथों पर श्रद्धा पूर्वक मनाई गई। भाजपा कार्यकतार्ओं ने उनके चित्र पर माल्यार्पण पुष्पार्चन करते हुए उन्हें श्रद्धा पूर्वक नमन किया।

मंडल अध्यक्ष धरणीधर राम त्रिपाठी ने कहा कि 'अंत्योदय' के उपासक, भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्य रहे श्रद्धेय पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी का पूरा जीवन राष्ट्रीय एकात्मता और समाज के हर वर्ग के उत्थान एवं उन्नति के लिए समर्पित रहा।

उनका 'एकात्म मानव दर्शन' सांस्कृतिक विकास और समाज के अंतिम पायदान पर खड़े गरीबों, वंचितों, पीड़ित व शोषित जनों की सेवा के लिए हम सभी को अथाह प्रेरणा देता है। जयंती के अवसर पर खजनी मंडल के सभी बूथों पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

फाइटो रेमेडियेशन विधि से नालों के पानी का शोधन कार्य का नगर आयुक्त ने किया निरीक्षण

गोरखपुर। नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने राप्ती नदी में गिरने वाले महानगर के नालों पर नगर निगम द्वारा फाइटो रेमेडियेशन विधि से नालों के पानी का शोधन कार्य का निरीक्षण किया गया।

निरीक्षण के दौरान मुख्य अभियंता संजय चौहान, अधिशासी अभियंता अशोक भाटी, सहायक अभियंता एन डी पांडेय, अवर अभियंता अवनीश भारती एवम अतुल कुमार तथा अन्य उपस्थित थे।

जल्द ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नगर निगम गोरखपुर द्वारा प्राकृतिक विधि से कराये जा रहे नालों के शोधन कार्य का निरीक्षण किया जाएगा, जिसके दृष्टिगत नगर आयुक्त द्वारा मुख्य अभियंता को समस्त आवश्यकता तैयारियां पूर्ण करने हेतु निर्देशित किया गया।