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बिहार में डेंगू का कहर जारी : 140 नए मरीजों के साथ मरीजों की संख्या 2 हजार के पार, राजधानी पटना बना हॉटस्पॉट*


डेस्क : बिहार में डेंगू का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। राज्यभर में हर दिन डेंगू से पीड़ितों की संख्या में बढ़ोत्तरी का सिलसिला जारी है। बीते शुक्रवार 20 सितंबर को 140 नए डेंगू मरीज मिले हैं। इनमें सिर्फ पटना के 80 डेंगू पीड़ित हैं। इसके साथ ही पूरे राज्य में इस साल एक जनवरी से 19 सितंबर तक डेंगू मरीजों की कुल संख्या 2381 हो गई है। सबसे बड़ी बात यह है कि डेंगू से सबसे ज्यादा प्रभावित राजधानी पटना है। इस साल अब तक सिर्फ पटना में ही 1145 डेंगू के नए मरीज हो चुके हैं। पटना के बाद सबसे अधिक 14 डेंगू मरीज गया में मिले। बेगूसराय में 5, औरंगाबाद 4, वैशाली 4, सारण में 4 नए डेंगू मरीज मिले। दरभंगा, कटिहार, मधुबनी, मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर में 3-3 नए डेंगू मरीज मिले। पटना में अब कुल डेंगू पीड़ितों की संख्या एक हजार के पार होकर 1057 पर पहुंच गई है। अबतक छह लोगों की मौत पटना के अस्पतालों में हो चुकी है। इनमें से तीन पटना के निवासी हैं। शनिवार को अबतक का इस सीजन का सर्वाधिक 78 नए डेंगू मरीज मिले। सबसे अधिक कंकड़बाग में 22, अजीमाबाद में 13, पाटलिपुत्र में 12, एनसीसी में 11, बांकीपुर में तीन और पटना सिटी में एक पीड़ित मिले। अन्य तीन की पहचान नहीं हो पाई है। वहीं प्रखंडों में सबसे अधिक संपतचक में चार, पटना सदर में तीन, बख्तियारपुर में दो पीड़ित मिले।इसके अलावा धनरुआ, फतुहा, खुसरूपुर, पालीगंज में एक-एक पीड़ित मिले। डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने डेंगू के बढ़ते मामले को लेकर लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है। उन्होंने निगम और सिविल सर्जन कार्यालय को प्रभावित इलाके में विशेष अभियान चलाकर फॉगिंग और एंटी लार्वासाइड का छिड़काव कराने का निर्देश दिया। उन्होंने लोगों से मच्छरदानी लगाकर सोने, दिन में भी जरूरी हो तो मच्छर रोधी रिप्लेंट लगाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी अस्पतालों में डेंगू की दवाइयों का पर्याप्त भंडारण और बेडों की संख्या जरूरत के अनुसार व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
सीएम नीतीश कुमार ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का किया निरीक्षण, पीड़ितों को हर सहायता उपलब्ध कराने का दिया निर्देश*


डेस्क : नेपाल, यूपी, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड में होने वाली बारिश ने उत्तर बिहार के साथ दक्षिण बिहार की नदियों में उफान ला दिया है। बड़ी नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी का दौर जारी है। नदियों में उफान को देखते हुए फरक्का बराज के साथ-साथ इन्द्रपुरी और वीरपुर बराज के सारे गेट पूरी तरह खोल दिये गये हैं। गंगा के अलावा कोसी, बूढ़ी गंडक, गंडक, घाघरा, पुनपुन और सोन नदी का जलस्तर पिछले 100 घंटे से लगातार खतरे के निशान से ऊपर है। गंगा समेत सभी नदियों के जलस्तर में हुई वृद्धि से बिहार के कई बाढ़ से प्रभावित है। राज्य के 12 जिलों में अगले 72 घंटे तक बाढ़ से राहत की संभावना नहीं है। शनिवार देर रात बरियारपुर के पास रेल पुल पर पानी का दबाव बढ़ने के कारण सुल्तानगंज और जमालपुर के बीच रेल परिचालन रोक दिया गया। वहीं कई ट्रेनें डायवर्ट करनी पड़ी हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को सड़क मार्ग से पटना के आसपास गंगा के बढ़ते जलस्तर का जायजा लिया। उन्होंने गंगा पथ के दीघा घाट से कंगन घाट तक निरीक्षण किया। कंगन घाट, गांधी घाट एवं कृष्णा घाट पर रुककर गंगा के आसपास के इलाकों की स्थिति को देखा और अधिकारियों से जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने पटना के डीएम को निर्देश दिया कि गंगा के किनारे वाले क्षेत्रों में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए अलर्ट रहें और सारी तैयारी रखें। उन्होंने कहा कि सरकारी खजाने पर पहला हक आपदा पीड़ितों का है। गौरतलब है कि सितंबर के पहले पखवारे के बीत जाने के बाद नदियों में ऐसा उफान पहले नहीं हुआ। हाल यह है कि आधा दर्जन से अधिक नदियां पिछले 100 घंटे से अधिक समय से खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। यही नहीं गंगा अपने रौद्र रूप में हैं। गंगा का जलस्तर पटना से फरक्का तक तेजी से बढ़ रहा है। हालत यह है कि भागलपुर शहर के कई इलाकों में पानी घुस गया है। सबौर-कहलगांव एनएच-80 पर घोषपुर के पास पानी बह रहा है। इधर, शनिवार को पानी फैलने से बाढ़ पीड़ितों की संख्या में इजाफा हो गया है। 12 जिलों के 61 प्रखंडों की 327 ग्राम पंचायतों के लोगों पर पलायन का खतरा मंडरा रहा है। इसके बाद सरकार ने राहत बचाव कार्य तेज कर दिया गया है। निचले इलाकों में फंसे लोगों को निकालने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की मदद ली जा रही है। 1280 नावें चलाई जा रही हैं। चिकित्सीय सहायता के लिए 18 बोट एंबुलेंस चलाई जा रही हैं। अब तक 57 हजार 500 पॉलिथिन, 11 हजार राशन के पैकेट बांटे गए हैं। गंगा और सहायक नदियों के जलस्तर में वृद्धि के बाद नए क्षेत्रों में बाढ़ का पानी फैल रहा है। इससे राज्य में बाढ़ पीड़ितों की संख्या बढ़ गई है। आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार शनिवार को राज्य के 12 जिलों की 9.78 लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित रही। शनिवार को कटिहार के भी कई इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। अन्य प्रभावित जिलों में पटना, भोजपुर, वैशाली, सारण, बेगूसराय, बक्सर, समस्तीपुर, मुंगेर, लखीसराय, खगड़िया, भागलपुर शामिल है। शुक्रवार तक 11 जिले की 259 पंचायतों की 5.35 लाख आबादी प्रभावित हुई थी।
विस चुनाव में पार्टी को धारदार बनाने की कवायद में जुटा जदयू : राज्य कार्यकारिणी का किया गठन, सीएम नीतीश समेत 118 सद्स्य शामिल*

डेस्क : 2025 के अंत में बिहार में विधान सभा चुनाव होने है। जिसकी तैयारी में सभी दल जुट गए है। जदयू भी अपनी पार्टी को धारदार बनाने मे जुट गई है। इसी कड़ी में जदयू की राज्य कार्यकारिणी गठित कर दी गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित 118 सदस्य इसमें शामिल हैं। 2025 की विधानसभा चुनाव में पार्टी को और सक्रिय तथा मजबूत करने के मद्देनजर नई प्रदेश कार्यकारिणी गठित की गई है। जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा के हस्ताक्षर से शनिवार को राज्यकार्यकारिणी के सदस्यों की सूची जारी की गई है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि राज्य के सभी पदाधिकारी राज्य कार्यकारिणी के सदस्य होंगे। सांसद और विधानमंडल के सदस्य राज्य कार्यकारिणी में विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे। प्रदेश कार्यकारिणी में राष्ट्रीय अध्यक्ष व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा, केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, पूर्व सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह, मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, मंत्री विजय कुमार चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा, पूर्व केंद्रीय मंत्री दशई चौधरी, पूर्व सांसद चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी, विजय कुमार, संतोष कुमार कुशवाहा, दुलालचंद्र गोस्वामी, अनिल प्रसाद हेगड़े, कविता सिंह, रामकुमार शर्मा, अश्वमेघ देवी, अशफाक करीम, कैलाश बैठा, मनोज कुशवाहा, पूर्व मंत्री कृष्णनंदन वर्मा, चंद्रिका राय, शैलेश कुमार, वीरेंद्र कुशवाहा, मंजू वर्मा, श्याम बिहारी प्रसाद, लक्ष्मेश्वर राय, जय कुमारसिंह, डॉ. रंजू गीता, मंजर आलम, पूर्व विधायक अभिराम शर्मा, विक्रम कुंवर, नौशाद आलम, पूर्व एमएलसी सलीम परवेज, मंजीत कुमार सिंह, वीरेंद्र कुमार, लखन ठाकुर, मो. नेमतुल्लाह, खलील अंसारी, सत्यदेव कुशवाहा, डॉ. प्रमोद कुमार सिंह, राज कुमार राय, मनीष कुमार, चंद्रसेन प्रसाद, वीरेंद्र कुमार सिंह, श्याम बिहारी राम, अशोक कुमार, लक्ष्मीकांत मंडल, मो. सबा जफर, प्रभुनाथ राम, हेमनारायण साह, प्रदीप सिंह, अरूण यादव, जयवर्द्धन यादव, जगत नारायण सिंह, पदमपराग राय वेणु, महेश्वर यादव, सरफुद्दीन, रजिया खातून, रमेश सिंह कुशवाहा, डॉ. कृष्णनंदन यादव, मंजू कुमारी, सत्यदेव प्रसाद सिंह, मो. ओबेदुल्लाह, रोजिना नाजिश, रामचंद्र भारती, राजू यादव, राजेश राम, कमर आलम, वाल्मीकि सिंह, दिलीप चौधरी, सूर्यदेव त्यागी, रंधीर सोनी रामचंद्र यादव, अंजली सिन्हा, वीरेंद्र सिंह दांगी, नवीन आर्या, अनिल कुमार, मृत्युंजय कुमार सिंह, शैलेंद्र मंडल, मालती सिंह, विश्वनाथ सिंह, नंदकिशोर कुशवाहा, कुशेश्वर दास तांती, लोक प्रकाश सिंह, शगुफ्ता अजीम, महेंद्र प्रसाद यादव, शंभू शरण, डॉ. इस्लाम राही, कमलेश कुमार सिंह, उर्मिला पटेल, मनोरंजन गिरी, मनोज कुमार, अमर सिंह, प्रो. देवेंद्र प्रसाद सिंह, मो. जमाल, टुनटुन प्रसाद, नरूद्दीन खान, निखिल मंडल, दिव्यांशु भारद्वाज, मनीष कुमार, डॉ. असरफ हुसैन, मदन पटेल, विजय सिंह, महेंद्र राम, डॉ. आशमा प्रवीण, नंदकिशोर चौधरी, संजय कांत, भुवन पटेल, राजेंद्र सिंह जार्ज, सुनील भारती, संजय राम, डॉ. अमरनाथ झा, शिवनंदन सिंह, डॉ. बी बी प्रभाकर, शशिभूषण प्रसाद, राजनंदन दास, सुरेंद्र रजवार और हरि कृपाल शामिल हैं।
गंगा के उफान से पटना हुआ जलमग्न, घाटों के किनारे बाढ़ के हालात

डेस्क: गंगा नदी के जलस्तर में हुई वृद्धि के कारण गंगा किनारे अवस्थित सभी बक्सर, भोजपुर, सारण, वैशाली, समस्तीपुर पटना, बेगूसराय, लखीसराय, मुंगेर, खगड़िया, भागलपुर एवं कटिहार के 61 प्रखंडों में 327 ग्राम पंचायतों के तहत 9.78 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुई है. बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में जिला प्रशासन द्वारा 125 सामुदायिक रसोई केंद्र का संचालन किया जा रहा है, जिसके माध्यम से प्रतिदिन लगभग 103000 लोगों को भोजन कराया जा रहा है. इसके अतिरिक्त आठ राहत शिविर का भी संचालन किया जा रहा है. जहां 4000 बाढ़ शरणार्थी शरण लिए हुए है.

गंगा के उफान से पटना में घाटों के आसपास रहने वाले लोगों की परेशानी बढ़ गई है. लोग अपने घरों में कैद हो गए हैं. बच्चों को स्कूल भेजने में दिक्कत हो रही है. पानी से घिरे लोग सुरक्षित जगह पर जाने का मन बना रहे हैं. हालात ऐसे हैं कि कंगन घाट और किला घाट के बीच गंगा में चल रही नाव को स्थानीय लोगों ने सड़क पर उतार दिया है. कुछ लोग उसी नाव से आवागमन कर रहे हैं.

गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण घाट के समीप निवास करने वालों की परेशानी बढ़ गयी है. लोग घरों में कैद हो गये हैं. बच्चों को स्कूल भेजने में परेशानी हो रही है. पानी से घिरे लोग सुरक्षित स्थान पर पलायन करने की योजना बना रहे हैं. स्थिति यह है कि कंगन घाट से किला घाट के बीच गंगा में चलने वाले नाव को स्थानीय लोगों ने सड़क पर उतार दिया है. उसी नाव से कुछ लोग आवाजाही कर रहे हैं.

कंगन घाट, हीरानंद घाट, किला रोड घाट, दमराही घाट, पत्थर घाट, नूरुद्दीनगंज घाट, रिकाबगंज घाट और पीरदमरिया घाट के आसपास रहने वाले लोगों की स्थिति ऐसी है कि उनकी जिंदगी चारों तरफ से पानी से घिरे घरों में फंसी हुई है.

परेशानी का आलम यह है कि गंगा घाट पर रहने वाले लोग कह रहे हैं कि मवेशी के लिए चारे का इंतजाम करे या फिर परिजनों के लिए राशन. कुछ समझ में नहीं आ रहा. दुकानदारों का कहना है कि वो पानी में खड़े होकर दुकानदारी करते हैं.

एसडीओ सत्यम सहाय ने बताया कि गंगा के जलस्तर की निगरानी करायी जा रही है. वो भी गंगा घाटों का निरीक्षण कर निगरानी रख रहे है. एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम को भी निगरानी के लिए कहा गया है. गायघाट स्थित जेटी भी पानी में डूब गया है. गंगा में उफान की यह स्थिति बीते वर्ष 2016 में भी बनी थी.

शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सड़क मार्ग से पटना के आसपास गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर का जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने जेपी गंगा पथ के कंगन घाट, गांधी घाट और कृष्णा घाट पर रुककर गंगा नदी के आसपास के इलाकों की स्थिति को देखा. साथ ही अधिकारियों से विस्तृत जानकारी ली. उन्होंने हाजीपुर जाकर बाढ़ राहत शिविर का जायजा लिया.

बिहार के शुद्ध देशी घी का अब कनाडा, यूरोप और अमेरिका में भी होगा एक्सपोर्ट

डेस्क: बिहार के निर्यात पोर्टफोलियों को विस्तार देने को केंद्र में रख अब यहां से घी को कनाडा भेजे जाने की तैयारी चल रही है। यूरोपीय और अमेरिकी बाजारों में भी दस्तक दिए जाने की योजना भी आगे बढ़ी है।

बिहार स्टेट मिल्क कोऑपरेटिव फेडरेशन (कांफेड) ने इस मामले पर एग्जिम बैंक के साथ करार को आगे बढ़ाया है। संभव है कि अगले माह दो माह के भीतर कांफेड अपने बड़े ब्रांड सुधा घी को अंतरराष्ट्रीय बाजार में उतार देगा।

कनाडा काे पहले चरण में बिहार से एक टैंकर सुधा घी का निर्यात किया जाएगा। यह एक खास किस्म की पैकेजिंग के साथ होगा। मुख्य सचिव के निर्देश पर इस योजना का काम आगे बढ़ा है।

इस संबंध में कांफेड के आला अधिकारी का कहना है गुणवत्ता के लिहाज से सुधा का घी किसी भी ब्रांड से कमजोर नहीं है।

बिहार को एक फायदा यह है बड़ी संख्या में बाहर के देशों में बिहार व झारखंड के लोग रहते हैं। उन्हें सुधा ब्रांड के बारे में बखूबी पता है। इसलिए हमारे ब्रांड के लिए बड़ा बाजार देश के बाहर उपलब्ध होगा।

अमेरिकी व यूरोपीय बाजारों में भी उतरने की तैयारी

सुधा घी को अमेरिकी व यूरोपीय बाजारों में भी उतारने की योजना पर भी काम चल रहा है। बिहार व झारखंड के साथ -साथ अन्य राज्यों के लोग बड़ी संख्या में अमेरिका व यूराेप के अलग-अलग देशों में छठ का त्योहार मनाते हैं। छठ के त्योहार के दौरान घी की मांग विशेष रूप से रहती है।

योजना है कि कियोस्क लगाकर ऐसे देशों में सुधा के घी व कुछ अन्य उत्पादों को वहां रह रहे बिहार व झारखंड के लोगों को उपलब्ध कराया जाए।

वर्तमान में देश के तीन राज्यों में सुधा के दूध को भेजा जा रहा है। सबसे अधिक 10 हजार लीटर दूध प्रतिदिन गौहाटी भेजा जा रहा। इसके अतिरिक्त कोलकाता व दिल्ली भी सुधा का दूध भेजा जा रहा।

सुधा के ब्रांड खासकर इसके आईसक्रीम के विपणन को विस्तार देने की योजना के तहत कांफेड यह योजना बना रहा कि देश के सभी हवाई अड्डों पर सुधा का कियोस्क आरंभ किया जाए। इससे देश भर के लोगों को सुधा के उत्पाद से परिचय होगा। अभी यह व्यवस्था कहीं नहीं है।

दो लाख देकर बना फर्जी आईपीएस अधिकारी, जमुई में नौकरी के नाम पर जालसाजी का बड़ा मामला उजागर

डेस्क : बिहार के जमुई से नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी एक बड़ा मामला सामने आया है, जहां दो लाख लेकर जालसाज किसी को भी प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारी बना देंगे. पूरे मामला से पर्दा तब उठा, जब जमुई के एक दारोगा ने फर्जी प्रशिक्षु आईपीएस को गिरफ्तार किया. अब इस पूरे मामले पर पुलिस जांच में जुट गई है कि आखिर इतनी बड़ी जालसाजी के पीछे किस गैंग का हाथ है. आरोपी के पास से एक पल्सर बाइक भी बरामद की गई है, जिस पर पुलिस लिखा हुआ है.

गिरफ्तार फर्जी आईपीएस से पूछताछ में उसने बताया कि दो लाख दिया था, तब मुझे पिस्टल सहित वर्दी मिली है, अब मैं आईपीएस बन गया हूं. दरअसल जमुई जिले के सिकंदरा थाना अंतर्गत एक व्यक्ति मिथिलेश कुमार पिता बबलू मांझी ग्राम गोवर्धन बीघा, थाना हलसी जिला लखीसराय को आईपीएस की पुलिस वर्दी पहनकर थाना क्षेत्र में पाया गया था. पुलिस के जरिए शक के आधार पर उसे हिरासत में ले लिया गया. लड़के की उम्र 18 साल है.

थाना प्रभारी ने बताया कि प्रथम दृष्टया में यह मामला ठगी का लग रहा है, ऐसा लग रहा है कि मिथिलेश पूरी तरह से फर्जी आईपीएस अधिकारी बनकर लोगों से ठगी कर रहा था. फिलहाल पुलिस लड़के से पूछताछ कर मामले की गहराई से जांच कर रही है. मिथिलेश के पास से एक नकली पिस्टल और पल्सर आरएस 200 बाइक भी बरामद की गई है.

सिकंदरा थाना पुलिस ने बताया कि आस-पास के ग्रामीण एवं प्रत्यक्ष सदस्यों से यह जानकारी प्राप्त हुई है कि वह लड़का खैरा थाना क्षेत्र से अपने घर हलसी थाना क्षेत्र जा रहा था. पुलिस के जरिए पूछताछ कर उससे मामले की विस्तृत जानकारी पता की जा रही है और जल्द ही इस संबंध में सूचना साझा की जाएगी. फिलहाल पुलिसकर्मी बनाने के नाम पर इतना बड़ा खेल पुलिस विभाग के लिए चिंता का विषय है.

एनआईटी बिहटा में छात्रा ने की आत्महत्या, छात्रों ने किया हंगामा, कैंपस बंद

डेस्क : बिहटा थाना क्षेत्र के सिकंदरपुर स्थित निर्माणाधीन एनआईटी (राष्ट्रीय प्रोद्योगिकी संस्थान) परिसर स्थित महिला छात्रावास में रह रही छात्रा पल्लवी रेड्डी (19 वर्ष) ने शुक्रवार की देर रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इससे आक्रोशित बिहटा और पटना एनआइटी कैंपस के छात्र सड़क पर उतर गए और हंगामा करने लगे। छात्रों के हंगामा को देखते हुए एनआइटी कैंपस बिहटा बंद कर दिया गया है। छात्रा की आत्महत्या के बाद बाहरी लोगों का प्रवेश बंद है।

हाथ में तख्ती लेकर छात्र एनआईटी गेट पर बैठ गए और नारेबाजी की। सूचना मिलते ही कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची। विद्यार्थियों को समझाने का प्रयास किया गया, लेकिन देर रात तक वे धरने पर बैठे रहे। इधर, विद्यार्थियों के आक्रोश के सामने पुलिस अधिकारी मूकदर्शक बने रहे। पल्लवी ने किन परिस्थितियों में आत्महत्या और कब और कैसे आत्मघाती कदम उठाए? इन सारे सवालों के जवाब देर रात तक नहीं मिल पाए थे।

हादसे के बाद से एनआईटी अधिकारियों ने फोन उठाना बंद कर दिया। पीरबहोर थानेदार अब्दुल हलीम ने बताया कि विद्यार्थियों को समझाने का प्रयास जारी है। बताया जाता है कि एनआइटी में द्वितीय वर्ष की छात्रा पल्लवी रेड्डी आंध्रप्रदेश की राजधानी हैदराबाद के आनंदपुरा की रहने वाली थी। लगभग दो महीने पहले उसे बिहटा स्थित निर्माणाधीन परिसर के छात्रावास में शिफ्ट किया गया था। वहां पल्लवी के अलावा करीब दो सौ छात्राएं रह रही थीं।

हालांकि, जहां एनआइटी का निर्माण हो रहा है, वहां कई तरह की सुविधाओं का अभाव है। सूत्रों के मुताबिक, रात करीब साढ़े दस बजे पल्लवी की मौत की सूचना एनआइटी परिसर में फैल गई। संस्थान के अधिकारी सही जवाब नहीं दे रहे थे। पुलिस अधिकारियों ने भी पहुंच कर छात्रा की सहपाठियों को घटना के बारे में सही जानकारी नहीं दी, जिससे विद्यार्थियों का आक्रोश बढ़ गया। इसकी जानकारी जब एनआइटी, पटना के विद्यार्थियों को हुई तो वे आग-बबूला हो गए।

वी वांट जस्टिस के पोस्टर लेकर सड़क पर उतर गए और वाहनों का आवागमन बाधित करने की कोशिश की। एनआइटी छात्रों का आरोप है कि बिहटा के सुदूर इलाके में संस्थान का निर्माण कराया जा रहा है। जल्दबाजी में वहां महिला छात्रावास को शिफ्ट कर दिया गया। इससे छोटी-छोटी जरूरतों के लिए छात्राओं को बाहरी लोगों पर निर्भर रहना पड़ता है।

समस्तीपुर में मुखिया की गोली मारकर हत्या, ताबड़तोड़ फायरिंग से थर्रा उठा इलाका



डेस्क : समस्तीपुर के हलई थाना क्षेत्र के दादनपुर में डिहिया पुल के पास बदमाशों ने बनवीरा पंचायत के मुखिया नारायण शर्मा (45) की गोली मारकर हत्या कर दी। घटना शुक्रवार रात करीब साढ़े 10 बजे की बताई जा रही है।

मुखिया बगल के गांव महमदपुर में अंतिम संस्कार में शामिल होने के बाद बुलेट से घर लौट रहे थे। इसी दौरान बदमाशों ने गोली मार दी। उन्हें समस्तीपुर के निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया। वहां उन्होंने दम तोड़ दिया। हलई थानाध्यक्ष ब्रजेश कुमार ने बताया कि पुलिस छानबीन कर रही है। मुखिया की गोली लगने से मौत हो गई है।

बताया जाता है कि मुखिया अपनी ही पंचायत के महमदपुर में अंतिम संस्कार में शामिल होने गए थे। वहां किसी बात को लेकर एक व्यक्ति से बकझक हो गई थी। उसने उन्हें जान से मारने की धमकी दी। वह घर लौट ही रहे थे कि थोड़ी दूरी पर गोली मार दी गई।

वह मोरवा मुखिया संघ के अध्यक्ष भी थे। थानाध्यक्ष ने बताया कि घटना की छानबीन की जा रही है। मुखिया को गोली लगने के बाद निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। हत्यारे कौन थे और गोली क्यों मारी समेत सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है।
गजब : बिहार के इस जिले में एक गधे की मौत पर बवाल, मुखिया-सरपंच समेत 55 लोगों पर मामला दर्ज

डेस्क : एक गधे की मौत पर बवाल और 55 लोगों पर मामला दर्ज हो सकता है। ऐसा जानकर आपको हैरानी होगी। लेकिन यह सच है। बिहार के बक्सर जिले से यह हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक गधे की मौत को लेकर घमासान छिड़ गया है। इस मामले में बिजली विभाग ने पांच नामजद समेत कुल 55 लोगों के खिलाफ थाने में केस दर्ज कराया गया है। एकसाथ 55 लोगों के खिलाफ केस दर्ज होने के बाद हड़कंप मच गया है।

दरअसल, यह पूरा मामला केसठ प्रखंड के रामपुर गांव का है। रामपुर गांव निवासी ददन रजक के पास चार गधे थे, जिनका इस्तेमाल वह ईंट भट्ठा और अन्य काम मे करता था। 11 सितंबर की शाम वह अपने चारों गधों को लेकर घर लौट रहा था। इसी दौरान गांव के बीच स्थित एक बिजली के पोल से सका एक गधा सट गया, जिससे करंट लगने से उसकी मौत हो गई।वहीं दूसरा गधा भी करंट की चपेट में आ गया। उसको बचाने में दो लोग धनजी रजक और साथ में डिप्टी रजक भी घायल हो गए. यह घटना शाम के करीब 5 बजे हुई थी। इसके बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने चकौड़ा पावर ग्रिड जाकर मुख्य गेट पर बैठ गए और मुआवजे की मांग करने लगे। अधिकारियों को बुलाने की जिद करने लगे।

रात के 9 बजे तक हंगामा होता रहा। इस दौरान करीब ढाई घंटे तक पूरे प्रखंड में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई। बाद में अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद मामले को शांत कराया गया और पावर सप्लाई शुरू कर दी गई।

हालांकि मामला यहीं खत्म नहीं हुआ। बिजली विभाग के सहायक इंजीनियर ने पांच नामजद समेत कुल 55 ग्रामीणों के खिलाफ वासुदेवा ओपी में केस दर्ज करा दिया। बिजली कंपनी का आरोप है कि ढाई घंटे बिजली आपूर्ति ठप होने के कारण साउथ बिहार पावर ड्रिस्ट्रीब्यूशन कंपनी को करीब डेढ लाख रुपए का घाटा हुआ है।

इस मामले में मुखिया, सरपंच और बीडीसी समेत अन्य लोगों को अभियुक्त बनाया गया है। गांव के लोगों ने बैठकर यह निर्णय लिया है कि अगर बिजली कंपनी अपने केस को वापस नही लेती है तो वो लोग भी केस लड़ने के लिए तैयार हैं।

पूरे मामले पर बक्सर एसपी शुभम आर्य ने कहा है कि ग्रामीणों ने बिजली सप्लाई बंद करने के लिए मशीन को बंद कर दिया था और सरकारी काम में बाधा डाला गया, जिससे लोगों को भारी परेशानी हुई। ग्रामीणों ने सनहा दर्ज कराया था जबकि बिजली विभाग ने केस दर्ज कराया है। फिलहाल पूरे मामले की जांच चल रही है और कानून संगत जो उचित होगा कार्रवाई की जाएगी।

सीएम नीतीश कुमार ने सहरसा जिले का किया दौरा, जिलेवासियों को दिए यह बड़ी सौगात

डेस्क : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज शुक्रवार को सहरसा जिले का दौरा किया। जहां उन्होंने जिलेवासियों को बड़ी सौगात दी। मुख्यमंत्री ने सहरसा में दिवारी स्थान स्थित प्राचीन माँ विषहरा भगवती मंदिर का उद्घाटन किया। इस दौरान बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा आदि मौजूद रहे।

जिला मुख्यालय से तकरीबन 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कहरा प्रखंड के दिवारी स्थान में स्थित मां विषहरा का मंदिर में स्थापित मां विषहरि भगवती स्थान का ऐतिहासिक व पौराणिक महत्ता है। यहां एक साथ पांच देवियों की पूजा की जाती है। ये देवियां अलग-अलग नहीं, बल्कि पांच बहनें हैं।

मंदिर को लेकर यह भी मान्यता है कि अगर किसी को कोई सर्प या बिच्छू डस लेता है, तो मैया को चढ़ाया गया नीर (जल) पिलाने से विष नहीं चढ़ता है। इस कारण बड़ी संख्या में ऐसे लोग यहां आते हैं। मंदिर में पांच देवियां पांच बहनों के रूप में विराजित हैं उन्हें दूतला देवी, मनसा देवी, मां भगवती, विषहरा और पांचवीं पायल देवी के नाम से जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि यह देश एकलौता ऐसा मंदिर है जहां देवी के पांच स्वरूप एक साथ विराजित हैं।

प्राचीन माँ विषहरा भगवती मंदिर का खास आकर्षण मंदिर का नायाब स्थापत्य है। शिखरबद्ध संरचना वाले इस मंदिर में एक एक से अधिक प्रवेश द्वार है जो इसे विशेष स्वरूप प्रदान करता है। मंदिर की बाहरी दीवारों और संरचनाओं पर कई देवी- देवियों के आकर्षक शिल्प उकेरे गए हैं। अमूमन मंदिरों के बाह्य स्वरूप में ऐसी कलाकृतियां दक्षिण भारत के मंदिरों में देखने को मिलती हैं। लेकिन सहरसा के इस मंदिर का नायाब स्थापत्य इसे नयनाभिराम बनाता है।

वहीं सबसे बड़ी बात यह है कि इस मंदिर की परंपरा रही है कि यहां का पुजारी ब्राह्मण नहीं होते हैं। यहां नाई जाति के ही वंशज मंदिर के पुजारी के रूप में होते हैं। ऐसे में प्राचीन माँ विषहरा भगवती मंदिर में पीढ़ीगत रूप से एक ही जाति के पुजारी यहां पूजा कराते हैं। वहीं मंदिर में हर वर्ष बड़े स्तर पर मेला भी लगता है। इसमें हजारों लोग आते हैं और देवी के पांच रूपों कि आराधना करते हैं।