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*स्किल लैब से हुनरमंद होंगे परिषदीय स्कूलों के बच्चे, सीखेंगे काम*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा छह से आठ तक के बच्चे बुखार नापने, खाद्य पदार्थों की जांच, मल्टीमीटर का ज्ञान सीखेंगे। बच्चों का यह गुर लर्निंग बाय डूइंग कार्यक्रम के तहत सिखाएं जाएंगे। इससे वह स्वरोजगार के अवसर सृजित कर सकें। इसके लिए जिले के 14 विद्यालय चयनित किए गए और शासन ने सामग्री खरीद के लिए 28 हजार 770 रुपये की दर से चार लाख रुपये अवमुक्त भी कर दिया है।कान्वेंट विद्यालयों की तर्ज पर बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक, उच्च प्राथमिक व कंपोजिट विद्यालयों में शिक्षा के साथ बच्चों को हुनरमंद बनाने के लिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्किल डेवलपमेंट की योजना लर्निंग बाई डूइंग चलाई जा रही है। योजना के तहत छात्र -छात्राओं को इंजीनियरिंग एंड वर्कशाप, एनर्जी एंड एंवायरमेंट, एग्रीकल्चर, होम एंड हेल्थ कुल चार बिंदुओं पर जानकारी देने को गतिविधियां संचालित की जाएंगी। कक्षा छह से लेकर आठ तक के बच्चों को योजना से लाभान्वित किया जाएगा। बच्चों को प्रशिक्षण देने के लिए 17 तकनीकी अनुदेशक रखे जाएंगे। चयन के लिए विभाग ने कवायद शुरू कर दिया है। यह है योजना ज्ञानपुर। शासन ने लर्निंग बाई डूइंग यानि करके सीखो योजना के तहत बच्चों को स्कूलों में स्थापित होने वाली प्रयोगशालाओं से दक्ष किया जाएगा। इसके लिए कुल 155 टूल्स एवं उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे। योजना के तहत बच्चों को थर्मामीटर से बुखार नापने, खाद्य पदार्थों की जांच, मल्टीमीटर का ज्ञान, खेती-बागवानी का प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही खाद्य पदार्थों की रेसिपी, गार्डनिंग एंड नर्सरी, लकड़ी कटिंग, टूल्स सहित अन्य व्यवसायिक गतिविधियां सिखाई जाएंगी।



इन विद्यालय में संचालित होंगी गतिविधियां ज्ञानपुर। ब्लाॅक के कंपोजिट विद्यालय जौहरपुर, कंपोजिट विद्यालय भगवास, अभोली ब्लाॅक के उच्च प्राथमिक विद्यालय गोकुल पट्टी, कंपोजिट विद्यालय बीरमपुर, औराई के कंपोजिट विद्यालय डभका, द्वारिकापुर, भदोही के कंपोजिट विद्यालय सर्रोई, भुलईपुर, डीघ के कंपोजिट विद्यालय गोधना, उच्च प्राथमिक विद्यालय कटरा, सुरियावां के कंपोजिट स्कूल मकनपुर व उच्च प्राथमिक विद्यालय सुरियावां और भदोही नगर क्षेत्र के उच्च प्राथमिक विद्यालय भदोही और अयोध्यापुरी को चयनित किया गया है।


शिक्षा के साथ बच्चों को हुनरमंद बनाने के उद्देश्य से 14 परिषदीय स्कूलों को लर्निंग बाई डूइंग के तहत प्रशिक्षित जाएगा। चयनित शिक्षक उन्हें व्यवसायिक गतिविधियों में दक्ष करेंगे। योजना का उद्देश्य बच्चों को स्वावलंबन की राह दिखाना है। - भूपेंद्र नारायण सिंह, बीएसए
*20 हेक्टेयर में होगी टमाटर की खेती* *उत्तम क्वालटी के बीच का करें चयन, अगैती खेती से मिलेगा लाभ*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। अगैती टमाटर की खेती के लिए समय उपयुक्त है। किसान टमाटर की खेती करके बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं। बाजार में उत्तम क्वालटी के बीच उपलब्ध है, विशेषज्ञ की सलाह पर किसान बीज का चयन कर सकते हैं। जिले में 120 हेक्टेयर में सब्जी की खेती होती है। इसमें 20 हेक्टेयर टमाटर की खेती जाएगी। टमाटर की खेती होगी। टमाटर की खेती के लिए इन समय तापमान संतुलित है। किसान शलजम, टमाटर, गोभी, मूली, पातगोभी , गाजर, सेम, भिंडी, ग्वालियर, प्याज आदि की खेती कर सकते हैं। डीघ ब्लाॅक के जगापुर गांव निवासी दीपक मिश्रा ने बताया कि करीब छह हेक्टेयर में सब्जी की खेती करते हैं। बताया कि एक हेक्टेयर में टमाटर की खेती करने पर करीब 35 से 40 हजार खर्च आता है। इसमें करीब 80 से 85 हजार रूपए तक आमदनी होती है।‌पूरा खर्च कटाकर करीब करीब 40 हजार मुनाफा होता है। कृषि विज्ञान केंद्र बेजंवा के फल एवं सब्जी विशेषज्ञ डॉ एके चतुर्वेदी ने बताया कि रबी की खेती के लिए उपयुक्त है।
*बस्ती के पास जमा दूषित पानी से परेशानी*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही‌। नगर पंचायत ज्ञानपुर के वार्ड नंबर नौ बालीपुर मुहल्ले में रहने वाले वालों का जीना दुश्वार हो गया है। बस्ती के पास जमा दूषित पानी से उठा रहा दुर्गंध नागरिकों को बेहाल कर दिया है। शाम ढलते ही मच्छरों का प्रकोप इतना बढ़ जाता है कि घर के बाहर बैठना तक दुभर हो जाता है। दो घंटे भी बारिश हुआ नहीं कि घरों में गंदा पानी भर जाता है। बालीपुर मुहल्ले में रहने वालों को जलजमाव से निजात नहीं मिल पा रहा है। अत्यधिक दिक्कत का सामना बारिश में करना पड़ रहा है। पानी निकासी व्यवस्था ध्वस्त होने से परेशानी और बढ़ गई है। पानी निकासी को बना भूमिगत नाला कूड़ा-कचरा से पट गया है। ऐसे में घर से निकला गंदा पानी ओवरफ्लो करते हुए खेत में जमा हो गया है। गंदा पानी जमा होने से नागरिकों को घर के बाहर बैठना मुहाल हो गया है। इन दिनों मच्छरों का प्रकोप इतना बढ़ गया है कि मलेरिया, बुखार, चिकनगुनिया, डेंगू जैसी घातक बीमारी की चपेट में न फंस जाएं ,वह चिंता नागरिकों को सताए जा रही है।
*गड्डें में भरे गंदे पानी से मच्छरों का प्रकोप बढ़ा*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही । नगर पंचायत ज्ञानपुर में क‌ई स्थानों पर गंदा पानी गड्ढों में जमा हो गया है। इससे शाम ढलते ही मच्छरों का प्रकोप बढ़ जा रहा है। इन स्थानों पर मच्छरदानी दवा छिड़काव कराने की मांग बार- बार की जा रही है। लेकिन नगर पंचायत स्तर से संज्ञान न लिए जाने से रोष बढ़ता जा रहा है।
*भदोही में युवक ने कुएं में कूदकर दी जान:पारिवारिक कहासुनी के बाद उठाया कदम, पुलिस जांच में जुटी*


रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। ज्ञानपुर कोतवाली क्षेत्र के सिंहपुर गांव निवासी एक युवक ने कुएं में छलांग लगाकर जान दे दी। कुएं में कूदते देख परिजन व ग्रामीण निकलने का प्रयास किया। किंतु तब तक युवक की जान जा चुकी। घटना की सूचना मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम किया भेज दिया। ज्ञानपुर कोतवाली क्षेत्र के सिंहपुर गांव निवासी गनेश पांडे 25 वर्ष आज सुबह किसी बात को लेकर परिजनों से कहा सुनी हुई। कहा सुनी के बाद क्षुब्ध होकर युवक घर के सामने कुएं में छलांग लगा दी। कुएं में छलांग लगाते देख परिजन व ग्रामीण युवक को बचाने का प्रयास किया। किंतु जब तक कुए से निकाल कर अस्पताल ले जाया गया तब तक युवक की मौत हो चुकी थी। युवक के मौत से परिजनों में कोहराम मच गया गांव में शोक की लहर दौड़ पड़ी। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम किया भेज दिया। मृतक एक भाई एक बहन में सबसे बड़ा था।
*जिले के प्रभारी मंत्री बने एके शर्मा*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। शासन ने जिले के प्रभारी मंत्री को बदल दिया। नगर विकास,शहरी समग्र विकास, गरीबी उन्मूलन एवं ऊंचा मंत्री एके शर्मा को जिले का प्रभारी मंत्री बनाया गया। मूल रूप से म‌ऊ निवासी के रहने वाले हैं। उनके प्रभारी मंत्री बनने से जिले में नगरीय विकास से लेकर बिजली आपूर्ति की स्थिति में सुधार हो सकता है। इसके पूर्व 2022 से लेकर अब तक राज्य मंत्री अल्पसंख्यक कल्याण दानिश आजाद अंसारी जिले के प्रभारी मंत्री रहे।
*चरी के खेत में मिला किशोर का शव:गले में पड़ी हुई थी रस्सी, जीभ बाहर निकली हुई थी*


रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। खमरिया चौकी क्षेत्र के खेतलपुर गांव के चरी के खेत में एक किशोर का शव मिला। किशोर की पहचान नगर के वार्ड नंबर 7 अकबरपुर निवासी शिव प्रकाश 16 वर्ष के रूप में हुई । घटना की सूचना मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया । मौके पर पहुंची थाना पुलिस व फोरेंसिक टीम ने मामले की जांच पड़ताल की और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस अधीक्षक डॉक्टर मीनाक्षी कात्यान, एसपी तेजवीर सिंह क्षेत्राधिकार ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। परिजनों के तहरीर पर पुलिस विधि कार्यवाही में जुट गई।खमरिया चौकी के खेतलपुर गांव के चरी के खेत में एक किशोर का शव आज सुबह मिला। जिसका पहचान नगर के वार्ड नंबर 7 अकबर निवासी शिव प्रकाश के रूप में हुई। घटना की जानकारी मिलते ही नगर में सनसनी फैल गई और परिजनों में कोहराम मच गया। घटना की जानकारी होते ही थाना पुलिस व फॉरेंसिक टीम पहुंचकर घटनास्थल का जांच पड़ताल कर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। सूचना मिलते ही एसपी डा. मीनाक्षी कात्यान, एडिशनल एसपी तेजवीर सिंह सहित अन्य अधिकारी घटनास्थल का निरीक्षण कर परिजनों से पूछताछ किया। परिजनों ने हत्या की आशंका जताते हुए तहरीर दी। पिता के तहरीर प्राप्त कर पुलिस आगे की विधि कार्रवाई में जुट गई। मृतक दो भाई में छोटा था बड़े भाई की शादी ब्याह हो गई है मुंबई में काम करता है । घर पर पिता राजेंद्र व माता रहते हैं जिनका रो-रोकर बुरा हाल बना हुआ।


बृहस्पतिवार को 11 बजे घर से निकला था मृतक मृतक के पिता राजेंद्र प्रजापति ने बताया कि गुरुवार को 11 बजे शिव प्रकाश घर से निकला था। देर शाम तक घर नहीं आया तो हम लोगों ने खोजबीन की किन्तु कुछ पता नहीं चल पाया। आज सुबह जब बेटे के मौत की सूचना मिली तो पैर के नीचे से जमीन खिसक गई। मृतक के पिता ने बताया कि हमारे बेटे से आज तक किसी से झगड़ा नहीं हुआ काफी सरल था किंतु पता नहीं कौन मेरे बेटे को मार डाला।
*जिले की 2420 गर्भवती महिलाओं में मिली आयरन की कमी*



रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही।नियमित मॉनीटरिंग न होने के कारण जिले में 2420 गर्भवती महिलाएं खून (आयरन) की कमी से जूझ रहीं हैं। इनमें करीब 100 महिलाएं हाई रिस्क में हैं। बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के पोषण ट्रैकर एप पर जुलाई में 11 हजार 565 में से 2420 महिलाएं एनीमिया से ग्रस्त मिली हैं। इस बार पिछली बार की अपेक्षा एनीमिया से पीड़ित 830 गर्भवती महिलाएं ज्यादा मिली हैं। 2021 में करीब 10 हजार में से 1650, 2022 में नौ हजार में 1721 और 2023 में 12 हजार 720 में से करीब दो हजार गर्भवती महिलाएं एनीमिया से पीड़ित मिली थीं। मां में खून की कमी के कारण कुपोषित शिशु पैदा होते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि खान-पान में लापरवाही और पौष्टिक आहार में कमी के कारण गर्भवती महिलाओं में खून की कमी होती है। गर्भवती महिलाओं में खून की कमी को दूर करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत नेशनल आयरन प्लस इनीशिएटिव योजना सहित अनेक कार्यक्रम संचालित हैं। इस योजना के तहत गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को आयरन और प्रसव के बाद गोलियां दी जाती हैं। जिले में स्वास्थ्य मिशन के कार्यक्रम सही तरीके से नहीं चलाए जा रहे हैं। महिलाओं में जागरुकता का अभाव है। इसलिए एनीमिया केस बढ़े हैं। भदोही सीएचसी की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. शालिनी पाठक ने कहा कि एनीमिया को जड़ से खत्म करने के लिए पौष्टिक आहार का सेवन जरूरी है। शरीर में खून की कमी को ठीक होने में छह माह का समय लगता है। कहा कि एनीमिया से पीड़ित महिलाओं को आहार में मीट, मछली, अंडा, किशमिश, हरी बींस, पालक और हरी पत्तेदार सब्जियां शामिल करना चाहिए। इसके साथ ही शरीर में विटामिन सी की पूर्ति के लिए अमरूद, आंवला और संतरे का जूस लेना चाहिए। आयरन और कैल्शियम की गोली लेने के साथ ही समय-सयम पर जांच कराना चाहिए। जानिए क्या है एनीमिया शरीर को स्वस्थ रखने के लिए अन्य पोषक तत्वों के साथ आयरन की भी आवश्यकता होती है, जो शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करता है। ये कोशिकाएं शरीर में हीमोग्लोबिन बनाने का काम करती हैं और हीमोग्लोबिन फेफड़ों से आक्सीजन लेकर रक्त में आक्सीजन पहुंचाता है। इसलिए आयरन की कमी से जहां शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है, वहीं हीमोग्लोबिन की कमी से शरीर में आक्सीजन की कमी होने लगती है। इससे शरीर में कमजोरी और थकान महसूस होती है। इसे एनीमिया कहते हैं।

गर्भवती महिलाओं को जरूरी पोषण देने का प्रयास किया जाता है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से सहयोग मिलता है। पोषण ट्रैकर 10 प्रतिशत के करीब रहने वाली महिलाओं को भी एनीमिक मान लेता है।- मंजू वर्मा, डीपीओ
*जिले की 2420 गर्भवती महिलाओं में मिली आयरन की कमी*



रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही।नियमित मॉनीटरिंग न होने के कारण जिले में 2420 गर्भवती महिलाएं खून (आयरन) की कमी से जूझ रहीं हैं। इनमें करीब 100 महिलाएं हाई रिस्क में हैं। बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के पोषण ट्रैकर एप पर जुलाई में 11 हजार 565 में से 2420 महिलाएं एनीमिया से ग्रस्त मिली हैं। इस बार पिछली बार की अपेक्षा एनीमिया से पीड़ित 830 गर्भवती महिलाएं ज्यादा मिली हैं। 2021 में करीब 10 हजार में से 1650, 2022 में नौ हजार में 1721 और 2023 में 12 हजार 720 में से करीब दो हजार गर्भवती महिलाएं एनीमिया से पीड़ित मिली थीं। मां में खून की कमी के कारण कुपोषित शिशु पैदा होते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि खान-पान में लापरवाही और पौष्टिक आहार में कमी के कारण गर्भवती महिलाओं में खून की कमी होती है। गर्भवती महिलाओं में खून की कमी को दूर करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत नेशनल आयरन प्लस इनीशिएटिव योजना सहित अनेक कार्यक्रम संचालित हैं। इस योजना के तहत गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को आयरन और प्रसव के बाद गोलियां दी जाती हैं। जिले में स्वास्थ्य मिशन के कार्यक्रम सही तरीके से नहीं चलाए जा रहे हैं। महिलाओं में जागरुकता का अभाव है। इसलिए एनीमिया केस बढ़े हैं। भदोही सीएचसी की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. शालिनी पाठक ने कहा कि एनीमिया को जड़ से खत्म करने के लिए पौष्टिक आहार का सेवन जरूरी है। शरीर में खून की कमी को ठीक होने में छह माह का समय लगता है। कहा कि एनीमिया से पीड़ित महिलाओं को आहार में मीट, मछली, अंडा, किशमिश, हरी बींस, पालक और हरी पत्तेदार सब्जियां शामिल करना चाहिए। इसके साथ ही शरीर में विटामिन सी की पूर्ति के लिए अमरूद, आंवला और संतरे का जूस लेना चाहिए। आयरन और कैल्शियम की गोली लेने के साथ ही समय-सयम पर जांच कराना चाहिए। जानिए क्या है एनीमिया शरीर को स्वस्थ रखने के लिए अन्य पोषक तत्वों के साथ आयरन की भी आवश्यकता होती है, जो शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करता है। ये कोशिकाएं शरीर में हीमोग्लोबिन बनाने का काम करती हैं और हीमोग्लोबिन फेफड़ों से आक्सीजन लेकर रक्त में आक्सीजन पहुंचाता है। इसलिए आयरन की कमी से जहां शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है, वहीं हीमोग्लोबिन की कमी से शरीर में आक्सीजन की कमी होने लगती है। इससे शरीर में कमजोरी और थकान महसूस होती है। इसे एनीमिया कहते हैं।

गर्भवती महिलाओं को जरूरी पोषण देने का प्रयास किया जाता है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से सहयोग मिलता है। पोषण ट्रैकर 10 प्रतिशत के करीब रहने वाली महिलाओं को भी एनीमिक मान लेता है।- मंजू वर्मा, डीपीओ
*जिले में 46 में से 43 अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर ही लगे है सीसी कैमरे*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही।डीएम के निर्देश के बावजूद अधिकतर संचालकों ने अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर सीसी कैमरे नहीं लगवाए। जिले में 46 में से 43 अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर ही सीसी कैमरे लगे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सीसी कैमरे न लगवाने वाले सेंटर संचालकों पर कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करते हैं। करीब आठ माह पहले तत्कालीन डीएम गौरांग राठी ने सभी संचालकों को अल्ट्रासाउंड सेंटर पर सीसी कैमरे लगवाने के लिए निर्देशित किया था। आठ महीने में 3 अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालकों ने ही डीएम के आदेश का पालन किया। आठ माह पहले जिले में 51 अल्ट्रासाउंड सेंटर पंजीकृत थे। पांच सेंटर सील होने के बाद अब जिले में 46 पंजीकृत सेंटर संचालित हैं। अल्ट्रासाउंड सेंटर के बाहर प्रतीक्षा कक्ष, अल्ट्रासाउंड कक्ष में सेवायोजित चिकित्सक की कुर्सी तक की निगरानी के लिए सीसी कैमरे लगाने के निर्देश दिए गए थे।


इस संबंध में सीएमओ डॉ. एसके चक ने कहा कि डीएम के निर्देशों का पालन किया जा रहा है। अल्ट्रासाउंड सेंटर पर सीसी कैमरा लगाने का काम चल रहा है। कुछ सेंटर पर कैमरे लगाए गए है। जल्द ही सभी सेंटर सीसी कैमरे से लैस हो जाएंगे।