बांग्लादेशी घुसपैठ पर केंद्र ने हाईकोर्ट में दाखिल किया हलफनामा, राज्य में सत्ता पक्ष और विपक्ष हुई आमने-सामने
रिपोर्टर जयंत कुमार
रांची : झारखंड के संथाल परगना क्षेत्र में बांग्लादेशी घुसपैठ के मामले में दायर याचिका पर हाईकोर्ट के फटकार के बाद केंद्र ने अपना हलफनामा दाखिल कर दिया। अपने हलफनामे में केंद्र सरकार ने माना है कि संथाल में बड़ा बदलाव हुआ है। संथाल परगना की मौजूदा स्थिति को बताते हुए केंद्र ने कहा कि यहां तेजी से आदिवासियों की संख्या घटी है। पहले संथाल में आदिवासियों की संख्या 44% थी जो अब घटकर 28% पर रह गई है।केंद्र सरकार के पास घुसपैठियों की पहचान करने और उन्हें वापस भेजने की क्षमता है लेकिन इसके लिए एनआरसी लागू करना जरूरी है।
यूं तो झारखंड में भाजपा लगातार घुसपैठ के मुद्दे को लेकर आवाज उठाते रही है। केंद्र के द्वारा दायर हलफनामे के बाद झारखंड के नेता प्रतिपक्ष अमर बावरी ने बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार की ओर से दाखिल शपथपत्र में कहा गया है कि संताल क्षेत्र में भारी संख्या में गिफ्ट डीड के तहत जमीन का हस्तांतरण हुआ है। इससे प्रतीत होता है कि राज्य सरकार की सहमति के बगैर ऐसा नहीं हो सकता है। संताल में राज्य सरकार ही संताल परगना एसपीटी एक्ट का उल्लंघन कर रही है। यहां पिछले कुछ वर्षों में मदरसों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। साहिबगंज और पाकुड़ के सीमावर्ती क्षेत्रों में सर्वाधिक मदरसे खुले हैं।
वही इस मामले में झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि घुसपैठ जैसे मामले पर भाजपा सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने जा रही है। वहीं उन्होंने आंकड़े के बारे में कहा कि वह पूरा का पूरा आंकड़ा धार्मिक सदभाव को मिटाने वाला आंकड़ा है। यदि घुसपैठ हुआ है तो इसके लिए केंद्र सरकार को ही जिम्मेवार ठहराया है। सुप्रियो ने कहा कि इसके लिए गृह मंत्री और रक्षा मंत्री को जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
Sep 13 2024, 17:17