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रायपुर-केन्द्री-अभनपुर ब्रॉड गेज रूट पर ट्रेन सुविधा उपलब्ध कराने की मांग, सांसद बृजमोहन ने रेल मंत्री को लिखा पत्र

रायपुर-      रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने संसदीय क्षेत्र रायपुर से केन्द्री और अभनपुर के बीच यात्रा करने वाले लोगों को हो रही दिक्कतों को देखते हुए रायपुर-केन्द्री-अभनपुर ब्रॉड गेज रूट पर ट्रेन सुविधा जल्द शुरू करने की मांग को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखा है।

बृजमोहन अग्रवाल ने अपने पत्र में लिखा है कि, मेरे संसदीय क्षेत्र अभनपुर जिला रायपुर के आस-पास के गांव के मजदूर
विद्यार्थीगण, और दूसरे दैनिक यात्री हजारों की संख्या में प्रतिदिन अभनपुर से रायपुर एवं रायपुर से अभनपुर की यात्रा करते है।
जिसको देखते हुए रायपुर-केन्द्री-अभनपुर रूट पर प्रतिदिन चलने वाली ट्रेन की महती आवश्यकता है।

उन्होंने यह भी लिखा है कि, पूर्व में विगत 50 वर्षों से संचालित नैरो गेज ट्रेन को वर्तमान में ब्रॉड गेज में परिवर्तित किया गया है. परंतु संचालन अभी आरंभ नहीं हुआ है। उपरोक्त परिस्थितियों को दृष्टिगत् सखते हुए रायपुर-केन्द्री-अभनपुर ब्रॉड गेज पर शीघ्र अतिशीघ्र मोनो रेल आरंभ करने हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देर्शित करें।

इससे पहले बृजमोहन अग्रवाल ने डीआरएम ऑफिस में रेलवे अधिकारियों के साथ हुई बैठक में भी रेल यात्रियों को हो रही परेशानियों पर नाराजगी जताते हुए। ट्रेनों के संचालन को बेहतर करने के निर्देश दिए थे।

इस जिले में सीएमएचओ पद को लेकर रस्साकशी, अधीनस्थों में असमंजस, जानिए क्या है मामला…

नारायणपुर-     नारायणपुर जिले के चिकित्सा विभाग में नेतृत्व को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) के पद को लेकर रस्साकशी चल रही है, जिससे जिले की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। दरअसल, जिले में पहले से पदस्थ डॉ. तुकाराम कुंवर को हटाकर छत्तीसगढ़ शासन ने 16 अगस्त 2024 को डॉ. श्याम शंकर राज को प्रभारी CMHO नियुक्त किया। परंतु, डॉ. तुकाराम कुंवर ने उच्च न्यायालय से स्टे ऑर्डर प्राप्त कर पुनः नारायणपुर में अपनी सेवाएं शुरू कर दी। अब, जिले के अधिकारी और कर्मचारी असमंजस में हैं कि वे किस अधिकारी के निर्देशों का पालन करें, क्योंकि दोनों अधिकारी खुद को सीएमएचओ के रूप में स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं।

वहीं, डॉ. श्याम शंकर राज ने 21 अगस्त को कार्यभार संभालने का दावा किया और स्वास्थ्य सेवाओं के संचालक को इसकी जानकारी दी। उन्होंने उल्लेख किया कि उनके स्थानांतरण का आदेश राष्ट्रीय लोक अदालत के निर्णय के अनुसार वैध है, जबकि डॉ. तुकाराम कुंवर ने 5 सितंबर को उच्च न्यायालय से स्टे ऑर्डर के आधार पर अपना स्थानांतरण निरस्त होने का दावा किया।

बेबी केयर किट विवाद

इस विवाद के बीच, जिले में बेबी केयर किट सप्लाई का मामला भी चर्चा का विषय बना हुआ है। सीएमएचओ कार्यालय की ओर से 5 हजार बेबी केयर किट्स की खरीद का ठेका एक करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया जाना है। आरोप है कि इस सप्लाई का ठेका CMHO अपने करीबी व्यक्ति को दिलवाना चाहते थे। यह मामला मंत्री स्तर तक पहुंच चुका है और कयास लगाए जा रहे हैं कि यह विवाद सीएमएचओ के पद को लेकर चल रही रस्साकशी का एक मुख्य कारण हो सकता है।

किट खरीदी पर सवाल

कुछ सप्लायरों का कहना है कि जिले के शासकीय अस्पतालों में सालभर में 5 हजार बच्चों का जन्म नहीं होता और किट में शामिल कॉस्मेटिक सामानों की एक्सपायरी डेट भी एक वर्ष से अधिक नहीं होती। ऐसे में, इतनी बड़ी मात्रा में किट की खरीद पर सवाल उठ रहे हैं और इसे सरकारी धन के दुरुपयोग की आशंका से जोड़ा जा रहा है। हालांकि टेंडर जारी हो चुका है, लेकिन सप्लाई किसे सौंपी जाएगी, यह अभी स्पष्ट नहीं है। स्वास्थ्य विभाग के इस नेतृत्व संकट और बेबी केयर किट विवाद ने नारायणपुर जिले में विभागीय कार्यो को बुरी तरह प्रभावित किया है। स्थिति को स्पष्ट करने के लिए शासन प्रशासन को जल्द से जल्द कदम उठाने की जरूरत है ताकि विभागीय कार्य सुचारू रूप से संचालित हो सके।

तहसीलदार को सस्पेंड करने का विरोध : कलेक्टर को हटाने की मांग, अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा सकते हैं प्रदेशभर के तहसीलदार

रायपुर-    छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में तहसीलदार को सस्पेंड करने पर प्रदेशभर के तहसीलदार भड़क गए हैं. राज्यभर के तहसीलदार और नायब तहसीलदारों ने बैठक कर कलेक्टर नम्रता गांधी के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित करते हुए उनको हटाए जाने की मांग को लेकर आंदोलन करने का फैसला लिया है. तहसीलदार और नायब तहसीलदारों के संघ छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ की वीसी के जरिए हुई बैठक में लिए गए फैसले की सूचना देने कुछ देर में संघ का प्रतिनिधिमंडल राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा से मुलाकात करेंगे.

बता दें कि रायपुर कमिश्नर महादेव कावरे ने 11 सितंबर को बेलरगांव में पदस्थ तहसीलदार अनुज पटेल को निलंबित किया था. मुख्यालय से बाहर रहने और शासकीय कार्यों में अपेक्षित प्रगति नहीं होने पर यह कार्रवाई की गई थी. कमिश्नर महादेव कावरे की ओर से किए गए निलंबन आदेश में कलेक्टर धमतरी नम्रता गांधी से मिले प्रतिवेदन का जिक्र है. इस निलंबन पर ही तहसीलदार और नायब तहसीलदारों का संघ कलेक्टर के खिलाफ नाराज और आक्रोशित है.

तहसीलदार संघ के प्रदेश अध्यक्ष नीलमणि दुबे ने बताया कि हमारे तहसीलदार अनुज पटेल ने आंखों के ऑपरेशन के लिए एसडीएम को आवेदन देकर तीन दिनों का अवकाश लिया था. ऑपरेशन के लिए तीन दिनों के अवकाश पर जाने की सूचना कलेक्टर धमतरी को भी दूरभाष पर दी गई थी. इसके बावजूद तहसीलदार को निलंबित करने का प्रस्ताव भेजा गया. संघ की यह भी दलील है कि निलंबन के पहले ना तो कोई नोटिस दिया गया और ना ही पक्ष सुना गया, सीधे सस्पेंड कर दिया गया. इसे लेकर कलेक्टर को हटाने की मांग कर रहे हैं. अगर कार्यवाही नहीं हुई तो पूरे प्रदेशभर के तहसीलदार लामबंद होकर अनिश्चित कालीन हड़ताल में जा सकते हैं.

कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल रामेन डेका से की मुलाकात, कानून व्यवस्था के मुद्दे पर तत्काल संज्ञान लेने की रखी मांग

रायपुर-    कांग्रेस का 20 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आज प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज के नेतृत्व में राजभवन पहुंचा. प्रतिनिधिमडंल ने राज्यपाल को कानून व्यवस्था के मुद्दे पर ज्ञापन सौंपकर तत्काल संज्ञान लेने की मांग की है. इस दौरान प्रतिनिधिमण्डल में दीपक बैज के साथ पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा, धनेंद्र साहू, अमितेष शुक्ल शिव डहरिया, सहित कई नेता शामिल थे.

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने राज्यपाल से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है. बलौदाबाजार हिंसा मामले में दोषियों को छोड़कर निर्दोषों को गिरफ्तार किया जा रहा है. सतनामी समाज के गरीब लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है. दुष्कर्म की घटनाओं को रोक पाने में भी सरकार नाकाम साबित हो रही है. लूट, चोरी और हत्या की घटनाएं भी बढ़ रही है. राज्यपाल से हमारी मांग है कि वो सरकार को इन मामलों पर निर्देशित करें.

पीएम जनमन शिविर : चुरेली, परसापानी और उमरिया दादर में सैकड़ो पीव्हीटीजी को मिला योजनाओं का लाभ
रायपुर-     प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत बिलासपुर जिले के ग्राम पंचायत चुरेली, परसापानी और उमरिया दादर में शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में विशेष पिछड़ी जनजाति के सैकड़ों लोग शासन की योजनाओं से लाभान्वित हुए। ग्राम पंचायत चुरेली में आयोजित पीएम जनमन शिविर में 31 हितग्राहियों को आयुष्मान कार्ड, 10 हितग्राहियों को वन अधिकार पत्र, 11 हितग्राहियों को पीएम किसान सम्मान निधि और 16 हितग्राहियों को किसान क्रेडिट कार्ड का वितरण किया गया। इसी प्रकार ग्राम पंचायत परसापानी में 22 हितग्राहियों को आयुष्मान कार्ड, 29 हितग्राहियों को जाति प्रमाण, 23 हितग्राहियों को पीएम सम्मान निधि एवं 29 हितग्राहियों को किसान क्रेडिट कार्ड वितरित किए गए। ग्राम उमरिया दादर शिविर में 77 हितग्राहियों को जाति प्रमाण पत्र, 15 हितग्राहियों को बैल जोड़ी, छह हितग्राहियों को स्टिक और पांच हितग्राहियों को किसान क्रेडिट कार्ड का वितरण किया गया। शिविर में मौके पर ही योजनाओं का लाभ मिलने से विशेष पिछड़ी जनजाति के बैगा एवं बिरहोर आदिवासी बहुत खुश दिखाई दिए।
मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने आंगनबाड़ी केंद्र बीरपुर में वजन त्यौहार का किया शुभारंभ

रायपुर-    महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने सूरजपुर जिले के आंगनबाड़ी केंद्र बीरपुर से आज वजन त्यौहार 2024 का शुभारंभ किया। महिला एवं बाल विकास परियोजना सिलफिली के सेक्टर पार्वतीपुर के आंगनबाड़ी केंद्र बीरपुर से वजन त्यौहार रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। राष्ट्रीय पोषण माह के तहत 12 से 23 सितंबर तक वजन त्यौहार कार्यक्रम चलाया जाता है, जिसकी शुरूआत आज से राज्य के प्रत्येक आंगनबाड़ी केेंद्रों में की गई।

सूरजपुर जिले के बीरपुर आंगनबाड़ी केंद्र में वजन त्यौहार कार्यक्रम के शुभारंभ के अवसर पर मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने कहा कि माताओं को बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष तौर से ध्यान देना चाहिए। उन्हें संतुलित तथा पौष्टिक आहार का सेवन कराएं, ताकि उनका स्वास्थ्य अच्छा एवं वजन संतुलित हो। इस दौरान मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने ’एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत वृक्षारोपण भी किया। उन्होंने राष्ट्रीय पोषण माह 2024 की गतिविधियों की जानकारी भी ली। उन्होंने स्कूल की बच्चियों की एनीमिया जांच की जानकारी ली और स्वयं का स्वास्थ्य जांच भी कराया।

गौरतलब है कि राष्ट्रीय पोषण माह के तहत आज राज्य में वजन त्यौहार कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया है। इस कार्यक्रम का आयोजन 12 से 23 सितंबर 2024 तक किया जाना है, जिसमें शून्य से 06 वर्ष से कम बच्चों का वजन एवं ऊंचाई जांच कर कम वजन वाले बच्चों को चिन्हित कर कुपोषण की स्थिति का पता लगाया जाएगा। इस दौरान उनके कुपोषण के स्तर की भी जांच की जाएगी। वजन त्यौहार का उद्देश्य 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों के पोषण स्तर का आंकलन कर शत्-प्रतिशत रूप में सुपोषित करना है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में दो दिवसीय कलेक्टर कॉन्फ्रेंस शुरू

रायपुर-     मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर के न्यू सर्किट हाउस में दो दिवसीय कलेक्टर कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित करते हुए कहा कि बीते 9 महीने में यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की गारंटी के अनुरूप प्रदेश को संवारने की दिशा में प्रयास किया गया है, किन्तु विकसित छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार करने के लिए हम सबको और अधिक कठिन परिश्रम करना होगा। उन्होंने कलेक्टरों से कहा कि शासन की योजनाएं पूरी पारदर्शिता के साथ क्रियान्वित की जाए और इसका लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी फ्लैगशिप योजनाओं में सैचुरेशन के लक्ष्य को ध्यान में रखकर कार्य करें। उन्होंने कुछ जिलों में आम जनता और स्कूली छात्रों से शासकीय अधिकारियों द्वारा किए गए दुर्व्यवहार पर सख्त नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि अधिकारी पूरी संवेदनशीलता और सहृदयता के साथ आम जनता की समस्याओं को सुने और उसका यथासंभव शीघ्र निराकरण करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारियों-कर्मचारियों की भाषा-शैली मर्यादित होनी चाहिए। उन्होंने कलेक्टरों को जनसामान्य से संयमित लहजे में बातचीत करने की हिदायत दी और कहा कि यदि आपके अधीनस्थ अधिकारी भाषा संयम न रखें, तो उन पर तत्काल सख्त कार्यवाही करें।

मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से कहा कि स्थानीय स्तर की समस्याएं वहीं निपटे, छोटी-छोटी समस्याओं को लेकर लोगों को राजधानी न आना पड़े। इस बात का ध्यान जिला प्रशासन को रखना चाहिए। जनप्रतिनिधियों द्वारा ध्यान में लाई गई जन समस्याओं के त्वरित निदान के लिए प्रभावी कदम उठाएं जाएं।

मुख्यमंत्री ने राजस्व विभाग की समीक्षा के दौरान साफ तौर पर कहा कि इस विभाग का आम लोगों और किसानों से ज्यादा वास्ता है। राजस्व के प्रकरणों का निराकरण बिना किसी लेट-लतीफी के किए जाने से शासन-प्रशासन की छबि बेहतर होती है। उन्होंने अधिकारियों को जनसामान्य की भूमि संबंधी छोटी-छोटी त्रुटियों एवं समस्याओं का निदान पूरी संवेदनशीलता के साथ समय-सीमा में करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने सारंगढ़-बिलाईगढ़, बस्तर, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में राजस्व मामलों के निराकरण की धीमी गति पर अप्रसन्नता जताई। उन्होंने जिलेवार कलेक्टरों से अविवादित और विवादित नामांतरण, खाता विभाजन, सीमांकन, त्रुटि सुधार, डायवर्सन, असर्वेक्षित ग्रामों की जानकारी, नक्शा बटांकन की जानकारी ली।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व प्रकरणों के निराकरण में ऐसे जिले जिनकी प्रगति 70 प्रतिशत से कम है, उन्हें इस मामले में ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। विवादित बटवारा के प्रकरण 6 माह से ज्यादा लंबित न हो। सीमांकन के प्रकरणों को भी तेजी से निराकृत किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने सभी कमिश्नरों को अधीनस्थ जिलों का नियमित दौरा कर राजस्व प्रकरणों के निराकरण की स्थिति की समीक्षा करने के भी निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य को प्रधानमंत्री ने अभी पीएम आवास के अंतर्गत 8 लाख 46 हजार 931 आवासों को स्वीकृति दी है। पूर्ववर्ती सरकार के दौरान पीएम आवास का काम काफी पिछड़ गया था। हमें तेजी से इस पर काम करना है। यह सर्वाेच्च प्राथमिकता का कार्य है। इसके साथ ही हमने चिन्हांकित किये गये लगभग 47 हजार आवासहीन परिवारों को मुख्यमंत्री आवास योजना अंतर्गत आवास देने का निर्णय भी लिया है। इस पर भी जुट कर काम करना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में स्वच्छता सर्वे अभी चल रहा है। छत्तीसगढ़ के गांव और ग्राम पंचायतें स्वच्छता सर्वे को सभी मानदंडों को पूरा करती हों, इस पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत हैं। मनरेगा रोजगार सृजन का सबसे अच्छा माध्यम है। इसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में उपयोगी अधोसंरचनाएं तैयार करें। मनरेगा में भुगतान संबंधी दिक्कतों का समाधान करें। मुख्यमंत्री ने मनरेगा के तहत मानव दिवस सृजन कम होने पर बस्तर कलेक्टर पर नाराजगी जतायी। उन्होंने कलेक्टरों को ग्रामीण क्षेत्रों में स्वसहायता समूहों को बढ़ावा देने के साथ ही ट्रेनिंग, बैंक लिंकेज आदि की व्यवस्था पर विशेष रूप से ध्यान देने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने पंचायतों का व्यापक निरीक्षण करने, वहां की समस्याओं को हल करने के निर्देश दिए। अमृत सरोवर योजना को जन अभियान का स्वरूप देने, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवासों का तेजी से निर्माण कराए जाने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि यह हमारी सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता वाली योजना है। 15 सितम्बर को प्रधानमंत्री जी द्वारा पहली किश्त जारी की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने बैठक में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल विकास योजना के क्रियान्वयन की स्थिति की समीक्षा की और खैरागढ़, सारंगढ़, सक्ती, रायगढ़ जिलों की शून्य प्रगति पर नाराजगी जताई और कहा कि यह स्थिति ठीक नहीं है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति की समीक्षा के दौरान गरियाबंद जिले के सूपेबेड़ा में किडनी की बीमारी की रोकथाम के लिए प्रभावी उपाय करने और आवश्यकतानुसार दिल्ली से विशेषज्ञ बुलाकर सेवाएं लेने की बात कही। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम का सभी जिलों में संचालन तथा रोगियों को लाभ सुनिश्चित करने, आगामी 6 माह में शत प्रतिशत आयुष्मान पंजीयन करने, पीएम जनऔषधि केंद्रों का संचालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने टीबी उन्मूलन के तहत किये जा रहे कार्यों की भी जानकारी ली। टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में रायपुर और बिलासपुर जिले में बेहतर स्थिति की सराहना की। उन्होंने अन्य जिलों को भी टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में तेजी लाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग की योजनाओं की समीक्षा करते हुए सरस्वती सायकल योजना के वितरण में कुछ जिलों में हुई लेट-लतीफी को लेकर अप्रसन्नता जताई। उन्होंने कलेक्टरों को स्पष्ट तौर पर कहा कि सायकल का वितरण शिक्षा सत्र शुरू होते ही सुनिश्चित किया जाना चाहिए। सुकमा एवं बलरामपुर जिले में साइकिल वितरण अब तक न होने पर की स्थिति को देखते हुए कहा कि इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने आदिम जाति विकास विभाग की समीक्षा के दौरान हितग्राहियों को प्रधानमंत्री जन मन योजना का शत-प्रतिशत लाभ दिलाने पर जोर दिया। उन्होंने कबीरधाम जिले में वन अधिकार पट्टा के कार्य में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया और जिन जिलों में डिजिटलाइजेशन का कार्य 80 प्रतिशत से कम है, वहां तेजी से कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने आश्रम एवं छात्रावासों की व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखने पर विशेष ध्यान देने को कहा और कलेक्टरों को स्वयं निरीक्षण करने के निर्देश दिए। साथ ही, छात्रावासों में भोजन मेन्यू के अनुसार उपलब्ध कराने की भी व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा।

मुख्यमंत्री ने महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा करते हुए महतारी वंदन योजना को सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना बताया। उन्होंने कहा कि इस योजना में कोई पात्र महिला वंचित नहीं रहना चाहिए। उन्होंने पीएम मातृ वंदन योजना के क्रियान्वयन में तेजी लाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ से कुपोषण को जड़ से समाप्त करना हम सभी का लक्ष्य होना चाहिए और इसके लिए विभाग को विशेष प्रयास करने की आवश्यकता है। कलेक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव मनोज पिंगुआ, सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव अन्बलगन पी., मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत और पी. दयानंद तथा सभी संबंधित विभागों के सचिव सहित सभी संभागों के आयुक्त, सभी जिलों के कलेक्टर, जिला पंचायतों के सीईओ और नगर निगमों के आयुक्त भी मौजूद थे।

हेमचंद यादव विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. अरुणा पल्टा ने पूरा किया पांच वर्ष का कार्यकाल
दुर्ग-   हेमंचद यादव विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. अरुणा पल्टा ने 12 सितंबर को अपने पांच साल का कार्यकाल पूर्ण कर लिया. इस अवसर पर उन्होंने कार्यकाल को लेकर संतुष्टि जताई. इसके साथ ही मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा विश्वविद्यालय में यूटीडी की स्थापना की घोषणा को अपने कार्यकाल की प्रमुख उपलब्धियों में से एक करार दिया. 

डॉ. अरुणा पल्टा ने अपने पांच साल के कार्यकाल को लेकर कहा कि इस अवधि में मैंने हेमंचद यादव विश्वविद्यालय को यूजीसी, राज्य शासन, राजभवन के नियमों का पूर्णतः पालन करते हुए एक नई पहचान दिलाने का प्रयास किया. इस दौरान राजभवन, छत्तीसगढ़ शासन, उच्च शिक्षा विभाग, जनप्रतिनिधियों, जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन के साथ छात्र संगठनों का सहयोग मिला.

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के अधिकारियों, कर्मचारियों के अलावा 158 महाविद्यालयों के प्राचार्यों, प्राध्यापकों, कर्मचारियों तथा छात्र-छात्राओं ने भी विश्वविद्यालय को हर क्षेत्र में अग्रणी बनाये रखने में हर संभव योगदान दिया. यही नहीं विश्वविद्यालय कार्यपरिषद् एवं विद्या परिषद् के सदस्यों का अभूतपूर्व सहयोग मिला है.

डॉ. पल्टा ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा हेमंचद यादव विश्वविद्यालय में यूटीडी की स्थापना की घोषणा उनके कार्यकाल की प्रमुख उपलब्धियों में से एक है. तकनीकी कारणों से विश्वविद्यालय के निर्माणाधीन भवन का कार्य पूर्ण नहीं हो पाया, लेकिन आशा है कि आने वाले एक-दो महीने में विश्वविद्यालय अपने नये भवन में संचालित होने लगेगा.

अपने कार्यकाल का उल्लेख करते हुए डॉ. पल्टा ने कहा कि उन्होंने विश्वविद्यालय को सदैव ’’छात्र केन्द्रित’’ बनाये रखने का प्रयास किया. विद्यार्थियों का हित उनकी प्रथम प्राथमिकता रहीं. विद्यार्थियों के हित में विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय स्तर की पांच संस्थाओं के साथ एमओयू हस्ताक्षरित किये गये है. कोरोना काल में भी विश्वविद्यालय में अनेक ऑनलाइन सर्टिफिकेट कोर्स तथा आमंत्रित व्याख्यान आयोजित कर छात्रों की पढ़ाई को सर्वोपरि रखा. विगत दो वर्षों से विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय तथा जोनल युवा उत्सव में प्रथम, द्वितीय पुरस्कार हासिल किये. एनएसएस, एनसीसी तथा खेलकूद में इस विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी दक्षता सिद्ध की है.

डॉ. पल्टा ने बताया कि उनके कार्यकाल में कोरोना समयावधि के पश्चात् लगातार दो दीक्षांत समारोह सफलतापूर्वक आयोजित किये गये. इनमें कुल 80 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि तथा सैंकड़ों विद्यार्थियों को प्रावीण्य सूची में सर्वोच्च स्थान करने पर स्वर्ण पदक प्रदान किए गए. डॉ. पल्टा ने बताया कि वर्तमान में लगभग दो लाख नियमित और प्राइवेट छात्र संख्या वाले इस विश्वविद्यालय में 19 विषयों में 1164 शोधार्थी पीएचडी के लिए पंजीकृत हैं. इस विश्वविद्यालय में 158 महाविद्यालय सात जिलों में स्थित है.

उन्होंने कहा कि मैंने विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों के बीच सौहाद्रपूर्ण संबंध स्थापित रखने का हर संभव प्रयास किया. उच्च शिक्षा विभाग द्वारा प्रतिवर्ष जारी होने वाले अकादमिक कैलेण्डर का पूर्ण रूप से पालन करते हुए समय पर परीक्षाओं का आयोजन एवं परीक्षा परिणामों की घोषणा ने इस विश्वविद्यालय को अगल पहचान दिलाई है. छात्र-छात्राओं से जुडे़ विभिन्न कार्य जैसे डिग्री, माईग्रेशन, पात्रता प्रमाणपत्र, प्रवेश एवं परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन जैसे सभी चीजों को दूरस्थ अंचल के विद्यार्थियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन किया गया. विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों की समस्याओं के निराकरण हेतु छात्र सुविधा काउंटर भी स्थापित किया गया है.

डॉ. पल्टा ने कहा कि विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों में सांप्रदायिक सौहाद्र बनाये रखना उनकी पहली प्राथमिकता थी. इस हेतु उन्होंने विश्वविद्यालय में सर्वधर्म त्योहार मनाने, जन्मदिन मनाने की परंपरा की शुरुआत की. विश्वविद्यालय में कार्यरत् महिलाओं को भी अनेक अवसर पर पुरस्कार एवं उपहार प्रदान कर उनका आत्मविष्वास बढ़ाने का प्रयास उन्होंने किया. अपने पांच वर्षों के कार्यकाल से पूर्ण रूप से संतुष्ट डॉ. अरूणा पल्टा ने कहा कि यह विश्वविद्यालय और उन्नति करे, यही उनकी कामना है.

साय सरकार का बड़ा तोहफा : सरकारी मेडिकल कॉलेजों के सीनियर रेसीडेंट से लेकर प्रोफेसरों की वेतन में बढ़ोतरी, जानिए अब कितनी मिलेगी सैलरी
रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सुशासन में राज्य के प्रत्येक वर्ग के लिए खुशियों का पिटारा शामिल है. स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल राज्य में स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतरी के कार्य को लेकर लगातार प्रतिबद्ध हैं. इसी को लेकर मुख्यमंत्री साय के मार्गदर्शन और स्वास्थ्य जायसवाल के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने एक बड़ा निर्णय लिया है. इस निर्णय के अंतर्गत सरकारी मेडिकल कॉलेजों के सीनियर रेसीडेंट और प्रदर्शक (पीजी), सहायक प्राध्यापक, सह प्राध्यापक एवं प्राध्यापक के वेतन में ऐतिहासिक वृद्धि का आदेश जारी किया गया है. यह आदेश 1 सितंबर 2024 से पूरे राज्य के शासकीय मेडिकल कालेजों के लिए प्रभावी होगा.

छत्तीसगढ़ शासन के चिकित्सा शिक्षा विभाग के द्वारा जारी आदेश के अनुसार गैर अनुसूचित क्षेत्रों के मेडिकल कालेज में पदस्थ प्राध्यापक का वेतन 1 लाख 55 हजार से बढ़ाकर 1 लाख 90 हजार रूपए कर दिया गया है. इसी तरह से सह प्राध्यापक का वेतन 1 लाख 35 हजार से 1 लाख 55 हजार, सहायक प्राध्यापक का वेतन 90 हजार से 1 लाख और सीनियर रेसीडेंट व प्रदर्शक (पीजी) का वेतन 65 हजार रुपये से बढ़ाकर 75 हजार रुपये कर दिया गया है.

जारी आदेश के अनुसार, अनुसूचित क्षेत्रों के मेडिकल कालेज में पदस्थ प्राध्यापक का वेतन 1 लाख 90 हजार रुपये से बढ़ाकर 2 लाख 25 हजार रुपये कर दिया गया है. इसी तरह से सह प्राध्यापक का वेतन 1 लाख 55 हजार से 1 लाख 85 हजार, सहायक प्राध्यापक का वेतन 90 हजार से 1 लाख 25 हजार तथा सीनियर रेसीडेंट व प्रदर्शक (पीजी) का वेतन 65 हजार रुपये से बढ़ाकर 95 हजार रुपये कर दिया गया है.

शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों के संविदा चिकित्सकों के लिए जारी पुनरीक्षित संविदा वेतनमान के अनुसार अनुसूचित क्षेत्र में लगभग 46 फीसदी और गैर अनुसूचित क्षेत्र में लगभग 23 फीसदी की वेतन वृद्धि की गयी है. इस ऐतिहासिक वेतन वृद्धि को लेकर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा है कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार को लेकर कोई समझौता नहीं होगा. उन्होंने कहा कि शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में पढ़ने वाले भावी डाक्टरों का ये अधिकार है कि उन्हें अच्छी गुणवत्ता वाला शिक्षक और शिक्षा मिले और वेतन वृद्धि का ये आदेश राज्य शासन की स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य करने की मंशा को स्पष्ट जाहिर करता है.

देखिये जारी आदेश-

डीएड अभ्यर्थियों ने DPI कार्यालय पहुंचकर अधिकारियों से नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने किया आग्रह

रायपुर- छत्तीसगढ़ के डीएड डिग्रीधारी सहायक शिक्षक अभ्यर्थियों ने शिक्षा विभाग द्वारा सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेशों का पालन न किए जाने पर नाराजगी जाहिर की है। आज बड़ी संख्या में डीएड अभ्यर्थी DPI कार्यालय पहुंचे और अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा विशेष अनुमति याचिका (SLP) को खारिज किए जाने की आदेश कॉपी सौंपकर मौजूदा स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने अधिकारियों से तत्काल नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की मांग की, ताकि न्यायपालिका के आदेशों का सम्मान हो सके।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षा विभाग की विशेष अनुमति याचिका (SLP) को खारिज कर दिया था और हाईकोर्ट के 2 अप्रैल 2023 के फैसले को सही ठहराया था। बावजूद इसके, शिक्षा विभाग ने अब तक भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं की है। अभ्यर्थी इस देरी से बेहद आहत हैं और अब चरणबद्ध तरीके से आंदोलन की तैयारी में हैं। अभ्यर्थियों ने शिक्षा सचिव, संचालक और सरकार से गुहार लगाई है कि जल्द से जल्द डीएड अभ्यर्थियों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जाए। उनका कहना है कि यदि प्रक्रिया जल्द नहीं शुरू की गई, तो कोर्ट की अवमानना का मामला दर्ज कर वे उग्र आंदोलन करेंगे।

नगरीय निकाय चुनावों को प्रभावित कर सकता है आंदोलन

डीएड अभ्यर्थियों ने सरकार को सख्त चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं की गई, तो वे न केवल कोर्ट की अवमानना का मामला दर्ज करेंगे, बल्कि चरणबद्ध तरीके से उग्र आंदोलन भी करेंगे। अभ्यर्थियों ने यह भी संकेत दिया कि उनका आंदोलन आगामी नगरीय निकाय चुनावों को प्रभावित कर सकता है। उन्होंने सरकार को आगाह किया है कि यदि उनकी मांगों को अनसुना किया गया, तो वे अपने विरोध प्रदर्शन को और अधिक व्यापक और प्रभावी बनाएंगे।