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मलेशिया में वेलफेयर होम्स में बच्चों का यौन शोषण: 171 गिरफ्तार, 402 बच्चों को बचाया गया

मलेशिया से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक बड़े इस्लामिक बिजनेस ग्रुप से जुड़े 20 वेलफेयर फोम्स में पुलिस ने छापा मारा. आरोप है कि इन वेलफेयर होम्स में छोटे बच्चों के साथ यौन शोषण किया जाता था.

पुलिस ने इस पूरे मामले में 105 महिलाओं समेत 171 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें शिक्षक और केयरटेकर भी शामिल हैं. वहीं एक से 17 साल की उम्र के 402 बच्चों का रेस्क्यू किया है. जिन 20 ठिकानों पर पुलिस ने कार्रवाई की है उनमें से 18 वेलफेयर होम सेंट्रल सेलेंगोर स्टेट के हैं और 2 दक्षिणी नेगेरी सेम्बिलान स्टेट के हैं.

इखवान ग्रुप से जुड़े हैं वेलफेयर होम्स

पुलिस अधिकारी के मुताबिक उन्हें वेलफेयर होम्स में बच्चों के साथ यौन शोषण और गलत व्यवहार की शिकायत मिली थी जिसके बाद ये कार्रवाई की गई. जानकारी के मुताबिक ये वेलफेयर होम्स मलेशिया के इखवान बिजनेस ग्रुप के हैं.

IG रजारउद्दीन हुसैन ने न्यूज़ कॉन्फ्रेंस में बताया है कि न केवल केयरटेकर इन बच्चों का यौन शोषण करते थे बल्कि उन्हें आपस में भी गलत काम करने के लिए मजबूर किया जाता था. उन्होंने बताया कि अगर कोई बच्चा बीमार पड़ जाता था तो उसका तब तक इलाज नहीं कराया जाता था जब तक हालत गंभीर नहीं हो जाती थी. पुलिस के मुताबिक छोटे बच्चों को गलतियां करने पर गर्म चम्मच से जलाया जाता था, केयरटेकर मेडिकल चेकिंग के नाम पर बच्चों के शरीर को टच करते थे.

धार्मिक भावनाओं का इस्तेमाल करने का शक

पुलिस को शक है कि ग्लोबल इखवान ग्रुप धार्मिक भावनाओं का इस्तेमाल कर बच्चों का यौन शोषण और डोनेशन इकट्ठा करता है. जांच से पता चलता है कि वेलफेयर होम में रहने वाले तमाम बच्चे ग्लोबल इखवान ग्रुप के कर्मचारियों के बच्चे हैं. जिन्हें उनके माता-पिता जन्म के साथ से ही वेलफेयर होम्स में छोड़ गए. IG हुसैन ने बताया कि मामले की पड़ताल के बीच सभी बच्चों की मेडिकल जांच भी कराई जाएगी.

धार्मिक नेता अशारी मोहम्मद ने की थी स्थापना

ग्लोबल इखवान ग्रुप की वेबसाइट के मुताबिक इसकी स्थापना एक धार्मिक नेता अशारी मोहम्मद ने की है. उन्होंने मलेशिया में अल-अरकाम नाम का धार्मिक संप्रदाय शुरू किया था जिस पर मलेशिया की सरकार ने 1994 में बैन लगा दिया. 2010 में अशारी की मौत के बाद इस ग्रुप ने दोबारा प्रचार-प्रसार शुरू कर दिया था. हाल ही में यह ग्रुप इस्लामिक अथॉरिटी के रडार पर भी आया था, दावा किया गया था कि यह ग्रुप फिर से अल-अरकाम संप्रदाय को बढ़ावा दे रहा है.

इखवान ग्रुप ने आरोपों को नकारा

हालांकि ग्लोबल इखवान बिजनेस ग्रुप ने बुधवार को एक बयान जारी कर बच्चों के शोषण के आरोपों को खारिज कर दिया है. इखवान ग्रुप ने कहा है कि वह अधिकारियों के साथ जांच में सहयोग करेंगे. बयान में कहा गया है कि कंपनी किसी भी तरह की गैरकानूनी गतिविधियों के साथ समझौता नहीं करेगी खासकर कि उनके कर्मचारियों के बच्चों के साथ यौन शोषण जैसे मामलों में.

ग्लोबल इखवान ग्रुप की वेबसाइट के मुताबिक यह कई तरह के बिजनेस में मौजूदगी दर्ज करा रही है, जैसे- फूड एंड बेवरेज, मीडिया, मेडिकल, ट्रैवल और प्रॉपर्टी. इखवान ग्रुप में 5 हज़ार से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं और 20 देशों में इसकी अपनी ब्रांच है. लंदन, पेरिस, ऑस्ट्रेलिया और दुबई में इसके अपने होटल चेन हैं.

तृणमूल कांग्रेस के सांसद जवाहर सरकार ने दिया इस्तीफा

कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर की रेप-मर्डर के मामले में तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा के सांसद जवाहर सरकार ने गुरुवार को इस्तीफा दे दिया. उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के चेयरमैन जगदीप धनखड़ को लिखे पत्र में जवाहर सरकार ने कहा कि वह तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा के सदस्य रूप में अपना इस्तीफा दे रहे हैं. कृपया उनके इस्तीफा पत्र को स्वीकार कर लें.

बता दें कि कोलकाता रेप मर्डर केस के खिलाफ जवाहर सरकार ने पहले ही सांसद पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया था. इस्तीफे के ऐलान के बाद ममता बनर्जी ने उन्हें फोन किया और आग्रह किया था कि वह इस्तीफा पत्र पर पुनर्विचार करें, लेकिन जवाहर सरकार ने ममता बनर्जी की बात मानने से इनकार कर दिया था. उन्होंने कहा कि वह आम लोगों से वादा कर चुके हैं और अब वह इस्तीफा देने से पीछे नहीं हटेंगे.

पुरी जगन्नाथ मंदिर में सुरक्षा को लेकर बड़ी चूक, शिखर पर चढ़ा अंजान शख्स,,

ओडिशा के पुरी स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर परिसर में सुरक्षा को लेकर भारी चूक दिखी. यहां सुरक्षा कर्मियों को चकमा देकर एक अंजान शख्स मंदिर के शिखर पर जा चढ़ा. जैसे ही खबर सामने आई तो पूरा प्रशासन सकते में आ गया. मंदिर के आसपास सुरक्षा का एक कड़ा घेरा होता है. ऐसे में सुरक्षा के घेरे में चूक कैसे हुई इसे लेकर प्रशासन अब छानबीन कर रहा है.

घटना बुधवार शाम की है. जानकारी के मुताबिक, देर शाम जब श्रद्धालु मंदिर के अंदर जाने का इंतजार कर रहे थे. तभी मंदिर के शिखर पर एक व्यक्ति अचानक चढ़ गया. इसका वीडियो भी सामने आया है. शख्स अपने आप को छत्रपुर का निवासी बता रहा है. मंदिर के शिखर पर चढ़ने के बाद काफी देर तक यह शख्स वहीं खड़ा रहा. जैसे ही सुरक्षाकर्मियों को इसकी भनक लगी, उन्होंने उसे नीचे उतारा. फिर पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. पुलिस अब मामले की छानबीन कर रही है.

ओडिशा के पुरी में स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर दुनियाभर में प्रसिद्ध है. लाखों-करोड़ों की संख्या में लोग हर साल यहां दर्शन करते हैं. इस कारण मंदिर में सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम होते हैं. ऐसे में इस तरह की घटना ने लोगों को सकते में डाल दिया है. हर कोई यह जानकर हैरान रह गया कि आखिर शख्स सुरक्षाकर्मियों को चकमा देकर वहां पहुंचा कैसे. किसी को पता क्यों नहीं लगा

शख्स ने बताई वजह

पुलिस ने बताया- शिखर पर चढ़ने वाला व्यक्ति अपने आप को छत्रपुर (ओड़िशा) का निवासी बता रहा है. व्यक्ति के अनुसार वो सन् 1988 से मंदिर आता जाता रहा है और उसकी एक मन्नत पूरी होने पर वो निलचक्र को छू कर प्रणाम करना चाहता था. इसीलिए वह मंदिर के शिखर तक पहुंच गया. फिलहाल पुलिस उससे पूछताछ कर रही है. मामले में आगामी कार्रवाई जारी है. चार धामों में से एक है

ओडिशा के पुरी शहर में स्थित जगन्नाथ मंदिर, भारत के चार धामों में से एक है. यह भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण को समर्पित है और वैष्णव सम्प्रदाय का मंदिर है. मंदिर की स्थापना 1150 ईस्वी में गंग राजवंश के शासनकाल में हुई थी. मंदिर के रिकॉर्ड के मुताबिक, अवंती के राजा इंद्रद्युम्न ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था. मंदिर के गर्भगृह में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र, और सुभद्रा की मूर्तियां हैं. मंदिर के चारों प्रवेश द्वारों पर हनुमान जी की मूर्तियां हैं. मंदिर के शिखर पर लगा झंडा हमेशा हवा की विपरीत दिशा में लहराता है.

दिल्ली सीएम केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला कल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट कल यानी शुक्रवार को अपना फैसला सुनाएगा. पिछली सुनवाई (5 सितंबर) में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. दिल्ली के सीएम को ईडी के केस में जमानत मिल चुकी है जबकि यह मामला सीबीआई की ओर से की गई गिरफ्तारी और रेगुलर बेल से जुड़ा है.

दरअसल, केजरीवाल ने दो याचिकाएं दायर की हैं. एक जमानत से इनकार को चुनौती देने वाली और दूसरी याचिका में उन्होंने सीबीआई द्वारा की गई उनकी गिरफ्तारी को चुनौती दी है. ईडी मामले में केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से 12 जुलाई को जमानत मिली थी. ईडी केस में अंतरिम जमानत मिलने के बाद सीबीआई ने अरविंद केजरीवाल 26 जून को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था.

5 सितंबर को SC ने सुरक्षित रखा था फैसला

अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर 5 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सीबीआई और केजरीवाल की दलीलें सुनने के बाद शीर्ष अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने सुनवाई के दौरान केजरीवाल को राहत देने का संकेत दिया था और कहा था कि जेल अपवाद है. हालांकि, कोर्ट ने ये भी कहा था कि हम दोनों पक्षों को सुनेंगे

केजरीवाल के वकील ने पेश की थीं ये दलीलें

इस दौरान कोर्ट में सीबीआई और केजरीवाल की तरफ से तमाम दलीलें पेश की गईं.केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को तत्काल रेगुलर जमानत मिलनी चाहिए. जानबूझकर उनकी गिरफ्तारी की गई. वह कहीं भाग नहीं रहे हैं. वह एक राजनीतिक व्यक्ति हैं और दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं. सीबीआई की FIR में उनका नाम तक नहीं है. बाद में एफआईआर में उनका नाम जोड़ा गया. केजरीवाल को राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने से रोक गया. सीबीआई द्वारा केजरीवाल की गिरफ्तारी उचित नहीं है.

सिंघवी ने कहा कि जमानत नियम है और जेल अपवाद है. सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला ED और सीबीआई मामले में भी लागू होगा. केजरीवाल के मामले में भी लागू होगा. केजरीवाल को जेल में रखने के लिए अरेस्ट किया गया. केजरीवाल के खिलाफ कोई नया सबूत नहीं. सीबीआई ने 2 साल बाद केजरीवाल को गिरफ्तार किया. सिर्फ एक गवाही का आधार बनाकर उनकी गिरफ्तारी हुई. PMLA केस में केजरीवाल की दो बार रिहाई हुई. नॉन अरेस्ट को गिरफ्तारी के मामले में बदल दिया गया. दोबारा गिरफ्तारी से पहले नोटिस नहीं दिया गया.

दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला: वाहन चालान में 50% की छूट

बिजली और पानी में छूट के बाद दिल्ली सरकार अब वाहनों के चालान में भी भारी छूट देने जा रही है. दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर उपराज्यपाल के पास उनकी मंजूरी के लिए भेज दिया है. एलजी की मुहर लगते ही वाहनों के चालान में 50 फीसदी की छूट मिलना शुरू हो जाएगी. दिल्ली में जिन वाहनों के चालान कटे हैं, उन्हें यह छूट मोटर वाहन अधिनियम की विशिष्ट धाराओं के अंतर्गत अपराधों पर मिलेगी.

परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा है कि सरकार ने ये फैसला जनता की सुविधा और यातायात जुर्माना निपटाने को प्रोत्साहित करने के लिए लिया गया है. उन्होंने कहा है कि इस सुविधा से यातायात जुर्माना अदा करने से अदालतों और परिवहन विभाग पर काम का बोझ कम होगा. कैलाश गहलोत ने बताया है कि दिल्ली सरकार ने मोटर वाहन अधिनियम की कुछ धाराओं के तहत कुछ यातायात अपराधों के लिए निर्धारित चालान राशि का 50 फीसदी जुर्माना कंपाउडिंग करने की घोषणा की है.

दिल्ली सरकार ने इस संबंध में एक प्रस्ताव राज्य के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को उनकी मंजूरी के लिए भेजा गया है. जानकारी देते हुए परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि एलजी से मंजूरी मिलते ही मौजूदा चालानों के लिए अधिसूचना के 90 दिनों के भीतर और नए चालानों को 30 दिनों के अंदर निपटारा किया जाना जरूरी होगा. ऐसा करने पर जुर्माना भरने वाले वाहन चालकों को 50 फीसदी की छूट मिल जाएंगी. उनका कहना है कि इस प्रस्ताव का उद्देश्य लोगों को सुविधाजनक तरीके से अपना चालान जुर्माना भरने के लिए प्रोत्साहित करना है.

इन यातायात अपराधों पर होगा लागू

दिल्ली सरकार ने चालान जुर्माना में 50 फीसदी की छूट का प्रस्ताव राज्य के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के पास भेजा गया है. वहां से मंजूरी मिलते ही इसका लाभ उन वाहन मालिक और चालकों को मिलेगा जिनके भारी भरकम चालान कते हुए हैं और जुर्माना नहीं भर पा रहे हैं. इसके लिए मोटर वाहन अधिनियम 1988 की विभिन्न धाराओं 177, 178 (1) या (2), 178 (3) (ए), 178 (3) (बी), 179 (1) या (2), 180, 181, 182 (2), 182 ए (1), 182 ए (3), 182 ए (4), 182 बी, 183 (i), 183 (ii), 184, 186, 189, 190(2), 192 (1), 192 ए, 194 (2), 194 ए, 194 बी, (1) & (2), 194 सी, 194 डी, 194 ई, 194 एफ, (ए) & (बी), 196 और 198 में और इसके तहत बनाए गए नियमों में ये लागू होगा

तुलसी पूजा करते समय इन बातों का रखें ध्यान, मिलेगा जीवन में सुख-समृद्धि

हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को पूजनीय और बहुत ही खास माना जाता हैं. तुलसी के पौधे में मां लक्ष्मी का स्वरूप होता है. तुलसी का पौधा भगवान विष्णु को अति प्रिय होता है इस कारण इनका एक नाम हरिप्रिया भी है. हर एक घर में तुलसी का पौधा अवश्य होता है और नियमित रूप से इनकी पूजा-उपासना होती है. ऐसी मान्यता है कि जिन घरों में नियमित रूप से तुलसी को जल और पूजा की जाती है वहां पर हमेशा सुख-समृद्धि और मां लक्ष्मी का वास होता है. इसके अलावा तुलसी के पत्तों में कई तरह की औषधीय गुण होते हैं. तुलसी के पौधे पूजा और रखने पर घर से सभी तरह की नकारात्मक ऊर्जा दूर भाग जाती हैं. तुलसी के पौधे की नियमित रूप से पूजा करने से सभी तरह की मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

ऐसी मान्यता है कि तुलसी के पौधे में तीनों देवताओं का वास होता है. तुलसी की पूजा करने से सभी देवी-देवता जल्द प्रसन्न हो जाते हैं. ऐसी मान्यता है जिन घरों में अक्सर क्लेश, दरिद्रता और नकारात्मक ऊर्जाओं का प्रवेश होता है. वहां पर तुलसी का पौधा लगाने से और नियमित रूप से पूजा-पाठ करने पर ये सब दूर हो जाते हैं.

इस मंत्र का करें जाप

सुबह-शाम तुलसी के पौधे को जल और दीपक जलाने से घर में सुख-समृद्धि और संपन्नता आती है और मां लक्ष्मी व भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है. तुलसी की पूजा के दौरान अगर तुलसी मंत्र का जाप करें तो सभी तरह की आर्थिक परेशानियां दूर हो जाती हैं. ये मंत्र इस प्रकार है.

तुलसी पूजा के दौरान इन बातों का रखें ध्यान

1,शास्त्रों के मुताबिक, एकादशी, रविवार, ग्रहण के दिन, संक्रांति के दिन, शाम के समय तुलसी के पत्तों को नहीं तोड़ना चाहिए.

2,तुलसी के पौधे से कभी पत्तों को तोड़ते समय नाखून का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए बल्कि उंगलियों के छोर का प्रयोग कर इसे तोड़ना चाहिए.

3,भगवान विष्णु, श्री कृष्ण और हनुमान जी की पूजा उपासना में तुलसी के पत्तों का प्रयोग करना चाहिए क्योंकि इनको भोग में तुलसी के पत्ते अर्पित करने पर ये देव प्रसन्न होते हैं.

4,भगवान शिव और भगवान गणेश जी की पूजा में तुलसी के पत्तों को प्रयोग करना वर्जित माना गया है. इसलिए भूलकर भी इनको तुलसी के पत्ते नहीं अर्पित करना चाहिए.

5,तुलसी के पौधे को बिना नहाए नहीं छूना चाहिए. ऐसा करने से पौधा सूख जाता है और पाप के भागी बनते हैं. इसलिए नहाने के बाद ही तुलसी का पौधा छुएं

मां तुलसी पूजा का महत्व

तुलसी का पौधा हिंदू धर्म में बहुत पवित्र माना जाता है. इसे घर में लगाना और इसकी पूजा करना शुभ माना जाता है. तुलसी की पूजा करने से कई तरह के लाभ मिलते हैं. तुलसी के पौधे में माता लक्ष्मी का वास माना जाता है. इसलिए इसकी पूजा करने से घर में धन और समृद्धि आती है. तुलसी का पौधा नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है. तुलसी के पत्ते औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं. इनका सेवन करने से कई बीमारियों से छुटकारा मिलता है. तुलसी को भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी दोनों ही बहुत प्रिय है. इसलिए इसकी पूजा करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है. तुलसी की पूजा करने से आध्यात्मिक विकास होता है और मन शांत रहता है.

सीमावर्ती गांवों के विकास में सरकार की प्रतिबद्धता का संदेश: राजनाथ सिंह

देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को ‘बॉर्डर एरिया डेवलपमेंट कॉन्क्लेव’ को संबोधित किया. जिस दौरान उन्होंने पीएम मोदी के कार्यकाल में सीमावर्ती गांव का किस तरह विकास हुआ इस पर रोशनी डाली. राजनाथ सिंह ने कहा, सीमावर्ती गांव रिमोट एरिया नहीं है बल्कि देश के पहले गांव हैं. हमारी सरकार इन गांव के विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.

हमारा मकसद सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे और सामाजिक-आर्थिक प्रगति सुनिश्चित करना है. इस कॉन्क्लेव के दौरान रक्षा मंत्री ने सीमावर्ती इलाकों में पिछले 10 वर्षों में पीएम मोदी के नेतृत्व में हुए विकास को सब के सामने रखा.

सुरंग का हुआ निर्माण

राजनाथ सिंह ने बताया,सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने 8,500 किलोमीटर से अधिक सड़कों और 400 से अधिक स्थायी पुलों का निर्माण किया है. अटल सुरंग, सेला सुरंग का निर्माण किया गया, जिसके बाद अब शिकुन-ला सुरंग बनने जा रही है, जिसको दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग होने का गौरव हासिल होगा.

7,000 सीमावर्ती गांवों तक पहुंचा इंटरनेट

हमारी सरकार ने लद्दाख के सीमावर्ती इलाकों को नेशनल इलेक्ट्रिसिटी ग्रिड से जोड़ने के लिए 220 किलो वोल्ट की श्रीनगर-लेह बिजली लाइन शुरू की है. इसके अलावा, तकनीक और इंटरनेट घर-घर पहुंचाने के लिए भी सरकार काम कर रही है. राजनाथ सिंह ने बताया, उत्तर-पूर्वी राज्यों के ट्रांसमिशन के बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जा रहा है.

भारत-नेट ब्रॉडबैंड परियोजना के माध्यम से 1,500 से अधिक गांवों में हाई-स्पीड इंटरनेट पहुंचाया गया है. पिछले चार वर्षों में 7,000 से अधिक सीमावर्ती गांवों को इंटरनेट कनेक्शन से जोड़ा गया है, और हमारा खास ध्यान लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश पर रहा है. रक्षा मंत्री ने कहा, किसी भी जगह के विकास के लिए सड़क और बिजली बहुत जरूरी है, जो सरकार ने गांव तक पहुंचाई ही, इसी के साथ सीमावर्ती गांव को देश के बाकी इलाकों के साथ जोड़ने का काम भी किया

सरकार का टूरिज्म पर खास ध्यान

राजनाथ सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि सीमावर्ती गांव की तरक्की का रास्ता टूरिज्म भी है. उन्होंने कहा, केंद्र सरकार सीमावर्ती गांव में टूरिज्म को बढ़ाने पर जोर दे रही है. साल 2020 से 2023 तक लद्दाख, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में पर्यटकों की संख्या में 30% बढ़ोतरी दर्ज की गई. साथ ही राजनाथ सिंह ने कश्मीर में भी टूरिज्म में इजाफा हुआ है, जिससे रोजगार के अवसर पैदा हुए और लोकल इकोनोमी मजबूत हुई है.

कोलकाता रेप मर्डर केस: सीबीआई ने 4 जूनियर डॉक्टरों और 2 पुलिस अधिकारियों से की पूछताछ

कोलकाता रेप मर्डर केस की गुत्थी को सुलझाने के लिए सीबीआई लगातार जांच कर रही है. इस केस में अब सीबीआई ने आरोपी संजय रॉय, 4 जूनियर डॉक्टरों, 2 पुलिस अधिकारियों से बुधवार को एक बार फिर पूछताछ की.

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 31 साल की जूनियर डॉक्टर के साथ दुष्कर्म हुआ. डॉक्टर का रेप हुआ और मर्डर कर दिया गया. इस केस के सामने आने के बाद पुलिस ने सबसे पहले आरोपी संजय रॉय को ही दबोचा था, जिससे लगातार पूछताछ की जा रही है. हालांकि, सीबीआई केस को सुलझाने के लिए एक बार फिर से केस से जुड़े लोगों से पूछताछ कर रही है.

अधिकारियों ने जानकारी दी कि, सीबीआई ने बुधवार को इस केस के मामले में गिरफ्तार आरोपी संजय रॉय से एक और दौर की पूछताछ की. प्रेसीडेंसी सुधार गृह में आरोपी संजय रॉय से यह पूछताछ की जा रही है.

4 जूनियर डॉक्टर से पूछताछ

संजय रॉय से पूछताछ करने के अलावा, एजेंसी की एक और टीम ने चार जूनियर डॉक्टरों से पूछताछ की और बाद में कोलकाता पुलिस के डिप्टी कमिश्नर अभिषेक गुप्ता और डिटेक्टिव डिपार्टमेंट विशेष के डिप्टी कमिश्नर विदित राज भुंदेश से भी पूछताछ की गई. एक अधिकारी ने कहा, “हमने पुलिस अधिकारियों से सवाल किया कि उन्होंने इस मामले मे्ं जांच कैसे की.

कोलकाता की निर्भया के लिए इंसाफ की मांग

कोलकाता में मेडिकल कॉलेज में इस अपराध के सामने आने के बाद से ही पूरे देश में कोलकाता की निर्भया को इंसाफ दिलाने की मांग उठने लगी, हर तरफ जहां बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए लोग सड़कों पर उतरे, वहीं, दूसरी तरफ महिला सुरक्षा को लेकर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं. कोलकाता में जूनियर डॉक्टर प्रदर्शन कर रहे हैं और लगातार इंसाफ की मांग उठा रहे हैं और अपराधियों को सख्त सजा दिलाने की मांग की जा रही है.

सीएम कुछ नहीं कर रही”

पीड़िता के परिवार का एक बयान सामने आया है, जिसमें उनके पिता का कहना है कि वो केस को लेकर चल रही कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं. उनका कहना है कि सीएम ममता बनर्जी इस मामले में कुछ नहीं कर रही हैं. पीड़िता के माता-पिता ने आगे कहा, उन्होंने बस बेटी की मौत के तीसरे दिन संजय रॉय को आरोपी के रूप में सामने लाकर खड़ा कर दिया कि इसको फांसी दे देंगे. उसके अलावा उन्होंने कुछ नहीं किया.

चंडीगढ़ में हैंड ग्रेनेड हमला: सेक्टर-10 में कोठी के बाहर फेंका गया ग्रेनेड, पुलिस जांच में जुटी

चंडीगढ़ के पॉश इलाके सेक्टर-10 में एक कोठी में हैंड ग्रेनेड फेंके जाने का मामला सामने आया. ये हैंड ग्रेनेड सेक्टर-10 में स्थित मकान नंबर- 575 में फेंका गया. बताया जा रहा है

कि ऑटो में सवार होकर आए तीन अज्ञात युवक कोठी के बाहर उतरे, फिर इन्होंने बाहर से ही कोठी के अंदर हैंड ग्रेनेड फेंक दिया. नीचे गिरते ही ग्रेनेड ब्लास्ट कर गया और कोठी की खिड़कियों के शीशे टूटे गए.

यही नहीं जमीन पर रखे गमले भी फूट गए और सात से आठ इंच का गड्ढा हो गया. हैंड ग्रेनेड फेंके जाने की सूचना मिलते ही पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच-पड़ताल की

राजस्थान सरकार का निवेश अभियान: जापान और कोरिया दौरे पर CM और डिप्टी CM

राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार राज्य में निवेश बढ़ाने के लिए अपने अभियान में लगातार जुटी हुई है. निवेश के लिए राइजिंग राजस्थान नाम के मेगा इवेंट के लिए सरकार अभी से तैयारी में लग गई है. निवेश को आकर्षित करने के लिए खुद मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री जापान और दक्षिण कोरिया का दौरा कर रहे हैं, लेकिन इस दौरान सरकार में तालमेल भी नहीं दिख रहा है. इस अहम विदेश दौरे में उद्योग मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ की गैरमौजूदगी सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है.

भजन लाल शर्मा सरकार जयपुर में 9 से 11 दिसंबर तक राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट का आयोजन कर रही है. लेकिन इससे पहले ही राज्य सरकार और उनके मंत्रियों के बीच तालमेल की खासी कमी नजर आ रही है. तालमेल में ये कमी काफी समय से देखने को मिल रही है. इसको लेकर विपक्ष भी बीजेपी सरकार को लगातार घेर भी रहा है.

पहले जापान फिर कोरिया जाएंगे CM

राजस्थान में होने वाले राइजिंग राजस्थान के तहत निवेश के लिए देश- विदेश के तमाम उद्यमियों को बीजेपी सरकार न्योता दे रही है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और डिप्टी सीएम प्रेम चंद बैरवा जापान और दक्षिण कोरिया के दौरे पर हैं. मगर मुख्यमंत्री के विदेश दौरे को लेकर अब सियासी गलियारों में चर्चाएं शुरू हो गई हैं. सीएम भजनलाल खुद जापान और दक्षिण कोरिया में रोड शो करेंगे. वह पहले जापान फिर दक्षिण कोरिया जाएंगे.

मुख्यमंत्री के विदेश दौरे के दौरान चर्चा की सबसे बड़ी वजह प्रदेश के उद्योग मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ का साथ न जाना है. राजनीतिक गलियारों में इस बात की जोरों से चर्चा है कि राइजिंग राजस्थान से संबंधित इस दौर में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और डिप्टी सीएम प्रेमचंद बेरवा के साथ राजस्थान के उद्योग मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ क्यों नहीं गए. मंत्री और कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर से जब इस बारे में TV9 भारतवर्ष ने सवाल किया तो उन्होंने हंसते हुए बड़ा अजीब बयान दिया.

मैं यहां PC करने के लिएः मंत्री राठौड़

राठौड़ ने कहा, “राजस्थान में ज्यादा से ज्यादा निवेशक आएं, इसके लिए मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री दोनों विदेश दौरे कर रहे हैं. सबको अलग- अलग जिम्मेदारी दी गई है. राजस्थान में प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के लिए भी कोई होना चाहिए.” उन्होंने कहा, “मैं यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राजस्थान की जनता को जानकारी दे रहा हूं. ये हमारा टीम वर्क है. हम सब एकजुट होकर काम कर रहे हैं. हमारी स्ट्रेटजी ही यही है कि राजस्थान में ज्यादा से ज्यादा निवेश करने उद्यमी आएं.”

हालांकि अब सवाल ये उठता है कि राइजिंग राजस्थान जैसे अहम इन्वेस्टमेंट समिट के दौरों में राजस्थान के उद्योग मंत्री ही गायब हैं जो बिल्कुल साफतौर पर सरकार और मंत्रियों के बीच तालमेल की कमी दिखाता है.