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धान की फसल में कीट/रोग प्रबन्धन के समय से उपाय करें किसान

महेश चंद्र गुप्ता

बहराइच। जिला कृषि रक्षा अधिकारी प्रियानन्दा ने बताया कि वर्तमान समय में वातावरण की नमी और तापमान को देखते हुए धान की फसल में कीट/रोग के प्रकोप के कारण भारी क्षति होती है। इसलिए यह आवश्यक है कि इन कीट/रोगों की पहचान करते हुए इनसे होने वाली क्षति से बचाव हेतु समय से निदान करना आवश्यक है।

जिला कृषि रक्षा अधिकारी प्रियानन्दा ने किसानों को सुझाव दिया है कि शीथ ब्लाइट रोग धान की पत्ती एवं शीथ पर 1-3 सेमी0 लम्बे अण्डकार हरे धूसर रंग के धब्बे दिखाई पड़ते है, जिसके किनारे कत्थई रंग के हो जाते है। इस रोग के नियंत्रण हेतु प्रोपीकोनाजोल 25 प्रतिशत ई.सी. 500 मिली प्रति हेक्टेयर अथवा कार्बेण्डाजिम 12 प्रति0 $ मैनकोजेब 63 प्रतिशत डब्लू.पी. 750 ग्राम प्रति हेक्टेयर 500-750 लीटर पानी में घोल बनाकर छिडकाव करें।

कण्डुआ रोग इस रोग की दशा धान की बाली के दाने नीले और काले रंग के आवरण से ढक जाते है, इनको हाथ से छूने पर पीले एवं काले अथवा हरें रंग के पाउडर जैसे रोग के स्पोर लग जाते है। इस रोग के नियंत्रण हेतु कार्बेन्डाजिम 50 प्रतिशत डबलू.पी. 500 ग्राम प्रति हेक्टर अथवा कॉपर हाइड्राक्साइड 77 प्रतिशत डब्लू.पी. 2.0 कि.ग्रा. प्रति हेक्टेयर को 500-750 लीटर पानी में घोल बनाकर छिडकाव करना चाहिए।

जीवाणु पत्ती झुलसा रोग लगने पर पत्तियों सिरे या किनारे से शुरू होकर मध्य भाग तक सूखने लगती है। सूखे किनोर अनियमित व टेढ़े-मेढे या झुलसे हुए दिखायी देते है। संक्रमण की गम्भीर अवस्था में पत्तियां सूख जाती है एवं बालियों में दाना नहीं बनता है। इसके उपचार हेतु स्ट्रैप्टोमाइसीन सल्फेट 90 प्रतिशत $ टैट्रासाइक्लिन हाइड्रोक्लोराइड 10 प्रतिशत की 15 ग्राम मात्रा को 500 ग्राम कॉपर आक्सी क्लोराइड 50 प्रतिशत डब्लूपी के साथ मिलाकर 500-750 लीटर पानी में घोलकर प्रति हे० की दर से छिड़काव करें। आगे से रोपाई से पूर्व बीज शोधन अवश्य करें अगेती फसल में यह रोग पछेती फसल की तुलना में कम लगता है। फसल की कटाई के समय प्रभावित दानों के अलग कर नष्ट कर देना चाहिए।

इसी प्रकार धान की फसल में पत्ती लपेटक कीट के प्रबन्धन हेतु जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने किसानों को सुझाव दिया है कि इस कीट की सूड़ियां प्रारम्भ में पीले रंग की तथा बाद में हरे रंग की हो जाती हैं, जो पत्तियों को लम्बाई में मोड़कर अन्दर से उसके हरे भाग को खुरच कर खा जाते है। इस कीट के प्रकोप की दशा में क्यूनालफॉस 25 प्रतिशत ई.सी. 1.25 ली./हे. की दर से छिड़काव करें।

कृषि रक्षा अधिकारी ने धान की फसल में तना वेधक कीट प्रबन्धन के लिए किसानों को सुझाव दिया है कि कीट के प्रकोप की दशा में कार्बोफ्यूरान 03 प्रति 20 किग्रा. अथवा कारटाप हाइड्रोक्लोराइड 4 प्रति. की 25 किग्रा. मात्रा को प्रति हे. की दर से 3-5 सेमी. पानी में बुरकाव करें। उन्होंने बताया कि तना वेधक कीट की मादा पत्तियों पर समूह में अण्डा देती है। अण्डों से सूडियां निकल कर तनों में घूस कर मुख्य शूट को क्षति पहुचाती है। जिससे बढ़वार की स्थिति में मृतभोग दिखाई देता है।

धान की फसल में भूरा फुदका रोग के निदान हेतु जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने किसानों को सुझाव दिया है कि इमिडाक्लोप्रिड 17.8 प्रति. एस.एल. की 250-350 मिली./हे. मात्रा को 800-1000 ली. पानी में घोलकर छिड़काव करें अथवा फिप्रोनिल 0.3 जी 20 किग्रा. प्रति हे. की दर से 3-5 सेमी. स्थिर पानी में बुरकाव करें। उन्होंने बताया कि भूरा फुदका रोग के कीट के प्रौढ़ भूरे रंग के पंखयुक्त तथा शिशु पंखहीन होते है। इस कीट के शिशु एवं प्रौढ़ दोनो ही पत्तियों एवं कल्लों के मध्य रस चूस कर फसल को हानि पहुंचाते है।

उन्होंने किसानों को सुझाव दिया है कि गन्धी बग कीट के निदान हेतु एजाडिरैक्टिन 0.15 प्रति. ईसी की 2.5 ली. मात्रा को प्रति हे. 800-1000 ली. पानी में घोलकर छिड़काव करें अथव मैलाथियॉन 5 प्रति धूल प्रति हे. 20-25 किग्रा. सुबह के समय बुरकाव करें। उन्होंने बताया कि इस कीट के शिशु एवं पौढ़ लम्बी टांगो वाले भूरे रंग के विशेष गंध वाले होते है। जो बालियों की दुग्धावस्था में दोनो में बन रहे रस को चूस कर क्षति पहुंचाते है।

जिला कृषि रक्षा प्रियानन्दा ने बताया कि कीट/रोग के लगने की दशा में रोगग्रस्त फसल/पौधे के फोटो के साथ विभागीय सहभागी फसल निगरानी एवं निदान प्रणाली (पीसीएसआरएस) के मोबाइल नम्बर 9452247111 एवं 9452257111 पर व्हाटसअप या टेक्सट मैसेज कर समस्या का समाधान प्राप्त कर सकते हैं।

रिक्त राशन की दुकानों के चयन की प्रकिया करें शीघ्र पूर्ण: डीएम

महेश चंद्र गुप्ता

बहराइच। खाद एवं रसद विभाग की योजनाओं की समीक्षा हेतु मंगलवार को देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक के दौरान राशन की रिक्त दुकानों, निलम्बित दुकानों, राशन कार्ड सत्यापन, सिंगल स्टेज परिवहन व्यवस्था, माडल शाप, उज्जवला योजना इत्यादि की समीक्षा करती हुई जिलाधिकारी मोनिका रानी ने जिला पूर्ति अधिकारी व अन्य सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।

राशन की रिक्त दुकानों की समीक्षा के दौरान खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश दिये गये कि यथाशीघ्र समस्त औपचारिकताएं पूर्ण कर नियमानुसार राशन की दुकानों के चयन की प्रकिया पूर्ण की जाय। जिन ग्राम पंचायतों में दुकानों के चयन करने में किसी प्रकार की समस्या हो वहां पर एसडीएम व पुलिस का भी सहयोग लिया जाय। समूहों को आवंटित की जाने वाली राशन दुकानों के मामले में विधिवत जांच पड़ताल के उपरान्त नियमानुसार चयन किया जाय। निलम्बित राशन दुकानों के सम्बंध में उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिये गये कि नियमानुसार कार्रवाही करते हुए निलम्बन के प्रकरणों का यथाशीघ्र निस्तारण किया जाय।

राशन कार्ड के सत्यापन की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि विगत कई माहों से खाद्यान्न प्राप्त न करने वाले कार्डधारकों की सूची तैयार कर उनका सत्यापन करा लिया जाय। सत्यापन में अपात्र पाये जाने पर सम्बन्धित कार्डधारकों का नाम सूची से हटा दिया जाय। नये बनाये गये राशन कार्डो की सूची तैयार कर एसडीएम, बीडीओ, अधि. अधि. नगर निकायों के माध्यम से सत्यापन करा लिया जाय। सिंगल स्टेज परिवहन व्यवस्था की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि नये रूटचार्ट का एसडीएम सत्यापन कर आख्या उपलब्ध कराये। उज्जवला योजना की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी द्वारा डीएसओ को निर्देश दिये गये कि गैस एजेन्सियों से लाभार्थियों की सूची प्राप्त कर आधार फीडिंग का कार्य यथाशीघ्र पूर्ण कराये ताकि लाभार्थियों को सब्सिडी योजना का लाभ प्राप्त हो सके।

डीएम ने एसडीएम को निर्देश दिया कि खाद्यान्न वितरण कार्य के लिए नामित नोडल अधिकारियों से प्रत्येक माह सत्यापन आख्या प्राप्त की जाय। डीएम ने एसडीएम को यह भी निर्देश दिया कि सत्यापन कार्य के लिए नामित नोडल अधिकारियों के साथ प्रत्येक माह बैठक भी करें। बैठक के दौरान आधार फीडिंग/सीडिंग की समीक्षा, ई-के.वाई.सी. की समीक्षा, आई.जी.आर.एस. पर प्राप्त संदर्भों के निस्तारण, उचित दर विक्रेताओं में लाभांश के भुगतान, प्रवर्तन कार्य, मा. उच्च न्यायालय में योजित वादों में शपथ-पत्र दाखिल किये जाने इत्यादि से सम्बन्धित कार्यों की समीक्षा कर सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये।

बैठक का संचालन जिला पूर्ति अधिकारी नरेन्द्र तिवारी ने किया। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी गौरव रंजन श्रीवास्तव, एसडीएम सदर राकेश कुमार मौर्य, पयागपुर के दिनेश कुमार, ईओ नगर पालिका बहराइच प्रमिता सिंह सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी, क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी, पूर्ति निरीक्षक व अन्य सम्बन्धित मौजूद रहे।

मानव वन्यजीव संघर्ष की हुईं 02 घटनाएं: डीएफओ

महेश चंद्र गुप्ता

बहराइच। प्रभागीय वनाधिकारी बहराइच ने बताया कि उपद्रवी भेड़िया के सक्रियता प्रभावित क्षेत्र में हिंसक जानवर द्वारा 02 घटनाएँ कारित की गयी हैं। तहसील महसी अन्तर्गत ग्राम गड़रियनपुरवा, दाखिला-मैकूपुरवा में ग्रामीणों के कथनानुसार 10 सितम्बर 2024 को रात्रि लगभग 11:30 बजे सुमन पुत्री स्वर्गीय लक्ष्मीनरायन आयु लगभग 13 वर्ष को उपद्रवी भेड़िया द्वारा घायल किये जाने की सूचना प्राप्त हुई है। घायल बालिका का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, महसी में उपचार किया जा रहा है तथा घटना स्थल पर वन विभाग की गश्ती टीम द्वारा घटना स्थल के आस-पास के क्षेत्र में ड्रोन कैमरे व पैदल कुम्बिंग कर हिंसक जानवर की पहचान, तलाश एवं रेस्क्यू की कार्यवाही की जा रही हैं।

इसी प्रकार तहसील-महसी के ग्राम-भवानीपुर, पोस्ट-गरेठी गुरुदत्त सिंह में ग्रामीणों के कथनानुसार 1 सितम्बर 2024 को प्रात: लगभग 4:45 बजे कुमारी शिवानी पुत्री किशोरी यादव आयु लगभग 12 वर्ष को उपद्रवी भेड़िया द्वारा घायल किये जाने की सूचना प्राप्त हुई है। घायल बालिका का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, महसी में उपचार किया जा रहा है तथा घटना स्थल पर वन विभाग की गश्ती टीम द्वारा घटना स्थल के आस-पास के क्षेत्र में ड्रोन कैमरे व पैदल कुम्बिंग कर हिंसक जानवर की पहचान, तलाश एवं रेस्क्यू की कार्यवाहियों की जा रही हैं।

बहराइच में नहीं थम रहा भेड़िये का आतंक, एक बार फिर 11 साल की बच्ची पर हमला कर किया घायल, ग्रामीणों में दहशत

लखनऊ/बहराइच। यूपी के बहराइच जिले में भेड़िये का आतंक थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। यहां पर भेड़िये पकड़े जाने के बाद भी हमला करने से बाज नहीं आ रहे है। मंगलवार की रात एक भेड़िये ने 11 साल की बच्ची पर हमला कर दिया। हमले के बाद वह भाग गया। घायल लड़की को इलाज के लिए स्थानीय सरकारी अस्पताल महसी में भर्ती कराया गया है। हमले के बाद से लोगों में दहशत और बढ़ गई है। जिसकी वजह से लोग घर से बाहर निकलने से डरने लगे है। बच्चे डर के मारे स्कूल और किसान अपने खेत में नहीं जा पा रहे है। भेड़िये से निपटने के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा तमाम इंतजाम किये गये है। इसके बाद भी भेड़िये के आगे सारे इंतजाम बेकार साबित हो जा रहे है।

बहराइच में मादा भेड़िया पिंजरे में कैद

पुलिस व प्रशासन के लगातार प्रसाय के बाद महसी क्षेत्र में वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों के साथ घेराबंदी कर एक मादा भेड़िया को मंगलवार को पकड़ लिया। भेड़िया को पिंजरे में रखकर वन रेंज कार्यालय लाया गया और उसका स्वास्थ्य परीक्षण करवाया गया। मादा भेड़िया की उम्र लगभग चार साल बताई जा रही है। इसे गोरखपुर चिड़ियाघर भेजने की तैयारी है। वन विभाग की टीमों ने अब इकलौते बचे भेड़िये को पकड़ने का अभियान तेज कर दिया है।

पूर्व में एक मादा की हो गई थी मौत, तीन बढ़ा रहे चिड़ियाघर की शोभा

वन टीम द्वारा ड्रोन में दिखे भेड़ियों में से चार को पहले की पकड़ा जा चुका है। पकड़े गए भेड़ियों में एक मादा भेड़िया थी, जिसकी रेस्क्यू के बाद मौत हो गई थी। दो भेड़ियों को लखनऊ चिड़ियाघर और एक को गोरखपुर चिड़ियाघर भेजा दिया गया था।

खतरनाक लंगड़ा भेड़िया अब भी पकड़ से बाहर

बताया जा रहा है कि हमलावर भेड़ियों में से एक भेड़िया पैर से जख्मी था और लंगड़ा कर चल रहा था। इस भेड़िये को सबसे ज्यादा खतरनाक बनाता जा रहा है। डीएफओ अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि अब एक भेड़िया बचा है। जिसे पकड़ने के लिए कवायद तेज कर दी गई है। एक लोकेशन मिली है, जहां उसके मौजूद होने की संभावना है। जल्द उसे दबोच लिया जाएगा।

आतंक का पर्याय बने भेड़िये ''वुल्फ डॉग'' नहीं

तराई के बहराइच समेत कई जिलों में आतंक का पर्याय बने भेड़िये ''वुल्फ डॉग'' नहीं हैं। पकड़े गए भेड़ियों के प्रारंभिक अध्ययन के बाद भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) के विशेषज्ञों का यह आकलन है। ये विशेषज्ञ पकड़े गए भेड़ियों का शीघ्र ब्लड सैंपल लेकर उनका आनुवंशिक विश्लेषण (जेनेटिक टेस्टिंग) भी करेंगे। ताकि, सही नतीजों पर पहुंचा जा सके।

भेड़िया एक दिन में 15-20 किमी तक की दूरी लेता है नाप

डब्ल्यूआईआई के विशेषज्ञ डॉ. शहीर खान बताते हैं कि पकड़े गए पांचों भेड़ियों को देखने (लुक) से यही पता चला रहा है कि वे क्रॉस ब्रीड नहीं हैं। डॉ. शहीर करीब एक सप्ताह से बहराइच की उस टीम में शामिल हैं, जो आदमखोर भेड़ियों को काबू में लाने का प्रयास कर रही है। वे बताते हैं कि भेड़िया एक दिन में 15-20 किमी तक की दूरी नाप लेता है। इनका अधिकतम दायरा 250 किमी तक रहता है। यानी, वे बड़ी ही आसानी से नेपाल बॉर्डर पर महराजगंज-सिद्धार्थनगर से पीलीभीत, बरेली और आगे तक का सफल तय कर सकते हैं।

जमीन पर मानव से भी पहले भेड़िया आया, अब हो रही विलुप्त

डॉ. शहीर का अनुमान है कि यूपी में 50-60 से ज्यादा भेड़िये नहीं होंगे। वे मानते हैं कि भेड़ियों के आदमखोर हो जाने पर उन्हें हटा देना ही एकमात्र रास्ता होता है। जमीन पर मानव से भी पहले भेड़िया आया है। अब वे विलुप्त हो रही प्रजातियों में शामिल हैं। इसलिए इंसान को उनके वास क्षेत्र से दूरी बनाए रखना जरूरी है। बहराइच में ड्रोन कैमरे में छह भेड़ियों का समूह कैद हुआ था, जिन्हें आदमखोर ठहराया गया है। इनमें से महज एक भेड़िया ही अभी पकड़ से दूर हैं। वन कर्मियों को उम्मीद है कि शीघ्र ही समूह के इस आखिरी भेड़िये को भी पकड़ा जा सकेगा।

ग्रामवासियों की जन जागरूकता के लिए संचालित किया जा रहा है जन संवाद अभियान

महेश चंद्र गुप्ता

बहराइच। मानव-वन्य जीव संघर्ष की बढ़ती संख्या व अन्य कारणों से वन्य जीवों के आबादी क्षेत्रों में जाने की घटनाओं में हो रही बढ़ोत्तरी के दृष्टिगत् कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग के वनक्षेत्र से लगे ग्रामीण इलाकों में जन सामान्य से समन्वय स्थापित कर उन्हें जागरूक किये जाने विषयक जन संवाद अभियान कार्यक्रम के अन्तर्गत आज दिनांक 10.09.2024 को मोतीपुर रेंज के खड़िया व मुर्तिहा रेंज के सेमरीघटही, गोलहना, सलारपुर, घुमनाभारू एवं निशानगाड़ा रेंज के रमपुरवा गांवों में ग्राम प्रधान व ग्रामीणों की उपस्थिति में वन अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा गोष्ठी का आयोजन कर वन्य जीवों के हमले से बचाव हेतु सुझाव दिया गया कि कृषि कार्य हेतु कृषक समूह में खेतों में जाएं तथा छोटे बच्चों को साथ न ले जाएं। सूर्यास्त के बाद कृषि कार्य हेतु खेतों में न जाएं। शौंच आदि के लिए शौचालय का प्रयोग करें, खुले में शौच न जाएं। घर के बाहर खुले में न सोयें। छोटे बच्चों को सूर्यास्त के पश्चात् खुले में खेलने न दें। वन्य जीव देखे जाने पर स्थानीय वन चौकी, रेंज कार्यालय एवं पुलिस को सूचना दें।

विद्युत एवं यांत्रिक दोष से बन्द नलकूपों को शीघ्र ठीक कराकर उन्हें क्रियाशील किया जाय: राघवेन्द्र प्रताप सिंह

महेश चंद्र गुप्ता

बहराइच। उपाध्यक्ष सिंचाई बन्धु राघवेन्द्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में कल्पीपारा कालोनी स्थित आफीसर्स फील्ड हॉस्टल में जनपद सिंचाई बन्धु समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में अवैध अतिक्रमण को हटाने, कृषकों को पर्याप्त सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने, बन्द/खराब पड़े नलकूपों को दुरूस्त कराने, विद्युत, नलकूप, भूमि संरक्षण विभाग से सम्बन्धित आख्या का निस्तारण किया गया।

नलकूप विभाग को निर्देश दिया गया कि विद्युत एवं यांत्रिक दोष से बन्द नलकूपों को शीघ्र ठीक कराकर उन्हें क्रियाशील किया जाय। विभागीय भूमि पर अतिक्रमण एवं अवैध कब्जों की समीक्षा के दौरान निर्देश दिया गया कि मोतीपुर कालोनी में अवैध कब्जा धारकों को नोटिस भेजने की कार्यवाही की जाय तथा सरयू लिंक चैनल को भी अतिक्रमण से मुक्त किया जाय। बाढ़ खण्ड को निर्देश दिया गया कि समस्त तटबन्धों की सघन निगरानी की जाय।

उपाध्यक्ष श्री सिंह द्वारा सिंचाई विभाग के सम्बन्धित अधिकारियों को नहरों के टेल तक पानी पहुंचाने एवं कृषकों को प्रयाप्त मात्रा में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देष दिये गये। बैठक में सम्बन्धित अधिकारी व अन्य सम्बन्धित मौजूद रहे।

सहायता अनुदान हेतु 13 सितंबर तक प्रस्ताव आमंत्रित

महेश चंद्र गुप्ता

बहराइच।जिला समाज कल्याण अधिकारी रमा शंकर गुप्ता ने बताया कि भारत सरकार के अधीन जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिये अनुसूचित जनजाति के कल्याण हेतु कार्यरत स्वैच्छिक संगठनों को अनुदान सहायता योजनान्तर्गत गैर सरकारी संगठनों / स्वयंसेवी संगठनों द्वारा संचालित की जा रही परियोजनाओं के लिये सहायता अनुदान हेतु आवेदन-पत्र अग्रेषित किये जाने हेतु जनपद स्तर से कार्य-योजना के प्रेषण हेतु अन्तिम तिथि 15 सितम्बर,

2024 निर्धारित की गयी है। सहायता अनुदान हेतु जनपद में अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों के कल्याण हेतु कार्यरत स्वैच्छिक संगठनों को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिये अनुदान सहायता योजनान्तर्गत प्रस्ताव उपलब्ध कराये जाने हेतु कार्य योजना / प्रस्ताव 13 सितम्बर, 2024 तक आमंत्रित है।इसके पश्चात् प्राप्त होने वाले प्रस्तावों पर कोई विचार नहीं किया जायेगा।

मगरमच्छ के हमले से बालक की मौत, पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा

महेश चंद्र गुप्ता

बहराइच। जंगल से सटे गोकुलपुर गांव निवासी एक बालक पर मगरमच्छ ने हमला कर दिया। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

कोतवाली मुर्तिहा अंतर्गत गोकुलपुर गांव निवासी शहबान (10) नाले में भैंस नहलाने के लिए गया था। भैंस को नहलाते समय शाहबान पर मगरमच्छ ने हमला कर दिया। इसके बाद उसे नाले में खींच ले गया। काफी देर बाद घर न आने पर परिवार के लोगों ने तलाश शुरू की।

कपड़ा नाले के निकट देख लोगों को शक हुआ। एक घंटे बाद शव बरामद कर लिया गया। बालक की मौत से परिवार में कोहराम मच गया। घटना की जानकारी पुलिस को दी गई। प्रभारी निरीक्षक अमितेंद्र कुमार ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

जन्म-मृत्यु प्रमाण-पत्र जारी करते समय विशेष सतर्कता बरती जाय: डीएम

महेश चंद्र गुप्ता

बहराइच। निकायों के कार्यों की समीक्षा हेतु कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक के दौरान जिलाधिकारी मोनिका रानी ने अधिशासी अधिकारियों को निर्देश दिया कि अधिवक्ताओं की सुविधा के लिए पुरूष व महिलाओं के लिए शौचालय का निर्माण कराया जाय। डीएम ने निर्देश दिया कि सभी निकाय समुचित साफ-सफाई, कूड़ा उठान व जल निकासी पर विशेष ध्यान दें। डीएम ने निर्देश दिया कि निकाय अन्तर्गत निराश्रित गोवंशों को गो आश्रय स्थलों में संरक्षित किया जाय। समस्त निकायों को निर्देश दिया गया कि निकट भविष्य में संचालित होने वाले स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान के लिए बेहतर तैयारी करें ताकि जिले की रैंक प्रभावित न होने पाये।

डीएम मोनिका रानी ने सुझाव दिया कि निजी विद्यालयों के छात्र-छात्राओं से सहयोग प्राप्त कर निकाय अन्तर्गत निष्प्रयोज्य सामग्री से आर्टिस्टिक मैटेरियल तैयार कर नगर के पार्कों में स्थापित किया जाय। इस कार्य से बच्चों को नवाचार के लिए प्रेरणा मिलेगी और वे घरेलू निष्प्रयोग्य सामग्री से भी सजावटी आईटम तैयार कर अपने-अपने घरों की शोभा बढ़ा सकेंगे। डीएम ने निकायों को निर्देश दिया कि नगर के प्रमुख चौराहों पर हाईमास्ट लाईट स्थापित की जायें। डीएम ने निर्देश दिया कि आसन्न त्यौहारों के मद्देनजर वार्डों तथा धार्मिक स्थलों के आस-पास साफ-सफाई, प्रकाश, पानी इत्यादि की माकूल व्यवस्था के साथ आवश्यकता के अनुसार मार्गों की मरम्मत भी करा दी जाय।

डीएम ने निकायों को निर्देश दिया कि कूड़ा ढोने वाली गाड़ियों को ग्राउण्ड पोजिशनिंग सिस्टम से लैस कर दिया जाय ताकि वाहनों का मानीटरिंग कार्य बेहतर ढंग से हो सके। निकायों को यह भी निर्देश दिया कि पेयजल आपूर्ति के साथ-साथ निकाय अन्तर्गत स्थापित सभी हैण्डपम्पों को भी क्रियाशील रखा जाय। निकायों को निर्देश दिया गया कि जन्म-मृत्यु प्रमाण-पत्र जारी करते समय विशेष सतर्कता बरती जाय। निकायों में संचालित विकास कार्यों की समीक्षा में वित्तीय एवं भौतिक प्रगति संतोषजनक न पाये जाने पर डीएम ने नाराजगी जताते हुए निर्देश दिया कि सभी औपचारिकताएं पूर्ण कर सभी अनारम्भ कार्यों को शीघ्र ही प्रारम्भ करा दिया जाय।

इस अवसर पर प्रभारी निकाय/अपर जिलाधिकारी गौरव रंजन श्रीवास्तव, उप जिलाधिकारी सदर राकेश कुमार मौर्या, पयागपुर के दिनेश कुमार, तहसीलदार मोतीपुर जगदम्बा प्रसाद चौधरी, निकायों के अधिशासी अधिकारी तथा अन्य सम्बन्धित अधिकारी मौजूद रहे।

रेस्क्यू किया गया मादा भेड़िया: डीएफओ

महेश चंद्र गुप्ता

बहराइच। प्रभागीय वनाधिकारी, बहराइच ने बताया कि 09/10 सितम्बर 2024 की रात्रि में हिंसक भेड़िया द्वारा किसी प्रकार की कोई भी घटना कारित नहीं की गई है। बल्कि सेक्टर-01 अन्तर्गत वरिष्ठ अधिकारियों के दिशा निर्देशन में सिसैया चूड़ामणि के हरबक्शपुरवा के कछारी क्षेत्र में संचालित सर्च आपरेशन के दौरान 01 भेड़िया लोकेट किया गया। सर्च आपरेशन में लोकेट किये गये भेड़िया को रेस्क्यू करने हेतु प्रात:काल में प्रारम्भ की गई कार्यवाही के दौरान क अदद उपद्रवी मादा भेड़िया को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है।

डीएफओ ने बताया कि महसी तहसील अन्तर्गत घाघरा नदी के कछारी क्षेत्रों में उपद्रवी भेड़िया के सक्रियता प्रभावित क्षेत्र को निगरानी की दृष्टि से 03 सेक्टरों में बॉटकर नामित सेक्टर प्रभारियों की देख-रेख में रेस्क्यू टीमों द्वारा 04 थर्मल ड्रोनों के माध्यम संवेदनशील क्षेत्रों तथा ग्रामीणों द्वारा बताये गये स्थानों पर उपद्रवी भेड़िया को खोजने की कार्यवाही की जा रही है। इसके अलावा सक्रियता/संवेदनशील क्षेत्रों में कैमरा ट्रैप्स लगाकर तथा गश्ती दल द्वारा पैदल चलकर भेड़िया तथा उसके पगमार्क को खोजने का कार्य किया जा रहा है।

डीएफओ ने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में ग्रामवासियों की सुरक्षा हेतु निरन्तर जागरूकता अभियान संचालित कर गाँवों में पोस्टर व बैनर लगाकर संगोष्ठी/बैठकों के माध्यम से ग्रामवासियों को सुरक्षात्मक उपाय के साथ-साथ उन्हें घर में सुरक्षित सोने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। रेस्क्यू आपरेशन के सूचनाओं के त्वरित आदान प्रदान हेतु प्रभाग स्तर पर स्थापित कन्ट्रोल रूम द्वारा रेस्क्यू टीमों एवं गश्ती दलों से सूचनाएं प्राप्त कर वरिष्ठ अधिकारियों को प्रेषित करने तथा वरिष्ठ अधिकारियों से प्राप्त दिशा निदेर्शों को सर्च आपरेशन में लगी टीमों तक पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। डीएफओ ने बताया कि गश्ती टीमों द्वारा अति संवेदनशील प्रभावित ग्रामों के बाहरी क्षेत्रों में पटाखों को दगाकर उपद्रवी भेड़िया के गाँवों में प्रवेश को रोकने की कार्यवाहियों की जा रही है।