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एयर टैक्सी का सपना होगा जल्द सच,दिल्ली और मुंबई के लोगों को मिलेगी आसमान में उड़ने की सुविधा,DGCA ने दी हरी झंडी।

नयी दिल्ली :- एविएशन सेक्टर के रेगुलेटर डीजीसीए ने वर्टीपोर्ट बनाने और संचालित करने के नियम बना दिए हैं. इंडिगो ने ऐसी 200 मिडनाइट एयर टैक्सी हासिल करने के लिए आर्चर एविएशन से समझौता किया है. शहर की भीड़भाड़ भरी सड़कों पर फंसने के दौरान हम सभी के दिमाग में यह बात एक बार तो जरूर आती है कि काश हम उड़ कर अपनी मंजिल पर पहुंच जाते तो कितना अच्छा होता।तो अब थोड़ा सा सब्र रखिए क्योंकि आपका सपना बहुत जल्द पूरा होने वाला है।

जल्द ही दिल्ली और मुंबई जैसे मेट्रो शहरों में एयर टैक्सी की सुविधा आने वाली है. एविएशन सेक्टर के रेगुलेटर डीजीसीए ने वर्टीपोर्ट नियमों को हरी झंडी दे दी है. इसके बाद अनुमान लगाया जा रहा है कि साल 2026 से एयर टैक्सी देश में चलने लगेगी. 

एयर टैक्सी के लिए वर्टीपोर्ट बनाए जाने के नियमों को दी हरी झंडी 

डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन के नियमों के अनुसार, इन एयर टैक्सी के लिए वर्टीपोर्ट बनाए जाएंगे. इन वर्टीपोर्ट को इस तरह से डिजाइन किया जाएगा कि एयर टैक्सी यहां से वर्टीकल टेक ऑफ और लैंडिंग कर सके. इन वर्टीपोर्ट को एयरपोर्ट की तर्ज पर बनाया जाएगा.

इंडिगो ने आर्चर एविएशन से 200 मिडनाइट एयरक्राफ्ट के लिए की डील

एयर टैक्सी के लॉन्च के लिए पहला प्रयास देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो की पैरेंट कंपनी इंटरग्लोब इंटरप्राइजेज ने किया है. उसने कैलिफोर्निया की कंपनी आर्चर एविएशन से उनके वीटोल एयरक्राफ्ट मिडनाइट को हासिल करने का समझौता किया है।

आर्चर एविएशन एक इलेक्ट्रिक एयर टैक्सी निर्माता है. इंडिगो ने 1 अरब डॉलर का निवेश कर 200 मिडनाइट टैक्सी का आर्डर दे दिया है।

दिल्ली में शुरू हो सकती है पहली एयर टैक्सी, मुंबई इसके बाद  

डीजीसीए के अनुसार, वर्टीपोर्ट के नियम बनाए जाने के लिए उन्होंने सभी स्टेकहोल्डर्स से व्यापक विमर्श किया है. नियमों के मुताबिक, वर्टीपोर्ट के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर, एयर टैक्सी ऑपरेशनल गाइडलाइन्स, बैटरी चार्जिंग, पार्किंग, लैंडिंग और इमरजेंसी रिस्पॉन्स के दिशानिर्देश तय किए हैं. 

इन सभी नियमों का पालन करने के बाद ही वर्टीपोर्ट को क्लीयरेंस दिया जाएगा. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पहली एयर टैक्सी दिल्ली में शुरू हो सकती है. इसके बाद मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई में भी यह सुविधा दी जाएगी।

स्कंद षष्ठी व्रत आज, इस विधि से करें शिव पुत्र कार्तिकेय जी की पूजा


षष्ठी तिथि का दिन भगवान कार्तिकेय को समर्पित है। इसे कुमार षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, स्कंद षष्ठी के दिन व्रत रखने से जातक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं।

शिव पुत्र कार्तिकेय जी की पूजा

 भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन स्कंद षष्ठी का व्रत रखा जाता है। षष्ठी तिथि का दिन भगवान कार्तिकेय को समर्पित होता है। इस कारण से इस दिन को कुमार षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, स्कंद षष्ठी के दिन व्रत रखने से जातक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं व जीवन में खुशहाली आती है। भगवान स्कंद को सुब्रमण्यम, कार्तिकेयन, व मुरुगन आदि नामों से भी जाना जाता है। आइए जानते हैं स्कंद षष्ठी व्रत की पूजा-विधि, शुभ मुहूर्त, व महत्व-

स्कंद षष्ठी 2024 का मुहूर्त

दृक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि 08 सितम्बर को शाम 07 बजकर 58 मिनट से आरंभ हो चुकी है, जो कि 09 सितम्बर को रात 09 बजकर 53 मिनट तक रहेगी। 

उदया तिथि के अनुसार, 9 सितंबर को स्कंद षष्ठी का व्रत रखा जाएगा। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग 18:04 से 06:04, सितम्बर 10 बजे तक। रवि योग- सुबह 06:03 से 18:04 बजे तक रहेगा। 

स्कंद षष्ठी पूजा की विधि

1- स्नान आदि कर मंदिर की साफ सफाई करें। 

2- भगवान श्री कार्तिकेय का जलाभिषेक करें। 

3- प्रभु का पंचामृत सहित गंगाजल से अभिषेक करें। 

4- अब प्रभु को पूजन सामग्री माला, पुष्प, अक्षत, कलावा, सिंदूर और चंदन आदि अर्पित करें। 

5- मंदिर में घी का दीपक प्रज्वलित करें। 

6- पूरी श्रद्धा के साथ भगवान कार्तिकेय की आरती करें। 

7- प्रभु को श्रद्धा अनुसार भोग लगाएं। 

8- अंत में क्षमा प्रार्थना भी करें। 

इस मंत्र का करें जाप- देव सेनापते स्कंद कार्तिकेय भवोद्भव।

कुमार गुह गांगेय शक्तिहस्त नमोस्तु ते॥

ऑनलाइन पेमेंट में भारत ने बनाया नया रिकॉर्ड, अमेरिका-चीन से निकला आगे

नई दिल्ली:- भारत यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) पेमेंट करने के मामले में चीन और अमेरिका से आगे निकल गया है. साथ ही इंडियन UPI पेमेंट प्लेटफॉर्म ने चीन के Alipay और अमेरिका के PayPal को पीछे छोड़ते हुए नया रिकॉर्ड कायम किया है।

दरअसल, भारत में यूपीआई के जरिए इस साल अप्रैल से जुलाई के दौरान कुल 81 लाख करोड़ रुपये का ट्रांजैक्शन हुआ है. यह डिजिटल पेमेंट के जरिए दुनिया में किया गया दुनिया में सबसे ज्यादा लेन-देन है. इतना ही नहीं पिछले साल के मुकाबले यूपीआई पेमेंट करने के मामले में 37 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

58 प्रतिशत बढ़ा UPI ट्राजैक्शन

न्यूज एजेंसी आईएएनएस ने ग्लोबल पेमेंट हब पेसिक्योर की रिपोर्ट के हवाले से बताया कि यूपीआई प्लेटफॉर्म पर हर एक सेकेंड 3,729.1 ट्रांजैक्शन हुए हैं, जबकि यह आंकड़ा साल 2022 पहले तक 2,348 प्रति सेकेंड हुआ करता था. इस तरह यूपीआई पेमेंट में लगभग 58 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

पेसिक्योर के डेटा के अनुसार इस साल जुलाई में यूपीआई से किए गए पेमेंट का आंकड़ा 20.6 लाख करोड़ था, जो एक महीने में किए गए लेन-देन के मामले में सबसे ज्यादा था. इसके अलावा यूपीआई ट्रांजैक्शन ने लगातार तीन महीने 20 लाख करोड़ के आंकड़े को पार किया.

40 फीसदी डिजिटल पेमेंट

रिपोर्ट के मुताबिक डिजिटल लेनदेन में भारत दुनियाभर में सबसे आगे हैं. यहां 40 फीसदी से ज्यादा डिजीटल पेमेंट होते हैं. इनमें से भी सबसे ज्यादा पेमेंट UPI के जरिए किए जा रहे हैं।

100 बिलियन पहुंचेगा आंकड़ा

इस संबंध में नेशनल पेमेंट कोर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के CEO दिलीप असबे का कहना है कि UPI ट्रांजैक्शन अगले 10 साल में 100 बिलियन के आंकड़ो को पार कर जाएगा. उन्होंने बताया कि भारत के साथ संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और मलेशिया जैसे देशों में भी भारत ने यूपीआई पेमेंट शुरू किया है।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के अनुसार कई क्षेत्रों से प्राप्त उत्साहजनक प्रतिक्रिया के आधार पर, रिजर्व बैंक अब "यूपीआई और रुपे को सही मायने में वैश्विक" बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.

हाल ही में मुंबई में आयोजित 'ग्लोबल फिनटेक फेस्ट' में उन्होंने कहा कि विदेशी क्षेत्रों में यूपीआई जैसे बुनियादी ढांचे की तैनाती, अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक स्थानों पर यूपीआई ऐप के माध्यम से क्यूआर कोड-बेस्ड पेमेंट एक्सेर्टेंट की फैसिलिटी प्रदान करना और क्रॉस बॉर्डर रेमिटेंस के लिए यूपीआई को अन्य देशों के फास्ट पेमेंट सिस्टम के साथ जोड़ना उनके एजेंडे में सबसे ऊपर है।

दिल्ली में घूमने की 10 बेहतरीन जगहें: इतिहास, संस्कृति और आधुनिकता का संगम


दिल्ली भारत की राजधानी होने के साथ-साथ एक सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों से भरा शहर है। यहां कई ऐसी जगहें हैं, जहां घूमने का मज़ा ही अलग है। आइए जानते हैं दिल्ली में घूमने की 10 खास जगहों के बारे में:

लाल किला

मुगल सम्राट शाहजहां द्वारा बनवाया गया यह किला दिल्ली का प्रमुख ऐतिहासिक स्थल है। लाल पत्थरों से बना यह किला भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यहां हर साल स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री भाषण देते हैं।

कुतुब मीनार

यह मीनार विश्व धरोहर स्थल में शामिल है और इसकी ऊंचाई लगभग 73 मीटर है। यह मीनार भारत में मुस्लिम शासन के शुरुआती समय की वास्तुकला का एक अद्भुत उदाहरण है।

इंडिया गेट

यह राष्ट्रीय स्मारक प्रथम विश्व युद्ध और अफगान युद्ध के शहीद सैनिकों की याद में बनाया गया था। यहां हर शाम लोग टहलने और पिकनिक का आनंद लेने आते हैं।

अक्षरधाम मंदिर

दिल्ली का अक्षरधाम मंदिर दुनिया के सबसे बड़े हिंदू मंदिरों में से एक है। यहां की भव्य वास्तुकला और शांति पर्यटकों को खासा आकर्षित करती है। यहां शाम को लाइट एंड साउंड शो भी होता है।

हुमायूं का मकबरा

यह मकबरा मुगल सम्राट हुमायूं की याद में बनाया गया था और इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है। इसकी वास्तुकला ताजमहल से प्रेरित मानी जाती है।

लोटस टेम्पल

कमल के आकार में बना यह मंदिर शांति और ध्यान के लिए जाना जाता है। इसे बहाई धर्म के अनुयायियों द्वारा बनवाया गया था, लेकिन यह सभी धर्मों के लोगों के लिए खुला है।

जामा मस्जिद

यह भारत की सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक है। इसे शाहजहां ने बनवाया था और यह मुगल वास्तुकला का बेहतरीन नमूना है। यहां से पुरानी दिल्ली का सुंदर दृश्य भी देखा जा सकता है।

राज घाट

महात्मा गांधी की समाधि स्थल के रूप में प्रसिद्ध राज घाट, एक शांति का प्रतीक है। यहां महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए लोग आते हैं।

चांदनी चौक

दिल्ली का सबसे पुराना और मशहूर बाजार, चांदनी चौक, दिल्ली की संस्कृति और परंपरा को दर्शाता है। यहां आप पुरानी दिल्ली की गलियों में स्वादिष्ट भोजन और शॉपिंग का आनंद ले सकते हैं।

राष्ट्रीय संग्रहालय

यदि आप इतिहास और पुरातत्व के प्रेमी हैं, तो यह संग्रहालय आपके लिए खास जगह है। यहां प्राचीन काल से लेकर आधुनिक काल तक की ऐतिहासिक वस्तुएं और कलाकृतियां देखने को मिलती हैं।

ये 10 स्थान दिल्ली की धरोहर, संस्कृति और इतिहास को बखूबी दर्शाते हैं। यहां जाकर आप दिल्ली के अतीत और वर्तमान को करीब से महसूस कर सकते हैं।

सुनीता विलियम्स के बिना धरती पर लौटा स्पेसक्राफ्ट 'स्टारलाइन' रेगिस्तान में सफल लैंडिंग

एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुश विलमोर को स्पेश स्टेशन ले जाने वाला स्पेस क्राफ्ट 3 महीने बाद धरती पर सुरक्षित लैंड हो गया है। 3 बड़े पैराशूट और एयरबैग की मदद से इसकी लैंडिंग हुई। अमेरिकी अंतरीक्ष एजेंसी ने यह जानकारी दी है।

हालांकि, यह अंतरिक्ष यान दोनों यात्रियों के बगैर धरती पर लौटा है। स्टारलाइनर के साथ जाने वाले सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर अभी अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर ही रहेंगे। स्पेसशिप में खतरे को देखते हुए नासा ने दोनों एस्ट्रोनॉट्स को स्टारलाइनर कैप्सूल से वापस न लाने का फैसला किया था।

आसानी से हुई लैंडिंग

नासा ने बताया कि अमेरिकी समयानुसार शनिवार सुबह तड़के 12 बजकर 1 मिनट पर कैप्सूल ने आधिकारिक रूप से लैंडिंग की। योजना के अनुसार इसके तीनों बड़े पैराशूट खुले, जिसने लैंडिंग को आसान बना दिया। अंतरिक्ष यान ने सुरक्षित रूप से रेगिस्तान की सतह पर उतरा। 

सुनीता विलियम्स ने अंतरिक्ष यान को सुरक्षित रूप से घर वापस लाने के लिए ग्राउंड टीमों की तारीफ की। नासा ने ग्राउंड कंट्रोलर और स्पेस स्टेशन में अंतरिक्ष यात्रियों के बीच बातचीत को जारी किया है, जिसमें विलियम्स ने कहा, 'आप शानदार लोग हैं। आप सबसे अच्छे हैं।' 

नासा के लाइवस्ट्रीम को समाप्त करते हुए बोइंग की लॉरेन ब्रेनके ने एक अंतिम संदेश दिया, 'स्टारलाइनर ने एक बार फिर खुद को अंतरिक्ष में सुरक्षित यात्रा के लिए साबित कर दिया है।'

समुद्र के बजाय जमीन पर लैडिंग

बोइंग स्टारलाइनर कैप्सूल अमेरिकी समय के अनुसार शुक्रवार शाम को 6:04 बजे स्पेस स्टेशन से अनडॉक होकर पृथ्वी की तरफ रवाना हुआ था। स्पेसशिप में कोई क्रू नहीं था, ऐसे में यह ऑटोनॉमस मोड पर धरती की तरफ बढ़ रहा था। 

बोइंग की लैंडिंग की खास बात रही कि यह स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन और नासा के मर्करी कार्यक्रम से जुड़े कैप्सूल की तरह तरह समुद्र में नहीं उतरा। स्टारलाइनर ने सूखी जमीन पर लैंडिंग की। स्टारलाइन के लिए पांच संभावित लैंडिंग स्थल थे- दो न्यू मैक्सिको में, एक यूटा, एक एरिजोना और अंत में एक कैलिफोर्निया में। कैप्सूल ने न्यू मैक्सिको को वॉइट सैंड्स स्पेस हार्बर को चुना। यह क्षेत्र पहले नासा अंतरिक्ष शटल पायलटों को प्रशिक्षित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता था।

छह घंटे में धरती पर पहुंचा

अंतरिक्ष से धरती तक पहुंचने में स्टारलाइनर को छह घंटे का समय लगा। पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश के बाद इसकी गति को धीमा करने के लिए पैराशूट खोले गए थे। आखिर में तीन पैराशूट की मदद से सूखी धरती पर इसकी सॉफ्ट लैंडिंग कराई गई। नासा के लाइव स्ट्रीम से पता चलता है कि इसने बिना किसी बाधा के धरती पर वापसी की। अंतरिक्ष यान ने लगभग 27,400 किमी प्रति घंटे की कक्षीय गति से लगभग अमेरिकी समयानुसार शुक्रवार रात 11 बजे पृथ्वी के वायुमंडल में पुनः प्रवेश किया। 

लगभग 45 मिनट बाद इसने अपनी गति को धीमा करने के लिए पैराशूट खोले। न्यू मैक्सिको के सूखे रेगिस्तान में मौजूद व्हाइट सैंड्स स्पेस हार्बर पर उतरने से कुछ समय पहले इसने अपने एयरबैग के सेट को फुलाया।

आज का इतिहास: आज ही के दिन टूट गया था 'चांद जीतने' का भारत का सपना

नयी दिल्ली : आज 7 सितंबर है. आज ही के दिन वर्ष 2019 में एक बड़ी उपलब्धि भारत के नाम दर्ज होते होते रह गई और भारत इतिहास में नाम दर्ज कराने से चूक गया. जी हां, हम बात कर रहे हैं चंद्रयान-2 अभियान की. उस दिन भारत ने लैंडर विक्रम को चांद पर उतारने की कोशिश की थी, लेकिन चांद की सतह से महज 2.1 किमी दूर लैंडर का इसरो कंट्रोल रूम से संपर्क टूट गया. लेकिन देश दुनिया के लिए इससे पहले और इसके बाद में आए 7 सितंबर के नाम कई ऐतिहासिक चीजें जुड़ी हुईं हैं. आइए जानते हैं आज का इतिहास.

1812: नेपोलियन ने रूसी सेना को हराया.

1822: ब्राजील ने पुर्तगाल से अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की.

1906: बैंक ऑफ इंडिया की स्थापना.

1921: मिस अमेरिका प्रतियोगिता की शुरुआत की गई.

1923 : विएना में इंटरपोल की स्थापना

1927: फिलियो टेलर ने पूर्णतः इलेक्ट्रॉनिक टीवी बनाने में सफलता हासिल की.

1931: लंदन में गोलमेज सम्मेलन का दूसरा सत्र शुरू

1940: दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी ने अपनी वायुसेना के जरिए ब्रिटेन के शहरों पर बमबारी शुरू की.

1963 : अशोक चक्र विजेता विमान परिचारिका नीरजा भनोट का जन्म। नीरजा ने एक अपहृत विमान के यात्रियों को बचाने के दौरान अपनी जान गंवा दी थी.

1986 : बिशप डेसमंड टूटू केपटाउन के पहले अश्वेत आर्कबिशप बने.

2008 : भारत-अमेरिका परमाणु करार के तहत एनएसजी के 45 सदस्यों ने भारत को अन्तरराष्ट्रीय बिरादरी से परमाणु व्यापार की छूट दी.

2009 : भारत के पंकज आडवाणी ने विश्व पेशेवर बिलियडर्स का ख़िताब जीता.

2011 : दिल्ली उच्च न्यायालय के गेट0 नंबर पांच के बाहर बम विस्फोट में 17 लोगों की मौत, 76 अन्य घायल.

 2004 में आज ही के दिन फिजी के विजय सिंह टाइगर वुड्स को पीछे छोड़कर वर्ल्ड के नंबर-1 गोल्फर बने थे।

2002 में 7 सितंबर के दिन ही इयाजुद्दीन अहमद बांग्लादेश के नए राष्ट्रपति बने थे। 1998 में आज ही के दिन अंतर संसदीय यूनियन (आई.पी.यू.) का 100वां सम्मेलन मास्को में शुरू हुआ था। 

1906 में आज ही के दिन बैंक ऑफ इंडिया की स्थापना हुई थी।

2009 में आज ही के दिन 55वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 2007 में सर्वश्रेष्ठ फिल्म का खिताब कोजीवरम को मिला।

2009 में 7 सितंबर को ही भारत के पंकज आडवाणी ने विश्व पेशेवर बिलियर्ड्स का खिताब जीता था।

2009 में आज ही के दिन सूखे को देखते हुए वित्त मंत्रालय ने गैर योजना खर्च में 10 प्रतिशत की कटौती के आदेश दिए थे।

2008 में 7 सितंबर के दिन ही खगोलविदों ने हमारी आकाश गंगा के बीचों-बीच मौजूद विशालकाय ब्लैकहोल ने अंदर साफ-साफ देखने में सफलता पाई थी।

7 सितंबर को जन्में प्रसिद्ध व्यक्ति

1963 में 7 सितंबर के दिन ही अशोक चक्र विजेता विमान परिचारिका नीरजा भनोट का जन्म हुआ था।

1950 में आज ही के दिन प्रसिद्ध लेखक, नाट्य निर्माता तथा निर्देशक अनिल चौधरी का जन्म हुआ था।

1948 में 7 सितंबर को ही मलयालम फ़िल्म अभिनेता ममूटी का जन्म हुआ था।

1934 में आज ही के दिन प्रसिद्ध फ़िल्म निर्देशक बी. आर. इशारा का जन्म हुआ था।

1922 में 7 सितंबर के दिन ही ब्रिटिश लेखक, निर्माता और अभिनेता डेविड क्रॉफ्ट का जन्म हुआ था।

7 सितंबर को हुए निधन

2013 में आज ही के दिन त्रिपुरा, गोवा और उत्तर प्रदेश के भूतपूर्व राज्यपाल रोमेश भंडारी का निधन हुआ था।

1998 में 7 सितंबर को ही स्वतंत्रता सेनानी और गुजरात और मध्य प्रदेश के भूतपूर्व राज्यपाल के. एम. चांडी का निधन हुआ था।

7 सितंबर को प्रमुख उत्सव

 ब्राजील का स्वतंत्रता दिवस।*

बेंगलुरू में ओला ड्राइवर ने राइड कैंसिल करने पर युवती को मारा थप्पड़, युवती ने इसकी सूचना पुलिस को दी


बेंगलुरू : बेंगलुरू में गुरुवार को एक घटना सामने आई। इसमें ओला से जुड़े एक ऑटो चालक ने सवारी रद्द करने पर एक युवती के साथ दुर्व्यवहार किया और थप्पड़ मारा। युवती ने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुल‍िस मामले की जांच कर रही है।

विजयनगर उप-मंडल के सहायक पुलिस आयुक्त चंदन कुमार ने पीड़ित को आश्वासन दिया कि मामले में कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

युवती नीति ने बताया कि राइड कैंसिलेशन के बाद ओला ड्राइवर ने उसके साथ मारपीट की।

पीड़िता और उसकी सहेली ने पीक ऑवर्स के कारण ओला पर दो ऑटो बुक किए। पीड़िता ने अपनी यात्रा रद्द कर दी, क्योंकि उसकी सहेली की गाड़ी पहले आ गई और वह उसी गाड़ी में सवार हो गई। 

दूसरे ऑटो ड्राइवर ने उनका पीछा किया और जिस गाड़ी में वह यात्रा कर रही थी, उसे रोकने के बाद वह गुस्से में चिल्लाने लगा और गाली-गलौज करने लगा।

पीड़िता ने बताया, "ऑटो ड्राइवर ने हमारे साथ मारपीट और अभद्रता की। मैंने रिकॉर्डिंग शुरू की, तो वह और भी क्रोधित हो गया। जब मैंने उसे मामले की श‍िकायत करने की बात कही, तो उसने इसकी कोई परवाह नहीं की।"

अब IIT वालों को भी नहीं मिल रही है नौकरी, चार लाख सालाना पैकेज का मिल रहा ऑफर, जानें कैसे बिगड़ रहे हैं हालात


नयी दिल्ली : लाखों बच्चों के बीच कंप्टीशन फेस करने के बाद जेईई और उससे भी कठिन जेईई एडवांस्ड परीक्षा पास करने के बाद आईआईटी में एडमिशन मिलता है. यहां आने के बाद भी घनघोर मेहनत और संघर्ष के बाद बैचलर्स की डिग्री हाथ आती है.

ऐसे में जब सालों की चुनौतियों के बाद सैलरी पैकेज साल का 4 लाख ऑफर हो तो कैंडिडेट के दिल पर क्या बीतती होगी. ऐसा ही हुआ है आईआईटी बॉम्बे में. यहां के एक स्टूडेंट को चार लाख का सैलरी पैकेज ऑफर हुआ है.

क्या है मामला

जब से आईआईटी बॉम्बे के स्टूडेंट को चार लाख का एनुअल सैलरी पैकेज ऑफर हुआ है, तब से जॉब मार्केट में एक नयी बहस छिड़ गई है. अगर आईआईटी से पासआउट स्टूडेंट्स को इतने पैसे मिलेंगे तो बाकी इंडस्ट्री के कैंडिडेट्स का क्या होगा. यूएस डॉलर में बात करें तो ये राशि 4800 यूएस डॉलर हुई.

अभी तक ये साफ नहीं हुआ है कि किस कंपनी ने इतनी सैलरी ऑफर की है पर मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ये पैकेज किसी स्टार्टअप ने ऑफर किया है.

पिछले साल से भी कम हुई सैलरी

पिछले साल से तुलना करें तो ये लोएस्ट सैलरी पैकेज है. पिछले साल यानी साल 2023 में सबसे कम सैलरी पैकेज 6 से 8 लाख का था. इस बार पैकेज और कम हो गया है।

क्या हैं संभावित कारण

विगत सालों में आईआईटी के कैंडिडेट्स को कम सैलरी पैकेज क्यों ऑफर हो रहे हैं, इसके पीछ कई कारण हैं. विभिन्न रिपोर्ट्स की मानें तो इसकी मुख्य वजह इकोनॉमिक स्लोडाउन है. 

पिछले सालों में जॉब मार्केट में गिरावट आयी है जिसके पीछे पेंडमिक भी एक बड़ी वजह रही. बाकी कुछ संभावित कारण ये हो सकते हैं.

सप्लाई और डिमांड का बिगड़ा बैलेंस : 

जिस संख्या में कैंडिडेट्स आईआईटी से ग्रेजुएट हो रहे हैं, उस संख्या में नौकरियां नहीं हैं. खासकर वे जिस ब्रांच के हैं वहां नौकरी और सैलरी दोनों का टोटा है.

इंडस्ट्री की बदलती जरूरतें : 

ऑटोमेशन और एआई के इस्तेमाल के बढ़ने से जॉब मार्केट की डिमांड में बदलाव आया है. इससे ट्रेडिशनल इंजीनियर के रोल में कमी आयी है और इनकी सैलरी पर भी असर पड़ा है.

स्टार्टअप भी है वजह :

आजकल बहुत से आईआईटी पासआउट नये स्टार्टअप्स शुरू कर रहे हैं. कई नये बिजनेस डालते हैं और नौकरी में उतना यकीन नहीं करते. अपने बिजनेस की तरफ कैंडिडेट्स का रुझान बढ़ा है।

ग्लोबल कांपटीशन : ग्लोबल लेवल पर कांपटीशन बहुत बढ़ गया है. टैलेंट की कमी नहीं है और कंपनियां कम सैलरी में अच्छे कैंडिडेट पा रही हैं तो वे ज्यादा पैसा खर्च नहीं करना चाहती.

यहां नहीं कम हुई डिमांड

मोटे तौर पर कहें तो आईआईटी के कैंडिडेट्स की सैलरी में कमी की चर्चा है पर जिन फील्ड्स में डिमांड है, वहां आज भी इन्हें हाथों-हाथ लिया जा रहा है. 

अगर ऐसी ब्रांच चुनी है जो आज के समय में मांग में रहती है तो उतनी समस्या नहीं है और सैलरी पैकेज बढ़िया मिलता है. जैसे कंप्यूटर साइंस, डेटा साइंस और एआई जैसी फील्ड चुनने वाले कैंडिडेट्स को आज भी बढ़िया सैलरी की नौकरी मिल रही है.

कितनी घटी सैलरी

आईआईटी ग्रेजुएट्स की एवरेज एनुअल सैलरी में पिछले सालों में कुछ इस तरह की गिरावट आयी है. जैसे साल 2020 में ये साल के 18 से 20 लाख था जो साल 2024 में घटकर 15 से 18 लाख हो गया.

कुछ ब्रांच जैसे कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग के कैंडिडेट्स को अभी भी 25 से 40 लाख तक सैलरी पैकेज ऑफर हो रहे हैं. इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल इंजीनियरिंग के कैंडिडेट्स की सैलरी घटी है जो साल के 10 से 18 लाख के बीच पहुंच गई है.

सबसे ज्यादा ड्रॉप सिविल, केमिकल और मैटालर्जी के कैंडिडेट्स की सैलरी मे हुआ है जो साल के 8 से 15 लाख पर पहुंच गई है. ये जानकारी विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है.

आज का इतिहास: 2005 में आज ही के दिन ‘परमवीर चक्र सम्मानित’ भारतीय मेजर धनसिंह थापा का हुआ था निधन


नयी दिल्ली : 6 सितंबर का इतिहास काफी महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि 2011 में 6 सितंबर के दिन ही नासा के वैज्ञानिकों के अनुसार भारत-पाकिस्तान सीमा रेखा सुरक्षा के लिए सीमा पर लगाई गई फ्लड लाइटों के कारण अंतरिक्ष से दिखाई देने वाली विश्व की सर्वाधिक जगमग सीमा रेखा है।

2008 में 6 सितंबर को ही डी. सुब्बाराव ने भारतीय रिजर्व बैंक के गर्वनर का कार्यभार संभाला था। 

1988 में आज ही के दिन सोवियत संघ ने भूमिगत परमाणु परीक्षण किया था।

2012 में आज ही के दिन अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए बराक ओबामा डेमोक्रेटिक पार्टी के कैंडिडेट बने थे।

2011 में 6 सितंबर के दिन ही नासा के वैज्ञानिकों के अनुसार भारत-पाकिस्तान सीमा रेखा सुरक्षा के लिए सीमा पर लगाई गई फ्लड लाइटों के कारण अंतरिक्ष से दिखाई देने वाली विश्व की सर्वाधिक जगमग सीमा रेखा है।

1988 में आज ही के दिन सोवियत संघ ने भूमिगत परमाणु परीक्षण किया था।

1986 में 6 सितंबर के दिन ही इस्तांबुल में यहूदी उपासना गृह में हमले में 23 लाेग मारे गए थे।

1968 में आज ही के दिन अफ्रीकी देश स्वाजीलैंड को ब्रिटेन से आजादी मिली थी।

1965 में 6 सितंबर को ही ऑपरेशन जिब्राल्टर में भारतीय सेना ने 3 जगहों से सीमा पार कर पश्चिमी पाकिस्तान पर हमला किया था।

1965 में आज ही के दिन ताशकन्द समझौता (भारत-पाकिस्तान युद्ध) हुआ था।

1958 में 6 सितंबर के दिन ही अमेरिका ने अटलांटिक सागर में न्यूक्लियर टेस्ट किया था।

1952 में आज ही के दिन कनाडा टी.वी. की मॉन्ट्रियल में शुरुआत हुई थी।

1948 में 6 सितंबर के दिन ही जुलियाना नीदरलैंड की महारानी बनीं थीं।

1939 में आज ही के दिन दक्षिण अफ्रीका ने नाजी जर्मनी पर युद्ध की घोषणा की थी।

1937 में 6 सितंबर को ही इल मजूको युद्ध के साथ स्पेन में गृहयुद्ध शुरू हुआ था।

1914 में आज ही के दिन फ्रांस और जर्मनी के बीच मार्ने का युद्ध शुरू हुआ था।

1905 में 6 सितंबर को ही अटलांटा जीवन बीमा कंपनी की शुरुआत हुई थी।

1885 में आज ही के दिन यूरोपीय देश बुल्गारिया का एकीकरण पूरा हुआ था।

1848 में 6 सितंबर के दिन ही अमेरिकी राज्य ओहियो के शहर क्लीवलैंड में राष्ट्रीय अश्वेत सम्मेलन हुआ था।

महिला सम्मान केवल शब्दों में नहीं, व्यवहार में लाने की जरूरत: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु


नई दिल्ली:- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि महिला सम्मान केवल शब्दों में नहीं बल्कि व्यवहार में लाने की जरूरत है। किसी भी समाज के विकास का एक महत्वपूर्ण मानक वहां महिलाओं की स्थिति है। 

वैसे भी देश महिला सशक्तिकरण की दिशा में आगे बढ़ रहा है। ऐसे में अभिभावकों व शिक्षकों की जिम्मेदारी है कि वह बच्चों की ऐसी शिक्षा दें कि वह सदैव महिलाओं की गरिमा के अनुकूल आचरण करें।

राष्ट्रपति ने यह टिप्पणी ऐसे समय की है, जब बंगाल की घटना के बाद देश में महिला सुरक्षा व सम्मान को लेकर नए सिरे से चर्चा शुरू हुई है। समाज का एक बड़ा वर्ग इन घटनाओं से विचलित भी है।