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Aug 26 2024, 19:37

चीन जंग जीतने के लिए बदलेगा अपने पुराने सिद्धांत, नई युद्ध नीति के साथ ताकतवर दुश्मनों से करेगा मुकाबला!

#china_is_making_a_new_war_policy 

दुनिया दो धड़े में बंटती जा रही है। एक तरफ रूस-यूक्रेन में युद्ध लड़ रहे हैं, तो दूसरी तरफ इजराइल-हमास में जंग छिड़ी है।कोई एक पक्ष के समर्थन में खड़ा है, तो कोई दूसरे पक्ष के। इस बीच कई देशों से उलझ रहे चीन ने अपनी “चाल” बदलने की फिराक में है। दरअसल, दुश्मनों को मात देने के लिए चीन ने युद्ध का पुराना सिद्धांत बदलने का भी फैसला किया है। चीन ने यह बात स्वीकार ली है कि उसके दुश्मन अब काफी ताकतवर हो चुके हैं। अब वह मजबूत दुश्मनों और विरोधियों से मुकाबला करने और जीत हासिल करने के लिए नई युद्ध नीति तैयार कर रही है। उसी के अनुसार सेनाओं को तैयार किया जा रहा है।

22 अगस्त को चीन के क्रांतिकारी और सुधारवादी नेता डेंग जियाओपिंग की 120वीं जयंती मनाई गई। वो चीन के एक ऐसे नेता थे, जिन्होंने माओ-त्से-त्यु की मौत के बाद जब देश राजनीतिक और आर्थिक संकट से घिर गया था, तब डेंग ही देश को बाजारवादी अर्थव्यवस्था की ओर लेकर गए थे। उनकी जयंती पर एक कार्यक्रम का आयोजन कर उन्हें याद किया गया। जहां चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने चीनी सेना के फोकस के बारे में बात की।

चाइना पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के कमांडर इन चीफ शी जिनपिंग ने सेना से कहा कि वह राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों की रक्षा के लिए अपनी रणनीतिक क्षमता में सुधार करें। एक शीर्ष रक्षा अधिकारी ने कहा है कि स्थानीय युद्ध जीतने के अपने दशकों पुराने सिद्धांत से हटकर, चीन की सेना मजबूत दुश्मनों और विरोधियों के खिलाफ युद्ध जीतने पर फोकस कर रही है, बीजिंग को अमेरिका समेत कई मोर्चों पर बढ़ती चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

मोर्चों पर चुनौतियों का सामना कर रहाचीन

पीएलए को यह निर्देश तब दिया गया है कि जब चीन बहुत सारे मोर्चों पर चुनौतियों का सामना कर रहा है। वह अपने विस्तार के लिए जो प्रयोग कर रहा है उनसे विवाद खड़े हो रहे हैं और उन विवादों से निपटे बगैर चीन आगे बढ़ नहीं सकता, इसलिए चीनी नेतृत्व को अब लग रहा है कि सैन्य श्रेष्ठता के बगैर आगे बढ़ना मुश्किल है। सैन्य क्षमता ही उसके आगे बढ़ते रहने का रास्ता बना सकती है। ताइवान और दक्षिण चीन सागर, दो ऐसे मुद्दे हैं जिन पर आगे बढ़ने पर चीन का अमेरिका से टकराव होना निश्चित है, ऐसे में सैन्य श्रेष्ठता के बगैर चीन अपने लक्ष्य प्राप्त नहीं कर सकता है।

कौन है चीन के ताकतवर दुश्मन

वैसे तो चीन के भारत, अमेरिका, फिलीपींस, वियतनाम, ताइवान समेत कई दुश्मन हैं। मगर वह अब भारत और अमेरिका को ही दुश्मन नंबर 1 मानता है। चीन को अब लगने लगा है कि भारत और अमेरिका की सैन्य ताकत कई गुना बढ़ गई है। ऐसे में खासककर इन दोनों से पार पानाा चीन के लेए आासान नहीं होगा। चीन जानता है कि सिर्फ एलएसी बॉर्डर पर ही नहीं, बल्कि भारत उसके लिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र से लेकर दक्षिण चीन सागर तक खतरा बनेगा। इसी तरह उसे अमेरिका से भी धरती से आसमान तक प्रतिद्वंदिता से खतरा महसूस हो रहा है। इसलिए चीन ने युद्ध के अपने पुराने सिद्धांतों को बदलने का फैसला किया है। इसके तहत अब उसका एक मात्र लक्ष्य दुश्मन को किसी भी तरह मात देने पर होगा। इसमें कई नियम-कानून ताख पर रखे जा सकते हैं।

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Aug 26 2024, 18:51

केन्द्रीय कर्मचारियों को बड़ी सौगात, क्या 2024 के चुनावों में दिखेगा यूनिफाइड पेंशन स्कीम का असर?

#unifiedpensionschemepotentialpoliticalbenefitsto_bjp 

चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ी सौगात देते हुए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) को लागू करने का फैसला किया है। कर्मचारी लंबे समय से न्‍यू पेंशन स्‍कीम के बजाए ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने की मांग कर रहे थे। पेंशन स्कीम को लेकर सियासी घमासान चलता रहा है। ओपीएस को लेकर कांग्रेस लगातार सरकार को घेरती रही है। ऐसे में पीएम मोदी नीत केंद्र सरकार ने शनिवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए देश में पेंशन योजना का नया प्रारूप पेश किया, जिसे एकीकृत पेंशन योजना अथवा यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) नाम दिया गया है। यह योजना देशभर में 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी। 

केंद्र सरकार को यूपीएस लाने की आवश्यकता इसलिए पड़ी है कि कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने पिछले साल विधानसभा चुनावों से पहले पुरानी पेंशन योजना (OPS) लागू करने की जोरदार वकालत की थी। इसको लेकर कर्मचारी संगठन आंदोलन कर रहे थे और विपक्षी दल उसे हवा देने में भी जुटे हुए थे। खासकर हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों में ओपीसी को मुद्दा बनाने का जबर्दस्त फायदा भी मिला था और उसने वहां सरकार भी बना ली। माना जाता है कि वहां सरकारी कर्मचारी परंपरागत रूप से चुनावों को प्रभावित करने में सक्षम रहे हैं। पार्टी को कर्नाटक में भी इसका काफी फायदा मिला था।

पीएम मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने यूपीएस लाकर लंबे समय से विपक्ष की ओर से की जा रही ओपीएस की मांग को खारिज करने की कोशिश की है। केंद्र सरकार यह योजना ऐसे समय में लाई है कि जब देश के दो राज्यों हरियाणा और जम्मू कश्मीर में चुनावों का ऐलान हो चुका है।जल्द ही महाराष्ट्र और झारखंड में भी चुनाव होने हैं। 

राजनीति के जानकारों का मानना है कि आने वाले विधानसभा चुनावों में यह एक बड़ा फैक्टर साबित हो सकता है। जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में चुनाव तारीखों की घोषणा हो चुकी है। महाराष्ट्र और झारखंड में उसके बाद इसी साल चुनाव होने हैं। अगले साल की शुरुआत में दिल्ली में और आखिर में बिहार विधानसभा के चुनाव भी होने हैं। ऐसे समय में सरकारी कर्मचारियों को केंद्र सरकार से तोहफा मिलना भाजपा और एनडीए के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।

अगर, बीजेपी-शासित राज्यों ने भी केंद्र सरकार की तर्ज पर ही अपने कर्मचारियों के लिए यूपीएस लागू करने का फैसला कर लिया तो यह भी राजनीतिक तौर पर सत्ताधारी गठबंधन के लिए फलदायी हो सकता है।

है यूनिफाइड पेंशन स्कीम 

- इस पेंशन के अंतर्गत अगर किसी कर्मचारी ने 25 साल तक नौकरी है तो रिटायरमेंट से पहले के 1 साल की बेसिक सैलरी का 50% हिस्सा पेंशन के रूप में दिया जाएगा. 

- वहीं आगर किसी की मौत हो जाती है तो मिल रही पेंशन का 60% परिवार पेंशन के रूप में दिया जाएगा

- 10 साल तक काम कर चुके कर्मचारी को 10,000 महीना पेंशन दी जाएगी.  

- यूपीएस स्कीम उन सभी के लिए भी लागू होगी जो एनपीएस के अंतर्गत 2004 में रिटायर हो चुके हैं या 2025 तक रिटायर होंगे.

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Aug 26 2024, 16:20

*जम्मू-कश्मीर चुनावः बीजेपी ने मुस्लिमों पर जताया भरोसा, पहली लिस्ट में जारी 15 सीटों में से 8 सीटों पर मुस्लिमों को टिकट

#bjp_jammu_kashmir_first_phase_voter_list_muslim_candidates 

जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 के लिए बीजेपी ने कमर कस ली है। बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण की कुल 24 विधानसभा सीटों में से 16 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की है। बीजेपी ने पहले 15 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया गया था। कुछ घंटे बाद उम्मीदवारों की दूसरी सूची आई गई, जिसमें सिर्फ एक नाम है। पहली लिस्ट में जारी 15 सीटों में से 8 सीटों पर मुस्लिमों को टिकट दिया है।

अभी जारी 15 प्रत्याशियों की लिस्ट में कम से कम 8 मुस्लिम हैं। भाजपा की सूची में आठ मुस्लिम और सात हिंदू प्रत्याशी हैं, जिनमें से एक सीट पर महिला प्रत्याशी को उतारा गया है। इस तरह 50 फीसदी से भी ज्यादा मुस्लिमों पर भरोसा जताया है। ऐसे में माना जा रहा है कि भाजपा यह चुनाव मुस्लिम प्रत्याशियों और मुस्लिम वोटरों के भरोसे जीतने की योजना भी बनाई है। 

जम्मू-कश्मीर में बीजेपी ने ऐसे ही मुस्लिम उम्मीदवारों पर दांव नहीं खेला है बल्कि सोची-समझी रणनीति के तहत उतारा है। बीजेपी का सियासी आधार जम्मू रीजन के क्षेत्र में है। कश्मीर रीजन में मुस्लिम वोटों के सियासी प्रभाव को देखते हुए बीजेपी ने मुस्लिम कैंडिडेट उतारे हैं। पार्टी ने लोकसभा चुनाव में जम्मू रीजन की दोनों सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। कश्मीर पंचायत चुनाव में भी बीजेपी ने मुस्लिम बहुल इलाकों में मुस्लिमों पर दांव खेला था, जिसमें कुछ हद तक कामयाब रही। इसीलिए विधानसभा चुनाव में भी मुस्लिम पर भरोसा जताया है।

कश्मीर की अवाम खासकर मुस्लिमों का दिल जीतने के लिए नेशनल कॉफ्रेंस ने और अपनी पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में 370 के लिए संघर्ष करने और राज्य का दर्जा बहाली को शामिल किया है। पीडीपी पहले से ही 370 के खिलाफ रही है। इसके चलते ही बीजेपी ने कश्मीर के मुस्लिम बहुल इलाके में मुस्लिम कैंडिडेट उतारकर बड़ा सियासी दांव चला है।

बता दें कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए सोमवार को बीजेपी की पहली लिस्ट आई। पार्टी ने पहले 44 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की, लेकिन कुछ ही देर में इसे वापस ले लिया गया। बाद में पार्टी की तरफ से 15 उम्मीदवारों की नई संशोधित लिस्ट जारी की गई। इस नई लिस्ट में सभी 15 उम्मीदवार पहले जारी की गई लिस्ट वाले ही हैं। इसमें कोई बदलाव नहीं है। हटाई गई लिस्ट में 3 चर्चित चेहरे दो पूर्व डिप्टी CM निर्मल सिंह, कविंद्र गुप्ता और जम्मू-कश्मीर के पार्टी अध्यक्ष रविंद्र रैना का नाम नहीं था।

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Aug 26 2024, 15:50

नॉर्थ कोरिया ने किया सुसाइड ड्रोन का सफल टेस्ट, तानाशाह किम जोंग ने खुद देखा परीक्षण

#north_korea_leader_kim_jong_un_oversees_tests_of_suicide_drones 

अमेरिका और उत्तर कोरिया में तनाव के बीच किम जोंग उन अपनी बढ़ती सैन्य क्षमताओं का प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने 'सुसाइड ड्रोन' से पर्दा उठा दिया है। उत्तर कोरिया ने इसका सफल परीक्षण भी कर लिया है। किम जोंग उन ने खुद घरेलू स्तर पर विकसित हमलावर ड्रोन का परीक्षण देखा है। उत्तर कोरिया की मीडिया केसीएनए ने सोमवार को ड्रोन के टेस्ट की तस्वीरें जारी की हैं। 

दक्षिण कोरियाई मीडिया के मुताबिक, इसका परीक्षण 24 अगस्त को किया गया। किम जोंग ने खुद इसकी निगरानी की थी।कोरियाई सेंट्रल न्यूज एजेंसी, केसीएनए ने कहा कि किम जोंग उन ने उत्तर कोरिया के रक्षा विज्ञान अकादमी के ड्रोन संस्थान पहुंचकर पूरे परीक्षण की निगरानी की। केसीएनए के मुताबिक, इस दौरान किम ने अलग-अलग सिस्टम के विकास और उत्पादन में तेजी लाने की बीत कही। पैदल सेना और विशेष अभियान इकाइयों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले विस्फोटक ड्रोन, टोही और बहुउद्देश्यीय हमले वाले ड्रोन और पानी के नीचे आत्मघाती हमले वाले ड्रोन शामिल हैं।

उत्तर कोरियाई परीक्षण की तस्वीरें सामने आयी हैं। जिसमें एक सफेद ड्रोन दिख रहा है। जिसका पिछला हिस्सा और पंख अंग्रेजी वर्णमाला के अक्षर ‘एक्स’ के आकार के हैं। तस्वीरों में ड्रोन कथित तौर पर दक्षिण कोरिया के मुख्य युद्धक टैंक के-2 को नष्ट करते दिख रहा है।

यह परीक्षण ऐसे समय पर किया गया जब अमेरिका और दक्षिण कोरियाई सेनाएं संयुक्त क्षमताओं को बढ़ाने को बड़े पैमाने पर युद्धाभ्यास कर रही हैं। इस युद्धाभ्यास का उद्देश्य उत्तर कोरिया के बढ़ते परमाणु खतरों से बचाव करना है। दोनों देशों की ओर से कहा गया कि गुरुवार तक चलने वाले इस अभ्यास का उद्देश्य विभिन्न उत्तर कोरियाई खतरों के खिलाफ अपनी तैयारी को बढ़ाना है।

बता दें, ये एक ऐसा ड्रोन है, जो अपने लक्ष्य से टकराकर खुद भी नष्ट हो जाता है और अपने टारगेट को भी तबाह कर देता है। दुश्मन के टैंक को तबाह करने की क्षमता ये ड्रोन रखता है। सामान्य रूप से जहां ड्रोन किसी स्थान पर पहुंचकर वहां मिसाइल या अन्य पेलोड गिराकर हमला करता है, वहीं यह ड्रोन अपने टारगेट तक पहुंचने के बाद उससे टकराकर विस्फोट कर जाता है। आत्मघाती ड्रोन विस्फोटक ले जाने वाले मानवरहित ड्रोन होते हैं, जिन्हें जानबूझकर दुश्मन के लक्ष्यों पर गिराने के लिए तैयार किया जाता है तथा ये प्रभावी रूप से निर्देशित मिसाइलों के रूप में काम करते हैं।

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Aug 26 2024, 14:26

यूक्रेन के हमलों से बौखलाया रूस, जवाब में पुतिन ने की ड्रोन और मिसाइलों से की हमलों बौछार

#russia_unleashes_massive_missile_and_drone_barrage_on_ukraine 

रूस और यूक्रेन के बीच दो साल से ज्यादा समय से जंग जारी है। हाल के दिनों में यूक्रेन की ओर से रूस पर घातक हमले किए गए हैं। यूक्रेन सेना के रूस के कुर्स्क इलाके में कब्जा करने के बाद से आज सोमवार सुबह रूस ने यूक्रेन के अंदर एक बड़ा हमला किया है। सोमवार सुबह यूक्रेन की राजधानी कीव समेत कई शहरों में धमाकों की आवाज सुनाई दी और धुआं उठता हुआ देखा गया है। यूक्रेनी वायु सेना ने बताया कि रूसी बलों ने कीव पर बड़ी संख्या में ड्रोन और मिसाइल दागे और देशभर के कई क्षेत्रों को निशाना बनाया। यूक्रेनी सेना ने बताया कि कई हफ्तों बाद इतने बड़े पैमाने पर हमला किया गया है और देश के ऊर्जा बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया जा रहा है।

रूसी रक्षा मंत्रालय ने टेलीग्राम पर बताया कि यूक्रेन ने रूस के रोस्तोव, सरातोव, कुर्स्क और बेलगोरोड इलाकों को निशाना बनाते हुए एक बड़ा हमला किया। रूसी रक्षा बलों ने रोस्तोव इलाके में कम से कम 44 ड्रोनों को मार गिराने का दावा किया। रोस्तोव में ही वह एयर बेस स्थित है, जहां पर हमला किया गया था। रूस ने इस घटना का कोई और विवरण नहीं जारी किया है।

बता दें कि यूक्रेन सेना ने हाल ही में रूस पर कई हमले किए हैं, जिसमें ताजा हमला सारातोव की 38 मंजिला इमारत पर हुआ है। रूस के सरातोव में 38 मंजिला वोल्गा स्काई आवासीय परिसर में यूक्रेन का एक ड्रोन टकरा गया, जो शहर की सबसे ऊंची इमारत है। यूक्रेन ने रूस सीमा से 2300 किलोमीटर अंदर सारातोव में 38 मंजिला इमारत पर ड्रोन से हमला किया है। इस हमले के बाद पूरे शहर में डर का माहौल है और इस हमले को अमेरिका के 9/11 हमले जैसा बताया जा रहा है।

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Aug 26 2024, 14:09

जम्मू-कश्मीर चुनाव: बीजेपी ने नए सिरे से जारी की प्रत्याशियों की लिस्ट, जानें क्यों पड़ी इसकी जरूरत?

#jammukashmirassemblyelection2024bjpcandidatesnewlist 

भाजपा ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए जारी 44 उम्मीदवारों की पहली सूची वापस ले ली है।बीजेपी ने पुरानी लिस्ट में संशोधन के बाद नई लिस्ट जारी की है। पहले बीजेपी ने 44 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की थी लेकिन कुछ ही देर बाद इसे वापस ले लिया गया। इसमें बदलाव करके बीजेपी ने पहली लिस्ट में सिर्फ 15 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है।

इससे पहले, सोमवार को भाजपा ने 44 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की थी। संशोधन से पहले जारी लिस्ट में पहले चरण के 15, दूसरे चरण के दस और तीसरे चरण के 19 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की गई थी। हालांकि कुछ समय बाद ही इस लिस्ट को वापस ले लिया गया। 

पार्टी ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर तीन चरणों के लिए 44 उम्मीदवारों की सूची अपलोड भी कर दिया था। अब इस लिस्ट को वहां से हटा लिया गया है। सिर्फ पहले चरण के 15 उम्मीदवारों के नाम वेबसाइट पर दिख रहे हैं। बाकी उम्मीदवारों के नाम वापस कर लिए हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि दूसरे और तीसरे चरण के प्रत्याशियों के नाम गलती से सूची में शामिल कर लिए गए थे। सूत्रों की मानी जाय तो दूसरे और तीसरे चरण के उम्मीदवारों पर चर्चा हुई हैं और संभावित उम्मीदवारों के नाम भी तय किए गए हैं लेकिन अभी उसे जारी नहीं किया जाना था।

पहले चरण के प्रत्याशी

इंजीनियर सैयद शौकत गयूर पांपोर से, अर्शीद भट राजपोरा से, जावेद अहमद कादरी शोपियां से, मोहम्मद रफीक वानी अनंतनाग पश्चिम से चुनाव लड़ेंगे। एडवोकेट सैयद वजाहत अनंतनाग से, शगुन परिहार किश्तवाड़ और गजय सिंह राणा डोडा से चुनाव लड़ेंगे। श्रीगुफवाड़ा बिजबेहरा से सोफी यूसुफ, शानगुस अनंतनाग से वीर सराफ चुनाव मैदान में होंगे। इंदरवल से तारिक कीन, पाडेर नागसेनी सीट से सुनील शर्मा, भदरवाह से दिलीप सिंह परिवार चुनाव मैदान में होंगे। बनिहाल से सलीम भट्ट, रामबन से राकेश ठाकुर और डोडा पश्चिम से शक्ति राज परिहार शामिल हैं। 

पहले फेज में इन 24 सीटों पर वोटिंग

पहले फेज में जिन सीटों पर वोटिंग होगी, उनमें पंपोर, त्राल, पुलवामा, राजपोरा, जैनापोरा, शोपियां, डी.एच. पोरा, कुलगाम, देवसर, दूरू, कोकेरनाग (एसटी), अनंतनाग पश्चिम, अनंतनाग, श्रीगुफवाड़ा, बिजबेहरा, शांगस-अनंतनाग पूर्व, पहलगाम, इंदरवाल, किश्तवाड़, पैड डेर, नागसेनी, भद्रवाह, डोडा, डोडा पश्चिम, रामबन और बनिहाल शामिल हैं।

जम्मू कश्मीर में तीन चरणों में वोटिंग

90 विधानसभा सीटों वाले जम्मू कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव होने है। पहले चरण के लिए वोटिंग 18 सितंबर को 24 सीटों पर होगी। पहले फेज के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 27 अगस्त है ऐसे में आज जम्मू-कश्मीर पर बीजेपी की पहली लिस्ट आ सकती है। दूसरे चरण की वोटिंग 25 सितंबर को है, उस दिन 26 सीटों पर वोट डाले जाएंगे और तीसरे और आखिरी चरण की वोटिंग एक अक्टूबर को होगी। तीसरे चरण में सबसे ज्यादा 40 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। मतों की गिनती 4 अक्टूबर को होगी।

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Aug 26 2024, 13:54

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सिंगापुर पहुंचीं, आईएसएमआर के दूसरे राउंड की बैठक में होंगी शामिल

भारत और सिंगापुर के बीच दूसरे राउंड की मंत्री स्तरीय बैठक 26 अगस्त यानी आज सिंगापुर में होगी। बैठक में शाम‍िल होने के ल‍िए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण रविवार को सिंगापुर पहुंचीं। भारत में सिंगापुर के उच्चायुक्त साइमन वोंग ने चांगी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर निर्मला सीतारमण का स्वागत किया। इस दौरान सिंगापुर में भारत की उप उच्चायुक्त पूजा टिल्लू भी मौजूद रहीं।

विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि "यह बैठक दोनों पक्षों को अपनी रणनीतिक साझेदारी के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा करने और इसे आगे बढ़ाने व व्यापक बनाने के लिए नए रास्तों की पहचान करने में सक्षम बनाएगी।"

बता दें कि आईएसएमआर भारत-सिंगापुर द्विपक्षीय संबंधों के लिए एक नया एजेंडा निर्धारित करने के लिए स्थापित एक उच्च स्तरीय व्यवस्था है। आईएसएमआर की दूसरे राउंड बैठक में भारत और सिंगापुर अपने रिश्तों को और मजबूत बनाने और नए आयाम तलाशने पर चर्चा करेंगे।

दोनों देश कई अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर एक जैसे विचार रखते हैं और कई मंचों जैसे, ईस्ट एशिया समिट, जी-20, कॉमनवेल्थ, इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन और इंडियन ओशन नेवल सिंपोजियम के सदस्य हैं। सिंगापुर भारत के लिए एफडीआई का एक प्रमुख स्रोत रहा है।

रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 में, सिंगापुर भारतीय बाजारों में 11.77 अरब डॉलर के निवेश के साथ एफडीआई का सबसे बड़ा स्रोत था। अप्रैल 2000 से मार्च 2024 तक सिंगापुर से एफडीआई का कुल प्रवाह 159.94 अरब डॉलर था।

भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अलावा विदेश मंत्री एस जयशंकर, वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और रेल, सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव शामिल भी होंगे। इस दौरान, भारतीय मंत्री अपने समकक्षों के साथ बातचीत करेंगे। भारत और सिंगापुर के बीच आईएसएमआर की पहली बैठक सितंबर 2022 में नई दिल्ली में हुई थी।

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Aug 26 2024, 13:50

कोलकाता रेप-मर्डर केस छोटी घटना..! कपिल सिब्बल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के पूर्व अध्यक्ष आदिश सी. अग्रवाल ने मौजूदा SCBA अध्यक्ष कपिल सिब्बल से कहा है कि या तो वे 21 अगस्त, 2024 को पारित विवादास्पद प्रस्ताव को वापस लें या फिर सभी SCBA सदस्यों से सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगें। इन मांगों को पूरा न करने पर सिब्बल के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है। सिब्बल को लिखे अपने पत्र में अग्रवाल ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ हुए दुखद बलात्कार और हत्या से संबंधित प्रस्ताव पर गंभीर चिंता व्यक्त की। प्रस्ताव में इस घटना को "लक्षणात्मक अस्वस्थता" बताया गया है और सुझाव दिया गया है कि ऐसी घटनाएं आम बात हैं, अग्रवाल ने मामले की गंभीरता को कम करने के लिए इसकी आलोचना की है।

अग्रवाल का कहना है कि प्रस्ताव को एससीबीए की कार्यकारी समिति ने आधिकारिक रूप से मंजूरी नहीं दी थी, जिससे यह अवैध हो गया। उन्होंने सिब्बल पर घटना की गंभीरता को कम करने के लिए अपने पद का इस्तेमाल करने और संबंधित मामलों में पश्चिम बंगाल सरकार का प्रतिनिधित्व करने के कारण हितों के टकराव को प्रदर्शित करने का आरोप लगाया। पत्र में मांग की गई है कि सिब्बल प्रस्ताव वापस लें और 72 घंटे के भीतर सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगें। अगर ये मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो अग्रवाल ने चेतावनी दी है कि सिब्बल के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है।

अग्रवाल ने आगे सिब्बल की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने प्रस्ताव जारी करके सुप्रीम कोर्ट और आरजी कर मेडिकल कॉलेज मामले में चल रही जांच को प्रभावित करने का प्रयास किया है। उनका तर्क है कि इस कार्रवाई ने एससीबीए अध्यक्ष की भूमिका की विश्वसनीयता और अखंडता को नुकसान पहुंचाया है और चिकित्सा और कानूनी समुदायों पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। एससीबीए कार्यकारी समिति के कई सदस्यों ने भी सिब्बल द्वारा जारी प्रस्ताव पर चिंता व्यक्त की है। उनका आरोप है कि 21 अगस्त, 2024 की तारीख वाला प्रस्ताव एससीबीए के लेटरहेड पर कार्यकारी समिति के समक्ष उचित मंजूरी या प्रस्तुति के बिना प्रसारित किया गया।

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Aug 26 2024, 13:47

इसमें शैतान है, पीट-पीटकर निकाल दूंगा..', पादरी ने बेरहमी से इतना पीटा कि सैमुअल की चली गई जान

 पंजाब के गुरदासपुर जिले में एक 30 वर्षीय दिहाड़ी मजदूर की बेरहमी से पिटाई के बाद मौत हो गई। इस घटना की जानकारी पुलिस ने 25 अगस्त को दी। पुलिस ने बताया कि इस मामले में 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें जैकब मसीह नाम के एक पादरी का नाम भी शामिल है। आरोप है कि पादरी ने "शरीर से बुरी आत्मा निकालने" के नाम पर युवक को पीटा था। इस दौरान उसके साथ 8 और लोग भी शामिल थे।

पीड़ित की पहचान सैमुअल मसीह के रूप में हुई, जो गुरदासपुर के सिंहपुरा गाँव का निवासी था। पुलिस के अनुसार, सैमुअल को दौरे पड़ते थे और वह अक्सर चिल्लाता था। इसी वजह से उसके परिवार ने पादरी जैकब मसीह से संपर्क किया और उनसे घर में आकर प्रार्थना कराने का अनुरोध किया। जैकब मसीह ने परिवार की बात मानी और बुधवार को प्रार्थना कराने का दिन तय किया। उन्होंने परिवार के मन में यह बात डाल दी कि सैमुअल के अंदर शैतान की आत्मा है और उसे पीट-पीटकर बाहर निकालना होगा। पादरी ने इस तरह से परिवार का ब्रेनवॉश किया कि वे भी यह मान गए कि पिटाई से सैमुअल को कुछ नहीं होगा।

इसके बाद जैकब और उसके 8 साथियों ने मिलकर सैमुअल को इतना पीटा कि उसकी मौके पर ही मौत हो गई। परिवार को अगले दिन उसका अंतिम संस्कार करना पड़ा। घटना के बाद सैमुअल की माँ और पत्नी ने जैकब मसीह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने शव को निकालकर पोस्टमार्टम कराया और फिर पादरी व 8 अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की उपयुक्त धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया। इस तरह की घटनाएँ अन्य देशों में भी देखने को मिली हैं। हाल ही में, 9 जनवरी को यूएसए के अटलांटा में भी एक मामला सामने आया था, जहाँ एक साउथ कोरियन महिला का शव एक ट्रंक में मिला था। जांच में पता चला कि एक संगठन ने उसे ईश्वर से मिलाने का वादा किया था, लेकिन बाद में "राक्षस की आत्मा निकालने" के नाम पर उसकी पिटाई कर हत्या कर दी गई।

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Aug 26 2024, 13:28

लद्दाख को लेकर केन्द्र की मोदी सरकार का बड़ा फैसला, पांच नए जिलों का एलान

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केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में पांच नए जिले बनाने का फैसला किया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसकी जानकारी दी।इनके नाम जांस्कर, द्रास, शाम, नुब्रा और चांगथांग होंगे। जांस्कार और द्रास कारगिल रीजन में हैं, जबकि शाम, नुब्रा और चांगथांग लेह रीजन में हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया, 'एक विकसित और समृद्ध लद्दाख के निर्माण के लिए पीएम नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के मद्देनजर गृह मंत्रालय ने केंद्र शासित प्रदेश में पांच नए जिले बनाने का फैसला किया है। नए जिले जांस्कर, द्रास, शाम, नुब्रा और चांगथांग होंगे। हम हर नुक्कड़ और गली में शासन को मजबूत करके लोगों के लिए लाभ को उनके दरवाजे तक ले जाएंगे। मोदी सरकार लद्दाख के लोगों के लिए हरसंभव अवसर पैदा करने के लिए प्रतिबद्ध है।

वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने फैसले के बाद लद्दाख के लोगों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इन जिलों पर अब अधिक ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिससे सेवाओं और अवसरों को लोगों के और करीब लाया जा सकेगा।

दरअसल, मौजूदा समय में लद्दाख रीजन में दो जिले हैं- लेह और कारगिल. गृह मंत्रालय के फैसले के बाद अब लद्दाख में कुल 7 हो गए. लद्दाख रीजन में अतिरिक्त जिलों की मांग काफी समय से हो रही थी. लेह, लद्दाख और कारगिल डिवीजन के सामाजिक और राजनीतिक संगठन बार-बार जिलों की मांग कर रहे थे. इसी के मद्देनजर आज भारत सरकार गृह मंत्रालय का यह अहम फैसला आया है. आजादी के बाद पहली बार लद्दाख रीजन में जिलों की संख्या बढ़ाई गई है. शासकीय व्यवस्था बेहतर हो इसके मद्देनजर यह बड़ा फैसला लिया गया है