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नेपाल के पीएम केपी ओली का कौन सा संदेश लेकर भारत आ रही नेपाल की नवनियुक्त विदेश मंत्री आरजू देउबा राणा

डेस्क : नेपाल की नवनियुक्त विदेश मंत्री आरजू देउबा राणा आज से अपनी 5 दिवसीय भारत की यात्रा शुरू कर चुकी हैं। वह 22 अगस्त को नेपाल वापस होंगी। केपी शर्मा ओली के दोबारा नेपाल का प्रधानमंत्री बनने के बाद वह भारत आ रही हैं। पूर्व में केपी ओली के समय भारत और नेपाल के रिश्ते काफी तनावपूर्ण हो गए थे। केपी ओली को चीन का प्रबल समर्थक माना जाता है। 

अब केपी ओली का खास संदेश लेकर आरजू देउबा राणा नई दिल्ली की पांच दिवसीय आधिकारिक यात्रा शुरू कर चुकी हैं। इस दौरान वह द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने तथा सहयोग को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात करेंगी।

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि जयशंकर के निमंत्रण पर राणा भारत की यात्रा कर रही हैं। यह पदभार संभालने के बाद राणा की विदेश की पहली आधिकारिक यात्रा है। इसमें कहा गया है, ‘‘इस यात्रा के दौरान विदेश मंत्री राणा भारत के अपने समकक्ष जयशंकर के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगी और नेपाल-भारत संबंधों को मजबूत करने तथा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए परस्पर हित के मामलों पर चर्चा करेंगी।’’ 

बयान में कहा गया है कि नेपाल और भारत के बीच आए दिन उच्च स्तरीय यात्राओं के तहत राणा की यात्रा से दोनों पड़ोसी देशों के बीच दशकों पुराने, गहरे तथा बहुआयामी संबंध और मजबूत होंगे।

नयी दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘भारत की ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति के तहत नेपाल उसका एक प्राथमिक साझेदार है। आगामी यात्रा से दोनों पक्षों को द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा करने तथा उसमें प्रगति की समीक्षा करने का अवसर मिलेगा तथा हमारे संबंधों को और मजबूत करने में मदद मिलेगी।’’ 

नेपाल के संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग ने पहले बताया था कि नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा की पत्नी राणा की यात्रा प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक के बाद हो रही है जिसमें विदेश मंत्री के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल की भारत यात्रा का समर्थन किया गया।

जापान से भारत लाए जाएं नेताजी के पार्थिव अवशेष..', सुभाष बाबू के पोते चंद्र बोस ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

 महान स्वतंत्रता सेनानी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते चंद्र कुमार बोस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जापान के रेंकोजी मंदिर से अपने दादा के पार्थिव अवशेषों को भारत लाने की अपील की है। प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में बोस ने शनिवार (17 अगस्त) को कहा कि, "नेताजी सुभाष चंद्र बोस की पुण्यतिथि 18 अगस्त की पूर्व संध्या पर मैं एक बार फिर आपसे नेताजी के अवशेषों को रेंकोजी से भारत लाने की अपील करता हूं।" नेताजी के पोते ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जीवन किंवदंती के दायरे में चला गया है।

चंद्र बोस ने कहा कि, "उनके आकर्षक व्यक्तित्व, मस्तिष्क की प्रखरता, असाधारण साहस, निस्वार्थता और भारत की स्वतंत्रता के लिए अटूट समर्पण ने उन्हें न केवल भारत के पुरुषों और महिलाओं, बल्कि विश्व भर के स्वतंत्रता-प्रेमी लोगों के दिलों और दिमागों में हमेशा के लिए एक नायक बना दिया है।" उन्होंने कहा कि अगस्त 1945 में जापान के आत्मसमर्पण के बाद, जब वे एक जापानी सैन्य विमान से ताइवान से रवाना हो रहे थे, तब हवाई दुर्घटना में उनकी (नेताजी की) मृत्यु हो गई थी। संभवतः वे संघर्ष जारी रखने के लिए सोवियत संघ (आज रूस) जाने की योजना बना रहे थे। इसे कई लोगों ने अपने दुश्मनों से बचने के लिए एक और चाल के रूप में देखा।

नेताजी के पोते ने अपने पत्र में लिखा है कि, "दक्षिण भारत में ब्रिटिश हिरासत में रह रहे प्रिय भाई शरत चंद्र बोस और वियना में उनकी विधवा एमिली सहित करीबी परिवार के सदस्य लगातार सुभाष की वापसी के लिए तरस रहे थे, लेकिन उनमें से किसी को भी 18 अगस्त 1945 के बाद सुभाष के जीवित होने की कोई निश्चित जानकारी नहीं थी।" चंद्र बोस के अनुसार, इसमें कोई संदेह नहीं है कि कुछ लोगों को इस बात पर सचमुच अविश्वास है कि नेताजी की मृत्यु उसी तरह हुई जैसा कि विभिन्न स्रोतों से प्राप्त समकालीन विवरणों में वर्णित है।

उन्होंने पत्र में कहा कि, "आखिरकार वह एक ऐसे व्यक्ति थे, जो एक बार अंग्रेजों को चकमा देकर कलकत्ता से उत्तर भारत होते हुए अफगानिस्तान तक की कठिन यात्रा कर चुके थे और अंततः मास्को से हवाई मार्ग से बर्लिन पहुंचे थे। कुछ ही वर्षों बाद, एक भीषण विश्व युद्ध के बीच, वह जर्मनी से दक्षिण पूर्व एशिया तक की एक और भी अधिक खतरनाक पनडुब्बी यात्रा के दौरान बच गए। ऐसा व्यक्ति कैसे मर सकता है ?" नेताजी के पोते ने आगे कहा कि 1956 में प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की सरकार ने आज़ाद हिन्द फ़ौज (INA) के अनुभवी जनरल शाह नवाज खान की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की थी।

उन्होंने कहा कि, "पहली बार, ताइवान में दुर्घटना और उसके कुछ घंटों बाद नेताजी की मृत्यु के ग्यारह प्रत्यक्ष गवाहों सहित विस्तृत जानकारी आधिकारिक रिपोर्ट में दर्ज की गई। यह उल्लेखनीय है कि विमान में सह-यात्रियों, रनवे के पास जमीन पर मौजूद जापानी सैन्य कर्मियों और अस्पताल में जापानी और ताइवान के चिकित्सा कर्मचारियों से इतने सारे प्रत्यक्ष विवरण होने चाहिए थे। नेताजी के भारतीय सैन्य सहयोगी कर्नल हबीब उर रहमान, जो नेताजी के साथ यात्रा कर रहे थे और दुर्घटना और उसके बाद जीवित बचे थे, भी प्रत्यक्ष गवाहों में से एक थे।"

सरकार द्वारा नियुक्त खोसला आयोग की 1974 की रिपोर्ट ने 1956 के शाह नवाज़ निष्कर्षों की पुष्टि की, जिसे सरकार ने स्वीकार कर लिया था। उन्होंने कहा कि तीसरे और अंतिम सरकार द्वारा नियुक्त न्यायमूर्ति मुखर्जी जांच आयोग की 2005 की रिपोर्ट में यह पाया गया कि नेताजी की मृत्यु उक्त हवाई दुर्घटना में नहीं हुई थी, जो कि मौलिक त्रुटियों पर आधारित थी और इसलिए भारत सरकार ने इसे अस्वीकार कर दिया।

चंद्र बोस ने अपने पत्र में आगे लिखा कि, "अब समय आ गया है कि आपके सक्षम नेतृत्व में भारत सरकार नेताजी से संबंधित फाइलों को सार्वजनिक करने की पहल करे। सभी फाइलों (10 जांच - राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय) के जारी होने के बाद यह स्पष्ट है कि नेताजी की मृत्यु 18 अगस्त, 1945 को हुई थी। इसलिए यह जरूरी है कि भारत सरकार की ओर से अंतिम बयान दिया जाए ताकि भारत के मुक्तिदाता के बारे में झूठी कहानियों पर विराम लग सके।" बोस ने कहा, "अब इस अमर नायक के पार्थिव अवशेषों को उनके गृह देश भारत, जिस भूमि को उन्होंने आजाद कराया था, लाने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए।"

अमेरिका के न्यूयॉर्क में इंडिया डे परेड में राम मंदिर झांकी का विरोध, इस्लामी संगठन बोले- ये मुसलमानों के खिलाफ

अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में आयोजित होने वाली इंडिया डे परेड को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। यह परेड 18 अगस्त, रविवार को होनी है, जिसमें अयोध्या में बने राम मंदिर की झांकी शामिल की गई है। इस झांकी का कई संगठनों ने विरोध किया है, इसे मुस्लिम विरोधी बताते हुए कार्यक्रम से हटाने की मांग की है।

विरोध करने वाले संगठनों का कहना है कि यह मंदिर एक विवादित मस्जिद के स्थान पर बनाया गया है, इसलिए ये मुस्लिम विरोधी है। कुछ अमेरिकी संगठनों ने न्यूयॉर्क के मेयर एरिक एडम्स और गवर्नर कैथी होचुल को पत्र लिखकर इस झांकी को परेड से हटाने की अपील की है। उनका दावा है कि यह झांकी मस्जिद को गिराने और मुसलमानों के खिलाफ हिंसा का महिमामंडन करती है। इस बीच, परेड के आयोजकों ने इन मांगों को खारिज कर दिया है। फेडरेशन ऑफ इंडियन एसोसिएशंस के चेयरमैन अंकुर वैद्य ने बयान दिया कि यह झांकी करोड़ों हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण पवित्र स्थल को दर्शाती है और किसी भी प्रकार की हिंसा या नफरत को बढ़ावा नहीं देती। विश्व हिंदू परिषद ऑफ अमेरिका और हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन ने भी इस झांकी का समर्थन किया है, इसे भारतीय और हिंदू पहचान का महत्वपूर्ण हिस्सा बताया है और कहा है कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का एक प्रयास है।

न्यूयॉर्क के मेयर एरिक एडम्स ने भी कहा कि नफरत के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए, और अगर परेड में कोई झांकी या व्यक्ति नफरत फैलाने का प्रयास कर रहा है, तो ऐसा नहीं होना चाहिए। हालांकि, उनके कार्यालय ने बाद में स्पष्ट किया कि अमेरिकी संविधान के तहत हर व्यक्ति को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है।

नमाज़ पढ़ रहे हैं, DJ बंद करो..! मेरठ में स्वतंत्रता सेनानी अवंती बाई लोधी की शोभायात्रा पर पथराव, बड़ी संख्या में पुलिस तैनात

उत्तर प्रदेश के मेरठ में वीरांगना और स्वतंत्रता सेनानी अवंती बाई लोधी की शोभायात्रा के दौरान सांप्रदायिक तनाव फैल गया, जब मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने यात्रा पर पथराव किया। इस घटना का कारण मस्जिद के सामने डीजे बजाने से शुरू हुआ विवाद था, जो बाद में एक मुस्लिम बच्चे पर स्पीकर गिरने से और भड़क गया।

16 अगस्त को अवंती बाई लोधी के जन्मदिन के अवसर पर लोधी युवा संगठन ने एक शोभायात्रा का आयोजन किया था। यह यात्रा शिवशक्ति नगर स्थित दुर्जन सिंह लोधी मंदिर से शुरू होकर कई स्थानों से होती हुई खैरनगर पहुंची। जब यात्रा हौज वाली मस्जिद के पास पहुंची, तो मुस्लिम समुदाय ने डीजे बजाने पर आपत्ति जताई, उन्होंने कहा कि, उन्हें नमाज़ पढ़ने में समस्या हो रही है। हालांकि, इस विवाद को पहले शांत कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद मुस्लिम समुदाय के एक बच्चे के घायल होने की बात सामने आई। 

मुस्लिम समुदाय का आरोप था कि शोभायात्रा में शामिल म्यूजिक सिस्टम का एक स्पीकर बच्चे पर गिरने से वह घायल हो गया। इसी का बहाना लेकर मुस्लिम भीड़ ने शोभायात्रा पर पथराव कर दिया और कुछ लोगों से मारपीट भी की। अचानक हुए इस हमले से लोधी समाज के लोग हैरान रह गए और उन्होंने भी बचाव में पथराव किया। घटना की सूचना मिलते ही एसपी आयुष विक्रम सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और स्थिति को संभालने के लिए खैरनगर सहित घंटाघर के बाजार बंद करवा दिए। कड़ी सुरक्षा के बीच शोभायात्रा को संपन्न कराया गया और अतिथियों का सम्मान किया गया। तनाव के कारण खैरनगर में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

भाजपा के एक नेता ने दावा किया कि शोभायात्रा का आखिरी डोला आने के दौरान उसका जेनरेटर खराब हो गया था। जब लोधी समाज के युवक जेनरेटर ठीक करने लगे, तो मुस्लिमों ने उसकी चाबी निकाल ली और विरोध करने पर उनसे मारपीट की और पथराव किया। उन्होंने इस घटना पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाने की मांग की। शोभायात्रा की आयोजक समिति के सदस्य प्रवीन लोधी ने कहा कि म्यूजिक सिस्टम का स्पीकर गिरने की बात गलत है, और बालक किसी अन्य कारण से घायल हुआ था।

कोलकाता रेप-मर्डर मामले में भाजपा नेता के खिलाफ केस, BJP के पूर्व सांसद पर लगे ये आरोप

कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में डॉक्टर से रेप-मर्डर मामले की जांच सीबीआई के हाथों में है. इसी बीच कोलकाता पुलिस ने दो अलग-अलग मामलों में FIR दर्ज की है. इसमें एक मामला गलत जानकारी फैलाने के लिए है तो दूसरा पीड़िता की पहचान उजागर करने के लिए. इन दोनों मामलों में कोलकाता पुलिस ने दो डॉक्टर्स और बीजेपी नेता लॉकेट चटर्जी को पूछताछ का नोटिस भेजा है.

कोलकाता पुलिस ने पीड़िता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बारे में कथित तौर पर भ्रामक जानकारी फैलाने के आरोप में डॉ. सुबर्ण गोस्वामी और डॉ. कुणाल सरकार को पूछताछ के लिए बुलाया है. हालांकि, सुबर्ण गोस्वामी का दावा है कि उन्हें अब तक कोई नोटिस नहीं मिला है. अगर मिलेगा तो वह पूछताछ में शामिल होंगे. वहीं, डॉ कुणाल सरकार ने स्वीकार किया है कि उन्हें आज सुबह कोलकाता पुलिस से नोटिस मिला है. वह कल पुलिस मुख्यालय में पेश होंगे क्योंकि वह आज किसी काम से बाहर हैं. 

कोलकाता पुलिस ने बीजेपी पूर्व सांसद लॉकेट चटर्जी को भी पूछताछ के लिए बुलाया है. पुलिस सूत्रों का कहना है कि उन्होंने पीड़िता की पहचान उजागर की और जांच के बारे में गलत जानकारी साझा की. उन्हें आज दोपहर 3 बजे तक पेश होने के लिए कहा गया है. बता दें कि 8-9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर अस्पताल के सेमिनार हॉल में एक महिला डॉक्टर के साथ हैवानियत हुई थी. सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात ग्रेजुएट रेजिडेंट डॉक्टर का कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किया गया. वह बेहोशी की हालत में सेमिनार हॉल में मिली था. उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. उसके शरीर पर कई चोटों के निशान थे.

निर्भया की मां आशा देवी का एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें उन्होंने कहा, 'घटना को बीते एक हफ्ते से ज्यादा हो गए हैं लेकिन अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि लड़की के साथ किसी एक शख्स ने मारपीट की है या उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ है...एक डॉक्टर के साथ इतना घिनौना अपराध तब हुआ है जब वह अस्पताल में ड्यूटी पर थी. जब अस्पताल के अंदर डॉक्टर सुरक्षित नहीं हैं तो हम आम महिलाओं और लड़कियों के बारे में क्या सोच सकते हैं. सभी आरोपियों को तुरंत पकड़ा जाना चाहिए.उन्हें तुरंत सजा मिलनी चाहिए.'

आगरा में होते-होते बचा कोलकाता जैसा कांड! अस्पताल में फाड़ दिए नर्स के कपड़े, फिर जबरदस्ती करने की कोशिश की

 कोलकाता में महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और फिर उसकी हत्या किए जाने का मामला अभी थमा भी नहीं है. इस बीच उत्तर प्रदेश के आगरा में कोलकाता जैसा ही कांड होते-होते बचा गया. आगरा के जिला अस्पताल से एक ऐसी घटना सामने आई, जिसने स्टाफ नर्स और स्वास्थ्य कर्मचारियों को हिलाकर रख दिया है. आरोप है कि जिला अस्पताल की एक स्टाफ नर्स और महिला कर्मचारी को एक मरीज के रिश्तेदारों और अटेंडेंट्स ने पकड़ लिया. पहले नर्स के साथ बदसलूकी और मारपीट की गई और फिर महिला कर्मचारी के कपड़े तक फाड़ दिए और उसे खींच कर ले जाने की कोशिश की जाने लगे.

मरीज के रिश्तेदारों और अटेंडेंट्स ने जब पीड़ित को पकड़ा तो उसने जोर-जोर से चिल्लाना शुरू कर दिया. चीखने-चिल्लाने की आवाज लगाने पर बाकी स्टाफ मौके पर पहुंच गया. इसके बाद नर्स और महिला स्टाफ की जान बच पाई. पीड़ित की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है. घटना सामने आने के बाद लोगों का कहना है कि अगर समय पर बाकी स्टाफ मौके पर नहीं पहुंचता तो आगरा के जिला अस्पताल में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज जैसी घटना हो सकती थी. घटना के विरोध में जिला अस्पताल में जमकर हंगामा हुआ और स्वास्थ्य कर्मचारी काम छोड़कर हड़ताल पर चले गए. हड़ताल पर गए स्वास्थ्य कर्मचारियों ने फिलहाल अपनी हड़ताल वापस ले ली है.

पीड़ित कर्मचारी रामवती ने घटना के बाद बताया अपनी आपबीती सुनाई है और बताया है कि मरीज के अटेंडेंट्स ने कपड़े फाड़ दिए. इसके बाद जबरदस्ती करने की कोशिश की गई. बताया जा रहा है कि आगरा जिला अस्पताल के फीमेल सर्जिकल वार्ड में एक महिला मरीज के पास बैठे अटेंडेंट्स में पुरुष भी शामिल थे. रात के लगभग 11 बजे जब उनसे बाहर जाने को कहा गया तो उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया और विरोध पर मारपीट पर उतर आए. उन्होंने जिला अस्पताल की महिला कर्मचारियों पर दो बार हमला किया. पहली बार हंगामा और मारपीट की. इसके बाद वो अपने और साथियों के साथ आए, जिसमें महिलाएं भी थीं. उन्होंने महिला कर्मचारियों के कपड़े फाड़ दिए और फिर खींच कर ले जाने लगे.

बता दें कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 8-9 अगस्त की रात को पीजी सेकेंड ईयर का छात्रा और ट्रेनी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी गई. घटना के बाद लेडी डॉक्टर का शव अस्पताल के सेमिनार हॉल में 9 अगस्त की सुबह मिला था. इस घटना के बाद देशभर के लोगों में गुस्सा है. इसके बाद देशभर के डॉक्टरों की हड़ताल और विरोध-प्रदर्शन जारी है.

प्रदीप मिश्रा ने निकाली 11 KM लंबी कांवड़ यात्रा, उमड़ा शिव भक्तों का सैलाब, श्री शिवाय नमस्तुभ्यम से गूंज उठा सीहोर, पहुंचे इतने लाख लोग

 अंतरराष्ट्रीय कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के नेतृत्व में शनिवार को सीहोर जिला मुख्यालय पर शिवभक्तों का सैलाब उमड़ा है। कांवड़ यात्रा के लिए देश के अलग-अलग प्रांतों से श्रद्धालु आए। पंडित प्रदीप मिश्रा की अगुवाई में सुबह नौ बजे से कांवड़ यात्रा शुरू हुई, जो 11 किलोमीटर चलकर कुबेरेश्वर धाम पहुंचेगी। कांवड़ यात्रा में शामिल श्रद्धालु बोल बम व श्री शिवाय नमस्तुभ्यम के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। कांवड़ यात्रा को लेकर प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट रहा। चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात थी।

बता दें, प्रतिवर्ष पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा कांवड़ यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। इस बार भी पंडित मिश्रा द्वारा कांवड़ यात्रा निकाली जा रही है। कांवड़ यात्रा जिला मुख्यालय के सीवन नदी घाट से प्रारंभ होकर कुबेरेश्वर धाम पहुंची। कांवड़ यात्रा में शामिल होने के लिए देश के अलग-अलग प्रांतों से श्रद्धालु पहुंचे। पंडित प्रदीप मिश्रा की कांवड़ यात्रा के लिए करीब 450 किलोमीटर दूर अमरावती से करीब पांच से अधिक कांवड़ यात्री पैदल चलते हुए सीहोर पहुंचे। कावड़ यात्रा सुबह नौ बजे शहर के सीवन नदी तट से प्रारंभ, जो जगदीश मंदिर, कोतवाली चौराहा, मेन रोड, इंदौर नाके, सोया चौपाल होते हुए धाम पहुंची। कावड़ यात्रा में करीब पांच लाख श्रद्धालु शामिल हुए।

शिव भक्तों में कावड़ यात्रा को लेकर इतना उत्साह है कि एक दिन पूर्व शुक्रवार को ही कुबेरेश्वरधाम पर एक लाख से अधिक श्रद्धालु देश के कोने-कोने से पहुंच गए थे। शुक्रवार को श्रद्धालुओं के द्वारा भगवान शिव की पूजना अर्चना की गई। कुबेरेश्वधाम पर आने वालों के कारण रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड सहित अन्य स्थानों पर भीड़-भाड़ नजर आ रही है। कांवड़ यात्रा को लेकर प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट नजर आया। कलेक्टर प्रवीण कुमार सिंह, एसपी मयंक अवस्थी ने दो से तीन बार कुबेरेश्वर धाम व सीवन नदी घाट पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। आयोजन को लेकर सीहोर सहित बाहर के जिलों से भी पुलिस बुलाई गई। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात हैं। कलेक्टर प्रवीण के निर्देशों पर सीवन नदी घाट पर मोटर बोट एवं अन्य संसाधनों के साथ एसडीआरएफ की टीम एवं अन्य अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई थी। सीवन नदी घाट पर फायर ब्रिगेड, क्रेन की उपलब्धता एवं अन्य व्यवस्थाओं के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए थे। 

नगर पालिका अध्यक्ष प्रिंस विकास राठौर के निर्देश पर नपा ने सीवन नदी से जल लेने के लिए सीवन नदी पुल के एक छोर से दूसरे छोर तक दोनों ओर पाइप लाइन डालकर प्रत्येक 5-5 फिट की दूरी पर नल लगाए गए हैं, ताकि कांवड़ यात्रियों को घाट पर उतरने की जरूरत नहीं पड़ी और आसानी से जल लेकर कांवड़ यात्रा में शामिल हुए।

वहीं, यात्रा के आयोजन पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि कांवड़ यात्रा को लेकर विठलेश सेवा समिति सहित क्षेत्रवासियों ने अपने-अपने स्तर पर तैयारियां की थी। शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र के सभी समाज के लोगों ने यात्रा में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं के लिए पोहा, नाश्ता, पेयजल, भोजन आदि की निशुल्क व्यवस्था की। यात्रियों के लिए 10 क्विंटल शुद्ध घी का हलवा, 30 क्विंटल से ज्यादा फलहारी खिचड़ी का इंतजाम किया गया है।वहीं शहर के शासकीय और अशासकीय विद्यालयों में भीश्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था की गई है।

सीहोर जिले के ग्राम अमलाह में कुबेरेश्वर धाम जाने वाले श्रद्धालु तीन किलोमीटर लंबे ट्रैफिक जाम में फस गए हैं। आज यानी शनिवार को पंडित प्रदीप मिश्रा की कावड़ यात्रा में शामिल होने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है। इस कारण ग्राम अमलाह में 3 किलोमीटर का जाम लग गया है। प्रशासन ने ग्राम आमलाहा से धामंदा होते हुए भाउखेड़ी से होटल क्रिसेंट चौराहे तक रोड को डायवर्ट किया है। भोपाल से आने वाले यात्रियों को भी क्रिसेंट चौराहे से इछावर रोड पर भाउखेड़ी होते हुए अमलाह में हाईवे पर मिलाया गया है। जबकि इंदौर से आने वाले यात्रिओं के लिए अमलाह से भाऊखेड़ी होते हुए क्रिसेंट चौराहे पर मिलाया गया है।

देहरादून आईएसबीटी पर खड़ी रोडवेज बस में किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म, दो बस ड्राइवर समेत पांच लोग गिरफ्तार

डेस्क: देहरादून आईएसबीटी पर किशोरी के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। एसएसपी अजय सिंह ने प्रेसवार्ता कर बताया कि बस के कर्मचारी किशोरी को दिल्ली से देहरादून लेकर आये थे। इसी बस में पांच लाेगों ने किशोरी के साथ दुष्कर्म किया। 

आरोपी दो बस ड्राइवर, एक कंडक्टर, एक कैशियर और एक सफाई कर्मचरी को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने उत्तराखंड से अनुबंधित बस को भी बरामद कर कब्जे में ले लिया है।

आरोपियों में धर्मेंद्र कुमार(32) पुत्र यशपाल सिंह, निवासी ग्राम बंजारा वाला ग्रांट, थाना बुग्गा वाला, हरिद्वार, देवेंद्र(52) पुत्र फूलचंद निवासी चुड़ियाला, भगवानपुर, हरिद्वार, रवि कुमार(34) पुत्र दयाराम निवासी ग्राम सिला, थाना - नवाबगंज, जिला फर्रुखाबाद, यूपी, राजपाल(57) पुत्र स्व. किशन सिंह निवासी बंजारावाला ग्रांट, थाना बुग्गावाला, हरिद्वार और राजेश कुमार सोनकर(38) पुत्र लाल चंद्र सोनकर निवासी माजरा, पटेलनगर, देहरादून शामिल हैं।

बता दें कि आईएसबीटी पर किशोरी 13 अगस्त की शाम को बदहवास हालत में मिली थी। सहमी किशोरी ने मौके पर कुछ नहीं बताया। इसके बाद उसकी काउंसलिंग कराई गई, तो घटना का खुलासा हुआ। काउंसलिंग में पता चला कि किशोरी के साथ बस में सामूहिक दुष्कर्म किया गया है। किशोरी पंजाब की रहने वाली है। वह उस समय पंजाब से दिल्ली फिर मुरादाबाद ओर फिर देहरादून पहुंची थी। पटेलनगर इंस्पेक्टर केके लुंठी ने बताया कि मामले में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

कुवैत के क्राउन प्रिंस से मिले डॉ. एस जयशंकर, फोटो शेयर कर लिखी खास बात

डेस्क : विदेश मंत्री एस जयशंकर रविवार को एक दिवसीय यात्रा पर कुवैत पहुंचे और इस दौरान वह भारत-कुवैत द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर कुवैत के नेतृत्व के साथ बातचीत करेंगे। जयशंकर के देश में आगमन पर कुवैत के विदेश मंत्री अब्दुल्ला अली अल-याह्या ने उनका स्वागत किया। जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट करके कहा, ‘‘नमस्ते कुवैत। गर्मजोशी के साथ स्वागत करने के लिए विदेश मंत्री अब्दुल्ला अली अल-याह्या का धन्यवाद करता हूं।

 

आज कुवैती नेतृत्व के साथ अपनी मुलाकातों का बेसब्री से इंतजार है।’’ विदेश मंत्रालय ने यात्रा से पहले एक बयान में कहा कि उनकी यात्रा से दोनों देशों को राजनीतिक मसलों, व्यापार, निवेश, ऊर्जा, सुरक्षा, सांस्कृतिक, वाणिज्य दूतावास समेत भारत-कुवैत द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर बातचीत करने का मौका मिलेगा और आपसी हितों के जुड़े क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान भी होगा।

करीब 2 माह पहले कुवैत की एक इमारत में लगी भीषण आग लग गई थी। इस दुर्घटना में 45 भारतीयों की मौत की घटना के करीब दो माह बाद विदेश मंत्री यहां की यात्रा पर आये हैं। कुवैत के मंगाफ में जून में सात मंजिला इमारत में आग लगने से कम से कम 49 विदेशी कामगार मारे गए थे और 50 अन्य घायल हो गए थे।

विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने लिखा, "कुवैत राज्य के क्राउन प्रिंस महामहिम शेख सबा अल-खालिद अल-सबा अल-हमद अल-मुबारक अल-सबा से मुलाकात कर सम्मानित महसूस कर रहा हूं।

राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री की शुभकामनाएं दीं।" भारत और कुवैत के बीच सदियों पुराना सद्भावना और मित्रता का बंधन है। हमारी समकालीन साझेदारी लगातार बढ़ रही है। हमारे संबंधों को उच्च स्तर पर ले जाने के लिए उनके मार्गदर्शन और अंतर्दृष्टि के लिए उन्हें धन्यवाद।"

झारखंड में सियासी हलचल, तीन विधायकों के साथ दिल्ली पहुंचे चंपई सोरेन, बोले-मैं तो निजी काम से आया हूं

डेस्क: झारखंड में कुछ ही दिनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं उससे पहले वहां सियासी हलचल तेज हो गई है। पूर्व सीएम और जेएमएम नेता चंपई सोरेन के भाजपा ज्वाइन करने की बात सामने आ रही है। चंपई सोरेन तीन विधायकों के साथ दिल्ली पहुंच गए हैं। वे एयर इंडिया की फ्लाइट से कोलकाता होते हुए दिल्ली आए हैं। दिल्ली पहुंचने के बाद उन्होंने कहा कि मैं तो दिल्ली अपने निजी काम से आया हूं। मेरा तो दिल्ली आना-जाना लगा रहता है। उन्होंने ये भी कहा कि कोलकाता में मेरी किसी से मुलाकात नहीं हुई है। चंपई ने कहा कि मैं जहां था, अभी तो वहीं हूं।

चंपई सोरेन पहले से ही भाजपा के बड़े नेताओं के संपर्क में हैं और कहा जा रहा है कि वे किसी भी वक्त भाजपा ज्वाइन कर सकते हैं। हालांकि चंपई सोरेन ने ना तो ये कहा है कि वे भाजपा ज्वाइन करने वाले हैं और ना ही इसे सिरे से नकारा है। उनसे जब ये सवाल पूछा गया था तो उन्होंने हंसकर बात टाल दी थी और कहा कि देखिये क्या होता है। 

बता दें कि चंपई सोरेन अगर तीन विधायकों के साथ भाजपा में शामिल होते हैं तो इससे हेेमंत सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा को बड़ा झटका लगेगा।