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दिल्ली शराब घोटाला जेल में बंद अरविंद केजरीवाल को नहीं मिली राहत, सीबीआई की गिरफ्तारी को दी थी चुनौती

#arvind_kejriwal_hearing_on_bail_supreme_court_issues_notice_to_cbi 

दिल्ली शराब घोटाला केस में तिहाड़ जेल में बंद अरविंद केजरीवाल को आज भी राहत नहीं मिल पाई।केजरीवाल ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई की ओर से उनकी गिरफ्तारी को बरकरार रखने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए जमानत अंतरिम मांगी है। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से 23 अगस्त तक जवाब मांगा है और उन्हें अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया है।

सीएम केजरीवाल की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में पक्ष रखा. सिंघवी ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय के मामले में केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिल चुकी है। उन्होंने कोर्ट स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए तत्काल अंतरिम जमानत की मांग की, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि अंतरिम जमानत पर फिलहाल विचार नहीं करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जवल भुयान की पीठ ने जांच एजेंसी सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी को बरकरार रखने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सीबीआई को नोटिस जारी किया।

बता दें कि अरविंद केजरीवाल ने सीबीआई की गिरफ्तारी को वैध ठहराने वाली दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी है।दिल्ली उच्च न्यायालय ने सीबीआई द्वारा की गई गिरफ्तारी को वैध ठहराते हुए 5 अगस्त को मुख्यमंत्री की गियाचिका को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि सीबीआई की कार्रवाई गलत नहीं है। क्योंकि मुख्यमंत्री रहते हुए आप गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।

अरुणाचल प्रदेश में निकाली गई 600 फीट लंबी तिरंगा यात्रा, पीएम मोदी ने दी प्रतिक्रिया

#600_foot_long_tricolour_paraded_in_arunachal_pradesh 

देश कल स्वतंत्रता दिवस मनाने वाला हैं। इससे पहले लोग देशभक्ति के रंग में रंग गए हैं। 'हर घर तिरंगा' अभियान के तहत गली-मोहल्लों, छतों और बालकनी में तिरंगा लहराता नजर आने लगा है। इसी क्रम में अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी कामेंग जिले के सेप्पा की सड़कों पर मंगलवार को 600 फुट लंबा तिरंगा लहराया गया। इस कार्यक्रम में विभिन्न स्थानीय स्कूलों के 2,000 से अधिक छात्रों ने भाग लिया। छात्रों के साथ अरुणाचल प्रदेश के गृह मंत्री मामा नटुंग और स्थानीय विधायक हेयेंग मंगफी सहित कई गणमान्य व्यक्ति और अन्य जिला अधिकारी शामिल हुए।

यह कार्यक्रम 'हर घर तिरंगा' कार्यक्रम के हिस्से के रूप में आयोजित किया गया था, जिसे भारत के 78वें स्वतंत्रता दिवस समारोह से पहले नागरिकों को अपने घरों में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा शुरू किया गया था। जब विशाल तिरंगा सड़कों पर लहराया गया, तो छात्रों ने "वंदे मातरम" का नारा लगाया, जो पूरे शहर में गूंज उठा।

अरुणाचल प्रदेश की अनोखी तिरंगा रैली पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रतिक्रिया दी। पीएम मोदी ने पूर्वी केमांग के सेप्पा में 'हर घर तिरंगा यात्रा' पर प्रसन्नता जताई और कहा कि अरुणाचल प्रदेश एक ऐसी भूमि है, जहां देशभक्ति हर नागरिक के दिल में गहराई से निहित है। अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर प्रधानमंत्री ने लिखा, "अरुणाचल प्रदेश एक ऐसी भूमि है जहाँ देशभक्ति हर नागरिक के दिल में गहराई से समाई हुई है। यह राज्य की जीवंत सांस्कृतिक विरासत में स्पष्ट रूप से परिलक्षित होता है। #हरघरतिरंगा के प्रति ऐसा उत्साह देखकर खुशी हुई"। 

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पूरे देश में 'हर घर तिरंगा' अभियान शुरू किया है। भाजपा 11 अगस्त से 13 अगस्त तक हर विधानसभा क्षेत्र में तिरंगा यात्रा निकाल रही है। यह ऐसे समय में हो रहा है जब भारत 15 अगस्त, 2024 को अपना 78वाँ स्वतंत्रता दिवस मनाने की तैयारी कर रहा है।

चीन के करीबी मुइज़्ज़ू का बदला मिजाज, क्या फिर भारत के करीब आ रहा मालदीव?

#maldives_hands_over_28_islands_to_india_what_prompted_muizzus_shift 

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में मालदीव की तीन दिवसीय यात्रा संपन्न की। दोनों देशों के बीच राजनीतिक विवाद के बाद नई दिल्ली से ये पहली उच्च स्तरीय यात्रा थी। यही नहीं, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू की चीन से नज़दीकी ज़ाहिर होने के बाद यह भारत के किसी बड़े मंत्री की पहली मालदीव यात्रा थी।एस जयशंकर की ये यात्रा भारत की एक बड़ी कूटनीतिक उपलब्धि साबित हुई।एस जयशंकर ने अपनी इस यात्रा में मालदीव में यूपीआई से पेमेंट की सुविधा शुरू करने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किया है। साथ ही मालदीव ने 28 द्वीपों की व्यवस्था को भारत को सौंपने का फैसला लिया है। इन 28 द्वीपों पर अब पानी सप्लाई और सीवर से जुड़ी परियोजनाओं पर काम करने और इसकी देखरेख करने की जिम्मेदारी भारत सरकार की होगी।

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने खुद इसका ऐलान किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, मालदीव के 28 द्वीपों में पानी और नाले से जुड़ी परियोजनाओं को आधिकारिक तौर पर सौंपे जाने के मौके पर डॉक्टर एस जयशंकर से मिलकर खुशी हुई। हमेशा मालदीव की मदद करने के लिए मैं भारत सरकार और खासतौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करता हूं। 

उन्होंने कहा है कि हमारी साझेदारी से दोनों देशों के बीच सुरक्षा, विकास और सांस्कृतिक संबंध और मज़बूत होंगे. हम इस क्षेत्र में ज़्यादा समृद्ध भविष्य का निर्माण करेंगे। मोहम्मद मुइज़्ज़ू ने अपने सोशल मीडिया पर एस जयशंकर के साथ मुलाक़ात की कुछ तस्वीरें भी पोस्ट की हैं। ख़बरों के मुताबिक़ मोहम्मद मुइज़्ज़ू ने भारत को अपने सबसे क़रीबी सहयोगियों में से एक बताया है। वहीं भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी मालदीव के साथ संबंधों को ख़ास बताया है.

यह घटनाक्रम इस साल की शुरुआत में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप यात्रा के बाद भारत और मालदीव के बीच तनावपूर्ण संबंधों के बाद हुआ है। इस यात्रा ने उस समय विवाद खड़ा कर दिया था जब एक मालदीव के नेता ने प्रधान मंत्री मोदी के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया था, जिससे पड़ोसी देशों के बीच तनाव पैदा हो गया था।इसके अतिरिक्त, राष्ट्रपति मुइज़्ज़ू, जो चीन समर्थक रुख और 'इंडिया आउट' अभियान के साथ सत्ता में आए थे, ने पहले द्विपक्षीय संबंधों के लिए चुनौतियाँ पेश की थीं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि, क्या चीन के करीबी मुइज़्ज़ू का मिजाज बदल गया है और मालदीव फिर भारत के करीब आ रहा है?

हालांकि, इस सकारात्मक बदलाव के झलकी राष्ट्रपति मुइज़्ज़ू ने पहले भी दिखाई है। मुइज़्ज़ू ने 12 अगस्त को भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत हमेशा से मालदीव के सबसे करीबी सहयोगियों में से एक रहा है, जो जरूरत पड़ने पर अमूल्य सहायता प्रदान करता रहा है। राष्ट्रपति मुइज़्ज़ू ने प्रधान मंत्री मोदी और भारतीय लोगों के निरंतर समर्थन के लिए गहरा आभार व्यक्त किया।

एस जयशंकर की इस यात्रा पर काफ़ी लोगों की नज़र थी। चीन के सरकारी अख़बार ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है, चीनी विशेषज्ञों ने कहा है कि चीन मालदीव के साथ बहुत खास संबंध या सहयोग की इच्छा नहीं रखता है, जबकि भारत इस इलाके में अपने प्रभुत्व के लिए चीन को एक डर के तौर पर पेश करता है। वैसे चीन के सरकारी अखबार का एस जयशंकर की यात्रा पर नजर रखना ये प्रदर्शित करता है, चीन छटपटा तो रहा है लेकिन वो भारत और मालदीव के रिश्ते खराब करने में नाकाम रहा।

बता दें कि मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जु इंडिया आउट का नारा देकर सत्ता में आए थे। पिछले वर्ष 17 नवंबर को सत्ता हासिल करने के बाद उन्होंने मालदीव में मौजूद भारतीय सैनिकों को वापस भेजने में काफी तेजी दिखाई थी। राष्ट्रपति बनने के बाद उनकी पहली विदेश यात्रा टर्की और दूसरी यात्रा चीन की थी, सामान्य तौर पर मालदीव के राष्ट्रपति की पहली विदेश यात्रा भारत की होती है। पीएम मोदी की लक्षद्वीप यात्रा पर मालदीव के कई मंत्रियों ने विवादित बयान दिए थे, हालांकि डैमेज कंट्रोल करते हुए मोइज्जू ने उन्हें पद से हटा दिया था। मालदीव में लगातार हो रहे ऐसे फैसलों से ये माना जा रहा था कि चीन समर्थक मोइज्जू, चीन के दबाव में भारत से अच्छे रिश्ते नहीं रखेंगे, लेकिन मालदीव को विपक्षी दलों के दबाव और अपनी जरूरतों को देखते हुए, यू-टर्न लेना पड़ा। भारत से रिश्ते सुधारने के लिए मोइज्जू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। माना जा रहा है कि यहीं से दोनों देशों के रिश्ते बेहतर होने की शुरुआत हुई।

पीएम मोदी की लक्षद्वीप यात्रा और मालदीव और भारत के संबंधों में आए तनाव के बाद दोनों देशों में हुआ ये नया समझौता भारत विरोधियों को चुभ सकता है, लेकिन ऐसे वक्त में जब बांग्लादेश में भारत समर्थित सरकार का तख्तापलट हुआ है, ये भारत की कूटनीति के लिहाज से अच्छी खबर है।

बुच्ची बाबू टूर्नामेंट में कप्तान बने ईशान किशन, लिया गया बड़ा फैसला

ईशान किशन पिछले साल से ही टीम इंडिया से बाहर हैं. पिछले साल हुए साउथ अफ्रीका दौरे को वो बीच में ही छोड़कर लौट आए थे जिसके बाद उन्हें टीम इंडिया से ड्रॉप कर दिया गया.

 वो टी20 वर्ल्ड कप में भी नहीं चुने गए. लेकिन अब ईशान किशन ने वापसी की राह में एक कदम आगे बढ़ा लिया है. ईशान किशन जल्द बुच्ची बाबू ट्रॉफी में खेलते नजर आएंगे. बड़ी खबर ये है कि ईशान किशन इस ट्रॉफी में झारखंड की कप्तानी करेंगे. ईशान किशन पिछले कुछ वक्त से फर्स्ट क्लास क्रिकेट नहीं खेल रहे थे 

और इसकी एक वजह उनका इंटरनेशनल क्रिकेट खेलना भी था लेकिन अब टीम इंडिया में वापसी के लिए उन्होंने एक बार फिर झारखंड के लिए खेलने का मन बनाया है.

ईशान किशन इस मैच में दिखाएंगे दम

ईशान किशन की कप्तानी में झारखंड की टीम पहला मैच मध्य प्रदेश के खिलाफ खेलेगी. ईशान किशन के लिए ये अच्छी खबर है क्योंकि इस टीम के खिलाफ उनका बल्ला आग उगलता है. बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने एक घरेलू मुकाबले में मध्य प्रदेश के खिलाफ 94 गेंदों में 173 रन ठोके थे जिसमें उनके बल्ले से 11 छक्के निकले थे. अगर ईशान किशन इस टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो यकीनन उनके लिए टीम इंडिया के दरवाजे खुल सकते हैं.

बुच्ची बाबू टूर्नामेंट का आगाज

बुच्ची बाबू टूर्नामेंट का आगाज 15 अगस्त से होगा. सेमीफाइनल मुकाबले 2 सितंबर और फाइनल 8 सितंबर से होगा. ये चार दिवसीय क्रिकेट टूर्नामेंट है जिसमें 12 टीमें हिस्सा लेती हैं. इन टीमों को चार ग्रुप्स में बांटा गया है. इस टूर्नामेंट में 10 टीमें बाहरी राज्यों की होती हैं जबकि तमिलनाडु की इसमें दो टीमें तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन प्रेसिडेंट इलेवन और टीएनसीए इलेवन खेलती हैं. ये पूरा टूर्नामेंट तमिलनाडु में होगा. मुकाबले नाथम, कोयंबटूर और तिरुनेवेली में होंगे. इस टूर्नामेंट को जीतने वाली टीम को 3 लाख रुपये कैश प्राइज मिलेगा, जबकि रनरअप टीम को 2 लाख रुपये मिलेंगे. इस टूर्नामेंट में ईशान किशन, सरफराज खान, सूर्यकुमार यादव जैसे बड़े नाम खेलते नजर आएंगे.

बुच्ची बाबू टूर्नामेंट के चार ग्रुप

पहले ग्रुप में झारखंड, मध्य प्रदेश और हैदराबाद की टीम हैं.

ग्रुप बी में रेलवे, गुजरात और तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन प्रेसिडेंट इलेवन की टीम हैं.

ग्रुप सी में मुंबई, हरियाणा और टीएनसीए इलेवन खेलेंगी.

ग्रुप डी में जम्मू-कश्मीर, छतीसगढ़ और बड़ौदा की टीम होंगी.

जापान के प्रधानमंत्री का पद छोड़ेंगे फुमियो किशिदा, पार्टी अध्यक्ष का चुनाव लड़ने से भी किया इनकार

#japanese_prime_minister_fumio_kishida_said_he_will_step_down_in_september 

जापान के प्रधानमंत्री ने अपने इस्तीफे का ऐलान किया है। फुमियो किशिदा ने कहा कि वह सितंबर में पद छोड़ देंगे। उन्होंने सितंबर में होने वाले पार्टी अध्यक्ष का चुनाव लड़ने से भी इनकार कर दिया है। फुमियो किशिदा अगले महीने नए अध्यक्ष का चुनाव होते ही पीएम पद से इस्तीफा दे देंगे। जापान के सरकारी टीवी चैनल ने इसकी पुष्टि की है। किशिदा को 2021 में अपनी सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी का अध्यक्ष चुना गया था और उनका कार्यकाल सितंबर में समाप्त हो रहा है।

फुमियो किशिदा ने सत्ताधारी पार्टी लिबरल डेमोक्रेटिक (एलडीपी) की पार्टी के अध्यक्ष पद का चुनाव भी नहीं लड़ने का ऐलान किया है। बता दें कि अक्टूबर 2021 में फुमियो किशिदा ने जापान के प्रधानमंत्री का पदभार संभाला था। किशिदा ने योशीहाइद सुगा की जगह ली थी।

बता दें कि जापान की सत्ताधारी पार्टी पिछले कुछ समय से कई तरह के विवादों में घिरी रही है। पिछले साल दिसंबर में भी राजनीतिक फंडिंग को लेकर विवाद हुआ था। पार्टी के अंदर भी किशिदा के खिलाफ विरोद के स्वर उठ रहे हैं। साथ ही किशिदा की कैबिनेट की अप्रूवल रेटिंग भी लगातार गिर रही है और यह पिछले आठ महीने से सिर्फ 20 प्रतिशत के आसपास ही है। जिसके बाद पार्टी नेताओं का मानना है कि मौजूदा सरकार के नेतृत्व में अगला आम चुनाव जीतना काफी मुश्किल है। जापान में अक्तूबर महीने में चुनाव होने हैं।

बीते अप्रैल में जापान के कई शहरों में उपचुनाव हुए थे, जिनमें नागासाकी, शिमाने और टोक्यो जैसे शहर शामिल हैं। उस उपचुनाव में एलडीपी को हार का सामना करना पड़ा था। उस वक्त भी किशिदा के इस्तीफे की मांग हुई थी, लेकिन किशिदा ने उस वक्त पद छोड़ने से इनकार कर दिया था। इससे साफ है कि किशिदा पर लंबे समय से पद छोड़ने का दबाव था और अब आखिरकार उन्होंने पद छोड़ने का एलान कर दिया है।

बिहार के उद्यमियों के लिए खुशखबरी, अब घर बैठे मिलेगी बिजली की यह सुविधा

डेस्क : बिहार के उद्यमियों के लिए एक बड़ी खबर है। उन्हें अब बिजली कनेक्शन लेने के लिए भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी। आम उपभोक्ताओं की तरह ही उद्यमियों को भी घर बैठे ही बिजली कनेक्शन मिल जाएगा। कंपनी के कार्यालयों का चक्कर नहीं काटना होगा।

दरअसल पिछले दिनों हुई समीक्षा बैठक में पाया गया कि अगर उद्यमियों को बिजली कनेक्शन लेना होता है तो उनको सबसे पहले उन्हें संबंधित क्षेत्र के कार्यपालक अभियंता से प्राक्कलन बनवाना पड़ता है। इसके बाद तार-पोल भी अपने स्तर से ही गड़वाना पड़ता है। मीटर की खरीदारी भी खुद ही कर लगाना पड़ता है। बिजली कंपनी की ओर से जब तक मीटर की जांच नहीं की जाती, तब तक उद्यमियों का बिजली कनेक्शन चालू नहीं हो पाता है। 

इन परेशानियों को इसे देखते हुए ही बिजली कंपनी ने तय किया है कि 150 किलोवाट तक के औद्योगिक कनेक्शन कंपनी के स्तर पर ही दिया जाए। नए नियम के अनुसार उद्यमियों को केवल आवेदन करना होगा। इसके बाद कंपनी के इंजीनियर खुद ही प्राक्कलन तैयार करेंगे। इसके साथ ही संबंधित फैक्ट्री तक तार-पोल की व्यवस्था करेंगे। इस मद में जो खर्च आएगा, वह उद्यमियों को केवल भुगतान करना होगा। 

उद्यमियों को नए नियम के अनुसार कनेक्शन देने के लिए बिजली कंपनी ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। कंपनी ने इसके लिए विनियामक आयोग को प्रस्ताव भेजने का निर्णय लिया है। इसके बाद आयोग की ओर से इस पर निर्णय लिया जाएगा। आयोग की मंजूरी मिलते ही नया नियम लागू हो जाएगा और उद्यमियों को आसानी से कनेक्शन मिलने लगेगा।

राजधानी पटना की सड़के होंगी चकाचक, 120 करोड़ रुपये किए जाएंगे खर्च

डेस्क : राजधानी पटना की सड़के चकाचक होगी। पटना की सड़कों के पुनर्निर्माण औार मरम्मत के लिए नगर विकास विभाग ने 120 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। यह राशि विभिन्न एजेंसियों द्वारा निर्माण कार्य के दौरान क्षतिग्रस्त हुई सड़कों को ठीक करने पर खर्च होगी। इससे पटना नगर निगम के छह अंचलों की अलग-अलग कुल 12 सड़कों का पुनर्निर्माण और मरम्मत होगी। 

नगर विकास विभाग के मंत्री नितिन नवीन ने इसकी जानकारी देते हुए बताया है कि बिहार के विकास में कभी भी राशि की बाधा नहीं होने दी जाएगी। स्वीकृत राशि से पटना निगम के अजीमाबाद, नूतन राजधानी, बांकीपुर, पाटलिपुत्रा, कंकड़बाग और पटना सिटी अंचल में विकास कार्यों को करने में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा कि पटना नगर निगम का कुल क्षेत्रफल 109.21 वर्ग कमी है। आबादी करीब 26 लाख है। इसके अलावा पटना नगर निगम क्षेत्र में विभिन्न कारणों से प्रतिदिन 8 से 9 लाख बाहरी लोगों का आवागमन होता है। ऐसे में शहरी क्षेत्र एवं इसके इर्द-गिर्द रहने वाले नागरिकों की सुविधा के लिए पिछले वर्षों से विभिन्न एजेंसियों से कार्य कराए जा रहे हैं।

मंत्री ने कहा कि इन कार्यों के क्रियान्वयन के क्रम में बड़े स्तर पर सड़कों की खुदाई की जाती है। वर्तमान में भी सड़कों की खुदाई की जा रही है। इन्हीं सड़कों के पुनर्निर्माण और मरम्मत पर यह राशि खर्च होगी।

मुल्क छोड़ने के बाद शेख हसीना ने तोड़ी चुप्पी, जानें क्या-क्या कहा?

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शेख हसीना ने बांग्लादेश से भागने के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से बयान दिया है। हसीना का यह बयान उनके खिलाफ बांग्लादेश में हत्या का मामला दर्ज करने के बाद आया है। शेख हसीना ने सत्ता से हटने और देश छोड़ने के बाद अपने पहले बयान में बांग्लादेश में जुलाई माह के दौरान हुई हत्याओं और बर्बरता में शामिल लोगों के लिए सजा की मांग की है।उनके बयान को बेटे सजीब वाजेद जॉय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया है। इस बयान में उन्होंने बांग्लादेश के निर्माता शेख मुजीबुर्रहमान की मूर्तियों के अपमान और उनके निवास स्थान पर हुई आगजनी को लेकर भी अपना दुख जाहिर किया है।

परिवार के बलिदान को किया याद

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय ने अपने एक्स अकाउंट पर अपनी मां का पहला बयान पोस्ट किया। जिसमें कहा गया है, प्रिय देशवासियों, 15 अगस्त 1975 को बांग्लादेश के राष्ट्रपति, राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान की निर्मम हत्या कर दी गई थी। उनके प्रति गहरा सम्मान रखें। उसी समय मेरी मां बेगम फजीलतुन्नैसा, मेरे तीन भाई स्वतंत्रता सेनानी कैप्टन शेख कमाल, स्वतंत्रता सेनानी लेफ्टिनेंट शेख जमाल, कमाल और जमाल की नवविवाहित दुल्हन सुल्ताना कमाल और रोजी जमाल और मेरे 10 वर्ष के छोटे भाई शेख रसेल की बेरहमी से हत्या कर दी गई। 

मेरे इकलौते चाचा लकवाग्रस्त स्वतंत्रता सेनानी शेख नासिर, राष्ट्रपति के सैन्य सचिव ब्रिगेडियर जमील उद्दीन, पुलिस अधिकारी सिद्दीकुर रहमान, स्वतंत्रता सेनानी शेख फजलुल हक मोनी और उनकी गर्भवती पत्नी आरजू मोनी, कृषि मंत्री स्वतंत्रता सेनानी अब्दुर रब सरनियाबाद, उनके 10 वर्षीय बेटे आरिफ और 13 साल की बेटी बेबी, 4 साल का पोता सुकांत, स्वतंत्रता सेनानी, शहीद पत्रकार भतीजे रेंटू समेत कई अन्य की बेरहमी से हत्या कर दी गयी। मैं 15 अगस्त को शहीद हुए सभी लोगों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करती हूं और शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं।

आंदोलन के नाम पर आतंकवादी हमले

हसीना ने अपने बयान में आगे कहा कि पिछली जुलाई से देश में आंदोलन के नाम पर तोड़फोड़, आगजनी और हिंसा में कई जानें जा रही हैं। आतंकवादी हमलों के परिणामस्वरूप मारे गए छात्रों, शिक्षकों, पुलिसकर्मियों, महिला पुलिस अधिकारियों, पत्रकारों, सांस्कृतिक कार्यकर्ताओं, कामकाजी लोगों, अवामी लीग और सहयोगी संगठनों के नेताओं और कार्यकर्ताओं, पैदल यात्रियों और विभिन्न संस्थानों के श्रमिकों के प्रति मैं अपनी संवेदना व्यक्त करती हूं और आत्मा की शांति की प्रार्थना करती हूं। उन लोगों के प्रति मेरी संवेदनाएं जो मेरी तरह अपने रिश्तेदारों को खोने के दर्द के साथ जी रहे हैं। मैं मांग करती हूं कि इस हत्या और बर्बरता की उचित जांच की जाए और दोषियों की पहचान कर उन्हें उचित सजा दी जाए।

बंगबंधु भवन को लेकर जताया दुख

शेख हसीना ने कहा कि प्रिय देशवासियों हम दोनों बहनों ने 15 अगस्त 1975 को धनमंडी बंगबंधु भवन में हुई नारकीय हत्या की स्मृति वाले घर को बंगाल की जनता को समर्पित किया। इसमें एक स्मारक संग्रहालय बनाया गया था। देश के आम लोगों से लेकर देश-विदेश के गणमान्य लोग इस सदन में आ चुके हैं। यह संग्रहालय आज़ादी का स्मारक है। यह आज धूल भरी है। यह स्मृति हमारे जीवित रहने का आधार थी, वह जलकर राख हो गयी है। यह बहुत दुखद है। 

हसीने ने देशवासियों से की न्याय की अपील

राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान, जिनके नेतृत्व में हमने एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में आत्म-सम्मान प्राप्त किया, अपनी पहचान पाई और एक स्वतंत्र देश प्राप्त किया, उनका घोर अपमान किया गया है। उन्होंने लाखों शहीदों के खून का अपमान किया। मैं देशवासियों से न्याय चाहती हूं। मैं आपसे 15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक दिवस को उचित गरिमा और गंभीरता के साथ मनाने की अपील करती हूं। बंगबंधु भवन में पुष्प माला चढ़ाकर और प्रार्थना कर सभी आत्माओं की मुक्ति के लिए प्रार्थना करें। अल्लाह बांग्लादेश के लोगों को आशीर्वाद दे। खुदा हाफ़िज़। जय बांग्ला जय बंगबंधु।

ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर की जांच के लिए कोलकाता पहुंची सीबीआई की टीम, सामने होंगी ये चुनौतियां

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पश्चिम बंगाल में महिला डॉक्टर से रेप-मर्डर की निष्पक्ष जांच की मांग पर देशभर में जारी डॉक्टरों की हड़ताल के बीच कलकत्ता हाई कोर्ट ने मामला सीबीआई को सौंप दिया है। कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई की टीम कोलकाता पहुंची है। दिल्ली से सीबीआई के अफसर कोलकाता पहुंच गई है। कोलकाता पुलिस मामले से जुड़े सभी दस्तावेज सीबीआई को सौंपेगी। जिसके बाद सीबीआई की टीम फोरेंसिक टीम के साथ मौका-ए-वारदात का दौरा करेंगे।

इससे पहले केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने हत्याकांड की जांच मंगलवार को अपने हाथ में ले ली थी। एजेंसी ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के कुछ ही घंटों के अंदर सभी औपचारिकताएं पूरी कर लीं थीं। जांच एजेंसी में सीबीआई ने नई एफआईआर दर्ज की है। इसके मद्देनजर सीबीआई की दिल्ली से एक टीम मामले कोलकाता पहुंची। सीबीआई ने दिल्ली से एक विशेष चिकित्सा और फोरेंसिक टीम भेजी है। कोलकाता पहुंचने के बाद टीम सबसे पहले न्यू टाउन राजारहाट में बीएसएफ-दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के अधिकारियों से मिलने पहुंची।

सबूतों से छेड़छाड़ की कोशिश!

हालांकि, जिस तरह के हालात पैदा हुए हैं, उस वजह से जांच के दौरान सीबीआई को केस से जुड़े सबूतों को लेकर काफी परेशानी हो सकती है।दरअसल, सीबीआई के मौके पर पहुंचने से पहले ही हैरान कर देने वाला वीडियो सामने आया है। जानकारी के मुताबिक, मेडिकल कॉलेज में जिस जगह पर डॉक्टर के साथ हैवानियत हुई है, उसी जगह के पास तोड़फोड़ की जा रही है। रेजिडेंट डॉक्टर के कमरे से सटे कमरे की मरम्मत की जा रही है और आरोप है कि सेमिनार रूम से जुड़े साक्ष्यों से जानबूझकर छेड़छाड़ की जा रही है। ऐसे में सवाल उठाया जा रहा है कि क्या सीबीआई के आने से पहले सबूतों से छेड़छाड़ की कोशिश तो नहीं हो रही है?

कोलकाता लेडी डॉक्टर से गैंगरेप की आशंका

वहीं, हत्या और रेप के इस मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। महिला डॉक्टर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का हवाला देते हुए डॉ. सुबर्नो गोस्वामी ने कहा कि पीड़िता के शरीर जिस प्रकार की चोटें पाई गई हैं वह एक व्यक्ति से संभव नहीं है। गोस्वामी ने कहा कि फॉरेंसिक एक्सपर्ट ने जो सैंपल लिए हैं। उसमें मृतक लेडी डॉक्टर के प्राइवेट पार्ट काफी मात्रा में सीमेन मिला है। इसकी मात्रा करीब 151 ग्राम के करीब है। गोस्वामी ने कहा कि इतना सीमेन सिर्फ एक से अधिक व्यक्तियों के शामिल होने पर ही संभव है।

केवल पिता को शव देखने की मिली इजाजत

इस बीच, ट्रेनी डॉक्टर के परिवार और रिश्तेदार की ओर से सामने आ रही बातें कई तरह कई सवाल खड़े कर रही हैं। परिवार का कहना है कि हॉस्पिटल अथॉरिटी ने उन्हें फोन करके कहा कि उनकी बेटी ने आत्महत्या कर ली है। फिर जब वे हॉस्पिटल में शव देखने पहुंचे, उन्हें अस्पताल के बाहर तीन घंटे तक इंतजार करना पड़ा, इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, एक रिश्तेदार ने बताया, ‘तीन घंटे बाद… पिता को अंदर जाने, बेटी का शव देखने की अनुमति दी..बेटी की केवल एक तस्वीर क्लिक करने की अनुमति दी गई जिसे उन्होंने बाहर आने पर हमें दिखाया… इस रिश्तेदार ने बताया कि उसके शरीर पर कोई कपड़ा नहीं था… उसके पैर 90 डिग्री अलग-अलग थे… ऐसा तब तक नहीं हो सकता जब तक कि पेल्विक गर्डल टूट न जाए.. इसका साफ मतलब है कि वह दो भागों में एकदम चीर दी गई थी… वह बताते हैं कि बेटी का चश्मा टूटा हुआ था.. ये ही शीशे उसकी आंखों में घुस गए थे.. उसे गला घोंटकर मारा गया…

विनेश फोगाट पर तीसरी बार फैसला टला,16 अगस्त को होगा ऐलान

भारत की स्टार रेसलर विनेश फोगाट की किस्मत पर फैसला एक बार फिर टल गया है. पेरिस ओलंपिक में अपने डिस्क्वालिफिकेशन के खिलाफ कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन (CAS) में अपील करने वाली विनेश फोगाट का इंतजार और बढ़ गया है.

 विनेश ने खुद को सिल्वर मेडल दिए जाने की मांग करते हुए अपील की थी, जिस पर 9 अगस्त को सुनवाई भी हुई थी और उसी शाम फैसला आने की बात की गई थी लेकिन इसे फिर 10 अगस्त तक टाल दिया गया था. 10 अगस्त को भी फैसला नहीं आया और 13 अगस्त को फैसले की तारीख तय की गई थी लेकिन अब एक बार फिर CAS ने इसे 3 दिन के लिए टाल दिया है. अब ये फैसला 16 अगस्त को रात 9.30 बजे (भारतीय समयानुसार) सुनाया जाएगा.

क्या है मामला?

पिछले करीब एक हफ्ते से देश-दुनिया की मीडिया और सोशल मीडिया पर ये मुद्दा छाया हुआ है. 

इसकी शुरुआत 6 अगस्त को पेरिस ओलंपिक में हुई थी. उस दिन महिलाओं की 50 किलोग्राम कैटेगरी में विनेश फोगाट ने पहले ही राउंड में जापान की वर्ल्ड नंबर-1 युई सुसाकी को हराकर तहलका मचा दिया था. इसके बाद विनेश ने अपना क्वार्टर फाइनल मैच भी आसानी से जीता और शाम को क्यूबा की गुजमैन लोपेज को सेमीफाइनल में हराते हुए फाइनल में जगह बनाई थी. वो ओलंपिक के फाइनल में पहुंचने वाली भारत की पहली महिला पहलवान बन गईं थी. 

इसके साथ ही उनका मेडल भी पक्का हो गया था, जो गोल्ड भी हो सकता था और कम से कम सिल्वर मेडल तो तय ही था.

फिर अगले दिन यानी 7 अगस्त को फाइनल होना था लेकिन फाइनल से पहले नियम के मुताबिक सुबह फिर से वजन नापा जाना था. यहीं पर विनेश का वजन तय 50 किलो से 100 ग्राम ज्यादा पाया गया और UWW के नियमों के मुताबिक उन्हें अयोग्य घोषित करते हुए फाइनल से बाहर कर दिया गया. UWW के नियम इतने कठोर हैं कि सिर्फ फाइनल ही नहीं, बल्कि पूरे इवेंट से ही उन्हें बाहर करते हुए उनके सारे नतीजे भी रद्द कर दिए गए और संभावित सिल्वर मेडल भी छीन लिया गया. उन्हें 12 पहलवानों में सबसे अंत में रखा गया.

विनेश की अपील और सुनवाई

इस नियम और इस नतीजे के खिलाफ ही विनेश ने 7 अगस्त की शाम को ही CAS में अपील दाखिल की. विनेश की मांग थी कि फाइनल को रोका जाए और उन्हें उनकी जगह वापस मिले, जिसे CAS ने ये कहकर ठुकरा दिया था कि वो फाइनल को नहीं रोक सकते. इसके बाद विनेश ने अपील में संशोधन करते हुए संयुक्त रूप से सिल्वर मेडल दिए जाने की मांग की. उनकी दलील है कि सिर्फ फाइनल वाले दिन उनका वजन ज्यादा था लेकिन पहले दिन तीनों मैच उन्होंने तय वजन सीमा के अंदर खेले थे. CAS ने 9 अगस्त को 3 घंटे तक इसकी सुनवाई की, जिसमें भारतीय ओलंपिक संघ भी पक्षकार बना, जबकि इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी और UWW ने भी अपने पक्ष रखे. पहले इस पर सुनवाई के बाद ही फैसला आना था लेकिन फिर 10 अगस्त को फैसला आना था लेकिन इसे 13 अगस्त के लिए टाल दिया गया था.