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विनेश फोगाट पर तीसरी बार फैसला टला,16 अगस्त को होगा ऐलान

भारत की स्टार रेसलर विनेश फोगाट की किस्मत पर फैसला एक बार फिर टल गया है. पेरिस ओलंपिक में अपने डिस्क्वालिफिकेशन के खिलाफ कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन (CAS) में अपील करने वाली विनेश फोगाट का इंतजार और बढ़ गया है.

 विनेश ने खुद को सिल्वर मेडल दिए जाने की मांग करते हुए अपील की थी, जिस पर 9 अगस्त को सुनवाई भी हुई थी और उसी शाम फैसला आने की बात की गई थी लेकिन इसे फिर 10 अगस्त तक टाल दिया गया था. 10 अगस्त को भी फैसला नहीं आया और 13 अगस्त को फैसले की तारीख तय की गई थी लेकिन अब एक बार फिर CAS ने इसे 3 दिन के लिए टाल दिया है. अब ये फैसला 16 अगस्त को रात 9.30 बजे (भारतीय समयानुसार) सुनाया जाएगा.

क्या है मामला?

पिछले करीब एक हफ्ते से देश-दुनिया की मीडिया और सोशल मीडिया पर ये मुद्दा छाया हुआ है. 

इसकी शुरुआत 6 अगस्त को पेरिस ओलंपिक में हुई थी. उस दिन महिलाओं की 50 किलोग्राम कैटेगरी में विनेश फोगाट ने पहले ही राउंड में जापान की वर्ल्ड नंबर-1 युई सुसाकी को हराकर तहलका मचा दिया था. इसके बाद विनेश ने अपना क्वार्टर फाइनल मैच भी आसानी से जीता और शाम को क्यूबा की गुजमैन लोपेज को सेमीफाइनल में हराते हुए फाइनल में जगह बनाई थी. वो ओलंपिक के फाइनल में पहुंचने वाली भारत की पहली महिला पहलवान बन गईं थी. 

इसके साथ ही उनका मेडल भी पक्का हो गया था, जो गोल्ड भी हो सकता था और कम से कम सिल्वर मेडल तो तय ही था.

फिर अगले दिन यानी 7 अगस्त को फाइनल होना था लेकिन फाइनल से पहले नियम के मुताबिक सुबह फिर से वजन नापा जाना था. यहीं पर विनेश का वजन तय 50 किलो से 100 ग्राम ज्यादा पाया गया और UWW के नियमों के मुताबिक उन्हें अयोग्य घोषित करते हुए फाइनल से बाहर कर दिया गया. UWW के नियम इतने कठोर हैं कि सिर्फ फाइनल ही नहीं, बल्कि पूरे इवेंट से ही उन्हें बाहर करते हुए उनके सारे नतीजे भी रद्द कर दिए गए और संभावित सिल्वर मेडल भी छीन लिया गया. उन्हें 12 पहलवानों में सबसे अंत में रखा गया.

विनेश की अपील और सुनवाई

इस नियम और इस नतीजे के खिलाफ ही विनेश ने 7 अगस्त की शाम को ही CAS में अपील दाखिल की. विनेश की मांग थी कि फाइनल को रोका जाए और उन्हें उनकी जगह वापस मिले, जिसे CAS ने ये कहकर ठुकरा दिया था कि वो फाइनल को नहीं रोक सकते. इसके बाद विनेश ने अपील में संशोधन करते हुए संयुक्त रूप से सिल्वर मेडल दिए जाने की मांग की. उनकी दलील है कि सिर्फ फाइनल वाले दिन उनका वजन ज्यादा था लेकिन पहले दिन तीनों मैच उन्होंने तय वजन सीमा के अंदर खेले थे. CAS ने 9 अगस्त को 3 घंटे तक इसकी सुनवाई की, जिसमें भारतीय ओलंपिक संघ भी पक्षकार बना, जबकि इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी और UWW ने भी अपने पक्ष रखे. पहले इस पर सुनवाई के बाद ही फैसला आना था लेकिन फिर 10 अगस्त को फैसला आना था लेकिन इसे 13 अगस्त के लिए टाल दिया गया था.

कल 15 अगस्त को राजधानी पटना की बदली रहेगी यातायात व्यवस्था, घर से निकलने से पहले जान ले पूरा रुट

डेस्क : कल गुरुवार 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पटना के एतिहासिक गांधी मैदान में राजकीय समारोह का आयोजन होगा। जिसमें सीएम नीतीश कुमार सहित कई वीवीआईपी शिरकत करेंगे। सुरक्षा के मद्देनजर स्वतंत्रता दिवस के दिन राजधानी पटना के यातायात व्यवस्था में बदलाव किया गया है। गांधी मैदान और आसपास की सड़कों पर आम वाहन नहीं चलेंगे। सुबह सात बजे से समारोह की समाप्ति तक कई मार्ग बंद रहेंगे।

ट्रैफिक एसपी अशोक कुमार चौधरी ने बताया कि मुख्य सड़कों पर वाहनों की पार्किंग पर भी प्रतिबंधित रहेगा। व्यावसायिक वाहनों के आवागमन पर भी रोक रहेगी। इन वाहनों को परिवर्तित मार्ग से गंतव्य के लिए भेजा जाएगा। ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के साथ ही पुलिस उनके वाहन जब्त करेगी।

यातायात पुलिस के अधिकारी ने बताया कि गांधी मैदान में मुख्यमंत्री सुबह नौ बजे तिरंगा फहराएंगे। फ्रेजर रोड पर डाकबंगला चौराहा से जेपी गोलम्बर के रास्ते मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री सहित वीवीआईपी का कारकेड गांधी मैदान में आएगा। वीवीआईपी के आवागमन में कोई बाधा उत्पन्न ना हो और सुरक्षा को लेकर 15 अगस्त की सुबह सात बजे से समारोह की समाप्ति तक गांधी मैदान और आसपास की सड़कों पर आम वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। वीवीआईपी और आपातकालीन वाहनों को छोड़कर किसी भी वाहन को न्यू डाकबंगला रोड से एसपी वर्मा रोड में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।

सिटी बसें, ऑटो और व्यावसायिक वाहन वैकल्पिक मार्ग से चलेंगे। चिरैयाटाड़ दुर्गा मंदिर के ऊपर और नीचे से गोरिया टोली की तरफ और जीपीओ गोलंबर से मालवाहक का परिचालन बुद्ध मार्ग में नहीं होगा। आर ब्लॉक गोलंबर आयकर गोलंबर की और इन वाहनों के चलने पर रोक रहेगी। नेहरू पथ पर डुमरा चौकी से भट्टाचार्या चौराहा तक व पुलिस लाइन तिराहा से व्यावसायिक वाहन पूरब गांधी मैदान की ओर नहीं जएंगे। इंजीनियरिंग कॉलेज से सिटी बसें गांधी चौराहा, मछुआटोली दरियापुर तिराहा से नाला रोड-पीरमुहानी-सीडीए बिल्डिंग गोलंबर-गोरियाटोली होते हुए पटना जंक्शन जायेंगी एवं इसी मार्ग से आ सकेंगी। सिटी की ओर से आने वाले ऑटो / ई-रिक्शा मुसल्लहपुर हाट होते हुए बारी पथ में खजांची रोड तक आएंगे।

कार्य में कोताही बरतने वाले पदाधिकारियों पर सख्त हुआ राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, 400 सीओ समेत 37 जिलों के इन पदाधिकारियों को शोकॉज नोटिस

* डेस्क : बिहार का राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग कार्य में कोताही बरतने वाले पदाधिकारियों के खिलाफ सख्ती शुरु कर दिया है। विभाग ने योजनाओं का सही तरीके से क्रियान्वयन नहीं करने वाले सीओ समेत संबंधित पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। जमीन से संबंधित दस्तावेज और अभिलेख की ऑनलाइन कॉपी मुहैया कराने को लेकर डिजिटल हस्ताक्षर करने में लापरवाही बतरने वाले 400 सीओ और 37 जिलों के जिला अभिलेखागार पदाधिकारी को विभाग ने शोकॉज किया गया है। इन्हें 15 दिनों में इसका कारण बताने का निर्देश दिया गया है। हाल ही विभागीय मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया। इसके बाद सचिव जय सिंह के स्तर से इससे संबंधित आदेश जारी किया गया है। गौरतलब है कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जमीन से संबंधित दस्तावेज या अभिलेखों की स्कैन कॉपी ऑनलाइन मुहैया कराने की योजना शुरू कर रखी है। दस्तावेजों की श्रेणी के आधार पर जिला अभिलेखागार पदाधिकारी और सीओ (अंचलाधिकारी) का डिजिटल हस्ताक्षर अनिवार्य है, तभी यह दस्तावेज वैध माना जाता है। मगर इसमें लापरवाही बरतने के मामले उजागर हुए हैं। विभागीय समीक्षा में यह बात सामने आई कि जमीन दस्तावेजों की ऑनलाइन कॉपी जारी करने से संबंधित अब तक 14 हजार 495 आवेदन आए हैं। इनमें 4 हजार 888 आवेदन डिजिटल हस्ताक्षर करके सीओ और संबंधित जिला अभिलेखागार पदाधिकारी ने जारी किए। मगर 9 हजार 408 मामले ऐसे हैं, जो 90 दिनों यानी 3 महीने से अधिक समय से लंबित पड़े हैं। इसके मद्देनजर सभी संबंधित पदाधिकारियों से कारण पूछा गया है। ऑनलाइन दस्तावेज जारी करने वाली इस योजना में सीओ समेत संबंधित पदाधिकारी के पास आवेदनों को रद्द करने का अधिकार नहीं होता है। इस कारण इनके पास ये सभी आवेदन लंबित दिख रहे हैं। पदाधिकारियों को नियमानुसार, दो से तीन दिन में इन्हें जारी कर देना होता है।
स्वतंत्रता दिवस पर गांधी मैदान के आसपास सुरक्षा का होगा पुख्ता इंतजाम, 98 मजिस्ट्रेट और एक हजार जवान रहेंगे तैनात*

डेस्क : कल गुरुवार 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस को लेकर पटना जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा को पुख्ता इंतजाम किए गए है। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर गांधी मैदान के आसपास 98 मजिस्ट्रेट और एक हजार जवान तैनात रहेंगे। आम जनता का प्रवेश गेट संख्या 4,5, 6 और 7 से होगा। इसस बाबत परेड का अंतिम पूर्वाभ्यास मंगलवार को किया गया। सुबह आठ बजे पूर्वाभ्यास शुरू हुआ। शहीद-ए- करगिल स्मृति स्थल पर माल्यार्पण करने के बाद आयुक्त कुमार रवि ने परेड के अंतिम पूर्वाभ्यास का निरीक्षण किया। कुल 20 टुकड़ियां भाग ले रही हैं। प्रमंडलीय आयुक्त ने कहा है कि सभी प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी सजग और तत्पर रहेंगे। मौके पर डीएम डॉ.चंद्रशेखर सिंह, नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर और वरीय पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा उपस्थित थे। पूरे गांधी मैदान को चार सेक्टर एवं सब-सेक्टर में बांटा गया है। इसमें अपर जिला दंडाधिकारी व पुलिस उपाधीक्षक को वरीय प्रभार में रखा गया है। गांधी मैदान एवं कारगिल स्मृति चौक में विधि-व्यवस्था के लिए कुल 60 विभिन्न स्थानों पर 98 दंडाधिकारियों की तैनाती की गई है। 4 सेक्टर दंडाधिकारी भी मुस्तैद रहेंगे। दंडाधिकारियों के साथ पुलिस पदाधिकारियों को भी तैनात किया गया है। महिला बल, लाठी बल एवं अन्य पुलिस बल भी ड्यूटी पर मुस्तैद रहेंगे। सभी प्रतिनियुक्त दण्डाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी एवं पुलिस बल 15 अगस्त को सुबह 6 बजे प्रतिनियुक्ति स्थल पर पहुंच जाएंगे। तब तक मुस्तैद रहेंगे जब तक भीड़ चली न जाए। जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि लगभग साठ हज़ार वर्ग फीट में दर्शक दीर्घा के ऊपर शेड का निर्माण हो रहा है। इससे दर्शकों को बदलते मौसम में गर्मी तथा बरसात से राहत मिलेगी। गांधी मैदान में 13 झांकियां दिखाई जाएगी। वहीं ऊंची इमारतों के ऊपर भी जवान तैनात रहेंगे। सादे लिवास में भी रहेंगे।
सीएम नीतीश कुमार ने पटना में निर्माणाधीन नए कलेक्ट्रेट भवन का किया निरीक्षण, तेजी से कार्य पूरा करने का दिया निर्देश

डेस्क : आज मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना स्थित निर्माणाधीन नए कलेक्ट्रेट भवन का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान भवन निर्माण मंत्री जयंत राज, सांसद संजय कुमार झा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव-सह-भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, पटना प्रक्षेत्र की पुलिस महानिरीक्षक गरिमा मल्लिक, पटना के जिलाधिकारी डॉ० चंद्रशेखर सिंह, पटना के वरीय पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा सहित अन्य वरीय अधिकारी मौजूद रहे।

निरीक्षण के दौरान भवन के विभिन्न खंडों की निर्माण गतिविधियों का जायजा लिया। नये समाहरणालय भवन परिसर के निरीक्षण के दौरान भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि ने मुख्यमंत्री को निर्माण कार्य की प्रगति के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। 

उन्होंने नये समाहरणालय भवन के अंतर्गत निर्माण किए जा रहे विभिन्न भागों की जानकारी देते हुये बताया कि यह नया समाहरणालय भवन काफी बेहतर ढंग से बनाया जा रहा है जो भूकंपरोधी होगा और पर्यावरण के भी अनुकूल होगा। मुख्य भवन में सभी विभागों के लिये अलग-अलग प्रवेश द्वार होंगे। समाहरणालय में बेसमेंट एवं भू-तल के अलावा पांच फ्लोर होंगे। इस परिसर में लगभग 205 ओपेन पार्किंग एवं 240 बेसमेंट पार्किंग की सुविधा होगी। सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से इस परिसर में उत्कृष्ट मानदण्डों का अनुपालन किया जा रहा है।

निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि नये समाहरणालय भवन का निर्माण कार्य तेजी से पूर्ण करें। 

नये समाहरणालय भवन में एक ही छत के नीचे जिला प्रशासन के सभी कार्यालय होंगे जिससे लोगों को काफी सहूलियत होगी और उन्हें अधिक सुगमता से सेवा प्रदान की जा सकेगी। इस समाहरणालय भवन परिसर के उत्तर में गंगा नदी और दक्षिण में गांधी मैदान होने से इसका दृश्य और भी मनोरम लगेगा। यह नया समाहरणालय भवन पर्यावरण के अनुकूल होगा और देखने में भी आकर्षक होगा। उन्होंने कहा कि नये समाहरणालय भवन की छत पर सोलर प्लेट भी लगायें।

बिहार में नही थम रहा पुल-पुलिया गिरने का सिलसिला, अब पटना के मोकामा में एक पुलिस हुआ ध्वस्त

डेस्क : बिहार में पुल-पुलियों के गिरने और ध्वस्त होने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रदेश के अंदर पिछले एक महीनों के अंदर दर्जनों पुल-पुलियों के गिरने और ध्वस्त होने की खबरें सामने आई है। अब एक ताजा मामला पटना के मोकामा से निकल कर सामने आया है। जहां पांच साल पहले बनी एक पुलिया धवस्त हो गई है। 

मोकामा के कसहा दियारा गांव में पटना और बेगूसराय जिलों को जोड़ने वाली सड़क पर स्थित पुलिया पूरी तरह ध्वस्त हो गई है। इतना ही नही इसी पुलिया से सटी एक दूसरी पुलिया भी ध्वस्त होने के कगार पर है।

ग्रामीणों की माने तो पुलिया लगभग पांच साल पहले बनाई गयी थी।पुलिया के ध्वस्त होते ही विभागीय अधिकारियों में खलबली मच गयी। घटनास्थल पर अधिकारीयों के दल द्वारा निरीक्षण करने की बातें भी सामने आ रही है लेकिन ग्रामीणों के अनुसार किसी भी बड़े अधिकारी ने आज मंगलवार दोपहर तक आकर देखना मुनासिब नहीं समझा है। 

वहीं पुलिया के ध्वस्त होने से अब लोगों को आने जाने में भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। खासकर मोकामा या बेगूसराय की ओर जाने में लोगों का मुख्य मार्ग से सम्पर्क कट गया है।

बिजली विभाग का कमाल, बीच सड़क ही गाड़ दिया बिजली का पोल

पटना : बिहार में सरकारी विभाग के अजीबो-गरीब कारनामें हमेशा सामने आते रहते है। अभी हाल ही में खेत के बीचोबीच बने पुल का मामला ठंडा भी नही हुआ है कि बिजली विभाग का कारनामा सामने आ गया है। पटना में सड़क के बीचोबीच बिजली का पोल खड़ा देने के बाद क्षेत्र में लोगो के बीच चर्चा का विषय बन गया है।

मामला दिदारगंज थाना क्षेत्र के सोनावा पंचायत के जीवनचक गांव का है। जहां सड़क बनाने के लिए चार दिन पहले काम की शुरुआत हुई। सड़क बनने से पहले ईंट की सोलिंग लगाई जा रही थी लेकिन ठीक इस बीच बिजली बिभाग का एक नया कारनामा भी देखने को मिला। जहां खेत मे बन रहे सड़क के ठीक बीचो-बीच बिजली का पोल गाड़ बिजली विभाग के कर्मी चलते बने। लेकिन अब यह पोल गांव के लोगो के लिए सिरदर्द बन गया है।

बिजली के पोल को बीच सड़क गाड़ देने से कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है। रात के समय चार चक्का गाड़ी अगर इस रास्ते से गुजरते हुए पोल से टकरा जाए तो कोई बड़ी बात नहीं है। वहीं बिजली का तार टूटकर सीधा लोगो के ऊपर गिरेगा तब हादसे की कल्पना कर सकते है।बीच सड़क रहने पर गाडियो के आवागमन में परेसानी का सामना करना पर सकता है। 

स्थानीय लोग बताते है कि जब सड़क बननी शुरू हुई थी तो उसके पहले पोल नही था, लेकिन जैसे ही सड़क बनने की रफ्तार बढ़ी बिजली विभाग वालो बीच सड़क पोल गाड़ दिया। जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।

आपको बताये चले कि यह रास्ता जीवनचक और ज्ञानचक में रहनेवाले लोगो को सीधे जोड़ती है। जहां की आबादी लगभग 3000 के आसपास है।

सुप्रीमो कोर्ट के आदेश के बाद बिहार सरकार के बड़ा फैसला, इन जातियों को एससी से हटाकर ईबीसी मे किया शामिल

डेस्क : बिहार सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए तांती, तंतवा जाति को अनुसूचित जाति (एससी) से बाहर करके इसे फिर से अति पिछड़ा वर्ग यानी ईबीसी में शामिल कर दिया है। इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा अधिसूचना जारी कर दी गई है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों इस जाति को अनुसूचित वर्ग (एससी) से बाहर करने का आदेश दिया था। जिसके बाद बिहार की नीतीश सरकार ने अधिसूचना जारी कर तांती समाज को फिर से अति पिछड़ा वर्ग यानी ईबीसी में शामिल कर दिया है। 

 

बताते चले कि साल 2015 में तांती और तंतवा जाति को ईबीसी से बाहर कर एससी में शामिल किया गया था। जिसके बाद इसके खिलाफ अदालत में याचिका दाखिल की गई थी और अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि इनको अनुसूचित जाति से बाहर करके अति पिछड़ा में रखा जाए। इसके बाद अब कोर्ट के आदेश के अनुसार बिहार सरकार ने यह निर्णय लिया है। 

राज्य सरकार द्वारा सोमवार को जारी अधिसूचना में कहा गया कि तांति और तंतवा जाति को 1 जुलाई 2015 को पान और स्वासी जाति में समायोजित किया गया था। इसके बाद तांति समाज को अनुसूचित जाति के आरक्षण का लाभ मिलने लगा। हालांकि, भीमराव अंबेडकर विचार मंच की ओर से इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई। इस मामले में सुनवाई करते हुए 15 जुलाई 2024 को शीर्ष अदालत ने नीतीश सरकार की साल 2015 वाली अधिसूचना को रद्द करने का आदेश सुनाया।

कोलकाता में डॉक्टर रेप-मर्डर केस की जांच करेगी सीबीआई, ममता की डेडलाइन से पहले हाई कोर्ट का फैसला

#cbi_investigate_kolkata_doctor_murder_case 

कलकत्ता हाई कोर्ट ने ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या मामले में सीबीआई जांच का आदेश दिया है। कोर्ट ने कोलकाता पुलिस को कल सुबह 10 बजे तक केस डायरी, सीसीटीवी फुटेज और बयानों समेत सभी दस्तावेज सीबीआई को सौंपने के लिए कहा है। कलकत्ता हाई कोर्ट का ये फैसला ऐसे समय में आया है जब राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कल ही यानी सोमवार को ही पुलिस को रविवार तक का अल्टीमेटम दिया था। बता दें कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला डॉक्टर के साथ रेप की घटना को अंजाम दिया गया था। रेप के बाद महिला डॉक्टर की हत्या भी कर दी गई थी। वहीं इस मामले को लेकर देश भर में डॉक्टरों के द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।

कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में महिला प्रशिक्षु डॉक्टर की दुष्कर्म और हत्या के मामले ने तूल पकड़ लिया है। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर और छात्रों के विरोध-प्रदर्शन के बीच इस मामले पर कलकत्ता हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। कलकत्‍ता हाईकोर्ट ने मामले का स्‍वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई की और जांच को हर हाल में बुधवार सुबह तक सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया। तीन हफ्ते बाद मामले की अगली सुनवाई होगी। पूरी जांच हाईकोर्ट की निगरानी में होगी।

इससे पहले सोमवार को मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था क‍ि पुल‍िस अगर रव‍िवार तक जांच पूरी नहीं करती है, तो मामले को सीबीआई को सौंप दिया जाएगा। पीड़‍िता के माता-पिता चाहते थे क‍ि मामले की सीबीआई जांच की जाए। दरअसल, सोमवार को जब मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी उनसे मिलने पहुंचीं थीं, तब भी उन्‍होंने इसकी मांग की थी।

कोलकाता के आरजीकर मेडकिल कॉलेज में शुक्रवार की रात इमरजेंसी ने ड्यूटी कर रही जूनियर डॉक्टर की रेप के बाद हत्या कर दी गई। मामले की जांच कर रही पुलिस ने अभी तक केवल एक आरोपी को गिरफ्तार की है। माना जा रहा है कि जिस तरह से घटना को अंजाम दिया गया है उसमें अकेला शख्स शामिल नहीं हो सकता है। ऐसे में प्रदर्शनकारी डॉक्टर बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े हैं। प्रदर्शनकारी डॉक्टरों का कहना था कि पुलिस घटना में शामिल बाकी आरोपियों को गिरफ्तार करने में अभी तक असफल रही है।

घटना के बाद सीसीटीवी में एक व्यक्ति सुबह चार बजे सेमिनार हॉल में जाता दिखा था। पुलिस को महिला के शव के पास ब्लूटूथ ईयरफोन भी मिले थे। ब्लूटूथ ईयरफोन के जरिए ही पुलिस ने अपराधी का पता लगाया। ईयरफोन संदिग्ध के फोन से कनेक्ट हो गए। इसके बाद आरोपी ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। उसके फोन में अश्लील वीडियो भी पाए गए।

अरशद नदीम के पाकिस्तान पहुंचने से पहले ही उन पर अजीबोगरीब इनामों की बौछार,जाने

पेरिस ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर अरशद नदीम इस वक्त पाकिस्तान के हीरो बन चुके हैं. पिछले कुछ दिनों में उनकी फैन फॉलोइंग में भारी उछाल देखने को मिला है. पाकिस्तान को ओलंपिक में मेडल जीते हुए 32 साल हो गए थे. वहीं गोल्ड मेडल को 40 साल बीत चुके थे. इस सूखे को अब अरशद नदीम ने खत्म किया है. जिसके बाद अरशद नदीम पर लगातार इनामों की बारिश जारी है. उनके लिए कई लोग प्राइज मनी का ऐलान कर चुके हैं. लेकिन इस सब के बीच उन्हें कुछ अजीबोगरीब इनाम भी मिल रहे हैं.

भैंस के बाद गिफ्ट में मिली ये सस्ती कार

अरशद नदीम को ससुराल वालों की तरफ से गोल्ड मेडल जीतकर लाने की खुशी में भैंस भेंट की गई है. अरशद नदीम के ससुर का कहना है कि उनके गांव में भैंस उपहार में देना बहुत मूल्यवान और सम्मानजनक माना जाता है. वहीं, अब पाकिस्तानी-अमेरिकी बिजनेसमैन अली शेखानी ने अरशद को ऑल्टो कार देने का ऐलान किया है. बता दें, ऑल्टो कार पाकिस्तान की सबसे सस्ती कारों में से एक हैं. उनकी इस ऐलान के बाद फैंस उन्हें जमकर ट्रोल कर रहे हैं. ऑल्टो कार का साइज छोटा होता है, ऐसे में फैंस का मानना है कि अरशद नदीम इस कार में फिट नहीं हो पाएंगे.

पाकिस्तानी-अमेरिकी बिजनेसमैन अली शेखानी को भारत में भी ट्रोल किया जा रहा है. एक भारतीय फैन ने अली शेखानी का मजाक उड़ाते हुए लिखा कि हमारे यहां लोग ओल्टो कार को कैब में भी बुक नहीं करते हैं. वहीं, एक फैन ने लिखा, इससे अच्छा तो महिंद्रा स्कॉर्पियो दे दो.

अभी तक मिल चुकी है करोड़ों रुपए की प्राइज मनी

नदीम के लिए अभी तक 150 मिलियन पाकिस्तानी रुपए से ज्यादा की प्राइज मनी का ऐलान हो चुका है, जो भारतीय रुपए में 4.5 करोड़ है. पाकिस्तान के पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने कुल प्राइज मनी में से 100 मिलियन पाकिस्तानी रुपए का इनाम घोषित किया है. इसके अलावा, पंजाब के गवर्नर सरदार सलीम हैदर खान ने नदीम के लिए 2 मिलियन पाकिस्तानी रुपए का ऐलान किया है. सिंध के सीएम ने भी नदीम के लिए 50 मिलियन पाकिस्तानी रुपए देने की बात कही है. नदीम को सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से भी सम्मानित किया जाएगा. इसके अलावा भी उन्हें बहुत कुछ मिलने वाला है.