*कोचिंग सेंटरों पर आग से बचाव के इंतजाम न आने-जाने की बेहतर व्यवस्था*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। दिल्ली में गत दिनों कोचिंग के बेसमेंट में पानी भरने से परीक्षा की तैयारी कर रहे तीन छात्रों की मौत हो गई। जिले में भूमिगत तो नहीं, लेकिन गली-मोहल्लों में सुरक्षा मानकों को दरकिनार कर सैकड़ों सेंटर संचालित हैं। शिक्षा विभाग में मात्र 14 कोचिंग पंजीकृत हैं जबकि 450 का संचालन हो रहा है।जिले में माध्यमिक, इंटर, स्नातक और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने के लिए करीब 450 कोचिंग संस्थान संचालित हैं। कॉलेजों के साथ ही महाविद्यालयों में पठन-पाठन बेहतर न होने से छात्र-छात्राएं कोचिंग के सहारे अपना कोर्स पूरा करते हैं। ज्ञानपुर,भदोही ,गोपीगंज, सुरियावां, अभोली समेत अन्य क्षेत्रों में खोले गए कोचिंग सेंटरों पर सुरक्षा मानक का ध्यान नहीं रखा गया है। छात्र संख्या के साथ ही आने-जाने का बेहतर इंतजाम न होने के साथ ही अग्निशमन यंत्र भी नहीं लगाए गए हैं।Street buzz News की टीम ने सोमवार को ज्ञानपुर के पुरानी देहाती, पुरानी बाजार, पटेल नगर, दुर्गागंज रोड में करीब 10 संस्थानों की पड़ताल किया। जिसमें सिर्फ तीन सेंटरों पर ही अग्निशमन यंत्र मिला। सेंटरों पर वेंटिलेशन की हालत भी ठीक नहीं मिली। एक ही कमरे में 30 से 40 की संख्या में विद्यार्थियों को बिठाकर पढ़ाया जा रहा है। गोपीगंज, भदोही समेत अन्य क्षेत्रों में भी कमोबेश यही स्थिति देखने को मिली। ई-लाइब्रेरी को लेकर कोई गाइडलाइन नहीं ज्ञानपुर। जिले के विभिन्न नगरों में हाईटेक एवं कंप्यूटरीकृत शिक्षा ग्रहण करने के लिए करीब 10 से 12 ई-लाइब्रेरी है। प्रथम, द्वितीय तल पर स्थित इन सेंटरों में एंटी और एग्जिट प्वाइंट के लिए सिर्फ एक ही दरवाजा है। यही नहीं विद्युतीकरण होने के बाद भी केंद्रों पर अग्निशमन यंत्र की व्यवस्था नहीं है। जिससे कभी शार्टसर्किट से आग लगी तो स्थिति विकट हो सकती है। शिक्षा विभाग का कहना है कि अभी तक ई-लाइब्रेरी को लेकर कोई गाइडलाइन नहीं आई है।
ये हैं कोचिंग संचालन के मानक कोचिंग का छात्र संख्या के आधार पर पंजीयन। कोचिंग पढ़ाने वाले शिक्षक प्रशिक्षित व विषय विशेषज्ञ होना चाहिए। छात्रों की संख्या के आधार पर कमरों में बैठने की व्यवस्था। सेंटर में अग्नि सुरक्षा व प्राथमिक चिकित्सा आदि की पर्याप्त व्यवस्था।
छह ब्लॉकों में कोचिंग सेंटरों की जांच के लिए प्रधानाचार्य को नामित किया गया है। एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट मांगी गई है। पंजीकरण की संख्या कम है। जांच के बाद सेंटरों को बंद कराया जाएगा। - अंशुमान, डीआईओएस
Aug 06 2024, 17:04